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योगाचार्य डॉ विष्णु आर्य होंगे बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU) योग दिवस के मुख्य अतिथि होंगे

योगाचार्य डॉ विष्णु आर्य होंगे  बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU) योग दिवस के मुख्य अतिथि होंगे

सागर। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा जारी निर्देशों के तहत मानसिक स्वास्थ्य के लिए गठित कोविड़ टास्क फोर्स काशी हिंदू विश्वविद्यालय
21 जून 2021 समय 7 बजे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर शांति सद्भाव और खुशहाली की कुंजी विषय पर वेबिनार आयोजित कर रहा है। मुख्य अतिथि जानेमाने योगाचार्य और योग निकेतन - योग प्रशिक्षण संस्थान सागर  के संचालक  योगाचार्य डॉक्टर विष्णु कुमारआर्य होगे। यह जानकारी बी एच यू के प्रो संजय कुमार गुप्ता ने देते हुए बताया कि योग सिर्फ आसान और प्राणायाम तक सीमित नहीं हैं बल्कि यह जीवन जीने की कला है और सम्पूर्ण जीवन शैली है।

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पीएम के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट में शामिल लाखा बंजारा झील ★ जल शक्ति अभियान के तहत शामिल लाखा बंजारा झील का प्रोजेक्ट संभवत: एक मात्र


पीएम के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट में शामिल लाखा बंजारा झील
★ जल शक्ति अभियान के तहत शामिल लाखा बंजारा झील का प्रोजेक्ट संभवत: एक मात्र


साग़र।  लाखा बंजारा झील के जीर्णाेद्धार एवं पुर्नविकास तथा सौंद्रयीकरण कार्य को प्रधानमंत्री कार्यालय ने प्रधानमंत्री के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट (नेशनल इंपार्टेंट प्रोजेक्ट्स )की सूची में शामिल किया गया है जो कि जलशक्ति अभियान के तहत संभवत: प्रदेश के साथ-साथ देश का एकमात्र प्रोजेक्ट होगा.
स्मार्ट सिटी सागर के सीईओ राहुल सिंह ने बताया कि लगभग 92 करोड़ रूपए की लागत से स्मार्ट सिटी द्वारा लाखा बंजारा झील के जीर्णोद्धार एवं पुर्नविकास था सौंद्रयीकरण कार्य कराया जा रहा है जो कि जलशक्ति अभियान के तहत लिया गया है.  देशभर में स्मार्ट सिटी के माध्यम से कई तरह के कार्य चल रहे हैं। कुछ ऐसे प्रोजेक्ट्स भी है जो लीक से हटकर है। ऐसा ही साग़र झील का है। 
जलशक्ति अभियान के तहत सागर का यह प्रोजेक्ट संभवत: एक मात्र प्रोजेक्ट होगा. यह प्रोजेक्ट पूर्ण होने के बाद सागर की तस्वीर बदली हुई नजर आयेगी.
 92 करोड़ रूपए की लागत से सागर झील के जीर्णोद्धार के साथ पुर्नविकास एवं सौंद्रयीकरण कार्य कराया जा रहा है.  प्रोजेक्ट में डिसिल्टिंग सहित अन्य कार्यों पर केवल 23 करोड़ जबकि 70 करोड़ रूपए लेक फ्रंट डेवलपमेंट पर खर्च होगें. जिसमें 16 घाटों का सौंद्रयीकरण होगा. वहीं साढ़े पांच किमी के पॉथवे वॉक वे तीन मीटर चौड़े बनेगें. यहाँ तक कि मौंगा बंधान पर भी पॉथवे बनाया जायेगा.  
वर्तमान में स्मार्ट सिटी के माध्यम से 428 करोड़ के 22 प्रोजेक्ट शुरू हो चुके है. वहीं 170 करोड़ के कार्यों के टेंडर भी प्रक्रिया में हैं. तिली तिराहे से सिविल लाईन चौराहे तक बन रही 2 किमी की स्मार्ट रोड का काम भी नवंबर अंत तक पूर्ण हो जायेगा और दिसंबर में लोकार्पण होगा.


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एलिवेटेड कॉरिडोर का काम भी सितंबर में शुरू होगा

चकराघाट से दीनदयाल उपाध्याय मूर्ति बस स्टैंड तक बनने वाले एलिवेटेड कॉरिडोर कार्य का निर्माण भी प्रारंभ होगा. सितंबर माह से इसके निर्माण में तेजी आ जायेगी.  सागर झील पर बनने वाली लगभग 1 किमी का कॉरिडोर 14 मी. चौड़ा होगा. जिसमें लोग पैदल भी घूम सकेगें.

साढ़े 3 करोड़ में खाली हो गया था सागर तालाब

झील के जीर्णोद्धार कार्य के दौरान सर्व प्रथम तलाब को खाली कराया गया था जिसके लिए 10 करोड़ रूपए का प्रावधान रखा गया था मगर सागर तालाब का पानी केवल साढ़े तीन करोड़ रूपए में खाली करा दिया गया था. वहीं आज दिनांक तक झील का कार्य कर रही कंपनी को लगभग 16 करोड़ रूपए का भुगतान किया गया है. 



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दुष्कर्म के कैदियों को पेरोल पर छोड़ने की तैयारी ,महिला सुरक्षा के लिए खतरा: अरुण यादव

दुष्कर्म के कैदियों को पेरोल पर छोड़ने की तैयारी ,महिला सुरक्षा के लिए खतरा: अरुण यादव


सागर।   भारत सरकार के पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष  अरुण यादव ने अपने एक दिवसीय  सागर प्रवास पर पत्रकारों से अनौपचारिक चर्चा में प्रदेश सरकार पर हमला करते हुए कहा है प्रदेश की शिवराज सरकार जैलो मे बंद बलात्कार के गंभीर कैदियों को पेरोल पर छोड़ने की तैयारी कर रही है इसके लिए नया कानून बनाने जा रही है जो माहिला सुरक्षा के लिए खतरा है ।अभी मध्यप्रदेश महिला उत्पीड़न में बहुत आगे हैं।अपने को भांजियों का मामा कहलाने बाले मुख्यमंत्री प्रदेश की महिलाओ ओर बच्चियों को खतरा पैदा कर रहे है मै इसकी निदा करता हूँ।उन्होंने आगे कहा कि हो सकता कि जैलो मे बंद ये बलात्कारी भाजपा से जुड़े हो ओर उनपर भाजपा का दवाब हो । 
 इस अवसर पर जिला कांग्रेस अध्यक्ष रेखा चौधरी , प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष पं त्रिलोकी नाथ कटारे व वीरसिह् यादव प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता डाँ संदीप सबलोक एवं मो असदउद्दीन, प्रदेश महासचिव विकास शर्मा जिला प्रवक्ता आशीष ज्योतिषी सेवादल अध्यक्ष सिंटू कटारे रवि राय सहित अनेक कांग्रेसजन मौजूद थे।


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कुपोषण से मुक्त हुआ मासूम घनश्याम, माता-पिता के चेहरे पर आई ख़ुशियाँ

कुपोषण से मुक्त हुआ मासूम घनश्याम,
 माता-पिता के चेहरे पर आई ख़ुशियाँ

सागर ।  राज्य शासन के द्वारा कुपोषण मुक्त मध्य प्रदेश की दिशा में लगातार कार्य किए जा रहे हैं। हर बच्चे के लिए उचित पोषण, गंभीर और कमजोर बच्चों की देखभाल के लिए सामुदायिक और स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत करने के लिए काम किया जा रहा है।
महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत सागर के बाल विकास परियोजना अधिकारी के मार्गदर्शन में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सुश्री गीता ठाकुर द्वारा सागर के तिली वार्ड आंगनवाड़ी केन्द्र में घनश्याम पटेल नामक बच्चे का सैम ग्रेड अति कुपोषित में भर्ती हुआ। भर्ती के समय घनश्याम का वज़न 7.130 किलोग्राम पंजीयन किया गया।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता द्वारा बताया गया कि, घनश्याम को 18 जनवरी 2021 को जिला चिकित्सालय स्थित एनआरसी में भर्ती किया गया और वह चौदह दिन पोषण पुनर्वास केन्द्र में भर्ती रहा। इसके बाद 31 जनवरी 2021 को उसे डिस्चार्ज किया गया। डिस्चार्ज के समय बालक का वज़न 8 किलोग्राम था। 14 दिनों में ही उचित निगरानी के कारण बच्चे की सेहत में लगातार सुधार हुआ और वह धीरे-धीरे कुपोषण मुक्त होता गया।

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वर्तमान में बालक का बालक का वजन 9.10 किलोग्राम है और अब वह सामान्य श्रेणी में आ गया है। परियोजना अधिकारी ने बताया कि, बालक की स्थिति पहले से बहुत अच्छी है। बच्चे के पिता श्री राम पटेल ने बताया कि, जन्म के समय बच्चे का वज़न 2.5 किलोग्राम था। वे घनश्याम के स्वास्थ्य में इस प्रकार सुधार देखकर बेहद ख़ुश हैं। और पोषण पुनर्वास केंद्र, महिला एवं बाल विकास विभाग सहित समस्त प्रशासन को बहुत बहुत धन्यवाद देते हैं। बता दें कि, घनश्याम के पिता श्री राम पटेल मज़दूरी करते हैं और माँ श्रीमती पूजा पटेल गृहणी हैं।
उन्होंने कहा कि, वे अब आवश्यकता पढ़ने पर अन्य व्यक्तियों को भी आंगनवाड़ी और पोषण पुनर्वास केंद्र जाने की सलाह देंगे। राज्य शासन द्वारा चलाए जा रहे ये पोषण पुनर्वास केंद्र किसी वरदान से कम नहीं अपने बच्चे की सेहत में इस प्रकार सुधार देखकर माता पिता बेहद ख़ुश हैं। 


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साग़र संभाग में प्रथम कोविड अनुकंपा नियुक्ति, मात्र 21 दिन में

साग़र संभाग में प्रथम कोविड अनुकंपा नियुक्ति, मात्र 21 दिन में 

सागर । जनप्रतिनिधियों एवं प्रशासनिक अधिकारियों की संवेदनशीलता एवं तत्परता  से  संभाग में  प्रथम कोविड अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की गई ।
मामला रहली विधानसभा क्षेत्र के ग्राम दरारिया का है जहां लोक निर्माण श्री मंत्री गोपाल भार्गव के संज्ञान में यह मामला आते ही तत्काल संवेदनशीलता दिखाते हुए उन्होंने कलेक्टर श्री दीपक सिंह को निर्देशित किया कि कोविड-19 से संक्रमित आंगनबाड़ी कार्यकर्ता श्रीमती विजयलक्ष्मी तिवारी का निधन हो जाने के पश्चात उनकी पुत्रवधू श्रीमती स्वाति तिवारी को अनुकंपा नियुक्ति पत्र प्रदान करने का प्रकरण तैयार कर अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की जाए । 


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कलेक्टर श्री दीपक सिंह ने तत्काल कार्रवाई करते हुए  महिला बाल विकास विभाग के अधिकारी एवं अन्य संबंधित अधिकारियों द्वारा कार्रवाई करते हुए मातृ 21 दिवस में श्रीमती विजयलक्ष्मी तिवारी की पुत्रवधू श्रीमती स्वाति तिवारी को अनुकंपा नियुक्ति मध्य प्रदेश शासन के लोक निर्माण मंत्री श्री गोपाल भार्गव द्वारा अनुकंपा नियुक्ति का आदेश प्रदान किया गया ।मंत्री श्री भार्गव ने मुख्यमंत्री कोविड-19 अनुकंपा नियुक्ति योजना के तहत श्रीमती स्वाति तिवारी को अनुकंपा नियुक्ति पत्र प्रदान किया
लोक निर्माण मंत्री श्री गोपाल भार्गव ने मुख्यमंत्री कोविड-19 अनुकंपा नियुक्ति योजना के तहत श्रीमती स्वाति तिवारी को अनुकंपा नियुक्ति पत्र प्रदान किया  ।
रहली परियोजना अंतर्गत आंगनबाड़ी केंद्र दरारिया में  दिवंगत कार्यकर्ता श्रीमती विजयलक्ष्मी तिवारी के कोविड-19 पॉजिटिव उपरांत दिनांक 26 मई 2021 को मृत्यु होने पर उनके परिवार की पुत्रवधू श्रीमती स्वाति पति प्रदीप कुमार तिवारी को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पद पर नियुक्ति दी । इस अवसर पर मंत्री श्री भार्गव ने स्वाति को आशीर्वाद एवं शुभकामनाएं सहित उज्जवल भविष्य की कामना की । मौक़े पर  जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉक्टर  इच्छित गढ़पाले ,महिला बाल विकास विभाग से विजय कुमार जैन, श्रीमती शीतल पटेरिया एवं श्रीमती ममता खटीक उपस्थित रही ।

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सशक्त अधोसंरचना से आत्म-निर्भरता के लक्ष्य की पूर्ति होगी : मंत्री गोपाल भार्गव


सशक्त अधोसंरचना से आत्म-निर्भरता के लक्ष्य की पूर्ति होगी : मंत्री गोपाल भार्गव

सागर । आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश अंतर्गत गठित अधोसंरचना मंत्रि-परिषद समूह की बैठक लोक निर्माण मंत्री  गोपाल भार्गव की अध्यक्षता में वर्चुअली सम्पन्न हुई। मंत्री श्री भार्गव ने कहा कि प्रदेश में सशक्त अधोसंरचना के माध्यम से आत्म-निर्भरता के लक्ष्य की पूर्ति होगी। उन्होंने कहा कि समूह द्वारा लक्ष्यों का निर्धारण कर मिशन मोड में कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। इसके बेहतर परिणाम भी शीघ्र प्राप्त होंगे।
मंत्री श्री भार्गव ने कहा कि आत्म-निर्भर भारत के उद्देश्य की पूर्ति के लिये, मध्यप्रदेश पहला राज्य है। इसके द्वारा आत्म-निर्भर प्रदेश का लक्ष्य निर्धारित कर कार्य प्रारंभ किया गया है, जिसके अंतर्गत सड़क, पानी, बिजली और सिंचाई की योजनाओं को स्व-वित्त पोषित बनाया जायेगा। इसके लिये उपयुक्त सुझाव समूह द्वारा राज्य शासन को दिये जा रहे हैं।
प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग श्री नीरज मण्डलोई ने बताया कि आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण के लक्ष्य के तहत निम्न कार्य प्राथमिकता के साथ प्रारंभ किये जा रहे हैं। मिशन निर्माण के तहत भौतिक अधोसंरचनाओं का जाल बिछाना, मिशन बोधि के तहत नई शिक्षा नीति-2020 के अनुपालन में सबके लिये गुणवत्तायुक्त शिक्षा, मिशन निरामय के तहत सबके लिये स्वास्थ्य, मिशन अर्थ के तहत प्रदेश के सरल घरेलू उत्पाद में वृद्धि, मिशन दक्ष के तहत हर नागरिक को कौशल विकास एवं रोजगार के अवसर प्रदान करना, मिशन जन-गण के तहत लोक सेवाओं के प्रदाय तथा जन-समस्याओं और शिकायतों के प्रभावी निराकरण का तंत्र विकसित करना, मिशन ग्रामोदय के तहत प्रदेश के ग्रामों का चहुँमुखी विकास तथा मिशन नगरोदय के तहत प्रदेश के शहरों के चहुँमुखी विकास का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसका रोडमेप तैयार कर कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। 


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वीरांगना रानी लक्ष्मी बाई के बलिदान दिवस पर याद किया

वीरांगना रानी लक्ष्मी बाई के बलिदान दिवस पर याद किया

सागर। महान वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई, जिन्हें झांसी रानी के नाम से भी जानते है,आज उनके बलिदान दिवस पर मोतीनगर चौराहे पर उनकी पावन मूर्ति पर पहुंचकर उनकी वीरता और बलिदान को याद किया।
इस मौके पर पूर्व केन्द्रीय मंत्री भारत सरकार और पूर्व प्रदेशाध्यक्ष  अरूण यादव के सागर आगमन हुआ,शहर के प्रथम चौराहे पर ही रानी लक्ष्मी बाई की प्रतिमा पर उन्होने भी रानी लक्ष्मी बाई को पुष्पांजलि देकर नमन किया।
 कार्यक्रम में शहराध्यक्ष रेखा चौधरी, प्रदेश उपाध्यक्ष त्रिलोकी कटारे, शहर सेवादल अध्यक्ष सिंटू कटारे, कार्यकारी अध्यक्ष शौकत अली, संभागीय प्रवक्ता संदीप सबलोक, पप्पू गुप्ता,आनंद हैला,अतुल नेमा,वसीम खान,जयदीप यादव, रामगोपाल यादव, फिरदौश कुरैशी, शहबाज कुरेशी,सौरभ खटीक,शिवम उपाध्याय,दीनदयाल तिवारी, बिल्ली रजक,चिमन भाई अंसारी आदि उपस्थित रहे ।

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कोरोना काल के बाद मीडिया की बदलती भूमिका पर संगोष्ठी ★ मीडिया को दृष्टिकोण बदलना चाहिए : जगदीश उपासने

कोरोना काल के बाद मीडिया की बदलती भूमिका पर संगोष्ठी

★ मीडिया को दृष्टिकोण बदलना चाहिए : जगदीश उपासने


महू (इंदौर) । कोरोना के साथ हमें जीने की आदत डालनी होगी. कोरोना ने मीडिया को एकाएक बदल दिया है और मीडिया इस बदलाव के लिए तैयार नहीं था. कोरोना महामारी के लिए विज्ञान तैयार था और यही कारण है कि एक वर्ष के छोटे समय में टीका बन गया.ज् यह बात देश के सुप्रसिद्ध पत्रकार एवं प्रसार भारती भर्ती बोर्ड के अध्यक्ष श्री जगदीश उपासने ने मुख्य अतिथि की आसंदी से 'कोरोना काल के बाद मीडिया की बदलती भूमिका' विषय पर संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे. इस संगोष्ठी का आयोजन डा. बीआर अंबेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय, महू ने किया था. श्री उपासने ने पत्रकारिता में प्रशिक्षण के अभाव की चिंता जाहिर करते हुए कहा कि यह दौर अब विशेषज्ञता का है लेकिन इस महामारी के दौर में हमारे पास प्रशिक्षित पत्रकार नहीं हैं और हमने प्रशिक्षण के बारे में सोचा भी नहीं है. उन्होंने कहा कि मीडिया तदर्थवाद पर चल रहा है. आज जो मुद्दे हैं, उस पर बात कर आगे बढ़ जाओ. उन्होंने कहा कि मीडिया की जवाबदारी थी कि वह वेक्सीनेशन के बारे में समाज को जागरूक करता लेकिन ऐसा नहीं होने की वजह से वेक्सीन को लेकर भ्रम की स्थिति बनी रही. मीडिया को अपना दृष्टिकोण बदलना होगा और सकरात्मक खबरों को प्राथमिकता देना होगी.

संगोष्ठी के आरंभ में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने कहा कि कोरोना काल में मीडिया में व्यापक बदलाव आया है. उन्होंने प्रिंट मीडिया की विश्वसनीयता को रेखांकित करते हुए कहा कि एक बार छपे शब्दों को हटाया नहीं जा सकता है इसलिए अखबार जिम्मेदार हैं जबकि टेलीविजन में सुविधा है कि वह अगले बुलेटिन में पहली खबर को हटा दे. सोशल मीडिया में भी अपनी पोस्ट को हटाने की सुविधा है. उन्होंने फेकन्यूज की चिंता जताते हुए कहा कि मीडिया साक्षरता अभियान चलाना आवश्यक है. आज फेकन्यूज की वजह से ही टीकाकरण बाधित हो रहा है. उन्होंने इस बात पर संतोष जताया कि समाज के सारे प्रोफेशन में मीडिया एकमात्र प्रोफेशन है जो आत्मवलोकन कर स्वयं की गलती को सुधारने की कोशिश करता है. कोरोना काल में मीडिया की भूमिका सकरात्मक रही है. समाज को प्रेरित करना मीडिया का दायित्व है. 

यूनिसेफ भोपाल में पदस्थ कम्युनिकेशन फॉर डेवलपमेंट श्री संजय सिंह ने कहा कोरोना के बाद अवेयरनेस बढ़ा है लेकिन व्यवहार में बदलाव नहीं आया है. उन्होंने कहा कि फेक न्यूज सोसायटी के पास तेजी से पहुंच जाता है लेकिन सही खबरें नहीं मिल पाती है. एक उदाहरण देते हुए बताया कि मध्यप्रदेश के आदिवासी इलाके में टीकाकरण को लेकर झूठी खबर को आधार बनाकर लोगों ने टीका लगाने से मना कर दिया. इस व्यवहार को बदलने में मीडिया की भूमिका गंभीर है. सही सूचना समाज के दूरस्थ अंचलों में पहुंचे इसकी जवाबदारी मीडिया की है क्योंकि संवाद में वही एकमात्र प्रभावी स्रोत है. उन्होंने कहा कि इस महामारी में ऐसा कोई नहीं बचा है जिन्होंने अपना कोई ना खोया हो. उन्होंने कहा कि मीडिया के कई प्लेटफार्म हैं जहां लोगों को सूचना प्राप्त करने में सरलता हो रही है.
मध्यप्रदेश शासन की रोजगारपरक प्रकाशन रोजगार निर्माण के संपादक श्री पुष्पेन्द्र पाल सिंह ने कहा कि कोरोना काल में मीडिया ने कई कठिन शब्दों को ना केवल सहज बना दिया बल्कि उसे आम बोलचाल के रूप में ले आए. वह फिर सोशल डिस्टेंसिंग हो, क्वांरेंटीन हो, होम आइसोलेशन हो आदि आदि. उन्होंने कहा कि यह मीडिया का प्रभाव है कि लोगों को जागरूक करने और उनकी सहायता करने में मदद की. उन्होंने कहा कि एक अनुमान है कि अगले 20 वर्षों में जितने वेबपोर्टल बनना था, उतने कोरोनाकाल के 15 महीनों में बन गए. यह बदलाव एक अच्छा संकेत है. टेक्रॉलॉजी के साथ विविधता भी देखने को मिली लेकिन वैल्यू को लेकर एक सवाल समाज के सामने खड़ा हो गया. उन्होंने सोशो-इकॉनामिक संकट की ओर भी ध्यान दिलाया और कहा कि स्वयं पत्रकार भी गहरे आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं. वर्क फ्रॉम होम ने यह बात भी मीडिया में स्थापित कर दी कि अब जिसका सम्पर्क सूत्र मजबूत और विश्वसनीय होगा, उसके लिए अवसर उतने ही उजले होंगे.


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संगोष्ठी को संबोधित करते हुए देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, स्कूल ऑफ जर्नलिज्म की विभागाध्यक्ष डॉ. सोनाली नरगुंदे ने कहा कि कोरोना काल अभी खत्म नहीं हुआ है और यह कब तक चलेगा, इसका अनुमान लगाना भी मुश्किल है. उन्होंने कोरोना काल में वर्ग संघर्ष के संकट की ओर ध्यान खींचते हुए कहा कि पूंजी और निर्धन के बीच खाई गहरा गई है. यह भविष्य के लिए चेतावनी भरा है और यह समस्या वैश्विक ना बने इसकी ओर ध्यान रखना होगा. उन्होंने प्रिंट मीडिया की विश्वसनीयता का उदाहरण देते हुए कहा कि मीडिया के सारे प्लेटफार्म के बाद भी अखबार में सिंगल कॉलम की खबर छप जाए, इसकी कोशिश होती है. उन्होंने कहा कि मीडिया कभी निर्णायक की भूमिका में ना रहे. डॉ. नरगुंदे ने कोरोना काल में लैंगिग असमानता की ओर ध्यान दिलाते हुए कहा कि घरों में झगड़े बढ़े हैं. लोगों में मानसिक तनाव बढ़ा है लेकिन अखबार में खबरें गायब है. उन्होंने कहा कि अधिकांश मीडिया पूंजीपतियों के हाथों में है जिसके चलते कई संकट आते हैं. मीडिया की सकरात्मक भूमिका की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि अखबारों ने नए स्तंभ शुरू कर लोगों के अनुभव प्रकाशित किए जिससे दूसरों को भी प्रेरणा मिली.   
संगोष्ठी की अध्यक्ष एवं कुलपति प्रो. आशा शुक्ला ने अपने  उद्बोधन में विषय के बारे में जानकारी दी और विश्वविद्यालय की गतिविधियों के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में मीडिया की भूमिका पर चर्चा करना आवश्यक प्रतीत होता है. उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस संगोष्ठी के बाद विशेषज्ञ अपने सुझाव एवं सिफारिश लिखकर भेजेंगे जिसे पुस्तककार में प्रकाशित किया जा सके. उन्होंने अतिथियों का स्वागत करते हुए नेक एवं मीडिया सलाहकार डॉ. सुरेन्द्र पाठक  एवं मीडिया प्रभारी मनोज कुमार ब्राउस को इस सुंदर आयोजन के लिए बधाई दी.
संगोष्ठी की अवधारणा विश्वविद्यालय के नेक एवं मीडिया कंसलटेंट डॉ. सुरेन्द्र पाठक एवं मनोज कुमार ने साकार किया. अपने प्रभावी वक्तव्य के साथ गोष्ठी का सफल संचालन किया. डॉ. पाठक ने कहा कि समाज और मीडिया का अंतर्सबंध है. दोनों एक दूसरे के पूरक हैं अत: समाज विज्ञान विश्वविद्यालय के मंच पर यह विषय सामयिक हो जाता है. मीडिया प्रभारी मनोज कुमार ने संगोष्ठी में उपस्थित विद्वानों एवं संचार विशेषज्ञों का आभार व्यक्त किया. उन्होंने स्मरण दिलाया कि कोरोना के पहले दौर के थमने के बाद जब मजदूर घर वापस जा रहे थे तो मजदूर का एक परिवार इंदौर रूका और जमीन से मिट्टी माथे पर लगाई और मध्यप्रदेश का धन्यवाद कहा कि भूखे पेट को भोजन और नंगे पैर को पहनने के लिए जूते यहीं से मिला था. संगोष्ठी के संयोजन में डीन प्रो. डीके वर्मा, रजिस्ट्रार श्री अजय वर्मा एवं विश्वविद्यालय परिवार का सक्रिय सहयोग रहा.


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