Editor: Vinod Arya | 94244 37885

SAGAR: काबू में है प्रदूषण , दस स्थानों पर वीएमएस में दिखाया जाता है एयर क्वालिटी इंडेक्स -

SAGAR: काबू में है प्रदूषण , दस स्थानों पर वीएमएस में दिखाया जाता है एयर क्वालिटी इंडेक्स
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सागर।  मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण मंडल शहर में प्रदूषण के स्तर की लगातार मॉनिटरिंग करता है। उनके इस सिस्टम को सागर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (आईसीसीसी) के माध्यम से वीएमएस (वैरिएबल मैसेज साइनबोर्ड) से कनेक्ट किया गया है, जिसके माध्यम से एयर क्वालिटी इंडेक्स के आंकडे शहर में दस स्थानों पर प्रदर्शित  किए जा रहे हैं। शनिवार की स्थिति में शहर में प्रदूषण पूरी तरह नियंत्रण में है।

शनिवार दोपहर मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण मंडल से वीएमएस पर जारी किए गए आंकडे बताते हैं कि शहर में पीएम 2.5 (धूल के कण) की मात्रा 43.40 माइक्रोग्राम पर क्यूबिक मीटर रही। यह मात्रा 55 माइक्रोग्राम पर क्यूबिक मीटर से कम होना चाहिए। इसी तरह पीएम 10 (धूल के कण) की मात्रा 75.84 माइक्रोग्राम पर क्यूबिक मीटर मापी गई। यह भी तय मानक 90 माइक्रोग्राम पर क्यूबिक मीटर से बहुत कम है। इसी तरह एनओएक्स (नाइट्रोजन ऑक्साइड) की वैल्यू 16.10 दर्ज की गई, जो तय मानक 50 से बेहद कम है। एनएच3 (गैसीय अमोनिया) भी तय मानक से बहुत कम 20.85 मापी गई है। इसके अलावा एसओ2 (सल्फर डाइऑक्साइड) की मात्रा 29.92 माइक्रोग्राम पर क्यूबिक मीटर दर्ज की गई, जो तय मानक 75 माइक्रोग्राम पर क्यूबिक मीटर से तीन गुना से भी ज्यादा कम है। सीओ (कार्बन मोनोऑक्साइड) 0.44 और ओ3 (ओजोन) 73.95 दर्ज की गई है। ये दोनों मात्राएं भी तय मानकों से बेहद कम हैं। शहर में एयर क्वालिटी इंडेक्स के ये आंकडे दर्शाते हैं कि हमारे यहां शुद्ध हवा बह रही है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक नहीं है। वीएमएस पर दिनभर में कई बार प्रदर्शित होते ये आंकडे हमें सचेत भी करते हैं कि अपने पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाने के लिए हमें लगातार प्रयास करने चाहिए।
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Beedi industry about to go up in smoke

Beedi industry about to go up in smoke

SAGAR । On 12th October, 2021 the Ministry of Health and Family Welfare constituted an expert committee to contemplate on the taxation policy for tobacco products. The committee consists of members from the Ministry of Health and Family Welfare, World Health Organisation, Niti Aayog, GST and Indirect taxes, Ministry of Finance and Health-Economist Dr. Rijo M. John. It is shocking, to say the least, that this committee has no representatives from the labour unions or manufacturers of tobacco products. Looking at the one-sided constitution of this committee it is evident that its motive is to eliminate tobacco from India for good. 

          According to Ajit Jain, chief of Beedi Kamgar Union, who has been struggling for over half a decade for welfare of beedi labourers, beedi industry is a source of livelihood for crores of labourers directly and indirectly. Mr. Jain also believes that there are powerful lobbies at work to eliminate beedi industry for their selfish financial gains. Beedi is made from Tendu leaves which are collected by as many as forty lakh families most of which are from tribal belts. Of late, Shivraj Singh Chauhan, Chief Minister of Madhya Pradesh announced that the Tendu-patta policy will be revised to give more benefits to the people of these tribal belts. But what good is tendu-patta if beedi will cease to exist! Looking to the situation it is correct to say that due to lack of adequate representation from all stakeholders including labour unions, any decisions or recommendations coming from the expert committee for tobacco taxation will be one-sided and biased. It appears that the obsession of MoHFW and WHO for tobacco has turned manic as they now perceive tobacco to be the only form of addictive health-hazard. Same goes for other departments of Central and State governments. An official letter dated 11th October, 2021 from the Deputy-Secretary of Commercial Tax (Liquor department) of Madhya Pradesh invited members to participate in a video-conference regarding how the consumption of alcohol could be "increased" in the state. Many a celebrity of international repute and fame have been endorsing pan-masalas and it is not uncommon to find various hard drugs on luxury cruises these days. However, for MoHFW and WHO, these do not seem to pose any harm to health or society! In fact, tobacco continued to be the centre of attention for them even during the second wave of covid-19 pandemic in India. 
According to Aniruddh Pimpalapure from Madhya Pradesh Beedi Udyog Sangh, unlike cigarettes other tobacco based industries, beedi is a labour-intensive, unorganised, rural-based cottage industry with minimal carbon-emissions and minimal carbon-foot print. It produces the same biodegradable products today as it did 250 years ago. Beedis can be very easily produced in the middle of nowhere as they just require some tendu and tobacco but no electricity or water. This industry is thus prone to unregistered tax-evaders, counterfeiters and smugglers. Any increase in excise, gst or any indirect tax or any more regulations will only make it easier for non-compliant players, tax-evaders, smugglers and counterfeiters to grow their markets and make the it harder for tax-compliant beedi manufacturers to compete with them. This will lead to a decline in government revenues from the industry. Instead of hiking tax-rates, a better approach would be to seal the leaks due to tax-evaders, smugglers and counterfeiters and bring them to book. Unfortunately, no one is interested in opinions from such petty manufacturers! On the occasion of India's achievement of administering 100 crore vaccine doses Prime Minister Narendra Modi spoke about "Vocal for Local", "Made in India" and encouraging small shopkeepers and indigenous industries. Yet, why does it seem that an industry born about 250 years ago in Madhya Pradesh is about to go up in smoke?!
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बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में फैली अव्यवस्था, बर्न वार्ड मे हुयी मौत के खिलाफ युवक कांग्रेस ने खोला मोर्चा

बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में फैली अव्यवस्था, बर्न वार्ड मे हुयी मौत के खिलाफ युवक कांग्रेस ने खोला मोर्चा 


सागर । बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में पसरी अनियमित्ताओ एवं बर्न  वार्ड मे हुई युवती की मौत के खिलाफ सागर युवक कांग्रेस के दर्जनों कार्यकर्ताओं ने सागर युवक कांग्रेस जिला अध्यक्ष राहुल चौबे की अगुवाई में कमिश्नर कार्यालय पहुंचकर बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज प्रशासन के खिलाफ में मोर्चा खोल दिया है। ज्ञात हो कि विगत दिवस बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के बर्न वार्ड मे विगत दिवस एक युवती की मौत हो गई थी ।जिसमें परिजनों द्वारा बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए गए थे। एवं इसके पूर्व में भी सागर युवक कांग्रेस के प्रतिनिधि मंडल ने सागर युवक कांग्रेस जिला अध्यक्ष राहुल चौबे के नेतृत्व में मेडिकल कॉलेज का औचक निरीक्षण किया था। जिसमें काफी सारी अनियमित्ताएं सामने निकल कर आयी थी। जिसके बाद सागर युवक कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने युवा कांग्रेस जिला अध्यक्ष के साथ बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के डीन के पास पहुंचकर मेडिकल कॉलेज में पसरी अनियमित्ताओ से अवगत कराया था ।और जल्दी से जल्द मेडिकल कॉलेज में फैली अव्यवस्थाओं को दुरुस्त करने का अल्टीमेटम देकर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी थी। जिस को फौरी तौर पर लेकर मेडिकल कॉलेज के डीन एवं मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की। जिसके परिणाम स्वरूप इन अव्यवस्थाओं एवं अनियमितताओं की कीमत एक युवती को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी। मेडिकल कॉलेज में पसरी अव्यवस्थाओं एवं इस घटना को लेकर सागर युवक कांग्रेस जिला अध्यक्ष राहुल चौबे ने कहा कि अब हम चुप बैठने वाले नहीं हैं। बीते पिछले दिनों भी हमने मेडिकल कॉलेज प्रशासन एवं मेडिकल कॉलेज के डीन को इन अव्यवस्थाओं से अवगत कराया था ।लेकिन मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने इसे फौरी तौर पर लेकर कोई कार्यवाही नहीं की।  शुक्रवार को सागर कमिश्नर कार्यालय पहुंचकर सागर कमिश्नर के नाम 3 दिन के अल्टीमेटम के साथ इस घटना के जिम्मेदारों पर उचित कार्यवाही और मेडिकल कॉलेज में पसरी अनियमित्ताओ एवं अव्यबस्थाओं को तीन दिवस में दुरुस्त करने का अल्टीमेटम दिया है ।अगर मेडिकल कॉलेज प्रशासन हमारी मांगों को इस बार भी फौरी तौर पर लेने की कोशिश करेगा तो इस बार हम चुप रहने वालों में नहीं है ।तीन दिवस में कार्यवाही नहीं होने पर सागर के आमजन के हित मे हम उग्र आंदोलन करेंगे। 
इस दौरान ज्ञापन कार्यक्रम में प्रमुख रूप से शामिल रहने वालों में सुरेन्द्र सुहाने,गोवर्धन रैकवार,शरद पुरोहित, महेश जाटव, अलीम खान तज्जू, सिंटू कटारे, जितेन्द्र चौधरी, अरविंद बंटी कोरी,रोहित मांडले, , पवन जाटव, ज़ैद खान, तरुण कोरी,स्वेतंक जैन, शहजाद निहारिया, अजय अहिरवार, रोहित चौधरी, अभिषेक तिवारी,गोविंद राय, अंकित जैन,   गौरव घोषी, महेंद्र तिवारी, लखन पटेल, कैलाश साहू, अनिमेष चौबे, दीपक, आसिफ खान, आमिर खान, समीर खान, मुन्ना मोमिनपुरा, श्रीकांत विश्वकर्मा, पवन गर्ग, अरविंद साहू, सचिन यादव, छोटू बाल्मिकी, इंजमाम लाला नीलेश एवं अन्य युवा कांग्रेस कार्यकर्ता प्रमुख रूप से शामिल हुए। 


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बीड़ी उधोग पर संकट बढ़ा, टैक्स बढ़ेगा ★ केंद्र ने बनाई कमेटी, कारोबार से जुड़े लोग और मजदूरों को नही मिला प्रतिनिधित्व

बीड़ी उधोग पर संकट बढ़ा, टैक्स बढ़ेगा
★ केंद्र ने बनाई कमेटी, कारोबार से जुड़े लोग और मजदूरों को नही मिला प्रतिनिधित्व



सागर। केंद्रीय स्वास्थ एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने १२ अक्टूबर, २०२१ को तम्बाकू उत्पादों पर जी.एस.टी. एवं अन्य करों पर विचार-विमर्ष हेतु एक विशेषज्ञों की समिति का गठन किया है। इस समिति में केंद्रीय स्वास्थ मंत्रालय, विश्व स्वास्थ संगठन, नीति आयोग, जी.एस.टी. एवं केंद्रीय वित्त मंत्रालय एवं स्वास्थ-अर्थशास्त्री डॉ. रिजो एम. जॉन शामिल हैं। हैरत की बात है कि इस समिति में श्रमिकों के या तम्बाकू-उत्पाद निर्माताओं के प्रतिनिधियों को रखा ही नहीं गया। इस एक तरफ़ा समिति की संरचना को देखते हुए इसका एक ही लक्ष प्रतीत होता है- तम्बाकू का अंत। बीड़ी कामगार यूनीयन के अध्यक्ष श्री अजीत जैन के अनुसार तम्बाकू उत्पादों में से एक है बीड़ी जो प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप में करोंडों श्रमिकों को रोज़गार देती है। इन श्रमिकों में तेंदू-पत्ता संग्राहक भी शामिल हैं जिनमें अधिकांश आदिवासी हैं।
   
हाल ही में मध्य प्रदेश के मुख्य मंत्री श्री शिवराज सिंह जी चौहान ने तेंदू-पत्ता संग्रहण की नीति में सुधार कर इस उद्योग को आदिवासियों के लिए और लाभदायक बनाने की घोषणा भी की थी। यदि बीड़ी ही नहीं बचेगी तो तेंदू-पत्ते का क्या उपयोग रह जायेगा?! एसी स्थिति में बिना पर्याप्त श्रमिक-प्रतिनिधित्व के स्वास्थ विभाग की यह समिति के निर्णय या सुझाव एक-तरफ़ा ही कहलायेंगे क्योंकि इनमें उद्योग से जुड़े सभी हितधारकों को अपना पक्ष रखने का अवसर ही नहीं मिल रहा। वैसे तम्बाकू पर केंद्रीय स्वास्थ एवं परिवार कल्याण मंत्रालय एवं विश्व स्वास्थ संगठन (WHO) का विशेष ध्यान है। वे इसे नशे की अपेक्षा विष समझने लगे हैं। यध्यपि कई विश्व स्तरीय शोध-संस्थाओं ने यह प्रमाणित कर प्रकाशित किया है की तम्बाकू-पीने वालों के फेफड़ों पर कोरोना कम घातक होता है, कोरोना की दूसरी लहर के चलते भी कोरोना-नियंत्रण की अपेक्षा कोटपा एवं अन्य तम्बाकू-विरोधी गतिविधियों पर केंद्रीय-स्वास्थ मंत्रालय और WHO को ज़्यादा ध्यान देना उचित लगा। एसा प्रतीत होता है कि केंद्रीय और राज्य सरकारों के सभी विभागों ने केवल तम्बाकू-उत्पादों को नशे का एकलौत ज़रिया समझ रखा है। ११ ऑक्टोबर, २०२१ के मध्य प्रदेश शासन के वाणिज्यिक कर विभाग के उपसचिव के आबकारी आयुक्य के पत्र का विषय था "मदिरा की खपत में वृद्धि हेतु विडीयो कोनफेरेंसिंग के माध्यम से बैठक।"। कई आलीशान क्रूज़ जहाज़ों पर कई प्रकार के नशीले पदार्थों का सेवन करने वाले भी बहुत हो गए हैं। आज कई नामी सितारे पान-मसाले के विज्ञापनों में दिखाई देते हैं। लेकिन सरकारों और विश्व स्वास्थ संगठन (WHO) को नहीं लगता की ये नशे हैं या इनसे कोई स्वास्थ-सम्बन्धी या सामाजिक हानि होती है। उनके लिए तम्बाकू ही सबसे बड़ी समस्या है। 


अवैध बीड़ी के कारोबारियों को फायदा,  इन पर सख्ती बढ़े :अनिरुध्द पिम्पलापुरे

मध्य प्रदेश बीड़ी उद्योग संघ से श्री अनिरुद्ध पिंपलापूरे  के अनुसार बीड़ी एक प्राकृतिक, श्रम-आधारित, असंगठित, ग्रामीण-कुटीर उद्योग है जिसका कार्बन-उत्सर्जन और कार्बन-पद्चिंन बहुत कम है और इसके उत्पाद प्राकृतिक वस्तुओं से बनते हैं और फेंके जाने पर प्रकृति में विलीन हो जाते हैं। यह सिगरेट या अन्य तम्बाकू उत्पादों और उद्योगों से बहुत भिन्न है। उनके अनुसार तम्बाकू-उत्पाद की कर सम्बन्धी समिति को बीड़ी पर कर बढ़ाने की अपेक्षा कर को वर्तमान दरों पर रखते हुए कर की चोरी रोकना ज़्यादा ज़रूरी है। बीड़ी जंगलों में चोरी के पत्ते और सस्ती या चुराई हुई तम्बाकू से बिना बिजली या पानी के आसानी से निर्मित हो जाती है और ऐसे कर-चोर और नक्काल इस बीड़ी को नगद में बेचकर चैन से अपना धंदा करते हैं।ये हर प्रकार के कर बचा ले जाते हैं और वर्तमान स्थिति यह है कि कर अदा करने वाले नियमबद्ध निर्माता बाज़ार में इन कर-चोरों और नक्कालों से मुक़ाबला नहीं कर पा रहे हैं। ऐसी स्थिति में जी.एस.टी. या सेस या इक्साइज़ की दर बढ़ाने पर कर चोरों को अधिक लाभ मिलेगा और कर चुकाने वाले निर्माताओं को अपना धंदा बंद करना पड़ेगा जिससे टोटल कर कलेक्शन बढ़ने की जगह घट जाएगा। अतः सरकारों को बीड़ी या सम्बंधित वस्तुओं पर कर की दरें बढ़ाने की अपेक्षा अपंजीकृत निर्माताओं को पंजीकृत कर इनसे कर भरवाने पर अधिक ज़ोर देना चाहिए। लेकिन आज ऐसे छोटे उद्योगपतियों की बात कौन सुनता है?! 

प्रधानमंत्री ने की स्वदेशी उधोगो की बात

आज  प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने २२ ऑक्टोबर, २०२१ को देश को १०० करोड़ वैक्सीन डोसेज़ लगाने के उपलक्ष पर बधाई देते हुए "वोकल फ़ोर लोकल", "मेड इन इंडिया" और छोटे दुकानदारों और स्वदेशी उद्योगों को प्रोत्साहन की बात की थी। पर फिर भी ऐसा क्यों लग रहा है की भारत के मध्य प्रदेश में जन्मा लगभग २५० साल पुराना यह बीड़ी उद्योग अब अपनी आख़री कश ले रहा है!

टेक्स बढ़ेगा,सरकार का खजाना भरेगा,मजदूरों का हित नही: अजित जैन

पिछले 50 सालों से मजदूरो के हितों की लड़ाई लड़ रहे  नेता अजित कुमार जैन कहते है कि केंद्र ने जो कमेटी बनाई है उसकी कभी मांग ही नही हुई। सिर्फ टेक्स बढाकर खजाना भरना है। देश मे करोड़ो लोग इस कारोबार से जुड़े है। इनके  हितों को नजर अंदाज करके एक तरफा कमेटी बनाई गई है। जिसमे मजदूर संघ , बीड़ी निर्माता  और संग्रहक तबके से कोई शामिल नही है। 
अजित जैन के अनुसार पिछले 50 सालों से तम्बाकू के खिलाफ एक लॉबी काम कर रही है। देश मे गांजा, अफीम शराब को छूट मिल रही है। वही खेती के बाद सबसे ज्यादा लोगो को आत्मनिर्भर बनाने वाला बीड़ी का धंधा बन्द होने की कगात पर है। कोरोना काल के बाद इसे राहत देने की बजाय टेक्स का शिकंजा बढ़ रहा है। बीड़ी के खिलाफ शसक्त लॉबी काम कर रही है। ये कमेटी बीड़ी के हितों को नजर अंदाज करके बनाई जा रही है।
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मुख्यमंत्री ने किया गौ पुत्र सूरज सोनी को सम्मानित जबलपुर में

मुख्यमंत्री ने किया गौ पुत्र सूरज सोनी को सम्मानित जबलपुर में

जबलपुर। आचार्य श्री विद्यासागर जीव दया गौ सेवा सम्मान से सम्मानित हुये  श्री सूरज सोनी जबलपुर में मप्र सरकार द्वारा पशुपालन गौ सम्बर्धन आयोग ने कार्यक्रम किया था । जिसमे मुख अतिथि 
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं महामंडलेश्वर स्वामी अखिलेश्वर नंद जी गौ सेवा आयोग की अध्यक्ष की गरिमा उपस्थिति में जबलपुर में गौ सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया। 
यह पुरस्कार मध्यप्रदेश में व्यक्तिगत रूप से प्रथम पुरस्कार गोवंश की रक्षा और गौ सेवा की रक्षा के लिए दिया गया है। 
सूरज सोनी ने बताया की हमारी टीम 18 वर्ष से गौवंश की रक्षा कर रही है चाहे वो तस्करी हो धायल गौमाता हो सबके लिए टीम निरंतर प्रयास कर रही है प्रदेश के 35 जिले में टीम गौ सेवा का कार्य कर रही है यह सम्मान मप्र में गौभक्तो के लिए अच्छी पहल है इससे गौ सेवा करने वालो का मनोबल बढेगा साथ ही हर जिले से गौ सेवको को ऐसे ही सम्मान जनप्रतिनिधियों द्वारा दिये जाना चाहिए और गौ सेवा को आगे बढ़ाने चाहिए।
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हाथठेला वालो के खिलाफ चालानी कार्यवाई के विरोध में प्रदर्शन


हाथठेला वालो के खिलाफ चालानी कार्यवाई के विरोध में प्रदर्शन

सागर । शहर के कटरा बाजार में फुटपाथ पर हाथ ठेला लगाने वालो के खिलाफ चालानी कार्यवाई से अक्रोशित भारतीय युवा कांग्रेस नेता निखिल चौकसे सहित कटरा बाजार के ठेले वालों  ने नगर निगम कार्यालय का घेराव किया। घेराव में अन्य कांग्रेसी भी शामिल हुए,  जिन्होंने पुलिस और नगर निगम द्वारा की जाने वाली कार्यवाही का जमकर विरोध किया। वही नगर निगम कार्यालय के मुख्य गेट पर बैठकर  नगर विधायक सहित निगम प्रशासन के खिलाफ जमकर नारे लगाकर विरोध प्रदर्शन किया गया। निगम का घेराव कर प्रदर्शन कर रहे भारतीय युवा कांग्रेस के नेता निखिल चौकसे ने पथ विक्रेताओं की समस्याओं का एक मांग पत्र नगर निगम उपायुक्त डॉ प्रणय कमल खरे को सौंपा। जिसमे मांग की गई की कटरा बाजार में हाथ ठेला लगाने वालो पर चालानी कार्यवाही बंद की जाए। और साथ ही हाथ ठेले वालों को रोजगार के लिए एक स्थान दिया जहां वह दुकान लगाकर अपना रोजगार कर सके। दो सूत्रीय मांगों को लेकर किए गए इस प्रदर्शन को लेकर युवा कांग्रेस नेता निखिल चौकसे ने कहा कि हमारी मांगों पर जल्द ही विचार नहीं किया गया तो आने वाले दिनों में हम सड़को पर उतरकर उग्र आंदोलन करेंगे।
वही भारतीय युवा कांग्रेस के द्वारा दिए गए मांग पत्र के संबंध में नगर निगम उपायुक्त डॉ प्रणय कमल खरे ने कहा कि हाथ ठेले वालों को व्यवस्थित तरीके से बैठाने के लिए उचित स्थान की तलाश की जा रही है। त्यौहार के बाद जगह चिन्हित करके इन्हें वहा पर विस्थापित कर दिया जायेगा।
वही इस पूरे विरोध प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस युवा नेता निखिल चौकसे पर पुलिस द्वारा सख्ती बरती गई। जिसके चलते पुलिस ने निखिल चौकसे पर धारा 151 के तहत मामला भी दर्ज किया। बहरहाल कटरा बाजार में हाथ ठेला लगाने वालो की समस्या कोई नई नहीं है। पुलिस और नगर निगम प्रशासन द्वारा बाजार में नजर आने वाले हाथ ठेले वालों को हटाने की कार्यवाही हमेशा की जाती है।वही अब इनकी इस समस्या को लेकर भारतीय युवा कांग्रेस ने मोर्चा खोल दिया है। जिसके लिए उचित स्थान देने और चालानी कार्यवाही न करने की मांग की गई है।
इस मौके पर एडवोकेट धनसिंह अहिरवार, कांग्रेस नेता जतिन चौकसे, उत्तम राव तायड़े, सुधीर तिवारी, गणेश पटेल, महेंद्र साहू, एडवोकेट वीरेंद्र राजे बिहारी जैन, रामगोपाल खटीक, भूरे खटीक, अभिषेक अहिरवार, दुष्यंत अहिरवार, एवम कटरा बाजार के समस्त हाथ ठेले वाले मौजूद रहें।
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कांग्रेस ने जिले में गहराये खाद संकट को लेकर जिला विपणन अधिकारी को जमकर घेरा

कांग्रेस ने जिले में गहराये खाद संकट को लेकर जिला विपणन अधिकारी को जमकर घेरा


सागर । जिले में गहराये डी.ए.पी खाद के संकट तथा दिन दिन भर लाईन में खड़े रहने के बाद भी अन्न दाता किसानों को डी.ए.पी खाद का वितरण न होने की लगातार मिल रही शिकायतों  पर म.प्र. कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री  सुरेन्द्र चौधरी गुरुवार को कांग्रेसजनो के साथ मकरोनिया स्थित म.प्र.राज्य सहकारी विपरण संघ मर्यादित कार्यालय पहुँचे जहां पूर्व मंत्री श्री चौधरी को सानोधा के किसान ब्रजेन्द्र सिंह,नीरज सिंह, परसोरिया के किसान आनन्दी लाल, लुहारी के किसान मंगल दाऊ, लिधौरा हाट के किसान नीलेश अहिरवार, खेजरा के किसान रामराज आदि विभिन्न ग्रामों के किसानों ने बताया कि वह सुबह से डी. ए. पी. खाद लेने लाईन में लगे हैं लेकिन उन्हें डी. ए. पी. खाद नही दी जा रही जिससे  उन्हें आर्थिक एवं मानसिक रूप से प्रताड़ित होना पड़ रहा। जिले में गहराए डी. ए. पी. खाद के संकट और किसानों की समस्याओं को लेकर पूर्व मंत्री श्री सुरेन्द्र चौधरी ने जिला विपरण अधिकारी श्री प्रकाश कुमार परोहा को जमकर घेरते हुए जिले के अन्नदाता किसानों को सरल व  सुलभ तरीके से पर्याप्त मात्रा में डी. ए. पी. खाद का वितरण कराने की पुरजोर माँग उठाई। पूर्व मंत्री श्री सुरेन्द्र चौधरी ने शासन /प्रशासन पर किसानों को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कहा कि एक ओर जहां जिले में डी. ए. पी खाद पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होने के लाख दावे किए जा रहे हों किन्तु जमीनी हकीकत कुछ और ही हैं। उन्होंने कहा कि अन्नदाता किसानों को  दिन दिन भर लाईन में खड़े रहने के बाद भी डी. ए. पी. खाद न मिल पाने से शासन / प्रशासन के दावों की कलाई खोलकर रख दी हैं। श्री चौधरी ने चेतावनी दी हैं कि जिले के अन्न दाता किसानों को सरल एवं सुलभ तरीके से डी.ए.पी खाद का वितरण कराया जावे अन्यथा कांग्रेस पार्टी विपरण कार्यालय की तालाबंदी करने को वाध्य होगी जिसका सम्पूर्ण उत्तर दायित्व शासन / प्रशासन का होगा। इस दौरान मुख्य रूप से एड. राजेश दुबे, शरद राजा सेन,देवेन्द्र कुर्मी,अभिषेक गौर, अशरफ खान, राजू डिस्क,अमोल सिंह, राजा बुन्देला, संजय रोहिदास, संदीप चोधरी, मोतीलाल पटेल, सुदीप पटेरिया, बलराम साहू, मुल्ले चौधरी, अविनाश खरे, दुर्गेश अहिरवार, बाबू लाल बाबा आदि कांग्रेसजन एवं किसान मोजूद थे।
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त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारियां जल्दी पूरा करे ★ राज्य निर्वाचन आयुक्त बसन्त प्रताप सिंह ने दिये कलेक्टर्स को निर्देश

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारियां जल्दी पूरा करे
★ राज्य निर्वाचन आयुक्त  बसन्त प्रताप  सिंह ने दिये कलेक्टर्स को निर्देश

सागर । राज्य निर्वाचन आयुक्त श्री बसंत प्रताप सिंह ने कलेक्टर्स एवं जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देशित किया है कि त्रि-स्तरीय पंचायत आम निर्वाचन की सभी तैयारियाँ जल्द पूरी करें। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के कारण पहले चुनाव नहीं कराये जा सके। प्रदेश में कोरोना अब पूरी तरह से नियंत्रण में है। वैक्सीनेशन का एक डोज़ लगभग सभी लोगों को लग चुका है। अतः अब निर्वाचन की प्रक्रिया प्रारंभ की जा सकती है। श्री सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कलेक्टर्स से चर्चा की।

इस अवसर पर सागर कलेक्ट्रेट में स्थापित एनआईसी में कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री दीपक आर्य ,उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्रीमती सपना त्रिपाठी, श्री केके शुक्ला सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
राज्य निर्वाचन आयुक्त श्री सिंह ने कहा कि पंचायतों की मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन 3 मार्च 2021 को हो चुका है। इसके बाद भी कोई विशेष त्रुटि सामने आती है तो आयोग से अनुमति प्राप्त कर उनमें सुधार कर सकते हैं। ऐसे मतदान केन्द्र जहाँ 750 से अधिक मतदाता हैं, वहाँ एक अतिरिक्त मतदान कर्मी की नियुक्ति मतदान दल में की जायेगी।

मतदान केन्द्रों का करायें भौतिक सत्यापन

राज्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि सभी मतदान केन्द्रों का भौतिक सत्यापन करवायें। इनमें जो भी कमियाँ हों, तत्काल दूर करें। उन्होंने कहा कि आयोग के निर्देशानुसार रिटर्निंग एवं सहायक रिटर्निंग ऑफिसर की नियुक्ति जल्द करें। जिला पंचायत सदस्यों के नाम निर्देशन-पत्र जिला मुख्यालय, जनपद पंचायत सदस्यों के ब्लाक मुख्यालय और सरपंच तथा पंच के ब्लाक और क्लस्टर स्तर पर लिये जाएंगे। क्लस्टर का गठन 10-15 पंचायतों का समूह बनाकर किया जाएगा। श्री सिंह ने कहा कि मार्च 2022 तक कार्यकाल पूरा करने वाली पंचायतों की रिक्तियों की जानकारी 3 दिन में भेजना सुनिश्चित करें।

सभी पंचायतों का होगा चुनाव

श्री सिंह ने कहा कि प्रदेश की सभी जिला पंचायत, जनपद पंचायत और ग्राम पंचायतों, जिनका कार्यकाल पूरा हो चुका है और जिनका मार्च 2022 तक पूरा हो रहा है, का निर्वाचन करवाया जाएगा। मतदान तीन चरणों में होगा। सेक्टर और जोनल अधिकारी की नियुक्ति कर उन्हें निर्वाचन के दौरान विशेष कार्यपालिक दण्डाधिकारी शक्तियाँ देने का प्रस्ताव शीघ्र भेजें।

संवेदनशील मतदान केन्द्रों को चिन्हांकित करें

राज्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि जिले के संवेदनशील और अतिसंवेदनशील मतदान केन्द्रों को चिन्हांकित कर आवश्यक सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करें। प्रत्येक रिटर्निंग ऑफिसर स्तर पर ओएलआईएन सुविधा केन्द्र की स्थापना करें। जिला पंचायत सदस्य, जनपद पंचायत सदस्य एवं सरपंच पद के लिए नाम निर्देशन-पत्र ऑफलाइन के साथ ही ऑनलाइन भरने का भी प्रावधान किया गया है। ईव्हीएम की हैण्डलिंग बहुत ही सावधानी पूर्वक करें। जिला पंचायत सदस्य एवं जनपद पंचायत सदस्य के लिये मतदान ईव्हीएम से और सरपंच तथा पंच के लिये मतदान मत-पत्र एवं मतपेटी के माध्यम से होगा। पंचायत निर्वाचन के लिए जरूरी सामग्री की खरीदी कर लें। जिला एवं ब्लाक स्तर पर प्रशिक्षण की व्यवस्था कर लें।
इस दौरान आयोग के सचिव श्री बी.एस. जामोद, उप सचिव श्री अरूण परमार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।


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