टीकमगढ : नाबालिग को बहला-फुसलाकर भगाने एवं बलात्‍संग के मामले में आरोपीगण को आजीवन कारावास

टीकमगढ : नाबालिग को बहला-फुसलाकर भगाने एवं बलात्‍संग के मामले में आरोपीगण को आजीवन कारावास

टीकमगढ़। निर्णय की जानकारी देते हुये विशेष लोक अभियोजक (पॉक्‍सो एक्‍ट) / सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती नर्मदांजलि दुबे ने बताया कि दिनांक 09.01.2016 को फरियादी ने थाना पृथ्‍वीपुर में इस आशय की रिपोर्ट लेख कराई कि जब वह अपने घर आया तो उसे उसकी पत्‍नी ने बताया कि आरोपी वित्‍थे उर्फ पुष्‍पेन्‍द्र पीडि़ता को बहला-फुसलाकर भगा ले गया है। पुलिस द्वारा आरोपी वित्‍थे उर्फ पुष्‍पेन्‍द्र पर अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना के दौरान पीडि़ता को दिल्‍ली में आरोपी वित्‍थे उर्फ पुष्‍पेन्‍द्र के पास से दस्‍तयाब किया था। बाद में पीडि़ता एवं आरोपी वित्‍थे उर्फ पुष्‍पेन्‍द्र का मेडीकल परीक्षण कराया गया। पीडि़ता ने अपने कथनों में बताया था कि जब वह अपने खेत पर थी तो आरोपी टुड्डू उर्फ रामस्‍वरूप कुशवाहा एवं राजेन्‍द्र कुशवाहा उसे मोटरसायकिल पर बैठाकर पृथ्‍वीपुर ले गये थे वहां से आरोपी वित्‍थे उर्फ पुष्‍पेन्‍द्र उसे शादी का झांसा देकर बहला-फुसलाकर दिल्‍ली ले गया था तथा वहां पर उसने पीडि़ता के साथ कई बार बलात्‍संग किया था। प्रकरण में आवश्‍यक अनुसंधान उपरांत तीनों आरोपीगण के विरूद्ध अभियोग पत्र माननीय न्‍यायालय के समक्ष प्रस्‍तुत किया था। प्रकरण के विचारण उपरांत न्‍यायालय द्वारा जिला अभियोजन अधिकारी, श्री आर.सी. चतुर्वेदी द्वारा दिए गए तर्कों से संतुष्‍ट होते हुए एवं आरोपी वित्‍थे उर्फ पुष्‍पेन्‍द्र की डीएनए रिपोर्ट के आधार पर माननीय न्‍यायालय द्वारा आज तीनों आरोपी को वित्‍थे उर्फ पुष्‍पेन्‍द्र कुशवाहा धारा 376 भा.दं.सं. में 20 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 10000/-(दस हजार) रूपये के अर्थदण्‍ड, धारा 3(2)(5) एससीएसटी एक्‍ट में आजीवन कारावास एवं 10000/-(दस हजार) रूपये के अर्थदण्‍ड, धारा 363 भादवि में 05 वर्ष का सश्रम कारावास व 1000/-(एक हजार) रूपये का अर्थदण्‍ड एवं धारा 366 भादवि में 07 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 2000/-(दो हजार) रूपये के अर्थदंड एवं अन्‍य आरोपी टुड्डू उर्फ रामस्‍वरूप कुशवाहा एवं राजेन्‍द्र कुशवाहा को धारा 3(2)(5) एससीएसटी एक्‍ट में आजीवन कारावास एवं 10000/-(दस हजार) रूपये के अर्थदण्‍ड, धारा 363 भादवि में 05 वर्ष का सश्रम कारावास व 1000/-(एक हजार) रूपये का अर्थदण्‍ड एवं धारा 366 भादवि में 07 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 2000/-(दो हजार) रूपये के अर्थदंड से दंडित किया गया है।
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सीएम शिवराज सिंह 10 दिसम्बर को करेंगे स्मार्ट सिटी सागर के कामो की समीक्षा और निरीक्षण ★ प्रस्तावित आगमन को लेकर अधिकारियों ने किया स्थल निरीक्षण

सीएम शिवराज सिंह 10 दिसम्बर को 
करेंगे स्मार्ट सिटी सागर के कामो की समीक्षा और निरीक्षण
★ प्रस्तावित आगमन को लेकर अधिकारियों ने किया स्थल निरीक्षण

सागर।  मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के आगामी 10 दिसम्बर को  प्रस्तावित नगरागमन को लेकर संभागायुक्त श्री मुकेश शुक्ला और पुलिस महानिरीक्षक श्री अनिल शर्मा के साथ जिला एवं पुलिस प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने विभिन्न स्थलों का आज निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान प्रभारी कलेक्टर श्री क्षितिज सिंघल, पुलिस अधीक्षक श्री तरुण नायक, अपर कलेक्टर श्री अखिलेश जैन, नगर निगम कमिश्नर श्री आरपी अहिरवार तथा अन्य अधिकारी मौजूद थे।

यहां बता दे कि कल सोमवार को सीएम शिवराज सिंह ने नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह के साथ स्मार्ट सिटी मिशन की समीक्षा की थी और कामो की धीमी गति पर नाराजगी जताई थी। सीएम ने स्मार्ट सिटी के कामो की समीक्षा करने और जनप्रतिनिधियों तथा आमजन से संवाद करने का एलान किया था। इसी तारतम्य में सीएम ने स्मार्ट सिटी सागर से इसकी शुरुआत कर रहे है। 

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★ वर्ष 2019 में स्मार्ट सिटी मिशन में हुए कार्यों की होगी जाँच 
★ कोई भी नया टेण्डर नहीं होगा और जो कार्य आरंभ नहीं हुए हैं उनकी होगी समीक्षा
★सीएम शिवराज सिंह ने की स्मार्ट सिटी मिशन की समीक्षा -


अधिकारियों ने सर्वप्रथम पीटीसी ग्राउंड मैदान का निरीक्षण किया एवं आवश्यक दिशा निर्देश दिए। पीटीसी ग्राउंड पर विशाल जनसभा को मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान संबोधित करेंगे। इसके बाद समस्त अधिकारी लाखा बंजारा झील पहुंचे, जहां  चल रहे जीर्णोद्धार कार्य का मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा निरीक्षण किया जाएगा । संभागायुक्त श्री मुकेश शुक्ला ने लाखा बंजारा झील पर निर्मित हो रहे एलीवेटेड कॉरीडोर व अन्य कार्यो की जानकारी ली तथा निरीक्षण से सम्बंधित आवश्यक तैयारियां करने के निर्देश अधिकारियों को दिए।
अधिकारियों ने पुलिस लाइन स्थित हेलीपैड को लेकर की जा रही तैयारियों को भी देखा । तत्पश्चात पुलिस अधीक्षक  कार्यालय में बैठक लेकर तैयारियों के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिए गए।  अधिकारियों ने पुलिस लाइन ग्राउंड (हेलीपेड) पीटीसी ग्राउंड, कलेक्ट्रेट एवं लाखा बंजारा झील तक आने-जाने वाले मार्ग  का  भी निरीक्षण किया। 
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सागर झील के काम की गति धीमी, सीएम ने जताई नाराजगी ★ मुख्यमंत्री स्वयं करेंगे सातों स्मार्ट सिटी के जन-प्रतिनिधियों और जन-सामान्य से संवाद ★ वर्ष 2019 में स्मार्ट सिटी मिशन में हुए कार्यों की होगी जाँच ★ कोई भी नया टेण्डर नहीं होगा और जो कार्य आरंभ नहीं हुए हैं उनकी होगी समीक्षा ★सीएम शिवराज सिंह ने की स्मार्ट सिटी मिशन की समीक्षा

सागर झील के काम की गति धीमी, सीएम ने जताई नाराजगी

★ मुख्यमंत्री स्वयं करेंगे सातों स्मार्ट सिटी के जन-प्रतिनिधियों और जन-सामान्य से संवाद
★ वर्ष 2019 में स्मार्ट सिटी मिशन में हुए कार्यों की होगी जाँच 
★ कोई भी नया टेण्डर नहीं होगा और जो कार्य आरंभ नहीं हुए हैं उनकी होगी समीक्षा 
★सीएम शिवराज सिंह ने की स्मार्ट सिटी मिशन की समीक्षा

भोपाल । मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि स्मार्ट सिटी मिशन में जनता की आवश्यकता और शहर की प्राथमिकता के अनुसार जन-प्रतिनिधियों और नगरवासियों की सलाह से कार्यों की प्राथमिकता तय होगी तथा उसके अनुरूप ही निर्माण कार्य संचालित किए जाएंगे। स्मार्ट सिटी निर्माण में सौन्दर्यीकरण के स्थान पर उपयोगिता और जनता की सुविधा को प्राथमिकता बनाया जाएगा। कोई भी नया टेण्डर नहीं होगा और जो कार्य आरंभ नहीं हुए हैं उनकी समीक्षा की जाएगी। राशि का मितव्ययी और सही उपयोग सुनिश्चित किया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि वे स्वयं सातों स्मार्ट सिटी भोपाल, इंदौर, जबलपुर, उज्जैन, ग्वालियर, सागर और सतना के जन-प्रतिनिधियों से संवाद करेंगे।

2019 के टेंडरों की जांच होगी

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि वर्ष 2019 में स्मार्ट सिटी मिशन में हुए कार्यों, उनके औचित्य, टेंडर प्रक्रिया, व्यय राशि तथा अनियमितताओं की जाँच की जाएगी। बैठक में जानकारी दी गई कि प्रदेश में 6 हजार 600 करोड़ रूपए राशि से 587 योजनाएँ संचालित हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सभी सात शहरों में संचालित योजनाओं की वे स्वयं बिन्दुवार समीक्षा करेंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान मंत्रालय में स्मार्ट सिटी मिशन की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह, मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य नगरीय विकास को नई दृष्टि देना है। बड़े शहरों के साथ मझौले और छोटे शहरों का नियोजन भी भविष्य की व्यवहारिक आवश्यकताओं के अनुसार किया जाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि स्मार्ट सिटी मिशन के वित्तीय संसाधनों का उपयोग केवल स्मार्ट सिटी तक ही सीमित नहीं रहे। इसके वित्तीय संसाधनों का उपयोग संपूर्ण शहर के विकास में सुनिश्चित किया जाए। मूलभूत कार्यों के लिए स्मार्ट सिटी से नगर निगम या अन्य एजेंसियों को राशि हस्तांतरित करने में कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। स्मार्ट सिटी मिशन को शहरों के विकास का इंजन बनाना है। मिशन में उपलब्ध संसाधनों का उपयोग संपूर्ण शहर के अधोसंरचना विकास में किया जाए, यह केवल सौन्दर्यीकरण तक सीमित न रहे।

सागर और भोपाल के कामो की धीमी प्रगति से सीएम नाराज

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने भोपाल में बंद पड़े कैमरों और सागर के निर्माणाधीन लाखा बंजारा तालाब की धीमी प्रगति पर अप्रसन्नता व्यक्त की। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि स्मार्ट सिटी मिशन, नगर निगम एवं पुलिस सहित नगरीय प्रबंधन से संबंधित विभिन्न एजेंसियों से बेहतर समन्वय सुनिश्चित करें।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि स्टार्टअप्स इंक्यूबेशन सेंटरों का प्रभावी संचालन सुनिश्चित किया जाए। स्टार्टअप्स की अवधारणा को युवाओं में उद्यमिता को विकसित करने के लिए औद्योगिक और तकनीकी संस्थाओं से आवश्यक सहयोग लिया जाए।

ये है स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट

जानकारी दी गई कि स्मार्ट सिटी मिशन योजना के प्रथम चरण में जनवरी 2016 में भोपाल, इंदौर, जबलपुर, द्वितीय चरण में सितम्बर 2016 से उज्जैन, ग्वालियर और तृतीय चरण में जून 2017 से सागर और सतना को लिया गया है। इन सात स्मार्ट शहरों में प्रदेश की नगरीय आबादी की 34.8 प्रतिशत आबादी निवासरत है। मिशन में क्षेत्र आधारित विकास में मुख्य अधोसंरचना कार्य जैसे ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और ट्रांसफर स्टेशन्स, जल प्रदाय, फ्लाई ओवर तथा ब्रिज, पार्क, उद्यान, खेल परिसर, ऊर्जा दक्ष लाईटिंग, पुरातत्व धरोहर संरक्षण में रिस्टोरेशन, लेक डेव्हलपमेंट, बायो मैथेनाइजेशन प्लांट, मल्टीलेवल पार्किंग व नॉन मोटराईज ट्रांसपोर्ट संबंधी कार्य किए जा रहे हैं। पैन सिटी के अंतर्गत संपूर्ण शहर के लिए एकीकृत कमाण्ड एण्ड कंट्रोल सेंटर, इंटेलीजेंट ट्रेफिक मैनेजमेंट, स्टार्टअप इंक्युबेशन सेंटर, स्मार्ट क्लास रूम, स्मार्ट पोल जैसी गतिविधियाँ संचालित की जा रही हैं।

बैठक में स्मार्ट सिटी मिशन में ग्वालियर में सांस्कृतिक एवं पुरातत्व संग्रहालय, भोपाल की सदर मंजिल, ग्वालियर के टाउन हॉल, इंदौर की हरिराव होलकर छतरी एवं गांधी हॉल, ग्वालियर फोर्ट की फसाड लाइटिंग, उज्जैन के महाकाल मंदिर एवं निर्माणाधीन श्री महाकाल मंदिर परिसर, इंदौर की कान्ह नदी संरक्षण एवं सौन्दर्यीकरण परियोजना, जबलपुर के गुलउआ ताल, भोपाल के स्मार्ट पार्क, ग्वालियर की एनर्जी एफिशिएंट एलईडी स्ट्रीट लाइट, भोपाल के आर्च ब्रिज, सागर के निर्माणाधीन फ्लाईओवर, भोपाल, इंदौर एवं उज्जैन के बायोमिथिनेशन प्लांट, भोपाल एवं इंदौर के अपशिष्ट ट्रांसफर स्टेशन, सौर ऊर्जा संयंत्र जबलपुर, इंदौर की छप्पन दुकानें, जबलपुर के खेल परिसर, उज्जैन के गणेश नगर स्मार्ट स्कूल, जबलपुर की मल्टीलेवल पार्किंग, भोपाल और इंदौर के स्टार्टअप्स इंक्यूबेशन सेंटर तथा ग्वालियर, जबलपुर और इंदौर में चल रहे इंटीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कंट्रोल सेंटर की जानकारी दी गई। 

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डॉ.अम्बेडकर भारतीय बौद्धिकता के सर्वसमावेशी आत्मप्रतिमा थे : प्रो. बद्रीनारायण


डॉ.अम्बेडकर भारतीय बौद्धिकता के सर्वसमावेशी आत्मप्रतिमा थे : प्रो. बद्रीनारायण 

सागर. 06 दिसम्बर. डॉ.भीमराव अम्बेडकर का उदय भारतीय नवजागरण की अधुनातन परिघटना थी. अपने जीवन और संघर्षों के साथ उन्होंने समाजिक संरचना की परीधि पर अवाक खड़े बहुसंख्यक जनसंख्या को जोड़ा और उनकी सामाजिक-सांस्कृतिक मुक्ति के महास्वप्न को वैधानिक तौर पर स्वीकार किये जाने का मार्ग प्रशस्त किया. यही कारण है कि आज पूरे भारत में डॉ. अम्बेडकर की विविध छवियाँ विद्यमान हैं. विभिन्न समाज वैज्ञानिक अनुसंधानों में यह लक्षित किया गया है कि बहिष्कृत जनता के बीच डॉ. अम्बेडकर की उन छवियों की भी एक यात्रा है. सामाजिक-राजनीतिक जरूरतों के चलते बार-बार डॉ. अम्बेडकर की छवियों को गढ़ा जाता रहा है. डॉ. अम्बेडकर की जो छवि सर्वाधिक लोकप्रिय है वह अपनी निर्मित में ज्यादा समावेशी है. उपर्युक्त विचार गोविंद बल्लभ पन्त समाज विज्ञान संस्थान, प्रयागराज के निदेशक एवं प्रख्यात कवि-लेखक प्रो. बद्रीनारायण ने समाजशास्त्र एवं समाजकार्य विभाग द्वारा डॉ.अम्बेडकर चेयर के तत्वावधान में बाबासाहब भीमराव अम्बेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में व्यक्त किया.
सीटीईएफ नागपुर के अध्यक्ष, मुख्य अतिथि प्रो. के.एम. भंडारकर ने कहा कि बाबा साहेब ने जीवन भर संघर्ष किया किन्तु उन संघर्षों ने उनके व्यक्तित्व को खरा कुंदन बना दिया. संघर्षों से उन्होंने जीवन कौशल सीखा. सबको मुक्त रखने और सबको अपने श्रेष्ठतम विकास के लिए अवसर देने का भाव डॉ. अम्बेडकर के जीवन और चिंतन का केंद्रीय तत्त्व है. 
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहीं कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने कहा कि अस्पृश्यता एक अप्राकृतिक भाव है. जैविक रूप से प्रत्येक मनुष्य समान है. बावजूद इसके हमारे समाज में जाति और वर्ण की समानता को लेकर चेतना का अभाव था. बाबा साहब अम्बेडकर एक ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने अत्यंत तार्किक ढंग से हमें इस बात को समझाया कि सबको समान अवसर एवं समान सम्मान मिलना चाहिए. इसके लिए उन्होंने ज्ञान को सबसे बड़े साधन के रूप में प्रस्तावित किया.
स्वागत भाषण डॉ. कालीनाथ झा ने दिया. कार्यक्रम का संचालन सुश्री ऊषा राणा ने किया और आभार डॉ. शिबशंकर जेना ने व्यक्त किया. इस अवसर पर प्रो. अम्बिकादत्त शर्मा, प्रो. दिवाकर सिंह राजपूत, प्रो. जेके जैन, प्रो. अस्मिता गजभिये, डॉ. आशुतोष, डॉ. अरविन्द कुमार, डॉ नीलू रावत, सुश्री नंदी पटौदिया, डॉ. हिमांशु कुमार, डॉ. ज्ञानेश तिवारी सहित काफी संख्या में शोधार्थी व विद्यार्थी उपस्थित थे.           
 
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बाबा साहब का परिनिर्वाण दिवस मनाया सेवादल ने


बाबा साहब का परिनिर्वाण दिवस मनाया सेवादल ने

सागर। बाबा साहब डा. भीमराव अंबडेकर जी की परिनिर्वाण दिवस पर शहर कांग्रेस सेवादल परिवार ने अंबेडकर-प्रतिमा,भगवानगंज पर मोमबत्ती जलाकर उन्हे अपनी सच्ची श्रृदांजलि अर्पित की। सेवादल परिवार ने अपनी परंपरानुरूप बाबा साहब को सलामी देकर उनके देश को दिये गये योगदान को याद किया।
इस अवसर पर जिला शहर कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष महेश जाटव ने कहा कि बाबा साहब स्वतंत्र भारत के प्रथम विधि, न्यायमंत्री और संविधान जनक थे। जिस कारण महिलाओं को बराबरी का अधिकार मिला है। शहर कांग्रेस सेवादल अध्यक्ष सिंटू कटारे ने कहा कि बाबा साहब बुद्धिमान संविधान विशेषज्ञ थे। उन्होंने 60 देशों के संविधान का अध्ययन किया था। बाबा साहब को संविधान पिता भी कहा जाता है। बाबा साहब एक महान समाजक सुधारक और समाजसेवी थे। शिक्षित व्यक्ति ही समाज में अपने अधिकारों के बारे में जान सकता है। वरिष्ठ कांग्रेसी धर्मेंद्र चौधरी ने कहा कि बाबा साहब ने हमेशा गरीब और वंछितों के हक के लिए लड़ाई लड़ी। वे दबे कुचलों की आवाज बनकर उभरे थे।
इस अवसर पर सेवादल ब्लाकाध्यक्ष राममनोहर रावत,नाथूराम चौधरी,आनंद हैला वसीम खान,लल्ला यादव,सुनील ठाकुर,देवेन्द्र बाल्मीकि, धर्मेद्र चौधरी,अंकुर यादव,आयुश सेन,हिंमाशु सेन,प्रतीक नेगी,साहिल,आयुश हैला,प्रेमचंद सोनानी,नैतिक चौधरी आदि उपस्थित रहे।
 
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नाबालिग बालिका से दुष्‍कर्म के आरोपी को 10 वर्ष का कठोर कारावास

नाबालिग बालिका से दुष्‍कर्म के आरोपी को 10 वर्ष का कठोर कारावास

टीकमगढ़। निर्णय की जानकारी देते हुए विशेष लोक अभियोजक/एडीपीओ नर्मदांजलि दुबे ने बताया कि फरियादी ने थाना दिगोडा में एक लिखित आवेदन इस आशय का दिया कि दिनांक 09.08.2014 को उसकी बच्‍ची अभियोक्‍त्री छत पर लेटी थी, जो रात को छत पर से उठकर कहीं चली गई है, उसने रिश्‍तेदारियों में ढूंढा जिसका कोई पता नहीं चला, जिस पर से गुम इंसान सूचना लेख की जाकर जांच उपरांत यह पाये जाने पर कि अभियोक्‍त्री को गांव का हल्‍के उर्फ जसरथ बहला फुसलाकर ले गया है तथा मोबाईल कॉल डिटेल से गुम इंसान अभियोक्‍त्री तथा अभियुक्‍त का पूर्व से बातचीत होना पाये जाने के आधार पर अभियुक्‍त हल्‍के उर्फ जसरथ के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट पुलिस थाना दिगौडा में अपराध अंतर्गत धारा 363,366 भा.दं.सं. 1860 तथा धारा ¾  लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 पर लेखबद्ध कर मामला पंजीबद्ध कर प्रकरण विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान अभियोक्‍त्री को दस्‍तयाब किया गया। अभियोक्त्री का चिकित्‍सीय परीक्षण कराया गया। आरोपी का डीएनए परीक्षण कराया गया। अभियोक्‍त्री के कथन माननीय न्‍यायालय के समक्ष लेखबद्ध कराये गये। अनुसंधान के दौरान घटनास्‍थल का नक्‍शामौका बनाया गया। अभियोक्‍त्री की उम्र से संबंधित दस्‍तावेज प्राप्‍त किये गये। अभियुक्‍तगण को गिरफ्तार किया गया। प्रकरण  में अनुसंधान पूर्ण होने के पश्‍चात् आरोपी के विरूद्ध धारा 363, 366क, 376, 365, 120बी/34 भा.दं.सं. तथा धारा 17 एवं 3/4 पॉक्‍सो एक्‍ट के अंतर्गत दंडनीय अपराध का विचारण किये जाने हेतु अभियोग पत्र माननीय न्‍यायालय के समक्ष प्रस्‍तुत किया गया। आज दिनांक 06.12.2021 को माननीय विशेष न्‍यायालय पॉक्‍सो एक्‍ट टीकमगढ़ द्वारा संपूर्ण विचारण पश्‍चात् आरोपी हल्‍के उर्फ जसरथ उर्फ दशरथ को धारा 376(2)(एन) भा.दं.सं. के अंतर्गत दंडनीय अपराध हेतु दोषसिद्ध ठहराते हुए 10 वर्ष का कठोर कारावास एवं 5000/- (पांच हजार) रूपये के अर्थदण्‍ड से दण्डित किया गया है। उक्‍त प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी श्री आर.सी. चतुर्वेदी, जिला अभियोजन अधिकारी द्वारा की गई।
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आचार्य श्री विद्यासागर महाराज की भव्य अगवानी हुई कुंडलपुर में

आचार्य श्री विद्यासागर महाराज की भव्य अगवानी हुई कुंडलपुर में

सागर । 5 साल 5 माह 5 दिन बाद आचार्य संघ पांच मुनिराजो के साथ 3:30 बजे बड़े बाबा के दरबार में भव्य और ऐतिहासिक अगवानी हुई। संभाग के कोने-कोने से लोग इस आगवानी को देखने के लिए कुंडलपुर पहुंचे थे।
मुनि सेवा समिति के सदस्य मुकेश जैन ढाना ने बताया कि आचार्य संघ की आहारचर्या पटेरा मैं राजकुमार जैन बिला वालों के यहां हुई यहां से दोपहर 1:30 बजे बिहार शुरू हुआ 3 किलोमीटर लंबे इस बिहार में 10,000 से अधिक लोग उपस्थित थे सैकड़ों स्थानों पर आचार्य संघ की अगवानी के लिए रंगोली डाली गई थी। विभिन्न वेशभूषा में बच्चे और महिलाएं ड्रेस कोड के साथ आचार्य भगवन की अगवानी करने की लालायित दिख रहे थे बैल गाड़ियों पर महिलाऐ भी झंडे लेकर बैठी हुई थी। दर्जनों दिव्य घोष अगवानी में शामिल हुए कुंडलपुर कमेटी के अध्यक्ष संतोष सिंघई के अलावा पूरी कमेटी और विभिन्न स्थानों से आए मंदिर कमेटी के पदाधिकारी भी उपस्थित थे। सागर से भी सैकड़ों लोगों ने पहुंचकर आचार्य श्री का आशीर्वाद लिया 3:30 बजे आचार्य संघ बड़े बाबा के मंदिर में दर्शनों के लिए पहुंचे जहां पर लगभग आधे घंटे बाद 4 बजे मंच पर आए और पहला पात्र प्रच्छलन कुंडलपुर की भूमि पर सागर निवासी श्रीमंत सेठ आनंद जैन अजीत जैन नीटू आनंद स्टील परिवार ने सोने के कलश और थाली से किया इस अवसर पर देवेंद्र जेना स्टील, मुकेश जैन ढाना, सट्टू कर्रापुर, राजेश जैन रोडलाइंस, अरविंद पथरिया, राकेश जैन निश्चय, सौरभ जैन गोलू सहित पवन चौधरी, सावन रेशु सिंघई, गौरव जैन, के अलावा दमोह, पथरिया, हटा, गढ़ाकोटा,रहली, ढाना, नोहटा, बांदकपुर, तेंदूखेड़ा आदि स्थानों से आए लोगों ने आज बड़े बाबा और छोटे बाबा के दर्शन कर आशीर्वाद लिया। सुरक्षा व्यवस्था में हटा एसडीओपी वीरेंद्र बहादुर सिंह मुस्तैदी से ड्यूटी कर रहे थे ।





हजारों वर्ष के लिए हुआ है बड़े बाबा के मंदिर का निर्माण आचार्य श्री

आचार्य श्री विद्यासागर महाराज कुंडलपुर में बड़े बाबा मंदिर प्रांगण में प्रथम दर्शन के बाद श्रद्धालुओं से कहा कि आने वाले पंचकल्याणक गजरथ महोत्सव में आपको एक एक क्षण का उपयोग करना है। देश भर से लोग आयेंगे। बड़ा कार्यक्रम होना हैं। शासन प्रशासन को हमे सहयोग करना है। आप  अनुशासन में रहना है। हजारों साल बाद यह चमत्कार होने जा रहा है। इस भव में आप इसके गवाह होंगे। उन्होंने कहा कि आज ही मुहूर्त मान ले। इस कार्य को देवी देवता भी देख रहे हैं और इस कार्य में आपकी एक कौड़ी भी लगती है तो वह पुण्यशाली होगा

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सागर जिले में तीन चरणों में होंगे त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव , प्रतिबंधात्मक आदेश जारी

सागर जिले में तीन चरणों में होंगे त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव , प्रतिबंधात्मक आदेश जारी

सागर ।  सागर जिले में तीन चरणों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव संपन्न होंगे। संयुक्त कलेक्टर एवं उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्रीमती सपना त्रिपाठी ने बताया कि सागर जिले में प्रथम चरण 6 जनवरी 2022 को सागर, रहली एवं केसली, द्वितीय चरण में 28 जनवरी 2022 को मालथौन, बंडा ,देवरी, बीना  एवं तृतीय चरण में 16 फरवरी 2022 को राहतगढ़ ,खुरई, जैसीनगर ,शाहगढ़ में पंचायत चुनाव संपन्न होंगे।

जिले की राजस्व सीमाओं के भीतर प्रतिबंधात्मक आदेश जारी
मध्यप्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा त्रि-स्तरीय पंचायतों के आम निर्वाचन वर्ष 2021-22 हेतु कार्यक्रम जारी किया गया हैं। निर्वाचन कार्यक्रम जारी होने के साथ ही आदर्श आचार संहिता त्रि-स्तरीय पंचायतों में तत्काल प्रभाव से लागू हो गयी हैं जो 23 फरवरी 2022 तक प्रभावशील रहेगी।
त्रि-स्तरीय पंचायतों के आम निर्वाचन वर्ष 2021-22 में सागर जिले में विकासखण्ड सागर, रहली, केसली का निर्वाचन प्रथम चरण में, विकासखण्ड मालथौन, बण्डा, देवरी, बीना का निर्वाचन द्वितीय चरण में एवं विकासखण्ड राहतगढ़, खुरई, शाहगढ़, जैसीनगर का निर्वाचन तृतीय चरण में संपन्न किये जाने का कार्यक्रम जारी किया गया हैं। उपरोक्त विकासखण्डों के अंतर्गत पंच, सरपंच, जनपद सदस्य तथा जिला पंचायत सदस्य के निर्वाचन की कार्यवाही संपादित होगी। उपरोक्त त्रि-स्तरीय पंचायत आम निर्वाचन शांतिपूर्ण तथा निष्पक्ष रूप से संपन्न कराने के लिए यह आवश्यक हैं कि तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधात्मक आदेश प्रसारित किये जाए।
पूर्व से ही त्रि-स्तरीय पंचायतों के निर्वाचन के संबंधित क्षेत्रों में गतिविधियॉ प्रारंभ हो गयी हैं। इस तथ्य की यह आशंका विद्यमान हैं कि कोई भी असामाजिक तत्व निर्वाचन को प्रभावित करने का प्रयास कर सकता हैं।
 इस संबंध में अपर जिला दण्डाधिकारी श्री अखिलेश जैन ने जिले की समस्त राजस्व सीमाओं के भीतर प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया है।
जारी आदेषानुसार कोई भी आयोजन जैसे रैली, जुलूस, आमसभा, नुक्कड़ सभा बिना संबंधित अनुविभागीय दण्डाधिकारी की लिखित अनुज्ञा के किया जाना प्रतिबंधित रहेगा। कोई भी व्यक्ति या समूह किसी भी प्रकार की साम्प्रदायिक, जातिगत या समुदाय विशेष को भड़काने वाली कार्यवाही नहीं करेंगा। कोई भी व्यक्ति या समूह निर्वाचन अवधि में किसी भी प्रकार का शस्त्र लेकर न तो चलेगा न ही उसका प्रदर्शन करेंगा। कोई भी व्यक्ति या समूह सोशल मीडिया पर किसी भी प्रकार की भ्रामक पोस्ट न तो डालेगा, शेयर और लाईक करेंगा। कोई भी व्यक्ति या समूह मतदाताओं को गलत रूप से प्रभावित करने के लिए कोई उपचार या प्रलोभन नहीं देगा। त्रि-स्तरीय पंचायत आम निर्वाचन संबंधी गतिविधियों में वाहन पर किसी भी प्रकार की ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग बिना संबंधित अनुविभागीय दण्डाधिकारी की लिखित अनुमति के नहीं किया जाएगा।
आदेश दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 144(2) के अन्तर्गत एक पक्षीय पारित किया गया है। आदेश से व्यथित व्यक्ति दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 144(5) के अन्तर्गत अपर जिला दण्डाधिकारी के न्यायालय में आवेदन प्रस्तुत कर सकेगा। अत्यन्त विशेष परिस्थितियों में अपर जिला दण्डाधिकारी सन्तुष्ट होने पर आवेदक को किसी भी लागू प्रतिबन्ध से छूट दे सकेगा। यदि कोई व्यक्ति उपर्युक्त प्रतिबन्धात्मक आदेश का उल्लंघन करेगा तो वह भारतीय दण्ड संहिता के प्रावधानों के तहत अभियोजित किया जावेगा।
उपर्युक्त प्रतिबन्ध विधि एवं व्यवस्था सम्बन्धी ड्युटी में संलग्न अधिकारी, कर्मचारी, पुलिस कर्मियों एवं बैंक गार्ड, सार्वजनिक-अर्द्ध सार्वजनिक उपक्रमों की सुरक्षा में कार्यरत् गार्डो पर लागू नहीं होगा तथा यह प्रतिबन्ध अन्य किसी नियम/आदेश के प्रतिबन्धों के अतिरिक्त होंगे। 

चुनाव अभ्यर्थी सम्पत्ति स्वामी की लिखित अनुज्ञा के बिना सम्पत्ति पर लिखकर या चिन्हित करके उसे विरूपित करेगा, लगेगा जुर्माना

विभिन्न राजनैतिक दलों एवं अभ्यर्थियो द्वारा चुनाव की घोषणा के साथ ही शासकीय/अशासकीय भवनों पर नारे लिखे जाते है, बैनर लगाये जाते है, पोस्टर चिपकाएं जाते है, विद्युत तथा टेलीफोन के खंबों पर चुनाव प्रचार से संबंधी झंडिया, डंडे, बैनर लगाये जाते है, जिसके कारण शासकीय सम्पत्ति का स्वरूप विकृत हो जाता है। मध्यप्रदेश सम्पत्ति विरूपण निवारण अधिनियम-1994 की धारा-3 में यह स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि कोई भी, जो सम्पत्ति के स्वामी की लिखित अनुज्ञा के बिना सार्वजनिक दृष्टि में आने वाली किसी सम्पत्ति को स्याही, खड़िया, रंग या किसी अन्य पदार्थ से लिखकर या चिन्हित करके उसे विरूपित करेगा, वह जुर्माने से, जो एक हजार रूपये तक का हो सकेगा, दण्डनीय होगा।
इस अधिनियम के अधीन दण्डनीय कोई भी अपराध संज्ञेय होगा। अपर जिला दण्डाधिकारी श्री अखिलेष जैन ने म0प्र0 सम्पत्ति विरूपण निवारण अधिनियम-1994 की धारा-5 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए आदेश जारी किया है।
जारी आदेषानुसार- 1. चुनाव प्रचार के दौरान यदि विभिन्न राजनैतिक दलों अथवा चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों द्वारा किसी शासकीय एवं अशासकीय भवन की दीवारों पर किसी भी प्रकार के नारे लिखकर विकृत किया जाता है तो एैसे पोस्टर एवं बैनर हटाने के लिए तथा चुनावी नारे मिटाने के लिए सागर जिले के समस्त थाना क्षेत्रों में लोक सम्पत्ति सुरक्षा दस्ता तत्काल प्रभाव से गठित किया गया है। इस दस्ते में लोक निर्माण विभाग के स्थायी गैंग के पर्याप्त संख्या में कर्मचारी पदस्थ रहेंगे।
2- यह लोक सम्पत्ति सुरक्षा दस्ता स्थानीय एस0डी0एम0/नगर पुलिस अधीक्षक/तहसीलदार/नायब तहसीलदार-टी0आई0/थाना प्रभारी के सीधे देख-रेख में कार्य करेंगा।"
3- इस दस्ते को सहयोग देने के लिए और स्थल पर जाकर कार्यवाही सुनिश्चित् करने के लिए संबंधित थाने का एक सहायक उप निरीक्षक (पुलिस), मुख्यालय पटवारी एवं स्थानीय निकाय के एक कर्मचारी की ड्यूटी लगाई जावें ।
4- इस दस्ते को नगरीय/ग्रामीण क्षेत्र में अनुभागवार एक-एक वाहन भी उपलब्ध कराया जावे जिस पर "लोक सम्पत्ति सुरक्षा दस्ता" का एक बैनर लगा होना चाहिए ।
5- लोक निर्माण विभाग द्वारा इस दस्ते को लोक सम्पत्ति को विरूपण से बचाने के लिए सभी आवश्यक सामग्री जैसे-गेरू, चूना, कूची, बांस एवं सीड़ी आदि उपलब्ध करायी जावे।
6- यह लोक सम्पत्ति सुरक्षा दस्ता निर्वाचन की समाप्ति तक एस0डी0एम0/नगर पुलिस अधीक्षक/तहसीलदार/नायब तहसीलदार-टी0आई0/थाना प्रभारी के सीधे देखरेख में अपने कार्यक्षेत्र में प्रतिदिन भ्रमण करते हुए लोक सम्पत्तियों को विरूपित होने से रोकेगा।
यदि किसी राजनैतिक दल या चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थी द्वारा किसी निजी सम्पत्ति को बिना उसके स्वामी की लिखित सहमति के विरूपित किया जाता है तो निजी सम्पत्ति के स्वामी द्वारा सम्बन्धित थाने में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराने एवं लोक सम्पत्ति सुरक्षा दस्ता को सूचना दी जाएगी। जिस पर दल निजी सम्पत्ति को विरूपित होने से बचाने की कार्यवाही करेगा एवं थाना प्रभारी सम्बन्धित प्रथम सूचना रिपोर्ट के आधार पर विधिवत् जांच कर सक्षम न्यायालय में चालान प्रस्तुत करेंगे।
थाना प्रभारी लोक सम्पत्ति विरूपण से सम्बन्धित प्राप्त शिकायतों को एक पंजी में पंजीबद्ध करेंगे। विरूपण समाप्त किये जाने में होने वाले व्यय को राजनैतिक दल, संस्था अथवा विरूपण करने वाले व्यक्तियों से तत्काल वसूल किया जावेगा तथा वसूल की गई राशि की जानकारी प्रतिदिन लोक निर्माण विभाग के माध्यम से जिला दण्डाधिकारी को विहित प्रारूप में सूचित किया जावेगा ।
संबंधित क्षेत्र के एस0डी0एम0, नगर पुलिस अधीक्षक/एस0डी0ओ0 (पुलिस) लोक सम्पत्ति विरूपण की रोकथाम के संबंध में राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी दिशा निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित् कराने की मुख्यतः जवाबदारी होगी । थाना प्रभारी उपरोक्त के सम्बन्ध में की गई कार्यवाही से सम्बन्धी साप्ताहिक प्रतिवेदन जिला निर्वाचन कार्यालय में भेंजेगे।

संचालको को होटल, लॉज, सराय एवं धर्मशाला में ठहरने वाले व्यक्तियों की दैनिक जानकारी थाना प्रभारी या कार्यपालिक दण्डाधिकारी को लिखित में देनी होगी

त्रि-स्तरीय पंचायतों के आम निर्वाचन के दौरान प्रचार-प्रसार आदि कार्य में बाहरी व्यक्तियों में कुछ असामाजिक तत्व भी इस जिले में घुसपैठ कर जिले की शांति एवं कानून व्यवस्था को भंग करने का प्रयास कर सकते है, जिसके कारण जिले के लोक शांति को आसन्न खतरा उत्पन्न हो गया है ।
अतः इस संबंध में अपर जिला दण्डाधिकारी श्री अखिलेश जैन ने सराय अधिनियम-1867 की धारा-8 के अन्तर्गत सागर जिले की राजस्व सीमा में आने वाले सभी सराय, धर्मशालाओं, होटलों तथा लॉज के मालिकों/प्रबंधकों को आदेशित किया है  कि, वे अपने होटल, लॉज, सराय एवं धर्मशाला में ठहरने वाले व्यक्तियों की दैनिक जानकारी संबंधित थाना प्रभारी एवं निकटतम कार्यपालिक दण्डाधिकारी को लिखित में प्रस्तुत करें। उक्त सूचना संबंधित अधिकारियों के पास अगले दिवस सांयकाल 05.00 बजे तक भेजना अनिवार्य है। यह आदेश 23 फरवरी 2022 तक लागू रहेगा ।

जिले की राजस्व सीमाओं को कोलाहल नियंत्रण क्षेत्र घोषित किया

त्रि-स्तरीय पंचायतों के आम निर्वाचन-2021 को दृष्टिगत् रखते हुये निर्वाचन के दौरान प्रचार-प्रसार कार्य में लगे लाउड स्पीकर के अनियंत्रित उपयोग व तेज आवाज से आम जन की शांति भंग होती है तथा इस प्रकार होने वाले ध्वनि प्रदूषण से लोक प्रशांति को भंग होने से रोकने के लिए मध्यप्रदेश कोलाहल नियंत्रण अधिनियम-1985 की धारा-18 के अन्तर्गत अपर जिला दण्डाधिकारी श्री अखिलेष जैन द्वारा 4 दिसंबर 2021 से 23 फरवरी 2022 तक की अवधि के लिए सम्पूर्ण सागर जिले की राजस्व सीमाओं को कोलाहल नियंत्रण क्षेत्र (साईलेन्स झोन) घोषित किया गया है। उपरोक्त उल्लेखित अवधि में सक्षम अधिकारी की लिखित अनुज्ञा के बिना जिले में ध्वनि विस्तारक यंत्रों के उपयोग पर पूर्णतः प्रतिबन्ध रहेंगा ।
मध्यप्रदेश कोलाहल नियंत्रण अधिनियम-1985 की धारा-2(ध) के अन्तर्गत सागर जिले में पदस्थ समस्त अनुविभागीय दण्डाधिकारी, तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार को उक्त अधिनियम के तहत सक्षम अधिकारी घोषित किया गया है ।
निर्वाचन प्रयोजनों के लिए आम सभाओं के दौरान स्थिर दशा में अथवा किसी भी प्रकार के वाहनों में लगाये गये लाउड स्पीकर या सार्वजनिक अभिभाषण प्रणाली या किसी भी प्रकार के ध्वनि प्रवर्धक का प्रयोग रात्रि में 10 बजे से प्रातः 6 बजे के मध्य नहीं किया जावेगा । अर्थात् किसी भी प्रकार की ध्वनि विस्तार यंत्र के उपयोग की अनुमति प्रातः 6 बजे के पूर्व व रात्रि 10 के बाद नहीं दी जा सकेगी।  
वाहनों से चुनाव प्रचार की अनुमति आवेदन करने पर ही दी जा सकेंगी । वाहन से प्रचार करते समय अनुमति के साथ वाहन का पंजीयन रखना अनिवार्य होगा तथा बिना अनुमति लाउडस्पीकर/ ध्वनि विस्तारक यंत्रों के उपयोग या अनुमति में निर्दिष्ट अवधि व्यतीत हो जाने के पश्चात् लाउडस्पीकर/ ध्वनि विस्तारक यंत्रों के उपयोग करते पाये जाने की दशा में ध्वनि विस्तारक यंत्र एवं वाहन जप्त कर लिया जावेंगा तथा दोषी के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही की जावेंगी ।


जिले अंतर्गत आने वाली समस्त शस्त्र अनुज्ञप्तियों को चुनाव संपन्न होने तक के लिए निलंबित

 निर्वाचन के दौरान लोक प्रशान्ति एवं सुरक्षा बनाए रखने तथा शांतिपूर्ण एवं निष्पक्ष निर्वाचन कार्य संपन्न कराए जाने हेतु इस बात की पूर्ण संतुष्टि होती हैं कि जिला सागर मध्यप्रदेश की भौगोलिक सीमा अंतर्गत समस्त अनुज्ञप्तिधारियों की शस्त्र अनुज्ञप्तियॉ निलंबित कर अनुज्ञप्तियों में धारित शस्त्र संबंधित क्षेत्र के पुलिस थानों में जमा कराए जावें।
इस संबंध में अपर जिला दण्डाधिकारी अखिलेश जैन ने म.प्र. शस्त्र अधिनियम 1959 की धारा- 17 (3) (ख) के अंतर्गत लोक प्रशान्ति बनाए रखने के उद्देश्य से जिला-सागर म.प्र. की भौगोलिक सीमा अंतर्गत आने वाली समस्त शस्त्र अनुज्ञप्तियों को चुनाव संपन्न होने तक के लिए निलंबित किया है।
समयाभाव के कारण प्रत्येक प्रभावित व्यक्ति पर यह आदेश तामील कराया जाना संभव नहीं हैं। अतएव यह आदेश एक पक्षीय रूप से पारित किया जाता हैं। संबंधित समस्त थाना प्रभारियों का यह उत्तर दायित्व होगा कि वे उनके थाना क्षेत्रान्तर्गत आने वाले समस्त अनुज्ञप्तिधारियों के अस्त्र/शस्त्र तुरन्त थाना में जमा कराकर अनुज्ञप्तिधारी को विधिवत् पावती अनुदत्त करेंगे। सभी अनुज्ञप्तिधारी तत्काल अपना-अपना शस्त्र संबंधित थाना/कोतवाली में जमा करावेंगें।
उपर्युक्त प्रतिबन्ध विधि एवं व्यवस्था सम्बन्धी ड्युटी में संलग्न अधिकारी, कर्मचारी, पुलिस कर्मियों एवं बैंक गार्ड, सार्वजनिक-अर्द्ध सार्वजनिक उपक्रमों की सुरक्षा में कार्यरत् गार्डो पर लागू नहीं होगा। यह आदेश आज दिनॉक 4 दिसम्बर से त्रि-स्तरीय पंचायत आम निर्वाचन कार्य सम्पन्न होने तक प्रभावशील होगा। 
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