SAGAR: अवैध कालोनी का अतिक्रमण हटाया

SAGAR: अवैध कालोनी का अतिक्रमण हटाया

सागर। सागर शहर के बाघराज वार्ड स्थित पंडापुरा में अवैध रूप से प्लाटिंग की जा रही है जिसे नगर निगम आयुक्त श्री आर.पी.अहिरवार के निर्देशानुसार नगर निगम उपायुक्त डॉ.प्रणय कमल खरे, प्र.कार्यपालन यंत्री श्री रमेश चाौधरी, अतिक्रमण प्रभारी श्री संजय सोनी सहित अतिक्रमण दस्ते द्वारा हटाये जाने की कार्यवाही की गई है।
इस संबंध में उपायुक्त डॉ.प्रणय कमल खरे ने बताया कि बाघराज वार्ड स्थित पंडापुरा में इस अवैध कालोनी निर्माण किये जाने की शिकायत मिलने पर संबंधित भूमि स्वामी को नोटिस दिये गये थे और दस्तावेज मंगाये भी गये थे वह सही नहीं पाये जाने पर उक्त अवैध निर्माण हटाने का हटाये जाने की कार्यवाही की गई।  

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सागर मूल के दो विद्वानों का हुआ दिल्ली में सम्मान

 सागर मूल के दो विद्वानों का हुआ दिल्ली में सम्मान


नई दिल्ली । जैन ग्रंथों के वर्गीकरण एवं सूचीकरण में अपना अमूल्य योगदान देने के लिए सागर मूल के काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के  विद्वान द्वय  उप पुस्तकालयाध्यक्ष  डॉ. संजीव सराफ एवं डॉ राम कुमार दांगी का शिक्षक दिवस पर सप्तम पट्टाचार्य आचार्य श्री अनेकांत जी महाराज ससंघ  एवं गणिनीप्रमुख आर्यिका शिरोमणि श्री ज्ञानमती माता जी ससंघ  सानिध्य में  चक्रवर्ती भगवान भरत ज्ञान स्थली दि. जैन तीर्थ, नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में सम्मान किया गया.



कार्यक्रम में दिल्ली विधान सभा के अध्यक्ष श्री राम निवास गोयल, यू जी सी के सचिव प्रोफेसर राजनीश जैन , राजस्थान विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजीव जैन, तीर्थंकर महावीर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति सुरेश जी जैन,  सहित लगभग 100 गणमान्य विद्वान उपस्थित रहे
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महात्मा स्वामी रामचंद्र वीर जी महाराज की जन्म जयंती पर राम कथा अमृत का आयोजन 6 अक्टूबर से

महात्मा स्वामी रामचंद्र वीर जी महाराज की जन्म जयंती पर राम कथा अमृत का आयोजन  6 अक्टूबर से

सागर। स्वामी श्री रामचंद्र जी महाराज 112 वी जन्म जयंती के अवसर पर नौ दिवसीय रामकथा अमृत का आयोजन सागर में 6 अक्टूबर से 14 अक्टूबर तक किया जाएगा जिसमें अयोध्या जन्म भूमि आंदोलन के अग्रणी संत स्वामी श्री धर्मेंद्र जी महाराज का सागर आगमन होगा। इस आयोजन हेतु वीर जी महाराज एवं आचार्य स्वामी श्री धर्मेंद्र जी महाराज के शिष्य मंडलों की बैठक आज  संपन्न हुई।
 राम कथा अमृत का आयोजन दोपहर 3:00 बजे से 6:00 बजे तक किया जाएगा ।राम कथा अमृत का आयोजन गौशाला प्रांगण मोती नगर भगत सिंह वार्ड में किया जाएगा। जिसमें भारतवर्ष के शिक्षा मंडल सम्मिलित होंगे ।बैठक में लालचंद घोसी ,सुरेश सोनी ,संतोष सोनी मारुति, राजेंद्र जारोलिया , रूप किशोर अग्रवाल ,चंद्रप्रकाश सुनरिया ,नीलेश अग्रवाल ,गोविंद सोनी ,अरविंद घोषी, प्रेम नारायण घोसी, बद्री विशाल रावत ,अखिलेश घोषी, अवतार सिंह ,  नरेंद्र मोदी ,प्रमोद घोसी ,अखिलेश जैन, रवि सेन ,, छोटू सेन ,कमलेश सेन ,कौशल घोसी ,सचिन पटेल, अशोक सोनी ,आकाश ठाकुर ,रणछोड़ लाल सोनी, राजू शर्मा प्रमुख रूप से सम्मिलित थे ।
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पति के निधन के बाद पोल्ट्री फार्म किया शुरू सुनीता ने , अब मुर्गी पालक सोसाईटी की अध्यक्ष भी है


पति के निधन के बाद पोल्ट्री फार्म किया शुरू सुनीता ने , अब मुर्गी पालक सोसाईटी की अध्यक्ष भी है

 
सागर । देवरी विकासखंड के ग्राम गोपालपुर की अनुसूचित जनजाति वर्ग से जुड़ी श्रीमती सुनीता गौड़ आज पोल्ट्री फॉर्म चलाकर अपना परिवार पाल रही है। उन्होंने बताया कि 2019 में उनके पति का देहांत हो गया। परिवार की जिम्मेदारी उनके कंधों पर आ गई। आजीविका मिशन के देश देश समूह से जुड़े होने के कारण उन्होंने पोल्ट्री फॉर्म शुरू किया।
वर्तमान में उनके पास 600 से अधिक पोल्ट्री उपलब्ध है उनके दो बेटे एक बेटे का मशीन में हाथ फस जाने के कारण बेटा एक तरह से दिव्यांग हो गया है। नौवीं कक्षा के बाद उसने पढ़ाई छोड़ दी छोटा बेटा दसवीं कक्षा पर है। उनके पास थोड़ी खेती भी है। जिसमें उन्होंने मक्का और कींद लगा रखा है।
वह बताती हैं कि पति के नहीं होने और बेटे की दिव्यांगता के कारण उन्हें ही परिवार में सारे काम करना होते हैं। वे अपने गांव की मुर्गी पालक सोसायटी की अध्यक्ष भी है यद्यपि वे कम शिक्षित है। पर वे अपने दायित्वों का निर्वहन पूरी दक्षता और कुशलता से कर रही है वर्तमान में वे 600 से 800 पोल्ट्री बोर्ड की इकाइयों का साल में कम से कम 6 राउंड पालन कर बीच लेती है। 25 से इस काम से उन्हें इस काम से उन्हें 45 दिन में 8000 से 10000 रूपये की आमदनी हो जाती है।
जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ इच्छित गढ़पाले का कहना है कि इन परिवारों के कुशलतापूर्वक कार्य संचालन के लिए मनरेगा के अंतर्गत पोल्ट्री शेड के निर्माण किए गए हैं ताकि वे अपना काम प्रोफेशनल तरीके से कर सके।
जिला कलेक्टर श्री दीपक सिंह का कहना है कि आजीविका मिशन से जुड़ी प्रत्येक वर्ग की महिलाओं ने अपनी सफलता की दास्तान लिखी है वह अब नेतृत्व विकास के साथ-साथ परिवार के संचालन में आमदनी को बढ़ाने में आगे आ रही है।
जिला परियोजना प्रबंधक श्री हरीश दुबे का कहना है कि देवरी विकासखंड में 400 से अधिक परिवार इस काम को कर रहे हैं और वह इस काम को करके खुशहाल जीवन यापन कर पा रहे।
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सरस्वती शिशु मंदिर सदर में सेवा निवृत्त प्राचार्य नवल किशोर यादव का हुआ सम्मान

 

सरस्वती शिशु मंदिर सदर में सेवा निवृत्त प्राचार्य नवल किशोर यादव का हुआ सम्मान
       
सागर। शिष्य के मन में सीखने की इच्छा को जो जागृत कर पाते हैं वे ही शिक्षक कहलाते हैं। शिक्षक का तात्पर्य शि - शिखर तक पहुॅचानें वाला क्ष - क्षमा करने की शक्ति रखने वाला क - कमजोरियों को दूर करने वाला। एक छात्र के जीवन में शिक्षक दिवस या टीचर्स का महत्व बहुत महत्वपूर्ण है. क्योंकि शिक्षक छात्र को सही भविष्य और सही रास्ते पर चलना सिखाता है. वह छात्र को अच्छे गलत की समझ सिखाते हैं. ऐसे में छात्र के पास इस दिन शिक्षक के इन परिश्रमों का धन्यवाद करने का मौका होता है. इसलिए यह दिन सभी छात्रों के लिए बेहद खास माना जाता है.यह वक्तव्य कार्यक्रम आयोजक विक्रम मौर्य ने कहें ।


सरस्वती शिशु मंदिर सदर विद्यालय सागर में नवल किशोर यादव व गनपत जाट भृत्य का सेवानिवृत्त सम्मान समारोह आयोजित किया गया । जिसमें मुख्य अतिथि प्रदीप लारिया विधायक नरयावली विधानसभा, कार्यक्रम अध्यक्ष पंडित राधिका प्रसाद गौतम ,पूर्व प्रांत प्रमुख केशव शिक्षा समिति महाकौशल प्रांत विशिष्ट अतिथि महेंद्र जैन भूसा, पूर्व प्रांत उपाध्यक्ष सरस्वती शिक्षा परिषद एवं राजकुमार ठाकुर विभाग समन्वयक सरस्वती शिक्षा परिषद सागर विभाग व कार्यक्रम आयोजक विक्रम मौर्य थे। अतिथियों द्वारा सर्वप्रथम मां सरस्वती, ओम्, भारत माता के छायाचित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्जवलित किया। बहिन मोना दुबे, जागृति मौर्य द्वारा वंदना प्रस्तुत की गई । अतिथियों का परिचय एवं मंच संचालन सविता सिंह रघुवंशी व स्वागत कपिल सिंह कुशवाहा पूर्व छात्र एवं व्यवस्थापक ने किया। 
सविता सिंह रघुवंशी ने अपने प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए कहा कि जिन आचार्य के लिए यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है वह शासकीय सेवाओं को छोड़कर संस्कारित शिक्षा में अपना कदम रखते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा का प्रसार करने समन्वयक का दायित्व निभाते हुए 184 विद्यालय ग्रामों में प्रारंभ किए इसके उपरांत प्राचार्य के पद पर रहकर शिक्षा के नये आयाम स्थापित किए।
नवल किशोर यादव ने अपनी सेवा निवृत्ति पर कहा कि हम शासकीय नियमों के अंतर्गत अपने पद से निवृत्त हुआ हूं पर संस्कारों के माध्यम से हम शिक्षा से हमेशा आपके साथ रहूंगा । उन्होंने गीत के माध्यम से बताया कि कोई चलता है सीखकर पर हम अपना पदचिन्ह बनाते हैं ।सीख और सिखाने में अंतर है, माता हमें अपने संस्कारों से परिचित कराती है अतः मां प्रथम शिक्षिका होती है पर जीवन कैसा जीना है यह शिक्षक ही ज्ञान प्रदान करने में सहयोगी बनता है ।
    भारत में हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। एक छात्र के जीवन में उसके शिक्षक की भूमिका बहुत अहम रहती है. भारत में शिक्षक को माता-पिता के बराबर का स्थान भी दिया जाता है. जिस तरह से कुम्हार मिट्टी को बरतन में ढालता है, लोहार लोहे तपा कर कुछ उपयोगी चीज बनाता है ठीक उसी तरह शिक्षक अपने छात्रों के भविष्य का निर्माण करते हैं. छात्र के जीवन में शिक्षक के योगदान का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि बिना शिक्षक के छात्र का जीवन पूरा अधूरा रहता है और ऐसे जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है. आज हम आपको शिक्षक दिवस के मौके पर इसका इतिहास और महत्व के बारें में बताएंगे।यह विचार प्रदीप लारिया ने अपने मुख्य आतिथ्य में कहा।
कार्यक्रम अध्यक्ष पंडित राधिका प्रसाद गौतम ने अपने वक्तव्य में कहा कि शिक्षक के द्वारा व्यक्ति के भविष्य को बनाया जाता है एवं शिक्षक ही वह सुधार लाने वाला व्यक्ति होता है। प्राचीन भारतीय मान्यताओं के अनुसार शिक्षक का स्थान भगवान से भी ऊँचा माना जाता है क्योंकि शिक्षक ही हमें सही या गलत के मार्ग का चयन करना सिखाता है।इस बात को कुछ ऐसे प्रदर्शित किया गया है-गुरु:ब्रह्मा गुरुर् विष्णु: गुरु: देवो महेश्वर: गुरु:साक्षात् परम् ब्रह्म तस्मै श्री गुरुवे नम:।




विशिष्ट अतिथि राजकुमार ठाकुर विभाग समन्वयक ने अपने विचारों में कहा कि सेवा निवृत्त संस्था से होती है कार्य एवं मन से नहीं शिक्षक वह पूंजी है जो अपने देश व शिष्य के बीच हमेशा जाग्रत रहती है इसलिए कबीर कहते हैं गुरु गोविंद दोऊ खड़े काके लागू पांय बलिहारि गुरु आपनो गोविंद दियो बताय।शिक्षक आम तौर से समाज को बुराई से बचाता है और लोगों को एक सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति बनाने का प्रयास करता है। इसलिए हम यह कह सकते है कि शिक्षक अपने शिष्य का सच्चा पथ प्रदर्शक है।
विशिष्ट अतिथि महेंद्र जैन भूसा ने अपने विचारों में कहा कि सरस्वती शिशु मंदिर में आचार्य संस्कारों की सीख प्रदाय करते हैं आचार्य शब्द ही अपने आचरण से शिक्षा को प्रदान करने वाला है मनुष्य के शरीर में दो प्रकार के मन होते हैं एक मन में गुण व दूसरे में दुर्गुणों का समावेश होता है पर शिक्षा में शिक्षक का महत्व तभी है जब वह शिष्य में गुणों का समावेश कर सकें । अंत में आभार प्रदर्शन कार्यक्रम की संयोजिका सविता सिंह रघुवंशी ने किया ।
कार्यक्रम में मनोज नेमा मीडिया प्रभारी, विनोद दुबे मोतीनगर, पन्नालाल पटेल, राकेश गौतम सदर,रुपनारायण खरे पगारा, नरेंद्र कुमार पटकुई, नरेंद्र चौकसे, शिवचरण रजक राहतगढ़, श्रीमती गायत्री तिवारी राहतगढ़, श्रीमती विन्देश्वरी तिवारी, मीना पटेल सेमरा बाग व सरस्वती शिशु मंदिर के समस्त आचार्य बंधु/भगिनी उपस्थित थे ।

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SAGAR : निजी अस्पतालों एवं पैथोलॉजी लैबों का निरीक्षण , नही मिले डाक्टर और पैथालॉजिस्ट, नोटिस जारी

SAGAR : निजी अस्पतालों एवं पैथोलॉजी लैबों का  निरीक्षण , नही मिले डाक्टर और पैथालॉजिस्ट, नोटिस जारी 

सागर । सीएमएचओ डॉ. सुरेश बौद्ध ने शिवाजी अस्पताल तिली, शांति अस्पताल मकरोनिया, सेवा अस्पताल मकरोनिया, गुरूकृपा पैथोलॉजी मकरोनिया, लाल पैथोलॉजी परकोटा एवं कलेक्शन सेंटर का औचक निरीक्षण गया।
निरीक्षण के दौरान शिवाजी अस्पताल तिली में पंजीकृत चिकित्सक अनुपस्थित पाये गये। साथ ही मेडीकल शॉप में पंजीकृत फार्मासिस्ट अनुपस्थित मिले। शांति अस्पताल मकरोनिया में वॉयोमेडीकल वेस्ट का उचित प्रबंधन नहीं किया जा रहा था। सेवा अस्पताल मकरोनिया में कोविड-19 गाईड लाईन का पालन नहीं हो रहा था। अस्पताल में सोनोग्रॉफी का पंजीयन चस्पा नहीं था। मेडीकल शॉप द्वारा दवाओं के बिल नहीं दिये जा रहे थे। इस हेतु ड्रग्स इंस्पेक्टर श्री प्रीत स्वरूप को दूरभाष पर जॉच करने के निर्देश दिये गये। गुरूकृपा पैथालॉजी मकरोनिया पर पैथालॉजिस्ट अनुपस्थित थे। मिलने का समय का उल्लेख नहीं था। उपस्थित नर्सिंग स्टॉफ द्वारा सैम्पलिंग के समय व प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया जा रहा था । रिकार्ड में कमी पाई गई साईंनाथ पैथालॉजी एवं कलेक्शन सेंटर में बुटी की दुकान के साथ संचालित हो रहा था। इसको बंद करने के निर्देश दिये एवं सभी संस्था संचालकों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के साथ यह भी बताया गया कि इस प्रकार की कार्यवाही भविष्य में होती रहेगी। अतः आप लोग अपनी संस्था में नियमानुसार व्यवस्थायें करना सुनिश्चित करें।
निरीक्षण दौरान डॉ.एम.एल.जैन नर्सिंग होम शाखा प्रभारी, फार्मासिस्ट विनोद नामदेव आदि उपस्थित रहे।
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महंगाई के खिलाफ कांग्रेस ने झाड़ू बेलन लेकर निकाला आक्रोश मार्च ★ प्रशासन ने किए ऐन मौके पर प्रदर्शन रोकने के नाकाम प्रयास

महंगाई के खिलाफ कांग्रेस ने झाड़ू बेलन लेकर निकाला आक्रोश मार्च 
★ प्रशासन ने किए ऐन मौके पर प्रदर्शन रोकने के नाकाम प्रयास 

सागर।  रसोई गैस खाद्य तेल पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमतों और महंगाई के खिलाफ शहर - जिला कांग्रेस कमेटी ने कांग्रेस कार्यालय से आक्रोश मार्च निकला। 
आक्रोश मार्च में कार्यकर्ता बढ़ती हुई महंगाई से संबंधित जैकेट पहने हुए थे। वहीं बड़ी संख्या में शामिल महिलाएं हाथों में झाड़ू बेलन लहराकर महंगाई के लिए मोदी शिवराज सरकार को कोस रही थी। प्रदर्शन में गैस सिलेंडर तेल के खाली डिब्बे और स्कूटर को फूलमाला पहनाकर हाथ ठेले पर निकला गया जो राहगीरों के आकर्षण का केंद्र रहा। 
कांग्रेस द्वारा ढोल नगाड़े के साथ निकाला गया आक्रोश मार्च यूसुफ अली मार्केट से शुरू होकर सिटी कोतवाली लक्ष्मीनारायण मंदिर पारस टाकीज बीएस जैन धर्मशाला होकर बड़ा बाजार स्थित रामबाग मंदिर के पास समाप्त हुआ। कांग्रेसजनों ने पूरे रास्ते में महंगाई को लेकर भाजपा की मोदी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।               कांग्रेस अध्यक्ष रेखा चौधरी ने कहा कि देश में भाजपा की पूंजीवादी तथा जन विरोधी मोदी सरकार देश के चंद उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए देश को महंगाई बेरोजगारी और अराजकता की आग में झोंक दिया है। कांग्रेस की यूपीए सरकार के समय गैस सिलेंडर 400 रु   खाने का तेल 70 के करीब था।डीजल और पेट्रोल  के दाम भी 60 - 70 रु के आसपास थे। परंतु भाजपा की मोदी सरकार आने के बाद से इनके साथ ही दालों अनाज तथा अन्य जरूरत की चीजें की कीमतें भी डेढ़ से दोगुना बढ़ गई है। 
प्रदर्शन में उपाध्यक्ष त्रिलोकीनाथ कटारे वरिष्ठ नेता पुरुषोत्तम मुन्ना चौबे, प्रवक्ता डॉ संदीप सबलोक रमाकांत यादव जितेंद्र रोहन, पप्पू गुप्ता सेवादल अध्यक्ष सिंटू कटारे युवा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल चौबे व कार्तिकेय रोहन ,महिला कांग्रेस अध्यक्ष प्रमिला राजपूत, एनएसयूआई अध्यक्ष सौरभ खटीक ऋषभ जैन प्रमुख रूप से शामिल रहे।

इन नीतियों के खिलाफ शहर- जिला कांग्रेस कमेटी द्वारा किए गए उक्त विरोध में किरण लता सोनी किरण लता सोनी पुष्पा रैकवार चंपाबाई ब्रज रानी माया काशीबाई राम रानी लीला रजिया खान संध्या सिंह राजपूत शिवरानी कोरी पुष्पा रेखा कुसुम रानी सुधा अहिरवार मीराबाई गीता हल्दी भाई कमलाबाई गीता सोनी मंजू कुंवर बाई दीनदयाल तिवारी गोवर्धन रैकवार शरद पुरोहित ओंकार साहू सेवादल संयोजक विजय साहू नाथूराम चौधरी भईयन पटेल लीलाधर सूर्यवंशी जमनाप्रसाद सोनी वीरेंद्र राजे हनीफ ठेकेदार जाहिद ठेकेदार उमाकांत दीक्षित धर्मेंद्र चौधरी वीरेंद्र सिंह कुशवाहा दुलीचंद सकवार शुभम उपाध्याय आदिल राईन जितेंद्र चौधरी नितिन पचौरी सौरभ खटीक सुरेंद्र चौबे प्रदीप जैन कुल्फी सुधीर जैन डॉ दिनेश पटेरिया पटेरिया लक्ष्मीनारायण सोनाकिया अतुल नेमा फिरदोस कुरेशी बिल्ली रजक कल्लू पटेल बबला आठया अंकित जैन शौकत अली शिवचरण सोनी साजिद राइन बंटी कोरी तरुण कोरी आनंद अहिरवार चक्रेश रोहित गौरव घोशी फैजान खान बलराम रैकवार वाहिद सौदागर पवन जाटव शेरखान प्रदीप पटेल रवि केसरी विनोद कोरी कुंजीलाल लडिया सुनील पावा अनिल दक्ष अलीम खान तज्जू विशाल प्रजापति कमलेश तिवारी कुंदन जाट पवन केसरवानी चमन अंसारी द्वारका चौधरी नितिन पचोरी मयंक तिवारी जयदीप यादव प्रवीण यादव लल्ला यादव पवन घोसी रितु यादव अंकुर यादव अकू भाईजान मोंटी साहू जीतू मिश्रा काजू सोनी समीर राय दिलीप अग्रवाल आदि
शामिल हुए ।

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एमपी-: शांति के टापू में क्यों है अशांति,,,, ★ ब्रजेश राजपूत/ एबीपी न्यूज़ पर ब्लॉग

 एमपी : शांति के टापू में क्यों है अशांति,,,,

★ ब्रजेश राजपूत/ एबीपी न्यूज़ पर ब्लॉग 

उज्जैन - उन्नीस अगस्त की रात, मोहर्रम का मौका और गीता कालोनी में जुटी भीड़ में हो गयी ऐसी विवादित नारेबाजी जो विवाद का विषय बनी। अगले दिन जो वीडियो आया जिसमें पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने के दृश्य सामने आये। सरकार सख्त हुयी और राजद्रोह की धाराओं में सात नामजद और करीब बीस लोगों के खिलाफ मामले दर्ज हो गये। कुछ दिनों बाद बात आयी कि वो पाकिस्तान नहीं काजी साहब जिंदाबाद के नारे थे मगर जितना नुकसान होना था हो चुका था। एक खास वर्ग की बदनामी, मीडिया का भारी कवरेज और आरोप में धरे गये लोग लंबे समय के लिये जेल में। 

इंदौर - बाईस अगस्त की दोपहर, गोविंद नगर में एक चूडी वाले को स्थानीय लोगों ने जमकर पीटा सामान की तलाशी ली पता चला कि यूपी से आया है साथ में दो आधार कार्ड हैं नाम तस्लीम। आरोप लगाया गया कि चूडी बेचने के बहाने छेड़छाड़ कर रहा था। वीडियो वायरल होता है तो रात में पिटाई के विरोध में बाणगंगा थाने का घेराव होता है। पुलिस पहले घेराव करने वालों पर कार्रवाई करती है। साथ ही चूडी वाले को पीटने वालों को भी पकड़ा जाता है और एक दिन बाद ही पढ़ने वाले तसलीम को पास्को एक्ट के तहत पकडकर जेल भेज दिया जाता है। वैसे इंदौर में पंद्रह अगस्त के बाद से लगातार ऐसी छोटी छोटी घटनाएं हो रही थी जिसमें दोनों समाजों में वैमनस्य बढ रहा था। 

नीमच- छब्बीस तारीख को थाना सिंगोली में पुलिस को खबर मिली कि किसी चोर को पकडा है और उससे मारपीट की जा रही है। मौके पर पुलिस पहुंची तो देखा कि कान्हा भील को चोर समझकर कुछ लोगों ने बुरी तरह पीटा, पिकअप गाडी में पैर बांधकर घसीटा जिससे बाद में उसकी मौत हो गयी। बर्बरता का वीडियो वाइरल हुआ और पुलिस ने आठ आरोपियों के खिलाफ मौत का मामला दर्ज किया और उनके घर गिराये और गिरफ्तार किया। 

देवास- छब्बीस तारीख को हाटपिपलिया के बरौली गांव में टोस और जीरा बेचने वाले मुस्लिम फेरी वाले जहीर को बामनिया रोड के पास गांव के कुछ लोगों ने रोका, गांव में क्यों आये इस पर पूछताछ की आधार कार्ड मांगा और नहीं मिलने पर मारपीट की। गांव वालों ने जहीर को बाद में बताया पुलिस ने दो लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया। 

उज्जैन - उनतीस अगस्त, उज्जैन जिले के महिदपुर के सेकली गांव में पहुंचे कबाडी अब्दुल रशीद को गांव के कुछ लोगों ने रोका, गांव में आने पर ऐतराज जताया, उसकी गाडी से सामान फेंका और धौंस देकर जय श्री राम के नारे भी लगवाये। कबाडी की शिकायत पर अगले दिन पुलिस ने झाडला थाने में मारपीट का मामला दर्ज किया।

पिछले दिनों लगातार एक के बाद हुयी इन घटनाओं से मध्य प्रदेश खबरों में गर्माया रहा। बीच के पंद्रह महीनों को छोड़ दें तो 2005 से मध्य प्रदेश की सरकार चला रहे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हमेशा मध्यप्रदेश को शांति का टापू कहते आये हैं। तो ये दिल का हद्य प्रदेश अशांति का चौराहा क्यों बन बैठा है ये सवाल प्रदेश की जनता के मन में है। ऐसा अचानक क्या हो गया है कि कुछ लोगों की हरकत के कारण प्रदेश की इतनी बदनामी हो रही है। मगर इन सारी घटनाओं को वीडियो के मार्फत से हम देखेंगे तो एक बात साफ नजर आती है वो है समाज में बढ रही नफरत और वैमनस्यता साथ ही कानून के डर का खत्म होना। कोई भी किसी को रोक कर परिचय पत्र मांगने लगता है। किसी के पहनावे पर एतराज करने लगता है। हमारे गांव क्यों आए इस पर सवाल खडे करने लगता है। 

मौका मिलते ही कानून को एक तरफ रखकर सामने वाले को सबक सिखाना शुरू कर दिया जाता है। छोटे छोटे गांव और कस्बों में मोरल पुलिसिंग के नाम पर गले में पटटा डालकर किसी को भी सबक सिखाने वालों की एक नयी जमात पनप गयी है। जो किसी को चोर किसी को विदेशी एजेंट बताकर उसके साथ मारपीट पर उतारू हो जाती है। 

निश्चित ही ये घटनाएं दुखद और चिंताजनक हैं आखिर किस प्रकार का समाज हम अपने प्रदेश में बनने जा रहे हैं। एक वर्ग विशेष को निशाना बनाना फासिज्म है। किसी के कहीं आने जाने पर पाबंदी लगाना कम्युनिस्ट देशों में होता है। धर्म और पहनावे के नाम पर नफरत फैलाने से देश फिर वैसा ही बंटेगा जैसा पचहत्तर साल पहले टूटा था। 

इन पूरी घटनाओं में अच्छी बात ये है कि पुलिस ने कार्रवाई की है सख्ती दिखाई है। मगर इन घटनाओं पर सरकार में बैठे जनप्रतिनिधी अक्सर चूक कर जाते हैं और हमेशा कमजोर के खिलाफ ही खडे दिखते हैं। छोटी छोटी घटनाओं को तालिबान और पाकिस्तान से जोड़कर देखने की और उनके नाम पर दूसरों को डराने की ये प्रवृत्ति खतरनाक है। भारी भरकर जुमलों को कैमरों के सामने बोलकर नेता मंत्री के बयान सनसनी तो बन जाते हैं मगर इसके असर दूरगामी होते हैं। उन जैसी भाषा और दूसरे लोग भी बोलने लगते हैं। पर इन घटनाओं में एक और सबसे खतरनाक पक्ष है वो है आम आदमी की खामोशी और चुप्पी। 

मध्यप्रदेश में पहले जैसी शांति रहे इसके लिये जरूरी है प्रशासन की सख्ती और आम जनता की इन घटनाओं को रोकने की प्रवृत्ति तभी मध्यप्रदेश शांति का टापू बना रहेगा। ...

★ ब्रजेश राजपूत ,एबीपी न्यूज़ ,भोपाल

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