जब निधन हो जाए तो धन का महत्व नहीं: श्री कमल किशोर नागर जी ★ श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान गंगा सप्ताह का आयोजन


जब निधन हो जाए तो धन का महत्व नहीं
: श्री कमल किशोर नागर जी

★ श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान गंगा सप्ताह का आयोजन

★कथा के छठवें दिन ग्रामीण क्षेत्रों से पहुंचे हजारों श्रद्धालु

"★ खनिज विकास निगम उपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह मोकलपुर, सुशील तिवारी का किया सम्मान


सागर ।  मैंने आपको नव वर्ष की बधाई नहीं दी। हम अंग्रेजी नववर्ष मनाकर उनको पीड़ा पहुंचाएं  जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए। यह गलत परंपरा है देश की संस्कृति,धर्म को न भूलें। हमारा नववर्ष चैत्र मास से शुरू होता है।जवान पर हिंदी और माथे पर बिंदी यह हमारे देश की पहचान है ,इसे कभी मत भूलना । उक्त कथन संत कमल किशोर  नागर जी ने ग्राम पटकुई बरारू स्थित वृंदावन धाम में श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान गंगा सप्ताह के छठवें दिन श्रद्धालुओं के समक्ष व्यक्त किए।
संत श्री नागर जी ने श्रद्धालुओं को सीख देते हुए कहा कि हम थोड़ा पढ़ लिख गए और अच्छी नौकरी मिल गई तो हमने आधुनिक बनकर संस्कृति को भुला दिया। खासकर कुछ महिलाएँ तो और भी आगे निकल गई है चूड़ी नहीं पहनेंगी, मांग नहीं भरेंगे, बिंदी नहीं लगाएंगी, बिछड़ी ,पायल पैरों से गायब है। पेट तो मजदूर भी भरते हैं , लेकिन उनकी महिलाओं के माथे पर बड़ी बिंदी और मांग भरी हुई होती है। थोड़े से पैसे क्या आए कि शरीर से सब कुछ गायब हो गया। पेट तो कुत्ता भी भरता है ,लेकिन जो मांग भर्ती हैं वह भारतीय नारी हैं ।जो महिला मांग नहीं भर्ती ,बिंदी नहीं लगाती उसे मनुष्य नहीं कहा जा सकता।

कपड़े ऊंचे और कर्म नीचे हो गए:-

 संत श्री नागर जी ने कहा कि हम पढ़े तो थोड़ा लेकिन ल  बिगड़ ज्यादा गये है ,उससे ज्यादा खराब हालात यह हैं कि हमारी बहन, बेटियों ने अपने शरीर पर कपड़े कम कर दिए हैं। यहां तक कि अब ओछे, पतले और कपड़े ऊंचे हो गए हैं ।कपड़े ओछे हो और कीमत ज्यादा हो तो उसका कोई महत्व नहीं है। कपड़े से तन ढका हो और उनकी कीमत कम हो तो ही ठीक है। जब से कपड़े ऊंचे हुए हैं, तब से कर्म नीचे गिर गए हैं ।हम बंगलों में रहते हैं ,खूब कमाते हैं  फैशन में प्रतिस्पर्धा करते हैं, लेकिन चरित्र में हम बहुत नीचे चले गए हैं । जो चरित्र से गिर जाता है, उसके हजार जन्म बिगड़ जाते हैं। चरित्र बिगड़ जाए तो फिर मीरा, राम,कृष्ण  बौद्ध कहां से लाओगे।
 
घाव की तरह  शरीर भी ढको:-

 संत श्री नागर जी ने कहा कि जब शरीर पर घाव हो जाए और हम उस पर पट्टी ना बांधे तो मक्खियां  भिनभिनाने लगती हैं ,और पट्टी बांध लो तो मक्खियां नहीं आती। इसी तरह शरीर भी है, इसे ढककर रखो क्योंकि मक्खियां बहुत है। फिर कहते हो पुलिस ,शासन ध्यान नहीं देता। हम सिर्फ धन ,मकान ,जमीन ,जायदाद संभालने में लगे हैं। लेकिन संतान नहीं संभाल रहे ।आप अपने आप से सम्हलो और शरीर में ऐसा घाव ही मत होने दो जिस पर मक्खियां आकर बैठ सके। संत श्री ने कहा कि तिजोरी खुली छोड़ देना, धन संपदा ,जमीन जायदाद सूनी  छोड़ देना ,पर छोरी (लड़की) को सुनी नहीं छोड़ना। तिजोरी से चला गया तो लौट सकता है लेकिन छोरी चली गई तो फिर सिर ऊंचा नहीं होगा । कर्म ऐसे करो कि सिर हमेशा ऊंचा रहे,बाद में पछताने से कुछ नहीं होगा।


जब निधन हो जाए तो धन का महत्व नहीं:-

संत नागर जी ने कहा कि हमेशा भगवान से प्रार्थना करना कि हमें  ना किसी की   गरज हो और ना किसी का हम पर करज (कर्ज )हो ।बस इतना ध्यान रखना कि नमन मत छोड़ना ।जीवन में हमारे हाथ में पछतावा के अलावा कुछ नहीं है। आए तो पछता रहे ,बच्चे पैदा किए तो पछता रहे, धन कमाया तो, सुखी है तो, जा रहे हैं तो भी पछता रहे हैं। तो फिर इस जीवन का क्या। इसलिए भजन ही सब कुछ है। जो लोग धन-धन करते हैं उन्हें पता ही नहीं चलेगा कि कब निधन का समय आ गया। यदि धन सत्य होता तो अंतिम यात्रा में हम हाय धन, हाय धन ही बोलते। अंतिम समय में हम सिर्फ राम नाम सत्य है बोलते हैं ।आप यह मान लो कि ना धन सत्य है, ना बेटा सत्य है, ना पत्नी सत्य है ,ना जीवन सत्य है। सिर्फ सत्य है तो ईश्वर सत्य है। राम ,कृष्ण सत्य है और इसी को भजने में ही जीवन का सार है।

पकड़ो ,मत जाने दो और पकड़ो मत ,जाने दो मैं काफी अंतर है:-

संत नागर जी ने कहा कि अपना जीवन सादा रखो। भगवान शंकर ने अपने विवाह में श्रृंगार न कर सादगी का संदेश दिया। ठाकुर जी जब ब्रज से और राम जी जब अयोध्या से जाने लगे तो वहां के लोगों ने कहा कि पकड़ो, मत जाने दो, यह आस्था का प्रतीक है। और जब कृष्ण मथुरा पहुंचे और पहलवानों ,हाथियों को उठाकर पटका, राम का रावण से युद्ध हुआ, तो कंस और रावण की एक ही आवाज थी पकड़ो मत, जाने दो। उन्होंने कहा कि नीति के बिना राज,कुसंगत से संगत और शराब से खानदान समाप्त हो जाते हैं। इसलिए हमेशा ध्यान रखो की बुरी आदतों को हमेशा पकड़ो मत, जाने दो और अच्छी आदतों, कर्म, भगवान को हमेशा पकड़ो, मत जाने दो का ध्यान रखो।


घर में हमेशा छह का सेट होना चाहिए:-

 संत नागर जी ने कहा कि जिस प्रकार बर्तनों के  विभिन्न संख्याओं के सेट होते हैं। उसी तरह परिवार में भी सेट होना चाहिए। आजकल हम दो, हमारे दो पर आधारित है। या फिर दो का सिर्फ  पति-पत्नी दो का सेट भी चल रहा है। परिवार वह अच्छा है, जिसमें छह का सेट हो यानी वृद्ध माता पिता, लड़का- बहू, बेटा, बेटी होना चाहिए। ध्यान रखना कि केला का छिलका कितना भी खराब हो परंतु चिपका रहे है तो केला सुरक्षित रहता है। इसी तरह वृद्ध माता-पिता कितने भी बुरे क्यों ना हो ,उन्हें छोड़ना मत। उनका अनुभव कब, कहां काम आ जाए कोई भरोसा नहीं। वृद्ध कैसे भी हो हम उनसे ढके हैं, सुरक्षित है और लुटेरे लुचचो से बचे हैं इसलिए आदर्श घर मे छह सदस्यों का सेट होना जरूरी है।




वेदों का सार श्रीमद् भागवत में निहित:-

 संत नागर जी ने कहा कि संपूर्ण वेदों का सार श्रीमद् भागवत कथा में निहित है ।जब हम कथा को विदा करेंगे  वेदना होगी। वेदना से किसी का नुकसान नहीं होता है। इसका कारण वेद है ।आप 4-5 एक जगह बैठकर कथा सुनते हो, सुविधाजनक न हो  परंतु वेदना नहीं होती ।क्योंकि वेद आपके शरीर में प्रवेश कर रहा है ।श्रीमद्भागवत में भगवान विराजमान है और वेद आपको वेदना से लड़ने की शक्ति देता है। अंदर के मनोविकार मिटाकर ही साधना सफल होगी ,और यह वेद सुनने से आएगी।




कंस वध, कृष्ण- रुक्मणी विवाह का वृतांत सुनाया :-

संत नागर जी ने श्रीमद्भागवत कथा में श्रीकृष्ण द्वारा ब्रज छोड़ने, गोपियों के वियोग, कृष्ण द्वारा कंस वध ,कृष्ण रुक्मणी विवाह ,महाभारत के कुछ प्रसंगों को विस्तार से वर्णन किया।

मंत्री भूपेंद्र सिंह ,मोकलपुर, तिवारी का सम्मान

सागर मैं प्रथम वार संत नागर जी कथा कराने के उपलक्ष में खनिज विकास निगम के उपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह मोकलपुर एवं वरिष्ठ भाजपा नेता डॉ सुशील तिवारी का संत नागर जी ने हाटकेश्वर धाम प्रतीक चिन्ह एवं गमछा भेंट कर सम्मान किया । शाम को नगरी प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह संत नागर जी से भेंट कर उनका आशीर्वाद लिया ।इस अवसर पर यजमान श्रीमती राम श्री, श्याम केशरवानी ,मदन सिंह राजपूत, राकेश राय ,विनोद गुरु, जगदीश गुरु, राजेश केशरवानी आदि उपस्थित थे।

स्वयं भोजन बनाते हैं नागर जी:-
 संत कमल किशोर नागर जी की दिनचर्या कुछ हटकर ही है। उनके शिष्य राकेश राय, मदन सिंह ने बताया कि संत नागर जी कथा के लिए जहां भी जाते हैं कुटिया में निवास करते हैं। अपना राशन बिस्तर  साथ लेकर चलते हैं। संत श्री अपना भोजन स्वंय बनाते हैं ।पीने के लिए नर्मदा जल का उपयोग करते हैं, जो वह अपने साथ लेकर आते हैं। नियमित निस्तार के लिए ही बाहर का पानी लेते हैं  और जरूरत के हिसाब से दूध लेते हैं। सुबह 4:00 बजे उठकर स्नान, भजन से संत नागर जी की दिनचर्या शुरू होती है ।संत श्री के साथ कथा में भजन संकीर्तन में जयंत ,धर्मेंद्र एवं दुर्गेश संगीत पर संगत देते हैं। जहां भी कथा होती है यह लोग वहां साथ ही जाते हैं।



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भारत संतों, ऋषियों की भूमिः मंत्री भूपेन्द्र सिंह

भारत संतों, ऋषियों की भूमिः मंत्री  भूपेन्द्र सिंह

सागर। मध्यप्रदेश शासन के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने नव वर्ष 2022 के प्रथम दिन राजघाट मार्ग स्थित सद्गुरू कबीर धाम में आयोजित समारोह में सद्गुरू कबीर दर्शन ग्रंथ का विमोचन किया। अपने संबोधन में मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने सद्गुरू कबीर और उपस्थित संतों को प्रणाम करते हुए कहा कि भारत भूमि संतों-ऋषियों की भूमि है। जिन्होंने गृहस्थ आम जनता को ज्ञान और दिशा देने का काम किया है। उन्होंने कहा कि संतों की वाणी हमें जरूर सुनना चाहिए। क्योंकि उनकी वाणी से निकले वचनों में न जाने कौन सा शब्द ऐसा आ जाये कि हमारा पूरा जीवन बदल जाये।_
     सद्गुरू कबीर दर्शन ग्रंथ के विमोचन समारोह में आमंत्रित पूज्य संतगण चरणदास बापू जी महाराज लीबड़ी सौराष्ट्र गुजरात, आचार्य विचारदास जी साहेब मगहर, आनंददास जी साहेब चित्रकूट, मंगल साहेब नादिया छत्तीसगढ़, दयानंद साहेब दाहोद गुजरात, साध्वी मायादेवी उज्जैन, कमलेशदास शास्त्री साहेब बड़ोदरा गुजरात, राजेन्द्र साहेब शास्त्री डाकोर गुजरात, गणेशदास साहेब जम्बूसर गुजरात तथा विशेष अतिथि के रूप में पूर्व मंत्री नारायण प्रसाद कबीरपंथी, ग्रंथ की रचयिता आचार्य रामजीवन शास्त्री उपस्थित थे। समारोह का संयोजन नगर विधायक शैलेन्द्र जैन ने किया।  

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सागर विश्विद्यालय के पूर्व शिक्षक विंध्येश्वरी प्रसाद साहित्य अकादमी पुरस्कार के लिए नामित

सागर विश्विद्यालय के पूर्व शिक्षक विंध्येश्वरी प्रसाद साहित्य अकादमी पुरस्कार के लिए नामित

सागर।  काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय के पूर्व प्रमुख प्रो. विंध्येश्वरी प्रसाद मिश्र को संस्कृत के साहित्य अकादमी पुरस्कार 2021 के लिए नामित किया गया है। संस्कृत साहित्य जगत के इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए प्रो. मिश्र की कृति सृजति शंखनादं किल चुनी गई है।

डॉ. हरि सिंह विश्वविद्यालय और विक्रम विश्वविद्यालय में दो दशक से अधिक अध्यापन के बाद वह काशी हिंदू विश्वविद्यालय में आचार्य के पद पर वर्ष 2006 से वर्ष 2021 तक सेवाएं दिए। प्रो. मिश्र संस्कृत शास्त्रों के विविध अनुशासनों, वेद, वेदांग, दर्शन, इतिहास-पुराण और साहित्य-विद्या में निपुण प्रसिद्ध कवि हैं।
प्रो. मिश्र की संस्कृत-हिंदी में 18 पुस्तकें प्रकाशित हैं और उन्हें अनेक पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। यह जानकारी सागर विश्विद्यालय के पूरा छात्र और काशी हिन्दू विश्विद्यालय मे कार्यरत डॉ संजीव सराफ ने दी।
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SAGAR : पुलिस ने पकड़े दो चोर, आठ किलो चांदी बरामद

SAGAR : पुलिस ने पकड़े दो चोर, आठ किलो चांदी बरामद


सागर। सागर पुलिस ने नकबजनी करने वाले दो चोरों से 08 किलो चांदी कीमती
करीबन 2,00,000/-लाख रूपये(दो लाख रूपये) की बरामद की है। पुलिस के अनुसार दिनांक 30/08/21 को फरियादी कपिल कुमार जैन पिता श्री बीरेन्द्र कुमार जैन निवासी गोला कुआ वर्धमान कलोनी सूबेदार वार्ड ने थाना उपस्थित आकर रिपोर्ट लेख कराई कि दिनांक 29/30.08.2021 की दरम्यानी रात्रि में इसके बने दुकान/मकान गुलाब बाबा मंदिर के पास से रात्रि मे अज्ञात आरोपीयों द्वारा बने दुकान/मकान का ताला तोड़कर चांदी की पत्ती और चांदी की तार चोरी कर ले गये, रिपोर्ट पर थाना मोतीनगर में धारा 457,380 भादवि का पंजीबद्व कर विवेचना में लिया गया।
पुलिस अधीक्षक सागर श्री तरुण नायक के द्वारा लगातार हो रही चोरियों पर अंकुश लगाने एवं संपत्ति संबंधी अपराधों में धरपकड़ हेतु विशेष अभियान जिले के समस्त थानों में चलाया जा रहा है।
इसी तारतम्य में  थाना प्रभारी कोतवाली श्री सतीश सिंह के नेतृत्व में उनि0 नेहा सिंह गुर्जर, आर0 अमित शुक्ला, अमर तिवारी प्रआर. जानकीरमण मिश्रा, प्रआर मुकेश, अमित, चौबे, आरक्षक आशीष गौतम, आरक्षक पवन, आरक्षक प्रदीप शर्मा, एवं थाना मोतीनगर सागर से सहायक उप निरीक्षक सोहन मरावी के दवारा विशेष सतत् अथक प्रयासों से आरोपी दीपक उर्फ घोड़ा ठाकुर एवं संदीप पटैल को अभिरक्षा में लिया गया।
उक्त आरोपीयों से पूछताछ पर उसके द्वारा चोरी किया गया मशरूका चांदी 08 किलो कीमती करीबन 2,00,000/- लाख रूपये (दो लाख रूपये) को बरामद किया गया है। जिला सागर में चोरी की वारदातों पर अकुंश लगाने हेतु धर-पकड़ हेतु अभियान जारी है।

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पिछडा वर्ग महापंचायत की बैठक आयोजित

पिछडा वर्ग महापंचायत की बैठक आयोजित


भोपाल ।राष्ट्रीय पिछडा वर्ग अधिकार संगठन पिछडा वर्ग विकास मोर्चा  ओबीसी एडव्होकेट वेलफेयर एसोसियेशन के संयुक्त तत्वावधान मे कल भोपाल के रवीन्द्र भवन मे आयोजित पिछडा वर्ग महापंचायत को संबोधित करते हुए मप्र कांग्रेस कमेटी  महासचिव रमाकांत यादव ने कहा कि 
धारा के विपरीत चलने वाले लोगों की बात को हमें सुनना और समझना होगा कबीर से लेकर रैदास जैसे संत हमेशा इसी तरह समाज को जगाते रहे, समाज ने उनकी बात को नहीं समझा परंतु आज फिर हम कुछ लोग लगे हुए हैं हमारी बात को सुनो, समझो और जागो ।
   महापंचायत में विभिन्न संगठनों एवं जातीय सामाजिक संगठनो के प्रमुखो ने भी पंचायत को संबोधित किया इस अवसर पर महेन्द्र सिंह (पूर्व डिप्टी कलेक्टर) एडव्होकेट रामेश्वर ठाकुर, पूर्व न्यायधीश आर सी चौरसियॉ, अधिवक्ता त्रय उदय साहू, विनायक साहू, एवं अशोक चौरसियॉ यादव महासभा के प्रांतीय अध्यक्ष जगदीश यादव, पूरनसिह आचार्य, मुस्लिम पिछडा वर्ग के प्रदेश प्रमुख आरिफ अजीत, रवि सोनी, के पी कुर्मवंशी, बुद्धसेन पटेल, प्रकाश धाकड, रामविश्वास कुशवाहा मदनगोपाल रजक, कल्लू पटेल सागर, सतीश सोनी, जगदीश कोरी, बद्रीप्रसाद अवधियॉ, आदि उपस्थित थे
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चकरपुर, मढ़िया बांध के कार्य स्थल का निरीक्षण किया मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने

 चकरपुर, मढ़िया बांध के कार्य स्थल का निरीक्षण किया मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने

सागर। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने आज बीना नदी परियोजना के तहत बन रहे चकरपुर बांध और मढ़िया बांध के कार्यस्थलों का निरीक्षण किया। प्रोजेक्ट की कार्ययोजना को प्रगति की मौके पर देखा और 30 जून तक गेट लगाने का कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए।_
 मंत्री श्री सिंह ने कहा कि परियोजना में प्रभावित हो रहे किसानों को शासन की गाइड लाइन के अनुसार तत्काल मुआवजा प्रदान किया जाए। इसके लिए शिविर लगाने की आवश्यकता पड़ती है तो तत्काल लगाएं और मुआवजे का वितरण करें। उन्होंने निर्देश दिए कि, 30 जून 2022 तक बांध में गेट लगाने का कार्य सुनिश्चित करें। बांध से पाइप लाइन डालने का काम भी तीव्र गति से किया जाए।
     मंत्री भूपेंद्र सिंह ने निर्माण स्थल से ही सिंचाई विभाग के प्रमुख सचिव श्री मिश्रा को दूरभाष पर निर्देश दिए कि, चकरपुर डेम में गेट लगाने के लिए अलग से डीपीआर तैयार करें और 30 जून तक गेट लगाना सुनिश्चित किया जाए। बीना सिंचाई परियोजना अंतर्गत मड़िया बांध, चकरपुर बांध एवं प्रेशराइज्ड पाईप द्वारा सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली का निर्माण कार्य किया जा रहा है। 
     उन्होंने बताया कि ग्राम गाबरी तहसील राहतगढ़ के समीप मड़िया बांध का निर्माण कर 270.10 एमसीएम जल का भंडारण किया जाना है। सिंचाई की आवश्यकता के अलावा 21 मेगावॉट बिजली का उत्पादन करने के उपरांत पानी नदी में पुनः छोड़ दिया जायेगा। 
उक्त जल का पुनः भंडारण करने हेतु मड़िया बांध के डी./एस. में ग्राम मूलना मानगढ़, राहतगढ़ के समीप 71 मि.घ.मी. क्षमता का चकरपुर बांध निर्माण कर प्रेशराइज्ड पाईप के द्वारा सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली से राहतगढ़, खुरई, बीना एवं मालथौन विकासखण्डों की 90,000 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई की जाना प्रस्तावित है। 
     नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने समीक्षा बैठक में कहा था कि बीना नदी परियोजना के बांधों की प्रगति का प्रत्यक्ष अवलोकन करने के लिए वे स्वयं 31 दिसम्बर, 21 को बीना नदी परियोजना की साइटों का दौरा कर कार्य की प्रगति देखेंगे।
     मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने बताया कि, जलजीवन मिशन के तहत खुरई विकासखंड के ग्रामों को मढ़िया व चकरपुर बांधों से पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। कार्य की समयावधि बताते हुए जानकारी दी गई कि वर्ष 2022 के अंत तक 14239 हेक्टेयर, नवम्बर 2023 तक 30 हजार हेक्टेयर क्षेत्र की पाइप लाईन का कार्य पूर्ण होगा। मालथौन के 17450 हेक्टेयर तथा खुरई के 14319 हेक्टेयर कृषि भूमि तक समय सीमा में पाइपलाईन पहुंच जाएगी। नहरें बनाने का कार्य नवम्बर 2023 में पूर्ण कर लिया जाएगा। मंत्री श्री सिंह ने अधिकारियों से पाईपलाइन की शीघ्र व्यवस्था करने के निर्देश दिए।
     बीना नदी परियोजना से खुरई विकासखण्ड के 174 गांव में घर-घर नल से पेयजल उपलब्ध कराया जाएगा। जिसकी लागत 456 करोड़ रूपए है। इसी तरह बण्डा वृहद परियोजना से मालथौन विकासखण्ड के 174 ग्रामों में 365 करोड़ की लागत से घर-घर पेयजल सप्लाई होगा।
     इस अवसर पर बिना विधायक महेश राय, कलेक्टर दीपक आर्य, मुख्य कार्यपालन अधिकारी क्षतिज सिंघल, अनुविभागीय अधिकारी राहतगढ़ देवेंद्र सिंह, अधीक्षण यंत्री चकरपुर मडिया डेम अनिल पिपरी, योगेश भोसले थाना प्रभारी, आनंद राज सहित भाजपा नेता, कार्यकर्ता एवं अन्य अधिकारी एवं ग्राम जन्म मौजूद थे। 

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कांग्रेस सेवादल के दल दिवस सप्ताह का हुआ समापन


कांग्रेस सेवादल के दल दिवस सप्ताह का हुआ समापन

सागर ।वर्ष के अंतिम सप्ताह को कांग्रेस सेवादल परिवार दल दिवस के रूप में मनाता है। इसी श्रृंखला में शहर कांग्रेस सेवादल परिवार ने 25 दिंसबर से 31 दिंसबर तक शहर के विभिन्न क्षेत्रों मनाया। इस दौरान सेवादल ने गरीब बच्चों को स्वेटर वितरण,प्रभात फेरी,झंडा वादन,कांग्रेस स्थापना दिवस आदि कार्यक्रम किये।
आज इस अभियान के अंतिम दिन पहलवान बब्बा मंदिर प्रागंण और पीली कोठी प्रागंण पर गरीब-निसहायों को कंबल बांटकर इस अभियान का समापन किया।
इस अवसर पर सेवादल के जिला शहर अध्यक्ष सिंटू कटारे ने कहा कि दल दिवस अभियान राजनीति से परे अभियान है जिसमें गरीब निसहायों की सेवा का दायित्व सेवादल परिवार उठाता है और यह सेवा करके आत्म संतुष्ठि प्राप्त होती है।

आज सिंटू कटारे के साथ प्रदेश सहसचिव द्बारका चौधरी,ब्लाकाध्यक्ष प्रीतम यादव,आनंद हैला,कल्लू पटैल,नितिन पचौरी,रामगोपाल यादव,अंकुर यादव, अमर श्रीवास्तव आदि उपस्थित रहे।


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Govind Sirvya

 
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पुत्र पर हमेशा नजर ,और पुत्री को हमेशा संग रखें : कमल किशोर नागर जी ★ श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा सप्ताह का आयोजन, कथा सुनने ग्रामीण क्षेत्रों से पहुंच रहे श्रद्धालु


पुत्र पर हमेशा नजर ,और पुत्री को हमेशा संग रखें : कमल किशोर नागर जी
★ श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा सप्ताह का आयोजन,
 कथा सुनने ग्रामीण क्षेत्रों से पहुंच रहे श्रद्धालु

सागर| ग्राम पटकुई बारारू स्थित वृंदावन धाम परिसर में आयोजित श्रीमद् ज्ञान गंगा भागवत कथा सप्ताह के पांचवे दिवस कथा वाचक संत श्री कमल किशोर नागर जी ने कहा कि जीवन में हमेशा ध्यान रहे कि अपने पुत्र या लड़के को हमेशा नजर में रखना और लड़की, पुत्री को हमेशा संग में रखना। बेटी संभाल कर रखने के लिए है।चाहे जहां बैठने ,भेजने, देखने  की वस्तु नहीं है। बेटी, बेटे से कई गुना ठीक होती है ।
संत श्री नागर जी ने श्रद्धालु श्रोताओं से कहा कि आजकल बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का नारा बुलंद हो रहा है ।बेटी को हम पढ़ा तो सकते हैं लेकिन सुरक्षित कैसे रखें ।बिगड़ने के लिए शासन ने ही मोबाइल दे रखा है। बेटियां बहुत अच्छी होती हैं, उन्हें सुरक्षित रखने की जरूरत होती है। शासन-प्रशासन तो सुरक्षा में लगा है ,लेकिन हमें ऐसे दादाओ की जरूरत है जो कि बहनों की इज्जत बचा सके, ऐसे नहीं जो बहनों की इज्जत लुटे। उन्होंने आह्वान किया है कि दादा तैयार करना है तो कृष्ण जैसे करो, जिन्होंने द्रौपदी की लाज बचाई, गोपियों को ज्ञान दिया ।कृष्ण ने गाय और कन्याओं की रक्षा की ।वर्तमान में ऐसे ही दादाओ की जरूरत है। यदि आपके पास धन है, बल है , तो धन वहां लगाओ जहां कोई निर्धन दिखें और बल वहां लगाओ जहां कोई निर्बल दिखे। धन और बल का हमेशा सदुपयोग करो।

 तुलसी और गीता हमेशा साथ रखें:-
संत श्री नागर जी ने कहा कि ऐसी  औलाद पैदा करने का क्या मतलब जब वह तुम्हारे काम ना आए। इसलिए हमेशा भजन में ध्यान लगाओ।गीता साथ में रखो। संत श्री ने कहा कि यह परंपरा हमारे पुरखों से चली आ रही है कि शर्ट या कुर्ते में जेब बाईं तरफ होती है, इसका कारण

है कि शर्ट या कुर्ते में जेब बाईं तरफ होती है, इसका कारण है कि लोग  पहले इसमें गीता रखते थे, यानी भगवान का वास ह्रदय के पास होता था ।अब ह्रदय के पास बने जेब से गीता गायब है और मोबाइल, चश्मा आदि डाल रखा है।  गीता पास रहेगी और तुलसी हमेशा मुंह में रहेगी फिर कभी भी गाड़ी आ जाए , हम जाने के लिए तैयार है। लेकिन तुम्हें लेने कोई और नहीं गोविंद आएगा।
 
वर्ष में एक बार कथा अवश्य सुनाएं:-
 संत कमल किशोर नागर जी ने कहा कि भगवान ने जिन्हें सक्षम, सबल बनाया है ।वह अपने गांव में ,शहर में, वर्ष में एक बार लोगों को कथा आयोजन कराने का मौका ना  चुके। कथा श्रवण कराने से पुण्य ही मिलेगा। पैसा मिला है ,तो बुद्धि भी सत्कर्म में लगाओ  क्योंकि पैसा सबसे पहले बुद्धि भ्रष्ट करता है, सब उलट-पुलट कर रख देता है ।वर्तमान युग में भागवत कथा ही आपको बचा सकती है ,उद्धार कर सकती है ।भजन में समय लगाओगे भगवान अवश्य मिलेगा।

गधों के लिए नहीं, गाय के लिए कमाओ:-
 संत श्री ने कहा कि आपके पास सब कुछ है लेकिन संतान मूर्ख है तो फिर आप किस आपाधापी में लगे हो। जिनके यहां गधा पैदा हुए हैं  उन्हें मालूम तो पड़ गया होगा ।लोग गाय ,हाथी, घोड़ा यहां तक की मुर्गी के लिए घर बनाते हैं, लेकिन कभी आपने सुना कि किसी ने गधे के लिए घर बनाया हो ।अगर संतान गधा है  तो फिर उसके लिए जोड़ने , घर बनाने, कमाने का क्या मतलब। रात्रि 12:00 बजे के बाद यदि संतान घर में आए तो, दरवाजा मत खोलना वरना आप भी गधे  से कम नहीं हो। अगर संतान गधा के समान है तो उसके लिए नहीं बल्कि गाय के लिए कमाओ जो तुम्हें पूछ पकड़ कर वैतरणी पार करा दे।

कथा केवल तुलसी पत्र से होती है:-
संत श्री जी ने कहा कि लोगों को भ्रांति होती है  कथा में लाखों रुपए खर्च होते हैं। लेकिन यह व्यवस्था की बात है। कथा तो केवल तुलसी पत्र से होती है ।कथा सत्संग जहां भी हो वहां जाने से मत चूकना ।कथा में किसी को परिजन नहीं आने दे रहे , तो किसी

को  उसका पाप नहीं आने दे रहा ।पाप कभी बूढ़ा नहीं होता ।यदि जिंदा बच गया तो फिर साथ आएगा ।इसको कम करने का प्रयास ही सत्संग है। कोई सद् वचन, प्रसाद रूपी प्रभु की दृष्टि कही बटे तो हर कमी दूर हो जाती है ।कथा में तो बैकुंठ वाला धरती पर आ जाता है, तो फिर हम इसे सुनने से क्यों चूकें।

राम से बड़ी राम की कथा:
 भगवान राम की गुरु माता ने दीक्षा में मदयंती के कुंडल मांगे थे क्योंकि मदयंती  ने जिस आस्था ,संयम, साधना के साथ कथाएं सुनी वह कान में तो गई, लेकिन कुंडल में इकट्ठे हो गई। गुरु माता  को राम तो मिल गए थे लेकिन उनकी कथा नहीं मिली थी ।राम से बड़ी राम की कथा है। राम तो सहज नहीं मिल सकते उनकी कथा ही मिल जाए तो ही पर्याप्त है। कथा सुनने से कुंडल बन जाती है। कथा गोल चलती घड़ी की तरह है, इसलिए उसमें पावर रहता है ।लंबी करोगे तो पावर चल पाएगा। इसलिए कथा को कुंडल बनाओ ।कथा में आनंद की तलाश करो , सुख की नहीं। जीवन में सुख कहीं नहीं है। हम दुख को सुख समझकर उसके  पीछे भाग रहे हैं ,जो हमें दुखदाई है।कथा श्रवण मे ही सच्चा सुख,आनंद है।

कृष्ण लीलाओं का वृतांत सुनाया:
संत श्री नागर जी ने श्रीमद्भागवत कथा में कहा कि भगवान ने पूतना को मारा नहीं, तारा है ।भगवान मारते नहीं तारते हैं। उन्होंने भगवान द्वारा किए गए महारास एवं गोपियों को दिए गए ज्ञान की कथा तथा भगवान कृष्ण की बाल लीला का विस्तार से वर्णन किया।

गुरु परिवार का सम्मान :-
कथा में समर्पण भाव से जुटे जगदीश गुरु ,विनोद गुरु का संत श्री ने हाट केश्वर धाम का प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मान किया। इस अवसर पर यजमान श्रीमती राम श्री, श्याम केशरवानी ,डॉक्टर सुशील तिवारी, विधायक प्रदीप लारिया ,राकेश राय, मदन सिंह राजपूत ,खनिज विकास निगम उपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह मोकलपुर ,भगवान सिंह रघुवंशी, राजेश केशरवानी आदि उपस्थित थे।
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