डाॅ.लक्ष्मी पाण्डेय साहित्य सरस्वती सम्मान से विभूषित
सागर . सरस्वती पुस्तकालय एवं वाचनालय ट्रस्ट द्वारा मंगलवार को संस्था के स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह में साहित्यकार डाॅ. लक्ष्मी पाण्डेय को साहित्य सरस्वती सम्मान से विभूशित किया गया। सम्मान में एक लाख रूपये, षाल श्रीफल और प्रषस्ति पत्र प्रदान किया गया। समारोह के मुख्य अतिथि सागर के विधायक षैलेन्द्र जैन और विषिश्ठ अतिथि पूर्व सांसद लक्ष्मीनारायण यादव थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता समाजवादी चिंतक रघु ठाकुर ने की। समारोह की षुरूआत मंे अतिथियों ने मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया इसके बाद सरस्वती वंदना की गयी। संस्था के सचिव षुकदेव प्रसाद तिवारी ने वाचनालय के इतिहास के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। संस्था के अध्यक्ष के.के. सिलाकारी ने पप्रषस्ति पत्र का वाचन किया। साहित्कार षरद सिंह ने डाॅ.लक्ष्मी पाण्डेय के जीवन परिचय पर विस्तार पूर्वक जानकारी दी। मुख्य अतिथि षैलेन्द्र जैन ने अपने संबोधन मंे सरस्वती वाचनालय ट्रस्ट के सदस्यों को बधाई दी जिन्होंने साहित्य के क्षेत्र में एक बडे़ सम्मान समारोह की षुरूआत की उन्होंने उपस्थित जन समूह से आह्वान किया की वे सागर में साहित्य जगत की गतिविधियों का बढ़ावा देने के लिए हर संभव सहयोग करें।
पूर्व सांसद लक्ष्मीनारायण यादव ने अपने संबोधन में कहा कि में लम्बे समय से इस वाचनालय में समाचार पत्रों के एक पाठक के रूप में जुड़ा रहा हूं इस संस्था ने ईमानदारी पूर्वक कार्य करते हुए षहर के लोगों को अपना ज्ञान बढ़ाने में सहयोग किया है उन्होंने स्वर्गीय राधेलाल माहेष्वरी का स्मरण करते हुए कहां कि उन्होंने इस संस्था को मजबूती से खड़ा करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए समाजवादी चिन्तक रघुठाकुर ने कहां कि समाज में पुस्तकालयों का महत्व बढ़ाया जाना चाहिए पुस्तकालय का ज्ञान प्रमाणिक है जो इतिहास की मजबूती पर आधारित है। वर्तममान दौर में मोबाइल पर आधारित ज्ञान प्रमाणिक नहीं है। देष को मजबूत बनाने के लिए भारतीय संस्कृति को मजबूत बनाना जरूरी है। वर्तमान षिक्षण व्यवस्था में समानता नहीं है।
व्यवस्था में बदलाब कर षिक्षा में समता लायी जाए तो सरस्वती, लक्ष्मी, दुर्बा भी मजबूत होगी। साहित्य सरस्वती सम्मान से सम्मानित डाॅ. लक्ष्मी पाण्डेय ने समाज में स्त्रियों को समानता का दर्जा दिलाने पर जोर दिया उन्होंने कहां कि महिलाओं को अभी भी पुरूशों की तुलना में कमजोर समझा जाता है। वाचनालय ट्रस्ट द्वारा सम्मानित किये जाने पर उन्होंने ट्रस्ट का आभार व्यक्त किया, उन्होंने कहां कि 30 वर्श पहले मै सागर आयी थी किन्तु यहां के लोगों ने मुझे इतना स्नेह दिया कि में स्वयं को कभी अकेला महसूस नहीं कर पायी। 30 वर्शो में 39 पुस्तकों की रचना मैने की जिससे मुझे राश्ट्रीय व अन्तर्राश्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली। कार्यक्रम का संचालन संस्था के सचिव षुकदेव प्रसाद तिवारी ने किया और आभार प्रदर्षन संस्था के अध्यक्ष के.के. सिलाकारी ने माना ।
समारोह में प्रमुख रूप से षरद सिंह, चंचला दवे, कविता षुक्ला, उमाकांत मिश्रा, गजाघर सागर, अषोक तिवारी, विनोद तिवारी,ऋशभ समैया, आर.के. तिवारी सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। उल्लेखनीय है कि साहित्य सरस्वती पत्रिका के आठ वर्श पूर्ण हो चुके है इस दौरान 32 अंक निकाले गये। इस पत्रिका के प्रकाषन की निरंतरता बनी हुई है। कोरोना काल में भी पत्रिका का कोई भी अंक अप्रकाषित नहीं रहा