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कुण्डलपुर और बांदकपुर को पवित्र क्षेत्र बनाया जायेगा- मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ★वमुख्यमंत्री ने आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज से आर्शीवाद लिया



कुण्डलपुर और बांदकपुर को पवित्र क्षेत्र बनाया जायेगा- मुख्यमंत्री शिवराज सिंह 
★वमुख्यमंत्री ने आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज से आर्शीवाद लिया


दमोह । मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान धर्म पत्नी श्रीमती साधना सिंह के साथ आज कुण्डलपुर पंचकल्याणक महा-महोत्सव में बड़े बाबा के दर्शन करने पहुँचे। उन्होंने बड़े बाबा के दर्शन, पूजन -अर्चन के
 पश्चात विद्यासागर जी महाराज का आर्शीवाद लिया। लोक निर्माण मंत्री श्री गोपाल भार्गव, सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्योग मंत्री श्री ओम प्रकाश सखलेचा, पूर्व मंत्री श्री जयंत मलैया ने भी विद्यासागर जी महाराज का आर्शीवाद लिया। मुख्यमंत्री एवं उनकी धर्म पत्नी पंचकल्याणक महोत्सव में इंद्र एवं इंद्राणी के रूप में उपस्थित हुए। आयोजित कार्यक्रम में श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुये मुख्यमंत्री  ने कहा कि कुण्डलपुर और बांदकपुर को पवित्र क्षेत्र बनाया जायेगा । यहाँ मांस -मदिरा जैसी वस्तुएं प्रतिबंधित रहेंगी।


मुख्यमंत्री  ने कहा कि आचार्य श्री ने भटकी हुई मानवता को राह दिखाने का काम किया है। उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य, गौ-सेवा जैसे क्षेत्र में प्रेरणादायक कार्य किये है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि  आने वाली पीढ़िया इस बात का विश्वास नहीं कर पायेंगी कि संत विद्यासागर जी महाराज जैसे महान संत व्यक्ति भी इस धरती पर रहे हैं।   श्री चौहान ने बताया कि उन्हें जब भी कभी कोई समस्या सामने आती है तो आचार्य श्री के स्मरण से उन्हें उसका समाधान मिल जाता है। वे यहां मुख्यमंत्री के रूप में नहीं बल्कि एक शिष्य के रूप मे आये है। यहाँ पर स्वर्ग जैसा दृश्य है। आचार्य श्री के दर्शन से ऐसा संतोष और आनंद मिलता है ,जिसका वर्णन नहीं किया जा सकता है।


मुख्यमंत्री  ने कहा कि कुण्डलपुर में बना बड़े बाबा का मंदिर अद्भुत है ।यह ऐसा मंदिर है, जिसे देख कर आँखे चकाचौंध हो जाती है। इस पवित्र धरती पर पूरी दुनिया से लोग आकर बड़े बाबा के दर्शन कर लाभ लेंगे। उन्होंने कहा कि यहां की पहाड़ियो पर वृक्षारोपण कर  हरा- भरा बनाया जायेगा। उन्होंने  अधिकारियो को इस संबंध में योजना तैयार करने के निर्देश भी दिये।   

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       मुख्यमंत्री ने कहा कि जैसा विद्यासागर महाराज जी ने हमेशा कहा है कि शिक्षा मातृ -भाषा में होना चाहिए। राज्य सरकार इसी साल से एक मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेज में हिन्दी माध्यम से शिक्षा देगी इंजीनियरिंग कॉलेज में हिन्दी माध्यम से शिक्षा देगी। शिक्षा के साथ ही स्वरोजगार पर बल दिया जायेगा। कक्षा छठवी से व्यवसायिक शिक्षा भी दी जायेगी। मुख्यमंत्री  ने कहा कि गौ-सेवा के कार्य में समाज को भी आगे आना होगा। उन्होंने लोगो से अनुरोध किया कि बेटा और बेटी को एक बराबर माने, किसी तरह का भेदभाव न करे। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में लाड़ली लक्ष्मी योजना से स्थिति में बदलाव आया है । पहले वर्ष 2012 में एक हजार बेटों पर 912 बेटियाँ जन्म लेती थी, अब एक हजार बेटों पर 956 बेटियां जन्म ले रही है।  कुण्डलपुर की पहाड़ियो को हरा- भरा करने के  लिये  वृक्षारोपण की योजना बनाई जायेगी।

 मुख्यमंत्री ने लोगो से पर्यावरण सुधार के लिये वृक्षारोपण का भी अनुरोध किया।
 इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने आचार्य श्री द्वारा लिखित प्रसिद्ध पुस्तक मूकमाटी के जर्मन अनुवाद का विमोचन भी किया। कुण्डलपुर पहॅुचने पर महामहोत्सव समिति के सदस्यों ने मुख्यमंत्री और अन्य मंत्रीगण का सम्मान किया और स्मृति- चिन्ह भेंट किये।

 इस अवसर पर पूर्व मंत्री डॉ रामकृष्ण कुसमरिया, वेयरहाउस एवं लॉजिस्टिक कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष राहुल सिंह लोधी, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री शिवचरण पटेल, हटा विधायक श्री पीएल तंतुवाय, जबेरा विधायक श्री धर्मेंद्र लोधी, भाजपा जिला अध्यक्ष श्री प्रीतम सिंह लोधी, ब्रह्मचारी श्री विनय भैया, सांसद प्रतिनिधि श्री नरेन्द्र बजाज, सर्वश्री देवेन्द्र सेठ, संतोष सिंघई, संदेश जैन, डाँ सवांत सिंघई, सुधीर सिंघई, नवीन निराला, अजीत मोदी, महेन्द्र जैन सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री श्री चौहान का आत्मीय स्वागत किया।
इस अवसर पर कमिश्नर श्री मुकेश शुक्ला, आईजी श्री अनुराग, डीआईजी श्री विवेकराज सिंह, कलेक्टर श्री एस. कृष्ण चैतन्य, पुलिस अधीक्षक श्री डीआर तेनीवार, सीईओ जिला पंचायत अजय श्रीवास्तव और बड़ी संख्या में देश के कोने-कोने से आये श्रद्धालु मौजूद थे।     
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आने वाले समय मे स्नातक स्तर पर समस्त विषयों का अध्ययन होगा प्रारंभ : उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव★नरयावली महाविद्यालय का भूमिपूजन कार्यक्रम हुआ , 4 करोड़ 34 लाख की लागत से बनेगा

आने वाले समय मे स्नातक स्तर पर समस्त विषयों का अध्ययन होगा प्रारंभ : उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव

★नरयावली महाविद्यालय का भूमिपूजन कार्यक्रम  हुआ , 4 करोड़ 34 लाख की लागत से बनेगा

सागर 21 फरवरी 2022 । नई शिक्षा नीति से रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। आने वाले सत्र से महाविद्यालय में समस्त विषयों का अध्ययन भी प्रारंभ किया जाएगा। उक्त विचार उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव ने नरयावली विधानसभा क्षेत्र के नरयावली  में 4 करोड़ 34 लाख 78 हजार की लागत से बनने वाले भवन के भूमिपूजन के अवसर पर मुख्य  व्यक्त किए। इस अवसर पर सांसद श्री राजबहादुर सिंह, विधायक श्री प्रदीप लारिया, पृथ्वीपुर विधायक श्री शिशुपाल सिंह, श्रीमती तृप्ति बाबू सिंह, श्रीमती कमला यादव, श्री गुलाब सिंह राजपूत, श्री प्रभु दयाल पटेल, उच्च शिक्षा के अतिरिक्त संचालक श्री जीएस रोहित, डॉ अमर जैन, उमाकांत स्वर्णकार, सर्वेश्वर उपाध्याय, डॉ भावना यादव, नरयावली उत्कृष्ट विद्यालय के प्राचार्य महेंद्र प्रताप तिवारी, श्री संतोष गुरु सहित जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक एवं छात्र-छात्राएं मौजूद थे।

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उच्च शिक्षा मंत्री श्री यादव ने कहा कि नई शिक्षा नीति 2020 सेस्वरोजगार के साथ-साथ रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे एवं आने वाले समय में समस्त महाविद्यालयों में स्नातक स्तर पर अध्ययन प्रारंभ किए जा सकेंगे। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत विज्ञान विषय का छात्र कला संकाय एवं कला संकाय का छात्र विज्ञान संकाय की परीक्षा दे सकेगा । उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति से सारे विकास के रास्ते छात्र ,-छात्राओं के लिए खुलेंगे। इसके लिए मैं प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान का आभार व्यक्त करता हूँ । मंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार सभी महाविद्यालयों के भवन बनाने का कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार उच्च शिक्षा एवं स्कूल शिक्षा के लिए अच्छे से अच्छे प्रयास कर रही है।


सांसद श्री राजबहादुर सिंह ने कहा कि शिक्षा को कभी खरीदा नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि पढ़ाई का कोई विकल्प नहीं है,आप सभी  पढ़ाई करें। बाकी का कार्य शासन स्तर पर किया जा रहा है । उन्होंने कहा कि नरयावली के संवेदनशील विधायक श्री प्रदीप लारिया द्वारा जो विकास कार्य किए जा रहे हैं वे सागर संभाग के लिए  उल्लेखनीय हैं। उन्होंने कहा कि विधायक श्री लारिया के प्रयासों से ही आज नरयावली विधानसभा विकासशील विधानसभा में शामिल हो रहा है ।
विधायक श्री प्रदीप लारिया ने कहा कि डॉ हरिसिंह गौर ने अपनी कमाई से विश्वविद्यालय की स्थापना कर न केवल सागर बल्कि पूरे मध्य प्रदेश का  देश में नाम स्थापित किया है। उन्होंने कहा कि डॉ हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय के केंद्रीय विश्वविद्यालय बनने से बुंदेलखंड के छात्र -छात्राओं के लिए प्रवेश में परेशानियों का सामना करना पड़ता है । उन्होंने कहा कि डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय में बुंदेलखंड के छात्र- छात्राओं के लिए आरक्षण मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि सागर में केंद्रीय विश्वविद्यालय के बाद अब सागर में एक राज्य स्तरीय विश्वविद्यालय की अत्यंत आवश्यकता है ।इसके लिए समुचित स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं ।श्री लारिया
ने नरयावली एवं मकरोनिया स्नातक कॉलेज को स्नातकोत्तर कॉलेज में परिवर्तित करने की आवश्यकता भी जताई । उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत समस्त कॉलेजों में तो रोजगार विषय प्रारंभ किए जाएं जिससे छात्र-छात्राओं को पढ़ाई के तत्काल पश्चात रोजगार प्राप्त हो सके । कार्यक्रम में एक करोड़ 79 लाख 69 हजार रुपए की लागत से तैयार की जा रही नल-जल योजना का मंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा भूमिपूजन किया गया ।

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कार्यक्रम में मंत्री श्री मोहन यादव द्वारा मंत्र उच्चारण के साथ भूमिपूजन किया गया, तत्पश्चात कन्या पूजन हुआ । कार्यक्रम में स्वागत भाषण एवं कार्यक्रम का प्रतिवेदन  प्रभारी प्राचार्य डॉ अखिलेश सिंह द्वारा प्रस्तुत किया गया। अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा डॉ जी एस रोहित द्वारा समस्त अतिथियों का पुष्प गुच्छ से स्वागत किया गया। कार्यक्रम का संचालन श्री राजकुमार उदैनिया एवं डॉक्टर अमर जैन ने किया। आभार डॉक्टर भावना यादव ने माना।
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मातृभाषा से ही राष्ट्र की समृद्धि संभव है : प्रो. वृषभ प्रसाद जैन★ अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर आयोजन

मातृभाषा से ही राष्ट्र की समृद्धि संभव है : प्रो. वृषभ प्रसाद जैन

★ अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर आयोजन



सागर. 21 फरवरी. डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर के जवाहरलाल नेहरू ग्रंथालय सभागार में अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर ‘हमारी मातृभाषाएं’ विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया. प्रख्यात भाषाविद और चिन्तक प्रो. वृषभ प्रसाद जैन मुख्य वक्तव्य देते हुए कहा कि भाषा हमें पहचान देती है और पहचान बनाती है. व्यक्तित्व निर्माण में मातृभाषा भाषा एक महत्त्वपूर्ण कारक है. उन्होंने वर्तमान समय में मातृभाषा की स्थिति को देखते हुए चिंता व्यक्त की और कहा कि   आज़ादी के बाद के वर्षों में यह पहचान धूमिल होती जा रही है और भाषायी परतंत्रता बढ़ी है.  केवल हिन्दी ही नहीं बल्कि तमिल, मलयालम, तेलगू जैसी तमाम भाषाओं की स्थिति एक जैसी है. भारतीय भाषाओं का व्याकरणकोश अंग्रेजी भाषा से प्रभावित है. हम अभी तक भारतीय भाषाओं के व्याकरण और शब्दकोष निर्माण में पीछे हैं. आज नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में  मातृभाषा में शिक्षा देने की बात की जा रही है. भाषायी स्वतन्त्रता के साथ आर्थिक स्वतन्त्रता भी जुडी हुई है. इस बात को उन्होंने आंकड़ों और उदाहरणों के माध्यम से समझाया. उन्होंने कहा कि भारत में सबसे समृद्ध शहर मुंबई है. इसका एकमात्र कारण वहां की मातृभाषा है. भारतीय भाषा के फॉण्ट निर्माण का काम आज विदेशी कम्पनियां कर रही हैं. भाषायी रूप से समृद्ध होने के बावजूद हम भारतीय भाषाओं के फॉण्ट निर्माण में भी पीछे हैं. भाषाओं की समृद्धि से ही राष्ट्र की समृद्धि का सपना देखा जा सकता है. उन्होंने कई उदाहरणों के जरिये मातृभाषा की पहचान करने के तरीके भी बताये. उन्होंने कहा कि भाषा के बिना मनुष्यता अधूरी है.

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राष्ट्रीय अस्मिता का द्योतक: अन्तर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस,★प्रो. नीलिमा गुप्ता ,कुलपति ,डॉ गौर विवि सागर का विशेष आलेख


सांस्कृतिक मूल्य, परंपरा एवं इतिहास को एक सूत्र में बांधती है भाषा- प्रो. नीलिमा गुप्ता 

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. नीलिमा ने कहा कि मनुष्य अपने जन्म से ही भाषा का प्रयोग शुरू कर देता है. पैदा होने के बाद सबसे पहला शब्द वह ‘माँ’ सीखता है. इसलिए इस शब्द से उसको अलग नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि यूनेस्को ने मातृभाषा दिवस मनाने का प्रावधान किया. भारत 19500 भाषाओं से समृद्ध देश है जिसमें 121 भाषाएँ केवल दस हज़ार लोगों तक सीमित है, जिनके द्वारा वे बोली जाती हैं. इस तरह 22 प्रमुख भाषाएँ जो भारत के लोग बोलते हैं उन्हें संविधान में शामिल किया गया. मातृभाषा की महत्ता बताते हुए उन्होंने कहा कि नोबेल पुरस्कार से ज़्यादातर उन्हीं लोगों को सम्मानित किया गया है जिन्होंने अपना कार्य मातृभाषा में किया है. सांस्कृतिक मूल्य, परंपरा एवं इतिहास इन तीनों को भाषा ही बाँध कर रखती है. 

उन्होंने आकड़ों के माध्यम से विश्व में हिंदी भाषा की स्थिति पर बात रखते हुए कहा कि आज दो तिहाई आबादी हिंदी समाचार पत्र पढ़ रही है व विश्व भर के सिनेमाघरों में हिंदी सिनेमा प्रदर्शित होती है. कोविडकाल के दौरान जब सभी चीज़ों का डिजिटलीकरण हुआ उसके साथ हिंदी भाषा की भी तकनीक में सहभागिता बढ़ी है. गूगल के आकड़ों के अनुसार वर्ष 2024 तक हिंदी में मोबाइल उपयोगकर्ताओं की संख्या अंग्रेज़ी से ज्यादा रहेगी. अपने उद्बोधन के अंत में उन्होंने हिंदी भाषा की विविधता को सरलता से समझाया और सभी को मातृभाषा के संवर्धन एवं संरक्षण के लिए संकल्पित होने का संदेश दिया.

भाषा विज्ञान और हिन्दी विभाग की अध्यक्ष प्रो. चन्दा बेन ने स्वागत वक्तव्य दिया और कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के पश्चात एकीकरण के कारण भाषा के रूप में भारतेंदु युग के सभी भाषाविदों का अहम योगदान रहा है. उन्होंने त्रिभाषा सूत्र के माध्यम से बात रखते हुए कहा कि प्राथमिक शिक्षा हमारी मातृभाषा में होनी चाहिए. नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने भाषा संबंधों को अधिक प्रगाढ़ बनाने का प्रावधान किया है. छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. अम्बिकादत्त शर्मा ने विषय प्रवर्तन किया और कहा कि इस वर्ष मातृभाषा दिवस आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में आया है. आज़ादी के तीन सोपान होते हैं जिन्हें पार करके आजादी पाई जा सकती है. पहला- राजनीतिक परतंत्रता से मुक्ति, दूसरा-वैचारिक स्वराज और तीसरा-भाषायी स्वराज की प्राप्ति. भाषायी स्वराज मातृभाषा को महत्त्व देकर ही प्राप्त किया जा सकता है. उन्होंने प्रसिद्ध कवि रवीन्द्रनाथ टैगोर और बलवंत गार्गी के बीच वार्तालाप का उद्धरण देते हुए मातृभाषा के महत्त्व के रेखांकित किया.

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व्याख्यान के उपरांत मातृभाषा दिवस के उपलक्ष्य में विश्वविद्यालय स्तर पर आयोजित ‘आत्मनिर्भरता में मातृभाषा का योगदान’ विषय पर निबंध प्रतियोगिता एवं ‘बहुभाषिकता भारत के लिए वरदान है’ विषय पर वाद-विवाद प्रतियोगिता में विजयी प्रतिभागियों को मुख्य समारोह में पुरस्कृत किया गया. कार्यक्रम का संचालन हिंदी विभाग के प्राध्यापक डॉ राजेंद्र यादव ने किया एवं आभार डॉ आशुतोष ने ज्ञापित किया. आयोजन में प्रो. बीआई. गुरु, प्रो. नवीन कांगो, प्रो. निवेदिता मैत्रा, प्रो. उमेश पाटिल, डॉ राकेश सोनी, डॉ अलीम खान, डॉ हिमांशु, विवेक विसारिया, डॉ  शशि सिंह, डॉ. अरविन्द, डॉ मुकेश साहू सहित कई शिक्षक, शोधार्थी एवं विद्यार्थी उपस्थित थे.

 

 

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गीला कचरा कम्पोस्टिंग मशीन से तैयार खाद का वितरण निःशुल्क ,सनराइज मेगा सिटी में

गीला कचरा कम्पोस्टिंग मशीन से तैयार खाद का वितरण निःशुल्क ,सनराइज मेगा सिटी में
सागर, 21 फरवरी। सागर के स्वच्छता एम्बेसेडर प्रमोटर-डेवलपर और समाज -सेवी इंजी.प्रकाश चौबे द्वारा शहर की सन राइज मेगा सिटी में लगभग 5 लाख रुपयों की लागत से स्थापित गीला कचरा कम्पोस्टिंग मशीन से खाद उत्पादन प्रारंभ हो गया है ।
 इस नवीन प्रकल्प के लिए प्रारंभिक तौर पर शुभम बिल्डर्स द्वारा विकसित आवासीय कॉलोनियों से गीला कचरा संग्रहीत कराया जा रहा है ।  घरों से गीला कचरा संग्रहीत करने की पृथक  निःशुल्क व्यवस्था इंजी. प्रकाश चौबे ने अपने स्तर पर कराई है । इसमें रहवासियों के घरों के सामने से बचे हुए खाने, सब्जियों के छिलके जैसे कचरे का संग्रहण अलग से उपलब्ध कराए गए डिब्बों में से किया जा रहा है। 

इंजी. प्रकाश चौबे ने बताया है कि इसी संग्रहीत 100 किलो गीले कचरे से , स्थापित मशीन लगभग 20 किलो तक कम्पोस्ट खाद तैयार कर सकती है ।
नवाचार के इस प्रकल्प का सुखद आकर्षण यह रखा गया है कि कचरा संग्रहण में योगदान करने वाले परिवारों को तैयार खाद भी कागज़ के पैकेटों में उनके दरवाजों तक पहुंचाया जा रहा है । जिनसे वे अपने घर की  बगियों और गमलों में लगाये पौधों को बेहतर रख सकेंगे ।
इसी क्रम में आज शहर की सन राइज रेसीडेंसी के रहवासियों के घरों में कम्पोस्ट खाद के पैकेट पहुंचे । जिन्हें पाकर प्रकल्प का हिस्सा बने सदस्य   लाभार्थी परिवारों के चेहरों पर संतोष मिश्रित सुखद मुस्कान दिखाई दी । 
रहवासियों ने प्रकल्प प्रणेता इंजी. प्रकाश चौबे सहित सहयोगी श्री सतीश जाट और सहयोगी स्वच्छता मित्र आशीष डुमार का आभार व्यक्त किया । स्थानीय नागरिक  इस अभिनव शुरुआत का स्वागत के साथ प्रशंसा कर रहे हैं।

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चित्त की क्रिया है भाषा - प्रो0 सुरेन्द्र पाठक★ बीएचयू में अंतराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस का आयोजन

चित्त की क्रिया है भाषा - प्रो0 सुरेन्द्र पाठक
★ बीएचयू में अंतराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस का आयोजन

वाराणसी।  काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के मालवीय मूल्य अनुशीलन केन्द्र के तत्वाधान में महामना व्याख्यान माला के तहत अंतराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर बेविनार का आयोजन संपन्न हुआ। मुख्य अतिथि मानव मूल्यों के विशेषज्ञ और गुजरात विद्यापीठ के विशिष्ट प्रोफेसर सुरेन्द्र पाठक ने भाषा का महत्व बताते हुए कहा कि भाषा चित्त की क्रिया है तथा भाषा क्रियाशीलता है। भाषा का अनुभव ही बुद्धि मंे स्वीकार होता है। आपने कहा कि भाषा के मूल में भाव है तथा भाव के मूल में मौलिकता है और इसी मौलिक गुण के कारण अपनी भाषा ही प्रभावी भूमिका अदा करती है। मातृभाषा में कार्य करने में सफलता की गारंटी ज्यादा रहती है, क्योंकि शिशु गर्भ  से ही मातृभाषा मंे सीखना प्रारंभ कर देता है।

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अध्यक्षता करते हुए मालवीय मूल्य अनुशीलन केन्द्र के समन्वयक प्रो0 आशाराम त्रिपाठी ने कहा कि मातृभाषा के सबसे बड़े पैरोकार महामना मालवीय जी थे। उन्होनें न्यायालय में मातृभाषा में कार्य करने के लिए जो आंदोलन किया वह अविस्मरणीय है। स्वागत भाषण डा0 रामकुमार दांगी ने दिया। संचालन डा0 संजीव सराफ तथा आभार डा0 उषा त्रिपाठी ने व्यक्त किया। 

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इस अवसर पर उपसमन्वयक प्रो0 गिरिजाशंकर शास्त्री, डा0 अभिषेक त्रिपाठी, डा0 प्रीति वर्मा, डा0 विवेकानंद उपाध्याय, डा0 रमेश निर्मेष, डा0 धर्मजंग, डा0 राजीव वर्मा, डा0 रमेश लाल का विशेष सहयोग रहा।
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खुरई में संत शिरोमणी रविदास जी की प्रतिमा का अनावरण★बांदरी, मालथौन और बरोदिया में संत रविदास पार्क बनेगे★अस्वस्थता के चलते मंत्री भूपेन्द्र सिंह के संदेश का वाचन

खुरई में संत शिरोमणी रविदास जी की प्रतिमा का अनावरण*
★बांदरी, मालथौन और बरोदिया में संत रविदास पार्क बनेगे
★अस्वस्थता के चलते मंत्री भूपेन्द्र सिंह के संदेश का वाचन

खुरई। संत शिरोमणि रविदास जी की प्रतिमा अनावरण एवं पार्क सौंदर्यीकरण कार्याें के लोकार्पण समारोह में प्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह के संदेश में कहा गया है कि बांदरी, मालथौन और बरोदियाकलां में भी संत रविदास पार्क बनाये जाएंगे। मंत्री भूपेन्द्र सिंह अस्वस्थता के कारण इस कार्यक्रम में खुरई नहीं आ पाये। अतः उनके संदेश का वाचन मंत्री प्रतिनिधि लखन सिंह ने किया।_

     संत शिरोमणि रविदास जी की प्रतिमा का अनावरण, कार्यक्रम में पधारे संतो का सम्मान और पार्क सौंदर्यीकरण के निर्माण कार्याें का लोकार्पण मंत्री प्रतिनिधि लखन सिंह ने किया। इस समारोह में सामूहिक भोज भी किया गया। मध्यप्रदेश शासन के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह अस्वस्थ्य हो जाने के कारण समारोह में उपस्थित नहीं हो पाये। विशाल संख्या में समारोह में उपस्थित जन समुदाय के समक्ष मंत्री भूपेन्द्र सिंह के संदेश का वाचन किया गया। जिसमें मंत्री श्री सिंह ने उपस्थित संतों का नमन किया। 
     अपने संदेश में उन्होंने कहा कि संत शिरोमणि रविदास जी ने अपने आचरण और व्यवहार से यह प्रमाणित किया कि मनुष्य अपने जन्म और व्यवहार के कारण महान नहीं होता। विचारों की श्रेष्ठता, समाज के हित की भावना से प्रेरित कार्य तथा सद्व्यवहार जैसे गुण ही मनुष्य को महान बनाने में सहायक होते हैं। आज भी संत रविदास जी के उपदेश समाज के कल्याण तथा उत्थान के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं। संत रविदास जी ने कहा था कि, दलित वंचित लोगों के सशक्तिकरण के लिए शिक्षा के जरिये सत्ता के दरवाजे खुल सकते हैं। 

अपने संदेश में मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि मैंने संत रविदास जी के मार्ग पर चलकर क्षेत्र में अनेक काॅलेज, स्कूल बनवाये हैं। जिससे समाज के बच्चे शिक्षित होकर आगे बढ़ सकें। मुझे आज बेहद प्रसन्नता है कि खुरई के जगजीवनराम वार्ड निवासी पुष्पेन्द्र अहिरवार और भारती अहिरवार ने नीट परीक्षा में क्वालीफाई किया है। दोनों भाई बहिन को बधाई देते हुए सम्मान स्वरूप उन्हें 25-25 हजार की राशि स्वीकृत करता हूं। 
     संत रविदास जी के बताये मार्ग अनुसार हम आगे बढ़ सकें, इसके लिए क्षेत्र में जगह-जगह संत रविदास जी के मंदिर, पार्क, सामुदायिक भवन बनाने का कार्य किया है। आज मैं इस अवसर पर घोषणा करता हूं कि शीघ्र ही बांदरी, मालथौन और बरोदियाकलां में संत रविदास पार्क बनाये जाएंगे। खुरई में डाॅ. अम्बेडकर संग्रहालय एवं पार्क निर्माण कार्य चल रहा है, जो शीघ्र ही पूर्ण होगा। जहां पर भी आवश्यकता होगी संत रविदास जी के मंदिर बनाये जाएंगे। स्वास्थ्य के कारण आज मैं आपके बीच नहीं आ सका, इसके लिए क्षमा चाहता हूं। 
समारोह में संबोधित करते हुए एडव्होकेट एस.सी. मेसन ने कहा कि संत रविदास जी की स्मृति में ऐसा भव्य आयोजन खुरई में इससे पहले कभी नहीं हुआ। ऐसे सराहनीय आयोजन के लिए मंत्री भूपेन्द्र भैया को हार्दिक धन्यवाद देता हूं। कार्यक्रम को पूर्व पार्षद प्रभु अहिरवार ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर उपस्थित समाजजनों के साथ मंत्री प्रतिनिधि लखन सिंह सहित भाजपा कार्यकर्ताओं ने सामूहिक भोज किया। 


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कांग्रेस ने डिजिटल सदस्यता अभियान को लेकर आई टी सोशल मीडिया और जिला प्रभारियों को दी ट्रेनिंगप्रदेश ★कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने किया संबोधित

कांग्रेस ने डिजिटल सदस्यता अभियान को लेकर आई टी सोशल मीडिया और जिला प्रभारियों को दी ट्रेनिंग

★ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने किया संबोधित
भोपाल।  प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में आज प्रदेश कांग्रेस के आईटी एवं सोशल मीडिया विभाग के पदाधिकारियों और जिला प्रभारियों की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई।  बैठक में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवम  पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ जी ने उपस्थित पदाधिकारियों को सोशल मीडिया,  डिजिटल मीडिया तथा कांग्रेस की सदस्यता अभियान पर विशेष फोकस करते हुए गांव गांव तक कांग्रेस कार्यकर्ताओं को मजबूती प्रदान करने हेतु निर्देशित किया  । इस अवसर पर श्री नाथ ने कहा कि मंडलम, सेक्टर और बूथ में अधिक से अधिक कांग्रेस सदस्यता अभियान चलाएं। घर चलो,  घर घर चलो कार्यक्रम में तेजी लाएं, डिजिटल सदस्यता को ज्यादा महत्व दे।

बैठक में आईटी एवं सोशल मीडिया सेल के अध्यक्ष अभय तिवारी मंडलम सेक्टर के प्रभारी एनपी प्रजापति,  डिजिटल सदस्यता प्रभारी दीपक जॉन,  पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, विजय लक्ष्मी साधो, प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष संगठन प्रभारी चंद्रप्रभाष शेखर, उपाध्यक्ष प्रकाश जैन, महामंत्री राजीव सिंह, विधायक रवि जोशी सहित आईटी एवं सोशल मीडिया के पदाधिकारी और जिला प्रभारी उपस्थित थे।

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SAGAR : रेलवे फाटक बंद होते समय फंस गई कार और बाइक ..सामने से ट्रेन आ गयी, बड़ा हादसा टला★ खैरियत रही कि दूसरे ट्रेक से कोई ट्रेन नही निकली , वरना हादसा बड़ा होता #देखे वीडियो


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★ खैरियत रही कि दूसरे ट्रेक से कोई ट्रेन नही निकली , वरना हादसा बड़ा होता

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सागर। सागर - बीना रेल मार्ग पर एक बड़ा हादसा टल गया।  जिले के खुरई के खिमलासा रेलवे फाटक बंद होते समय एक कार व एक बाइक फाटक के एक ओर फस गई। धीरे धीरे फाटक बंद होने के कारण जल्दी निकलने कार और बाइक अंदर आ गयी और ट्रेन भी निकली। गनीमत रही की दूसरे रेलवे ट्रेक से कोई ट्रेन इस दौरान नही गुजरी वरना बड़ी घटना हो जाती। फाटक के पार खड़े लोगो की इस घटना को देख सांसे फूली रही। 

खुरई के खिमलासा रेलवे फाटक पर एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया। दरअसल शनिवार की रात रेलवे गेट नंबर 6 को पार करते समय एक कार और बाइक अंदर ही फस गई, सामने से ट्रेन आ गई। वहां खड़े लोग सकते में आ गए।



 प्रत्यक्षदर्शियों से मिली जानकारी के मुताबिक रात में खुरई के खिमलासा रेलवे गेट नंबर 6 बंद होने के लिए अलार्म दे रहा था और धीरे-धीरे बंद होता जा रहा था तभी कार वाले ने उसके नीचे से कार निकाल दी उसके साथ में एक बाइक चालक भी निकल गया लेकिन तब तक सामने वाला गेट लग गया और इस तरह से दोनों गेट बंद हो गए। एक सफेद रंग की कार और बाइक चालक रेलवे ट्रैक पर ही रुक गए। गेटमैन चाबी क्लियर कर चुका था। इसलिए वह गेट भी नहीं खोल सकता था। इस दौरान सामने से ट्रेन भी आ गई। 

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गनीमत यह रही कि ट्रेन दूसरे वाले ट्रेक पर आई नहीं तो किसी बड़ी घटना से इनकार नहीं किया जा सकता था। इसमें गेटमैन और वाहन चालको दोनों को ही लापरवाही सामने आ रही हैं। लोगों का कहना है कि ऐसी भी क्या जल्दी थी कि जान को जोखिम में डाल कर रेलवे फाटक क्रॉस कर रहे हैं। इस तरह की लापरवाही आए दिन रेलवे फाटकों पर देखने को मिलती हैं। लेकिन सबकों जल्दी जाने की रहती है भले ही बड़ी घटना क्यों न हो जाएं।
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