संपूर्ण बुंदेलखंड के गौरव थे प्रोफेसर जैन: कलेक्टर दीपक सिंह
★यूजीसी चेयरमैन, राजनेता, शिक्षाविद्, धर्मगुरू आदि ने दी श्रद्धांजलि
सागर । डा हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त प्रोफेसर बी. के. जैन की श्रद्धांजलि सभा बुधवार को स्नेह भवन मकरोनिया में आयोजित हुई.
जिसमें शहर के गणमान्य नागरिक, राजनीतिक, समाजसेवी और पत्रकार बंधुओं ने अपने संस्मरण साझा किए और उनके व्यक्तिव, कृतित्व पर प्रकाश डाला.
अपनी आनलाईन श्रद्धांजलि में कलेक्टर दीपक सिंह ने कहा कि प्रोफेसर जैन के निधन से सागर के शिक्षा जगत को अपूर्णीय क्षति हुई है. उनके परिवार ने भी शिक्षा का कीर्तिमान रचा दिया. जो संपूर्ण बुंदेलखंड के लिए गौरव की बात है.
पूर्व मंत्री सुरेन्द्र चैधरी ने कहा कि कहा कि प्रो. जैन की एक खासियत थी कि वे कभी कोई क्लास पढाने से नही छूटते थे तथा हमेशा ही छात्रों के साथ मित्रवत रहते हुए उनकी समस्याओं को सुलझाते थे।इतिहास विभाग के अध्यक्ष प्रो. नागेश दुबे ने कहा कि जैन सर अजातशत्रु की तरह थे. समूचे विश्वविद्यालय में कोई उनका विरोधी नही ं था. उन्होंने अपनी एक समृद्ध शिष्य परंपरा तैयार की ,जो सभी करियर में नई ऊंचाई पर पहुँचे हैं. वे आज भी सर के प्रति कृतज्ञ है ं.
डा अशोक पन्या ने कहा कि सर बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे. उनका सारा परिवार शिक्षा के साथ संस्कार का भी निर्वाहन समाज में बखूबी कर रहा है.
ज्ञानश्री ने अपने दादा की मधुर स्मृतियों को साझा किया. डा आशीष द्विवेदी ने कहा कि वे प्रेरक और ऊर्जावान व्यक्तिव के शिक्षक थे. जिन्होंने अपनी एक निर्विवाद छवि बनाई.जैन मिलन अध्यक्ष सुरेश बीज निगम ने कहा कि प्रो. जैन के अनेक छात्र राष्टीय एवं अंतराष्टीय स्तर पर फैले हुए है तथा वे हमेशा छात्रों को जीविका हेतु प्रोत्साहित करते थे।
प्रो. जैन के निधन पर देश भर के शिक्षाविद्ों ने शोक व्यक्त किया जिसमें यूजीसी चेयरमैन प्रो. डी.पी.सिंह,विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति एवं कुलसचिव जिसमें सागर विवि की कुलपति प्रो. आही एवं कुलसचिव डा. संतोष सौहगोरा, माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विवि के पूर्व कुलपति दीपक तिवारी, बनारस हिन्दू विवि के कुलपति प्रो. वी.के. शुक्ला एवं कुलसचिव डा. नीरज त्रिपाठी, अरूणाचल केन्द्रीय वि.वि. के कुलपति प्रो. साकेत कुशवाहा, असम केन्द्रीय वि.वि. के कुलपति प्रो. वी.सी.जैन, वर्धा केन्द्रीय विवि के कुलपति प्रो. रजनीश शुक्ला, लखनउ केन्द्रीय विवि के कुलपति प्रो. संजय कुमार, गुजरात केन्द्रीय विवि के कुलपति प्रो. आर.एस.दुबे, पंजाब केन्द्रीय विवि के कुुलपति प्रो. आर.पी.तिवारी, इग्नू के कुलपति प्रो. नागेश्वर राव, पंजाब वि.वि. के कुलपति प्रो. राजकुमार, पूर्णिया विवि के कुलपति प्रो. आर.एन.यादव, गोरखपुर विवि के कुलपति प्रो. राजेश कुमार सिंह, पाटलिपुत्र विवि के पूर्व कुलपति प्रो. जीसीआर जायसवाल, कोटा विवि के कुलपति प्रो.आर.एल.गोदारा , उदयपुर विवि के कुलपति प्रो. अमरीका सिंह, कुशाभाउ ठाकरे पत्रकारिता विवि के कुलपति प्रो. बल्देव भाई, जयपुर विवि के कुलपति प्रो राजीव जैन, पटियाला लाॅ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.वाजपेयी,झारखंड तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. पी.के.मिश्रा, इंदौर विवि की कुलपति प्रो. रेणू जैन, महू विवि की कुलपति प्रो. आशा शुक्ला, बैंगलौर विवि के कुलपति प्रो. केम्पाराजू, लखनउ विवि के कुलपति प्रो. आलोक राय, अयोध्या विवि के पूर्व प्रो. मनोज दीक्षित, बिहार केन्द्रीय विवि के पूर्व कुलपति प्रो. एच.एस.राठौर, एनआईटी पटना के प्रो. पीके जैन, आइआइआइटी जबलपुर के प्रो. संजीव जैन, अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा विशेष अधिकारी डा. शैलेष आचार्य, गल्र्स डिग्री काॅलेज के प्रो.नरेन्द्र सिंह ठाकुर, मिजोरम विवि के प्रो. प्रभाकर रथ, संस्कृति मंत्रालय एवं नेशनल लाइब्रेरी के महानिदेशक प्रो. एपी सिंह,बनारस विधायक रवीन्द्र जायसवाल एवं विधायक सौरभ श्रीवास्तव,जबलपुर पुलिस अधीक्षक अनिल विश्वकर्मा, आइएएस सुरेश जैन, न्यायाधीश विमला जैन, सुप्रीम कोर्ट ज्यूडिशियल अकादमी के डा. सुनील सोनी, इलाहाबाद हाई कोर्ट के सुनील जैन, मानव संग्रहालय के मो. रेहान, आइआइटी दिल्ली के डा. नीरज चैरसिया, आइआइटी चेन्नई के डा. आनंद मुरूगन, अंडमान निकोबार से मो. इस्माईल एवं प्रो दीवान, जीवन विद्या के प्रो. सुरेन्द्र पाठक, आइआइआइटी हैदराबाद के प्रो. राजीव संगल, कुंदकंुद ज्ञानपीठ के प्रो. अनुपम जैन, बल्गारिया सोफिया यूनिवसिटी से प्रो. आनंदवर्घन शर्मा, अमेरिका की फ्लोरिडा यूनिवसिर्टी के डा. पीयूश जैन, श्रीलंका यूनिवसिर्टी से डा. रानी कतंगे, आक्सपफोर्ड वि.वि. लंदन से डा. जयंत अस्थाना प्रमुख है।
प्रो. जैन ने अपने कैरियर की शुरूआत पं. ज्वालाप्रसाद ज्योतिषी के मार्गदर्शन में की थी तथा आपके प्रमुख शिष्यों में मुनि पुगंव सुधासागरजी महाराज, मुनि सुव्रतसागर, टीकमगढ सांसद वीरेन्द्र खटीक, मंत्री भूपेन्द्र सिंह, सागर विधायक शैलेन्द्र जैन, पूर्व मंत्री सुरेन्द्र चैधरी, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष स्वदेश जैन, स्व. श्रीमंत नरेश जैन, श्रीमंत सुरेश जैन, सुरेन्द्र मालथौन, सुरेन्द्र सुहाने, सुशील तिवारी, न्यायाधीश सुभाष जैन, योग पीठाधीश्वर स्व.राजीव लोचन देवलिया है।
विभिन्न धर्मगुरूओं ने शोकाकुल परिवार को धैर्य धारण करने हेतु आर्शीवाद दिया जिसमें सप्तम् पट्टाचार्य श्री ज्ञेय सागर महाराज , आचार्य विशद सागर जी महाराज, मुनि प्रमाण सागर जी महाराज, गणिनी प्रमुख ज्ञानमती माताजी, प्रज्ञाश्रमिणी चंदनामती माताजी,, पीठाधीश स्वामी रवीन्द्र कीर्ति जी महाराज, मूडब्रदी भटटारक चारूकीर्ति जी महाराज, युगतुलसी पं. रामकिंकर महाराज की शिष्या मंदाकिनी दीदी, आचार्य ज्ञानसागर महाराज की शिष्या ज्ञानतीर्थ की ब्र. अनीता दीदी, आचार्य योगीन्द्र सागर जी महाराज की शिष्या श्री शीतलतीर्थ की ब्र. डा. सविता दीदी, शामिल है। मीडिया जगत के जोश होश के दीपक तिवारी, मध्यप्रदेश माध्यम के पुष्पेन्द्र पाल सिंह आदि ने श्रधांजलि
सागर । डा हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त प्रोफेसर बी. के. जैन की श्रद्धांजलि सभा बुधवार को स्नेह भवन मकरोनिया में आयोजित हुई.
जिसमें शहर के गणमान्य नागरिक, राजनीतिक, समाजसेवी और पत्रकार बंधुओं ने अपने संस्मरण साझा किए और उनके व्यक्तिव, कृतित्व पर प्रकाश डाला.
अपनी आनलाईन श्रद्धांजलि में कलेक्टर दीपक सिंह ने कहा कि प्रोफेसर जैन के निधन से सागर के शिक्षा जगत को अपूर्णीय क्षति हुई है. उनके परिवार ने भी शिक्षा का कीर्तिमान रचा दिया. जो संपूर्ण बुंदेलखंड के लिए गौरव की बात है.
पूर्व मंत्री सुरेन्द्र चैधरी ने कहा कि कहा कि प्रो. जैन की एक खासियत थी कि वे कभी कोई क्लास पढाने से नही छूटते थे तथा हमेशा ही छात्रों के साथ मित्रवत रहते हुए उनकी समस्याओं को सुलझाते थे।इतिहास विभाग के अध्यक्ष प्रो. नागेश दुबे ने कहा कि जैन सर अजातशत्रु की तरह थे. समूचे विश्वविद्यालय में कोई उनका विरोधी नही ं था. उन्होंने अपनी एक समृद्ध शिष्य परंपरा तैयार की ,जो सभी करियर में नई ऊंचाई पर पहुँचे हैं. वे आज भी सर के प्रति कृतज्ञ है ं.
डा अशोक पन्या ने कहा कि सर बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे. उनका सारा परिवार शिक्षा के साथ संस्कार का भी निर्वाहन समाज में बखूबी कर रहा है.
ज्ञानश्री ने अपने दादा की मधुर स्मृतियों को साझा किया. डा आशीष द्विवेदी ने कहा कि वे प्रेरक और ऊर्जावान व्यक्तिव के शिक्षक थे. जिन्होंने अपनी एक निर्विवाद छवि बनाई.जैन मिलन अध्यक्ष सुरेश बीज निगम ने कहा कि प्रो. जैन के अनेक छात्र राष्टीय एवं अंतराष्टीय स्तर पर फैले हुए है तथा वे हमेशा छात्रों को जीविका हेतु प्रोत्साहित करते थे।
प्रो. जैन के निधन पर देश भर के शिक्षाविद्ों ने शोक व्यक्त किया जिसमें यूजीसी चेयरमैन प्रो. डी.पी.सिंह,विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति एवं कुलसचिव जिसमें सागर विवि की कुलपति प्रो. आही एवं कुलसचिव डा. संतोष सौहगोरा, माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विवि के पूर्व कुलपति दीपक तिवारी, बनारस हिन्दू विवि के कुलपति प्रो. वी.के. शुक्ला एवं कुलसचिव डा. नीरज त्रिपाठी, अरूणाचल केन्द्रीय वि.वि. के कुलपति प्रो. साकेत कुशवाहा, असम केन्द्रीय वि.वि. के कुलपति प्रो. वी.सी.जैन, वर्धा केन्द्रीय विवि के कुलपति प्रो. रजनीश शुक्ला, लखनउ केन्द्रीय विवि के कुलपति प्रो. संजय कुमार, गुजरात केन्द्रीय विवि के कुलपति प्रो. आर.एस.दुबे, पंजाब केन्द्रीय विवि के कुुलपति प्रो. आर.पी.तिवारी, इग्नू के कुलपति प्रो. नागेश्वर राव, पंजाब वि.वि. के कुलपति प्रो. राजकुमार, पूर्णिया विवि के कुलपति प्रो. आर.एन.यादव, गोरखपुर विवि के कुलपति प्रो. राजेश कुमार सिंह, पाटलिपुत्र विवि के पूर्व कुलपति प्रो. जीसीआर जायसवाल, कोटा विवि के कुलपति प्रो.आर.एल.गोदारा , उदयपुर विवि के कुलपति प्रो. अमरीका सिंह, कुशाभाउ ठाकरे पत्रकारिता विवि के कुलपति प्रो. बल्देव भाई, जयपुर विवि के कुलपति प्रो राजीव जैन, पटियाला लाॅ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.वाजपेयी,झारखंड तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. पी.के.मिश्रा, इंदौर विवि की कुलपति प्रो. रेणू जैन, महू विवि की कुलपति प्रो. आशा शुक्ला, बैंगलौर विवि के कुलपति प्रो. केम्पाराजू, लखनउ विवि के कुलपति प्रो. आलोक राय, अयोध्या विवि के पूर्व प्रो. मनोज दीक्षित, बिहार केन्द्रीय विवि के पूर्व कुलपति प्रो. एच.एस.राठौर, एनआईटी पटना के प्रो. पीके जैन, आइआइआइटी जबलपुर के प्रो. संजीव जैन, अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा विशेष अधिकारी डा. शैलेष आचार्य, गल्र्स डिग्री काॅलेज के प्रो.नरेन्द्र सिंह ठाकुर, मिजोरम विवि के प्रो. प्रभाकर रथ, संस्कृति मंत्रालय एवं नेशनल लाइब्रेरी के महानिदेशक प्रो. एपी सिंह,बनारस विधायक रवीन्द्र जायसवाल एवं विधायक सौरभ श्रीवास्तव,जबलपुर पुलिस अधीक्षक अनिल विश्वकर्मा, आइएएस सुरेश जैन, न्यायाधीश विमला जैन, सुप्रीम कोर्ट ज्यूडिशियल अकादमी के डा. सुनील सोनी, इलाहाबाद हाई कोर्ट के सुनील जैन, मानव संग्रहालय के मो. रेहान, आइआइटी दिल्ली के डा. नीरज चैरसिया, आइआइटी चेन्नई के डा. आनंद मुरूगन, अंडमान निकोबार से मो. इस्माईल एवं प्रो दीवान, जीवन विद्या के प्रो. सुरेन्द्र पाठक, आइआइआइटी हैदराबाद के प्रो. राजीव संगल, कुंदकंुद ज्ञानपीठ के प्रो. अनुपम जैन, बल्गारिया सोफिया यूनिवसिटी से प्रो. आनंदवर्घन शर्मा, अमेरिका की फ्लोरिडा यूनिवसिर्टी के डा. पीयूश जैन, श्रीलंका यूनिवसिर्टी से डा. रानी कतंगे, आक्सपफोर्ड वि.वि. लंदन से डा. जयंत अस्थाना प्रमुख है।
प्रो. जैन ने अपने कैरियर की शुरूआत पं. ज्वालाप्रसाद ज्योतिषी के मार्गदर्शन में की थी तथा आपके प्रमुख शिष्यों में मुनि पुगंव सुधासागरजी महाराज, मुनि सुव्रतसागर, टीकमगढ सांसद वीरेन्द्र खटीक, मंत्री भूपेन्द्र सिंह, सागर विधायक शैलेन्द्र जैन, पूर्व मंत्री सुरेन्द्र चैधरी, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष स्वदेश जैन, स्व. श्रीमंत नरेश जैन, श्रीमंत सुरेश जैन, सुरेन्द्र मालथौन, सुरेन्द्र सुहाने, सुशील तिवारी, न्यायाधीश सुभाष जैन, योग पीठाधीश्वर स्व.राजीव लोचन देवलिया है।
विभिन्न धर्मगुरूओं ने शोकाकुल परिवार को धैर्य धारण करने हेतु आर्शीवाद दिया जिसमें सप्तम् पट्टाचार्य श्री ज्ञेय सागर महाराज , आचार्य विशद सागर जी महाराज, मुनि प्रमाण सागर जी महाराज, गणिनी प्रमुख ज्ञानमती माताजी, प्रज्ञाश्रमिणी चंदनामती माताजी,, पीठाधीश स्वामी रवीन्द्र कीर्ति जी महाराज, मूडब्रदी भटटारक चारूकीर्ति जी महाराज, युगतुलसी पं. रामकिंकर महाराज की शिष्या मंदाकिनी दीदी, आचार्य ज्ञानसागर महाराज की शिष्या ज्ञानतीर्थ की ब्र. अनीता दीदी, आचार्य योगीन्द्र सागर जी महाराज की शिष्या श्री शीतलतीर्थ की ब्र. डा. सविता दीदी, शामिल है। मीडिया जगत के जोश होश के दीपक तिवारी, मध्यप्रदेश माध्यम के पुष्पेन्द्र पाल सिंह आदि ने श्रधांजलि
अर्पित की।