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अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस : एडुकासियो वर्ल्ड की फाउंडर एवं सीईओ मिस फरहीन खान को मिला भारतीय वीर नारी रक्षा पुरस्कार 2022

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस : एडुकासियो वर्ल्ड की फाउंडर एवं सीईओ मिस फरहीन खान को मिला भारतीय वीर नारी रक्षा पुरस्कार 2022
सागर । अपने दम पर कुछ करने का हुनर हो तो दुनिया भी आपको पुरुषिष्कृत करती ही है। ऐसे ही शहर का एक एक जानी मानी हस्ती और सागर, मध्य प्रदेश से एडुकासियो वर्ल्ड की फाउंडर एवं सीईओ मिस फरीन खान को। विमेंस डे के अवसर पर रक्षा दी सेवियर फाउंडेशन! एवं ग्लोबल न्यूज़ एंड गवर्नेंस की ओर से डिप्टी स्पीकर हॉल, कॉन्स्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया, रफी मार्ग, नई दिल्ली में भारतीय वीर नारी रक्षा पुरस्कार 2022 से पुरस्कृत किया गया।




जैसा कि आप मध्य प्रदेश, भारत से पुरस्कृत हैं। समारोह के साथ अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाने जा रहे हैं। कार्यक्रम में श्री एफएस कुलस्ते, केंद्रीय राज्य मंत्री, भारत सरकार और न्यायमूर्ति श्रीमती ज्ञान सुधा जी मिश्रा, भारत के सर्वोच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश और मुख्य न्यायाधीश, झारखंड उच्च न्यायालय इस विशेष अवसर के लिए मुख्य अतिथियों की उपस्थिति रही।
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डॉ गौर विवि में वेस्ट जोन अंतर विवि पुरुष खो-खो प्रतियोगिता 10 मार्च से, 65 विश्वविद्यालय लेंगे हिस्सा ★ खेल से संबंध आत्मीय एवं प्रगाढ़ होते हैं- कुलपति

डॉ गौर विवि में वेस्ट जोन अंतर विवि पुरुष खो-खो प्रतियोगिता 10 मार्च  से, 65 विश्वविद्यालय लेंगे हिस्सा

 ★ खेल से संबंध आत्मीय एवं प्रगाढ़ होते हैं- कुलपति

 

सागर. 07 मार्च. डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर में वेस्ट जोन अंतर-विश्वविद्यालय पुरुष खो-खो प्रतियोगिता का आयोजन दिनांक 10 से 13 मार्च 2022 तक किया जा रहा है. इस प्रतियोगिता में पश्चिम क्षेत्र की 65 विश्वविद्यालय प्रतिभागिता करेंगे. इस अवसर पर आयोजित प्रेस-वार्ता में कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने संबोधित करते हुए कहा कि यह हर्ष का विषय है कि कोरोना की लम्बी अवधि के बाद विश्वविद्यालय परिसर में खेल गतिविधि एक बड़े आयोजन के साथ शुरू हो रही है. भारतीय विश्वविद्यालय संघ, नई दिल्ली और विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्त्वावधान में शारीरिक शिक्षा विभाग द्वारा चार दिवसीय खो-खो (पुरुष) प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है. खेल से संबंध आत्मीय और प्रगाढ़ होते हैं और हमारा शरीर भी स्वस्थ रहता है, इसलिए खेल से जुड़े रहना चाहिए और प्रत्येक व्यक्ति में खेल की भावना होनी चाहिए. 

सागर का बढा गौरव...अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस : एडुकासियो वर्ल्ड की फाउंडर एवं सीईओ मिस फरहीन खान को मिला भारतीय वीर नारी रक्षा पुरस्कार 2022


महिला दिवस: SAGAR जिले में तीन दर्जन से अधिक महिला प्रशासनिक, पुलिस अधिकारी एवं पत्रकार लिये है जनता की आवाज को उठाने का संकल्प


शारीरिक शिक्षा विभाग के निदेशक प्रो. रत्नेश दास ने 10 से 13 मार्च तक चलने वाली प्रतियोगिता के बारे में विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत की और आयोजित की जाने वाली गतिविधियों की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि मानदंड के अनुसार निर्णायक मंडल को भी आमंत्रित किया गया है सभी प्रतियोगी टीम के आवास-भोजन इत्यादि की व्यवस्था विश्वविद्यालय परिसर में की गई है. कुलसचिव संतोष सोहगौरा ने सभी पत्रकार गणों का आभार प्रकट किया.

 राज्यपाल के अभिभाषण में है समृद्ध मध्यप्रदेश की समग्र तस्वीरः मंत्री भूपेंद्र सिंह


अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2022 : क्या हम पूर्वाग्रह को तोड़ रहे हैं ?★ प्रो. नीलिमा गुप्ता ,कुलपति ,डॉ. गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय, सागर


पूर्व में भी विश्वविद्यालय में हुई हैं अंतर-विश्वविद्यालय खेल प्रतियोगिताएं 

प्रो. दास ने बताया कि विश्वविद्यालय खेल परिसर में वर्ष 2002 में बैडमिन्टन, 2010-11 में टेबल-टेनिस, 2011-12 में हॉकी एवं बालीवाल अंतर-विश्वविद्यालय प्रतियोगिता का आयोजन सफलतापूर्वक किया जा चुका है. इसके साथ ही 2015-16 में अंतर-विश्वविद्यालय क्रिकेट प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जा चुका है. यह प्रतियोगिता 19 दिनों तक चली. इसी क्रम में खो-खो (पुरुष) का यह आयोजन कई मायने में महत्त्वपूर्ण है.   

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ये विश्वविद्यालय कर रहे हैं प्रतिभागिता

डॉ बाबासाहेब अम्बेडकर मराठवाड़ा औरंगाबाद, कवियत्री भीनाबाई सी.एन.एम.विवि.जलगांव, जेआर.एन.  विश्वविद्यालय, उदयपुर. महाराजा गंगा सिंह विवि बीकानेर, राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर, राजीव गांधी प्रौदयोगिकी विवि, भोपाल, देवी अहिल्याबाई विवि इंदौर, वीरनर्मद दक्षिण गुजरात  विश्वविद्यालय, आईआईएस जयपुर, स्वर्णिम गुजरात  विश्वविद्यालय , एम.एस यूनिवर्सिटी बड़ौदा, एस.जी.बी. विश्वविद्यालय अमरावती, आर.टी.एम.  विश्वविद्यालय  नागपुर, सरदार कृषिनगर डी.ए. विवि. गुजरात, भारती विद्यापीठ विश्वविद्यालय पुणे,  गोविंद गुरु आदिवासी विश्वविद्यालय बांसवाड़ा, एलएनआईपीई ग्वालियर.


भोपाल: बच्चियों के लैंगिक शोषण का मामला, पत्रकार प्यारे मियां एवम मो आवेश को मरते दम तक जेल ★ स्वीटी विश्वकर्मा को 20 वर्ष की दिया गया कठोर कारावास★ डॉ हेमन्त मित्तल को हुआ गर्भपात कराने के लिए 5 वर्ष का कठोर कारावास


श्री गोविंद गुरु यूनिवर्सिटी गुजरात, हेमचंद्रचार्य उत्तर गुजरात विश्वविद्यालय,  भगवान महावीर विवि सूरत गुजरात, भक्तकवि नरसिंह विवि, गुजरात, पैसिफिक एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन यूनिवर्सिटी, डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर, सेज यूनिवर्सिटी इंदौर, राजऋषि भर्तृहरि विश्वविद्यालय अलवर, नवसारी कृषि विश्वविद्यालय, नवसारी, जूनागढ़ कृषि यूनिवर्सिटी जूनागढ़ गुजरात, गोकुल ग्लोबल यूनिवर्सिटी  सिद्धपुर, गुजरात, निम्स विवि राजस्थान, जयपुर, सिंघानिया विवि झुंझुनू, राजस्थान, माधव यूनिवर्सिटी राजस्थान, श्री कौशलदास विवि, शिवाजी विवि कोल्हापुर

सावित्रीबाई फुले विश्वविद्यालय पुणे, कच्छ विश्वविद्यालय, छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय, एम.के. भावनगर विश्वविद्यालय, सरदार पटेल विश्वविद्यालय वल्लभनगर, आईटीएम विश्वविद्यालय ग्वालियर, भूपाल नोबल्स विश्वविद्यालय उदयपुर, मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय उदयपुर, जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय जोधपुर, जीवाजी यूनिवर्सिटी ग्वालियर, पंडित डीयूएस यूनिवर्सिटी सीकर, गुजरात टेक्नोलॉजिकल गुजरात, विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन, पुण्यश्लोक सोलापुर विश्वविद्यालय, एम.पी.के.वी. विश्वविद्यालय राहुरी अहमदनगर, पारुल यूनिवर्सिटी, गुजरात 

एस.आर.टी.एम.विश्वविद्यालय, नांदेड़, कोटा विश्वविद्यालय, कादी सर्व विवि गांधीनगर, बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय भोपाल,  जगन्नाथ विवि, जयपुर, निरमा विवि अहमदाबाद, मौलाना आजाद विवि जोधपुर, एम.डी.एस. विश्वविद्यालय अजमेर, कवि कुलगुरु कालिदास संस्कृत विवि, सौराष्ट्र विश्वविद्यालय राजकोट, महाराजा छत्रसाल विवि छतरपुर, राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय गुजरात, आईआईटीई स्टेट यूनिवर्सिटी गुजरात, गुजरात विवि अहमदाबाद, रानी दुर्गावती विवि जबलपुर, मुंबई विश्वविद्यालय, मुंबई 

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अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2022 : क्या हम पूर्वाग्रह को तोड़ रहे हैं ?★ प्रो. नीलिमा गुप्ता ,कुलपति ,डॉ. गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय, सागर


अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2022 : क्या हम पूर्वाग्रह को तोड़ रहे हैं ?

★ प्रो. नीलिमा गुप्ता ,कुलपति ,डॉ. गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय, सागर


दुनिया में स्त्रियों के संघर्ष, उनके मानवीय मूल्यों और आदर्शों के प्रति समर्पण को वैश्विक स्तर पर अनुकरणीय बनाने के लिए अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस प्रत्येक वर्ष 8 मार्च को मनाया जाता है । वस्तुतः यह महिलाओं के सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक और राजनीतिक उपलब्धियों का उत्स है. ऐतिहासिक सन्दर्भों में महिला दिवस को मनाने की शुरुआत औद्योगिक क्रान्ति के साथ जुडी हुई है जहां दुनिया के उद्योगों के विकास ने महिलाओं को आत्मनिर्भर और स्वतंत्र करने के बजाए नई आर्थिक संरचनाओं में जकड़ना शुरू किया. वर्ष 1911 में पहली बार ऑउस्ट्रिया, डेनमार्क, जर्मनी और स्विटजरलैंड में 19 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया। रूस ने वर्ष 1930 और 1940 के बीच 23 फरवरी को यह दिन मनाया. संयुक्त राष्ट्र ने अपना पहला आधिकारिक अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च को मनाया, जिसे सार्वभौमिक रूप से स्वीकार किया गया। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस को कुछ देशों में सार्वजनिक अवकाश घोषित कर मनाया जाता है. महिला दिवस अपने उद्विकासीय स्वरुप में जहाँ एक ओर समाज में विद्यमान विषमतामूलक, हिंसक एवं गैर-लोकतांत्रिक संरचनाओं के प्रतिरोध की वैचारिक दृढ़ोक्ति है वहीँ दूसरी ओर यह महिलाओं के द्वारा किये गए संघर्ष, उनकी उपलब्धियों और दुनिया को बेहतर बनाने में किये गये योगदान को याद करने का दिन है. 

         कुलपति:प्रो नीलिमा गुप्ता

आज दुनिया के लगभग सभी देशों में लैंगिक समानता की बात की जा रही है लेकिन राष्ट्रों द्वारा बड़ी प्रगति कर लेने के बावजूद यह विचार एक सपना ही बना हुआ है। वैश्विक आर्थिक सुधारों के बावजूद लगभग 60 प्रतिशत महिलाएँ आर्थिक रूप से कमजोर है, और आने वाले दिनों में यह स्थिति और भयावह हो सकती है । आंकड़े  बताते है कि महिला-पुरुष आमदनी में पर्याप्त विषमता है. महिलाएँ पुरुषों की तुलना में 23 प्रतिशत कम कमाती हैं. आबादी के लिहाज से देखे तो हम पाते  है कि महिलाएं दुनिया की आधी आबादी के रूप में है, वहीँ महिलाओं की राजनैतिक भागीदारी केवल 24 प्रतिशत  है ।




 यह भी दिलचस्प है कि उत्तर कोरिया में महिला साक्षरता दर 100 प्रतिशत है. पोलैंड, रूस और यूक्रेन में 99.7 प्रतिशत, इटली में 99, सर्बिया में 97.5, चीन में 95.2 और यहाँ तक कि हमारे पड़ोसी छोटे देश श्रीलंका में यह 91.0 प्रतिशत है, जबकि भारत में यह 65.8 प्रतिशत है। कुछ पड़ोसी देशों में महिला साक्षरता दर और भी कम है जैसे-पाकिस्तान में 46.5, अफगानिस्तान में 29.8, चाड में 14 और नाइजर में 11 प्रतिशत महिला साक्षरता दर  है. इसी तरह महिला श्रम शक्ति भागीदारी दर नेपाल में 81.4, वियतनाम में 72.73, सिंगापुर में 61.97, यूके में  58.09, यूएसए में 56.76, सर्बिया में 47.92 प्रतिशत है, जबकि ग्रामीण आधारित देश होते हुए भारत में यह दर केवल 20.7 प्रतिशत है। इसलिए अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस, भारत में महिलाओं की स्थिति को ऊपर उठाने के लिए जागरूकता, प्रयास और श्रम प्रेरणा का आह्वान करता है।

            अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस-2022 का ध्येय वाक्य  'ब्रेक द बायस' है अर्थात पूर्वाग्रहों को तोड़ना । हम सभी यह  जानते है कि  समाज में व्याप्त पूर्वाग्रहों को तोड़े बगैर एक समतामूलक, समावेशी और न्यायसंगत समाज का निर्माण नहीं हो सकता है . इसके लिए हम एक पूर्वाग्रह, रूढ़िवादिता और भेदभाव से मुक्त दुनिया की कल्पना करना चाहते हैं, जहाँ समानता एक जीवन मूल्य के रूप में समाज को निर्देशित करे.  ऐसी दुनिया  लैंगिक समानता की दुनिया होगी. हम साथ मिलकर महिलाओं की समानता का निर्माण कर सकते हैं और सामूहिक रूप से पक्षपात को दूर कर सकते हैं। आज का परिदृश्य बताता है कि हम सभी अपने विचारों और कार्यों के लिए जिम्मेदार हैं। हमें अपने समुदायों, अपने कार्यस्थलों, अपने विश्वविद्यालयों, कॉलेजों और स्कूलों में पूर्वाग्रहों को तोड़ना होगा। आइए हम इस पूर्वाग्रह को इस अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर और उसके बाद भी तोड़ने का संकल्प लें। पूर्वाग्रह अचेतन हो या जानबूझकर, इससे महिलाओं के लिए आगे बढ़ना मुश्किल हो जाता है। पूर्वाग्रहों की मौजूदगी को केवल महसूस कर लेना ही पर्याप्त नहीं है. प्रत्येक अवसर पर हमें लैंगिक पूर्वाग्रह, भेदभाव और रूढ़िबद्धता को तोड़ने के लिए कार्रवाई करने की आवश्यकता है । इस वर्ष ‘ब्रेक द बायस’ पूर्वाग्रह को दूर करने, रूढ़िवादिता को तोड़ने, असमानता और भेदभाव को समाप्त करने की प्रतिबद्धता दिखाने के लिए प्रतीक रूपक है। समाज में बदलाव लाने के लिए हमें चुनौतियों को स्वीकार करना होगा  और महिलाओं की उपलब्धियों को महत्त्व देने के लिए कदम उठाने होंगे. महिलाओं की समानता के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए लैंगिक समानता की पैरवी करनी होगी और महिला केंद्रित विकास के लिए भी आवश्यक कदम उठाने होंगे.



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            गौरतलब है कि कोविड-19 के दौरान वैश्विक स्वास्थ्य देखभाल कार्यकर्ता के रूप में लगभग 70 प्रतिशत की भागीदारी महिलाओं ने ही निभाई है । आज महिलाएँ अपनी सूझबूझ से सभी चुनौतियों, जिम्मेदारियों आदि का सामना कर रही हैं। आज आवश्यकता इस बात कि है कि हम स्वीकार करें कि  महिलाएँ प्रतिभाशाली हैं, वे उपलब्धियाँ हासिल कर सकती हैं, और  वे जीवन के सभी क्षेत्रों में सफल हो सकती हैं. यह तब ही संभव होगा जब वह अपने को पुरुषों से कमतर न आंकें. उन्हें यह समझना होगा कि वे किसी भी तरह से पुरुषों  से कम नहीं है वे अपने अधिकारों के संतुलन तथा समानता, निष्पक्षता के लिए कार्य कर सकती हैं । जो महिलाएँ आगे बढ़ने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं उनके समान कोई ताकतवर नहीं है ।




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 अगर हम इतिहास पर नजर डालें तो कई महिलाओं ने विभिन्न क्षेत्रों में सम्मान हासिल किया है । मैरी क्यूरी को 1903 में भौतिकी के लिए और 1911 में रसायन विज्ञान में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। उनकी बेटी आइरीन क्यूरी को भी 1935 में रसायन विज्ञान में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था । मदर टेरेसा को नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया. सरोजिनी नायडू जो भारतीय स्वतंत्रता सेनानी रहीं और उन्होंने महात्मा गाँधी के साथ मिलकर काम किया और भारत कोकिला के नाम से विख्यात थीं, उन्हें भारत रत्न जैसे सम्मान से नवाजा गया. भारतीय स्त्रियों की साहस गाथा बहुत लंबी है. झाँसी को बचाने के लिए रानी लक्ष्मीबाई ने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी। पुनीता अरोड़ा भारतीय सेना की पहली महिला लेफ्टिनेंट जनरल बनीं. श्रीमती प्रतिभा पाटिल को प्रथम भारतीय महिला राष्ट्रपति होने का गौरव प्राप्त है. शकुंतला देवी का नाम उनकी गणितीय उत्कृष्टता के लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल किया गया था। श्रीमती किरण बेदी पहली महिला आईपीएस अधिकारी के रूप में सुविख्यात हैं. अंतरिक्ष में जाने वाली पहली महिला कल्पना चावला भारतीय मूल की ही थीं. दो बार माउंट एवरेस्ट फतह करने वाली दुनिया की पहली महिला संतोष यादव ने देश का नाम ऊंचा किया. राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार प्राप्त करने वाली पहली भारतीय महिला मुक्केबाज मैरी कॉम हैं। अरून्धती भट्टाचार्य स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की पहली महिला चेयरमैन बनी। आज भारतीय महिलाओं ने व्यवसाय के क्षेत्र में भी अपना परचम लहराया है. इसमें विशेष रूप से बायोकान की चेयरमैन किरन मजूमदार शॉ, अमेज़ोन  की बोर्ड मेम्बर इन्दिरा नूई और हाल ही में शेयर मार्केट में तहलका मचाने वाली नाइका की संस्थापक अध्यक्ष फाल्गुनी नायर के नाम उल्लेखनीय हैं ।
निस्संदेह इन सभी महिलाओं ने सफलता की पराकाष्ठा तक पहुँचने के लिए पूर्वाग्रहों को तोड़ा है लेकिन इस तरह की यात्रा को अधिक से अधिक महिलाओं को तय करना होगा । वस्तुत: अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस जागरूकता का दिन है, प्रतिबद्धता का दिन है, भेदभाव को अस्वीकार करने और महिलाओं को एक समान क्षेत्र में लाने के लिए असमानता को दूर करने का दिन है, जहाँ प्रत्येक महिला सम्मानित, आत्मविश्वासी और आत्मनिर्भर बन सके। इस अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर आइए हम महिलाओं की गरिमा को बनाए रखने का संकल्प लें. वे हमारे देश की शक्ति हैं और देश की अर्थव्यवस्था को ऊपर उठाने में भी समान रूप से सक्षम हैं। मातृशक्ति के सशक्तिकरण से ही राष्ट्र की आत्मनिर्भरता और विश्वगुरु की पुनर्प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त हो सकेगा.
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SAGAR : अफीम की अवैध खेती , ढाई सौ किलो पेड़ जब्त, दो गिरफ्तार

SAGAR : अफीम की अवैध खेती , ढाई सौ किलो पेड़ जब्त, दो गिरफ्तार
सागर। सागर जिले की रहली पुलिस ने दो खेतो में अफीम की अवैध खेती को पकड़ा है। पुलिस ने इन खेतों मे लगे 252 किलो वजनी कुल 2706 अफीम के पेड जब्त किए है। दो लोगो को गिरफ्तार भी किया है। इसकी कीमत दो लाख रुपये आंकी गई है।  
प्रेस नोट के अनुसार पुलिस अधीक्षक  तरूण नायक द्वारा चलाये जा रहे अवैध जुआ सट्टा ,शराब ,मादक पदार्थ, हथियारों के विरूद्ध चलाये जा रहे विशेष अभियान के तहत संपूर्ण जिले मे लगातार कार्यवाहीजारी है । इसी तारतम्य में थाना रहली पुलिस को मुखबिर द्वारा सूचना प्राप्त हुई कि ग्राम पटना बुजुर्ग ढिकुआ हार में प्रभुदयाल कुर्मी के खेत मे अवैध रूप से अफीम के पेड लगे है ।सूचना प्राप्त होने पर तत्काल वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित कर बताये स्थान पर पहुंचकर रेड किया। 



जहां नर्मदा कुर्मी व नंदकिशोर कुर्मी के खेतों मे जाकर देखा जिनमे आजू बाजू मादक पदार्थ अफीम के छोटे बडे काफी पेड लेंगे मिले जिन्हे उखडकर वजन किया गया। जो कुल 252 किलों कीमत करीब 2 लाख रू के मिले। जिन्हे विधिवत कार्यवाही कर जप्त किया जाकर आरोपियो के खिलाफ धारा 8,18 स्वापक औषधि और मन: प्रभावी पदार्थ अधिनियम 1985 के तहत प्रकरण कायम कर विवेचना मे लिया गया।
उक्त कार्य थाना प्रभारी रहली निरी0 रोहित मिश्रा, उनि गोपाल चौधरी, उनि संजय बघेल, सउनि बाबू सिंह, प्रआर दिनेश गौतम, आर0 संजय जाट, रवि कुर्मी, सतेन्द्र निगम द्वारा सराहनीय रहा है।

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समाजवादी चिंतक रघु ठाकुर की पुस्तक " कोरोना काल " के तीसरे संस्करण का विमोचन हुआ★ पूर्व सीएम कमलनाथ ,दिग्विजय सिंह पत्रकार गिरिजा शंकर , विजयदत्त श्री धर व जयंत तोमर ने की किताब पर चर्चा

समाजवादी चिंतक रघु ठाकुर की पुस्तक " कोरोना काल " के तीसरे संस्करण का विमोचन हुआ
★ पूर्व सीएम कमलनाथ,दिग्विजय सिंह पत्रकार गिरिजा शंकर , विजयदत्त श्री धर व जयंत तोमर ने की किताब पर चर्चा

भोपाल । समाजवादी चिंतक श्री रघु ठाकुर जी की पुस्तक कोरोना काल के तीसरे संशोधित संस्करण का विमोचन कार्यक्रम सोमवार को स्टेट म्यूजियम श्यामला हिल्स के सभागार में संपन्न हुआ। कार्यक्रम में पुस्तक पर चर्चा के लिए पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष श्री कमलनाथ जी, पूर्व मुख्यमंत्री श्री दिग्विजय सिंह जी, पत्रकार श्री गिरिजा शंकर जी, माधव सप्रे संग्रहालय भोपाल के निदेशक श्री विजयदत्त श्रीधर जी, शिक्षाविद् जयंत तोमर जी उपस्थित रहे।
आयोजित कार्यक्रम में अतिथियों ने दीप प्रज्वलन किया। शिक्षाविद् जयंत सिंह तोमर ने पुस्तक कोरोना काल के तीसरे संशोधित संस्करण का परिचय देते हुए कहा कि पहले जब विचारकों को सत्ता या अंग्रेजों के विरोध में जेल जाना पड़ता था, तो वहां वे पुस्तक लिखते थे। ऐसा ही रघुजी ने कोरोना काल में किया। उन्होंने कोरोना काल के समय का उपयोग किताब लिखकर किया। इस किताब में उन्होंने विदेशनीति, अर्थनीति सामान्य जन की पीड़ा सबको दृष्टिगत रखते हुए लिखा। हम कह सकते हैं कि रघु जी की यह पुस्तक कोरोना काल की परिस्थितियों का नीर-क्षीर विवेचन है। 

कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार गिरिजा शंकर ने कहा कि रघु भाई वन मैन आर्मी हैं जो अकेले ही विपक्ष की भमिका निभाते रहे हैं। रघु भाई राजनैतिक चेतना लाने का काम भी कर रहे हैं। आइंस्टाइन ने गांधी जी के बारे में कहा था कि यह कहना मुश्किल है कि हाड़-मांस से बना यह व्यक्ति क्या-क्या चमत्कार दिखा सकता है, यह बात रघु ठाकुर जी के लिए भी सटीक बैठती है। 
नेता प्रतिपक्ष कमल नाथ ने कहा कि रघु जी को जन सेवक के तौर पर जाना जाता है लेकिन उनकी कोरोनाकाल पुस्तक के प्रकाशन के बाद खुद कमल नाथ और रघु जी को जानने वाले दूसरे लोग उनके कवि व लेखक रूप से परिचित हुए हैं। कमल नाथ ने कहा कि उन्होंने इंदिरा गांधी का दौर भी देखा और राजीव गांधी को 415 सीटों पर जीतकर सरकार बनाते भी देखा। इसके बाद से राजनीति में जो गिरावट का दौर आया उसे भी वे देख रहे हैं। इस दौर में रघु जी आज भी अपनी बात बिना डरे कहते हैं। उन्होंने कहा कि कोविड काल में कोरोना के प्रभावों को दबाया गया, उसके परिणामों को छिपाया गया। लेकिन इससे कोविड कम नहीं हुआ। कोरोनाकाल पुस्तक इन हालातों की हकीकत बयान करने वाली पुस्तक है। 


पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि रघु जी की पुस्तक कोरोना काल इस बात का प्रमाण है कि डाॅ. रामनोहर लोहिया का अगर कोई शिष्य भारत में बचा है तो वह केवल रघु ठाकुर जी ही हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ज्यादातर सत्ता में ही रही, इसलिए कांग्रेस विपक्ष की राजनीति में भलमनसाहत से काम लेती है। उन्होंने कहा कि अगर विपक्ष की भूमिका सीखनी है तो डाॅ. लोहिया और उनके शिष्य रघुजी से इसे सीखा जा सकता है। 

*

सप्रे संग्रहालय के निदेशक श्री विजय दत्त श्रीधर ने कहा कि रघु जी ऐसे नेता हैं जो चुनाव जीतने के लिए नहीं लड़ते, बल्कि जनता से अपनी बात कहने के लिए चुनाव लड़ते और लड़ाते हैं। वे राजनेता ही नहीं बल्कि एक स्तंभकार हैं और अपना अखबार भी निकालते हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना समस्या है, इसका इलाज नहीं है। इसे विज्ञान कहा जा सकता है। लेकिन कोरोना का इलाज नहीं है फिर भी अस्पताल लाखों का बिल बना रहे हैं, यह कला के सिवा और कुछ नहीं है। 

आखिर में रघु ठाकुर जी ने पुस्तक से जुड़ा अपना अनुभव व्यक्त करते हुए कहा कि कोरोना महामारी जब आई तो न तो उसकी सूचना लोगों को समय पर मिली और नहीं उससे निबटने की तैयारी समय से हो सकी। उन्होंने कहा कि इस पर शोध होना चाहिए कि आखिर कैसे यह संभव हुआ कि कोरोना काल में गरीब की जेब से 2 हजार रूपए निकाल लिए गए और पूंजीपतियों की झोली में 43 लाख करोड़ रूपए मुनाफे के तौर पर आ गिरे। उन्होंने कहा कि सरकार ने कोरोना काल में लोगों से बहुत कुछ छिपाया। इस बात की जांच होनी चाहिए कि कोरोना कोई बीमारी है या फिर काॅर्पोरेट जगत का किया गया कोई लाभ कमाने वाला षडयंत्र है। उन्होंने कहा कि ये कैसी सरकार थी जिसने वैक्सीन बनाने वाली कंपनी से यह अनुबंध किया कि वह जो वैक्सीन बनाएंगे उसकी 50 प्रतिशत बाहर भेज दी जाएगी। 


कार्यक्रम के आखिर में रघु ठाकुर जी ने पुस्तक में प्रकाशित अपनी कविता "नहीं चाहिए अच्छे दिन" का पाठ किया। कार्यक्रम के आखिर में श्री सुनील जैन जी ने धन्यावद ज्ञापन किया। इस अवसर पर  पूर्व मंत्री पीसी शर्मा,  रामेश्वर नीखरा,प्रदेश भर के प्रमुख विद्वान, शिक्षाविद् साहित्यकार और राजनेता कार्यक्रम में मौजदू रहे।
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SAGAR: पान की दुकान चलाने वाले के नाम नकली पेन कार्ड बनवा कर की धोखाधड़ी★पीड़ित ने एसपी को ज्ञापन देकर की जांच की मांग

SAGAR: पान की दुकान चलाने वाले के नाम नकली पेन कार्ड बनवा कर की धोखाधड़ी
★पीड़ित ने एसपी को ज्ञापन देकर की जांच की मांग

सागर।परकोटा तीनवत्ती निवासी कमलेष अग्रवाल ने गत दिवस सागर पुलिस
अधीक्षक को ज्ञापन देकर अपने साथ हुई धोखाधड़ी की शिकायत करते हुये मामले की उचित जांच कर दोषी लोगों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है। एस पी को दिये ज्ञापन मे कमलेश अग्रवाल ने बताया कि मेरा पेन कार्ड नं. Bnfpa8025c है। में तीनबत्ती पर पान की दुकान संचालित करता हूं।किसी अन्य व्यक्ति ने मेरे नाम से एक और पेन कार्ड नं. ।व्ज्ञच्।3738भ् बनबाया हुआ है। आयकर अधिकारी सागर ने इस पेन कार्ड पर आयकर 52820रू शास्ति 18790रू निकाली है। यह आयकर वसूली मेरे मूल पेन कार्ड. Bnfpa8025c  से कर रहे है। आयकर विभाग के ज्वाइंट कमिष्नर कोे मैने लिखित षिकायत की है। उन्होने इस मामले की जांच इन्कम टेक्स आफीसर सागर को दी थी।




किन्तु उन्होने इस धोखाधड़ी मामले की उचित जांच नहीं की और आयकर वसूलने
हेतु मेरा बैंक खाता फीज कर दिया था। अग्रवाल ने बताया कि चेन्नई में मेरे नाम से किसने बैंक खाता खोला उसका पता बैंक रिकार्ड में क्या है। किसने उस खाते पैसे जमा किये किसने क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल कर रूपय निकाले। इन बिंदुओं कि जांच होनी चाहिये। साथ ही चेन्नई में खाता खोलते समय गवाह में किसने हस्ताक्षर किये खाता धारक का पता और पैसे जमा करने और निकालने कि भी जांच होनी चाहिये आयकर अधिकारी सागर धारा 131 व 133 की शक्ति उपल्वध होते हुये भी जांच क्यो नही करारहे है। वंहा से खाता धारक का बैंक स्टेटमेंट क्यों नही बुलाया गया। अग्रवाल ने इस मामले में पुलिस अधीक्षक से आग्रह किया है। कि वे चेन्नई के बैंक से संबंधित खातेदार की विस्त्रित जांच करा कर दस्तावेज सामने लाये तो इस धोखाधड़ी का खुलासा हो जायगा।

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घर चलो घर-घर चलो अभियान के तहत कांग्रेसी पहुंचे जन सामान्य के द्वार


घर चलो घर-घर चलो अभियान के तहत कांग्रेसी पहुंचे जन सामान्य के द्वार


सागर। जिला शहर कांग्रेस के ब्लाक क्रं. 3 में मंहगाई,बेरोजगारी, भष्टाचार,महिला-सुरक्षा,कानून व्यवस्था जैसे मुद्दों को लेकर कांग्रेस जन रानीपुरा काकागंज,पुरव्याऊ वार्ड के सामान्य जनमानस के घर-घर पहुंचकर लोगो को जागृत किया। कार्यक्रम का समापन गणेश मंदिर पर हुआ।कार्यक्रम ब्लाक क्रं 3 के अध्यक्ष ओंकार साहू, कार्यकारी अध्यक्ष गोवर्धन रैकवार,द्वारका चौधरी,के नेतृत्व मे आयोजित किया गया।
इस अवसर पर सदस्यता अभियान और घर-घर चलो अभियान के सागर के सह-प्रभारी वीरेंद्र दवे विशेष रूप से उपस्थित रहे।
कार्यकारी अध्यक्ष जिला गोवर्धन रैकवार ने कहा कि स्मार्ट सिटी के नाम पर नगर निगम और प्रशासन द्वारा  विकास के नाम पर भ्रष्टाचार और अव्यवस्था चरम पर है हम सब मिलकर एक बार फिर खडे हो और इस जंगलराज को उखाड फेकें।
सेवादल अध्यक्ष सिंटू कटारे,युकां अध्यक्ष राहुल चौबे,दिनेश पटेरिया,जमना चौधरी,योगराज कोरी,शैलेष,नरेश वाल्मीकि,गोलू,श्रीदास रैकवार,संजय रैकवार,दीपक,धीरज ,आनंद, पुष्पा रैकवार,उमा चौरसिया,कुसुम विश्वकर्मा,शेखर विश्वकर्मा,मीरा अहिरवार,लीला अहिरवार,गेंदा,चंदा विश्वकर्मा आदि उपस्थित रहे।

शिवाजी नगर और मधुकरशाह वार्दमे चला अभियान

सिविल लाइन ब्लॉक के शिवाजी नगर तथा मधुकर शाह वार्ड के घरों में दस्तक दी। ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष शरद पुरोहित द्वारा घर चलो घर-घर चलो अभियान के दौरान क्षेत्रीय जनता ने स्मार्ट सिटी द्वारा पिछले 1 साल से तहसीली से तिली चौराहा की मुख्य सड़क बनाने के नाम पर  की जा रही लेटलतीफी और भ्रष्टाचार पर जमकर गुस्सा उगला। क्षेत्रवासियों ने कहा कि सीवर लाइन और पानी की लाइन बिछाने के बाद सभी गलियां ऊबड़ खाबड़ गड्ढों और धूल में बदल गई हैं जिससे अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कांग्रेसजनो ने लोगों की पीड़ा को समझते हुए भाजपा सरकार से उनकी लड़ाई लड़ने का भरोसा जताया और जनता से भी सरकार में बैठी भाजपा को सबक सिखाने का आह्वान किया।
 शहर अध्यक्ष रेखा चौधरी और सह प्रभारी वीरेंद्र दवे ,प्रवक्ता संदीप सबलोक की मौजूदगी में अभियान चला । सिविल लाइन ब्लाक के अंतर्गत शिवाजी नगर तथा मधुकर शाह वार्ड में किए गए घर चलो घर-घर चलो अभियान में प्रमुख रूप से क्षेत्रीय कांग्रेसजनों में बलराम पांडे महेश तिवारी संदीप सोनी महेश अहिरवार मनोज पांडे महेश अहिरवार सुनील भदौरिया तेजसिंह सोनू शांतनु प्रजापति मोतीलाल अहिरवार बाबा भगवानदास अहिरवार पप्पू हैरवान मानसिंह अहिरवार संजू के साथ ही मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष त्रिलोकीनाथ कटारे कार्यकारी अध्यक्ष पुरुषोत्तम मुन्ना चौबे प्रदेश प्रवक्ता डॉ संदीप सबलोक ब्लॉक अध्यक्ष शरद पुरोहित दीनदयाल तिवारी रजिया खान महजबीन अली रंजना झा धर्मेंद्र चौधरी आशीष ज्योतिषी अलीम खान सचिव रमेश पटेल लीलाधर सूर्यवंशी उत्तमराव तायडे वीरेंद्र राजे रामकिशन बंसल मयंक पटेल जितेंद्र सिंह चावला सिंटू कटारे राहुल चौबे गोवर्धन रैकवार  इम्तियाज हुसैन श्रीदास रैकवार संजय रैकवार अंकुर यादव वीरेंद्र महावते  मार्शल खान कुंजीलाल बृजेंद्र नगरिया शुभम उपाध्याय सुनील पावा हेमराज रजक रविशंकर केसरी दीपक राजोरिया समेंत बड़ी संख्या में पदाधिकारी कार्यकर्ता और स्थानीय लोग शामिल हुए।
               
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मालथौन में नवीन न्यायालय भवन का निर्माण कार्य शीघ्र आरंभ होगा★ खुरई एवं मालथौन को 7.18 करोड़ लागत के विकास कार्यों प्रशासकीय स्वीकृति

मालथौन में नवीन न्यायालय भवन का निर्माण कार्य शीघ्र आरंभ होगा
★ खुरई एवं मालथौन को 7.18 करोड़ लागत के विकास कार्यों प्रशासकीय स्वीकृति

सागर।नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने मालथौन तहसील में 9 करोड़ 18 लाख रुपए की लागत से बनने वाले नवीन न्यायालय भवन के निर्माण कार्य को शीघ्र आरंभ करने के निर्देश दिए हैं। यह निर्माण कार्य भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की अनुमति के अभाव में गत डेढ़ वर्ष से लंबित था।
 मालथौन तहसील में सुविधाओं से लैस नवीन न्यायालय भवन वर्तमान भवन के बगल में स्थित भूमि में बनाया जा रहा है। तत्कालीन गृह एवं परिवहन मंत्री भूपेंद्र सिंह के निर्देश पर मप्र शासन के विधि एवं विधायी कार्य विभाग के सचिव के द्वारा मालथौन में नवीन न्यायालय भवन के निर्माण की प्रशासकीय स्वीकृति दि 9 फरवरी, 2018 को दी गई थी।

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खुरई एवं मालथौन को 7.18 करोड़ लागत के विकास कार्यों प्रशासकीय स्वीकृति

स्टाॅर्म वाटर ड्रेन निर्माण, बांदरी और मालथौन में पेयजल परिवहन हेतु 7.71 लाख की वित्तीय स्वीकृति मिली

 मध्यप्रदेश शासन के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह के निर्देश पर खुरई में स्टाॅर्म वाटर डेªन निर्माण हेतु 6.20 करोड़ तथा मालथौन में नाला निर्माण हेतु 90.78 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है। बांदरी और मालथौन में पेयजल परिवहन हेतु कुल 7.71 लाख रूपए की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गई है।
मंत्री भूपेन्द्र सिंह के निर्देश पर नगरीय प्रशासन एवं विकास संचालनालय ने स्टेट डिसास्टर मिटीगेशन फंड मद से आपदाओं के नियंत्रण के लिए प्रस्तुत कार्ययोजना पर खुरई नगर पालिका क्षेत्र में स्टाॅर्म वाटर ड्रेन निर्माण हेतु 620.79 लाख रूपए तथा मालथौन नगर परिषद् क्षेत्र में नाला निर्माण हेतु 90.78 लाख रूपए की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की है। इसके साथ ही नगरीय प्रशासन एवं विकास संचालनालय ने नगर परिषद बांदरी क्षेत्र में पेयजल परिवहन हेतु 4.98 लाख और नगर परिषद् मालथौन क्षेत्र में पेयजल परिवहन हेतु 2.73 लाख रूपए की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की है।  

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