SAGAR : नाबालिग के साथ दुष्कर्म के आरोपी को आजीवन कारावास

SAGAR : नाबालिग के साथ दुष्कर्म के आरोपी को आजीवन कारावास

सागर। न्यायालय-श्रीमती नीतूकांता वर्मा, विशेष न्यायाधीश पाॅक्सो एक्ट सागर के न्यायालय ने नाबालिग लड़की का बलात्कार करने वाले आरोपी रामगोपाल दांगी पिता रामनाथ उम्र 31 वर्ष निवासी ग्राम अंतर्गत थाना बण्डा जिला सागर को दोषी पाते हुए अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम में आजीवन कारावास एवं पाॅंच हजार रूपये के अर्थदण्ड तथा भादवि की धारा 376एबी के अंतर्गत 20 वर्ष का कठोर कारावास एवं पाॅंच हजार रूपये के अर्थदण्ड से तथा भादवि की धारा 363 एवं 366 के तहत 05-05 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1-1 हजार रूपये के अर्थदण्ड दण्डित करने का आदेश दिया। राज्य शासन की ओर से विशेष लोक अभियोजक/जिला अभियोजन अधिकारी राजीव रूसिया तथा विशेष लोक अभियोजक/सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी मनोज पटेल ने शासन का पक्ष रखा।
 
घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि अभियोक्त्री की मां ने दिनांक-11.02.2021 को पुलिस थाना बण्डा में उपस्थित होकर मौखिक रिपोर्ट इस आशय की लेख कराई कि दिनांक-10.02.2021 को शाम साढ़े आठ बजे वह घर के अंदर खाना बना रही थी। घर के बाहर आंगन में उसकी लड़की अभियोक्त्री, उसका लड़का तथा आरोपी रामगोपाल आग ताप रहे थे। वह घर के अंदर काम कर रही थी। कुछ देर बाद वह घर के बाहर आंगन में जब आई तो उसे उसका लड़का अकेला बैठा दिखा तब उसने लड़के से पूछा कि अभियोक्त्री कहां है तो उसके लड़के ने बोला कि रामगोपाल बिस्किट खिलाने ले गया है। फिर उसने तुरंत अपने पति को बताया एवं अभियोक्त्री को ढूंढने लगी। लगभग एक घंटे बाद रामगोपाल अभियोक्त्री को कैंया (गोदी) लेकर उसके घर के बाहर टटा के पास छोड़कर जाने लगा और बोला कि ‘‘तुम्हारी मोडी कौन हिरा गई जा तो है‘‘ और चला गया। फिर उसने अभियोक्त्री से पूछा कि कहां गई थी उसे शक सा हुआ। उसने पूछा तो अभियोक्त्री ने बताया कि अभियुक्त उसे ले गया था और उसके साथ बुरा काम किया। उक्त रिपोर्ट के आधार पर से आरोपी के विरूद्ध थाना बण्डा में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की गई और प्रकरण अनुसंधान में लिया गया। विवेचना पूर्ण कर अभियोग पत्र माननीय न्यायालय में पेश किया गया। विचारण के दौरान अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया। जिस पर से न्यायालय ने आरोपी रामगोपाल दांगी को दोषी पाते हुए अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम में आजीवन कारावास एवं पाॅंच हजार रूपये के अर्थदण्ड तथा भादवि की धारा 376एबी के अंतर्गत 20 वर्ष का कठोर कारावास एवं पाॅंच हजार रूपये के अर्थदण्ड से तथा भादवि की धारा 363 एवं 366 के तहत 05-05 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1-1 हजार रूपये के अर्थदण्ड दण्डित करने का आदेश दिया।
 

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अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस :डॉ गौर विवि में पोस्टर प्रतियोगिता आयोजित

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस :डॉ गौर विवि में पोस्टर प्रतियोगिता आयोजित


सागर. 04 मार्च.। डॉक्टर हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (08 मार्च) के उपलक्ष्य में आचार्य शंकर भवन में पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता का विषय ‘ब्रेक द बायस’ (पक्षपात को तोड़ना) था। विश्वविद्यालय के कई विभागों के छात्र-छात्राओं ने इस प्रतियोगिता में भागीदारी की और उत्कृष्ट पोस्टर बनाये। प्रतियोगिता के दौरान विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो नीलिमा गुप्ता जी ने प्रतियोगिता स्थल पर पहुँचकर प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन किया। 


आयोजन की चेयरपर्सन प्रो ममता पटेल (विभागाध्यक्ष, अपराधशास्त्र एवं न्यायिक विज्ञान विभाग), प्रो. अर्चना पाण्डेय, प्रो. श्वेता यादव, संयोजक डॉ  सुप्रभा दास (सहायक प्राध्यापक, फाइन आर्ट डिपार्टमेंट), रुपेश उपाध्याय, नीलम और अन्य शोधार्थी एवं विद्यार्थी उपस्थित थे.

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पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह को दी भावभीनी श्रद्धांजलि

पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह को दी भावभीनी श्रद्धांजलि



सागर। जिला शहर कांग्रेस सेवादल ने मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन सिंह की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर प्रदेश उपाध्यक्ष अमित दुबे रामजी विशेष रूप से उपस्थित रहे उन्होने अर्जुन सिंह को याद करते हुये कहा कि दाऊ साहब सभी धर्म जातियों और सर्वहारा समाज के नेता थे। वरिष्ठ कांग्रेसी रफीक गनी ने कहा कि माननीय श्री अर्जुन सिंह जी ने जीवन पर्यंत आम आवाम की खिदमत को अपना ध्येय बनाकर देश और प्रदेश की सेवा की,म.प्र. को विकास की नयी ऊचाइयों पर पहुंचाया।
इस मौके पर सेवादल अध्यक्ष सिंटू कटारे ने कहा कि राजनीति में अर्जुन सिंह के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने कई अहम पदों पर रहते हुए पार्टी को मजबूत करने का काम किया।
इस मौके पर राजेश यादव,प्रीतम यादव, नितिन पचौरी, रामगोपाल यादव,अंकुर यादव,नीतेश साहू, पवन घोषी ,तरूण सैनी,रवि जैन,राहुल ताम्रकार,आकाश रजक,आकाश नामदेव,संजू पटैल आदि उपस्थित रहे

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MP : नगर परिषद का स्वच्छता प्रभारी 32 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार

MP : नगर परिषद का स्वच्छता प्रभारी 32 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार

आगरमालवा। लोकायुक्त पुलिस उज्जैन ने आगरमालवा जिले के सोयतकला नगर परिषद के स्वच्छता प्रभारी सफाई दरोगा को 32 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया  । सफाई सामग्री खरीदने की नोटशीट आगे बढाने के एवज में रिश्वत  मांगी थी। 
जानकारी के अनुसार आवेदक राकेश कुमार छपरिबन्द निवासी सोयतकलां ज़िला आगर ने 25 फ़रवरी 2022 को पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त उज्जैन को शिकायत की थी। शिकायत में बताया था कि सोयतकलां नगर परिषद का स्वच्छता प्रभारी (सफाई दरोगा) कमल किशोर शर्मा उससे सफ़ाई सामग्री ख़रीदने की नोटशीट आगे बढ़ाने के एवज़ में 32 हज़ार की रिश्वत मांग रहा है। उनकी शिकायत पर आज पुलिस अधीक्षक अनिल विश्वकर्मा के निर्देशन में टीआई बलबीर सिंह यादव और राजेंद्र वर्मा द्वारा उसे ट्रैप किया गया।

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 लोकायुक्त उज्जैन की टीम निरीक्षक राजेंद्र वर्मा ,निरीक्षक बलवीर सिंह यादव, आरक्षकगण संजय पटेल, संदीप कदम, नीरज राठोर,विशाल रेशमिया एवं श्याम शर्मा द्वारा आरोपी को आवेदक से 32 हज़ार रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा है।
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भुवनभूषण देवलिया राज्य स्तरीय पत्रकारिता सम्मान जयराम शुक्ल को

भुवनभूषण देवलिया राज्य स्तरीय पत्रकारिता सम्मान जयराम शुक्ल को         

भोपाल, 4 मार्च। प्रतिष्ठित भुवनभूषण देवलिया राज्य स्तरीय पत्रकारिता सम्मान इस वर्ष वरिष्ठ पत्रकार जयराम शुक्ल को प्रदान किया जाएगा। अलंकरण समारोह  रविवार 6 मार्च को भोपाल में होगा। सम्मान में 11 हजार रूपये नकद, शाल- श्रीफल एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किए जाते हैं। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग होंगे। इस अवसर पर भुवनभूषण देवलिया स्म्रति व्याख्यान माला समिति भोपाल के 11 वें वार्षिक व्याख्यान में ' पत्रकारिता और राष्ट्रवाद' विषय पर प्रमुख वक्ता होंगे माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. के.जी. सुरेश, इंडिया टुडे के पूर्व सम्पादक एवं पूर्व कुलपति श्री जगदीश उपासने, भारतीय जनसंचार संस्थान के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी, वरिष्ठ पत्रकार एवं राज्यसभा टीवी के पूर्व निदेशक श्री राजेश बादल।

कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ पत्रकार एवं राज्य स्तरीय राष्ट्रीय एकता समिति के पूर्व उपाध्यक्ष श्री रमेश शर्मा। विषय प्रवर्तन करेंगे देवलिया जी के शिष्य वरिष्ठ पत्रकार एवं स्वदेश के सलाहकार सम्पादक श्री शिवकुमार विवेक। आयोजन कोरोनाकाल के ऐहितयात आनलाइन होगा। इससे फेसबुक पर भुवनभूषण देवलिया स्म्रति व्याख्यान माला समिति के पेज पर @deoliasmirti  पर जुड़ने का आग्रह समिति ने किया हैं।
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राज्यपाल करेंगे गढाकोटा रहस मेला का उद्घाटन

राज्यपाल करेंगे गढाकोटा रहस मेला का उद्घाटन


भोपाल। सागर जिले के गढाकोटा में आयोजित होने वाले प्रसिद्ध रहस मेला का शुभारंभ राज्यपाल श्री मंगू भाई पटेल करेंगे। PWD मंत्री गोपाल भार्गव ने आज मध्यप्रदेश राजभवन भोपाल में  राज्यपाल श्री मंगूभाई पटेल जी से सौजन्य भेंट कर रहस मेले में पधारने हेतु आमंत्रित किया। 

मंत्री श्री भार्गव ने बताया कि जनक गृहनगर गढ़ाकोटा जिला सागर में प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी रहस मेले का 214 वाँ आयोजन दिनांक 10 मार्च गुरुवार से 12 मार्च शनिवार तक किया जा रहा है। गुरुवार 10 मार्च, गुरुवार को दोपहर 2:00 बजे मध्यप्रदेश के राज्यपाल माननीय श्री मंगूभाई पटेल मेले का उद्घाटन करेंगे एवं विशाल आदिवासी सम्मलेन को संबोधित करेंगे।
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शिक्षक की नौकरशाही से मुक्ति आवश्यक : प्रो. जगमोहन सिंह★ शिक्षक दक्षता के लिए मानक आवश्यक : प्रो. नीलिमा गुप्ता

शिक्षक की  नौकरशाही से मुक्ति आवश्यक : प्रो. जगमोहन सिंह

★ शिक्षक दक्षता के लिए मानक आवश्यक : प्रो. नीलिमा गुप्ता

 

सागर। डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर में आयोजित राष्ट्रीय शिक्षा नीति के आलोक में शिक्षको के लिए मानक विषय पर  एक दिवसीय खुली परिचर्चा टीएलसी सागर, राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद् नई दिल्ली एवं विद्यालयी शिक्षा विभाग, मध्यप्रदेश  के सहयोग से आयोजित की गई, जिसमें एन.सी.टी.ई के पूर्व अध्यक्ष पदमश्री जगमोहन सिंह राजपूत ने बताया की वर्तमान से शिक्षकों के समक्ष सबसे बड़ा संकट नौकरशाही है. जो उनकी स्वायत्ता को समाप्त करती है. शिक्षक व्यवसाय एक सेवा है. कार्यक्रम में कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने अतिथियों का स्वागत करते हुए इस परिचर्चा की आवश्यकता को रेखांकित किया और बताया कि भारत में शिक्षक का सम्मान सदैव एक सामाजिक और सांस्कृतिक मान्यता का अंग रहा है. शिक्षक पर समाज सदैव विश्वास करता है. शिक्षक के लिए कौशल मानक आवश्यक है, जिनसे वह एक गुणात्मक शिक्षण-अधिगम कर सकेगा.  


परिचर्चा में भाग लेते हुए केन्द्रीय विश्वविद्यालय शिक्षक परिसंघ के अध्यक्ष प्रो. अजय कुमार भागी ने बताया कि जब तक शिक्षकों की सेवा-शर्तों, कार्य-प्रणाली, प्रोन्नति, कार्य -संस्कृति में सुधार नहीं हो जाता तब तक किसी भी प्रकार के कौशल मानक व्यावहारिक नहीं कहे जा सकते. उन्होंने बताया कि आज सबसे ज्यादा संकटग्रस्त शिक्षक ही है.

कलेक्टर ने अधिकारियों के साथ किया झील और एलिवेटेड कोरिडोर का निरीक्षण★ लाखा बंजारा की मूर्ति लगाने के लिए डिजाइन प्रस्तुत करें

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स्मार्ट रोड फेस-2 में चयनित सड़कों की डिजाइन पर मंथन किया★ इंजीनियर्स फोरम के सदस्यों ने दिए महत्वपूर्ण सुझाव

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MP : हत्यारे बेटे को आजीवन कारावास की सजा, शराब पीने मांगे थे पैसे माँ से, नही देने पर की थी हत्या

लालबहादुर शास्त्री संस्कृत विश्वविद्यालय के प्रो. रमेश पाठक ने कहा कि आज शिक्षक से समक्ष सबसे बड़ी चुनौती प्राचीन और आधुनिक ज्ञान के सापेक्ष स्वयं को परिभाषित करने की है. हमें पारम्परिक गुरु भी चाहिए और आधुनिक तकनीक से सुसज्जित आचार्य भी.


कार्यक्रम में  सदस्य सचिव, एनसीटीई नई दिल्ली  केसांग वाई. शेरपा, ने अपने उद्बोधन में कहा कि राष्ट्रीय व्यावसायिक मानक (एनपीसीटीका पिछले एक साल से ड्राफ्ट तैयार हो रहा है और इस खुली चर्चा के माध्यम से  आगे इसके क्रियान्वन में सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि  करीब 2000 सुझाव पूरे भारत से एनपीसीटी के लिए आए थे और अभी तक 14 मुक्त विमर्श इस विषय पर हो चुके है।  यह दस्तावेज  शिक्षक प्रशिक्षण में सहायता करने के लिए एक महत्वपूर्ण नीति  के रूप में सामने आएगा ।  इस सत्र में कार्यक्रम समन्वयक डॉ. संजय शर्मा ने परिचर्चा की आवश्यकता और उद्देश्यों को बताया.  सत्र का संचालन डॉ. सतीश ने किया.

 

 दूसरे सत्र में  ऋषभ खन्ना ने  विषय प्रवर्तन करते हुए बताया कि एनपीसीटी  में  बीएड और एमएड से ही शिक्षकों को व्यावसायिक प्रशिक्षण देने की बात पर ध्यान केंद्रित किया है। उन्होंने पांच प्रमुख कारक को समझाया जिस पर इस दस्तावेज़ का निर्माण किया जा रहा है इसमें शिक्षक प्रशिक्षण, शिक्षक भर्ती, शिक्षक कौशल, शिक्षक मूल्यांकन और शिक्षक पदोन्नति शामिल हैं। इससे हर शिक्षक अपने विकास पर ध्यान दे सकेगा। शिक्षकों को उनकी क्षमताओं के आधार पर चार स्तरों पर रखा जाएगा जिसमें प्रगामी शिक्षक, प्रवीण शिक्षक, कुशल शिक्षक और प्रमुख शिक्षक की श्रेणी शामिल की गई है। चारों स्तरों पर शिक्षकों की क्या क्षमता होनी चाहिए इस विषय पर दस्तावेज़ में विस्तार से जानकारी दी गई है जिसे उन्होंने उसके साथ आने वाली चुनौतियां के साथ समझाया।

 SAGAR : 5 मार्च से 26 मार्च तक होगी प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा , 90 हजार से अधिक छात्र-छात्राएं होंगे शामिल★ 8 परीक्षा केंद्रों पर होगी ऑनलाइन परीक्षा ,सीसीटीवी कैमरा के माध्यम से होगी निगरानी

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केन्द्रीय विद्यालय में केजी-1 में प्रवेश के लिए आवेदन शुरू, अंतिम तिथि 21 मार्च


एनआरसी एनसीटी नई दिल्ली के अध्यक्ष प्रो. बी. एल. नाटिया,  ने भाषा के साथ शिक्षकों के आत्मविश्वास को जोड़ते हुए अपनी बात रखी। उन्होंने कहाकि अंग्रेजी न आने के कारण हीन भावना का निर्माण होता है और इससे शिक्षक के प्रदर्शन में अंतर आता है। उन्होने भारतीय परिप्रेक्ष्य को ध्यान में रखते हुए इसे बनाने की सलाह दी। शिक्षा को व्यवसाय कहने और उसके उत्पादन विद्यार्थी पर शिक्षक की गुणवत्ता बढ़ने से होने वाले प्रभावों को भी उन्होंने उदाहरण देते हुए समझाया।

राज्य शिक्षा केंद्र, भोपाल के निदेशक डॉ. अतुल दनायक ने मध्य प्रदेश में शिक्षक कौशल प्रशिक्षण के लिए अभी तक हुई गतिविधियों और कार्यशालाओं की जानकारी दी। उन्होंने निष्ठा कार्यक्रम ऑनलाइन माध्यम से शिक्षक प्रशिक्षण के अनुभवों को बांटा जिसमें उन्होंने शिक्षकों को जरूरी संसाधन और गुणवत्ता के साथ नेतृत्व देने की बात कही जिससे उनकी क्षमताओं का बेहतर विकास हो सके। जामिया मिलीया इस्लामिया, नई दिल्ली के  डॉ. सज्जाद अहमद ने एनपीएसटी को तैयार करने के लिए पाठ्यक्रम में बदलाव लाने की चर्चा की। उन्होने संचालित पाठ्यक्रम में तैयारी, अभ्यास और प्रस्तुति में सुधार लाने की बात कही। मंच संचालन आफरीन खान और आभार डॉ. रश्मि जैन ने दिया।

 

प्रो. अजय कुमार चौबे, दिल्ली ने अपने वक्तव्य में शिक्षा एवं शिक्षक को अत्यंत संवेन्दनशील विषय बताया । शिक्षण के तीन मॉडल के बारे में बात करते हुए उन्होंने प्रथम मॉडल में शिक्षक अपना कार्य मात्र जीवन-यापन  के लिए करता है। दूसरे में वह शिक्षण को व्यावसायिक रूप में देखता है और तीसरे मॉडल में शिक्षण को सामाजिक दायित्व के रूप में करता है। शिक्षक के पास कार्य करने की स्वतंत्रता होनी चाहिए तभी वह अपने कार्य को पूर्ण निष्ठा से कर पाएगा।


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डॉ राकेश सिंह, नई दिल्ली  ने क्लास रूम में होने वाले संवाद में भाषा की उपयोगिता पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने शिक्षक प्रशिक्षण में भाषा और माध्यम को स्पष्ट करने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया। उन्होंने विभिन्न भाषा को हर जगह स्वीकार करने की चुनौती और भाषा में पठनीय सामग्री उपलब्ध करने की बात भी सामने रखी और भाषा के मुद्दे पर और संवेदनशीलता से विचार करने की बात कही।

 

डॉ अश्विनी, मानू हैदराबाद ने बताया कि यह दस्तावेज़ पूरी तरह से शिक्षक प्रशिक्षण से जुड़ा हुआ है। उन्होंने अध्यापकों और शिक्षण संस्थाओं को सुविधाओं और जवाबदेही के मानक तय करने का सुझाव दिया। शिक्षकों को चार स्तरों में वर्गीकरण करने को उन्होंने नकारात्मक प्रक्रिया बताया और कहा कि प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा को आपस में जोड़ने का प्रयास करना चाहिए। जो शिक्षक सेवा में हैं उनके लिए भी शिक्षण की सही व्यवस्था नहीं हैं, इस पर भी प्रयास होने चाहिए।

डॉ. मनीष वर्मा संयुक्त सचिव शिक्षा विभाग सागर ने कहा कि पूर्व में बनी व्यवस्थाओं में सुधार एवं नवीनीकरण की आवश्यकता है। उन्होने एक अहम सुझाव भी सामने रखा कि बीएलएड की शिक्षा को नर्सरी से पांचवी तक करने  और बीएड को छटवीं से बारहवीं तक करना चाहिए। इससे बीएलएड पूर्ण रूप से प्राथमिक में और बीएड उच्च शिक्षा के लिए क्रियान्वित हो सकेगी और भविष्य में शिक्षकों की कमी भी नही होगी।  डॉ आशुतोष गोस्वामी संयुक्त सचिव शिक्षा विभाग  सागर  ने कहा कि एनपीएसटी ने पहली बार शिक्षकों को राय ली है। उन्होंने प्रश्न किया कि क्या हम जिस कार्य के लिए नियुक्त हुए है हम उसे पूरा समय दे पा रहे हैं क्योंकि शिक्षकों को सरकारी कर्मचारी होने के नाते अन्य कामों में भी लगाया जाता है। उन्होंने कहा कि यह खुली चर्चा शिक्षण परविर्तन में सुधार की एक शुरुआत है व उन्होंने वेबपेज बनाने की जानकारी दी जिसमे सुझाव आमंत्रित होंगे। मंच संचालन डॉ.  चिट्ठी बाबू और आभार डा. रानी दुबे ने माना।

 

हिमाचल प्रदेश केन्द्रीय विश्वविद्यालय के डॉ.  नवनीत शर्मा ने इस दस्तावेज़ का प्रमुख उद्देश्य प्रभावी शिक्षण को बताया जिससे अध्यापकों का स्व मूल्यांकन किया जाएगा। यह एक शिक्षण कौशल को विकसित करने में काम आएगा। अभी तक दस्तावेज में वर्णित चीजों को लेकर उन्होंने कई प्रश्न किए जो व्यावहारिक और प्रायोगिक तौर पर संभव नहीं हैं। इसकी आलोचनात्मक चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि क्या यह निजी विद्यालयों तक पहुंचेगा  ? इसमें स्त्री पुरुष समानता की बात कही है पर धरातल पर यह संभव नही है। इसमें कॉन्वेंट, मदरसा को जोड़ा नही गया है और संप्रभुता का कोई उल्लेख नहीं है। उन्होंने कहा कि यह एक प्रारंभिक दस्तावेज़ है और आशा है कि एक नया दस्तावेज आएगा जो इन मानकों को पूर्ण करेगा।

डॉ. सारिका शर्मा कुलसचिव केन्द्रीय विवि हरियाणा ने कहा कि जब यह दस्तावेज़ लागू होने के बाद इसे अपनाने पर भी प्रयास होने चाहिए । शिक्षक को नई तकनीक आनी चाहिए जिससे वह विद्यार्थी को समझा सके । हमें व्यावसायिक मानक को बढ़ाना होगा और इसको बेहतर तरीके से लागू करने की जिम्मेदारी लेनी होगी क्योंकि नीति तो आ जाती हैं पर वह सुचारू रूप से लागू नहीं हो पाती है। डॉ. प्राचीश जैन ने इस प्रारूप के संदर्भ में शिक्षकों के विचारों को समाहित करने का सुझाव दिया.  

अज़ीम प्रेमजी न्यास, सागर के  डॉ. आलोक सिंह ने व्यावसायिक विकास पर जोर दिया । उन्होंने कहा कि दस्तावेज धरातल से जुड़ा हुआ होना चाहिए। परिकल्पनाओ को स्पष्ट करने की आवश्यकता है क्योंकि एक बात को कई बार दोहराया गया है जिसे बेहतर किया जा सकता है। सत्र की अध्यक्षता  कर रही डॉ. ऋतु यादव ने कहा कि विद्यालय शिक्षा में सुधार की आवश्यकता हैं ।

डॉ संजय शर्मा ने खुली चर्चा में शामिल हुए समस्त वक्ताओं की बात का सारांश प्रस्तुत करते हुए अपनी बात रखी। उन्होने कहा कि शिक्षक पैदा नही होते उन्हे प्रशिक्षण देकर शिक्षक बनाया जाता है।  हमे इस दस्तावेज़ को भारतीय संदर्भ में तैयार करने की जरूरत है.

 

एनसीटीई के उप सचिव  डॉ. डी. के. चतुर्वेदी ने बताया कि  परिषद् को 28 साल हो चुके है, यह लगातार शिक्षकों  की  गुणात्मक शिक्षा के लिए  काम कर रहा है । उन्होंने प्रारूप निर्माण की विभिन्न गतिविधियों को साझा किया. सागर विश्वविद्यालय के सहयोग से आगे भी कार्य करने की मंशा जाहिर की .

उन्होंने बताया कि एनपीसीटी में सुझाव के लिए पोर्टल खोला गया है, जिसमे प्राप्त सभी सुझावों के आधार पर कार्य किया जायेगा.  मंच संचालन डॉ विवेक जायसवाल ने किया और आभार कुलसचिव संतोष सहगोरा ने माना।  

 

 

 

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कलेक्टर ने अधिकारियों के साथ किया झील और एलिवेटेड कोरिडोर का निरीक्षण★ लाखा बंजारा की मूर्ति लगाने के लिए डिजाइन प्रस्तुत करें

कलेक्टर ने अधिकारियों के साथ किया झील और एलिवेटेड कोरिडोर का निरीक्षण
★ लाखा बंजारा की मूर्ति लगाने के लिए डिजाइन प्रस्तुत करें

सागर। लाखा बंजारा झील में चकराघाट से दीनदयाल चौक तक बनाए जा रहे एलिवेटेड कोरिडोर के पिलरों पर रखे जाने वाले गर्डर के निर्माण कार्य का शुभारम्भ कलेक्टर श्री दीपक आर्य ने गुरुवार को पूजन करके किया। इस दौरान नगर निगम आयुक्त सह कार्यकारी निदेशक श्री आरपी अहिरवार, स्मार्ट सिटी सीईओ श्री राहुल सिंह राजपूत विशेष रूप से मौजूद थे।

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कलेक्टर सह अध्यक्ष एसएससीएल श्री दीपक आर्य गुरुवार को अधिकारियों के साथ लाखा बंजारा झील कायाकल्प परियोजना और एलिवेटेड कोरिडोर निर्माण कार्य का निरीक्षण कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जून तक मानसून से पहले ही एलिवेटेड कोरिडोर निर्माण के लिए बनाई गई एप्रोच रोड को डिसमेंटल करना होगा। इसके लिए एलिवेटेड कोरिडोर का कार्य और तेजी से करने हेतु उन्होंने निर्देशित किया। इसके साथ ही उन्होंने लाखा बंजारा झील परियोजना का स्थल निरीक्षण कर झील में लगाई जाने वाली लाखा बंजारा की मूर्ति के लिए स्थल चयन करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि इसकी डिजाइन जल्द प्रस्तुत करें। 

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कलेक्टर श्री आर्य ने कहा कि मूर्ति ऐसे स्थल पर लगाई जाए कि झील के चारों ओर ज्यादा से ज्यादा क्षेत्र से उसे स्पष्ट देखा जा सके। पाथ-वे के साथ झील में पत्थरों की पिचिंग के लिए मटेरियल, लेबर और मशीनरी बढ़ाएं। झील का जो स्थल सूख चुका है उसको समतल करें। उन्होंने कहा कि जो शेष अनुपयोगी मटेरियल घास, सिल्ट, मिट्टी आदि झील में है उन्हें मशीनों से तेजी से झील से बाहर करें। साथ ही पाथ-वे के दोनों ओर बाउंड्री बनाने लगाई जाने वाली ग्रिल आदि का कार्य भी प्रारम्भ कराएं। इस दौरान सुप्रीटेंडेंट इंजीनियर श्री अजय शर्मा, स्मार्ट सिटी और पीएमसी के इंजीनियर्स और निर्माण एजेंसियों के प्रतिनिधि मौजूद थे।
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