फसलों को हुआ नुकसान ,किसान संगठन ने सौंपा ज्ञापन

फसलों को हुआ नुकसान ,किसान संगठन ने सौंपा ज्ञापन

सागर।  संयुक्त किसान मोर्चा एवं किसान संघर्ष समिति के जिला अध्यक्ष अभिनय श्रीवास एवं किसान श्रमिक जनशक्ति यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष संदीप ठाकुर एवं समस्त किसान साथियों द्वारा सागर कलेक्टर को किसानों की समस्या से जुड़े निम्न बिंदुओं का ज्ञापन सौंपा ।
जिनमे 1- क्षेत्र मैं हुई ओलावृष्टि और अतिवृष्टि के चना मसूर बेवड़ा अलसी में भारी बारिश के कारण फसलें नष्ट होने के कगार पर है तत्काल सर्वे एवं मुआवजा के लिए  ।
2- पटवारियों की लापरवाही से सम्मान निधि के लिए पात्र हितग्राही आज भी भटक रहे हैं उनकी कागज पोर्टल पर दर्ज नहीं हो रहे हैं सम्मान निधि से संबंधित अनगिनत समस्याओं के लिए|।              3- सोयाबीन का भाव अंतर गेहूं का बोनस कमलनाथ सरकार के द्वारा स्वीकृत 75 परसेंट सोयाबीन अतिवृष्टि राशि बकाया शिवराज जी सरकार द्वारा सोयाबीन अतिवृष्टि राशि के 30 परसेंट बकाया तत्काल खातों में डालने बाबत।    4- विशेष- 2020 एवं 2021 का बीमा जल्द किसानों के खाते में डालने के लिए।                              
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अधिकारी फसलों की क्षति का सही मूल्यांकन करें, कोई भी प्रभावित गांव सर्वे से न छूटे : केन्द्रीय राज्यमंत्री प्रह्लाद पटेल

अधिकारी फसलों की क्षति का सही मूल्यांकन करें, कोई भी प्रभावित गांव सर्वे से न छूटे : केन्द्रीय राज्यमंत्री प्रह्लाद पटेल

★ केन्द्रीय राज्यमंत्री श्री पटेल ने ग्राम मुहली और पटारी में ओलावृष्टि से प्रभावित हुई फसलों का जायजा लिया


सागर, 10 जनवरी 2022.
केन्द्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग एवं जलषक्ति राज्यमंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने जिले के शाहगढ़ और बण्डा तहसील के ग्रामों का भ्रमण किया। उन्होंने शाहगढ़ तहसील के ग्राम मुहली और बण्डा तहसील के ग्राम पटारी में ओलावृष्टि से प्रभावित हुई फसलों का जायजा लिया। राज्यमंत्री श्री पटेल ने ग्रामों में किसानों से चर्चा की और ओलावृष्टि से नुकसान के संबंध में जानकारी ली। किसानों ने बताया कि ओलावृष्टि से गेंहू, मसूर और चना की फसलों को बहुत नुकसान पहुंचा है।


उन्होंने अधिकारियों को निर्देष दिए कि ओलावृष्टि से प्रभावित कोई भी गांव सर्वें से न छूटे। प्रभावित हुई फसलों की क्षति का सही मूल्यांकन करें। जिससे कि किसानों को उचित मुआवजा मिल सके।  

उन्होंने कहा कि यह संतोषजनक है कि अधिकारी फील्ड पर मिले और नुकसान का सर्वे कर रहे है। इस दौरान एसडीएम सुश्री शषि मिश्रा, तहसीलदार श्री एलपी अहिरवार, श्री संजय दुबे और किसान मौजूद थे। 
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PWD विभाग के SDO को 20 हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया सागर लोकायुक्त पुलिस ने

PWD विभाग के SDO को 20 हजार की  रिश्वत लेते गिरफ्तार किया सागर लोकायुक्त पुलिस ने 


सागर। लोकायुक्त पुलिस सागर ने  की कार्यवाही  पीडब्लूडी विभाग के PIU में पदस्थ SDO को 20 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। SDO ने रनिंग बिलो के भुगतान के एवज में रिश्वत मांगी थी। 
लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक रामेश्वर यादव के अनुसार  आवेदक निलेश दिक्षित,उम्र 33 वर्ष  जिला सागर ने कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई थी। सागर एस.डी.ओ. PWD (piu )  मुलायम प्रसाद अहिरवार द्वारा आवेदक के इनडोर स्टेडियम खुरई व मालथोन  के रनिंग बिलो के भुगतान करने की एवज में 20,000 रु मांग रहा है । 
लोकायुक्त पुलिस DSP राजेश खेड़े ने  आज स्टाफ के साथ तहसीली परिसर सागर स्थित PWD कार्यालय में बीस हजार रुपये की रिश्वत लेते मुलायम अहिरवार को गिरफ्तार किया। 

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हटा: बच्चो के लिए कम्बलों,मास्क ओर खाद्य सामग्री

हटा: बच्चो के लिए कम्बलों,मास्क ओर खाद्य सामग्री

हटा।  हटा में एकलव्य वनवासी सेवाश्रम रामगोपाल जी मंदिर के पास जाकर बच्चो के लिए कम्बलों,मास्क ओर खाद्य सामग्री (1 तेल का जार और 10kg अरहर की दाल ) का वितरण कृष्णा महाविद्यालय परिवार हटा के सदस्य वैभव जैन और पंकज सिंह द्वारा किया गया ।। 
आप सभी भी सहयोग कर सकते है यहाँ अनाथ बच्चे निवासरत है जिनके पढ़ने लिखने से लेकर खाने पीने की सभी व्यवस्था जनसहयोग से बनाई जाती है ।।
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SAGAR : महंगाई को लेकर कांग्रेसका जन जागरण अभियान

SAGAR : महंगाई को लेकर कांग्रेसका जन जागरण अभियान

सागर । महंगाई को लेकर सागर के बरिया घाट में कांग्रेस पार्टी के जन जागरण अभियान के तहत अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के प्रशिक्षण समन्वयक और जन जागरण अभियान के संभागीय प्रभारी सुरेंद्र चौबे ने महिलाओं के स्व सहायता समूह की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि महंगाई हर घर की भीषण समस्या बन चुकी है जिसको लेकर महिलाओं को जागृत करने का कार्य स्व सहायता समूह कर सकते हैं  क्योंकि दैनिक उपयोग की वस्तुएं रसोई गैस सहित आम रोज उपयोग में आने वाली वस्तुओं सहित रोज उपयोग में आने वाली वस्तुओं के दाम आसमान छू रहे हैं यह कार महिलाएं बखूबी कर सकती हैं बैठक का संचालन युवक कांग्रेस अध्यक्ष नितिन चौधरी ने किया आभार कांग्रेसी नेता जमुना सोनी ने व्यक्त किया बैठक में गीता सोनी रंजना झा अनीता ठाकुर बांग्ला सोनी कंचन सोनी राधा सोनी रानी सोनी नीता नामदेव गीता सोनी उषा विश्वकर्मा किरण सोनी प्रभा सोनी संध्या सोनी दीपा सोनी पूजा नाम देव सुमन सोनी सहित बड़ी संख्या में महिलाओं की भागीदारी रही। 
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ओबीसी की खातिर सरकार को दो बार दाॅव पर लगायाः भूपेन्द्र सिंह ★ मंत्री भूपेन्द्र सिंह पिछड़ा वर्ग गौरव सम्मान से सम्मानित

ओबीसी की खातिर सरकार को दो बार दाॅव पर लगायाः भूपेन्द्र सिंह

★ मंत्री भूपेन्द्र सिंह पिछड़ा वर्ग गौरव सम्मान से सम्मानित

सागर। धर्मश्री स्थित जिला भाजपा कार्यालय में पिछड़ा वर्ग प्रबुद्धजन संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में मुख्य अतिथि केबीनेट मंत्री मान. भूपेन्द्र सिंह जी रहे एवं सांसद श्री राजबहादुर ंिसंह, विधायक श्री शैलेन्द्र जैन, भाजपा जिला अध्यक्ष श्री गौरव सिरोठिया, भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा जिला अध्यक्ष श्री लक्ष्मण सिंह मुख्य रूप से उपस्थित रहे। अतिथियों द्वारा पं. दीनदयाल उपाध्याय, डाॅ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी, कुशाभाउ ठाकरे जी के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवल कर संगोष्ठी का शुभारंभ किया गया। 
तत्पश्चात् पिछड़ा वर्ग प्रबुद्धजनों द्वारा पिछड़ा वर्ग को न्याय दिलाने के लिए लगातार संघर्षरत कैबिनेट मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह जी को पिछड़ा वर्ग गौरव सम्मान से सम्मानित किया। संगोष्ठी में विचार रखते हुये भाजपा जिला अध्यक्ष श्री गौरव सिरोठिया ने कहा कि मान. प्रधानमंत्री नरेन्द मोदी जी एवं मुख्यमंत्री मान. शिवराज सिंह चैहान जी के नेतृत्व में भाजपा की सरकार पिछड़े और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के कल्याण के लिये संकल्पित है भाजपा कभी भी आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के साथ अन्याय नहीं होने देगी। 
सांसद श्री राजबहादुर सिंह ने कहा कि पंचायत चुनाव को लेकर कांग्रेस के नेताओं की नकारात्मक भूमिका ने यह स्पष्ट कर दिया है कि कांग्रेस योजनाबद्ध तरीके से पिछड़ा वर्ग समाज के विरुद्ध षड्यंत्र कर रही है। पहले नौकरियों में आरक्षण को लेकर और अब पंचायत चुनाव के बहाने आर्थिक, सामाजिक और राजनैतिक पटल पर पिछड़ा वर्ग को नुकसान पहुंचाने का काम कांग्रेस ने किया है। 
मुख्य अतिथि केबीनेट मंत्री मान.भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि भाजपा पिछड़ा वर्ग की प्रबुद्धजन संगोष्ठी को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि न्यायापालिका का पूरा सम्मान करते हुए मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार ने ओबीसी की खातिर दो बार स्वयं को दाव पर लगाया है। प्रदेश सरकार ने उच्च न्यायालय के आदेश का पालन करते हुए तीन विषयों को अलग रखकर शेष सरकारी भर्तियों में ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया। इसी तरह पंचायत चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेष का पालन पंच किया। साथ ही ओबीसी को पंचायत चुनाव में प्रतिनिधित्व मिले, इसके लिए प्रदेश सरकार ने अपना अध्यादेश ही वापस ले लिया।
मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि, आज की संगोष्ठी में मुख्य रूप से 2 विषय हैं, एक विषय यह है कि, चाहे पंचायत चुनाव हों या नगरीय निकाय चुनाव हों इनमें पिछड़ा वर्ग को आरक्षण मिले। दूसरा यह है कि, पिछड़ा वर्ग के जो छात्र-छात्राएं है इनको शासकीय नौकरियों, परीक्षाओं में 27 प्रतिशत आरक्षण मिले। हम सब इस बात को भी जानते हैं कि, भारतीय जनता पार्टी सामाजिक समरसता के साथ चलने वाली पार्टी है। सबके साथ न्याय हो, सबका साथ हो सबका विकास हो, सबका विश्वास हो इस सबको ध्यान में रखकर भारतीय जनता पार्टी काम करती है। 
देश में पहली बार जो सामान्य वर्ग में जो गरीब हैं, उन गरीबों को देश में पहली बार 10 प्रतिशत आरक्षण देने का काम अगर किसी ने किया तो वह भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने कानून बनाकर किया है। 

     मंत्री श्री सिंह ने कहा कि, नीट की परीक्षा में हमारे ई.डब्ल्यू.एस. या सामान्य वर्ग के निर्धन लोग हैं उनको 10 प्रतिशत का आरक्षण और ओबीसी को 27 प्रतिशत का आरक्षण देने का निर्णय हमारी केन्द्र सरकार ने लिया था। उस निर्णय को सुप्रीम कोर्ट ने सही माना है। मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि, इन दोनों विषय को लेकर कांग्रेस ने एक भ्रम का वातावरण फैलाने का प्रयास मध्यप्रदेश में किया है।  चार दिसम्बर को ओबीसी का नोटिफिकेशन जारी हुआ और 14 दिसम्बर से पंचायत चुनाव की प्रक्रिया भी प्रारंभ हो गई। और उसमें ओबीसी को 27 प्रतिशत का आरक्षण था। इसी बीच कांगे्रस ने यह प्रयास किया, षड़यंत्र किया कि, किसी भी तरह से पंचायत के चुनाव न हो पाएं।  कांग्रेस ने हाईकोर्ट में रिट लगाई कि पंचायत चुनाव स्थगित किए जाएं। हाईकोर्ट ने इनकी याचिका को अमान्य कर दिया। हाईकोर्ट ने इस पर कहा कि पंचायत के चुनाव नियमानुसार हो रहे हैं। उसके बाद इन लोगों ने फिर याचिका लगाई और इस तरह से 5 बार हाईकोर्ट में याचिका लगाई। और पांचों बार हाईकोर्ट ने इनकी याचिका को निरस्त किया। 
मंत्री श्री सिंह ने कहा कि, जब पांचों बार इनकी याचिका निरस्त किया गया तो ये सुप्रीम कोर्ट गए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, यह हाईकोर्ट का क्षेत्राधिकार है, और हाईकोर्ट इसकी सुनवाई करके जल्दी निराकरण करे। ये फिर हाईकोर्ट गए और हाईकोर्ट ने सुनवाई के लिए 10 दिन की डेट बढ़ा दी। इनको लगा कि जब तक पंचायत के चुनाव हो जाएंगे। काफी कुछ प्रक्रिया पूरी हा जाएगी। ये फिर सुप्रीम कोर्ट गए और जब दोबारा सुप्रीम कोर्ट गए तो जब सुप्रीम कोर्ट नहीं माना तो अधिवक्ता श्री विवेक तनखा ने सुप्रीम कोर्ट में ये दलील दी कि, महाराष्ट्र के गवली केस में ये निर्णय हुआ है, इसलिए गवली केस को उदाहरण मानकर मध्यप्रदेश में भी ओबीसी को आरक्षण न दिया जाए और इसको स्टे कर दिया जाए। 
तब श्री विवेक तनखा की दलील मानते हुए, को मानते हुए महाराष्ट्र को आधार बनाकर पिछड़ा वर्ग का आरक्षण सुप्रीम कोर्ट ने समाप्त कर दिया। अब अगर इन परिस्थतियों में चुनाव होते तो पिछड़ा वर्ग के सारे लोग पंचायत चुनाव से वंचित हो जाते। और यही प्रक्रिया अगर नगर पालिका के चुनाव मे होती न पंचायत के चुनाव में पिछड़ा वर्ग को आरक्षण मिल पाता और न ही नगरीय निकाय के चुनाव में पिछड़ा वर्ग को आरक्षण मिल पाता। 

     तब सरकार ने रास्ता निकाला और हम मुख्यमंत्री जी का धन्यवाद करेंगे कि, केबिनेट से हम लोगों ने वो आर्डिनेंस वापिस लिया, जिस आर्डिनेंस के आधार पर चुनाव हो रहे थे। चुनाव रोकने का एक ही तरीका था कि सरकार आपना आर्डिनेंस विड्रा कर ले तो चुनाव रूक जाएंगे। और चुनाव रूक जाएंगे तो ओबीसी को आगे चलके आरक्षण का लाभ मिल जाएगा। चुनाव निरस्त होने के बाद हम लोग सुप्रीम कोर्ट गए हमने याचिका दायर की है कि मध्यप्रदेश में चूंकि ओबीसी के आबादी 52 से 60 प्रतिशत के बीच है। ओबीसी समाज हमारा आर्थिक, शैक्षणिक, राजनैतिक रूप से पिछड़ा हुआ है। ओबीसी समाज को 27 प्रतिशत आरक्षण मिलना चाहिए ये मध्यप्रदेश सरकार का मत है। सुप्रीम कोर्ट ने हमारी याचिका का स्वीकार किया है और आने वाली 17 जनवरी को इस पर सुनवाई होगी। 

     मध्यप्रदेश के एक अभिभावक के रूप में सुप्रीम कोर्ट में केन्द्र सरकार ने भी इस बात को कहा है कि मध्यप्रदेश में ओबीसी की जनसंख्या ज्यादा है, और इसलिए ओबीसी का अध्ययन करने के लिए ओबीसी की आर्थिक, सामाजिक, शैक्षणिक स्थिति का पता करने के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने ओबीसी का आयोग भी बनाया है। जिसको संवैधानिक आयोग का दर्जा है। केन्द्र सरकार ने कहा है, जिसमें हम सुप्रीम कोर्ट में ये सारे तथ्य रख सकें इसके लिए हमे समय दिया जाए। ऐसी यचिका सुप्रीम कोर्ट में केन्द्र सरकार की तरफ से लगाई गई है। उस पर भी 17 जनवरी को सुनवाई होगी। और मुझे उम्मीद है कि जिस तरह से सरकार, पार्टी ने प्रयास किया है उस तरह से हमारे ओबीसी वर्ग को न्याय मिलेगा। 

     मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि, सरकारी नौकरियों में ओबीसी आरक्षण का विधेयक कांग्रेस के लोग इतनी जल्दबाजी में लेके आए कि, विधेयक में यह लिख दिया कि मध्यप्रदेश में 27 प्रतिशत आबादी ओबीसी की है, जबकि यह आबादी 52 से 70 फीसदी तक है। कांग्रेस की इस चूक से यह स्पष्ट हो गया कि उनकी मंशा ओबीसी को आरक्षण देने की नहीं है बल्कि मामले को कोर्ट में उल्झाने की है। हाईकोर्ट में जब याचिका लगी तब तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने अपने एव्होकेट जनरल को हाईकोर्ट में खड़ा नहीं किया। पेशियों पर उनके अधिवक्ता उपस्थित नहीं होते थे। 

     श्री सिंह ने कहा कि, हमारी सरकार जैसे ही बनी तब इस मामले में पहली ही पेशी में सरकार के एडव्होकेट जनरल पुष्पेन्द्र कौरव ने हाईकोर्ट में यह कहा कि हमारी सरकार ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण देना चाहती है। केन्द्र सरकार के सालिसिटर जनरल तुषार मेहता जी को इस प्रकरण में वर्चुअली हाईकोर्ट में प्रस्तुत किया। जिन्होंने पैरवी की कि, 27 प्रतिशत आरक्षण ओबीसी को मिलना चाहिए। इस पर भी हाईकोर्ट ने स्टे खत्म नहीं किया तब हमारी सरकार ने अधिवक्ताओं से मिलकर एक रास्ता निकाला कि, यह स्टे सिर्फ तीन परीक्षाओं के मामले में ही है, अन्य सभी सरकारी नौकरियों में ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण देने का रास्ता अब भी निकाला जा सकता है। सरकार ने रिस्क उठाकर यह रास्ता निकाला और तीन परीक्षाओं को छोड़कर सरकारी नौकरियों में ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण देने का काम जारी रखा। दूसरा बड़ी रिस्क मध्यप्रदेश सरकार ने तब उठाई जब पंचायत चुनाव संबंधी अध्यादेश को ही वापस ले लिया। 

     मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस ओबीसी समाज को बांटने का काम कर रही है और समाज में जहर घोलने का काम कर रही है। भोपाल में पिछले दिनों जिस तरह से ओबीसी समाज के नाम पर कांग्रेस ने कुछ संगठनों को इकट्ठा किया उनमें भीम आर्मी सेना और जयस जैसे संगठन भी शामिल थे। एस.टी और एस.सी. की राजनीति करने वाले इन संगठनों का ओबीसी आरक्षण के जमावड़े में आखिर क्या भूमिका थी ! साफ है कि, कांग्रेस कुछ संगठनों को आगे करके अपना कुत्सित राजनैतिक खेल खेल रही है। जिसके तहत समाज को बांटा जा रहा है और जहर घोला जा रहा है। मंत्री श्री सिंह ने संगोष्ठी में उपस्थित प्रबुद्धजनों को आगाह किया कि कांग्रेस के ये डमी ओबीसी संगठन हमारे सामने हमारे जैसी बात करते हैं, और फिर वैसा ही करते हैं जैसा कांग्रेस उन्हें कहती है। उन्होंने कहा कि हमारा ओबीसी वर्ग कांग्रेस का मोहरा बनने से बचे यह वर्ग भाजपा का प्रतिबद्ध मतदाता वर्ग रहा है। भाजपा के साथ मिलकर हम ओबीसी के लिए न्याय के लिए आगे बढ़ेंगे। जरूरत होगी तो हम अपने ओबीसी संगठन बनाएंगे, लेकिन उन 15-20 संगठनों से दूरी बनाकर रखेंगे जो कांग्रेस के राजनैतिक एजेंडे पर अपना खेल खेल रहे हैं।
सागर विधायक श्री शैलेन्द्र जैन  ने कहा कि पिछड़ा वर्ग सदैव भारतीय जनता पार्टी के साथ रहा है एवं आगे भी रहेगा। भारतीय जनता पार्टी सदैव से ही पिछड़ा वर्ग एवं आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के कल्याण के लिये संकल्पित है। लगातार ही कांग्रेस विभिन्न षड़यंत्रो के माध्यम से पिछड़ा वर्ग के कल्याण एवं विकास में अवरोध उत्पन्न कर रही है। परंतु भाजपा पिछड़ा वर्ग के सर्वांगीढ़ विकास के लिये संकल्पित है और आज हम सभी संगोष्ठी का संचालन भाजपा जिला उपाध्यक्ष श्री लक्ष्मण सिंह ने किया एवं आभार पिछड़ा वर्ग मोर्चा जिला अध्यक्ष लक्ष्मण सिंह सिलारपुर ने व्यक्त किया।
संगोष्ठी में प्रमुख रूप से नारायण प्रसाद कबीरपंथी, लालू घोषी, बसंत घोषी, हरिराम सिंह, प्रेम यादव, इ्र्र्रश्वर प्रसाद साहू, माखनलाल सोनी, राजकुमार नामदेव, गौरीशंकर दक्ष, तृप्ति लोधी, अशोक रैकवार, वीरेन्द्र पटैल, कैलाश चैरसिया, जगन्नाथ गुरैया, रामेश्वर नामदेव, सुषमा यादव, सविता साहू, विक्रम सोनी, बालकृष्ण सोनी, राजेश्वर सेन, आनंद विश्वकर्मा, राहुल साहू, नरेश यादव, याकृति जड़िया, बलराम घोषी, प्रभुदयाल साहू, जुगल प्रजापति, राजेश ठाकुर, निमिष जड़िया, ईश्वर साहू, बेनीप्रसाद साहू, नितिन साहू, कैलाश चैरसिया, संजीव चैरसिया, राजेन्द्र नामदेव, विनोद रैकवार, दीप्ति रैकवार, मनोज रैकवार, सुनीता रैकवार, रज्जू रैकवार, विनोद प्रजापति, उमेश दक्ष, अर्जुन पटैल, राजकुमार पटैल, दुर्गा पटैल, मक्खन साहू, सोनू सोनी, जय सोनी, अंकित विश्वकर्मा, नीरज चैरसिया, श्रीकांत सेन, बसंत सोनी, राजेन्द्र घोषी, अरविंद घोषी, दशरथ मालवीय, सुरेश जाट, प्रेमनारायण यादव, आबिद पठान सहित बड़ी संख्या में प्रबुद्धजन एवं भाजपा पदाधिकारी कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
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OBC व आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग के साथ भाजपा कभी भी अन्याय नहीं होने देगी: मंत्री भूपेन्द्र सिंह

OBC व आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग के साथ भाजपा कभी भी अन्याय नहीं होने देगी: मंत्री भूपेन्द्र सिंह 

सागर। धर्मश्री स्थित जिला भाजपा कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुये केबीनेट मंत्री  भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग (ईडब्ल्यूएस) को 10 प्रतिशत आरक्षण के कोटे को बरकरार रखकर इन वर्गों के लिए भारतीय जनता पार्टी की सोच और नीति पर मुहर लगाई है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने नीट के ऑल इंडिया कोटे में ओबीसी को 27 प्रतिशत तथा सामान्य गरीब वर्ग को 10 प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय किया था। इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने सही ठहराया है।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने नीट के ऑल इंडिया कोटे में ओबीसी को 27 प्रतिशत तथा सामान्य गरीब वर्ग को 10 प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय किया था। इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने सही ठहराया है। कोर्ट का यह निर्णय उन सभी के मुंह पर तमाचा है, जो ओबीसी तथा सामान्य निर्धन वर्ग की विरोधी पार्टी बता कर उसके खिलाफ गलत प्रचार करते आये हैं।
उन्होंने कहा कि बीजेपी की सरकार और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी पिछड़े और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के कल्याण के लिए संकल्पित हैं। पिछड़े वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग के लोगों के साथ भाजपा कभी भी अन्याय नहीं होने देगी। केंद्र सरकार ने ओबीसी वर्ग को 27रू आरक्षण और आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग को 10रू आरक्षण सुनिश्चित किया था, लेकिन ओबीसी तथा आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग के विरोधी इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में चले गए। 
श्री सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में पूरी ताकत तथा तथ्यों के साथ अपना पक्ष रखा। इस निर्णय के बाद मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान की इस दलील को और बल मिला है कि राज्य में पिछड़े वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया जाना चाहिए। पंचायत चुनाव में ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण के लिए केंद्र और मध्यप्रदेश सरकार ने अलग-अलग रिव्यू पिटीशन पहले ही दायर की हैं। इस आरक्षण के पक्ष में दोनों ही सरकार पूरी ताकत से अपना पक्ष वहा रख रही हैं।
रोटेशन की प्रक्रिया थी उसका पालन करते हुये हमारी सरकार ने राज्य निर्वाचन आयोग से आग्रह किया कि चुनाव कराये जायें, हमने इस पर अध्यादेश भी जारी किया, अध्यादेश जारी करने का अधिकार सरकार को है। जब आपकी सरकार थी तब आपने भी 1200 नई पंचायतें बनाई 500 पुरानी पंचायतें आपने खत्म कर दीं, रोटेशन भी आपने अपने मनमाने तरीके से किया, हम चाहते तो यह सब हम भी कर सकते थे।
मंत्री ने कहा कि हम चाहते थे चुनाव जल्दी हो और इसलिये हमने रास्ता निकाला और रास्ता निकालकर पंचायत चुनाव की प्रक्रिया प्रारंभ हुई, राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत की प्रक्रिया आरंभ की चुनाव शुरू हो गये और जैसे ही चुनाव की प्रक्रिया प्रारंभ हुई वैसे ही पहले दिन से कांग्रेस ने यह प्रयास करना शुरू कर दिया कि किसी भी तरह से पंचायत के चुनाव रोके जायें और पंचायत के चुनाव रोके जायें इसके लिये कांग्रेस पार्टी के लोग 5 बार उच्च न्यायालय जबलपुर गये, मैं पांचों बार के नाम आपको पढ़ देता हूं।

ये नाम पढ़े मंत्री ने

यह माननीय अध्यक्ष महोदय, कांग्रेस पार्टी की तरफ से...  ओबीसी आरक्षण के विरोध में जितनी भी याचिकायें प्रस्तुत की गई सारे के सारे कांग्रेस पार्टी के लोग हैं। पहली याचिका कमांक है डब्ल्यू.पी.सी.-13512021 कांग्रेस की नेत्री, जया ठाकुर, पत्नी वरूण ठाकुर निवासी छिन्दवाड़ा। दूसरे जो याचिकाकर्ता है जबर सैय्यद तनय मुन्ना खान, दिनांक 11.12. 2021, इन्होंने पंचायत चुनाव के लिये जो कांग्रेस के प्रवक्ता हैं, इन्होंने ओबीसी आरक्षण के खिलाफ चुनौती दी।
जो कांग्रेस से राज्यसभा के माननीय सांसद हैं और वरिष्ठ अधिवक्ता हैं श्री विवेक तन्खा जी. तन्खा जी ने दिनांक 29.11.2021 को हाई कोर्ट जबलपुर में ओबीसी आरक्षण के विरोध में यात्रिका कमांक डब्ल्यू.पी.सी.-26440
याचिका क्रमांक 26440221 दाखिल की गई, जिसकी सुनवाई होईकोर्ट में दिनांक 09.12.2021 को विस्तृत सुनवाई हुई। माननीय हाईकोर्ट जबलपुर ने पंचायतों के आरक्षण एवं निर्वाचन प्रक्रिया में दखल देने से साफ इंकार कर दिया।
दिनांक 09.12.2021 को आदेश हाईकोर्ट द्वारा याचिका कमांक 2644821 से संबद्ध अन्य 25 याचिकाएं जो लगी थीं उनके भी लागू किया गया। यह सारी याचिकाएं हाईकोर्ट ने निरस्त कर दी। हाईकोर्ट जबलपुर द्वारा किसी भी याचिका में पंचायत निर्वाचन में आरक्षण के बिंदु पर दखल देने से साफ इंकार कर दिया था। उसके आगे देखिये, जब जबलपुर हाईकोर्ट ने इसमें इंकार कर दिया तो फिर जबरपुर हाईकोर्ट के दिनोंक 09.12.2021 के आदेश के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई गई और एस.एल.पी.सी. 2734ध्2021 दाखिल की गई। जिसमें सुनवाई दिनांक 15.12.2021 को करते हुए माननीय सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यदि प्रकरण में कोई अजेंसी हो तो हाईकोर्ट जबलपुर में दिनांक 26.12.2021 को अनुरोध कर सकते हैं, आप जबलपुर हाईकोर्ट जा सकते हैं, हाईकोर्ट अंतरित आदेश के राहत के बिंदु पर सुनवाई कर सकती है। यह सुप्रीम कोर्ट ने कहा और यह भी कहा कि यह जबलपुर में विचाराधीन है, परंतु उसके बाद दिनांक 1 को श्री विवेक कृष्ण तन्खा जी और उनके सहायक श्री शशांक शेखर जी ने हाईकोर्ट में उक्त प्रकरण की त्वरित सुनवाई हेतु निवेदन किया। हाईकोर्ट की मुख्य पीठ ने अस्वीकार करते हुए कहा कि उक्त प्रकरण में कोई अर्जेंसी प्रतीत नहीं होती है। शीतकालीन अवकाश के बाद सुनवाई करेंगे। तब कांग्रेस की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में याचिका कमांक एस.एल.पी 2734ध्2021 में आवेदन क्रमांक 31495 ध् 2021 दाखिल करके दिनांक 17.12.2021 को अर्जेंट सुनवाई करवाई गई और कांग्रेस के सांसद श्री तन्खा जी ने यह जानते हुए कि महाराष्ट्र राज्य के प्रकरणों से मध्यप्रदेश के प्रकरण समान नहीं है फिर भी उन्होंने पूर्व पारित निर्णयों का हवाला देते हुए महाराष्ट्र के गवली केस का हवाला दिया।
चुनाव में ओबीसी का जो आरक्षण समाप्त कराया है इसके लिए 100 प्रतिशत कांग्रेस पार्टी जिम्मेदार है और यह तन्खा जी हम लोगों को धमकी दे रहे हैं. कांग्रेस के लोग कि 10 करोड़ का नोटिस देंगे। अरे आपने 10 पीढ़ियां बर्बाद कर दी 10 करोड़ के उस नोटिस से उसकी भरपाई नहीं हो पाएगी।
सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका इसी संकल्प को पूरा करने की दिशा में एक और कदम है। मुख्यमंत्री जी ने विधानसभा में कहा था कि बिना ओबीसी आरक्षण के पंचायत चुनाव नहीं होंगे। उन्होंने ऐसा ही किया।
        विधानसभा में ही मुख्यमंत्री जी ने यह भी कहा था कि इस आरक्षण के लिए केंद्र सरकार की सहायता से न्यायालय में और मजबूती के साथ पक्ष रखा जाएगा। अब यह भी कर दिया गया है। कांग्रेस सांसद विवेक तनखा ने सुप्रीम कोर्ट में इस आरक्षण का विरोध किया था, तब कांग्रेस ने उन्हें ऐसा करने से क्यों नहीं रोका? तनखा जी ने बैवजह सुप्रीम कोर्ट में महाराष्ट्र के गवली प्रकरण का हवाला दिया। इसके चलते सुप्रीम कोर्ट ने पंचायत चुनाव में ओबीसी के आरक्षण पर रोक लगा दी। कांग्रेस ने क्यों नहीं इसके लिए रिव्यू पिटीशन दायर की।
पत्रकारवार्ता का संचालन संभागीय मीडिया प्रभारी प्रदीप राजौरिया ने किया एवं आभारी श्रीकांत जैन ने व्यक्त किया।पत्रकारवार्ता में सांसद श्री राजबहादुर सिंह जी, विधायक श्री शैलेन्द्र जैन जी, जिला अध्यक्ष श्री गौरव सिरोठिया जी, संभागीय मीडिया प्रभारी श्री प्रदीप राजौरिया जी, जिला मीडिया प्रभारी श्री श्रीकांत जैन उपस्थित रहे।
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डॉ संजीव सराफ अध्ययन मंडल में नामित

डॉ संजीव सराफ अध्ययन मंडल में नामित

सागर। सागर मूल के डॉ हरीसिंह गौर विश्विद्यालय के पूरा छात्र और  काशी हिन्दू विश्विद्यालय के डिप्टी लाइब्रेरियन डॉ  संजीव सराफ को बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर सामाजिक विज्ञान विश्विद्यालय महू इंदौर मध्य प्रदेश की अहिंसा, सोहाद्र और जैन विरासत पीठ के अध्ययन मंडल का सदस्य नामित किया गया हैं। उनका कार्यकाल तीन वर्ष का होगा। जीवन मूल्यों के लिए देश भर की एकमात्र इस पीठ द्वारा प्रस्तावित पाठ्क्रम के निर्माण मे आप विषय विशेषज्ञ के रूप में अपनी सहभागिता निभाएगें। डॉ सराफ जैन धर्म के शोध के लिए समर्पित तीर्थंकर ऋषभ देव जैन विदत महासंघ के प्रचार मंत्री भी हैं। आपने जैन लाइब्रेरीज़ के लिए अंतरराष्ट्रीय डी डी सी को आधार बनाकर  क्लासिफिकेशन स्कीम भी बनाई हैं।
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