SAGAR : राजस्व सीमा क्षेत्र के लिए प्रतिबंधात्मक आदेश जारी ,नाईट कर्फ्य जारी ★ दोनों टीके लगवाने वालों को ही सिनेमा हॉल, जिम, क्लब एवं स्टेडियम में मिलेगा प्रवेश



SAGAR : राजस्व सीमा क्षेत्र के लिए प्रतिबंधात्मक आदेश जारी ,नाईट कर्फ्य जारी 

★ दोनों टीके लगवाने वालों को ही सिनेमा हॉल, जिम, क्लब एवं स्टेडियम में मिलेगा प्रवेश

सागर, 24 दिसंबर 2021
  कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री दीपक आर्य ने कोविड-19 के ओमीक्रॉन वेरिएंट के प्रकरणों को देखते हुए प्रतिबंधात्मक आदेष जारी किया है। कलेक्टर ने दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत जिले की संपूर्ण राजस्व सीमा क्षेत्र के लिए आगामी आदेष पर्यन्त, पूर्व में जारी दिषा-निर्देषों को निरस्त करते हुए नवीन दिषा-निर्देष जारी किए है।  

जारी आदेष के अनुसार रात्रि 11 से प्रातः 5 बजे तक नाईट कर्फ्य रहेगा। सिनेमा हॉल, मल्टीप्लेक्स, थियेटर, जिम, कोचिंग क्लासेस, स्वीमिंग पूल, क्लब, स्टेडियम में 18 साल से अधिक आयु के केवल उन लोगों को ही प्रवेष की अनुमति रहेगी, जिन्होंने कोविड-19 के दोनों टीके लगवाये हैं।

शासकीय सेवकों से अपेक्षा की गई है कि वह कोविड-19 की दोनो डोज लें। समस्त विभागाध्यक्ष, कार्यालय प्रमुख ऐसे शासकीय सेवकों के नाम सूचीबद्ध करेंगे, जिनके द्वारा दोनों टीके नहीं लगवाये गये हैं तथा उन्हें दोनों टीकें लगवाना सुनिष्चित करेंगे।
 
स्कूलों, कॉलेजों, हॉस्टलों में कार्यरत प्राचार्य, षिक्षक, संचालक, स्टॉफ तथा अध्ययनरत 18 साल से अधिक आयु के छात्र-छात्रा से अपेक्षा है कि वे  कोविड-19 के टीके दोनों डोज लें। ऐसे स्टॉफ, कर्मियों, छात्र-छात्राओं जिनके द्वारा दोनों टीके नहीं लगवाये गये हैं, उन्हें दोनों टीके लगवाना प्राचार्य, संचालक सुनिष्चित करेंगे।

मार्केट प्लेस एवं मॉल के दुकानदारों तथा मेलों में दुकान लगाने वाले दुकानदारों से अपेक्षा है कि वे कोविड टीके की दोनों डोज लें। जिन दुकानदारों द्वारा दोनों टीके नहीं लगवाये गये हैं, उन्हें दोनों टीके लगवाना मार्केट एषोसिएषन, मॉल, प्रबंधन, मेला आयोजक सुनिष्चित करेंगे।

सिनेमा हाल, मल्टीप्लेक्स, थियेटर, जिम, कोचिंग क्लासेस, स्विमिंग पूल स्टॉफ को दोनों टीके लगवाना आवष्यक होगा। कोविड उपयुक्त व्यवहार जैसे मास्क का उपयोग, सोषल डिस्टेंसिंग आदि का पालन सुनिष्चित कराया जाये। जिला प्रषासन द्वारा मास्क नहीं लगाने वाले व्यक्तियों पर नियमानुसार जुर्माना वसूली की कार्यवाही की जावे।

उक्त आदेष एक पक्षीय रूप से पारित किया गया है। आदेष का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति के विरूद्ध भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 एवं आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के प्रावधान अंतर्गत कार्यवाही की जाएगी।
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देशज ज्ञान का वैश्विक शोध केंद्र बनेगा विश्वविद्यालय: कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता

 
देशज ज्ञान का वैश्विक शोध केंद्र बनेगा विश्वविद्यालय: कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता 

★ स्वदेशी ज्ञान अध्ययन केंद्र का हुआ शुभारम्भ, पारम्परिक चिकित्सा शिविर का आयोजन 
 
सागर. 24 दिसंबर. डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर में स्वदेशी ज्ञान अध्ययन केंद्र का औपचारिक शुभारम्भ हुआ. इस अवसर पर कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने कहा कि भारतीय देशज ज्ञान का गौरवशाली और समृद्धिशाली इतिहास है. पहले के जमाने में जब नवीन चिकित्सा पद्धतियाँ नहीं थीं तब देशी-जड़ी बूटियों से इलाज किया जाता था जो कि बहुत कारगर होता था. आधुनिक चिकित्सा पद्धति के ज़माने में हम अपने गौरवशाली और संपन्न देशज ज्ञान परम्परा को भूलते जा रहे हैं. ऐसे समय में अपनी समृद्ध देशज ज्ञान परम्परा को सहेजने और उसे आगे बढ़ाने के लिए हमें सरकार द्वारा एक केंद्र स्थापित करने की मंजूरी मिली है. यह गौरवान्वित करने वाली बात है. उन्होंने कहा कि यह एक अनूठा केंद्र है जो देश के विरले ही संस्थानों में है. आज इसका बीजारोपण हो रहा है और अब यह भारतीय देशज ज्ञान परम्परा के संरक्षण, शोध और प्रसार का वैश्विक केंद्र बनेगा. 
 
उन्होंने कहा कि हम वानस्पतिक औषधि संपन्न राष्ट्र हैं. जैव विविधता के क्षेत्र में भारत दुनिया के कई देशों से मजबूत स्थिति में हैं. यह केंद्र पारंपरिक चिकित्सकों और औषधीय वनस्पतियों पर रिसर्च के माध्यम से एक अनूठे केंद्र के रूप में विकसित होगा. पारंपरिक चिकित्सकों के सहयोग से औषधीय जड़ी-बूटियों वाले पौधों को विश्वविद्यालय में विकसित कर फार्मेसी विभाग एवं अन्य शोध एजेंसियों की मदद से शोध करके कई प्रोडक्ट तैयार किये जाएंगे. आज आयुर्वेद कंपनियों को कच्चे माल की भी जरूरत पड़ती है. हम औषधीय वनस्पतियों के आपूर्तिकर्ता के रूप में भी अपनी पहचान बना सकते हैं. इसके साथ ही देशज ज्ञान पद्धति के विशेषज्ञों के सहयोग से देशी दवाइयों के किफायती प्रोडक्ट तैयार कर सकते हैं. इससे देशज ज्ञान और इसके जानकारों, दोनों के संरक्षण का मार्ग प्रशस्त होगा. शीघ्र ही केंद्र में शिक्षकों के पद भरे जाएंगे. यह केंद्र उत्कृष्ट शोध केद्रों से साझेदारी करके औपचारिक तौर पर शोध कार्य शुरू करेगा. प्रोजेक्ट के माध्यम से भी शोध कार्य प्रारंभ होंगे. 
 
कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने फीता काटकर केंद्र का शुभारम्भ किया तथा चिकित्सा शिविर का भी उद्घाटन किया. उन्होंने कहा कि पारंपरिक ज्ञान पर आधारित चिकित्सा पद्धति भी काफी कारगर है. इस पद्धति से गंभीरतम बीमारियों के ठीक होने के कई प्रमाण हैं. आज पूरा विश्व योग और प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति की तरफ देख रहा है. प्राकृतिक उत्पादों ने व्यक्तिगत तौर पर मुझे भी एक बार जीवनदान दिया है. इस चिकित्सा पद्धति पर विश्वास की आवश्यकता है. इस तरह के चिकित्सा शिविर लगातार आयोजित किये जाएंगे और विभिन्न रोगों के लिए विशेष शिविर भी लगाए जाएंगे. इससे केंद्र की गतिशीलता तो बढ़ेगी ही साथ ही केंद्र सामाजिक उत्तरदायित्व का भी निर्वहन कर सकेगा. उन्होंने शिविर में आये वैद्यों से परिचय प्राप्त कर उनके उत्पादों की भी जानकारी ली.
 
स्वागत वक्तव्य में केंद्र प्रभारी प्रो. के.के.एन. शर्मा ने केंद्र का परिचय दिया और इसके व्यापक उद्देश्यों को विस्तार से बताया. उन्होंने बताया कि केंद्र में 25 सितंबर को भी सुबह 9.30 बजे से नाड़ी वैद्यों का शिविर शुरू होगा. सागर शहर और आस-पास के नागरिक अपना इलाज कराने के लिए आ सकते हैं. कार्यक्रम का संचालन डॉ. राजबहादुर अनुरागी ने किया. आभार वक्तव्य प्रो. आर. पी. मिश्रा ने दिया. इस अवसर पर डॉ. पंकज तिवारी, डॉ. राकेश सैनी, डॉ. पवन शर्मा, डॉ. परविन्दर, डॉ. हेमन्त पाटीदार सहित कई शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी, शोधार्थी, विद्यार्थी एवं शहर के गणमान्य नागरिक उपस्थित थे. 
 
केंद्र परिसर में कुलपति ने किया पौधारोपण

इस अवसर पर कुलपति प्रो नीलिमा गुप्ता ने पौधारोपण भी किया और केंद्र परिसर के हरा-भरा रहने की मंगलकामना की. शिविर में आये नाड़ी चिकित्सकों और शिक्षकों ने भी पौधारोपण किया.
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SAGAR : बिजली बिल की राशि गबन करने वाले दो कर्मचारियों को दो साल की सजा

SAGAR : बिजली बिल की राशि गबन करने वाले दो कर्मचारियों को  दो साल की सजा

सागर। न्यायालय  राकेश कुमार ठाकुर अपर एवं जिला सत्र न्यायाधीश देवरी, जिला सागर के न्यायालय ने आरोपीगण के. के. विश्वकर्मा एवं नन्हेभाई दांगी, जिला सागर को धारा 409 भादवि में 02-02 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 1000-1000 रूपए के अर्थदण्ड से दण्डित करने का आदेश दिया गया। राज्य शासन की ओर से विशेष लोक अभियोजक/वरिष्ठ सहा. जिला अभियोजन अधिकारी लक्ष्मी प्रसाद कुर्मी ने शासन का पक्ष रखा।
घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि फरियादी द्वारा म.प्र. पूर्व क्षेत्र वि.वि.कं.लि. देवरी शहर विद्युत केन्द्र मंे पदस्थ कार्यालय सहायको द्वारा विद्युत बिलो की राशि में हेरफेर करने के संबंध मंे पुलिस थाना देवरी मंे इस आशय कि रिपोर्ट लेख करायी गयी कि देवरी शहर विद्युत केन्द्र में पदस्थ के. के. विश्वकर्मा (सहा.गेड-03) ने 32 उपभोगताओं से वसूली गयी कुल राशि रूपए 45382/-एवं नन्हेभाई दांगी (सहा.गेड-02/आॅडीटर) द्वारा उपभोगताओं द्वारा वूसली गयी कुल राशि रूपए 3650/- धोकाधड़ी कर बेईमानी पूर्वक उक्त राशि का स्वहित उपयोग करते हुए गबन कर लिया है। आरोपीगण द्वारा उपभोगताओं से बसूली गयी उक्त राशि को कंपनी के किसी भी अभिलेख मंे नहीं दर्शाया गया है। उक्त घटना के आधार पर प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना उपरांत अभियुक्त के विरूद्ध अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। जहां अभियोजन ने महत्वपूर्ण तथ्य प्रस्तुत किये। माननीय न्यायालय द्वारा उभय पक्ष को सुना गया। न्यायालय द्वारा प्रकरण के तथ्य परिस्थितियों एवं अपराध की गंभीरता को देखते हुए व अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपीगण के. के. विश्वकर्मा एवं नन्हेभाई दांगी को धारा 409 भादवि में 02-02 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 1000-1000 रूपए के अर्थदण्ड से दण्डित करने का आदेश दिया गया।

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MP : नगर पंचायत का CMO एक लाख की रिश्वत लेते पकड़ाया


MP : नगर पंचायत का CMO एक लाख की रिश्वत लेते पकड़ाया


सतना: 
सतना जिले की चित्रकूट नगर पंचायत के सीएमओ को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों लोकायुक्त टीम ने गिरफ्तार किया गया है। सीएमओ कृष्णपाल सिंह को एक लाख रुपए की घूस ले रहा था। रिश्वत की रकम अनुकंपा नियुक्ति के लिए ली गई थी। अनिल तिवारी का अनुकंपा नियुक्ति का मामला लंबित था जिसके लिए रिश्वत की मांग की गई थी। अनिल ने इसकी शिकायत लोकायुक्त रीवा से की थी। शुक्रवार को रकम लेने के लिए सीएमओ ने अपने सरकारी आवास पर बुलाया था। जैसे ही अनिल के हाथों रिश्वत की रकम ली गई डीएसपी प्रवीण सिंह परिहार के नेतृत्व में गई लोकायुक्त टीम ने सीएमओ कृष्णपाल सिंह को दबोच लिया। आरोपी से पूछताछ की जा रही है। उसके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है।
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राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग अधिकार संगठन संयोजक रमाकांत यादव ने दाखिल की सुप्रीम कोर्ट में रिव्यु एवम रिकॉल याचिकाएं

 राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग अधिकार संगठन संयोजक रमाकांत यादव ने दाखिल की सुप्रीम कोर्ट में रिव्यु एवम रिकॉल याचिकाएं

सागर। राष्ट्रीय पिछडा वर्ग अधिकार संगठन के संयोजक एवं मप्र कांग्रेस कमेटी के महासचिव रमाकांत यादव  ने बताया कि अपाक्स, पिछडा वर्ग विकास मोर्चा एवं राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग अधिकार संगठन ने संयुक्त रूप से
पंचायतों के त्रिस्तरीय चुनाव में ओबीसी की सीटो को सामान्य में परिवर्तित करने के फैसले को रिकॉल एवम मोडीफाइड करने हेतु सुप्रीम कोर्ट में आधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर के माध्यम से याचिकाएं दाखिल की जा चुकी है । 
रमाकांत यादव ने बताया कि मध्यप्रदेश शासन की ओर से भी रिकॉल आफ आर्डर की याचिका दाखिल की गई है तथा याचिका कर्ताओ की ओर से भी मोडिफिकेशन आफ आर्डर की याचिकाएं दाखिल हुई है ।  जो संघठन मूल याचिका में पक्षकार नही थे उन्होंने भी उक्त मूल प्रकरण में पक्षकार बनाए जाने हेतू अतिरिक्त आवेदन दाखिल किये है । सर्वप्रथम पक्षकार बनाए जाने के आवेदनों पर चेम्बर जज के समक्ष सुनवाई होगी तत्पश्चात दाखिल की गई समस्तस रिकॉल एंड रिव्यु आफ आर्डर दिनाँक 17/12/2021 की सुनवाई दिनाँक 3 जनवरी 2022 को सुप्रीम कोर्ट के ओपन होने पर मेंशन करने के बाद तारीख निर्धारित की जाएगी । 
 रिव्यु एवम रिकॉल आफ आर्डर दिनाँक 17/12/2021 का प्रमुख आधार यह है की संविधान के अनुच्छेद 243 (D) (6) में ओबीसी को अमूचित प्रतिनिधिव वास्ते राज्य सीटो को आरक्षित कर सकेगा तदनुसार पंचायत अधिनियम में ओबीसी वर्ग को आरक्षण के प्रावधान विधायका द्वारा किए गए है । 
  1994 से त्रिस्तरीय निर्वाचनों में 1994-95 से आरक्षण लागू है तथा देश के अन्य कई राज्यो में भी ओबीसी को पंचायतों के त्रिस्तरीय आरक्षण प्रवर्तन में है । केवल मध्यप्रदेश राज्य के त्रिस्तरीय पंचायतों में माननीय उच्चतम न्यायालय का  दिनाँक 17/12/2021 का आदेश रिकॉल करने योग्य है । 2011 के आकड़ो के अनुसार  मध्य प्रदेश में ओबीसी की आवादी 51% है  जिसे समुचित प्रतिनिधित्व देने का प्रावधान पंचायत अधिनियम में मौजूद है ।याचिका कर्ताओ द्वारा चाही गई राहत से परे माननीय न्यायालय द्वारा पारित आदेश संवैधानिक प्रावधानों से असंगत है जिसे न्यायहित में रिकॉल किये जाने का निवेदन किया गया है तथा मौजूदा निर्वाचन पूर्व प्रतिस्थापित प्रावधानों के तहत ही राज्य निर्वाचन आयोग को निर्दिष्ट किया जाए ।
*आधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर* का कहना है कि यदि सुप्रीम कोर्ट उक्त रिव्यु पीटीशनो में अपना आदेश परिवर्तित नही करती है तो फिर क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल करेंगे जिसकी सुनवाई संविधान पीठ द्वारा की जावेगी
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MP : नाईट कर्फ्यू आज से लागू , स्कूलों में रहेगी बच्चों की 50 प्रतिशत उपस्थिति ★ हर नागरिक संक्रमण से बचाव के लिए बरते सावधानी – मुख्यमंत्री श्री चौहान


MP : नाईट कर्फ्यू आज से लागू  , स्कूलों में रहेगी बच्चों की 50 प्रतिशत उपस्थिति


★ हर नागरिक संक्रमण से बचाव के लिए बरते सावधानी – मुख्यमंत्री श्री चौहान


★ मुख्यमंत्री श्री चौहान ने दिया प्रदेश की जनता को संदेश

भोपाल : 23 दिसम्बर, 2021

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि ओमिक्रोन वायरस की तीव्र प्रसार और वैश्विक परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए संक्रमण से बचाव के लिए हम सभी के लिए सचेत होने का यह उपयुक्त समय है। भारत सरकार ने भी संक्रमणसे बचाव के लिए गाइड लाइन जारी की है। हमें फेस मॉस्क के उपयोग, परस्पर दूरी बनाने और जमावड़ों और भीड़-भाड से बचने के लिए सजग रहना है। वैक्सीन के दोनों डोज़ सभी को लगवाना है। डोज़ से शेष रह गए सभी लोग इसे प्राथमिकता से लगवाकर स्वयं, परिवार, समाज के लिए सुरक्षा चक्र सुनिश्चित करने में सहयोग करें। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आज शाम प्रदेश की जनता के नाम संदेश में कहा कि कुछ राज्यों में गत एक सप्ताह से बढ़ रहे पॉजिटिव प्रकरण को देखते हुए मध्यप्रदेशवासियों की स्वास्थ्य सुरक्षा बहुत आवश्यक है। कोरोना संक्रमण की पहली और दूसरी लहरों में भुगते कष्ट स्मरण करते हुए हमें परी तरह सावधान रहना है। तीसरी लहर को आने से हमें रोकना है।

महीनों बाद मध्यप्रदेश में आज 30 प्रकरण

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्य प्रदेश में आज कई महीनों बाद कोविड के 30 नए प्रकरण मिले हैं। कल पूरे देश में भी 7 हजार 495 पॉजिटिव प्रकरण आए हैं। एक बात जो मन में चिंता पैदा करती है वो यह है कि महाराष्ट्र, गुजरात और दिल्ली, तीनों राज्यों में पिछले एक सप्ताह से पॉजिटिव केसों में लगातार वृद्धि हो रही है। कल ही महाराष्ट्र में 1201, गुजरात में 91 और दिल्ली में 125 प्रकरण आए हैं। हम सब जानते हैं इन राज्यों से मध्यप्रदेश में आना-जाना लगातार बना रहता है और पूर्व के अनुभव भी हमें यह बताते हैं कि पिछली बार भी महाराष्ट्र में पॉजिटिव केस बढ़ना शुरू हुए। गुजरात में बढ़े और उसके बाद मध्यप्रदेश में केस बढ़े। पहली लहर हो या दूसरी लहर। दूसरी लहर में जो कष्ट हमने भुगते हैं वह हम कभी भूल नहीं सकते। अगर पुरानी दोनों लहरों को भी देखा जाए, पहली हो या दूसरी हो, प्रारंभ इंदौर-भोपाल से ही हुई और अभी इंदौर तथा भोपाल में प्रकरण बढ़कर लगभग  साप्ताहिक प्रकरण नवंबर महीने की तुलना में दिसंबर में 3 गुना हो गए हैं।

बदला है कोरोना ने अपना स्वरूप

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना ने अपना स्वरूप बदला है और नया स्वरूप ओमिक्रोन के रूप में देश के 16 राज्यों में आ चुका है। इस संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता कि मध्य प्रदेश में भी ओमिक्रोन वायरस के केस जल्दी आ जाए। यदि हम पूरी दुनिया का भी अध्ययन करें और पूरी दुनिया का अनुभव देखें तो ओमिक्रोन बहुत तेजी से फैलता है। इंग्लैंड में एक लाख केस प्रतिदिन आ रहे हैं। अमेरिका में भी लगभग ढाई लाख केस प्रतिदिन आ रहे हैं। यूरोप में भी ओमिक्रोन बहुत तेज़ी से बढ़ रहा है और उपरोक्त सभी कारणों को देखते हुए मुझे अंतरआत्मा से यह लगता है कि यह सही समय है जब हम सचेत हो जाएं। कोविड की तीसरी लहर को आने से रोकें, तेजी से संक्रमण ना फैले, इसके लिए हर आवश्यक उपाय करें।

अवश्य लगाएं मॉस्क

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रदेशवासियों से कहा है कि भारत सरकार ने भी कुछ गाइडलाइन जारी की है। मेरी आपसे प्रार्थना है कि अब देर ना करें, मॉस्क जरूर लगाएं, सोशल डिस्टेंसिंग बनाएं, अनावश्यक भीड़ में ना जाएं, अनावश्यक जमावड़ा ना हो और अब तक अगर किसी ने वैक्सीन का डोज नहीं लिया, तो टीका जरूर लगवाएं। पहला लगा लिया हो तो दूसरे में देर ना करें, अगर समय की अवधि पूरी हो गई हो तो तुरंत दूसरा टीका भी लगवाएं।

स्कूलों में 50 प्रतिशत उपस्थिति

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि इसके साथ ही हमने पहले ही तय कर दिया था कि स्कूल में जो हमारे बच्चे हैं वे 50% की संख्या में ही जाएंगे ताकि वहां सोशल डिस्टेंसिंग बनी रह सके। यह बच्चों के हित में आवश्यक है।

रात्रिकालीन कर्फ्यू

 हम आज एक फैसला और कर रहे हैं कि रात्रि कालीन कर्फ्यू रात 11:00 बजे से लेकर सुबह 5:00 बजे तक लगा रहेगा। अगर आवश्यकता पड़ी कुछ और उपाय हम जरूर करेंगे। अगर कोविड का कोई पॉजिटिव केस आता है तो घर में अगर पर्याप्त स्थान है तो घर में उसको आइसोलेट करके इलाज करेंगे और नहीं तो हर हालत में उनको अस्पताल में ही भर्ती कराना चाहिए ताकि परिजन वायरस के संक्रमण से बच सकें। हमें सावधान रहना है। याद रखना, सावधानी में ही सुरक्षा है, मेरी प्रार्थना है आप सब सहयोग करें ताकि तीसरी लहर के संकट से हम अपने प्रदेश को बचा पाएं और अपनी जनता की जिंदगी की सुरक्षा कर पाएं, यह आप सबके सहयोग से ही होगा।


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पं. संत श्री कमल किशोर नागर जीकी पटकुई बरारू में श्रीमद ज्ञान गंगा भागवत कथा 27 दिसम्बर से


पं. संत श्री कमल किशोर नागर जीकी
पटकुई बरारू में श्रीमद ज्ञान गंगा भागवत कथा 27 दिसम्बर से

सागर 23 दिसंबर. पटकुई बरारू वृदंावन धाम में 27 दिसंबर से 2 जनवरी तक श्रीमद ज्ञान गंगा भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है. कथा का वाचन पं. संत श्री कमल किशोर नागर द्वारा किया जायेगा. 
   कथा की तैयारियों को लेकर आज मुख्य यजमान श्रीमती रामश्री श्याम बाबू केशरवानी के परिजनों द्वारा आयोजित पत्रकार वार्ता में डॉ वीरेंद्र पाठक ने बताया कि कथा प्रतिदिन दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक रखी गई है. कथा स्थल पर विशाल पंडाल तैयार कराया गया है. कथा स्थल पर व्यवस्थाओं को लेकर विभिन्न समितियों का गठन भी किया जा रहा है. राजेश केशरवानी ने बताया कि संत श्री नागर का आगमन 26 दिसंबर को सागर में होने जा रहा है. कथा स्थल के समीप ही संत श्री की कुटिया तैयार कराई गई है. वार्ता में डॉ सुशील तिवारी, जगदीश गुरू, आनंद चौहान, योगेश जैन, मोहन केशरवानी मौजूद रहे.
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भूविज्ञान के विद्यार्थियों का अनूठा फील्ड-कैम्प विभाग की गौरवशाली परम्परा का द्योतक है: कुलपति

भूविज्ञान के विद्यार्थियों का अनूठा फील्ड-कैम्प विभाग की गौरवशाली परम्परा का द्योतक है: कुलपति
 
सागर. 23 दिसंबर. डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर की कुलपति प्रो नीलिमा गुप्ता ने व्यावहारिक भूविज्ञान विभाग द्वारा हीरापुर के समीप मड़देवरा ग्राम की हाई स्कूल के प्रांगण में  एम. टेक. द्वितीय सेमेस्टर के छात्रों के 'फील्ड ट्रेनिंग कैम्प' का विस्तरित अवलोकन किया. उन्होंने छात्र-छात्राओं से उनकी ट्रेनिंग की सम्पूर्ण जानकारी ली और उन्हें संबोधित करते हुए कहा कि नैसर्गिक वातावरण मे ऐसी अनूठी ट्रेनिंग, जिसमें दस छात्राएं भी भाग ले रही हों, विद्यार्थियों को एक बेहतरीन भूवैज्ञानिक बनाने हेतु बहुमूल्य हैं. इस अवसर पर विभाग के प्रो. पी के कठल व प्रो. आर के रावत भी उपस्थित थे. 
 
गौरतलब है कि सागर विश्वविद्यालय का व्यावहारिक भूविज्ञान विभाग हर वर्ष एक 30 दिवसीय 'फील्ड ट्रेनिंग कैम्प' का आयोजन करता है जोकि देश में अपनी तरह का अनूठा है. इससे विद्यार्थियों को गहन प्रशिक्षण दिया जाता है. इसी प्रशिक्षण के चलते विभिन्न भूवैज्ञानिक विभागों/संस्थानों, जैसे भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण, परमाणु खनिज विभाग, ओ एन जी सी, केंद्रीय भूमि जल बोर्ड आदि में सर्वाधिक संख्या में चयन हो पाता है.
 
कैम्प इंचार्ज प्रो. आर के त्रिवेदी व डॉ. जी के सिंह ने बताया कि कैम्प एक माह तक चलेगा. कैम्प में ही विद्यार्थियों को रिपोर्ट बनानी होती है जिसकी परीक्षा भी कैम्प में ही हो जाती है. इस भ्रमण के दौरान कुलपति महोदया ने हाई स्कूल के विद्यार्थियों को भी संबोधित करते हुए उन्हें उच्च शिक्षा के लिए प्रेरित किया.
 
विश्वविद्यालय: पचीस से अधिक नाड़ी वैद्य करेंगे देशी पद्धति से इलाज 
स्वदेशी ज्ञान अध्ययन केंद्र में 24 एवं 25 दिसंबर को पारम्परिक चिकित्सा शिविर का आयोजन 
 
 डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर में स्वदेशी ज्ञान अध्ययन केंद्र का शुभारंभ किया जा रहा है. इस अवसर पर दो दिवसीय पारम्परिक चिकित्सा शिविर का भी आयोजन किया गया है. बालक छात्रावास के आख़िरी छोर पर स्थित बी-वन भवन में स्वदेशी ज्ञान अध्ययन केंद्र का विधिवत शुभारंभ दिनांक 24 दिसम्बर 2021 को प्रातः 11 बजे विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता के कर-कमलों द्वारा होगा. इसी के साथ ही दिनांक 24 एवं 25 दिसम्बर 2021 को पारम्परिक चिकित्सा शिविर भी आयोजित किया जा रहा है. जिसमें पारंपरिक चिकित्सा पद्धति के विशेषज्ञ आमंत्रित किये गये हैं. यह आयोजन भाभा छात्रावास परिसर के समीप स्थित बी-वन भवन में किया जा रहा है. सागर और आस-पास के लोग भी इस पारंपरिक चिकित्सा शिविर में सहभागिता कर लाभ ले सकते हैं. 
 
केंद्र के प्रभारी प्रो. के.के.एन. शर्मा ने बताया कि शिविर में मध्य प्रदेश तथा छत्तीसगढ़ राज्य से पचीस परम्परागत चिकित्सक शामिल हो रहे हैं जो कमर दर्द, पैर दर्द, पेट दर्द, पेचिस, स्पोंडलाइटिस, ल्यूकोरिया, कमजोरी, पथरी, आँखों के जालों की सफाई, त्वचा रोग, माइग्रेन, ब्लड प्रेशर, बवासीर आदि सहित कई रोगों का नाड़ी परीक्षण से पहचान कर जड़ी-बूटियों से उपचार करेंगे. इसके अलावा एक्यूप्रेशर के विशेषज्ञ भी शिविर में शामिल हो रहे हैं. पूर्व में केंद्र द्वारा शहर के चकराघाट, भाग्योदय अस्पताल, विश्वविद्यालय परिसर में गौर समाधि स्थल एवं मानव विज्ञान विभाग परिसर में इस तरह के शिविर आयोजित किये जा चुके हैं जिसमें शहर और आस-पास के काफी संख्या में लोग लाभान्वित हुए थे. 
 
उन्होंने बताया कि केंद्र द्वारा इस तरह की चिकित्सा शिविरों का आयोजन लगातार किया जाएगा. उल्लेखनीय है कि वर्तमान समय में पूरी दुनिया का आकर्षण परंपरागत चिकित्सा की तरफ है. उन्होंने बताया कि मास्क के प्रयोग की अनिवार्यता के साथ कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए जनसमुदाय शिविर में सहभागी हो सकते हैं. कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता और केंद्र प्रभारी प्रो. के.के. एन शर्मा ने इस शिविर में ज्यादा से ज्यादा सहभागिता करने और लाभ लेने की अपील की है.
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