5 माह में 8 महिलाओं की सहज प्रसूति केंद्र के माध्यम से हुई सामान्य प्रसूति
सागर । गर्भावस्था प्रत्येक महिला के जीवन का सबसे सुखद समय होता है। इस समय महिला के गर्भ में एक नया जीवन पल रहा होता है। ऐसे समय में महिला का ख़ुश रहना, सकारात्मक रहना साथ ही सही खानपान और आवश्यक शारीरिक व्यायाम करना भी बेहद ज़रूरी होता है। इन सभी आवश्यक गतिविधियों के बारे में जब विशेषज्ञ से मार्गदर्शन मिल जाए तो गर्भवती महिला किसी भी प्रकार से के भय से मुक्त एक स्वस्थ गर्भकाल का अनुभव कर सकती है।
सागर ज़िले में एक ऐसा ही अपनी तरह का अनोखा केंद्र विकसित किया गया है जिसे सहज प्रसूति सहायता फिजियोथेरेपी सेंटर नाम से जाना जाता है। यहाँ फिजियोथेरेपिस्ट डॉक्टर अंशुल गढ़पाले अपनी सेवाएँ दे रही हैं और अनेक गर्भवती महिलाओं को उनके सबसे महत्वपूर्ण समय में, साथी बनकर उनकी हर समस्या का निवारण भी कर रही हैं।
डॉक्टर अंशुल गढ़पाले ने बताया कि, विगत पाँच महीनों में उनसे परामर्श लेने आयी आठ महिलाओं की उन्होंने सहज प्रसूति कार्रवाई। उन्होंने बताया कि, गर्भावस्था के दौरान चतुर्थ माह से आवश्यक योग, शारीरिक व्यायाम, ज़रूरी खानपान एवं स्वस्थ महिला के साथ-साथ स्वस्थ मन के लिए भी गर्भवती महिलाओं की आवश्यक काउंसलिंग की गई।जिसके परिणाम स्वरूप महिलाएँ न केवल शारीरिक रूप से स्वस्थ हुई बल्कि उनके शरीर में प्रसव हेतु आवश्यक लचीलापन भी आया जिससे उन्हें प्रसव में सहायता मिली और उन्होंने आसानी से नॉर्मल डिलेवरी के द्वारा स्वस्थ शिशु को जन्म दिया।
डॉक्टर अंशुल ने बताया कि आम तौर पर यह देखा जाता है कि गर्भावस्था के दौरान किसी भी प्रकार की तक़लीफ होने पर महिलाएँ घबरा जातीं हैं और अनावश्यक रूप से दवाओं का सेवन भी करती है। उन्होंने कहा कि, हमारा प्रयास होना चाहिए कि जितना हो सके भोजन और अन्य प्राकृतिक माध्यमों से आवश्यक पोषण का की पूर्ति करें। साथ ही आवश्यक होने पर चिकित्सकीय परामर्श के बाद ही दवाओं का सेवन करें।
उन्होंने बताया कि, स्वस्थ शरीर के साथ स्वस्थ मन की भी अत्यधिक महत्वपूर्ण भूमिका होती है। जिसका सीधा संबंध शिशु के विकास से है। गर्भावस्था के दौरान यह आवश्यक है कि महिला किसी भी प्रकार के स्ट्रैस में न रहे। सहज प्रसूति केंद्र में इसके लिए महिलाओं की आवश्यक काउंसलिंग भी की जाती है।
★ फिजियोथेरेपिस्ट डॉ अंशुल ने बताए उपाय
सागर । गर्भावस्था प्रत्येक महिला के जीवन का सबसे सुखद समय होता है। इस समय महिला के गर्भ में एक नया जीवन पल रहा होता है। ऐसे समय में महिला का ख़ुश रहना, सकारात्मक रहना साथ ही सही खानपान और आवश्यक शारीरिक व्यायाम करना भी बेहद ज़रूरी होता है। इन सभी आवश्यक गतिविधियों के बारे में जब विशेषज्ञ से मार्गदर्शन मिल जाए तो गर्भवती महिला किसी भी प्रकार से के भय से मुक्त एक स्वस्थ गर्भकाल का अनुभव कर सकती है।
सागर ज़िले में एक ऐसा ही अपनी तरह का अनोखा केंद्र विकसित किया गया है जिसे सहज प्रसूति सहायता फिजियोथेरेपी सेंटर नाम से जाना जाता है। यहाँ फिजियोथेरेपिस्ट डॉक्टर अंशुल गढ़पाले अपनी सेवाएँ दे रही हैं और अनेक गर्भवती महिलाओं को उनके सबसे महत्वपूर्ण समय में, साथी बनकर उनकी हर समस्या का निवारण भी कर रही हैं।
डॉक्टर अंशुल गढ़पाले ने बताया कि, विगत पाँच महीनों में उनसे परामर्श लेने आयी आठ महिलाओं की उन्होंने सहज प्रसूति कार्रवाई। उन्होंने बताया कि, गर्भावस्था के दौरान चतुर्थ माह से आवश्यक योग, शारीरिक व्यायाम, ज़रूरी खानपान एवं स्वस्थ महिला के साथ-साथ स्वस्थ मन के लिए भी गर्भवती महिलाओं की आवश्यक काउंसलिंग की गई।जिसके परिणाम स्वरूप महिलाएँ न केवल शारीरिक रूप से स्वस्थ हुई बल्कि उनके शरीर में प्रसव हेतु आवश्यक लचीलापन भी आया जिससे उन्हें प्रसव में सहायता मिली और उन्होंने आसानी से नॉर्मल डिलेवरी के द्वारा स्वस्थ शिशु को जन्म दिया।
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डॉक्टर अंशुल ने बताया कि आम तौर पर यह देखा जाता है कि गर्भावस्था के दौरान किसी भी प्रकार की तक़लीफ होने पर महिलाएँ घबरा जातीं हैं और अनावश्यक रूप से दवाओं का सेवन भी करती है। उन्होंने कहा कि, हमारा प्रयास होना चाहिए कि जितना हो सके भोजन और अन्य प्राकृतिक माध्यमों से आवश्यक पोषण का की पूर्ति करें। साथ ही आवश्यक होने पर चिकित्सकीय परामर्श के बाद ही दवाओं का सेवन करें।
उन्होंने बताया कि, स्वस्थ शरीर के साथ स्वस्थ मन की भी अत्यधिक महत्वपूर्ण भूमिका होती है। जिसका सीधा संबंध शिशु के विकास से है। गर्भावस्था के दौरान यह आवश्यक है कि महिला किसी भी प्रकार के स्ट्रैस में न रहे। सहज प्रसूति केंद्र में इसके लिए महिलाओं की आवश्यक काउंसलिंग भी की जाती है।
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