‘स्वतंत्रता आंदोलन में बुंदेलखंड के वीर सेनानियों का योगदान’ विषय पर वेबीनार ★ 1842 में बुंदेला विद्रोह ने अंग्रेजों की नींद उड़ाई- डॉ. सिरोठिया

'स्वतंत्रता आंदोलन में बुंदेलखंड के वीर सेनानियों का योगदान' विषय पर वेबीनार

★ 1842 में बुंदेला विद्रोह ने अंग्रेजों की नींद उड़ाई- डॉ. सिरोठिया

महू (इंदौर). 'भारतीय स्वाधीनता संग्राम में बुंदेला विद्रोह सबसे पहले 1842 में हुआ था जिसने अंग्रेजों की नींद उड़ा दी थी. सागर जिले के बलेहा गांव से 44 की संख्या में लोगों ने आजादी की लड़ाई में भागीदारी की.' यह बात वरिष्ठ लेखक एवं गीतकार डॉ श्याम मनोहर सिरोठिया ने कहा. डॉ. सिरोठिया डॉ. बीआर अम्बेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय महू एवं हेरिटेज सोसायटी पटना के संयुक्त तत्वावधान में आजादी का अमृत महोत्सव के अवसर 'स्वतंत्रता आंदोलन में बुंदेलखंड के वीर सेनानियों का योगदान' विषय पर विशिष्ट वक्ता की आसंदी से संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि 1921 में सागर में रतौना कसाईखाना का आंदोलन ने देशव्यापी पहचान दी. इसका आंदोलन का मुखर विरोध भाई अब्दुल गनी खान ने किया था. इसकी सूचना जब पंडित माखनलाल चतुर्वेदी को मिली तो अपनी यात्रा अधूरा छोडक़र वे सागर आए. उनका पत्र 'कर्मवीर' में आंदोलन के समर्थन में लगातार लेख प्रकाशित हुआ. बाद में उनके आग्रह पर लाला लाजपत राय ने 53 लेखों का प्रकाशन किया. उग्र विरोध के बाद रतौना कसाईखाना बंद करने का निर्णय अंग्रेजी शासन को लेना पड़ा. उन्होंने स्वाधीनता संग्राम में उन तमाम लोगों का स्मरण किया जिनके बिना भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास अधूरा है. अनेक अनुछूये संदर्भों का उल्लेख करते हुए डॉ. सिरोठिया ने बताया कि झांसी की रानी लक्ष्मीबाई ने अंग्रेजों को झांसी सौंपने से इंकार कर दिया था. तब अंग्रेजों ने उनके 6 लाख हड़प लिया था और 6 हजार रुपये प्रीविपर्स देना तय किया तो रानी ने लेने से मना कर दिया. उन्होंने बताया कि रानी द्वारा चपाती और कमल फूल अभियान आरंभ किया गया. यह चपाती आजादी के दीवाने अपने साथ लेकर निकलते थे और अंग्रेजों द्वारा पकड़े जाने पर खाने की सामग्री बताकर स्वयं को बचा लेते थे. सच तो यह था कि ये लोग राजाओं के पास जाते और उन्हें अंग्रेजों के खिलाफ रानी लक्ष्मीबाई का साथ देने के लिए आमंत्रण देते. जो राजा चपाती स्वीकार कर लेता तो मान लिया जाता कि उन्होंने सहमति दी है.   

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उन्होंने कहा कि अंग्रेजों के साथ मिलकर विश्वासघात भी किया गया था. उन्होंने मई, 1842 की घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि पॉलिटिकल एजेंट के साथ मिलकर हीरापुर के राजा को गिरफ्तार कर लिया गया. 27 तरह के करारोपण के खिलाफ बुंदेला राजाओं ने अंग्रेजी शासने के खिलाफ विद्रोह कर दिया था. उन्होंने रामगढ़ की रानी अवंतिबाई का उल्लेख करते हुए उनकी वीरता की कहानी को सप्रसंग सुनाया और कहा कि जब वे अंग्रेजों से घिर गईं तो अपने सहयोगी के हथियार से स्वयं को खत्म कर शहीद हो गईं. डॉ. सिरोठिया ने स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी कई कविताओं की पंक्तियों का वाचन भी किया. 
कार्यक्रम की अध्यक्ष एवं कुलपति प्रो. आशा शुक्ला ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि ब्राउस सामाजिक दायित्व के साथ कार्य कर रहा है. इस श्रृंखला में अमृत महोत्सव के अवसर पर स्वाधीनता संग्राम के इतिहास का स्मरण किया जा रहा है. वेबीनार का संचालन डॉ. विशाल पुरोहित ने किया तथा आभार योगिक साइंस विभाग के  डॉ. अजय दुबे माना. कार्यक्रम के सह-संयोजक हेरिटेज सोयायटी के महानिदेशक श्री अनंताशुतोष द्विवेदी ने विषय के बारे में जानकारी दी एवं विशेष वक्त डॉ. सिरोठिया  का स्वागत किया. वेबीनार के सफल संचालन के लिए डीन डॉ. डीके वर्मा एवं रजिस्ट्रार श्री अजय वर्मा के साथ विश्वविद्यालय परिवार का सहयोग रहा.।


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बुंदेलखण्ड में पॉजिटिव केस मिलना चिंता का विषय: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह

बुंदेलखण्ड में पॉजिटिव केस मिलना चिंता का विषय: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह
★ दमोह में 15 और सागर में 7 केस मिले
 

भोपाल। मुख्यमंत्री श्री Shivraj Singh Chouhan ने कहा है कि प्रदेश में कल 71 हजार 103 टेस्ट किये गये हैं। इनमें 28 पॉजिटिव आये हैं। प्रदेश में पॉजिटिव आने की संख्या घटकर 6 तक हो गई थी। अब बढ़ते-बढ़ते यह 28 तक पहुँच गई है। दमोह में 15  और सागर में 7 पॉजिटिव केस आये हैं। बुंदेलखण्ड में पॉजिटिव केस मिलना चिंता का विषय है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने स्मार्ट उद्यान में मीडिया के प्रतिनिधियों से चर्चा के दौरान यह बात कही।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए सतर्कता जरूरी है। प्रदेशवासी मास्क लगाने, सोशल डिस्टेंसिंग जैसी सावधानियों का अनिवार्यत: पालन करें। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रदेशवासियों से अपील करते हुए कहा कि बहुत अधिक सावधानी की आवश्यकता है। पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ में भी केस बढ़ रहे हैं। केरल की स्थिति भी सामने है। अत: प्रदेशवासी सतर्क और सावधान रहकर तीसरी लहर को  रोकने में सहयोग प्रदान करें।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि राज्य शासन द्वारा सभी आवश्यक उपाय किये जायेंगे। टेस्टिंग के साथ साथ लोगों को आइसोलेट करने, माइक्रो कंटेंमेंट जोन बनाने जैसी कार्यवाईयाँ की जायेंगी।
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रिश्‍वतखोर दो पटवारियों को 4 - 4 साल की सजा, सागर लोकायुक्त पुलिस ने किया था ट्रेप

रिश्‍वतखोर दो पटवारियों को 4 - 4 साल की सजा, सागर लोकायुक्त पुलिस ने किया था ट्रेप

टीकमगढ़। टीकमगढ जिले के दो पटवारियों को रिश्वत लेने के मामले में अदालत ने चार चार साक की सजा सुनाई है। लोकायुक्त पुलिस सागर ने इन पटवारियों को रिश्वत लेते रंगे हाथो गिरफ्तार  किया था। 
सहायक जिला अभियोजन अधिकारी  संदीप सरावगी ने बताया कि प्रकरण में आवेदक सुरेंद्र मिश्रा निवासी ग्राम इमलाना तहसील बल्‍देवगढ़ जिला टीकमगढ़ ने दिनांक 13.09.2016 को लोकायुक्‍त कार्यालय सागर में इस आशय का आवेदन प्रस्‍तुत किया कि उसने जून 2016 में अपने दादाजी से 1 एकड़ जमीन खरीदी है, इस रजिस्‍ट्रीशुदा भूमि को स्‍वयं को नाम पर नामांतरण करने एवं भूमि पंजी बनवाने की कार्यवाही के लिये आरोपी पटवारी मनीराम सौंर से बात की तो उसने 4 हजार रूपये की मांग उक्‍त कार्य हेतु की, मैं रिश्‍वत देना नहीं चाहता हूँ, कार्यवाही की जावे। उक्‍त शिकायत की पुष्टि हेतु लोकायुक्‍त पुलिस द्वारा एक वॉयस रिकार्डर जारी कर पंचसाक्षी के साथ रिश्‍वत मांगवार्ता रिकार्ड करने हेतु भेजा गया। रिश्‍वत मांगवार्ता को रिकार्ड कर आवेदक द्वारा वॉयस रिकार्डर सहित दूसरा आवेदन लोकायुक्‍त पुलिस को दिया गया, रिकार्डिंग में रिश्‍वत मांगने की पुष्टि होने पर लोकायुक्‍त पुलिस द्वारा आरोपी मनीराम सौंर पटवारी के विरूद्ध लोकायुक्‍त के अपराध क्र. 285/2016 अंतर्गत धारा 7 भ्रष्‍टचारण निवारण अधिनियम की प्रथम सूचना पंजीबद्ध कर आरोपी को रंगे हाथों पकड़ने हेतु ट्रेपदल का गठन किया गया। 
दिनांक 15.09.2016 को आवेदक द्वारा प्रस्‍तुत 4000/- रूपये के नोटों पर फिनाफ्थलीन पाऊडर लगाकर उसके पेंट की जेब में रखकर ट्रेपदल आरोपी को रंगे हाथों ट्रेप करने हेतु बल्‍देवगढ़ रवाना हुआ, आवेदक सुरेंद्र मिश्रा ने आरोपी पटवारी से संपर्क कर रूपये (रिश्‍वत) देने हेतु खरगापुर रोड कन्‍या हाई स्‍कूल के सामने स्थित पटवारी के किराये के कार्यालय में पहुँचा, उसके पीछे कार्यालय के बाहर अपनी पहचान छिपाते हुये लोकायुक्‍त की टीम खड़ी हो गई। जैसे ही आवेदक ने आरोपी पटवारी मनीराम को रिश्‍वत राशि 4000/- रूपये दी तो उक्‍त राशि उसने अपने कक्ष में बैठे अपने साथी पटवारी राधेश्‍याम नामदेव से गिनकर टेबिल पर रखी नामांतरण पंजी में रखवा दी। रूपये देकर आवेदक ने कार्यालय से बाहर निकलकर जैसे ही सिर पर हाथ फेरकर इशारा किया ट्रेपदल ने कार्यालय में बैठे दोनों आरोपी पटवारियों को को घेर लिया और उनसे उनका परिचय लेकर अपना परिचय दिया, एवं आरोपी मनीराम सौंर के बताये अनुसार रिश्‍वत राशि टेबिल पर रखी नामांतरण पंजी से जब्‍त की गई। आरोपीगण के हाथ सोडियम कार्बोनेट के घोल में धुलवाये गये चूंकि आरोपी मनीराम के द्वारा रिश्‍वत की राशि अपने हाथ में नहीं ली गई थी जिस कारण घोल का रंग मटमैला रहा लेकिन आरोपी राधेश्‍याम नामदेव के हाथ धुलवाये जाने पर घोल का रंग गुलाबी हो गया। दोनों आरोपीगण को गिरफ्तार कर निजी मुचलके पर रिहा किया गया। संपूर्ण विवेचना उपरांत आरोपीगण के विरूद्ध अभियोजन संचालन हेतु राजस्‍व विभाग भोपाल से अनुमति प्राप्‍त होने पर अभियोग पत्र माननीय न्‍यायालय में प्रस्‍तुत किया गया। संपूर्ण विचारण उपरांत माननीय न्‍यायालय टीकमगढ़ द्वारा आरोपीगण को दोषसिद्ध ठहराते हुये आज दिनांक 04/08/2021 को घोषित अपने निर्णय में आरोपी मनीराम सौंर को भ्रष्‍टाचार निवारण अधिनियम की धारा - 7 रिश्‍वत मांगने के अपराध में 4 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 2000/- रूपये के अर्थदण्‍ड से एवं धारा 13(2) रिश्‍वत लेने के अपराध में 4 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 2000/- रूप्‍ये के अर्थदण्‍ड से तथा दूसरे आरोपी राधेश्‍याम नामदेव को भ्रष्‍टाचार निवारण अधिनियम की धारा - 12 के अपराध में 4 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 2000/- रूपये के अर्थदण्‍ड से दण्डित किया गया। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी जिला अभियोजन अधिकारी श्री आर.सी. चतुर्वेदी एवं सहा.जिला अभियोजन अधिकारी श्री संदीप सरावगी द्वारा की गई।

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म.प्र. सराफा एसोसिएशन संघर्ष समिति का प्रथम प्रांतीय अधिवेशन उज्जैन में सम्पन्न

म.प्र. सराफा एसोसिएशन संघर्ष समिति का प्रथम प्रांतीय अधिवेशन उज्जैन में सम्पन्न

★ अधिवेशन के मुख्य अतिथि उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. श्री मोहन जी यादव द्वारा अपने संबोधन में स्वर्ण कला को उच्च शैक्षणिक पाठ्यक्रम में शामिल करने की घोषणा की

उज्जैन। मप्र सराफा एसोसिएशन संघर्ष समिति का प्रथम प्रांतीय अधिवेशन उज्जैन सर्राफा एसोसिएशन फ्रिगंज के संयुक्त तत्वाधान में प्रदेश अध्यक्ष  राजा सराफ जबलपुर की अध्यक्षता में  आयोजित हुआ । कार्यक्रम का संचालन प्रांतीय महासचिव श्री देवीलाल जी सोनी एवं श्री रविंद्र जी सोनी द्वारा किया गया। 
अधिवेशन में मध्य प्रदेश के 10 संभाग एवं 52 जिलो के सराफा एसोशिएशन के प्रदेश,संभाग,जिला एवं तहसील स्तरीय पदाधिकारियों ने उपस्थिति दर्ज कराते हुए सफल बनाया। 
 प्रांतीय अधिवेशन का शुभारंभ भारत माता के चित्र के समक्ष अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया।
 उक्त जानकारी देते हुए प्रदेश उपाध्यक्ष विक्रम सोनी ने बताया कि
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में शासन के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ श्री मोहन यादव  एवं *विशेष अतिथि संघर्ष समिति के प्रदेश संरक्षक श्री झमक जी भरगट रतलाम, भारतीय मानक ब्यूरो की मुख्य अधिकारी सुश्री आकांक्षा मिश्रा एवं सैयद अशफाक अहमद एवं गोदरेज कंपनी के श्री रतन जी थापा विशेष अतिथि थे। 

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मुख्य अतिथि मंत्री श्री मोहन यादव जी ने सराफा व्यापारियों, स्वर्णकार समाज एवं कारीगरों की वर्षों पुरानी मांग को स्वीकार करते हुए स्वर्ण कला को मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग के शैक्षणिक पाठ्यक्रम में शामिल कर नवीन तकनीकी से स्वर्ण एवं रजत आभूषणों के निर्माण की संरचना को  मुर्त रुप प्रदान  करने हेतु अपनी घोषणा की जिससे सदियों पुरानी भारतीय स्वर्ण कला को वैश्विक स्तर पर पहचान मिलेगी
सोने चांदी का व्यापार आभूषणों के साथ-साथ विभिन्न कलाकृतियों, स्मृति चिन्ह, गिफ्ट आयटम, धार्मिक, राष्ट्रीय व एतिहासिक स्थलों के मॉडल, देवी देवताओं की मूर्तियों एवं प्रतीक चिन्हों आदि का निर्माण करने में भी आधुनिक तकनीकी से परिपूर्ण बन सकेगा जिससे मप्र देश में ही नहीं संपुर्ण विश्व में सोने चांदी निर्माण के व्यवसायिक केन्द्र (हब) के रुप में स्थापित होगा जिससे राज्य व केंद्र सरकार के राजस्व में भी उत्तरोत्तर वृद्धि होगी । माननीय मंत्री श्री मोहन यादव जी के निर्देशानुसार शीघ्र ही मप्र शासन के उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारिगण म.प्र. सराफा एसोसिएशन संघर्ष समिति के पदाधिकारियों*ल के साथ बैठकर स्वर्ण कला को शैक्षणिक पाठ्यक्रम में शामिल करने हेतु विस्तार से चर्चा कर एक मसौदा तैयार किया जावेगा।

कार्यक्रम के विशेष अतिथि म.प्र.  भारतीय मानक ब्यूरो के मुख्य अधिकारियों द्वारा कार्यक्रम में उपस्थित सभी 52 जिलों के सर्राफा संगठनों के पदाधिकारियों को हॉलमार्क एवं एच यू आई डी से संबंधित कानून की विस्तार से जानकारी प्रदान की एवं उनकी समस्याओं को नोटिस करते हुए सरकार के सामने कानून की विसंगतियों में संशोधन हेतु प्रस्तावित करने पर सहमति जताई।
गोदरेज कंपनी के अधिकारियों द्वारा भी व्यापारियों को कंपनी के व्यापारि हितों के प्रोडक्ट तिजोरी, लॉकर ,सेफ आदि के संबंध में जानकारी दी तथा नवीन तकनीकों से निर्मित प्रोडेक्ट अपनी अपनी आवश्यकतानुसार क्रय करने हेतु सुझाव दिए। 
कार्यक्रम में उपस्थित म.प्र. के सभी 52 जिलों के सराफा एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने माननीय मंत्री महोदय द्वारा उच्च शैक्षणिक पाठ्यक्रम में स्वर्ण कला को शामिल करने हेतु धन्यवाद दिया एवं आभार प्रकट किया।


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सागर जिले में पहुँचा खेल साक्षरता प्रसार वाहन , खेलो के प्रति उत्साह जगाने

सागर जिले में पहुँचा खेल साक्षरता प्रसार वाहन , खेलो के प्रति उत्साह जगाने

सागर। खेल साक्षरता प्रसार वाहन जिले के मालथौन गांव पहुँचा। इस गाँव में भारी तादाद में ग्रामीण बच्चे, महिला और पुरूष के साथ-साथ ग्राम प्रधान भी उत्सुकता से इस खेल साक्षरता वाहन को देखने पहुँचे। इस वाहन में लगी बड़ी एलसीडी स्क्रीन पर दर्शकों को खेल के ऊपर बनी 3 डाक्यूमेंटी फिल्म दिखाई। साथ ही साथ हमारी संस्था 'स्पोर्ट्स : ए वे ऑफ लाइफ' के अध्यक्ष डॉ0 कनिष्क पाण्डेय ने इन ग्रामीणों को वीडियों कांन्फ्रेंसिंग के जरिये सम्बोधित किया। अपने सम्बोधन में उन्होंने इन बच्चों को ओलम्पिक खेलों के बारे में तो बताया ही, साथ ही साथ उन्हें खेलोन्मुख करने के लिए प्रोत्साहित भी किया तथा उनके गाँव अपने का वायदा भी किया। यह भी आश्वस्त किया कि उनके गाँव के लिए प्रशासन से खेल मैदान उपलब्ध कराने का अनुरोध करेंगे और खेल उपकरण भी उपलब्ध कराने का प्रयत्न करेंगे। इसके साथ ही श्री पाण्डेय ने हर उम्र के लोगों को खेलने का आह्वान किया और खेल को सिर्फ मेडल जीतने के नजरिये से ना देखने का आग्रह किया। खेल को एक मनोरंजन के रूप में तथा शारीरिक व्यायाम जिससे कि वो स्वस्थ रह सकें तथा चरित्र निर्माण के स्त्रोत के रूप में देखने का आग्रह किया।

यह खेल साक्षरता प्रसार वाहन को एक वृहद कार्यक्रम का आयोजन कर 15 अर्जुन पुरस्कार विजेताओं के द्वारा गाजियाबाद में 9 जुलाई को भारत यात्रा के लिए रवाना किया गया है। इस यात्रा के दौरान जहाँ इस गांव मालथौन में पहुँचने के उपरान्त खेल के ऊपर बनी वीडियों प्रदर्शित करने के साथ-साथ बच्चों को खेल पुस्तिकाऐं खेल प्रवेशिका, नो स्पोर्ट्स तथा खेल वर्णमाला पर बना कलेण्डर बच्चों के बीच वितरित किया गया। बच्चों के हाथ जैसे ही यह पुस्तिका लगी तो वो खुशी-खुशी इस खेल वर्णमाला को पढ़ते देखे गये तथा कई बच्चे तो इस वाहन के समीप ही खेलने लगे।

इस अवसर पर ग्रामीणों ने 'स्पोर्ट्स : ए वे ऑफ लाइफ' के अध्यक्ष डॉ0 कनिष्क पाण्डेय को खेल साक्षरता मुहिम को शुरू करने पर साधुवाद दिया तथा उनके खेल साक्षरता मिशन से जुड़कर सभी ग्रामीणों के बीच खासकर बच्चों को खेल के लिए प्रोत्साहित करने का आश्वासन दिया।सागर जिले के कलेक्टर श्री दीपक सिंह को खेल के लिए अनुकूल माहौल बनाने के लिए इन मांगों का ज्ञापन दिया गया।
आज जब पूरा विश्व ओलम्पिक खेलों के जश्न में डूबा हुआ है, वहीं ''स्पोर्ट्स ए वे ऑफ लाईफ'' एन0जी0ओ0 ओलम्पिक से सम्बन्धित खेलों को भारत के गांव-गांव तक पहुंचाने की मुहिम में जुटा हुआ है।


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खेल साक्षरता प्रसार वाहन इस दिशा में एक पहल है जोकि गाजियाबाद से दिनांक 9 जुलाई से शुरू होकर प्रदेश के सैंकड़ों गांवों, दर्जनों कस्बों और कई जिलों में होते हुये प्रथम चरण में अपनी यात्रा का समापन लखनऊ में मध्यप्रदेश की यात्रा पर बढ़ रहा है। इस संस्था के साथ देश के विख्यात अर्जुन पुरस्कार विजेता, द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता, खेल रत्न पुरस्कार विजेता और कई पूर्व ओलम्पियंस जुड़े हुये हैं, जिनमें श्री जफर इकबाल, श्री गोपाल सैनी, श्री देवेन्द्र झाझाड़िया तथा हॉकी के महान खिलाड़ी स्व0 मेजर ध्यानचन्द जी के सुपुत्र श्री अशोक ध्यानचन्द ओलम्पियन आदि हैं। गाजियाबाद में इस यात्रा की शुरूआत देश के इन्हीं प्रख्यात खिलाड़ियों द्वारा 9 जुलाई,2021 को की गई।

ज्ञातव्य है कि ''स्पोर्ट्स ए वे ऑफ लाईफ'' एन0जी0ओ0 सन् 2017 से देश में खेल को बढ़ावा देने के लिये खेल साक्षरता अभियान चला रही है। संस्था के अध्यक्ष डा0 कनिष्क पाण्डेय ने बताया कि देश में खेल साक्षरता महज 5 प्रतिशत् है और महिलाओं के बीच तो यह मात्र 2.5 प्रतिशत् ही हैं। ऐसी स्थिति में लोगों को खेल साक्षर बनाये बिना ओलम्पिक खेलों में देश की प्रभावशाली उपस्थिति दूर की कौड़ी जैसी है।


वाहन में क्या खास है

 इस वाहन में खेल प्रसार के लिये कई तरह की नूतन तकनीकों का प्रयोग किया गया है।
 इस वाहन में एक एल.सी.डी. स्क्रीन लगी हुई है, जिसके माध्यम से किसी ग्राम में ठहराव के समय बच्चों के लिये स्पोर्ट्स आधारित फिल्में दिखाई जाती हैं।
 साथ ही संस्था के द्वारा खेल साक्षरता को बढ़ाने के लिये की गई पहल का एक लघु वीडियो भी प्रदर्शित किया जाता है।
 इसके अलावा इस खेल वाहन में खेल पर आधारित पुस्तिकायें जिसमें खेल प्रवेशिका, ज्ञदवू ैचवतजेतथा इसके साथ ही खेल कलैण्डर बच्चों के लिये उपलब्ध रहेंगे और इसे ग्रामीण बच्चों को वितरण किया जाता है।
 ''स्पोर्ट्स ए वे ऑफ लाईफ'' के अध्यक्ष डा0 कनिष्क पाण्डेय के द्वारा की गई मूल शोध की प्रतिलिपि भी इन गांवों के प्रधानों को उपलब्ध करवायी जाती है ताकि वो खेल मूल्यों को समक्ष सकें और यह भी जान सकें कि कैसे खेल से उनके चरित्र का निर्माण होगा और इसकी जानकारी ग्रामीणों के साथ साक्षा कर सकेंगे।
 श्री पाण्डेय वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिये सभी गांव के बच्चों को सीधे सम्बोधित करते रहेंगे।
 वाहन के ऊपर हिन्दी और अंग्रेजी की वर्णमाला को लगाया गया है साथ ही साथ देश में ओलंपिक पदक जीतने वाले खिलाड़ियों के चित्र भी उकेरी गई है। ताकि बच्चे उन्हें पहचान सकें।

कौन है डा0 कनिष्क पाण्डेय
देश में खेल साक्षरता को बढ़ावा देने के लिये बिगुल फूंकने वाले कनिष्क :-
 कनिष्क पाण्डेय पूर्व बेडमिंटन खिलाड़ी रहे हैं।
 कनिष्क की पूरी स्कूलिंग सेंट फ्रांसिस कालेज, लखनऊ से हुई है।
 इन्होंने सेंट इस्टीफन कालेज, नई दिल्ली से ग्रेजुएशन किया है।
 सी0एल0सी0 यूनिवर्सिटी ऑफ दिल्ली से एल0एल0बी0 की है।
 कनिष्क ने चार वर्षो तक स्वतंत्र रूप से खेलों पर शोध किया है।
 खेलों को मौलिक अधिकार का दर्जा दिलाने के लिये सभी स्तरों पर प्रयासरत हैं और इसे कानूनी जामा पहनाने के लिये कनिष्क द्वारा दायर पीआईएल सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्वीकार की जा चुकी है।
 कनिष्क ने मॉडल स्पोर्ट्स विलेज डेवलप करने की भी कार्ययोजना तैयार की है और मुजफ्फरनगर में देश का पहला स्पोर्ट्स मॉडल विलेज विकसित किया जा रहा है।
 कनिष्क की खेलों के शोध पर निम्न पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं, जैसे-स्पोर्ट्स ए वे ऑफ लाईफ (अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वाईले इण्डिया)
 यह पुस्तक संस्कृत, ऊर्दू एवं हिन्दी भाषा में भी प्रकाशित है।
 ज्ञदवू ैचवतजेएखेल प्रवेशिका, चलो खेलों की ओर, कनिष्क की प्रसिद्ध अन्य पुस्तकें हैं।

भारत खेल यात्रा का रोड मैप

खेल साक्षरता प्रसार-वाहन अपनी यात्रा दिल्ली एन0सी0आर0 के गाजियाबाद से शुरू की है। इसका प्रथम समापन प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हुआ। इस बीच यह वाहन एनसीआर सहित गाजियाबाद, हापुड़, अमरोहा, मुरादाबाद, रामपुर, शाहजहांपुर एवं सीतापुर होते हुये लखनऊ पहुंचा है। इस अवधि में प्रत्येक जिला मुख्यालय पर खेल को बढ़ावा देने के लिये अपने सुझाव सम्बन्धित जिला मजिस्ट्रेट को व्यक्तिगत रूप से हस्तगत करा रहा है। साथ ही इस यात्रा में वाहन का रात्रि विश्राम किसी न किसी गांव में हुआ। जहां खेल के बारे में बच्चों से लेकर बुजुर्गो तक को खेल से जोड़ने की मुहिम जारी रखी गई है। अब यह वाहन मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, एवं उड़ीसा की यात्रा के लिए अग्रसर है।
 
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म.प्र.राज्य कर्मचारी संघ सागर की जिला कार्यकारणी का गठन,सुरेश चंद्र द्विवेदी बने जिलाध्यक्ष

म.प्र.राज्य कर्मचारी संघ सागर की जिला कार्यकारणी का गठन,सुरेश चंद्र द्विवेदी बने जिलाध्यक्ष

सागर ।म.प्र.राज्य कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री राजेन्द्र शर्मा  के निर्देश पर संभागीय अध्यक्ष मोहन अग्रवाल ने राज्य कर्मचारी संघ सागर की जिला कार्यकारणी की घोषणा की जिसमे श्री सुरेश चन्द्र द्विवेदी जिलाध्यक्ष, राजेन्द्र नगार्च (स्वास्थ्य विभाग) सचिव,दीपेश दुबे (संभागीय वाणिज्यिक कर विभाग) कोषाध्यक्ष, श्रीमती भारती खरे एवं बृजेश द्विवेदी को उपाध्यक्ष बनाया गया है शेष कार्यकारणी एवं विभागीय समितियों का गठन जिलाध्यक्ष द्वारा शीघ्र किया जावेगा | नव गठित कार्यकारणी को प्रदेशाध्यक्ष सुरेन्द्र सिंह भदौरिया,महामंत्री राजेन्द्र शर्मा,के.व्ही मेवाड़े,हेमलता सेंगर ,अशोक तिवारी,बलराम त्रिपाठी आदि कर्मचारी नेताओं ने बधाई देते हुए कर्मचारी हित मे प्रान्तीय आव्हान पर चलाये जा रहे चरणबद्ध आन्दोलन को सागर मे सक्रियता देने की आशा व्यक्त की |


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धर्मांतरण की शिकायतों को लेकर मुख्ममंत्री से मिले विधायक शैलेंद्र जैन

धर्मांतरण की शिकायतों को लेकर मुख्ममंत्री से मिले विधायक शैलेंद्र जैन 

सागर। सागर विधायक शैलेंद्र जैन ने सोमवार को मुख्यमंत्री माननीय शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात कर सागर जिले के श्यामपुरा स्थित ग्राम रिछोड़ा में ईसाई मिशनरी सेवा धाम संस्था द्वारा लगभग 400 एकड़ की बहुमूल्य भूमि पर अवैध कब्जा किए जाने एवं संस्था द्वारा आसपास के ग्रामीणों एवं अन्य स्थानों के लोगो को प्रलोभन  के माध्यम से धर्मांतरण कराए जाने कि शिकायत कि।
  उन्होंने बताया कि इस संस्था की लीज वर्ष 2003 में समाप्त हो गई थी उसके बाद कलेक्टर द्वारा इनके लीज रेनुवल के आवेदन को निरस्त कर दिया गया था इसके परिप्रेक्ष्य में संस्था द्वारा संभागायुक्त के आवेदन किया गया वहां से भी इसे निरस्त कर दिया गया और उसके बाद संस्था ने हाई कोर्ट में अपील की वहां से भी हाईकोर्ट महोदय ने इस प्रकरण को खारिज कर दिया था, इस तरह से इतनी बहुमूल्य भूमि पर अब यह लोग अतिक्रमण कारी के रूप में काबिज है और लगातार अनैतिक गतिविधियां संचालित कर रहे हैं।
उन्होंने मुख्यमंत्री महोदय से आग्रह किया संस्था द्वारा किए गए अतिक्रमण से इस भूमि को अविलंब मुक्त कराया जाए और इनके द्वारा किए जा रहे धर्मांतरण  के कार्य की जांच कर इन पर कठोर कार्यवाही की जाए इसके लिए माननीय मुख्यमंत्री द्वारा अपने विशेष सहायक एवं सागर संभाग के पूर्व आयुक्त आनंद शर्मा  को तत्काल कलेक्टर सागर से इस प्रकरण की पूरी जानकारी मांगने के निर्देश दिए और अविलंब इन पर कार्यवाही करने के निर्देश दिए ।
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जरुआखेड़ा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की बिल्डिंग से टपक रहा पानी, मरीज परेशान

जरुआखेड़ा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की बिल्डिंग से टपक रहा पानी, मरीज परेशान


सागर। सागर जिले के जरुआखेड़ा के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की बिल्डिंग में सोमवार को करंट फैल गया। जिसके कारण अस्पताल में रखे उपकरण जल गए। लगातार बारिश के बाद दीवारों पर सीलन आने के कारण पूरे भवन में करंट फैल गया है। डॉक्टर सहित पूरा स्टाफ अस्पताल के बाहर निकल आया।
दरअसल जरुआखेड़ा में प्राथामिक स्वास्थ्य केंद्र का भवन जर्जर हो गया है। लगातार बारिश के कारण बिल्डिंग की छत और दीवारों से पानी टपक रहा है। सोमवार की सुबह अस्पताल अस्पताल के बिजली केबलों में अचानक स्पार्किंग शुरू हो गई, जिसके बाद वहां लगे पंखे व विद्युत उपकरण में आग लग गई। इसके बाद वहां का स्टाफ काफी डर गया और तुरंत ही मेन स्वीच से पूरे अस्पताल की विद्युत सप्लाई बंद की गई। स्पार्किंग के कारण अस्पताल में लगे तीन पंखे पूरी तरह से जल गए हैं। वहीं दीवारों पर भी करंट फैल गया। अस्पताल में ऐसा कोई कक्ष नहीं है, जहां की छत न टपक रही हो। पानी के कारण वार्डो के सभी बेड खाली करवा लिए गए है। कीमती सामान को बाहर निकाल लिया गया है। 
जानकारी के बावजूद विभाग बेपरवाह बना हुआ है 
वही प्रभारी  मेडिकल ऑफिसर मुकेश आर्या ने बताया कि अस्पताल के भवन का निर्माण वर्ष 2006 में हुआ था। जिसके बाद अब यह जर्जर अवस्था में हो गई है। इसकी मरम्मत के लिए लोक निर्माण विभाग और स्वास्थ्य विभाग को कई पत्र लिखे जा चुके हैं, लेकिन अब तक इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया है। अस्पताल में इलाज को आए ग्रामीणों ने बताया कि यहां पर हर साल यही स्थिति बनती है।वही  टपकती छत के बीच गर्भवती महिलाएं अस्पताल में बैठी रहीं। वहीं पूरे भवन में पानी के कारण अफरा-तफरी मची हुई है।
 

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