आचार्य 108 श्री विमदसागर जी महाराज को दी विनयांजलि।
★ आचार्य श्री विमदसागर जी महाराज के साथ घटित घटना की सी. बी. आई. जांच की मांग
सागर । मकरोनिया जैन मिलन द्वारा आचार्य 108 श्री विमदसागर जी महाराज को विनयांजलि सभा का आयोजन अंकुर कालोनी स्थित स्नेह भवन में किया गया।विनयांजलि सभा की शुरुआत म.प्र. शासन के पूर्व मंत्री श्री सुरेन्द्र चौधरी, जैन मिलन मकरोनिया के अध्यक्ष श्री सुरेश चन्द्र जैन, अंकुर कॉलोनी अध्यक्ष श्री अशोक जैन पटवारी, दीनदयाल नगर कमेटी के अध्यक्ष सुभाष जैन,गुलजारी लाल जैन सुरेन्द्र सुहाने,कमल जैन, संजय जैन आदि के द्वारा विधिवत दीप प्रज्वलित कर आचार्य श्री को श्रद्धांजलि अर्पित कर की गई। विनयांजलि सभा मे पूर्व मंत्री श्री सुरेन्द्र चौधरी ने आचार्य 108 श्री विमदसागर जी महाराज की के सरल, प्रभावी, समाज उद्धारक, प्रेरणादायक जीवन पर प्रकाश डालते हुये कहा कि ऐसे कुशल व्यक्तित्व का असमयक चले जाना समाज और क्षेत्र के लिए बहुत बड़ी क्षति है। विनयांजलि सभा मे श्री दामोदर सेठ, श्रेयांश जैन, अशोक जैन, गुलजारी लाल जैन, संतोष जैन, सुनील जैन, सुभाष जैन, सुरेंद्र सुहाने आदि ने आचार्य श्री को विनयांजलि देते हुये कहा कि आचार्य 108 श्री विमदसागर जी महाराज जिनकी समाधि आकस्मिक समय मे इंदौर में हुई या घटित हुई इस सम्बन्ध में इंदौर जैन समाज मौन है। जो कि जांच का विषय हैं। आचार्य श्री की श्रेष्ठ चर्या थी। एक दिन आहार एक दिन उपवास करते हुई कुल 1100 उपवास हो चुके थे। तो फिर एक साधु कैसे फांसी लगा सकता हैं। जबकि साईकिल से गिर जाने के बाद आचार्य श्री का एक हांथ ऊपर तक नही उठता था। आचार्य श्री के साथ घटित घटना की जैन समाज मकरोनिया एवं समस्त जैन भाई-बहिन, संस्थाओ आदि ने सी. बी. आई. जांच की मांग की है।विनयांजलि सभा का संचालन जैन मिलन मकरोनिया के अध्यक्ष श्री सुरेश चन्द्र जैन ने किया तथा अंत मे आभार जैन मिलन मकरोनिया के मंत्री श्री सुमत सिंघई ने व्यक्त किया। विनयांजलि सभा में राजेश दुबे, देवेन्द्र कुर्मी, अभिषेक गौर, कमलेश चौधरी, राकेश जैन एम.पी.ई.बी, रविंद बरायठा,के. सी. जैन, राकेश जैन, राकेश जैन छुल्ला,अरुण चंदेरिया, डी. सी. जैन, राजेश कुमार जैन प्राचार्य, मुन्ना विश्वकर्मा, अशरफ खान, राजू डिस्क, राजा बुन्देला, संजय रोहिदास, कमल रैकवार, रोहित वर्मा, गोविन्द राय, निशान्त आठया, निहाल पाण्डेय,दीपक कुर्मी सहित बड़ी संख्या में माताएं,बहने आदि समाजजन शामिल हुए।