नगरीय विकास मंत्री भूपेन्द्र सिंह दिल्ली में मुख्यमंत्री परिषद की बैठक में देंगे प्रजेन्टेशन

नगरीय विकास मंत्री भूपेन्द्र सिंह दिल्ली में मुख्यमंत्री परिषद की बैठक में देंगे प्रजेन्टेशन

सागर। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह 3 जनवरी को नई दिल्ली में मुख्यमंत्री परिषद की बैठक में शामिल होंगे। मंत्री सिंह चीफ मिनिस्टर कॉन्कलेव में राज्य के लिये निर्धारित 28 सूत्रीय प्वाइंट के संबंध में मध्यप्रदेश में की गई कार्यवाही एवं एक्शन प्लान का प्रजेन्टेशन देंगे।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह को मुख्यमंत्री परिषद की बैठक में शामिल होने के लिए नामित किया है।
मंत्री श्री सिंह नई दिल्ली में 3 जनवरी को सुबह 11 बजे जन-प्रतिनिधियों से भेंट करेंगे और 3 बजे मुख्यमंत्री परिषद की बैठक में शामिल होंगे। 
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सागर की तरह बेबस नहीं नदियों,झरनों की तरह बनो: नागर जी ★ गीता पाठ के साथ श्रीमद् भागवत कथा की पूर्णाहुति समापन


सागर की तरह बेबस नहीं नदियों,झरनों की तरह बनो: नागर जी
 
★ गीता पाठ के साथ श्रीमद् भागवत कथा की पूर्णाहुति समापन 


सागर| सागर में रहने वाले सागर से ही शुरू होते हैं| सागर का फैलाव तो करोड़ों कोस है लेकिन उसकी बेबसी है, जो वह किसी से कह नहीं सकता ।सागर की बेबसी यह है कि वह सब कुछ कर सकता है, लेकिन बह नहीं सकता। इससे तो लाख अच्छी नदियां और झरने हैं ,जो हिंदुस्तान की यात्रा तो करते हैं फिर चाहे वह भले ही सागर में समा जाए। उक्त अमृतमयी वचन संत कमल किशोर नागर जी ने पटकुई बरारू  वृंदावन धाम में श्रीमद् ज्ञानगंगा भागवत कथा की पूर्णाहुति के अवसर पर श्रद्धालुओं के समक्ष व्यक्त किए ।
श्रीमद् ज्ञानगंगा भागवत कथा सप्ताह के अंतिम दिवस कथा वाचक पं. कमल किशोर नागर जी ने कहा कि कथा यजमान ने  श्रद्धा भाव से जो पुरुषार्थ किया है  भुलाया नहीं जा सकेगा।  हमें हमेशा ध्यान रखना है कि छोटी सी व्यवस्था से संतुष्ट रहना है ।यदि विस्तार कर दिया तो सागर की तरह कर सकते हो, लेकिन फिर अव्यवस्था होती है ।ध्यान रखो कि सागर भी नदी, झरना की तरह बनना चाहता है  ,ताकि बह सके । सागर भी  तैयार होकर उठता है बहने के लिए, निकलता है लेकिन किनारे से टकराकर वापस लौट जाता है। सागर की बेबसी को समझ कर आप भी नदी, झरने की तरह बनो और धर्म कर्म की राह पर बहने का प्रयास करो। सत्कर्म के मार्ग पर चलोगे  तो नदी, झरने की तरह दूसरों के काम आओगे और खुद का भी उदधार करोगे।

धर्म के लिए घर से निकलो:-

 संत श्री नागर जी ने कहा कि लोग परिवार से बंधे हैं। धन दौलत ,जमीन, जायदाद के चक्कर में उलझे हैं ।धन कमाने की लालसा उतनी है कि उसमें ही सुख तलाशा जा रहा है ।जो सुख पाने के चक्कर में लगा रहा और धर्म सत्कर्म ध्यान में मन नहीं लगा, तो उसे आखिर में दुख अवश्य उठाना पड़ेगा। धर्म के लिए घर से बाहर निकलो और आग लगा दो ऐसी प्रॉपर्टी, संपत्ति को जो अपनी रक्षा के लिए आपको रोकती है। संत श्री ने कहा कि आजकल सबसे बड़ी समस्या है सुख के पीछे भागना, धन के पीछे भागना ।धन तो एक नर्तकी भी कमा लेती है। धन कमाओ तो दान पुण्य भी कमाते चलो। अंत समय में दुख नहीं सहना पड़ेगा और आराम से सद्गति मिलेगी।

समस्या पाने  की नहीं, छोड़ने की है:-

 संत श्री नागर जी ने कहा कि वर्तमान में समस्या कोई चीज पाने की नहीं बल्कि किसी का त्याग करने की है। जो आपाधापी में लगे रहे और उस पृथ्वी पर कीमती सामान छोड़ गए ,उन्हें फिर वापस आना पड़ेगा और जो झोपड़ पट्टी में रहे, भगवान में ध्यान लगाया ,ना कुछ लाए ना ले गए ,उन्हें लौटना नहीं है। यह युग  भी हल्का है और लोग की सोच भी हल्की है। हम खाए जा रहे हैं लेकिन त्यागने की इच्छा नहीं है ।जिस तरह भोजन ग्रहण करते हो, पेट में संग्रह करते हो और यदि अचानक मल के रूप त्यागने की बारी आ जाए तो व्यवस्थाएं जैसे लोटा ,एकांत जगह आदि तलाश लेते है। संग्रह के बारे में नहीं सोचा लेकिन त्यागने के बारे में कितना सोचना पड़ा।  व्यवस्थाएं करना पड़ी। ,इसलिए कोई भी वस्तु संग्रह करने के पहले उसके त्यागने पर ध्यान दो, त्याग करके भगवान के भजन में मन लगाओ तो जीवन तर जाएगा।

भजन करो तो देश के लिए आत्मा के लिए:-

संत श्री नागर  जी ने कहा कि हमेशा भजन करो तो यह ध्यान रखो कि अपने देश के लिए कर रहे हो। मेरा भारत महान बने ऐसी कामना रखो। भजन अपनी सीमा पर देश की रक्षा के लिए लगे जवानों के लिए करो ,ताकि वह यश कीर्ति प्राप्त करके लौटे और भारत का गौरव बढ़ाएं। भजन गाय के लिए करो और ऐसी भावना हो कि भारत में भी ऐसा सूर्य कभी निकले कि उस दिन एक भी गौ माता ना काटी जाए। भजन धर्म के लिए करो, यदि इस धरती पर धर्म रहेगा, सत्कर्म रहेंगे, तो सब जगह  सुख शांति समृद्धि होगी। आखिर में भजन अपनी आत्मा के लिए करो, इसलिए कि वह पवित्र रहे। धन की नहीं ,ईश्वर की लालसा आत्मा से निकले।ईश्वर से सदैव यही कामना करना कि मेरा देश और मेरी काया कभी पराधीन ना हो। भक्ति और भजन करोगे तो यह सब करने वाला भी ऊपर बैठा है, वह है गोविंद ।

पाषाण में ही परमात्मा का निवास:-

रुक्मणी ने दुर्गा के  रूप में मूर्ति की पूजा की थी तब उन्हें भगवान मिले। मूर्ति भले ही पाषाण की हो, लेकिन उसमें निवास भगवान का ही होता है। पाषाण में भगवान का नाम होता है ,इसलिए उसे पूजा जाता है। भगवान राम का नाम लिखकर, जब पत्थर पानी में तैरने लगे तो, मनुष्य भी राम का नाम लेकर इस बैतरणी  रूपी सागर को पार कर सकता है।

आखिर में 108 ही काम आएगी:-

 संत श्री ने कहा कि माला टांगने के लिए नहीं, फेरने की चीज है ।यदि माला टांग दी जाए तो आपकी जिंदगी भी टंगी रह जाएगी ।माला में 108 मनके रहते हैं और इससे जाप करने से हरि मिलते हैं। आजकल तो शासन ने भी 108 एंबुलेंस की व्यवस्था कर रखी है। इसको समझो जब आप किसी दुर्घटना या शारीरिक क्षति के शिकार होते हो ,तो 108 को फोन लगाते हो। वह तत्काल आकर आपको मुकाम तक पहुंचा देती है।  इसी तरह 108 मनकों की माला फेरोगे तो शासन की 108 की जरूरत नहीं पड़ेगी । ध्रुव ,प्रहलाद ने भी जप किया कष्ट के समय भगवान खड़े नजर आए । जाप करोगे तो भगवान अवश्य आएंगे ।करोड़ों की गाड़ी चलाने वाले गाड़ी में लगे 4 फुगगो की सुरक्षा के भरोसे हैं ,और जब गाड़ी ठुकती है तो 108 ही नजर आती है ।जीवन में माला के 108 मनको को अपनाओगे तो फिर भगवान से साक्षात्कार होगा, ना कि अस्पताल से ।भजन करते रहो और जीवन को सुखमय बनाओ।
नारी की किनारी में भगवान का वास:-

 संत श्री नागर जी ने कहा की बहू बेटियां साड़ी पहनती है और उसकी जो किनारी रहती है वह गिरधारी की होती है जिसके सिर पर किनारी रहती है उस पर भगवान की असीम कृपा होती है भगवान करे सब नारियों के सिर पर किनारी हो गिरधारी है तो नारी है, सनातन धर्म है। सब कुछ उसी से चल रहा है । दुशाशनो का काम तो है साड़ी खींचना, लेकिन किनारी है तो गिरधारी है ।और फिर कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकेगा।

नीति धर्म भगवान को मत छोड़ो
:-

 संत नागर जी ने कहा कि राम जी जब वन को गए तो वह यह कुछ नहीं कह गए कि यह संभालना ,वह संभालना ,सिर्फ एक बात कह गए कि भरत जब आए तो उन्हें एक संदेश देना कि राज पाकर नीति नहीं तज देना। राज को पाकर  नीति पर चले यह धर्म का संदेश है। राज तो लंका में ,अयोध्या में भी था लेकिन एक जगह अनीति थी ,तो राज्य नष्ट हुआ है और दूसरी जगह नीति थी जिससे विजय हुई। रावण के पास महाशंख (दौलत) थी लेकिन वह उसे छोड़कर एक शंख वाले को नहीं पकड़ सका ।धन में शून्य बढ़ाने की ओर ध्यान देने की वजह, शंख वाले के प्रति भक्ति बढ़ाओगे तो राम अवश्य मिलेगे। ध्यान रखो कि राजनीति संख्या है और धर्म को शंख से जीता जा सकता है ।जो नीति पर चलते हैं, जो धर्म पर चलते हैं उनकी वजह होती है इसलिए राम को, धर्म को हमेशा पकड़ कर रखो  मनुष्य जीवन मिला है इसकी को पर्याप्त समझो और कुछ भी पाने के लिए भागम भाग मत करो।


फिर हो सकती है कथा:-

 संत श्री कमल किशोर नागर जी ने श्रीमद्भागवत कथा के यजमान श्रीमती राम श्री, श्याम केशरवानी का विभिन्न व्यवस्थाओं के लिए तारीफ की, धन्यवाद ज्ञापित किया एवं कहा की एक और यजमान ने अगले वर्ष इन्हीं दिनों में कथा कराने के लिए इच्छा व्यक्त की है। सागर तो सागर है और यहां के श्रद्धालुओं की इच्छा, भावनाओं को देखकर को इस पर विचार किया जा सकता है ।गीता पाठ के साथ पटकुई बरारू में श्रीमद् भागवत कथा का समापन हुआ।

नागर जी ने किया सम्मानित:-

 श्रीमद् भागवत कथा के अंतिम दिवस पीडब्ल्यूडी मंत्री पंडित गोपाल भार्गव ने कथा का  रसास्वादन किया एवं पंडित नागर जी से भेंट की ।कथा के सफल आयोजन के लिए खनिज विकास निगम उपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह मोकलपुर ,पंडित सुशील तिवारी , नरयावली विधायक प्रदीप लारिया राजेश केशरवानी, सोहन, मोहन, अनिमेष केशरवानी, राकेश राय, मदन सिंह राजपूत ,कृष्ण मोहन माहेश्वरी ,राजेंद्र बरकोटी, इंद्रराज सिंह केरबना, जगदीश गुरु, विनोद गुरु, प्रवीण केशरवानी आदि का पंडित नागर ने हाटकेश्वर धाम का प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मान किया।

 
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बिजली चोरी के प्रकरण में 6 माह का कारावास एवं 29 लाख का अर्थदण्ड


बिजली चोरी के प्रकरण में 6 माह का कारावास
एवं 29 लाख का अर्थदण्ड

सागर । मध्य प्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत् वितरण कंपनी क्षेत्र के सौंसर  जिला छिंदवाडा में विद्युत अधिनियम की धारा 135 तथा 138 में दर्ज किए गए बिजली चोरी के प्रकरण में न्यायालय विशेष न्यायाधीश सौंसर द्वारा दोषी श्री बसंत बागडे को 6 माह का कारावास तथा 29 लाख 22 हजार 978 रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है। ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने बिजली उपभोक्ताओं से आग्रह किया है कि बिजली का सही उपयोग करें और समय पर बिजली बिल जमा करें, जिससे इस तरह की अप्रिय स्थिति का सामना नहीं करना पड़े। कंपनी के मुख्य महाप्रबंधक-प्रवर्तन श्री अरविंद चौबे ने बताया कि कंपनी के उड़नदस्ता दल ने बारडे रोड सौंसर निवासी बसंत बागडे़ के परिसर में 23 जुलाई 2015 को छापा मारकर बडी़ बिजली चोरी का खुलासा किया था। आरोपी के परिसर में घरेलू कनेक्शन तथा फ्लेट रेट वाले बिना मीटर के पंप कनेक्शन से शादी के लान एवं उसके निर्माण कार्य में 57 हजार 115 वाट विद्युत का अवैध उपयोग पाया गया था।
अवैध उपयोग पाया गया था। उड़नदस्ता द्वारा विद्युत अधिनियम के तहत आरोपी के विरूद्व पंचनामा तैयार कर 9 लाख 74 हजार 326 रूपये की क्षतिपूर्ति राशि का अनंतिम निर्धारण किया गया था। आरोपियों द्वारा क्षतिपूर्ति राशि जमा नहीं करने पर आरोपी बसंत बागडे एवं वैभव बागडे़ के विरूद्व न्यायालय में पूरी मजबूती और साक्ष्यों के साथ परिवाद दाखिल किया गया था।
माननीय न्यायालय द्वारा गत दिवस प्रकरण में दोषी पाए जाने पर बसंत बागडे़ को विद्युत अधिनियम की धारा 135 के अपराध के लिए 06 माह के कारावास के दण्ड तथा उसके द्वारा प्राप्त वित्तीय लाभ 9 लाख 74 हजार 326 रूपये के तीन गुना अर्थात 29 लाख 22 हजार 978 रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। दोषी बसंत बागड़े द्वारा राशि जमा नहीं करने पर उसे दो माह के अतिरिक्त कारावास की सजा भी सुनाई गई। अपराध में सहभागी वैभव बागडे़ को भी 5000 रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।
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#ऑफ़_द_कैमरा बिछड़े साथी बारी बारी .. ( पुस्तक समीक्षा ) लेखक :देव श्रीमाली ★ ब्रजेश राजपूत /एबीपी न्यूज़

#ऑफ़_द_कैमरा

बिछड़े साथी बारी बारी .. ( पुस्तक समीक्षा ) 
लेखक :देव श्रीमाली
★ ब्रजेश राजपूत /एबीपी न्यूज़

२०२१ का साल बीत गया मगर बीता साल बहुत कुछ जिन्दगी में रीत गया. हमारी आपकी ज़िन्दगी में ऐसा खालीपन का दौर पहले कभी नहीं आया जो पिछले साल के दिनों में आया है. हम सभी ने कोई न कोई अपना खोया है. महामारी को अब तक हमने आपने किताबों उपन्यासों में पढ़ा था. मगर भोगा पिछले साल के दिनों में. इसी भोगे हुये और अपने खोये हुये साथी को याद करने की कोशिश की हैं ग्वालियर के वरिष्ठ पत्रकार देव श्रीमाली ने अपनी किताब बिछड़े कई बारी बारी में. 
महामारी ये देखकर नहीं आती की कौन क्या है. मंत्री, नेता, अभिनेता, अफसर और आम जनता तो इस बीमारी का शिकार हुये  मगर इस दरम्यान आम जनता घरों में सुरक्षित थी तो सड़कों पर वो सारे लोग अपना काम पूरी जिम्मेदारी से कर रहे थे जिनको बाद में कोरोना योद्ध्या कहा गया. पुलिस डाक्टर और प्रेस इसी श्रेणी में थे. मगर अफ़सोस है की इन तीनों दर्जे के लोग भी महामारी की चपेट में आने से बच न सके. मध्य प्रदेश में इस महामारी में जान गंवाने वाले प्रेस के तकरीबन अस्सी साथियों की कहानी या उनकी यादों को संजोया गया है बिछड़े कई बारी बारी में. 
भोपाल से लेकर इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर से लेकर मंदसौर, कटनी, छिन्दवारा, शहडोल, रायसेन, सीधी, धार, अलीराजपुर जैसे छोटे कस्बों के पत्रकारों की दुःख भरी कहानियां इस किताब के भीगे पन्नों में दर्ज की गई है. बात चाहे भोपाल के राजकुमार केसवानी की हो, शिव अनुराग पटेरिया, महेन्द्र गगन, कमल दीक्षित हों या फिर मनोज पाठक जैसे मददगार लोग या फिर इन्दौर के प्रकाश बियानी प्रभु जोशी मनोज बिनवाल या फिर ग्वालियर के शरद श्रीवास्तव,अनूप शर्मा, देवेन्द्र खंडेलवाल अनेक नाम हैं मगर सबकी कहानियां एक सी हैं कि इन सबको काम करते करते ये कोरोना की चपेट में आये और ख़बरें बनाते बनाते खुद खबर बन गए. 
ये अलग बात है कि दूसरों का नाम अपने अख़बारों में छापने वालों के नाम मरकर भी कई दफा अपने अखबार में भी नहीं छाप पाता. इस किताब की प्रस्तावना में पत्रकार रवीश कुमार ने लिखा है की मरने के बाद भी पत्रकार कई बार अपने संसथान की क्रूरता और दुसरे अख़बारों की उदासीनता का शिकार होता है. पत्रकार अपने साथी पत्रकार के बारे में भी नहीं लिख सकते की उसके इलाज में लापरवाही हुई है. आमतौर पर पत्रकार को बड़ा प्रभावशाली माना जाता है मगर इस किताब में अनेक किस्से हैं जिसमें आप पढेंगें की कोरोना की चपेट में आने के बाद उसे भी अस्पताल का बिस्तर मुश्किल से मिला और इलाज में लगे पैसों के लिए दोस्तों ने चन्दा कर पैसे चुकाए. 
कोरोना काल से पहले के सालों में पत्रकारिता संस्थानों की हालत बिगड़ी जिसका असर पत्रकार के परिवारों पर पड़ा. नौकरियां छूटी और पैसे मिलने कम हो गये ऐसे में कोरोना के दौर ने राजधानी और जिलों के पत्रकारों तो आर्थिक तौर पर तोड़ दिया. इस किताब के पन्नों में पत्रकारों की मौत की ख़बरें तो लिखीं ही गईं है मगर उन ख़बरों के बीच बेहद कम कमाई पर जीने वाले पत्रकार के दुःख दर्द को भी पाठक महसूस करेंगे. 
इस किताब के प्रारंभ में चर्चित लेखक पंकज चतुर्वेदी ने भी कहा है की एक आंचलिक पत्रकार के देहावसान के साथ ही उसके खबर के सूत्र, उसकी शैली और उसके संस्कार सभी का अंत हो जाता है जो समाज का गहरा नुक्सान होता है। 
पत्रकार का परिवार तो अकेला पड ही जाता है इसलिए ये किताब एक चेतावनी भी है की पत्रकारों के परिवारों को विषम परिस्थितियों में जीने के लिए अकेले छोड़ने के बजाये सरकार कोई नीति बनाये तो ये सच्ची शृधांजलि होगी कोविड काल में मारे गए मध्य प्रदेश के सौ से ज्यादा पत्रकारों के लिए.  अपने पत्रकार साथियों को याद करने की ये अच्छी पहल है जो ग्वालियर के ग्रामीण पत्रकारिता विकास संसथान ने इस किताब को निकाल कर की है. साधुवाद देव श्रीमाली और इस संस्थान  को … 

किताब   -  बिछड़े कई बारी बारी 
लेखक  - देव श्रीमाली 
प्रकाशक - लोकमित्र, दिल्ली 
कीमत   - २५० रूपये
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साप्ताहिक राशिफल : 3 जनवरी से 9 जनवरी 2022 तक ★ पण्डित अनिल पांडेय

साप्ताहिक राशिफल : 3 जनवरी से 9 जनवरी 2022 तक

★ पण्डित अनिल पांडेय

3 जनवरी से 9 जनवरी 2022 तक के सप्ताह का साप्ताहिक राशिफल।
जय श्री राम। समय के पहिए के घूमने के कारण अब एक नया सप्ताह ,नया महीना और नया वर्ष प्रारंभ हो गया है। हमारा कैलेंडर विक्रम संवत एवं शक संवत है । अब यह स्थापित हो गया है कि विक्रम संवत और शक संवत ही सबसे वैज्ञानिक समय के मापदंड है। यह साप्ताहिक राशिफल 3 जनवरी से 9 जनवरी 2022 तक के अर्थात विक्रम संवत 2070 शक संवत 1943 के पौष शुक्ल पक्ष की परिवार से पौष शुक्ल पक्ष की सप्तमी तक का है।
इस सप्ताह 3 जनवरी को चंद्रमा धनु राशि में रहेगा तथा 3 जनवरी को ही रात में मकर राशि में 5 जनवरी को रात में कुंभ राशि में और 7 जनवरी की रात के अंत में मीन राशि में प्रवेश करेगा । इस पूरे सप्ताह सूर्य धनु राशि में , मंगल वृश्चिक राशि में , बुध और शनि मकर राशि में तथा गुरु कुंभ राशि,  में भ्रमण करेंगे । शुक्र धनु राशि में बक्री रहेगा तथा राहु वृष राशि में बक्री रहेगा। 
आइए अब हम सभी राशियों के जातकों के साप्ताहिक राशिफल के बारे में चर्चा करते हैं । यह साप्ताहिक राशिफल आपको सफलता  प्राप्त करने का एक रास्ता बताता है । परंतु ध्यान रखें बगैर परिश्रम के  सफलता कभी भी प्राप्त नहीं होती।

मेष राशि के जातकों का साप्ताहिक राशिफल:-

मेष राशि के वे जातक जो किसी  कार्यालय में कार्य करते हैं ,उनके लिए यह सप्ताह अत्यंत शुभ है। कार्यालय में उनकी मान प्रतिष्ठा बढ़ेगी तथा वे सफलता की ऊंचाइयों पर चढ़ते जाएंगे । धन की आवक सामान्य रहेगी भाग्य आपका इस सप्ताह साथ देगा अतः अगर आप चाहे तो शेयर इत्यादि में धन लगा सकते हैं । इस सप्ताह आपको चोट लगने की आशंका है अगर चोट नहीं भी लगा तो कहीं ना कहीं से किसी न किसी कारण से शरीर से खून निकल सकता है । भाई बहनों से आपको सामान्य सुख प्राप्त होगा । आपके पिताजी का स्वास्थ्य अच्छा रहेगा ।आपको अपनी संतान से अच्छा सहयोग प्राप्त होगा । आपके संतान इस सप्ताह सुखी रहेंगे। इस सप्ताह आपके लिए 4 और 5 तारीख लाभकारी हैं । बाकी सप्ताह के सभी दिन सामान्य ठीक हैं । आपको चाहिए कि आप इस सप्ताह मंगलवार का व्रत करें और  मंगलवार को ही हनुमान जी के मंदिर में जाकर हनुमान जी की पूजा अर्चना करें । सप्ताह का शुभ दिन मंगलवार है।

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वृष राशि के जातकों का साप्ताहिक राशिफल:-

वृष राशि के जातकों का भाग्य इस सप्ताह एकाएक जोर मारेगा। सभी कामों में भाग्य साथ देगा। अविवाहित जातकों के शादी के काम में बाधाएं आएंगी। कर्मचारी जो कार्यालय में काम कर रहे हैं उनकी स्थिति सामान्य रहेगी । आपका या आपके जीवन साथी का स्वास्थ्य खराब हो सकता है । पिताजी का स्वास्थ्य ठीक रहेगा । माताजी का स्वास्थ्य उत्तम रहेगा ।  आपको अपनी संतान से कोई विशेष सहयोग इस सप्ताह प्राप्त नहीं होगा । धन की प्राप्ति की थोड़ी कम होगी । व्यापार अच्छा चलेगा । वृष राशि के जातकों के लिए 6 और 7 तारीख उत्तम और लाभदायक है। आप इस सप्ताह 6 और 7 तारीख को शेयर इत्यादि खरीद सकते हैं । आपको 3 तारीख को सावधानी पूर्वक कार्य करना चाहिए । आपको चाहिए कि आप इस सप्ताह  स्नान के उपरांत तांबे के पात्र में जल ,अक्षत एवं लाल पुष्प डालकर सूर्य देव को जल अर्पण करें । इस सप्ताह आपका शुभ दिन शुक्रवार है।

मिथुन राशि के जातकों का साप्ताहिक राशिफल:-

मिथुन राशि के जातकों को इस सप्ताह कचहरी के कार्यों में सफलता मिलेगी। आपके सभी शत्रु इस सप्ताह परास्त हो जाएंगे। इस सप्ताह आपका  एक्सीडेंट या ऑपरेशन हो सकता है। या यह भी संभव है कि किसी और कारण से आपको चोट लगे जिससे खून निकले । अविवाहित जातकों के लिए इस सप्ताह शादी ब्याह के अच्छे संबंध आएंगे। प्रेमी या प्रेमिका से आपके अच्छे संबंध रहेंगे। आपका जीवन साथी इस सप्ताह आप से बहुत प्रसन्न रहेगा। इस सप्ताह भाग्य आपका सामान्य है। आप को भाग्य से कोई विशेष फायदा नहीं होगा ।आपको  अपने परिश्रम पर विश्वास करना चाहिए। आपका स्वास्थ्य थोड़ा खराब हो सकता है । कर्मचारियों को कार्यालय में अधिकारियों से बहुत अच्छा सहयोग मिलेगा। आपको अपनी संतान से कोई विशेष सहयोग प्राप्त नहीं होगा। 3 जनवरी तथा 8 और 9 जनवरी आपके लिए शुभ और लाभप्रद हैं । 4 और 5 जनवरी को आपको विशेष सावधानी पूर्वक कार्य करना चाहिए। आपको चाहिए कि आप इस सप्ताह गुरुवार का व्रत करें और सप्ताह के सभी दिनों में राम रक्षा स्त्रोत का जाप करें। इस सप्ताह आपके लिए शुभ दिन रविवार है।

कर्क राशि के जातकों का साप्ताहिक राशिफल:-

कर्क राशि के जातकों को इस सप्ताह अपनी संतान से बहुत सुख प्राप्त होगा संतान की उन्नति भी हो सकती है अविवाहित जातकों के विवाह के संबंध आ सकते हैं । परंतु विवाह में बाधाएं आएंगी। गलत रास्ते से धन आने का योग है आपका  स्वास्थ्य खराब हो सकता है परंतु आपके जीवन साथी का स्वास्थ्य उत्तम रहेगा । इस सप्ताह भाग्य  आपको सामान्य साथ देगा। भाई बहनों का आपको सहयोग प्राप्त नहीं होगा। इस सप्ताह आपके लिए 4 और 5 जनवरी उत्तम और लाभप्रद है। इस दिन किए जाने वाले कार्यों में से अधिकांश में आप सफल रहेंगे आपको तीन और 6 तथा 7 जनवरी को बहुत संभल कर कार्य करना चाहिए । इस दिन परेशानियां आ सकती हैं । इस सप्ताह आपको चाहिए कि आप शनिदेव का शनिवार को पूजन करें तथा अगर संभव हो तो शनिवार का व्रत भी रहे। सप्ताह का शुभ दिन बुधवार है ।

सिंह राशि के जातकों का साप्ताहिक राशिफल।:-

सिंह राशि के जातक जो जनप्रतिनिधि है उनको इस सप्ताह जनता से बहुत सम्मान मिलेगा। जनता में उनकी लोकप्रियता बढ़ेगी। सुख का कोई नया सामान घर में आ सकता है । अविवाहित जातकों के शादी के अच्छे प्रस्ताव आएंगे । यह भी संभव है कि उसके साथ में कुछ बाधाएं भी आएं । आपके कमर या गर्दन में दर्द होने का योग है । खराब रास्ते से धन आने का योग है । इस सप्ताह आपके लिए 6 और 7 जनवरी लाभप्रद है । इस दिन आप के अधिकांश कार्य संपन्न हो जाएंगे । 4 ,5 ,8 और 9 जनवरी को आप अधिकांश कार्यों में असफल रहेंगे । अतः इन तारीखों में आपको संभल कर कार्य करना चाहिए । आपको चाहिए कि आप इस सप्ताह काले कुत्ते को रोटी खिलाएं । इस सप्ताह आपके लिए बृहस्पतिवार  शुभ है।


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कन्या राशि के जातकों का साप्ताहिक राशिफल:-
कन्या राशि के जातक जो जनप्रतिनिधि हैं उनका जनता में सम्मान अत्यंत तेजी से बढ़ेगा । उनकी लोकप्रियता में बहुत वृद्धि होगी । आपको अपनी संतान से बहुत सहयोग मिलेगा । आप के माता जी के स्वास्थ्य में थोड़ी खराबी आ सकती है । आपके पिताजी का स्वास्थ्य उत्तम रहेगा । इस सप्ताह भाग्य आपके साथ नहीं है । अतः कोई भी कार्य करने से पहले परिश्रम करने के लिए पूर्णतया तैयार रहें । आपके पेट में पीड़ा हो सकती है । अगर प्रयास करेंगे तो इस सप्ताह  आपके शत्रु परास्त हो सकते हैं । इस सप्ताह आपके लिए 3 , 8 और 9 तारीख अच्छी है । इन तारीखों में आप जो भी कार्य करेंगे उनमें अधिकांश कार्यों में आप सफल होंगे । 6 और 7 तारीख को आप जो भी कार्य करेंगे उनमें से अधिकांश में आपको असफलता मिलेगी । अतः आपको 6 और 7 तारीख को संभल कर कोई कार्य करना चाहिए । इस सप्ताह आपको चाहिए कि आप शुक्रवार का व्रत करें और शुक्रवार को ही किसी मंदिर में जाकर गरीबों के बीच चावल का दान दें । इस सप्ताह आपके लिए शुभ दिन रविवार है।

तुला राशि के जातकों का साप्ताहिक राशिफल:-
तुला राशि के जातकों को इस सप्ताह अपने भाई बहनों से बहुत अच्छा सहयोग मिलेगा । यह भी संभव है कि भाई बहनों की पदोन्नति हो या  कोई अच्छी चीज उनको प्राप्त हो । इस सप्ताह संतान से आपके संबंध सामान्य रहेंगे । आपके साथ इस सप्ताह कुछ ऐसा हो सकता है जिससे आपके शरीर से खून निकले । जनता में आपकी स्वीकार्यता बढ़ेगी । अगर इस समय आप इलेक्शन लड़ेंगे तो  आपकी जीत सुनिश्चित है । आपके पिताजी को शारीरिक कष्ट हो सकता है । कार्यालय में आपको परेशानियां आ सकती हैं । आपका भाग्य आपका मामूली साथ देगा । धन आने का अच्छा योग है । आपको चाहिए कि आप इस सप्ताह 4 और 5 जनवरी को शेयर इत्यादि खरीदें । इस सप्ताह आप 4 और 5 की तारीख को जो भी काम करेंगे उसमें सफलता  की उम्मीद ज्यादा है । 8 और 9 जनवरी को आप जो भी कार्य करेंगे उसमें सफल होने की उम्मीद कम है । अतः आपको चाहिए कि आप 8 और 9 जनवरी को सावधानी पूर्वक कार्य करें । इस सप्ताह आपको चाहिए कि आप शनिवार के दिन दक्षिण मुखी हनुमान जी के मंदिर में जाकर उनके सामने बैठ कर कम से कम 3 बार हनुमान चालीसा का जाप करें। इस सप्ताह आपके लिए शुभ दिन बुधवार है।

वृश्चिक राशि के जातकों का साप्ताहिक राशिफल:-
वृश्चिक राशि के वे जातक जो पहले से बीमार है अब स्वस्थ होने लगेंगे। आपके जीवनसाथी के स्वास्थ्य में थोड़ी गड़बड़ी आ सकती है । इस सप्ताह आपको अच्छे धन की प्राप्ति होगी । आपको अपने भाई बहनों से बहुत अच्छा सहयोग मिलेगा । इस सप्ताह आपको भाग्य से कम मदद मिलेगी । आपको चाहिए कि आप अपने कार्य अपने परिश्रम के बल पर ही करें । आपको इस सप्ताह छोटी मोटी दुर्घटना घट सकती है। इस सप्ताह आपके लिए छे और 7 जनवरी शुभ और लाभप्रद है । आपको चाहिए कि आप इन तारीखों का उपयोग अपने पुराने ऐसे कार्यों के लिए करें जो कि अभी तक किसी कारणवश नहीं हो पा रहे हैं । सप्ताह के बाकी दिन भी ठीक हैं । इस सप्ताह आपको चाहिए कि आप गुरुवार का व्रत करें और गुरुवार को ही रामचंद्र जी या कृष्ण भगवान के मंदिर में जाकर पूजा अर्चना करें। इस सप्ताह आपके लिए बृहस्पतिवार का दिन शुभ है।


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धनु राशि के जातकों का साप्ताहिक राशिफल:-
धनु राशि के जातकों का और उनके जीवन साथी का स्वास्थ्य इस सप्ताह उत्तम रहेगा । आपके  खर्चे में बढ़ोतरी होगी । आपको अपने भाई बहनों से सहयोग नहीं मिल पाएगा । धन प्राप्ति का अच्छा योग है । भाग्य इस सप्ताह आपके लिए सामान्य रहेगा । अगर आप अविवाहित हैं तो आपके लिए आपके विवाह के लिए अच्छे संबंध आएंगे । इस सप्ताह आपके पास धन तो आएगा परंतु खर्चों में बढ़ोतरी के कारण लाभ में कमी हो सकती है । इस सप्ताह आपके लिए  3 ,8 और 9 तारीख लाभप्रद है । इन तारीखों में आप ऐसे काम कर सकते हैं जो कि पहले किसी बाधा के कारण नहीं हो पा रहे थे ।   इस सप्ताह आपको चाहिए कि आप चिड़ियों को दाना डालें।  सप्ताह का शुभ दिन सोमवार और रविवार है।

मकर राशि के जातकों का साप्ताहिक राशिफल:-
मकर राशि के जातकों के लिए यह सप्ताह स्वास्थ्य की दृष्टि से अत्यंत उत्तम है । आपके जीवनसाथी के कमर या गर्दन में दर्द हो सकता है । आपके खर्चों में थोड़ी कमी आएगी । धन के आने की मात्रा में भी कमी आएगी । आपको अपने संतान का सहयोग प्राप्त नहीं होगा । आपके पेट में पीड़ा हो सकती है । कार्यालय में भी आपको इस सप्ताह परेशानी हो सकती है । कार्यालय की परेशानियों को आप थोड़े से परिश्रम से समाप्त कर सकते हैं। आप को अपने भाई बहनों से सहयोग प्राप्त होगा परंतु यह अत्यंत अल्प मात्रा में रहेगा । इस सप्ताह आपके लिए 4 और 5 जनवरी उत्तम है । आपके जो कार्य बहुत दिनों से लंबित हैं उन्हें इन दो तारीखों में कराने का प्रयत्न करें । 3 जनवरी को आप जो भी कार्य करेंगे उसमें आपको काफी परेशानी आएगी । अतः 3 तारीख को कोई भी कार्य बड़ी सावधानी पूर्वक करें । इस सप्ताह आपको चाहिए कि आप शनिवार का व्रत करें । शनिवार को पीपल के पेड़ की सात बार परिक्रमा करें और वहां पर दीपक जलाएं। इस सप्ताह आपके लिए शुभ दिन बुधवार है।

कुंभ राशि के जातकों का साप्ताहिक राशिफल:-
कुंभ राशि के जातकों का अपने कार्यालय में काफी दबदबा रहेगा । उनके अधिकारी उनको बहुत सम्मान देंगे । वे सभी कार्यों में सफल रहेंगे । आपकी माता जी को शारीरिक कष्ट हो सकता है । आपकी कुछ लोगों से लडाई भी हो सकती है । इस सप्ताह आपके पास धन आने का अच्छा योग है । खर्चे में थोड़ी कमी आएगी । कचहरी के कार्यों में आपको सफलताएं मिलेंगी । इस सप्ताह भाग्य  आपका एकाएक साथ देगा । आप इस सप्ताह 6 और 7 जनवरी को शेयर आदि खरीद सकते हैं ।  इस सप्ताह आप की लिए 6 और 7 जनवरी बहुत उत्तम है । आप इन तारीखों में जो भी कार्य करेंगे उनमें आपको सफलता मिलने की उम्मीद बहुत ज्यादा रहेगी ‌ । 4 और 5 जनवरी आप अधिकांश कार्यों में असफल  होंगे । 4 और 5 जनवरी को आपको सभी कार्य बड़े सावधानीपूर्वक करना चाहिए । आपको चाहिए कि आप इस सप्ताह भगवान शिव का अभिषेक करवाएं । सप्ताह का शुभ दिन शुक्रवार है।

मीन राशि के जातकों का साप्ताहिक राशिफल:-
 इस सप्ताह कार्यालय में आपका अच्छा प्रभाव रहेगा ।आपके पिताजी का स्वास्थ्य उत्तम रहेगा । माताजी का स्वास्थ्य भी ठीक रहेगा । आप के खर्चे में बहुत बढोतरी होगी। जनता में आपका प्रभाव बढ़ेगा । आपको अपने भाई बहनों से इस सप्ताह किसी प्रकार की मदद नहीं मिलेगी । आपकी संतान भी आपको इस सप्ताह मदद नहीं कर सकेगी । आय के स्रोत बढ़ेंगे । व्यापार में उन्नति होगी । भाग्य से आपको इस सप्ताह अच्छी मदद मिलेगी । आप इस सप्ताह 8 और 9 तारीख को रिस्क वाले कार्य जैसे शेयर खरीदना आदि कर सकते हैं। इस सप्ताह आपको  3 ,8 और 9 तारीख को अधिकांश कार्यों में सफलता मिलेगी । 6 और 7 तारीख को आप जो भी कार्य करेंगे उसमें सफलता की मात्रा अत्यंत कम होगी । आपको चाहिए कि आप इस सप्ताह अपने घर की बनी पहली रोटी गौ माता को खिलाएं । इस सप्ताह आपके लिए शुभ दिन रविवार है।

काल पुरुष की कुंडली में इस समय कालसर्प योग चल रहा है जिसके कारण कई तरह की विपत्तियां आएंगी। कालसर्प योग के दौरान किसी बहुत प्रभावशाली व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है ।   जिन के कुण्डली में कालसर्प योग है उनको सावधान रहना चाहिए।
मां शारदा से मेरी प्रार्थना है कि आप सभी स्वस्थ संपन्न और दीर्घायु हो।

जय मां शारदा।
निवेदक:-
पण्डित अनिल कुमार पाण्डेय
सेवानिवृत्त मुख्य अभियंता
एस्ट्रो साइंटिस्ट और वास्तु शास्त्री
स्टेट बैंक कॉलोनी मकरोनिया
 सागर। 470004
 मो 7566503333
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जब निधन हो जाए तो धन का महत्व नहीं: श्री कमल किशोर नागर जी ★ श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान गंगा सप्ताह का आयोजन


जब निधन हो जाए तो धन का महत्व नहीं
: श्री कमल किशोर नागर जी

★ श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान गंगा सप्ताह का आयोजन

★कथा के छठवें दिन ग्रामीण क्षेत्रों से पहुंचे हजारों श्रद्धालु

"★ खनिज विकास निगम उपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह मोकलपुर, सुशील तिवारी का किया सम्मान


सागर ।  मैंने आपको नव वर्ष की बधाई नहीं दी। हम अंग्रेजी नववर्ष मनाकर उनको पीड़ा पहुंचाएं  जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए। यह गलत परंपरा है देश की संस्कृति,धर्म को न भूलें। हमारा नववर्ष चैत्र मास से शुरू होता है।जवान पर हिंदी और माथे पर बिंदी यह हमारे देश की पहचान है ,इसे कभी मत भूलना । उक्त कथन संत कमल किशोर  नागर जी ने ग्राम पटकुई बरारू स्थित वृंदावन धाम में श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान गंगा सप्ताह के छठवें दिन श्रद्धालुओं के समक्ष व्यक्त किए।
संत श्री नागर जी ने श्रद्धालुओं को सीख देते हुए कहा कि हम थोड़ा पढ़ लिख गए और अच्छी नौकरी मिल गई तो हमने आधुनिक बनकर संस्कृति को भुला दिया। खासकर कुछ महिलाएँ तो और भी आगे निकल गई है चूड़ी नहीं पहनेंगी, मांग नहीं भरेंगे, बिंदी नहीं लगाएंगी, बिछड़ी ,पायल पैरों से गायब है। पेट तो मजदूर भी भरते हैं , लेकिन उनकी महिलाओं के माथे पर बड़ी बिंदी और मांग भरी हुई होती है। थोड़े से पैसे क्या आए कि शरीर से सब कुछ गायब हो गया। पेट तो कुत्ता भी भरता है ,लेकिन जो मांग भर्ती हैं वह भारतीय नारी हैं ।जो महिला मांग नहीं भर्ती ,बिंदी नहीं लगाती उसे मनुष्य नहीं कहा जा सकता।

कपड़े ऊंचे और कर्म नीचे हो गए:-

 संत श्री नागर जी ने कहा कि हम पढ़े तो थोड़ा लेकिन ल  बिगड़ ज्यादा गये है ,उससे ज्यादा खराब हालात यह हैं कि हमारी बहन, बेटियों ने अपने शरीर पर कपड़े कम कर दिए हैं। यहां तक कि अब ओछे, पतले और कपड़े ऊंचे हो गए हैं ।कपड़े ओछे हो और कीमत ज्यादा हो तो उसका कोई महत्व नहीं है। कपड़े से तन ढका हो और उनकी कीमत कम हो तो ही ठीक है। जब से कपड़े ऊंचे हुए हैं, तब से कर्म नीचे गिर गए हैं ।हम बंगलों में रहते हैं ,खूब कमाते हैं  फैशन में प्रतिस्पर्धा करते हैं, लेकिन चरित्र में हम बहुत नीचे चले गए हैं । जो चरित्र से गिर जाता है, उसके हजार जन्म बिगड़ जाते हैं। चरित्र बिगड़ जाए तो फिर मीरा, राम,कृष्ण  बौद्ध कहां से लाओगे।
 
घाव की तरह  शरीर भी ढको:-

 संत श्री नागर जी ने कहा कि जब शरीर पर घाव हो जाए और हम उस पर पट्टी ना बांधे तो मक्खियां  भिनभिनाने लगती हैं ,और पट्टी बांध लो तो मक्खियां नहीं आती। इसी तरह शरीर भी है, इसे ढककर रखो क्योंकि मक्खियां बहुत है। फिर कहते हो पुलिस ,शासन ध्यान नहीं देता। हम सिर्फ धन ,मकान ,जमीन ,जायदाद संभालने में लगे हैं। लेकिन संतान नहीं संभाल रहे ।आप अपने आप से सम्हलो और शरीर में ऐसा घाव ही मत होने दो जिस पर मक्खियां आकर बैठ सके। संत श्री ने कहा कि तिजोरी खुली छोड़ देना, धन संपदा ,जमीन जायदाद सूनी  छोड़ देना ,पर छोरी (लड़की) को सुनी नहीं छोड़ना। तिजोरी से चला गया तो लौट सकता है लेकिन छोरी चली गई तो फिर सिर ऊंचा नहीं होगा । कर्म ऐसे करो कि सिर हमेशा ऊंचा रहे,बाद में पछताने से कुछ नहीं होगा।


जब निधन हो जाए तो धन का महत्व नहीं:-

संत नागर जी ने कहा कि हमेशा भगवान से प्रार्थना करना कि हमें  ना किसी की   गरज हो और ना किसी का हम पर करज (कर्ज )हो ।बस इतना ध्यान रखना कि नमन मत छोड़ना ।जीवन में हमारे हाथ में पछतावा के अलावा कुछ नहीं है। आए तो पछता रहे ,बच्चे पैदा किए तो पछता रहे, धन कमाया तो, सुखी है तो, जा रहे हैं तो भी पछता रहे हैं। तो फिर इस जीवन का क्या। इसलिए भजन ही सब कुछ है। जो लोग धन-धन करते हैं उन्हें पता ही नहीं चलेगा कि कब निधन का समय आ गया। यदि धन सत्य होता तो अंतिम यात्रा में हम हाय धन, हाय धन ही बोलते। अंतिम समय में हम सिर्फ राम नाम सत्य है बोलते हैं ।आप यह मान लो कि ना धन सत्य है, ना बेटा सत्य है, ना पत्नी सत्य है ,ना जीवन सत्य है। सिर्फ सत्य है तो ईश्वर सत्य है। राम ,कृष्ण सत्य है और इसी को भजने में ही जीवन का सार है।

पकड़ो ,मत जाने दो और पकड़ो मत ,जाने दो मैं काफी अंतर है:-

संत नागर जी ने कहा कि अपना जीवन सादा रखो। भगवान शंकर ने अपने विवाह में श्रृंगार न कर सादगी का संदेश दिया। ठाकुर जी जब ब्रज से और राम जी जब अयोध्या से जाने लगे तो वहां के लोगों ने कहा कि पकड़ो, मत जाने दो, यह आस्था का प्रतीक है। और जब कृष्ण मथुरा पहुंचे और पहलवानों ,हाथियों को उठाकर पटका, राम का रावण से युद्ध हुआ, तो कंस और रावण की एक ही आवाज थी पकड़ो मत, जाने दो। उन्होंने कहा कि नीति के बिना राज,कुसंगत से संगत और शराब से खानदान समाप्त हो जाते हैं। इसलिए हमेशा ध्यान रखो की बुरी आदतों को हमेशा पकड़ो मत, जाने दो और अच्छी आदतों, कर्म, भगवान को हमेशा पकड़ो, मत जाने दो का ध्यान रखो।


घर में हमेशा छह का सेट होना चाहिए:-

 संत नागर जी ने कहा कि जिस प्रकार बर्तनों के  विभिन्न संख्याओं के सेट होते हैं। उसी तरह परिवार में भी सेट होना चाहिए। आजकल हम दो, हमारे दो पर आधारित है। या फिर दो का सिर्फ  पति-पत्नी दो का सेट भी चल रहा है। परिवार वह अच्छा है, जिसमें छह का सेट हो यानी वृद्ध माता पिता, लड़का- बहू, बेटा, बेटी होना चाहिए। ध्यान रखना कि केला का छिलका कितना भी खराब हो परंतु चिपका रहे है तो केला सुरक्षित रहता है। इसी तरह वृद्ध माता-पिता कितने भी बुरे क्यों ना हो ,उन्हें छोड़ना मत। उनका अनुभव कब, कहां काम आ जाए कोई भरोसा नहीं। वृद्ध कैसे भी हो हम उनसे ढके हैं, सुरक्षित है और लुटेरे लुचचो से बचे हैं इसलिए आदर्श घर मे छह सदस्यों का सेट होना जरूरी है।




वेदों का सार श्रीमद् भागवत में निहित:-

 संत नागर जी ने कहा कि संपूर्ण वेदों का सार श्रीमद् भागवत कथा में निहित है ।जब हम कथा को विदा करेंगे  वेदना होगी। वेदना से किसी का नुकसान नहीं होता है। इसका कारण वेद है ।आप 4-5 एक जगह बैठकर कथा सुनते हो, सुविधाजनक न हो  परंतु वेदना नहीं होती ।क्योंकि वेद आपके शरीर में प्रवेश कर रहा है ।श्रीमद्भागवत में भगवान विराजमान है और वेद आपको वेदना से लड़ने की शक्ति देता है। अंदर के मनोविकार मिटाकर ही साधना सफल होगी ,और यह वेद सुनने से आएगी।




कंस वध, कृष्ण- रुक्मणी विवाह का वृतांत सुनाया :-

संत नागर जी ने श्रीमद्भागवत कथा में श्रीकृष्ण द्वारा ब्रज छोड़ने, गोपियों के वियोग, कृष्ण द्वारा कंस वध ,कृष्ण रुक्मणी विवाह ,महाभारत के कुछ प्रसंगों को विस्तार से वर्णन किया।

मंत्री भूपेंद्र सिंह ,मोकलपुर, तिवारी का सम्मान

सागर मैं प्रथम वार संत नागर जी कथा कराने के उपलक्ष में खनिज विकास निगम के उपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह मोकलपुर एवं वरिष्ठ भाजपा नेता डॉ सुशील तिवारी का संत नागर जी ने हाटकेश्वर धाम प्रतीक चिन्ह एवं गमछा भेंट कर सम्मान किया । शाम को नगरी प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह संत नागर जी से भेंट कर उनका आशीर्वाद लिया ।इस अवसर पर यजमान श्रीमती राम श्री, श्याम केशरवानी ,मदन सिंह राजपूत, राकेश राय ,विनोद गुरु, जगदीश गुरु, राजेश केशरवानी आदि उपस्थित थे।

स्वयं भोजन बनाते हैं नागर जी:-
 संत कमल किशोर नागर जी की दिनचर्या कुछ हटकर ही है। उनके शिष्य राकेश राय, मदन सिंह ने बताया कि संत नागर जी कथा के लिए जहां भी जाते हैं कुटिया में निवास करते हैं। अपना राशन बिस्तर  साथ लेकर चलते हैं। संत श्री अपना भोजन स्वंय बनाते हैं ।पीने के लिए नर्मदा जल का उपयोग करते हैं, जो वह अपने साथ लेकर आते हैं। नियमित निस्तार के लिए ही बाहर का पानी लेते हैं  और जरूरत के हिसाब से दूध लेते हैं। सुबह 4:00 बजे उठकर स्नान, भजन से संत नागर जी की दिनचर्या शुरू होती है ।संत श्री के साथ कथा में भजन संकीर्तन में जयंत ,धर्मेंद्र एवं दुर्गेश संगीत पर संगत देते हैं। जहां भी कथा होती है यह लोग वहां साथ ही जाते हैं।



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भारत संतों, ऋषियों की भूमिः मंत्री भूपेन्द्र सिंह

भारत संतों, ऋषियों की भूमिः मंत्री  भूपेन्द्र सिंह

सागर। मध्यप्रदेश शासन के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने नव वर्ष 2022 के प्रथम दिन राजघाट मार्ग स्थित सद्गुरू कबीर धाम में आयोजित समारोह में सद्गुरू कबीर दर्शन ग्रंथ का विमोचन किया। अपने संबोधन में मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने सद्गुरू कबीर और उपस्थित संतों को प्रणाम करते हुए कहा कि भारत भूमि संतों-ऋषियों की भूमि है। जिन्होंने गृहस्थ आम जनता को ज्ञान और दिशा देने का काम किया है। उन्होंने कहा कि संतों की वाणी हमें जरूर सुनना चाहिए। क्योंकि उनकी वाणी से निकले वचनों में न जाने कौन सा शब्द ऐसा आ जाये कि हमारा पूरा जीवन बदल जाये।_
     सद्गुरू कबीर दर्शन ग्रंथ के विमोचन समारोह में आमंत्रित पूज्य संतगण चरणदास बापू जी महाराज लीबड़ी सौराष्ट्र गुजरात, आचार्य विचारदास जी साहेब मगहर, आनंददास जी साहेब चित्रकूट, मंगल साहेब नादिया छत्तीसगढ़, दयानंद साहेब दाहोद गुजरात, साध्वी मायादेवी उज्जैन, कमलेशदास शास्त्री साहेब बड़ोदरा गुजरात, राजेन्द्र साहेब शास्त्री डाकोर गुजरात, गणेशदास साहेब जम्बूसर गुजरात तथा विशेष अतिथि के रूप में पूर्व मंत्री नारायण प्रसाद कबीरपंथी, ग्रंथ की रचयिता आचार्य रामजीवन शास्त्री उपस्थित थे। समारोह का संयोजन नगर विधायक शैलेन्द्र जैन ने किया।  

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सागर विश्विद्यालय के पूर्व शिक्षक विंध्येश्वरी प्रसाद साहित्य अकादमी पुरस्कार के लिए नामित

सागर विश्विद्यालय के पूर्व शिक्षक विंध्येश्वरी प्रसाद साहित्य अकादमी पुरस्कार के लिए नामित

सागर।  काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय के पूर्व प्रमुख प्रो. विंध्येश्वरी प्रसाद मिश्र को संस्कृत के साहित्य अकादमी पुरस्कार 2021 के लिए नामित किया गया है। संस्कृत साहित्य जगत के इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए प्रो. मिश्र की कृति सृजति शंखनादं किल चुनी गई है।

डॉ. हरि सिंह विश्वविद्यालय और विक्रम विश्वविद्यालय में दो दशक से अधिक अध्यापन के बाद वह काशी हिंदू विश्वविद्यालय में आचार्य के पद पर वर्ष 2006 से वर्ष 2021 तक सेवाएं दिए। प्रो. मिश्र संस्कृत शास्त्रों के विविध अनुशासनों, वेद, वेदांग, दर्शन, इतिहास-पुराण और साहित्य-विद्या में निपुण प्रसिद्ध कवि हैं।
प्रो. मिश्र की संस्कृत-हिंदी में 18 पुस्तकें प्रकाशित हैं और उन्हें अनेक पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। यह जानकारी सागर विश्विद्यालय के पूरा छात्र और काशी हिन्दू विश्विद्यालय मे कार्यरत डॉ संजीव सराफ ने दी।
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