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अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस : सशक्त हैं बुंदेलखंड की स्त्रियां★ डॉ.(सुश्री) शरद सिंह
सागर । झांसी की झलकारीबाई, बंदा की राबिया बेगम के शौर्य के किस्से हम सभी बचपन से ही सुनते आए हैं। यह सच है कि जब समूचा देश परतंत्रता और अशिक्षा के भंवरजाल में फंसा हुआ था तब बुंदेलखंड की स्त्रियों के लिए यह समय और अधिक कठोर था। लेकिन देश की स्वतंत्रताप्राप्ति के बाद जिस प्रकार समूचे देश का परिदृश्य बदला, उसी तरह बुंदेलखंड की स्त्रियों की स्थिति में भी बदलाव आया ।‘‘आपका जीवन धन्य है, मैं आपका अभिनंदन करता हूं।’’ यह उद्गार थे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के जब उन्होंने सागर की श्रीबाई को उनके अदम्य साहस के लिए सम्मानित किया था। आज के असंवेदनशील हो चले वातावरण में जब पुरुष भी बलात्कारियों को ललकारने से पीछे हट जाते हैं, श्रीबाई ने यह साहस दिखाया था। 50 वर्षीय श्रीबाई ने 26 सितंबर 2020 को साहस दिखाते हुए पीड़िता को हैवानों के चंगुल से छुड़ाया था। उस समय श्रीबाई अपने खेत में काम कर रही थीं कि उन्हें एक स्त्री की मदद की पुकार सुनाई दी। उन्होंने देखा कि कुछ लोग एक स्त्री के पीछे पड़े हैं और वह स्त्री उनसे बचने के लिए मदद की पुकार कर रही है। श्रीबाई ने एक पल भी गंवाए बिना एक डंडा उठाया और उस ओरत को बचाने दौड़ पड़ीं। साथ ही उन्होंने अपने बेटे को भी आवाज़ दी जो वहीं कुछ दूरी पर काम कर रहा था। श्रीबाई ने बदमाशों को ललकारा। बदमाशों ने श्रीबाई को भी डराना चाहा लेकिन जल्दी ही वे समझ गए कि श्रीबाई डरने वाली महिला नहीं है। बदमाश घबरा कर वहां से भाग खड़े हुए। श्रीबाई ने तुरंत अपने घर से अपनी एक साड़ी मंगवाकर पीड़िता को दी।
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छतरपुर जिले के एक छोटे से गांव गढ़ा की बेटी सविता आदिवासी ने भारतीय सेना में जाने का निश्चय किया। उसने कड़ी मेहनत की और जब वह अपनी ट्रेनिंग पूरी करके पहली बार गांव आई तो गांव वालों ने उसे सिर-आंखों पर बैठा लिया। सविता के परिवार की आर्थिक समस्या थी। परिवार का शैक्षिक सतर भी संतोषजनक नहीं था। लेकिन दृढ़-इच्छासक्ति थी सविता के मन में। उसके पिता दशरथ आदिवासी टैक्सी चलाते हैं। उनका सपना रहा था कि बेटी पढ़ लिखकर सरकारी नौकरी में जाए। जबकि सविता की इच्छा सेना में जाकर देश की सेवा करने की थी। सविता ने अपने तथा अपने पिता दोनों के सपने को पूरा किया। यह बुंदेली स्त्री का दृढ़-निश्चय था जो उसे तमाम कठिनाइयों के बावजूद अपने लक्ष्य से डिगा नहीं सका।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2022 की थीम ‘‘जेंडर इक्वालिटी टुडे फॉर ए सस्टेनेबल टुमारो’’ यानी एक स्थायी कल के लिए लैंगिक समानता। साथ ही इस बार महिला
इनरव्हील क्लब की डिस्ट्रिक्ट 304 की चेयरमैन प्रज्ञा पारीक ने किया सागर का दौरा
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मध्य क्षेत्रीय गुजराती बाज खेडावाल समाज की बैठक में अनेक महत्वपूर्ण निर्णय हुए
महिला दिवस: SAGAR जिले में तीन दर्जन से अधिक महिला प्रशासनिक, पुलिस अधिकारी एवं पत्रकार लिये है जनता की आवाज को उठाने का संकल्प
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राज्यपाल के अभिभाषण में है समृद्ध मध्यप्रदेश की समग्र तस्वीरः मंत्री भूपेंद्र सिंह
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अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस : एडुकासियो वर्ल्ड की फाउंडर एवं सीईओ मिस फरहीन खान को मिला भारतीय वीर नारी रक्षा पुरस्कार 2022
डॉ गौर विवि में वेस्ट जोन अंतर विवि पुरुष खो-खो प्रतियोगिता 10 मार्च से, 65 विश्वविद्यालय लेंगे हिस्सा ★ खेल से संबंध आत्मीय एवं प्रगाढ़ होते हैं- कुलपति
डॉ गौर विवि में वेस्ट जोन अंतर विवि पुरुष खो-खो प्रतियोगिता 10 मार्च से, 65 विश्वविद्यालय लेंगे हिस्सा
★ खेल से संबंध आत्मीय एवं प्रगाढ़ होते हैं- कुलपति
सागर.
07 मार्च. डॉ.
हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर में
वेस्ट जोन अंतर-विश्वविद्यालय पुरुष खो-खो प्रतियोगिता का आयोजन दिनांक 10
से
13 मार्च 2022
तक
किया जा रहा है. इस प्रतियोगिता में पश्चिम क्षेत्र की 65 विश्वविद्यालय
प्रतिभागिता करेंगे. इस अवसर पर आयोजित प्रेस-वार्ता में कुलपति प्रो. नीलिमा
गुप्ता ने संबोधित करते हुए कहा कि यह हर्ष का विषय है कि कोरोना की लम्बी अवधि के
बाद विश्वविद्यालय परिसर में खेल गतिविधि एक बड़े आयोजन के साथ शुरू हो रही है.
भारतीय विश्वविद्यालय संघ, नई दिल्ली और विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्त्वावधान में
शारीरिक शिक्षा विभाग द्वारा चार दिवसीय खो-खो (पुरुष) प्रतियोगिता का आयोजन किया
जा रहा है. खेल से संबंध आत्मीय और प्रगाढ़ होते हैं और हमारा शरीर भी स्वस्थ रहता
है, इसलिए खेल से जुड़े रहना चाहिए और प्रत्येक व्यक्ति में खेल की भावना होनी
चाहिए.
शारीरिक
शिक्षा विभाग के निदेशक प्रो. रत्नेश दास ने 10 से 13 मार्च तक चलने वाली
प्रतियोगिता के बारे में विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत की और आयोजित की जाने वाली
गतिविधियों की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि मानदंड के अनुसार निर्णायक मंडल को
भी आमंत्रित किया गया है सभी प्रतियोगी टीम के आवास-भोजन इत्यादि की व्यवस्था
विश्वविद्यालय परिसर में की गई है. कुलसचिव संतोष सोहगौरा ने सभी पत्रकार गणों का
आभार प्रकट किया.
राज्यपाल के अभिभाषण में है समृद्ध मध्यप्रदेश की समग्र तस्वीरः मंत्री भूपेंद्र सिंह
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2022 : क्या हम पूर्वाग्रह को तोड़ रहे हैं ?★ प्रो. नीलिमा गुप्ता ,कुलपति ,डॉ. गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय, सागर
पूर्व
में भी विश्वविद्यालय में हुई हैं अंतर-विश्वविद्यालय खेल प्रतियोगिताएं
प्रो. दास ने बताया कि विश्वविद्यालय खेल परिसर में वर्ष 2002 में बैडमिन्टन, 2010-11 में टेबल-टेनिस, 2011-12 में हॉकी एवं बालीवाल अंतर-विश्वविद्यालय प्रतियोगिता का आयोजन सफलतापूर्वक किया जा चुका है. इसके साथ ही 2015-16 में अंतर-विश्वविद्यालय क्रिकेट प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जा चुका है. यह प्रतियोगिता 19 दिनों तक चली. इसी क्रम में खो-खो (पुरुष) का यह आयोजन कई मायने में महत्त्वपूर्ण है.
ये
विश्वविद्यालय कर रहे हैं प्रतिभागिता
डॉ बाबासाहेब अम्बेडकर मराठवाड़ा औरंगाबाद, कवियत्री भीनाबाई सी.एन.एम.विवि.जलगांव, जेआर.एन. विश्वविद्यालय, उदयपुर. महाराजा गंगा सिंह विवि बीकानेर, राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर, राजीव गांधी प्रौदयोगिकी विवि, भोपाल, देवी अहिल्याबाई विवि इंदौर, वीरनर्मद दक्षिण गुजरात विश्वविद्यालय, आईआईएस जयपुर, स्वर्णिम गुजरात विश्वविद्यालय , एम.एस यूनिवर्सिटी बड़ौदा, एस.जी.बी. विश्वविद्यालय अमरावती, आर.टी.एम. विश्वविद्यालय नागपुर, सरदार कृषिनगर डी.ए. विवि. गुजरात, भारती विद्यापीठ विश्वविद्यालय पुणे, गोविंद गुरु आदिवासी विश्वविद्यालय बांसवाड़ा, एलएनआईपीई ग्वालियर.
श्री गोविंद गुरु यूनिवर्सिटी गुजरात, हेमचंद्रचार्य उत्तर गुजरात विश्वविद्यालय, भगवान महावीर विवि सूरत गुजरात, भक्तकवि नरसिंह विवि, गुजरात, पैसिफिक एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन यूनिवर्सिटी, डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर, सेज यूनिवर्सिटी इंदौर, राजऋषि भर्तृहरि विश्वविद्यालय अलवर, नवसारी कृषि विश्वविद्यालय, नवसारी, जूनागढ़ कृषि यूनिवर्सिटी जूनागढ़ गुजरात, गोकुल ग्लोबल यूनिवर्सिटी सिद्धपुर, गुजरात, निम्स विवि राजस्थान, जयपुर, सिंघानिया विवि झुंझुनू, राजस्थान, माधव यूनिवर्सिटी राजस्थान, श्री कौशलदास विवि, शिवाजी विवि कोल्हापुर
सावित्रीबाई फुले
विश्वविद्यालय पुणे, कच्छ विश्वविद्यालय, छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय, एम.के. भावनगर
विश्वविद्यालय, सरदार पटेल विश्वविद्यालय वल्लभनगर, आईटीएम विश्वविद्यालय ग्वालियर,
भूपाल नोबल्स विश्वविद्यालय उदयपुर, मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय उदयपुर, जयनारायण
व्यास विश्वविद्यालय जोधपुर, जीवाजी यूनिवर्सिटी ग्वालियर, पंडित डीयूएस
यूनिवर्सिटी सीकर, गुजरात टेक्नोलॉजिकल गुजरात, विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन, पुण्यश्लोक
सोलापुर विश्वविद्यालय, एम.पी.के.वी.
विश्वविद्यालय राहुरी अहमदनगर, पारुल यूनिवर्सिटी, गुजरात
एस.आर.टी.एम.विश्वविद्यालय,
नांदेड़,
कोटा विश्वविद्यालय, कादी सर्व विवि
गांधीनगर, बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय भोपाल, जगन्नाथ विवि, जयपुर, निरमा विवि अहमदाबाद, मौलाना
आजाद विवि जोधपुर, एम.डी.एस. विश्वविद्यालय अजमेर, कवि कुलगुरु कालिदास संस्कृत
विवि, सौराष्ट्र विश्वविद्यालय राजकोट, महाराजा छत्रसाल विवि छतरपुर, राष्ट्रीय
रक्षा विश्वविद्यालय गुजरात, आईआईटीई स्टेट यूनिवर्सिटी गुजरात, गुजरात विवि
अहमदाबाद, रानी दुर्गावती विवि जबलपुर, मुंबई विश्वविद्यालय, मुंबई