निवाड़ी : हत्यारे भाई को आजीवन कारावास की सजा
निवाड़ी। शासन की ओर से मामले में पैरवी कर रहे सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी एवं अपर लोक अभियोजक निवाड़ी पंकज द्विवेदी ने बताया कि बृजकिशोर तथा अभियुक्त ओमप्रकाश दोनों भाई है, दोनों का घर एक ही है और बीच में पार्टीशन है, दोनों की छत आपस में लगी हुयी है तथा अभियुक्त के घर की तरफ से छत पर जाने के लिये जीना है। अभियुक्त प्रायः छत पर चढ़कर बृजकिशोर के घर की तरफ तांक-झांक करता था, जिसे बृजकिशोर मना करता था और इसी बात को लेकर दोनों के मध्य कई बार विवाद भी हो चुका था। दिनांक 28.09.2021 को रात्रि करीब 09:30 बजे बृजकिशोर अपनी पत्नी चंदा रेकवार के साथ अपने घर के आँगन में बैठा हुआ था, बृजकिशोर की माँ कलावती घर के बाहर घासीराम केवट से बातें कर रही थी, घर के आँगन एवं घर के बाहर बल्ब जल रहा था जिससे रोशनी हो रही थी। उसी समय अभियुक्त ओमप्रकाश हाथ में ग्लास लेकर छत पर गया और मृतक के आँगन की तरफ बैठ गया, जिस पर मृतक ने अभियुक्त से कहा कि तांका झांकी क्यों कर रहा है अपनी तरफ जा, तो अभियुक्त ने बृजकिशोर से कहा कि छत उसकी है वह छत से नहीं जायेगा, अगर उसे ज्यादा परेशानी हो रही है तो वह ऊपर आ जाये ओमप्रकाश के कहने पर बृजकिशोर आँगन में बनी दीवाल से होते हुये छत पर चढ़ गया, तो ओमप्रकाश ने छत पर पड़ी लकडी उठाई और जान से मारने की नियत से बृजकिशोर को मारा, जो बृजकिशोर के चेहरे में दाहिने तरफ लगी, जिससे बृजकिशोर छत पर गिर पड़ा।
इसके ओमप्रकाश ने 3-4 प्रहार और किये, जब बृजकिशोर की पत्नि चंदा बचाने के लिये चिल्लाई तो घर के बाहर से चंदा की सास और घासीराम बृजकिशोर को छोड़ने के लिये चिल्लाये, जिस पर ओमप्रकाश तैश में आकर बृजकिशोर को और मारने लगा, जब घासीराम ऑगन में बनी दीवाल के सहारे छत पर गया तो अभियुक्त ओमप्रकाश जिस लकडी से मार रहा था उसे लेकर मकान के पीछे की तरफ खेतों में कूदकर भाग गया। बृजकिशोर को इलाज के लिये झाँसी ले जाया गया, झाँसी से ग्वालियर ले जाते समय रास्ते में बृजकिशोर की मृत्यु हो गयी। उक्त आशय की रिपोर्ट बृजकिशोर की पत्नि चंदा के द्वारा थाना निवाडी में लेख करायी गयी, जिस पर थाना निवाड़ी में अपराध क्रमांक 377/2021 का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया था, बाद विवेचना चालान माननीय न्यायालय में पेश किया गया था। अभियोजन की ओर से सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी एवं अपर लोक अभियोजक निवाड़ी पंकज द्विवेदी द्वारा न्यायालय में सभी महत्वपूर्ण साक्षियों को परीक्षित कराया गया एवं अन्य साक्ष्य प्रस्तुत किये गये। आज दिनांक 11.03.2022 को माननीय न्यायाधीश श्री ए. के. सिंह, प्रथम अपर सत्र न्यायालय निवाडी द्वारा अभियुक्त ओमप्रकाश रैकवार को दोषसिद्ध ठहराते हुये को धारा 302 भादवि में आजीवन कारावास एवं पाँच सौ रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।