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‘नई शिक्षा नीति-2020 में स्कील डेवलपमेंट में शिक्षकों की भूमिका’ पर संगोष्ठी " स्किल डेवलपमेंट में शिक्षकों की अहम भूमिका - खंबायत



'नई शिक्षा नीति-2020 में स्कील डेवलपमेंट में शिक्षकों की भूमिका' पर संगोष्ठी "

स्किल डेवलपमेंट में शिक्षकों की अहम भूमिका - खंबायत

महू (इंदौर)। 'एक विकसित समाज में शिक्षकों की भूमिका बहुआयामी होती है और जब चर्चा स्कील डेवलपमेंट की हो तो शिक्षक सबसे अधिक महत्वपूर्ण होते हैं'. यह बात पंडित सुंदरलाल शर्मा इंस्ट्य्यिूट ऑफ़ वोकेशनल एजुकेशन, एन.सी.ई.आर.टी के संयुक्त निदेशक श्री राजेश खंबायत ने बीआर अम्बेडकर समाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय महू के सामाजिक विज्ञान अध्ययन शाला एवं भारतीय शिक्षण मंडल के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित एक दिवसीय वेबीनार में विशिष्ट अतिथि की हैसियत से कही. 'नई शिक्षा नीति-2020 में स्कील डेवलपमेंट में शिक्षकों की भूमिका' विषय को आगे बढ़ाते हुए श्री खंबायत ने कहा कि वोकेशनल एजुकेशन इस समय की सबसे बड़ी जरूरत है. उनका कहना था कि हर जिले में स्कील लेबोरेटरी की स्थापना की जाना चाहिए ताकि आसपास के युवा यहां आकर ट्रेनिंग प्राप्त कर सकें. उन्होंने कहा कि अभी तक शिक्षा का जो प्रारूप बना था, उसे नई शिक्षा नीति में परिवर्तित कर स्कील बेस्ड बनाया गया है ताकि विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करने के बाद रोजगार प्राप्त कर सके. उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थायें स्कील डेवलपमेंट के साथ साथ स्थानीय संस्थाओं से करार कर विद्यार्थियों को व्यवहारिक ट्रेनिंग दिलाने में सहायक हो सकें. श्री खंबायत ने कहा कि स्कील डेवलपमेंट के बाद स्र्टाट अप के लिए एक्यूबेशन सेंटर अहम भूमिका का निर्वाह करेंगे. उन्होंंने शिक्षकों की भूमिका तीन टी से निर्धारित करते हुए बताया कि टीचर, ट्रेनिंग और टेक्रॉलाजी से ही हम नई शिक्षा नीति के उद्देश्यों को पूर्ण कर पाएंगे.
वेबीनार के मुख्य अतिथि एमिटी कलकत्ता के कुलपति प्रो. संजय कुमार ने कहा कि नई शिक्षा नीति में निहित उद्देश्यों स्कील डेवलपमेंट में शिक्षकों की भूमिका गहन-गंभीर है. उन्होंने कहा कि शिक्षा सबसे शक्तिशाली हथियार है और शिक्षक का दायित्व है कि वह विद्यार्थियों की योग्यता के अनुरूप उनको तैयार करे. उन्होंने कहा कि वर्तमान समय सैद्धांतिक शिक्षा का नहीं अपितु व्यवहारिक शिक्षा का है. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि शिक्षकों को भी समय-समय पर स्वयं प्रशिक्षण प्राप्त कर केपेबल बनें. उन्होंने सीखने और सिखाने की प्रक्रिया पर बल दिया. प्रो. कुमार ने भारतीय संस्कृति के विभिन्न पक्षों का उदाहरण देेते हुए बताया कि हमारी पुरातन शिक्षक पद्धति हमेशा से व्यवहारिक रहा है. 
संगोष्टी-वेबीनार के आरंभ में बीज वक्तव्य देते राष्ट्रीय कौशल विकास संस्थान नईदिल्ली के सलाहकार श्री चिरंजीवी गुहा ने कहा नई शिक्षा नीति 2020 में लक्ष्य को प्राप्त करना और नवाचार को प्रोत्साहित करना है. उपलब्ध संसाधनों का उपयोग कर ट्रेनिंग उपलब्ध कराने पर श्री गुहा का जोर था. लगातार और नियमित रूप से वर्कशॉप, सेमिनार आयोजित कर विद्यार्थियों के भीतर की प्रतिभा को पहचान कर उन्हें स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित करना होगा. उन्होंने कई उदाहरण दिए. कुलसचिव राष्ट्रीय प्रौद्योगिक संस्थान, अगरतला से पधारे डॉ. गोविंद भार्गव ने कहा कि हम पहले लीडर थे, अब फालोवर बन गए हैं. नई शिक्षा नीति के संदर्भ में उन्होंने कहा हम सबको एजुकेशन एनवायरमेंट की चर्चा करना है. हर विद्यार्थी के भीतर राम, परशुराम और विश्वकर्मा बनने की संभावना छिपी होती है और शिक्षक का दायित्व है कि जिसमें जो योग्यता है, उसे उस लायक बनाये. कोविड महामारी के बाद भी हम प्रोसेस ऑफ नॉलेज की ओर लगातार बढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि जरूरी है कि हमारी भागीदारी नहीं, जुड़ाव हो. उन्होंने इस बात की उम्मीद जाहिर की कि आने वाले समय में आटर््स का स्टूडेंट अर्बन प्रोग्र्राम के बारे में बात करता हुआ दिखेगा. नई शिक्षा नीति का यही उद्देश्य है. श्री विश्वकर्मा यूर्निविसिटी हरियाणा के डीन श्री आरएस राठौर ने कहा कि इस विश्वविद्यालय की स्थापना चार वर्ष पूर्व प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने किया था. इन चार वर्षों में हम डिप्लोमा से लेकर पीएचडी तक का कोर्स चला रहे हैं. उन्होंने कहा कि सभी विश्वविद्यालयों को शार्ट टर्म कोर्स शुरू करना चाहिए क्योंकि इसमें अतिरिक्त खर्च और मेहनत नहीं है. यह एनएसडी से एपू्रव्ह है और इसी तरह कौशल शिक्षा के लिए यूजीसी से मान्यता प्राप्त अनेक छोटे-छोटे कोर्स हैं जिन्हें आरंभ किया जाना चाहिए.

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संगोष्ठी की अध्यक्षता कर रहीं कुलपति प्रो. आशा शुक्ला ने कहा कि नई शिक्षा नीति-2020 में संभावनाओं के साथ चुनौतियां भी है और जिनका हम हल निकालेंगे. उन्होंने इस बात पर चिंता जाहिर की कि अभी तक हमारे शिक्षक परम्परागत ढंग से पढ़ा रहे हैं और नई तकनीक के साथ संतुलन बिठाना भी एक चुनौती है. उन्होंने बताया कि यूजीसी ने 40 प्रतिशत डिजीटल और 60 प्रतिशत फिजीकल एजुकेशन की बात कही है. उन्होंने अतिथियों से आग्रह किया कि वे एक-एक पेपर बाउज को भिजवायें ताकि आने वाले समय में उनका दस्तावेजीकरण किया जा सके.
कार्यक्रम में भारतीय शिक्षण मंडल की ओर श्री मदन खत्री, अखिल भारतीय शैली प्रकल्प सह-प्रमुख एवं पालक अधिकारी मध्य क्षेत्र ने संबोधित किया. कार्यक्रम का संचालन डॉ. कृष्णा सिंहा ने किया एवं अतिथियों का परिचय डॉ. मनीषा सक्सेना ने दिया. आभार प्रदर्शन डॉ. अजय दुबे ने किया. कार्यक्रम का समन्वय डॉ. डी के वर्मा, डीन सामाजिक विज्ञान अध्ययन शाला एवं रजिस्ट्रार श्री अजय कुमार एवं विश्वविद्यालय के सहयोग से किया गया.


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सुनार नदी में फंसे चारो बच्चे निकले सुरक्षित, बच्चों ने कहा नहाने - घूमने गए थे नदी में ★करीब चार घण्टे फंसे रहे, SDRF और पुलिस की मदद से निकाला गया


सुनार नदी में फंसे चारो बच्चे निकले सुरक्षित, बच्चों ने कहा नहाने -  घूमने गए थे नदी में
★करीब चार घण्टे फंसे रहे, SDRF और पुलिस की मदद से निकाला गया

सागर। मध्यप्रदेश में में प्री मानसून की बारिश की वजह से कई नदियों छोटे बड़े नालों  का अचानक जलस्तर बढ़ गया । इसी बारिश  के चलते साग़र जिले में  सुनार नदी का भी जल स्तर बढ़ गया और बाढ़ के हालात बन गए। सुनार नदी में रअंगुवा गांव के चार बच्चे नहाने और मछली पकड़ने के लिए सुबह नदी में चले गए। इस दौरान जलस्तर बढ़ने से चारो बच्चे सभी तरफ से पानी मे घिर गए। इसकी खबर लगते ही पुलिस बल और गोताखोर पहुचे। 

इसकी खबर PWD मन्त्री गोपाल भार्गब को भोपाल में लगी। उन्होंने कलेक्टर को जरूरी निर्देश दिए। वही घटनास्थल पर उनके बेटे अभिषेक भार्गब पहुचे। स्थानीय गोताखोरों की मदद ली । लेकिन सफलता नही मिली। कलेक्टर  दीपक सिंह के द्वारा एस.डी.आर.एफ. एव होमगार्ड सागर की टीम को मौके पर भेजा गया । 

देखे :  किस तरह बचाया नदी में फंसे बच्चों को

अनुविभागीय अधिकारी ( राजस्व ) श्री जितेन्द्र पटेल  , रहली एवं अनुविभागीय अधिकारी ( पुलिस ) , रहली जिला सागर , तहसीलदार  श्री कुलदीप पाराशर व थाना प्रभारी गढाकोटा तत्काल मौके पर पहुचे । स्थानीय गोताखोरो को भी मौके पर बुलाया गया । नगरपालिका गढ़ाकोटा के अधिकारी कर्मचारी मौके पर पहुचे । एस.डी.आर.एफ. की टीम द्वारा विशेष प्रयास कर चारो बच्चो राजेन्द्र पिता रतन पटैल , दुर्गेश पिता मोहन रजक , कृष्णकुमार पिता भगवानसिंह लोधी एवं आनंद पिता रतन पटैल सभी निवासी ग्राम रनगुवा को सुरक्षित बचाया गया । बच्चो को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र गढ़ाकोटा में मेडीकल जांच उपरांत घर भेजा गया ।

एबीपी न्यूज़: सुनार नदी में अचानक आया उफान तो निर्माणाधीन पुल पर फंसे मजदूर, ऐसे बची जान


उधर बच्चों ने बताया कि नहाने और घूमने के बहाने नदी पर चले गए थे।  अचानक पानी बढ़ गया और फंस गए। चट्टान पर बैठ गए। 
कलेक्टर  दीपक सिंह ने बताया कि सूचना प्राप्त होते ही प्रशासनिक एवं पुलिस विभाग के अधिकारियों एवं रेस्क्यू टीम को मौके पर भेजा गया उन्होंने बताया कि भोपाल के वरिष्ठ अधिकारियों से भी चर्चा कर सेना की मदद की भी तैयारी की गई किंतु जिला की रेस्क्यू टीम द्वारा चारों बच्चों को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया कलेक्टर श्री सिंह एवं पुलिस अधीक्षक श्री अतुल सिंह ने  मौके पर पहुंचकर बच्चों के माता-पिता से भी मुलाकात  की एवं बच्चों के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी प्राप्त की।
कलेक्टर श्री दीपक सिंह एवं पुलिस अधीक्षक श्री अतुलसिंह द्वारा गढाकोटा पहुचकर एस.डी.आर.एफ. के प्रभारी संतोष शर्मा कमांटेड होमगार्ड सागर एवं उनकी टीम के साथ समस्त  प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों कर्मचारियों के कार्य की सराहना की गई ।


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बिरसा मुंडा की जयंती मनायी कांग्रेस सेवादल ने

बिरसा मुंडा की जयंती  मनायी कांग्रेस सेवादल ने

साग़र।  कोरोना महासंकट और आर्थिक मंदी के इस दौर में कांग्रेस सेवादल के अभियान के आज 38 वें दिन भी कांग्रेस सेवादल ने जरूरतमंद लाचार परिवारों को राशन वितरण कर अपने अभियान को आगे बढाया।
आज बिरसा मुंडा की पुण्य तिथि पर  16 जरूरतमंद परिवारों की महिलाओं को राशन वितरण किया गया।  आज राशन के अलावा मास्क और साबुन भी वितरित किया गया। सोशल डिस्टेसिंग का विशेष ध्यान रखते हुये, सेवादल अध्यक्ष ने स्वच्छता के विषय में भी इन परिवारों को जागृत किया गया और सिंटू कटारे ने कहा कि महायोद्धा बिरसा मुंडा जी 19 वीं सदी के एक प्रमुख आदिवासी जननायक थे। उनके नेतृत्व में आदिवासियों ने 19 वीं सदी के आखिरी वर्षों में आदिवासी के महान आन्दोलन को अंजाम दिया जिसने हिला दी थी ब्रिटिश सत्ता की जड़ें। बिरसा मुंडा जी को न सिर्फ आदिवासी समाज   एक भगवान के रूप में पूजते हैं क्योकि तोपों को तीरों से खामोश करने का युद्ध कौशल सिर्फ़ बिरसा मुंडा में ही था,भारतीय संस्कृति और संस्कार ही जरूरतमंदों की मदद करना सिखाते है, सहयोग करने वाले का ईश्वर साथ देते है।
आज सेवादल अध्यक्ष सिंटू कटारे के साथ वरिष्ठ कांग्रेसी डा. संजय व्यास,नितिन पचौरी,जयदीप यादव,मोंटी साहू ,अजय ठाकुर,अरविंद राजपूत,आकाश ठाकुर,आदर्श,आदि सेवादल  सदस्य उपस्थित थे।

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सागर संभाग की सबसे ऊंची बिल्डिंग ‘‘सागर कन्वेंशन सेंटर‘‘ के निर्माण सहित अन्य प्रस्तावित परियोजनाओं को मिली सैद्धांतिक स्वीकृति, ★ स्मार्ट सिटी लिमिटेड की एडवाइजरी समिति की बेठक में


सागर संभाग की सबसे ऊंची बिल्डिंग ''सागर कन्वेंशन सेंटर'' के निर्माण सहित अन्य प्रस्तावित परियोजनाओं को मिली सैद्धांतिक स्वीकृति,

★ स्मार्ट सिटी लिमिटेड की एडवाइजरी  समिति की बेठक में 

सागर । सागर स्मार्ट सिटी द्वारा शहर विकास के अनेक मुद्दों को लेकर स्मार्ट सिटी कार्यालय में एडवाइजरी (परामर्शी) समिति की 9वी बैठक संपन्न हुई। बैठक में सांसद  राजबहादुर सिंह, विधायक शैलेन्द्र जैन, जिला कलेक्टर सह अध्यक्ष  दीपक सिंह, नगर निगमायुक्त सह कार्यकारी निदेशक  आर पी अहिरवार, स्मार्ट सिटी सीईओ  राहुल सिंह राजपूत, वरिष्ठ समाजसेविका श्रीमति मीना पिंपलापुरे (वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से),  देवेश गर्ग, इंजी.  प्रकाश चौबे,  राजू तिवारी, श्रीमति नेहा जैन, स्मार्ट सिटी सीएस  रजत गुप्ता, असिस्टेंट प्लानर श्री प्रवीण चौरसिया, पीएमसी से  योगेश (वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से) एवं टीम लीडर  संजय केड़िया सहित अन्य अधिकरी शामिल हुए।

 उक्त सभी की उपस्थिति में वर्तमान एवं आगामी विकास कार्यों पर सर्वसम्मिति से सुझाव दिये गए।
स्मार्ट सिटी अंर्तगत प्रस्तावित प्रोजेक्ट्स में दो बेसमेंट फ्लोर एवं ग्राउंड फ्लोर सहित कुल 12 मंजिला इमारत सागर कन्वेंशन सेंटर का निर्माण करने की सैद्धांतिक स्वीकृति देते हुए इसके निर्माण पर विस्तार से चर्चा की गई। चूंकि यह सागर संभाग ही नहीं बल्कि बुन्देलखंड की भी सबसे ऊंची बिल्डिंग होगी अतः यह एक आइकॉनिक बिल्डिंग की तरह व एनर्जी इफीसियेंट ग्रीन बिल्डिंग बनाई जायेगी। इसमें दो बेसमेंट फ्लोर में कार पार्किंग एवं ग्राउंड फ्लोर पर दो-पहिया वाहन पार्किंग की सुविधा दी जायेगी। आर्ट एंड कल्चर सेंटर, सेन्ट्रल एंड डिजिटल लाइब्रेरी, बुक कैफे, ऑफिस एरिया, फूडकार्ट एवं रेस्टोरेंट, लोगों को रूकने हेतु डोरमेटरी, होटल, रिटेल काउंटरर्स हेतु दो फ्लोर पर शॉप्स का निर्माण, लगभग 700 सीट की बैठक व्यवस्था सहित ऑडीटोरियम, 100-200 सीटर अन्य छोटे सेमीनार हॉल तैयार किये जायेंगे। एक पूरे फ्लोर पर गेम्स जैसे स्क्वास, पूल, चैस, बिलियडर्स सहित अन्य इंडोर गेम्स का प्रावधान किया गया है। थियेटर, शोरूम्स सहित अन्य कमर्शियल एक्टिविटी का भी प्रावधान किया गया है। रूफटाप रेस्टोरेंट एवं प्ले एरिया का भी निर्माण किया जायेगा। बिल्डिंग में सोलर सिस्टम का प्रावधान किया गया है।  
इसके साथ ही बेसमेंट एवं ग्राउंड फ्लोर सहित कुल 7 मंजिला एक अन्य बिल्डिंग का निर्माण नागरिक हेल्प सेंटर के रूप में किया जायेगा जिसमें विभिन्न विभागों के जोन कार्यालय, जनरल कान्फ्रेंस हॉल, डिपार्टमेंटल, कमर्शियल स्पेस आदि तैयार किये जायेंगे साथ ही परिषद हाल आदि का निर्माण किया जायेगा।  
   
सांसद श्री सिंह ने नागरिक हेल्प सेंटर बिल्डिंग निर्माण पर सुझाव देते हुए कहा की सभी आवश्यक कार्य जैसें आयुष्मान कार्ड निर्माण, आधार कार्ड निर्माण, बैंक कियोस्क एवं अन्य सरकारी विभागों के जोन कार्यालय यहां व्यवस्थित स्थापित किये जाने हेतु निर्माण किया जाये। साथ ही आमजन की बैठक व्यवस्था हेतु वेटिंग हॉल आदि की व्यवस्था की जाये। इसके साथ ही शहर के मुख्य क्षेत्र कटरा में साबूलाल मार्केट, निगम मार्केट, बक्सीखाना जैसे अन्य को भी डेवलप करने की योजना तैयार करें।  

विधायक श्री जैन ने चल रहे प्रोजेक्टस एवं प्रस्तावित प्रोजेक्ट्स पर चर्चा कर सुझाव देते हुए कहा कि अटल पार्क में बुंदेलखड के इतिहास पर आधारित लाइटिंग व म्यूजिकल शो का जो कार्य कराया जा रहा है उसमें सागर के पुराने इतिहास सहित सागर के निर्माण से लेकर वर्तमान सागर तक की स्टोरी भी प्रस्तुत की जाये साथ ही त्योहारों आदि पर अलग-अलग प्रस्तुतियां दी जा सकें इस हेतु विभिन्न थीम्स पर कार्य करें। हेरीटेज कंजर्वेसन प्रोजेक्ट अंतर्गत चमेली चैक अस्पताल को भी लिया जाये। विभिन्न मुक्तिधामों में किये जाने वाले कार्यों के साथ ही यहां शांतिपाठ एवं अन्य मंत्रोच्चार हेतु साउंड सिस्टम भी लगाये जाना चाहिए इसके साथ ही कब्रिस्तान व क्रिश्चियनों हेतु बने ऐसे स्थानों के पुनर्विकास की योजना भी तैयार करें। सिटी फॉरेस्ट में रेस्टोरेंट, टायलेट्स, ओपन जिम जैसी अन्य सुविधाएं भी विकसित की जाना चाहिए। जिससे शहर के नागरिकों को सुविधा मिले।

जिला कलेक्टर श्री सिंह ने कहा की संभाग में सबसे ऊंची ऐसी ग्रीन बिल्डिंग सागर कन्वेंशन सेंटर का निर्माण आदि अन्य महत्वपूर्ण परियोजनाओं के पूर्ण होने के बाद सागर की जो स्मार्ट शहर की परिकल्पना है वह पूर्ण हो सकेगी। यहां के नागरिकों को विशेष  सुविधाओं सहित बेहतर व व्यवस्थित इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रदान करना ही सागर स्मार्ट सिटी लिमिटेड की प्राथमिकता है। स्मार्ट सिटी द्वारा लिये गये प्रत्येक प्रोजेक्ट में भूमि विकास निगम अनुसार पार्किंग की सुविधा का विशेष ध्यान रख आगामी समय में इसकी मांग को देखते हुए ही निर्माण के साथ पार्किंग एरिया का प्रावधान करें। स्मार्ट आंगनवाड़ी प्रोजेक्ट बहुत ही महत्वपूर्ण है इसके लिए जिस मोहल्ले, वस्ती या गांव आदि हेतु आंगनवाड़ी है वही स्थल चिन्हित कर स्मार्ट आंगनवाड़ी का निर्माण करें। इसके लिए प्राइमरी स्कूलों के पास भी व्यवस्था की जा सकती है। ताकी उनमें आने वाले गरीब एवं दिव्यांग आदि बच्चों को नजदीक में ही सुविधाएं दी जा सकें। शहर में इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के साथ ही सोशल डेवलपमेंट का कार्य भी किया जाये जो कि स्मार्ट सिटी मिशन अंतर्गत नागरिकों के जीवन स्तर सुधार में मुख्यतः शामिल है। जिससे शहर के कमजोर व उपेक्षित नागरिकों को भी सुविधाएं प्रदान कर उनका जीवन स्तर बेहतर बनाया जा सके।  


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इन बिन्दूओं पर सर्वसम्मिति से हुए निर्णय
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- सागर कन्वेंशन सेंटर के प्रस्तुत डीपीआर प्रजेंटेशन अंतर्गत बिल्डिंग का निर्माण किया जाये।
- आई टी आधारित स्मार्ट आंगनवाड़ियों का निर्माण संबंधित मोहल्लों या गांव में ही किया जाये।
- हेरीटेज कंजर्वेशन प्रोजेक्ट अंतर्गत एआईएस स्टेट म्यूजियम, पदमाकर स्कूल के पास छतरीयों, चमेली चैक       अस्पताल सहित अन्य एतिहासिक इमारतों का डेवलपमेंट किया जाये।
- अटल पार्क से संजय ड्राइव रोड को जोड़ने वाला ग्लास ब्रिज तैयार किया जाये साथ ही इस पर सुंदर लाइटिंग व साउंड सिस्टम भी लगाये जायें व पर्यटन की दृष्टि से तैयार किया जाये।
- अटल पार्क में डायनामिक लाइटिंग व साउंड शो करानें के साथ ही नागरिकों को बैठने की व्यवस्था भी की जाये।
- नरयावली नाका मुक्तिधाम की तर्ज पर शहर के अन्य मुक्तिधामों का भी डेवलपमेंट किया जाये जिसमें यहां सुन्दर पार्क, नागरिकों के बैठने की व्यवस्था पेयजल, नहाने आदि की व्यवस्था, प्रार्थना सभा कक्ष आदि का निर्माण हो।

इसके साथ ही शहर में आवश्यक स्थलों पर एलीवेटेड कॉरीडोर, स्मार्ट रोड के निर्माण, इंटीग्रेटेड बस टर्मिनल निर्माण, ग्राउंड मोल्ड सोलर सिस्टम निर्माण, तहसील क्षेत्र में एकीकृत कार्यालय हेतु डेवलपमेंट एवं स्मार्ट सिटी पेन एरिया अंतर्गत केंट एरिया व मकरोनिया में विकास कार्यों आदि पर विस्तार से चर्चा की गई।

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छत्रसाल विवि की स्नातक अंतिम वर्ष व चतुर्थ सेमेस्टर की ओपन बुक मुख्य परीक्षा 10 जून से

छत्रसाल विवि की स्नातक अंतिम वर्ष व चतुर्थ सेमेस्टर की ओपन बुक मुख्य परीक्षा 10 जून से

★ टाईम टेबल के अनुसार 17 से जमा होंगी उत्तरपुस्तिकाएं : मास्क और सोशल डिस्टेंस का पालन रहेगा अनिवार्य

सागर ।  महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, छतरपुर की सत्र 20- 21 की वार्षिक व सेमेस्टर परीक्षाएं 10 जून से शुरू हो रही हैं। ओपन बुक प्रणाली से आयोजित इन परीक्षाओं की उत्तरपुस्तिकाएं विवि द्वारा जारी टाईम टेबल के अनुसार 17 जून से संबंधित महाविद्यालयों में जमा की जायेंगी। इस संबंध में सभी संकायों की कक्षाओं के अलग अलग टाइम टेबल व प्रश्नपत्र विवि की वेबसाईट पर अपलोड किए गए हैं। गवर्नमेंट आर्ट्स एंड कॉमर्स (नोडल) कॉलेज प्राचार्य डॉ जीएस रोहित ने महाविद्यालय के समस्त शैक्षणिक स्टॉफ की बैठक लेकर उक्त परीक्षाओं के सुचारू संचालन के संबंध में विचार विमर्श किया। इस संबंध में शिक्षकों की अलग अलग टीम बनाई गई हैं। कोविड नियमो के पालन व विद्यार्थियों की भीड़ को कम करने के लिए परीक्षा कॉपी जमा करने के अलग अलग काउंटर रहेंगे। विद्यार्थियों के मार्गदर्शन और उनकी कठिनाइयों के निराकरण के लिए भी अलग से टीम बनाई गई है। जो परिसर में घूमकर विद्यार्थियों का सहयोग करेगी। प्रथम चरण में केवल कला संकाय के स्नातक अंतिम वर्ष तथा पीजी चतुर्थ सेमेस्टर की उत्तरपुस्तिकाएं केवल निर्धारित टाईम टेबल अनुसार ही जमा की जायेंगी।

विद्यार्थियों को वेक्सिनेशन और वृक्षारोपण के लिए प्रेरित करें

 मीटिंग के दौरान प्राचार्य ने सभी सहयोगी स्टॉफ को निर्देशित किया कि मौजूदा महामारी से बचाव के लिए सभी विद्यार्थियों को खुद के और परिवार के लोगों के वेक्सिनेशन कराने को प्रेरित करें। उन्होंने पर्यावरण में ऑक्सीजन की वृद्धि के लिए प्रत्येक विद्यार्थी को राष्ट्रहित में 1-1 वृक्ष लगाने के लिए भी प्रेरित करने को कहा। बैठक में डॉ विनय शर्मा डॉ इमराना सिद्धिकी डॉ नीरज दुबे व डॉ अमर कुमार जैन ने भी परीक्षा आयोजन संबंधी जानकारी दी। स्टॉफ काउंसिल की इस बैठक में डॉ संजीव दुबे डॉ श्रीमती प्रवीण शर्मा डॉ मधु स्थापक डॉ संगीता मुखर्जी डॉ सरोज गुप्ता डॉ रंजना मिश्रा डॉ संदीप सबलोक डॉ उमाकांत स्वर्णकार डॉ स्वदीप श्रीवास्तव समेत सभी प्राध्यापक सहा. प्राध्यापक एवं अतिथि विद्वान उपस्थित रहे।

 इस तरह से होगी परीक्षा : मास्क और सोशल डिस्टेंस का पालन रहेगा अनिवार्य -

 प्राचार्य डॉ जीएस रोहित ने आगे बताया कि कोरोना महामारी के चलते मप्र शासन के उच्च शिक्षा विभाग ने इस वर्ष भी ओपन बुक प्रणाली से परीक्षाएं लेने का निर्णय लिया है। शासन की इस नीति के पालन में छत्रसाल विवि छतरपुर के अंतर्गत आने वाले सभी महाविद्यालयों के विद्यार्थियों के लिए परीक्षा का टाईम टेबल जारी किया है। जिसके अनुसार गुरुवार 10 जून से विभिन्न कक्षाओं और विषयों के प्रश्नपत्र विवि की वेबसाईट पर अपलोड होना शुरू हो जाएंगे। इन प्रश्नपत्रों को ।-4 साईज की उत्तरपुस्तिका में विद्यार्थी को स्वयं की हस्तलिपि में अपने घर से लिखकर निर्धारित टाईम टेबल अनुसार केवल अपने महाविद्यालय में ही जमा करना होगा। महाविद्यालय परिसर में बैठकर उत्तर लिखने की अनुमति किसी भी स्थिति में नहीं दी जाएगी। उत्तरपुस्तिकाएं जमा करते समय कोविड नियमों के अनुसार  विद्यार्थी को मास्क लगाकर ही महाविद्यालय में प्रवेश करने दिया जाएगा। महाविद्यालय परिसर में विद्यार्थियों को सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए एकदूसरे से 6 गज की दूरी बनाए रखना होगी। नियम का उल्लंघन करने पर परीक्षा से वंचित करने तथा आपदा एक्ट के तहत केस दर्ज कराने जैसी कार्यवाही की जा सकेगी।
  विद्यार्थी को निर्धारित ए-4 साईज की प्रत्येक उत्तर पुस्तिका पर अपना एडमिट कार्ड लगाना अनिवार्य होगा। तथा सत्र की संपूर्ण एडमिशन फीस व परीक्षा फीस जमा करने की रसीद भी प्रस्तुत करना आवश्यक रहेगा। जिसके अभाव में परीक्षा से वंचित किया जा सकेगा।  
             


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SAGAR : कोविड केयर सेंटर धीरे-धीरे बंद होंगे , बीड़ी अस्पताल और मिलिट्री कैंप का कोविड केयर सेंटर चालू रहेगा : कलेक्टर

SAGAR :  कोविड केयर सेंटर धीरे-धीरे बंद होंगे , बीड़ी अस्पताल और मिलिट्री कैंप का कोविड केयर सेंटर चालू रहेगा : कलेक्टर

सागर ।  कलेक्टर श्री दीपक सिंह ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से जिले मैं कोरोना  नियंत्रण हेतु किए जा रहे कार्यों की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि जिले भर मैं संचालित कोविड केयर सेंटर को धीरे धीरे बंद कर जिला स्तर पर दो  कोविड केयर सेंटर क्रमशः बीड़ी अस्पताल बाघराज वार्ड एवं मिलिट्री कैंप में स्थित ट्रिपल सी  चालू रहेंगे ।
इस संबंध में कलेक्टर श्री दीपक सिंह ने कहा कि जिन को्विड केयर सेंटरो में वर्तमान में जो मरीज भर्ती हैं उनका इलाज चलता रहे लेकिन नए मरीज भर्ती ना कर उन्हें बीड़ी अस्पताल या मिलिट्री अस्पताल में भर्ती किया जाए और इन दो सेंटरों के अलावा जिन कोविड केयर सेंटरों में जो मरीज भर्ती हैं उनके डिस्चार्ज हो जाने पर सेंटर बंद कर दिए जाएं इसी प्रकार आरआरटी और एमएमयू टीमों, और जिन स्थानों पर फीवर क्लीनिक की आवश्यकता महसूस ना हो तो ऐसे क्लीनो की  जानकारी  सीएमएचओ दें ताकि उन्हें बंद किया जा सके और इसमें सलगन स्टाफ की सेवाएं अन्य जगह ली जा सके।
 समीक्षा के दौरान उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि जहां से पॉजिटिव केस आते हैं उस क्षेत्र में बड़ा कंटेनमेंट क्षेत्र बनाए जाएं और पॉजिटिव व्यक्ति को ट्रिपल सी या अस्पताल में भर्ती किया जाए और फर्स्ट कांटेक्ट को ट्रेस कर उनकी जांच कर दवा वितरण की जा य  कंटेनमेंट क्षेत्र में सैनिटाइज का कार्य और उसमें रहने वाले नागरिकों की जांच उपरांत दवा वितरण का कार्य जारी रहे। 


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9 ब्रम्हचारी बने छुल्लक महाराज,इनमें 2 सागर जिले से

9 ब्रम्हचारी बने छुल्लक महाराज,इनमें 2 सागर जिले से

सागर । जैन तीर्थंकर श्री शांतिनाथ भगवान के 9 जून को जन्म, तप और मोक्ष कल्याणक के दिन प्रसिद्ध जैन तीर्थ क्षेत्र नेमावर मैं आचार्य विद्यासागर महाराज ने 9 ब्रह्मचारी भैया को छुल्लक महाराज की दीक्षा दी। 
मुनि सेवा समिति के सदस्य मुकेश जैन ढाना ने बताया की आचार्य श्री जी ने 10 प्रतिमाधारी 9 भैया जी को  महाराज की दीक्षा दी अब यह सभी महाराज सिर्फ लंगोट और दुपट्टा डालकर ही छुल्लक दीक्षा का पालन करेंगे।  9 मुनि महाराजो में  सागर जिले के मंडी बामोरा और जैसीनगर के एक ब्रह्मचारी भैया छुल्लक महाराज बने हैं  । 9 छुल्लक में मध्य प्रदेश के पांच, राजस्थान के तीन और हरियाणा के एक ब्रह्मचारी भैया को आचार्य श्री ने जैनेश्वरी छुल्लक दीक्षा दी है।

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"आजादी का अमृत महोत्सव" ★ इतिहास लेखन के लिए हमें गांव की ओर जाना होगा जहां असंख्य अनाम शहीद है:डॉ सुधांशु झा ★ बुद्धिज्म पर जल्द ही ऑनलाईन कोर्स भी-कुलपति प्रो. आशा शुक्ला

"आजादी का अमृत महोत्सव"

★ इतिहास लेखन के लिए हमें गांव की ओर जाना होगा जहां असंख्य अनाम शहीद है:डॉ सुधांशु झा

★ बुद्धिज्म पर जल्द ही ऑनलाईन कोर्स भी-कुलपति प्रो. आशा शुक्ला

महू (इंदौर)। 'भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अमृत महोत्सव के अवसर पर आजादी के नायकों का और सम्पूर्ण आजादी का स्मरण करना हम सबके लिए गौवर की बात है. हमारी आजादी क इतिहास उस आमजन, ग्रामीण और किसान के उत्सर्ग का स्मरण किए बिना पूरा नहीं हो सकता जिन्होंने देश की आजादी के लिये अपने प्राणों का न्योछावर कर दिया।' यह बात केन्द्रीय विश्वद्यिालय साउथ बिहार में सेंटर फॉर हिस्टोरिकल एवं आर्कालॉजिकल विभाग के अध्यक्ष डॉ. सुधांशु कुमार झा ने भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन का नवीन परिप्रेक्ष्य : ग्रामीण बिहार प्रतिबिंब' को संबोधित करते हुए कहा. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इतिहास लेखन के लिए हमें गांव की ओर जाना होगा जहां असंख्य अनाम शहीद हैं जिनके बारे में हम जानते भी नहीं हैं. दुनिया भर में भारत का स्वाधीनता आंदोलन अतुलनीय है. उन्होंने कहा कि इतिहास गवाह है कि भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन अहिंसक था लेकिन अंग्रेजी शासक ने अहिंसा का जवाब हिंसा से दिया.  
लार्ड बुद्धा चेयर बीआर अम्बेडकर यूर्निवसिटी ऑफ सोशल साइंस एवं हेरीटेज सोसायटी पटना के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित वेबीनार संगोष्ठी में डॉ. झा ने कहा कि भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में ऐसी कई घटनाएं हैं जब अंग्रेजों ने निहत्थे अहिंसक आंदोलनकारियों पर गोलियां चलाकर उन्हें शहीद कर दिया. ग्रामीण भारत की चर्चा करते हुए डॉ. झा ने कहा कि महात्मा गांधी का आंदोलन चम्पारण से शुरू होता है. गांधीजी का सविनय अवज्ञा आंदोलन बिहार से ही आरंभ होता है. उन्होंने इतिहास लेखन की चर्चा करते हुए इस बात की चिंता जाहिर की कि इतिहास लेखन में कई धाराओं ने कार्य किया लेकिन दुर्भाग्य से कुछ लोगों ने कुछेक नेताओं तक ही स्वाधीनता संग्राम को केन्द्रित कर दिया. उन्होंने कहा कि स्वाधीनता संग्राम के लिए लडऩे वाले नेताओं के योगदान को ना तो कम किया जा सकता है और ना ही विस्मृत लेकिन नए भारत में इतिहास लेखन में ग्रामीण समाज के योगदान को रेखांकित किया जाना चाहिए.।

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डॉ झा ने अपनी चर्चा में स्वाधीनता संग्राम में मध्यप्रदेश के योगदान का उल्लेख करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश शहीद चंद्रशेखर की जन्मस्थली और कार्यस्थली रही है. उन्होंने गुंडादाई, बेया बाई, बिरजू गोंड जैसे शहीदों का उल्लेख करते हुए कहा कि घास काटते निहत्थे लोगों को अंग्रेजी पुलिस ने अपनी गोली का शिकार बना दिया. बैतूल जंगल सत्याग्रह का उल्लेख करते हुए डॉ. झा ने कहा गुंजन सिंह के नेतृत्व में जंगल सत्याग्रह में कौमा गोंड पुलिस गोली का शिकार होकर शहीद हो गए. ऐसे अनेक नाम है जिन्हें तलाश कर स्वाधीनता संग्राम के दस्तावेज का हिस्सा बनाना है. उन्होंने बिहार के मुंगेर का उल्लेख करते हुए कहा कि यहां भी पुलिस ने निहत्थे 17 लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया. जब सवाल उठा तो कहा गया कि चार हजार की भीड़ थाने पर हमला करने आयी थी जबकि सच्चाई यह है कि आज भी उस जगह पर चार हजार लोग इक_ा नहीं हो सकते हैं. उन्होंने अंत में कहा कि ग्रामीण भारत के योगदान को रेखांकित कर अमृत महोत्सव को गौरवशाली बनाया जा सकता है.
कार्यक्रम के आरंभ में अध्यक्षीय उद्बोधन में डॉ. बीआर अम्बेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर आशा शुक्ला ने कहा कि नई पीढ़ी को यह बताना होगा कि आजादी के लिए हमें बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ी है. आजादी ऐसे ही नहीं मिल गई है. नई पीढ़ी को हमारे शहीद पुरखों से परिचय कराना होगा और इसके लिए इतिहास लेखन की आवश्यकता है. उन्होंने आश्वस्त किया कि विश्वविद्यालय पुस्तकाकार में विद्वान लेखकों के विचारों का प्रकाशन करेगा. कार्यक्रम में अतिथियों का परिचय एवं आभार प्रदर्शन हेरिटेज सोसायटी, पटना के महानिदेशक अनंतआशुतोष द्विवेदी ने दिया और कार्यक्रम का संचालन ब्राउज के डॉ. अजय दुबे ने किया. विशेष सहयोग प्रोफेसर डीके वर्मा, डीन सोशल साइंस एवं रजिस्ट्रार श्री अजय वर्मा का रहा.

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