मिट्टी से निर्मित श्री गणेश जी की प्रतिमाओं का वितरण किया निशुल्क वितरण
सागर। श्री गणेश शरण मंडल समिति सागर के तत्वधान में रविन्द्र भवन में गत आठ वर्षानुसार इस वर्ष भी मिट्टी के श्री गणेश जी की प्रतिमाओं का वितरण श्री गणेश शरण मंडल के अध्यक्ष प. श्री रामाअवतार पाण्डेय द्वारा वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। वितरण कार्यक्रम में कट्रीब, 3000 मिट्टी की गणेश प्रतिमाओं का वितरण किया गया । काँग्रेसी नेता प.श्री संतोष पाण्डेय, सेवा ही संगठन अभियान 2 भाजपा सागर के प्रभारी शैलेष केशरवानी थे।
केबिनेट मंत्री pwd मध्यप्रदेश पं श्री गोपाल भार्गव जी ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि जब हम नदी या तालाब में मूर्ति विसर्जन करते हैं तो उसके बाद नदी या तालाब का पानी जहरीला हो जाता है। भगवान की मूर्ति का भी अपमान होता है। इससे बेहतर है कि मिट्टी की मूर्ति का घर में ही विसर्जन कर उसका सम्मान करें। मिट्टी से गौर गणेश बनाने की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही हैं। गणेश हिन्दुओं के आदि आराध्य देव है। हिन्दू धर्म में गणेश
को एक विशष्टि स्थान प्राप्त है। कोई भी धार्मिक उत्सव हो, यज्ञ, पूजन इत्यादि सत्कर्म हो या फिर विवाहोत्सव हो, निर्विघा कार्य सम्पन्न हो इसलिए शुभ के रूप में गणेश की पूजा सबसे पहले की जाती है।
श्री संतोष पाण्डेव ने कहा कि गणेश पुराण में भी मिट्टी के गणपति की विशेष महिमा बताई गई है। अगर आप मिट्टी के गणपति घर में स्थापित करके,पूरे विधि-विधान से पूजा करते हैं तो बप्पा आपको न सिर्फ ऋद्धि-सिद्धि देंगे, बल्कि आपकी हर इच्छा भी पूरी करेंगे। कलयुग में मिट्टी की गणेश जी की पूजा अर्चना से शुभ
फल की प्राप्ति होती हैं। आमतौर पर पूजा पाठ में हम मिट्टी के गणपति बनाकर उनकी पूजा अर्चना करते हैं।भाजपा नेता शैलेश केशरवानी ने कहा ऐसी मान्यताएं हैं कि जहां गणपति होतो हैं वहां शुभता और संपन्नता आती है. जीवन में किसी भी प्रकार का संकट श्रीगणेश की कृपा से हर संकट दूर हो जाता है. ज्योतिष के जानकार कहते हैं कि अगर धन से जुड़ी कोई समस्या है, तो वो भी श्रीगणेश
कृपा से दूर हो सकती । गर्गों के स्वामी होने के कारण उनका एक नाम गणपति भी है । ज्योतिष में इनको केतु का देवता माना जाता है और जो भी संसार के साधन हैं, उनके स्वामी श्री गणेशजी हैं। हाथी जैसा सिर होने के कारण उन्हें गजानन भी कहते हैं। गणेश जी का नाम हिन्दू शास्त्रो के अनुसार किसी भी कार्य के लिये पहले है । इसलिए इन्हें प्रथमपूज्य भी कहते है। गणेश कि उपसना करने वाला सम्प्रदाय गाणपत्य कहलाता है।
पूज्य श्री गणेश शरण मंडल के अध्यक्ष पं. रामाअवतार पाण्डेय ने बताया कि आज आस्था और श्रद्धा के नाम पर
परंपरा में विकृति वा गई हैं। इसलिये हमें इसके संरक्षण के लिये प्लास्टर ऑफ पैरिस की प्रतिमा की जगह मिट्टी की प्रतिमा की स्थापना करनी चाहिये।
इस अवसर पर प. महेश दत्त दुबे, प. राजकुमार अग्निहोत्री, सुनील पांडे, प. हरिओम अग्निहोत्री, विष्णु साहू, सुधीर पांडे, आशीष सोनी, राम स्नेही तिवारी, शुभम कुशवाहा, रिक्की राजपूत, सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।