एमपी में नगरीय निकाय चुनाव सम्भव,प्रभावी कोरोना नियंत्रण और वेक्सीनेशन के चलते
★समय-सीमा में पूरी करें नगरीय निकाय निर्वाचन की तैयारी
★ आयुक्त राज्य निर्वाचन आयोग बदन्त प्रताप सिंह ने समीक्षा बैठक में दिये निर्देश
★ महापौर का चुनाव सीधे होगा या पार्षदों के जरिये, यह सरकार को तय करना है
भोपाल। नगरीय निकाय आम निर्वाचन की तैयारी समय-सीमा में पूरी करें। निर्वाचन से संबंधित जो कार्यवाही शेष है, उसकी सूची बनायें और प्रत्येक कार्य समय पर करें। तैयारी पूरी होते ही आम निर्वाचन की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी जायेगी। राज्य निर्वाचन आयुक्त श्री बसंत प्रताप सिंह ने यह निर्देश नगरीय निकायों एवं त्रि-स्तरीय पंचायतों के आगामी आम निर्वाचन की तैयारियों की समीक्षा के दौरान दिये।
राज्य निर्वाचन आयुक्त श्री सिंह ने कहा कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण के प्रभावी नियंत्रण और वैक्सीनेशन की स्थिति के मद्देनजर वर्तमान में आम निर्वाचन करवाया जाना संभव है। उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण पहले से ही आम निर्वाचन बहुत लेट हो चुके हैं। श्री सिंह ने कहा कि पहले नगरीय निकायों के निर्वाचन करवाये जायेंगे।
श्री सिंह ने प्रत्येक सेक्शन के कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि नई अमिट स्याही क्रय करने के आदेश जल्द जारी करें। नगरीय निकायों में बनने वाले स्ट्राँग रूम में सीसीटीव्ही कैमरे लगवाने की व्यवस्था करें। कोविड अनुकूल व्यवहार का पालन हर स्तर पर किया जाए।
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347 नगरीय निकायों में होगा चुनाव
बैठक में जानकारी दी कि प्रदेश में कुल 407 नगरीय निकाय हैं। इनमें से 347 में आम निर्वाचन कराये जाना है। दो चरण में मतदान होगा। प्रथम चरण में 155 और दूसरे चरण में 192 नगरीय निकायों में मतदान कराया जायेगा। महापौर/अध्यक्ष का निर्वाचन अप्रत्यक्ष प्रणाली से होगा। इन 347 नगरीय निकायों में सभी 16 नगर निगम शामिल हैं। कुल 19 हजार 955 मतदान केन्द्र बनाये गए हैं। कुल अभी 60 नगरीय निकायों का कार्यकाल बाकी है। मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन 3 मार्च 2021 को हो चुका है। नगरीय निकायों में मतदान ई.व्ही.एम. से कराये जायेंगे।
पंचायत आम निर्वाचन 3 चरण में करवाये जायेंगे। त्रि-स्तरीय पंचायतों में पंच के 3 लाख 77 हजार 551, सरपंच के 23 हजार 912, जनपद पंचायत सदस्य के 6 हजार 833, जिला पंचायत सदस्य के 904, उप सरपंच के 23 हजार 912, जनपद पंचायत अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष के 313 और जिला पंचायत अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष के 52 पदों का निर्वाचन कराया जायेगा।
बैठक में सचिव राज्य निर्वाचन आयोग श्री दुर्ग विजय सिंह, उप सचिव श्री अरूण परमार एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
महापौर का चुनाव की प्रक्रिया अभी उलझी है
यहां बता दे कि एमपी में महापौर का चुनाव सीधे मतदाताओं से होगा या पार्षद चुंनेंगे। इस पर सरकार अभी तय नही कर सकी है।
दरअसल कमलनाथ सरकार ने भजपा सरकार के फैसले को बदलकर पार्षदों के जरिये कराने का निर्णय लिया था। दलबदल के बाद आई पुनः शिवराज सरकार ने तय किया कि सीधे चुनाव होंगे महापौर के । इस सम्बंध में विधेयक भी लाया था। लेकिन उसको पारित कराने की समायवधि पिछले दिनों निकल गयी। इन हालातों में कमलनाथ सरकार का निर्णय यानी अप्रत्यक्ष प्रणाली ही रहेगी। अब शिवराज सरकार को तय करना है कि महापौर का चुनाव किस प्रणाली से कराया जाना है।
महापौर के चुनाव के तरीके को लेकर दावेदारों में उलझन बनी है।
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