Editor: Vinod Arya | 94244 37885

पार्किंग स्थलों के पास ड्रेन व डक्ट की ऊंचाई सड़क के बराबर रखें★ स्मार्ट सिटी सीईओ ने स्मार्ट रोड-2 का निरीक्षण कर निर्देश दिए

पार्किंग स्थलों के पास ड्रेन व डक्ट की ऊंचाई सड़क के बराबर रखें
★ स्मार्ट सिटी सीईओ ने स्मार्ट रोड-2 का निरीक्षण कर निर्देश दिए

सागर।  सड़क किनारे जिन स्थानों पर पार्किंग बनाई जाना है, वहाँ ड्रेन और डक्ट की ऊंचाई सड़क के बराबर रखें। ताकि नागरिक सुगमता से वाहनों को पार्किंग एरिया में ले जाकर पार्क कर सकें। ये निर्देश स्मार्ट सिटी सीईओ श्री राहुल सिंह राजपूत ने मंगलवार को स्मार्ट रोड-2 की निर्माण एजेंसी और इंजीनियर्स को दिए। वे प्रगतिरत कार्यों का निरीक्षण कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि जहाँ बड़े पार्किंग एरिया हैं, वहाँ सड़क और पार्किंग को कनेक्ट करने के लिए रास्ता लगभग 4-5 मीटर रखें, जिससे वाहनों को आसानी से लाया ले-जाया जा सके। इसके साथ ही स्मार्ट रोड से जुड़ने वाली अन्य सड़कों की बेहतर कनेक्टिविटी की व्यवस्था करें। ताकि नागरिकों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो। 
सीईओ श्री राहुल सिंह राजपूत ने निर्देश दिए कि सड़क के डामरीकरण कार्य में सफाई रखें। डामरीकरण होने के पश्चात तत्काल अतिरिक्त मटेरियल को हटाएं। उन्होंने बरिया तिगड्डा के पास बने नाले में कल्वर्ट बनाने का काम शीघ्र प्रारम्भ करने के भी निर्देश दिए।
निरीक्षण के दौरान स्मार्ट सिटी, पीएमसी और निर्माण एजेंसी के इंजीनियर्स और प्रतिनिधि मौजूद थे।
Share:

सांची दूध की शुद्धता को मिल्क पार्लरों पर कर संकेगे जांच★ साँची दूध के भी बढ़ेंगे दाम★ बुन्देलखण्ड सहकारी दुग्ध संघ सागर तीन करोड़ के मुनाफे में, साँची के प्रोडक्ट गुणवत्तापूर्ण,★बकरी का दूध भी मिलेगा

सांची दूध की शुद्धता को मिल्क पार्लरों पर कर संकेगे जांच
★ साँची दूध के भी बढ़ेंगे दाम
★ बुन्देलखण्ड सहकारी दुग्ध संघ सागर तीन करोड़ के मुनाफे में, साँची के प्रोडक्ट गुणवत्तापूर्ण,
★बकरी का दूध भी मिलेगा

सागर।  बुन्देलखण्ड  सहकारी दुग्ध संघ सागर ने पिछले पांच सालों में अच्छी प्रगति की है। इस समय तीन करोड़ के मुनाफे में है। बेहतर क्वालिटी के चलते लोगो का भरोसा अब साँची के प्रोडक्ट पर हो चला है 
सागर सम्भाग के अलावा ललितपुर, झाँसी और अशोकनगर में भी इसकी पहुचं हो गई है। दूध में शुद्धता का परीक्षण के लिए अत्याधुनिक लेब है । इसके साथ ही मिल्क पार्लरों पर दूध की शुद्धता नापने स्ट्रिप रखी जा रही है। उपभोक्ता इनका उपयोग कर सकता है। 

संघ के मुख्य कार्यपालन अधिकारी राजेश विजयवर्गीय ने बताया कि पिछले 5 साल में बुंदेलखंड दुग्ध सेवा समिति ने पर्याप्त प्रगति की है। वर्तमान में 26 स्थाई कर्मचारी अधिकारियों के भरोसे यह संयंत्र संचालित हो रहा है। लगभग 5 करोड रुपए की लागत की मशीनरी के माध्यम से यह संयंत्र शुरू हुआ था। 
आरएस कटिंग व अन्य व्यवस्थाओं के चलते इस प्लांट की कीमत 10 करोड़  हो गई है। वर्तमान में 686 समितियों के जरिये करीब 40 हजार लीटर दूध संग्रह हो रहा है। रोजाना 30000 लीटर दूध  सप्लाई करने का प्रावधान संयंत्र में है।


तीनबत्ती न्यूज़. कॉम
के फेसबुक पेज  और ट्वीटर से जुड़ने  लाईक / फॉलो करे


ट्वीटर  फॉलो करें

वेबसाईट


इसके साथ ही पेड़ा, घी,दही, लस्सी, श्री खण्ड,पनीर, बटर, छेना रबड़ी मठा आदि बाजार में उपलब्ध कराए जा रहे है। इसके लिए 65 मिल्क बूथ चलाये जा रहे है। 22 केंद्र सागर शहर में संचालित है। केंद्रों की संख्या बढ़ाई जा रही है। ग्राहकों को बकरी का दूध जबलपुर से और आईसक्रीम इंदौर से मंगाई जा रही है। 


सीईओ राजेश विजयवर्गीय बताते है कि साँची के प्रोडक्ट अन्य कम्पनियों के मुकाबले में है। गुणवत्त्ता का पूरा ध्यान रखा जाता है। मिलावट पर सख्ती है। इसके अलावा पशुपालकों को पशुओं की खुराक के लिए भी एक बेलेंस आहार मुहैया कराया जा रहा है। ताकि दुधारू पशु स्वस्थ्य रहे। इसका प्लांट भी सिरोज़ा में ही लगा हुआ है।
उन्होंने बताया कि बुन्देलखण्ड अंचल में अभी भी पैक्ड मटेरियल का प्रचलन कम है। महानगरों के मुकाबले। इस कारण बिजनेस कम है। लेकिन धीरे धीरे बाजार उठ रहा है। 
इस महीने से दूध के दाम बढ़ाये जा सकते है। अन्य कम्पनियों ने दाम बढा दिए है। 



कब्ट्रोल रूम से होता है प्लांट आपरेट

दुग्ध प्लांट के इंचार्ज हेमराज सिंह पटेल 
ने पूरे प्रणाली से अवगत कराते हुए बताया कि एक कंट्रोल रूम बना है। जहाँ से मॉनिटरिंग और प्लांट आपरेट होता है। सबसे पहले समितियों से आने वाले दूध की टेस्टिंग होती है। इसके लिए लेब बनी है। मिलावटी दूध कम ही आता है। इस अंचल में नमक और शक्कर की शिकायतें मिलती है। जिनकी खरीदी नही की जाती है। प्लांट इंचार्ज  हेमराज के अनुसार सीजन आता है तो अलग अलग प्रोडक्ट्स की खपत  बढ़ती है। डिमांड के अनुसार इनको बनाया जाता है। साँची के कई उत्पाद ब लोकपिय होने लगे है। जैसे दही, श्री खण्ड लस्सी आदि की खपत गर्मियों में बढ़ती है। उसी के मुताबिक प्लांट चलता है। जब से नकली दूध या  मिलावट की घटनाएं सामने आने से साँची की शुध्दता  के कारण साख और व्यापार बढा है। यूपी के झांसी और ललितपुर तक हमारा दूध जाता है। सागर सम्भाग के अलावा।

मिल्क पार्लरों पर स्ट्रिप से जांचे शुद्धता

प्लांट के लेबोरेट्री इंचार्ज बालसिंह गहलोत  बताते है कि लेब में दूध का परीक्षण तो होता है। यदि कहीं कोई शिकायत साँची दूध में मिलती है तो उसका पैकेट भिजवा दे । यहां परीक्षण हो जाएगा। इसके अलावा अब ग्राहक मिल्क केंद्रों पर भी दूध की शुद्धता की जांच टेस्टिंग स्ट्रिप के जरिये कर सकता है । 




        दूध के जांचने की विभिन्न स्ट्रिप

इसके लिए शहर के आठ केंद्रों पर स्ट्रिप उपलब्ध कराई गई है। इनकी कीमत 5 रुपये रखी गई है। गहलोत के अनुसार 9 तरह की मिलावट सामान्य तौर पर होती है। जिसकी टेस्टिंग स्ट्रिप आती है। इनको  मुहैया कराया गया है। 


 
Share:

SAGAR :हाथ ठेले पर बीच सड़क पर नहीं कर सकेंगे धंधा, होंगे जब्त★ऑटो और आपे यूनियन अध्यक्ष स्टॉपेज हेतु दस दिवस में देंगे चिन्हित स्थानों की सूची★ जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक संपन्न

SAGAR :हाथ ठेले पर बीच सड़क पर नहीं कर सकेंगे धंधा, होंगे जब्त
★ऑटो और आपे यूनियन अध्यक्ष स्टॉपेज हेतु दस दिवस में देंगे चिन्हित स्थानों की सूची
★ जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक संपन्न

सागर ।अब हाथ ठेला वाले मस्जिद के चारों ओर की सड़कों पर खड़े होकर व्यवसाय नहीं कर सकेंगे। ऐसा करने पर उनका सामान उनकी निर्धारित दुकान पर रखकर उनका ठेला हमेशा के लिए जप्त कर लिया जाएगा। इसके अतिरिक्त फल एवं सब्जी विक्रेताओं को भी उनकी निर्धारित आवंटित दुकानों में ही व्यवसाय करना होगा। इसके साथ ही ऑटो और आपे यूनियन अध्यक्ष स्टॉपेज हेतु दस दिवस में देंगे चिन्हित स्थानों की सूची देंगे जिससे वे निर्धारित स्थानों पर ही खड़े होंगे
एवं ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार हो सकेगा। उक्त निर्णय जिला सड़क सुरक्षा समिति की आयोजित बैठक में सांसद श्री राज बहादुर सिंह की अध्यक्षता में लिए गए।

सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में कलेक्टर श्री दीपक आर्य, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री क्षितिज सिंघल ,नगर निगम कमिश्नर श्री आर पी अहिरवार, अनुविभागीय अधिकारी एवं सिटी मजिस्ट्रेट श्रीमती सपना त्रिपाठी, श्री देवेंद्र प्रताप सिंह अनुविभागीय अधिकारी राहतगढ़, स्मार्ट सिटी के सीईओ श्री राहुल सिंह राजपूत, तहसीलदार श्री रोहित वर्मा, डीएसपी ट्राफिक श्री संजय खरे, उपायुक्त श्री राजेश सिंह राजपूत, क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी श्री प्रदीप शर्मा, अतिरिक्त परिवहन अधिकारी श्री उमाशंकर रावत, श्री सुरेंद्र सिंह गौतम, बस ऑपरेटर संघ के श्री अतुल दुबे, श्री मिश्री चंद्र गुप्ता, श्री पप्पू तिवारी, श्री नरेंद्र पाल सिंह दुग्गल, श्री परमिंदर सिंह सहित बस, ट्रक, चैंपियन, ऑटो यूनियन के पदाधिकारी एवं अधिकारी मौजूद थे।
बैठक में निर्णय लिया गया कि अब मस्जिद के चारों तरफ तीन बत्ती से मस्जिद, मस्जिद से विजय टॉकीज रोड ,मस्जिद से कीर्ति स्तंभ ,मस्जिद से राधा चौराहा सड़कों पर हाथ ठेला व्यवसायी, व्यवसाय नहीं कर सकेंगे। उनके हाथ ठेले सख्ती के साथ जप्त किए जाएंगे। इसके साथ ही हाथ ठेले पर एवं खुले  में फल , सब्जी विक्रेता भी  व्यवसाय नहीं कर सकेंगे। उन्हें उनके लिए निर्धारित किए गए स्थान पर आवंटित दुकानों में ही  व्यवसाय करने की पात्रता होगी।

बैठक में निर्णय लिया गया कि विश्वविद्यालय रोड पर बीच घाटी पर बनाए गए स्पीड ब्रेकर को भी हटाया जाएगा। बैठक में स्मार्ट सिटी के द्वारा तैयार की जा रही स्मार्ट सड़कों पर तैयार होने के पश्चात स्पीड गवर्नर भी लगाए जाएंगे जिससे दुर्घटनाएं रोकने में मदद मिलेगी।बैठक में शहर में प्रवेश कर रहे भारी वाहनों के संबंध में स्पष्ट चर्चा एवं उल्लंघन करने वाले वाहनों के विरुद्ध धारा 188 के तहत् कार्यवाही किये जाने पर सहमति बनी।

सांसद श्री सिंह ने कहा कि, एक बार पुनः सभी जगह के कैमरों को चैक कर लिया जाये एवं यह सुनिश्चित किया जाए कि जो कैमरे लगे है, वे फोटो को स्पष्ट रूप से दर्शित करने में सक्षम हैं।शहर में कार्यरत निर्माण एजेंसियां, जो अभी सड़क पर कार्य कर रही हैं उन्हें निर्माण के दौरान सुरक्षात्मक एवं निर्देशातम्क बोर्ड और सुरक्षा कर्मियों को तैनात करने के निर्देश हैं। निर्माण एजेंसी द्वारा ऐसा न करने पर पेनल्टी लगाने के निर्देश दिए गए।  

बैठक में बताया गया कि, शादी के मुहूर्त के दौरान सभी होटल मैरेज हॉल मुख्य मार्गों पर ही वाहन खड़े कराते है इनके पास पर्याप्त वाहन पार्किंग नहीं है जिसके कारण रोड पर अव्यवस्था होती है
अतः इनकी जिम्मेदारी सुनिश्चित करने के लिए शीघ्र ही स्पष्ट आदेश एवं गाइडलाइन जारी की जाएगी।सांसद श्री सिंह ने निर्देश दिए कि, मुख्य मार्गों के सभी जक्शन प्वाइंटो पर अम्बर लाइट अनिवार्य रूप से लगायी जाये, जिससे वाहन चालकों को दूर से रेड अम्बर लाईट दिख जाये और वे सजग हो जावे। यह कार्य टोल रोड़ों पर तो अनिवार्यतः पूर्ण किया जाये। इसके साथ ही जहां-जहां भी ब्लैक स्पॉट हैं वहां मुख्य मार्ग पर मिलने वाली ग्रामीण सड़क पर स्पीड ब्रेकरों का निर्माण एवं आवश्यक रूप से ब्लिंकर व प्रकाश की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
बैठक में निर्णय लिया गया कि, स्पीड लिमिट के बोर्ड शहरों में एवं शहर के बाहरी मार्गों पर लगाया जाना आवश्यक है। जक्शन प्वाइंट, भीड़भाड़ वाले चौराहों, दुर्घटना जनित क्षेत्रों के बिल्कुल नजदीक में सूचनात्मक बोर्ड न लगाकर सूचनात्मक बोर्ड ऐसे स्थानों के 100-150 मीटर पहले या फिर रोड सेफ्टी नार्म्स का पालन करते हुये लगाये जाएं।
Share:

संकल्प का कोई विकल्प नहीं होता : पद्मश्री संतोष यादव★ डॉ गौर विवि में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर आयोजन

संकल्प का कोई विकल्प नहीं होता :  पद्मश्री संतोष यादव

★ डॉ गौर विवि में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर आयोजन


सागर. 08 मार्च. अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में डॉ हरिसिंह गौर विश्विद्यालय के स्वर्ण जयंती सभागार में ‘ब्रेक द बायस’ थीम पर समारोह का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की मुख्य अतिथि प्रख्यात पर्वतारोही पद्मश्री संतोष यादव थीं. केन्द्रीय कैबिनेट मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी ने वीडियो संदेश के माध्यम से समारोह को संबोधित किया. इस अवसर पर सामाजिक कार्यकर्ता और बुंदेलखंड रत्न पुरस्कार विजेता डॉ. श्रीमती मीना पिंपलपुरे, राज्य महिला आयोग, म.प्र. की पूर्व अध्यक्ष डॉ. लता वानखेड़े, कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता, एचएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर गढ़वाल की कुलपति प्रो. अन्नपूर्णा नौटियाल, हिमाचल प्रदेश राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. निष्ठा जसवाल, गलगोटिया विश्वविद्यालय, नोएडा की कुलपति प्रो. प्रीति बजाज, ढाका विश्वविद्यालय, बंगलादेश की प्रो. हामिदा खानम ऑनलाइन-ऑफलाइन माध्यम से उपस्थित रहीं.

 

संकल्प का कोई विकल्प नहीं होता- पद्मश्री संतोष यादव

मुख्य अतिथि पद्मश्री संतोष यादव ने कहा कि मानव जीवन का उद्देश्य स्वस्थ रहना होना चाहिए. आज पूरी दुनिया कई तरह की समस्याओं से जूझ रही है. ऐसे में हमें भय और प्रेम के सत्य को जानना बहुत आवश्यक है. उन्होंने कहा कि दृढ़ संकल्प और इच्छाशक्ति का कोई विकल्प नहीं है.  बिना संकल्प के हम किसी उद्देश्य की प्राप्ति नहीं कर सकते. जीवन की समस्याएं हमें अनुभव देते हैं इससे हमारा विवेक जागृत होता है. आज पर्यावरण, वायरस, युद्ध जैसी चुनौतियाँ हमारे सामने हैं. एक महिला यदि छह ले तो दुनिया बदल सकती है. उन्होंने कहा कि मातृशक्ति से ही सृष्टि का अस्तित्व है. माँ पर बहुत जिम्मेदारी होती है. गर्भधारण से लेकर बच्चे की अच्छी परवरिश और एक राष्ट्र का जिम्मेदार नागरिक माँ ही बना सकती है. उन्होंने पंचतत्त्व से रचित शरीर की शुद्धता पर भी बल दिया.

 

राष्ट्र नवनिर्माण में महिलाओं की अग्रणी भूमिका- स्मृति ईरानी 

कार्यक्रम में केन्द्रीय कैबिनेट मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी ने वीडियो संदेश के माध्यम से संबोधित किया. उन्होंने कहा कि आज पूरे विश्व में महिलाओं के त्याग, साहस, बलिदान और संघर्ष की चर्चा की जा रही है. भारत सरकार बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ के लिए संकल्पबद्ध है. आज मुद्रा जैसी योजनाओं में महिलाओं की 70 प्रतिशत भागीदारी है स्टैंड अप योजना में उनकी भागीदारी 80 प्रतिशत है. यह इस बात के प्रमाण हैं कि देश की बेटी सशक्त हो रही है. भारत की महिलाएँ हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं और राष्ट्र के नवनिर्माण में भागीदारी कर रही हैं. शिक्षा एवं अन्य नीतियों में भी समानता और सशक्ति करण को बढ़ावा मिला है। 

 

महिलाओं को अपनी क्षमता पहचानने की आवश्यकता- मीनाताई पिम्पलापुरे

प्रसिद्ध समाजसेवी और बुंदेलखंड रत्न पुरस्कार से सम्मानित मीनाताई पिंपलापुरे ने कहा कि महिला दिवस महिलाओं के संघर्ष, बलिदान और उनके त्याग को याद करने का दिन है. उन्हीं के कारण आज महिलाओं को बराबरी का अधिकार मिला है. अभी भी दुनिया के अधिकाँश हिस्सों में यह संघर्ष जारी है. जब तक महिलाओं को बराबरी का दर्जा नहीं मिलता तब तक हम बेहतर दुनिया नहीं बना सकते है. समाज को बहुत सारे पूर्वाग्रहों को तोडना होगा. हाल के वर्षों में समाज की पुरुषवादी मानसिकता में बदलाव आया है और यह इस बात का सूचक है कि हम एक नए समाज को गढ़ रहे हैं. आज महिलाओं को अपनी क्षमताएं पहचानने की आवश्यकता है. वे हर क्षेत्र में पदार्पण कर रही हैं और वे ही एक समतामूलक समाज का निर्माण कर सकती हैं.

 

हमें पूर्वाग्रह तोड़ने ही होंगे, तभी महिलाओं की उन्नति संभव- कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहीं कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने कहा कि विभिन्न आंकड़ों से हमें पता चलता है कि महिला और पुरुष में कितना भेद है. उन्होंने कहा कि जिस तरह सफल पुरुष के पीछे महिला का योगदान होता है,  उसी तरह सफल महिला के पीछे पुरुषों का भी सहयोग होता है. एक महिला के लिए उत्कृष्ट प्रदर्शन करने की प्रक्रिया को जानना बहुत ही आवश्यक है. उन्होंने कहा कि महिलाएं कभी निर्बल नहीं रहीं. वे हमेशा से सशक्त थीं और आज भी हैं. लेकिन सशक्त महिलाओं की संख्या कम है. आज महिला साक्षरता के आंकड़े कम हैं. सबसे पहले हमें इसे बढ़ाना होगा. पूर्वाग्रहों को तोड़ने के लिए हमें अपनी क्षमता की पहचान करनी होगी. हमें सर्वश्रेष्ठ होने और करने के सपने देखना चाहिए. पिछले 4-5 दशकों में महिला शिक्षा के दृष्टिकोण को लेकर काफी बदलाव आया है. महिलाओं को हमेशा ऊंचे सपने देखने चाहिए और जो कुछ वे कर रही हैं उसे भी न्यायोचित ढंग से करना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमे अपने क्षेत्र में सफलता अवश्य मिलेगी बस हमें अंदर से प्रयास करने की आवश्यकता है। जब हर दिन महिला दिवस के रूप में मनाया जाएगा तब असल मायने में महिलाओं की उन्नति दिखाई देगी. 

 

लैंगिक असमानता महिलाओं के विकास में बाधक- प्रो. नौटियाल  

मुख्य वक्ता प्रो. अन्नपूर्णा नौटियाल ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रावधान में ऐसे बहुत से अवसर हैं जिनसे महिला सशक्तिकरण की दिशा में सुधार होगा। उन्होंने भारत में विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी का विस्तृत आंकडा प्रस्तुत किया. उन्होंने न्यायालयों में महिलाओं की कम संख्या पर चिंता व्यक्त की. उन्होंने विभिन्न आंकड़ों के माध्यम से लैंगिक समानता के मुद्दे को भी रेखांकित किया साथ ही सम्मिलित विकास की बात की जिससे महिलाएं हर क्षेत्र में ऊपर उठ सके। उन्होंने कहा कि एक महिला के पास भी उतने ही अधिकार होने चाहिए जितने पुरुष के पास हैं । उन्होंने हर क्षेत्र में महिलाओं को आगे आने के अवसर देने की वकालत की और कहा कि हमें इस तरह का वातावरण बनाना होगा जिससे महिलाएँ अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर सकें.

 

बदलाव के लिए सिर्फ क़ानून पर्याप्त नहीं, मानसिक बदलाव जरूरी- प्रो. जसवाल 

प्रो. निष्ठा जसवाल ने कहा कि जब हम पूर्वग्रहों को तोड़ने की बात करते हैं तब हमें महिला-पुरुष के आपसी प्रतिस्पर्धा को तोड़ने के बारे में भी सोचना चाहिए। आज हमें महिलाओं की शिक्षा पर ध्यान देने की ज़रूरत है। काबिलियत के बाद भी आज महिलाओं को अपने अधिकारों के लिए लड़ना पड़ता है। उन्होंने लैंगिक समानता और भेदभाव की चर्चा करते हुए कई न्यायालय केस का जिक्र किया और कहा कि कानून के द्वारा हम पूर्वाग्रह को नहीं तोड़ सकते। सिर्फ मानसिकता में बदलाव लाने से ही पूर्वाग्रहों को तोड़ा जा सकता है।

 

 

सम्मिलित प्रयासों से ही आगे बढ़ सकती हैं महिलाएँ- प्रो. हामिदा

प्रो हमीदा खानम ने कहा कि महिलाओं का विकास सिर्फ नारीवादी आंदोलन के कारण नहीं उसमें हुए सम्मिलित प्रयासों से हुआ है। कोविड के दौरान संसाधनों की कमी के चलते हुए सबसे ज्यादा महिलाओं ने संघर्ष किया। महिला स्वास्थ में मानसिक और शारीरिक स्वस्थ की बात करते हुए उन्होंने कहा कि आज महिलाओं को रिप्रोडक्टिव आजादी की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि महिला होने का सही अर्थ तभी मालूम होता है जब हम अपनी क्षमताओं की पहचान कर सकें। उन्होंने कहा कि महिला ईश्वर का खूबसूरत तोहफा है और वह हर परिस्थिति में खूबसूरत है।

 

व्याख्यान उपरान्त परिचर्चा-सत्र में आईआईएलएम विश्वविद्यालय, गुरुग्राम की कुलपति प्रो. सुजाता शाही, पुण्यश्लोक अहिल्या देवी होल्कर सोलापुर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. मृणालिनी फडणवीस, जीएच रायसोनी विश्वविद्यालय, छिंदवाड़ा (म.प्र.) की कुलपति प्रो. मीना राजेश ने अपने विचार प्रस्तुत किये. प्रो. सुजाता ने कहा कि महिलाएं सभी की प्रेरणा स्रोत हैं। उन्होंने कहा कि इतिहास में महिलाओं को सम्मान दिया गया है क्योंकि वो विज्ञान, दर्शन और उपचार में आगे थी। इतिहास गवाह है कि समय के साथ महिलाओं की स्थिति खराब हुई है। उन्होंने कहा कि जब सभी साथ में काम करते हैं तभी आर्थिक उन्नति होती है इसलिए बेहतर कल के लिए लैंगिक समानता जरूरी है इसके लिए प्रयास होने चाहिए। प्रो. मृणालिनी फडणवीस ने कहा कि सत्ता में रहने के लिए समान अवसर मिलने चाहिए। सत्ता में आने के लिए महिलाओं को कुशल नेतृत्व में आने की ज़रूरत है। वर्तमान में महिलाएं अन्य क्षेत्र में ज्यादा हैं। उन्होंने महिलाओं की आंतरिक और बाह्य शक्ति को विस्तार से समझाया. प्रो. मीना राजेश ने महिलाओं की उच्च शिक्षा के बारे में बात करते हुए कहा कि हमें निजी और व्यावसायिक दुनिया में सामंजस्य स्थापित करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि महिला  सीमित संसाधन में बेहतर काम कर सकती है और यह हर महिला की आंतरिक क्षमता होती है। उन्होंने कहा कि महिलाएं काम श्रम के फल या निष्कर्ष के बजाए काम की प्रक्रिया पर ज्यादा ध्यान देती हैं जिससे बेहतर परिणाम आते है। उन्होंने कहा कि शिक्षक व्यवसाय महिला के लिए अनुकूल है क्योंकि एक महिला ही बेहतर शिक्षक हो सकती है. 

 

कार्यक्रम की मुख्य संयोजक प्रो. जनक दुलारी आही स्वागत वक्तव्य दिया. संचालन प्रो. अनुपमा कौशिक ने किया और प्रो. निवेदिता मैत्रा ने आभार वक्तव्य दिया. कार्यक्रम के अंत में महिला दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित पोस्टर प्रतियोगिता के विजेता विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया गया। विश्वविद्यालय महिला समाज की विभिन्न गतिविधियों पर केंद्रित वृत्तचित्र का भी प्रदर्शन किया गया.

 

वजूद है..... थीम पर मूक अभिनय की प्रस्तुति

विश्वविद्यालय के सांस्कृतिक परिषद् के विद्यार्थियों ने हिन्दी विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ आशुतोष द्वारा लिखित और समन्वयक डॉ राकेश सोनी द्वारा निर्देशित  ‘वजूद है....’ थीम पर ‘मूक अभिनय’ की प्रस्तुति दी.

कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के विद्यार्थी, शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी और महिला समाज के सदस्य बड़ी संख्या में उपस्थित थे. 

Share:

खुरई की 7 दिव्यांग बहिनों ने इलेक्ट्रिक तिपहिया स्कूटी के साथ मनाया महिला दिवस

खुरई की 7 दिव्यांग बहिनों ने इलेक्ट्रिक तिपहिया स्कूटी के साथ मनाया महिला दिवस

सागर। मालथौन और खुरई क्षेत्र की सात दिव्यांग बहिनों को यह महिला दिवस उनकी उड़ान के पंख लेकर आया है। चलने फिरने में असमर्थ इन बहिनों को कहीं भी आने जाने के लिए दो दिन पहले तक अपने परिजनों या किसी और पर निर्भर रहना होता था। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने इन सभी सात बहिनों को तीन पहियों वाली इलेक्ट्रिक स्कूटी दे कर इनकी कठिन जिंदगियां सरल कर दी हैं।_

     मंत्री भूपेंद्र सिंह का मानना है कि प्रत्येक व्यक्ति को सेवा का कोई प्रकल्प हाथ में लेना चाहिए। दिव्यांगों का जीवन सुगम करने के इस प्रकल्प को श्री सिंह ने अपने निजी व्यय से आरंभ किया है। उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र में अब तक 14 ऐसी महिलाओं की पहचान की है जिन्हें विशेष रूप से दिव्यांगों के लिए बनाई गई तीन पहिये की इलेक्ट्रिक स्कूटी दी जा सकती है। इनमें से 7 बहिनों को पहले चरण में इसी हफ्ते 5 मार्च को स्कूटियां दे दी गई। प्रत्येक स्कूटी की कीमत 95 हजार रु है जिसकी तुलना इन बहिनों के जीवन में आई सुगमता से नहीं की जा सकती। 
क्षेत्र की दिव्यांग बहिनों मालथौन की पूनम नामदेव, हिरनछिपा की भारती कुशवाहा, सेवन की रजनी सिंह, ऋषभकुमार वार्ड खुरई की आजादरानी अहिरवार, कठैली की दशोदा कुर्मी, धनौरा की किरन प्रजापति और आगासिर्स की सीताबाई लोधी के घर में जब ये इलेक्ट्रिक स्कूटी पहुँची तब उनकी खुशी और उनके परिवार का संतोष देखने योग्य थे। 

      स्कूटी देते हुए नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने बिल्कुल एक भाई की तरह इन बहिनों को समझाया कि नाममात्र की बिजली के खर्च से चलने वाली इस गाड़ी पर वे अपने परिजनों को भी बैठा कर बाजार आ जा  सकती हैं, अपना बनाया या उगाया हुआ कोई सामान बाजार में बेचने के लिए ले जा सकती हैं, राशन दूकान से अपना राशन ला सकती हैं, मंदिर या दफ्तर कहीं भी आने जाने के लिए अब किसी का मुंह नहीं ताकना पड़ेगा। 

     मंत्री श्री सिंह ने इसी मौके पर खुरई के पं दीनदयाल वार्ड में 82.5 लाख की लागत से सामुदायिक भवन के साथ महिलाओं का जिम खोलने के लिए भूमि पूजन किया। साथ ही महिलाओं को गाड़ी सीखने पृथक मैदान के लिए खुरई में जगह चिन्हित करने कज निर्देश अधिकारियों को दिए। बेटियों और बहिनों को आगे बढ़ाने के लिए किस संवेदनशीलता से कार्यक्रम बनाये और क्रियान्वित किए जा सकते हैं यह उनके विधानसभा क्षेत्र खुरई में आकर देखा जा सकता है।

Share:

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस : महिला पुलिस अधिकारी कर्मचारियों को किया गया सम्मानित

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस : महिला पुलिस अधिकारी कर्मचारियों को किया गया सम्मानित

सागर।  अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस  पर पुलिस लाइन सागर प्रांगण में आयोजित गरिमामय कार्यक्रम में पुलिस महानिरीक्षक सागर जोन सागर श्री अनुराग पुलिस अधीक्षक सागर श्री तरुण नायक की उपस्थिति मैं जिला पुलिस बल के महिला अधिकारी कर्मचारियों को सम्मानित किया गया l कार्यक्रम मैं सर्व प्रथम उप पुलिस अधीक्षक अजाक श्रीमती इन्द्र प्रभा सैनी ने अपने संक्षिप्त उद्धबोधन में महिला पुलिस कर्मियों द्वारा उनको सौंपे गए सभी कार्यो को परिश्रम पूर्वक पूरा करने क आश्वासन दिया l

इसके बाद उद्बोधन देते हुए पुलिस अधीक्षक द्वारा महिला सशक्तिकरण पर जोर देते हुए मध्य प्रदेश पुलिस में कार्यरत महिला अधिकारी कर्मचारियों की सहभागिता एवं योगदान को रेखांकित किया गया एवं महिला पुलिस बल के अधिकारी एवं कर्मचारियों को हार्दिक शुभकामनाएं दी l
 गरिमामय कार्यक्रम के अध्यक्षता कर रहे  पुलिस महानिरीक्षक सागर श्री अनुराग द्वारा अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर महिला अधिकारी कर्मचारियों की उपलब्धियों को इंगित करते हुए महिला सशक्तिकरण एवं लैंगिक समानता के दृष्टिगत महिला पुलिस अधिकारी कर्मचारियों को अपने कार्यों से आम महिलाओं को प्रेरित एवं प्रोत्साहित करने के संबंध में दायित्व निर्वहन हेतु   अवगत कराया  गया l
साथ ही साथ  अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर पुलिस मुख्यालय के निर्देशानुसार महिला अधिकारी कर्मचारियों को यातायात व्यवस्था प्रबंधन एवं यातायात जागरूकता संबंधी कार्यों तथा सायबर संबंधी बढ़ रहे अपराधों की रोकथाम हेतु जन जागरूकता बढ़ाये जाने की आवश्यकता पर बल देते हुये अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर उपरोक्त कार्यो के संपादन / निर्वाहन हेतु अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सागर श्री विक्रम सिंह द्वारा बताया गया l कार्यक्रम के अंत मे श्री विक्रम सिंह द्वारा कार्यक्रम में उपस्थित अथितियों क आभार व्यक्त किया l
कार्यक्रम के दौरान जिला पुलिस बल के महिला अधिकारी कर्मचारियों के अतिरिक्त उप पुलिस अधीक्षक यातायात श्री संजय खरे , रक्षित निरीक्षक सागर श्री सुनील दीक्षित एवं  अन्य पुलिस अधिकारी / कर्मचारी उपस्थित रहे पूरे कार्यक्रम का संचालन श्री मनोज शर्मा  निरीक्षक (m)/ निज सहायक द्वारा किया गया l
Share:

बच्चियों के लैंगिक शोषण का मामला, पत्रकार प्यारे मियां एवम मो आवेश को मरते दम तक जेल ★ स्वीटी विश्वकर्मा को 20 वर्ष की दिया गया कठोर कारावास★ डॉ हेमन्त मित्तल को हुआ गर्भपात कराने के लिए 5 वर्ष का कठोर कारावास

बच्चियों के लैंगिक शोषण का मामला, पत्रकार प्यारे मियां एवम मो आवेश को मरते दम तक जेल 
★ स्वीटी विश्वकर्मा को 20 वर्ष की दिया  गया कठोर कारावास
★ डॉ हेमन्त मित्तल को  हुआ गर्भपात कराने के लिए 5 वर्ष का कठोर कारावास
                                                            भोपाल।  भोपाल जिले के की विशेष पॉक्सो  न्यायाधीश श्रीमती  कविता वर्मा के न्यायालय ने आज बहुचर्चित कांड में पत्रकार  प्यारे मियां एवम सजे मैनेजर आवेश को नाबालिग का यौन शोषण करने के लिए प्राकृतिक जीवन तक का कारावास एवम जुर्माना स्वीटी विश्वकर्मा को यौन शोषण में सहयोग एवम गर्भपात कराने 20 वर्ष का कारावास एवम जुर्माना एवम  डॉ हेमंत को गर्भपात करने के लिए 5 वर्ष का कारावास एवम जुर्माना  के दंड से दंडित किया गया ,मामले में पैरवी विशेष लोक अभियोजक श्री पी एन सिंह राजपूत द्वारा किया गया । इस बहुचर्चित मामले की सीएम शिवराज सिंह कगातार अपडेट लेते रहे है। 
जनसंपर्क अधिकारी भोपाल संभाग श्री मनोज त्रिपाठी ने बताया कि थाना कोहेफिजा द्वारा अपने थाने में दर्ज अपराध क्रमांक 444/20 अन्‍तर्गत धारा 376, 376(2)(एन) , 376(2-आई), 376(2-च), धारा 342, 506 भादवि तथा लैगिंक अपराधो से बालको का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 5(एल), 5(एन) तथा 6 के प्रकरण में मुख्‍य आरोपी प्‍यारे मिया को दिनांक 01 अगस्‍त 2020 (कुल 05) दिवस की पुलिस अभिरक्षा की मांग की गयी, जिसमें माननीय न्‍यायालय द्वारा आरोपी प्‍यारे मियां की पुलिस अभिरक्षा  दिनांक  30 जुलाई 2020 की दोपहर तक थाना कोहेुफिजा को दी गयी। 



उल्‍लेखनीय है थाना को‍हेफिजा द्वारा अपने यहां दर्ज प्रकरण के संबंध में यह बताया गया कि आरोपीगण द्वारा विगत तीन वर्षो से प्रकरण की पीडिता का यौन शोषण किया जा रहा था पीडिता द्वारा विरोध करने पर पीडिता सहित परिवारजनो को जान से मारने की धमकी आरोपीगण द्वारा दी जाती थी। आरोपी के फ्लैट पर शराब और कई आपत्तिजनक सामग्री मिली थी। छह नाबालिग बच्चियों के शोषण का मामला दर्ज हुए थे। इनमे एक कि मौत भी हो चुकी है।  कोहेफिजा द्वारा  अपराध क्रमांक 444/20 अन्‍तर्गत धारा 376, 376(2)(एन) , 376(2-आई), 376(2-च), धारा 342, 506 भादवि तथा लैगिंक अपराधो से बालको का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा  5(एल), 5(एन) तथा 6 के प्रकरण दर्ज किया गया था, पीड़ित का गर्भपात भी कराया गया था, जिस पर चिकित्सीय गर्भ समापन अधिनियम की धारा 4 एवम 5 बढ़ायी गयी थी।


Share:

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस : सशक्त हैं बुंदेलखंड की स्त्रियां★ डॉ.(सुश्री) शरद सिंह

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस : सशक्त हैं बुंदेलखंड की स्त्रियां

★ डॉ.(सुश्री) शरद सिंह


सागर । झांसी की झलकारीबाई, बंदा की राबिया बेगम के शौर्य के किस्से हम सभी बचपन से ही सुनते आए हैं। यह सच है कि जब समूचा देश परतंत्रता और अशिक्षा के भंवरजाल में फंसा हुआ था तब बुंदेलखंड की स्त्रियों के लिए यह समय और अधिक कठोर था। लेकिन देश की स्वतंत्रताप्राप्ति के बाद जिस प्रकार समूचे देश का परिदृश्य बदला, उसी तरह बुंदेलखंड की स्त्रियों की स्थिति में भी बदलाव आया ।‘‘आपका जीवन धन्य है, मैं आपका अभिनंदन करता हूं।’’ यह उद्गार थे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के जब उन्होंने सागर की श्रीबाई को उनके अदम्य साहस के लिए सम्मानित किया था। आज के असंवेदनशील हो चले वातावरण में जब पुरुष भी बलात्कारियों को ललकारने से पीछे हट जाते हैं, श्रीबाई ने यह साहस दिखाया था। 50 वर्षीय श्रीबाई ने 26 सितंबर 2020 को साहस दिखाते हुए पीड़िता को हैवानों के चंगुल से छुड़ाया था। उस समय श्रीबाई अपने खेत में काम कर रही थीं कि उन्हें एक स्त्री की मदद की पुकार सुनाई दी। उन्होंने देखा कि कुछ लोग एक स्त्री के पीछे पड़े हैं और वह स्त्री उनसे बचने के लिए मदद की पुकार कर रही है। श्रीबाई ने एक पल भी गंवाए बिना एक डंडा उठाया और उस ओरत को बचाने दौड़ पड़ीं। साथ ही उन्होंने अपने बेटे को भी आवाज़ दी जो वहीं कुछ दूरी पर काम कर रहा था। श्रीबाई ने बदमाशों को ललकारा। बदमाशों ने श्रीबाई को भी डराना चाहा लेकिन जल्दी ही वे समझ गए कि श्रीबाई डरने वाली महिला नहीं है। बदमाश घबरा कर वहां से भाग खड़े हुए। श्रीबाई ने तुरंत अपने घर से अपनी एक साड़ी मंगवाकर पीड़िता को दी। 


तीनबत्ती न्यूज़. कॉम
के फेसबुक पेज  और ट्वीटर से जुड़ने  लाईक / फॉलो करे


ट्वीटर  फॉलो करें

वेबसाईट


जिससे उसने शरीर ढंका। पीड़िता के दो बच्चे जिनमें से एक 2 साल और दूसरा 6 महीने का था, दो दिन से भूखे थे। उन्होंने अपने बेटे से दूध मंगवाकर दोनों को पिलाया। इसके बाद उन्होंने डरी-सहमी पीड़िता को रिपोर्ट लिखाने के लिए हिम्मत दी और अगले दिन खुद उसके साथ जाकर पुलिस में बयान दर्ज कराया। यह एक ऐसा उदाहरण है जो देश की हर स्त्री को न केवल ग्रामीण बुंदेली स्त्री के साहस के वर्तमान रूप से परिचित कराता है अपितु साहस का संदेश भी देता है।

छतरपुर जिले के एक छोटे से गांव गढ़ा की बेटी सविता आदिवासी ने भारतीय सेना में जाने का निश्चय किया। उसने कड़ी मेहनत की और जब वह अपनी ट्रेनिंग पूरी करके पहली बार गांव आई तो गांव वालों ने उसे सिर-आंखों पर बैठा लिया। सविता के परिवार की आर्थिक समस्या थी। परिवार का शैक्षिक सतर भी संतोषजनक नहीं था। लेकिन दृढ़-इच्छासक्ति थी सविता के मन में। उसके पिता दशरथ आदिवासी टैक्सी चलाते हैं। उनका सपना रहा था कि बेटी पढ़ लिखकर सरकारी नौकरी में जाए। जबकि सविता की इच्छा सेना में जाकर देश की सेवा करने की थी। सविता ने अपने तथा अपने पिता दोनों के सपने को पूरा किया। यह बुंदेली स्त्री का दृढ़-निश्चय था जो उसे तमाम कठिनाइयों के बावजूद अपने लक्ष्य से डिगा नहीं सका।





अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2022 की थीम ‘‘जेंडर इक्वालिटी टुडे फॉर ए सस्टेनेबल टुमारो’’ यानी एक स्थायी कल के लिए लैंगिक समानता। साथ ही इस बार महिला
दिवस का रंग पर्पल-ग्रीन और सफेद भी तय किया गया है। जिसमें पर्पल न्याय और गरिमा का प्रतीक है, जबकि हरा रंग आशा और सफेद रंग शुद्धता से जुड़ा है। लैंगिक समानता की सीढ़ी का पहला पायदान है स्त्रियों में साहस, अभिव्यक्ति क्षमता तथा कार्यक्षमता के नवीन दृष्टिकोण का विकास। पढ़ाई-लिखाई हो या व्यवसाय, खेती किसानी हो या फल-सब्ज़ी उगाना हर क्षेत्र में बुंदेलखंड की स्त्रियों अपनी श्रेष्ठ क्षमताओं का परिचय दे रही हैं। 


निःसंदेह उन्हें आगे बढ़ने में प्रदेश सरकार उनकी हर संभव सहायता करती है जिससे उन्हें पर्याप्त प्रोत्साहन मिलता है। आज सागर जिले की स्त्रियां शेयर मार्केट में भी दखल रखने लगी हैं और बखूबी संचालन करती हैं। नृत्य, संगीत, लेखन, चित्रकारी कोई भी क्षेत्र बुंदेली स्त्रियों के कौशल से अछूता नहीं है। चाहे शहर की हों या गांव की, उच्चशिक्षा प्राप्त हों या अल्पशिक्षा प्राप्त, निरंतर आगे बढ़कर वे अपनी क्षमताओं को साबित करने के लिए कटिबद्ध हैं। यह गर्व से कहा जा सकता है कि सशक्त हैं बुंदेलखंड की स्त्रियां।
Share:

Archive