SAGAR : हिन्दू संगठन "दशहरा चल समारोह" निकलवाने के लिए हुए लामबंद , मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया
सागर। जिले में मंगलवार को शहर के हिन्दू संगठन, नव दुर्गा काली कमेटी, अखाड़ा संचालक, डीजे संचालक, ढोल बाजे वाले कलेक्टर कार्यालय में दशहरा चल समारोह को विधिवत पारंपरिक रूप से निकलवाने के लिए ज्ञापन देने एकसाथ पहुँचे। वहीं इस संबंध में शहर के "जय महाकाल हिन्दू संगठन" के अध्यक्ष सपन ताम्रकार द्वारा बताया गया कि, दशहरा के अवसर पर निकलने वाला "चल समारोह" नगर की अविस्मरणीय स्मृति में से एक है। हमारे शहर के समस्त शहरवासी, साल भर में एक दिन आने वाले इस त्यौहार की प्रतीक्षा करते हैं।
उन्होंने बताया कि, सागर शहर में "कांधे वाली काली" के नाम से प्रसिद्ध शहर की श्री सार्वजनिक दुर्गा महोत्सव समिति पुरव्याऊ टोरी वाली एवं काली जी भैया जी वैद्य बड़ा बाजार को शारदीय नवरात्रि में विराजमान होते हुए 100 वर्षो से ज़्यादा हो चुके हैं, सागर शहर में सनातनी परंपरा को मानने वाला हर व्यक्ति दशहरा के दिन कटरा बाजार क्षेत्र में इन दोनों देवी माई के मिलन की बांट ताकता बैठा रहता है। अध्यक्ष सपन ताम्रकार ने बताया कि, यह हमारी ही श्रद्धा है, जिसके चलते "अहर्निशम्" रूप से सागर शहर का हर व्यक्ति इस पवित्र एवं रौंगटे खड़े कर देने वाले दृश्य का बेसब्री से इंतजार करता है, जब चारों ओर से सिर्फ "चल माई, काली माई" की आवाज़ आती है और पूरा वातावरण श्रद्धालुओं द्वारा की जा रही भक्ति से शुद्ध होकर मैया के जयकारों से गुंजमान हो जाता है।
जय महाकाल हिन्दू संगठन के अध्यक्ष सपन ताम्रकार ने चेतावनी देते हुए कहा कि, मध्यप्रदेश में हो रहे उपचुनावों के क्षेत्रों में भी असंख्य भीड़ देखी जा रही है, साथ ही वहां पर भी कोरोना गाइडलाइन्स का पालन नहीं होता दिख रहा है। वहीं दूसरी ओर जब-जब धार्मिक अनुष्ठानों की बात आती है, तब-तब कोरोना गाइडलाइन की नियमावली जारी कर दी जाती है। यह शासन की दोगली मानसिकता है, अतः इसे सागर शहरवासियों की भावनाओं के साथ बिल्कुल भी ना अपनाएं।
मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपते हुए जय महाकाल हिन्दू संगठन ने प्रशासन से निवेदन किया कि, सनातनी मूल्यों का पालन करते हुए सागर शहर में निकाले जाने वाले दशहरा चल समारोह को विधिवत निकाले जाने की अनुमति प्रदान करें। एवं दुर्गा समितियों का रूट जैसे विगत वर्षों में निर्धारित था (विशेष रुप से पुरव्याऊ काली मां एवं काली जी भैया जी वैद्य ) वही रखा जाएं अन्यथा सभी हिन्दू संगठनों के साथ जय महाकाल हिन्दू संगठन, बजरंग दल, धर्म रक्षा संगठन आदि दशहरा के दिन तीन बत्ती पर आंदोलन करने हेतु विवश रहेंगे।
सागर। जिले में मंगलवार को शहर के हिन्दू संगठन, नव दुर्गा काली कमेटी, अखाड़ा संचालक, डीजे संचालक, ढोल बाजे वाले कलेक्टर कार्यालय में दशहरा चल समारोह को विधिवत पारंपरिक रूप से निकलवाने के लिए ज्ञापन देने एकसाथ पहुँचे। वहीं इस संबंध में शहर के "जय महाकाल हिन्दू संगठन" के अध्यक्ष सपन ताम्रकार द्वारा बताया गया कि, दशहरा के अवसर पर निकलने वाला "चल समारोह" नगर की अविस्मरणीय स्मृति में से एक है। हमारे शहर के समस्त शहरवासी, साल भर में एक दिन आने वाले इस त्यौहार की प्रतीक्षा करते हैं।
उन्होंने बताया कि, सागर शहर में "कांधे वाली काली" के नाम से प्रसिद्ध शहर की श्री सार्वजनिक दुर्गा महोत्सव समिति पुरव्याऊ टोरी वाली एवं काली जी भैया जी वैद्य बड़ा बाजार को शारदीय नवरात्रि में विराजमान होते हुए 100 वर्षो से ज़्यादा हो चुके हैं, सागर शहर में सनातनी परंपरा को मानने वाला हर व्यक्ति दशहरा के दिन कटरा बाजार क्षेत्र में इन दोनों देवी माई के मिलन की बांट ताकता बैठा रहता है। अध्यक्ष सपन ताम्रकार ने बताया कि, यह हमारी ही श्रद्धा है, जिसके चलते "अहर्निशम्" रूप से सागर शहर का हर व्यक्ति इस पवित्र एवं रौंगटे खड़े कर देने वाले दृश्य का बेसब्री से इंतजार करता है, जब चारों ओर से सिर्फ "चल माई, काली माई" की आवाज़ आती है और पूरा वातावरण श्रद्धालुओं द्वारा की जा रही भक्ति से शुद्ध होकर मैया के जयकारों से गुंजमान हो जाता है।
जय महाकाल हिन्दू संगठन के अध्यक्ष सपन ताम्रकार ने चेतावनी देते हुए कहा कि, मध्यप्रदेश में हो रहे उपचुनावों के क्षेत्रों में भी असंख्य भीड़ देखी जा रही है, साथ ही वहां पर भी कोरोना गाइडलाइन्स का पालन नहीं होता दिख रहा है। वहीं दूसरी ओर जब-जब धार्मिक अनुष्ठानों की बात आती है, तब-तब कोरोना गाइडलाइन की नियमावली जारी कर दी जाती है। यह शासन की दोगली मानसिकता है, अतः इसे सागर शहरवासियों की भावनाओं के साथ बिल्कुल भी ना अपनाएं।
मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपते हुए जय महाकाल हिन्दू संगठन ने प्रशासन से निवेदन किया कि, सनातनी मूल्यों का पालन करते हुए सागर शहर में निकाले जाने वाले दशहरा चल समारोह को विधिवत निकाले जाने की अनुमति प्रदान करें। एवं दुर्गा समितियों का रूट जैसे विगत वर्षों में निर्धारित था (विशेष रुप से पुरव्याऊ काली मां एवं काली जी भैया जी वैद्य ) वही रखा जाएं अन्यथा सभी हिन्दू संगठनों के साथ जय महाकाल हिन्दू संगठन, बजरंग दल, धर्म रक्षा संगठन आदि दशहरा के दिन तीन बत्ती पर आंदोलन करने हेतु विवश रहेंगे।