आयुष्मान कार्ड साग़र जिले में अब तक 357 व्यक्तियों का इलाज संपन्न और 267 उपचार रत

आयुष्मान कार्ड साग़र जिले में अब तक 357 व्यक्तियों का इलाज संपन्न और 267 उपचार रत

सागर : मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देशानुसार ज़िले में आयुष्मान कार्डधारी पात्र व्यक्तियों को निःशुल्क इलाज की सुविधा दी जा रही है। इस क्रम में ज़िले में अब तक 357 व्यक्तियों का इलाज किया जा चुका है, 267 व्यक्ति उपचार रत हैं। आयुष्मान योजना के अंतर्गत लाभ पा रहे ऐसे व्यक्तियों पर 32, लाख 11 हज़ार पाँच सौ रुपये की राशि इलाज पर ख़र्च की जा चुकी है।
कलेक्टर श्री दीपक सिंह ने जिले के समस्त कोविड का उपचार कर रहे ऐसे चिकित्सा संस्थान जो आयुष्मान योजना के अंतर्गत कोविड के उपचार हेतु अधिकृत है, उन्हें सख्त हिदायत दी है कि वे योजना के तहत भर्ती कोविड मरीज़ों को पूरी तरह से निःशुल्क उपचार सुविधा उपलब्ध कराने। यदि निरीक्षण के दौरान यह पाया गया कि किसी आयुष्मान के कोविड मरीज़ से बाहर से नगद में दवा मंगाई गई है तो उनके विरूद्ध कठौर कार्यवाही की जायेगी।
    कलेक्टर श्री दीपक सिंह ने स्पष्ट किया कि आयुष्मान योजना के तहत मुख्यमंत्री कोविड - 19 उपचार योजना के तहत गरीबों का निःशुल्क उपचार होना है। इसमें दवा, जॉच, बिस्तरों का समस्त शुल्क सम्मिलित है। अतः संबंधित का इलाज पूरी तरह से निःशुल्क होना है।

नियुक्त नोडल अधिकारी देंगे ध्यान

कलेक्टर  श्री दीपक सिंह ने चिकित्सा संस्थान वार नियुक्त समस्त नोडल अधिकारियों को भी निर्देशित किया है कि वे नियमित रूप से चिकित्सा संस्थान के अंदर जाकर आयुष्मान कार्डधारी मरीज एवं उनके परिचनों जानकारी लेते रहेंगे कि उनसे कोई किसी प्रकार का शुल्क तो नहीं लिया जा रहा है। अगर कोई शुल्क लिया जा रहा है, तो तत्काल इसकी जानकारी संबंधित एसडीएम या उन्हें देंगे।

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SAGAR: मकरोनिया में एक जून तक बढा कोरोना कर्फ्यू, सभी छूट की गई खत्म

SAGAR: मकरोनिया में एक जून तक बढा कोरोना कर्फ्यू, सभी छूट की गई खत्म 

साग़र। जिला दंडाधिकारी और कलेक्टर दीपक सिंह ने साग़र जिले के मकरोनिया क्षेत्र में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए एक जून की सुबह 6 बजे तक के लिए कोरोना कर्फ्यू बढा दिया है।  इसके आदेश जारी कर दिए है। मकरोनिया में कोरोना कर्फ्यू में दी गई छूटो को खत्म कर दिया गया है। इस क्षेत्र में सख्ती बढाई जाईगी।

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बीएमसी को लेकर लॉन्ग टर्म प्लानिग की जरूरत, बनाये कार्ययोजना ; मुख्यमंत्री श्री चौहान ★ साग़र, बीना और मकरोनिया में कोरोना संक्रमण ज्यादा, सतर्कता की जरूरत: मन्त्री गोपाल भार्गव

बीएमसी को लेकर लॉन्ग टर्म प्लानिग की जरूरत, बनाये कार्ययोजना ; मुख्यमंत्री श्री चौहान
 ★ साग़र, बीना और मकरोनिया में कोरोना संक्रमण ज्यादा, सतर्कता की जरूरत: मन्त्री गोपाल भार्गव

सागर। बुधवार को मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने सागर ज़िले की कोरोना समीक्षा की। उन्होंने कहा कि सागर ज़िले को कोरोना मुक्त करने के लिए सभी मिलकर कार्य करें उन्होंने कहा कि सागर एक बड़ा क्षेत्र है। यहाँ जनप्रतिनिधि, प्रशासनिक अधिकारी, समाजसेवी, स्वयंसेवी संगठन तथा कोरोना वॉलंटियर्स सभी मिलकर एक रणनीति बनाकर कार्य करें जिससे जल्द से जल्द संपूर्ण सागर कोरोना मुक्त हो सके। और यहाँ अनलॉक की प्रक्रिया शुरू की जा सके।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने समीक्षा बैठक में निर्देश दिए है कि, बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज से संबंधित एक लॉन्ग टर्म प्लानिंग की आवश्यकता है जिसके आधार पर आगे आने वाले समय में यह एक बेहतरीन चिकित्सा की सुविधा के प्लेटफ़ॉर्म के रूप में उभरे।उन्होंने कहा कि, इस कार्य के लिए जो भी आवश्यक है उसकी एक कार्य योजना बनाएँ तथा समस्त आवश्यकताओं को एक एक कर पूर्ण करें।

लोक निर्माण मंत्री श्री गोपाल भार्गव ने कहा कि पहले के मुक़ाबले सागर अब ग्रामीण क्षेत्रों में काफ़ी बेहतर स्थिति में है। शहरी क्षेत्रों जैसे बीना, मकरोनिया,  सागर नगर निगम के कुछ क्षेत्रों में और कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों को छोड़कर भाग की तहसील स्तर पहले मेहमान नियंत्रण में है। अतः इन क्षेत्रों में भी रणनीति बनाकर कार्य करने की आवश्यकता है।

वार्डो में नोडल अधिकारी बनाये : भूपेंद्र सिंह

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री भूपेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि समस्त जन प्रतिनिधि भी लगातार इसके लिए कार्य कर रहे हैं। वार्ड वार बैठकें आयोजित कर क्राइसिस मैनेजमेंट के सदस्यों के साथ कार्य किया जा रहा है।उन्होंने कहा कि हमने तय किया है कि सभी वार्ड के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त हो जो लगातार समस्त गतिविधियों पर नज़र रखे। हाँ ने बताया कि खुराई क्षेत्र में इस तरह से कार्य करने पर आज की स्थिति में वहाँ पॉज़िटिव प्रकरणों की संख्या शून्य है।

ग्रामीण इलाकों में टेस्टिंग बढ़ाये: गोविंद राजपूत
 
परिवहन मंत्री  गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि, शहरी क्षेत्रों में भी टेस्टिंग बढ़ाने की आवश्यकता है। जिस प्रकार ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक टेस्टिंग होने के सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं उसी प्रकार शहरी क्षेत्रों में भी इसके सकारात्मक परिणाम मिलेंगे। उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति से कई व्यक्ति संक्रमित हो जाते हैं। अतः टेस्टिंग हो जाने से संक्रमण की चयन टूटेगी।

वार्डो में सख्ती जरूरी: शेलेन्द्र जैन

सागर विधायक श्री शैलेंद्र ने कहा कि, अगले पाँच दिनों में नगर निगम क्षेत्र के समस्त वार्डों में कोरोना आपदा प्रबंधन समिति की बैठक आयोजित कर कार्य योजना बनाकर सागर को कोरोना संक्रमित मुक्त किया जाएगा। उन्होंने कहा कि, आवश्यकता पड़ी तो जिन वार्डो में 10 से अधिक कोरोना संक्रमण से पीड़ित मरीज है वहाँ पूरी सख़्ती कर संक्रमण को रोका जाएगा। विधायक श्री जैन ने मुख्यमंत्री श्री चौहान से मांग की कि, प्रधानमंत्री आवास के हितग्राहियों का आवास ऋण का ब्याज 1 साल तक ना रहने के आदेश प्रदान करें।

बीना में सख्ती हो : महेश राय

बीना विधायक श्री महेश राय ने कहा कि, बीना में नानक वार्ड में सर्वाधिक कोरोना संक्रमित मरीज मिल रहे हैं। यहाँ भी पूरी सख़्ती से कोरोना संक्रमण मुक्त करने के प्रयास आज से ही प्रारंभ किए जाएंगे।

वर्चुअल कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित हुई इस बैठक में सागर से मध्य प्रदेश शासन के लोक निर्माण मंत्री श्री गोपाल भार्गव, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री  भूपेंद्र सिंह ठाकुर,  राजस्व एवं परिवहन मंत्री  गोविंद सिंह राजपूत, सागर विधायक  शैलेन्द्र जैन, बीना विधायक  महेश रॉय, बंडा विधायक  तरुवर सिंह लोधी, संभागायुक्त  मुकेश शुक्ला, डीआईजी श्री राम शंकर डेरिया, कलेक्टर श्री दीपक सिंह, पुलिस अधीक्षक श अतुल सिंह के साथ अन्य जन प्रतिनिधि एवं अधिकारी मौजूद थे।


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कोरोना गाइडलाइन का पालन करें एवं लापरवाही न बरतें तो हम जल्द ही सामान्य जीवन की ओर लौट सकेंगे

 -मंत्री श्री भार्गव

मध्य प्रदेश शासन के लोक निर्माण मंत्री श्री गोपाल भार्गव ने बताया कि, बुधवार को मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा की गई कोरोना समीक्षा बैठक में उन्होंने सागर की अध्यतन स्थिति के बारे में जानकारी ली। समीक्षा के दौरान उन्होंने टेस्टिंग,  वैक्सीनेशन, दवाओं और ऑक्सीजन की उपलब्धता आदि के बारे में भी जानकारी ली।

मंत्री भार्गव ने बताया कि, मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सागर शहर की जनता से अपील की है कि शहरी क्षेत्रों जैसे मकरोनिया बीना तथा सागर नगर निगम के क्षेत्र जहाँ संक्रमित मरीज़ों के प्रकरण सामने आए हैं वहाँ टेस्टिंग अधिक की जाए साथ ही संक्रमित व्यक्ति आइसोलेशन, कोविड केयर सेंटर और आवश्यकता पड़ने पर अस्पतालों में उपचार पाएँ। इसके साथ ही सभी व्यक्ति कोरोना कर्फ्यू का पालन करें एवं कोरोना गाइडलाइन जैसे मास्क पहनना, सेनेटाइजर अथवा साबुन का उपयोग करना और दो गज की दूरी का पालन करना, इन सभी बातों का ध्यान रखें जिससे हम जल्द से जल्द कोरोना संक्रमण पर क़ाबू पा सकें।

उन्होंने कहा कि सागर के कोरोना मुक्त होने पर अथवा संक्रमण की दर अत्यधिक कम होने की स्थिति में एक जून से बहुत सी बुनियादी आवश्यकताओं वाली सेवाओं में छूट मिल सकती है। इससे ज़िले भर का जनजीवन भी सामान्य पटरी पर लौट सकता है। उन्होंने आम जन से अपील की कि,  कोरोना से संबंधित नियमों का पालन करें तथा लापरवाही न बरतें तो एक तारीख़ से हम उम्मीद कर सकते हैं कि, हम सामान्य जीवन की ओर लौट सकेंगे।


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बीएमसी में बच्चों के लिए आईसीयू सहित एक वार्ड होगा तैयार : कमिश्न

बीएमसी में बच्चों के लिए आईसीयू सहित एक वार्ड होगा तैयार : कमिश्नर

सागर। बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर एवं बच्चों की कोरोना संक्रमित होने के मददेनजर एक आईसीयू एवं एक 30 बिस्तर का वार्ड तैयार किया जाए। उक्त निर्देश संभाग आयुक्त श्री मुकेश शुक्ला ने बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में कोरोना संक्रमण की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए आयोजित समीक्षा बैठक में दिए ।इस अवसर पर अधिष्ठाता डॉ आर एस वर्मा सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे ।

संभागायुक्त श्री शुक्ला ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर तत्काल कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की संभावना के मद्देनजर बच्चों के लिए अलग से आईसीयू एवं 30 बिस्तरों का वार्ड तैयार करें जिससे कि कोई बच्चा कोरोना संक्रमित होता है तो उसे तत्काल इलाज किया जा सके। उन्होंने निर्देश दिए कि वार्ड में बच्चों के हिसाब से आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जावे ।जिसमें  अस्पताल का  माहौल बच्चों के हिसाब से सुविधाजनक हो और बच्चों को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना ना करना पड़े।
  उन्होंने  कहा कि अलग से तैयार किए जा रहे आईसीयू एवं वार्ड में बच्चों के डॉक्टर सहित पैरामेडिकल स्टाफ की ड्यूटी लगाई जावे और प्रतिदिन साफ सफाई के साथ सैनिटाइजर भी किया जाए।
  संभाग आयुक्त श्री शुक्ला ने निर्देश दिए कि बी एम सी के कोविंद अस्पताल मैं कोरोना संक्रमण के संक्रमित मरीजों के ना आने के बाद भी बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज का कोविड-19 अस्पताल यथावत संचालित किया जाए। उन्होंने  कहा कि हमें पूरी तैयारी के साथ तीसरी लहर का सामना करना है और इसके लिए आवश्यक प्रबंध अभी से सुनिश्चित किए जाएं। 
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रक्तदान शिविर का आयोजन

रक्तदान शिविर का आयोजन         

सागर । किसी जरूरतमंद को रक्तदान करना जीवन दान देने के बराबर होता है इसी के विचार के अंतर्गत सागर की 3 संस्थाओं इंसानियत इक राह फाउंडेशन,सागर के रक्तदाता और TOGETHER for humanity  संस्थाओं के तत्वाधान में रक्त केंद्र जिला चिकित्सालय की टीम  निगरानी में जिन्नत गार्डन तिलक गंज वार्ड में रक्तदान शिविर आयोजित किया गया जिसमें कोविड-19 प्रोटोकॉल का पूर्ण रुप से पालन करते हुए 20 से अधिक युवाओं ने रक्तदान कर अपना सहयोग दिया।रक्तदाता शिविर में अब्दुल जावेद, उमर खान, इरशाद खान नैतिक चौधरी, शैंकी खान,जुबैर खान,शोएब कुरैशी,अमान उल इस्लाम ,नफीस खान ,अरशद खान(शानू), सादान खान,दानिश खान,नफीस कुरैशी,सुमित करोसिया अन्य सभी साथी उपस्थित रहे !
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खग्रास चंद्रग्रहण कल, दिखेगा सुपर फ्लावर ब्लड मून, बुध का भी होगा गोचर @ प्रीति द्विवेदी

खग्रास चंद्रग्रहण कल, दिखेगा सुपर फ्लावर ब्लड मून, बुध का भी होगा गोचर

@ प्रीति द्विवेदी

भोपाल। 26 मई का दिन कई मायनों में खास होने वाला है। इस दिन कई विशेष योग बन रहे हैं। कल यानि बुधवार को वैशाख पूर्णिमा के साथ—साथ बुध राशि का परिवर्तन भी होने जा रहा है। बुध, वृष राशि से अपनी स्वराशि मिथुन में प्रवेश करेंगे। इसी दिन खग्रास चंद्रग्रहण भी है। जिसमें खगोलीय घटना सुपर फ्लावर ब्लड मून भी दिखाई देगा। परन्तु यह चंद्रमा पूर्वी क्षितिज के नीचे रहने से देश के कई हिस्सों में दिखाई नहीं देगा।

क्या है सुपर फ्लावर ब्लड मून 
चंद्रग्रहण के कारण बुधवार को सुपर फ्लावर ब्लड मून की घटना होगी। हालांकि भारत में चंद्रमा पूर्वी क्षितिज से नीचे रहने से देश के कई हिस्सों में ब्लड मून दिखाई नहीं देगा। जब सूर्य और चंद्रमा के बीच में पृथ्वी आ जाती है तो इस घटना को चंद्र ग्रहण कहते हैं। इस स्थिति में पृथ्वी की छाया से चंद्रमा की रोशनी छिप जाती है। फलस्वरूप जब सूर्य की रोशनी पृथ्वी के वायुमंडल से टकराकर चंद्रमा पर पड़ती है तो चंद्रमा ज्यादा चमकीला दिखाई देता है। जब चंद्रमा, पृथ्वी के पास धीरे-धीरे पहुंचता है तो वह ज्यादा चमकीला दिखाई देने लगता है। फलस्वरूप उसका आकार भी बड़ा दिखाई देता है। कुछ जगहों से देखने पर यह अलग-अलग रंगों में दिखाई देता है। इस घटना को सुपर फ्लावर ब्लड मून कहा जाता है।


बुध का होगा गोचर

पंडित रामगोविन्द शास्त्री के अनुसार ग्रहों में राजकुमार कहे जाने वाला ग्रह बुध 26 मई को यानि कल सुबह 8:55 बजे अपनी स्वराशि मिथुन में गोचर करेगा। पांच दिन बाद यानि 30 मई को सूर्योदय पूर्व तड़के 4:05 बजे वक्री हो जाएगा और 3 जून को सूर्योदय पूर्व रात्रि में 2 बजकर 11 मिनट पर वक्री अवस्था में पुन: वृष राशि में लौट आएगा। इस प्रकार 9 दिनों में वापस मिथुन से वृषभ राशि में आ जाएगा। संयोग की बात यह है कि 3 जून को ही सुबह 6:14 बजे बुध पश्चिम में अस्त भी हो जाएगा। इसके बाद 7 जुलाई को सुबह 11:05 बजे फिर से मिथुन राशि में गोचर करेंगे। 

परिवर्तन का रहेगा असर 
बुध के इन परिवर्तनों से प्रकृति, पर्यावरण, मौसम और मनुष्यों पर अलग-अलग प्रभाव पड़ेगा। लोगों के कार्यों को गति मिलनी शुरू हो जाएगी। रोगों पर लगाम लग सकती है। इससे लोगों की वाणी में मधुरता आएगी। आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकता है। इसी के साथ मौसम में भी तेजी से बदलाव आएगा। सूरज की तपिश भी बढ़ सकती है। आंधी, तूफान, बारिश, वायुयान दुर्घटना की आशंका भी बनी रहेगी।

वैशाख स्नान का होगा समापन 
पिछले एक माह से वैशाख का स्नान कर रहे श्रद्धालु वैशाख पूर्णिमा के साथ इसका समापन करेंगे। पूर्णिमा तिथि 25 मई को रात्रि 8:31 बजे से प्रारंभ होकर 26 मई को शाम 4:45 बजे तक रहेगी। वैशाख स्नान के समापन पर विधिवत भगवान श्री विष्णु—लक्ष्मी का पूजन करके ब्राह्मणों और जरूरतमंदों को यथाशक्ति दान-दक्षिणा देना चाहिए।

बुद्ध और कूर्म जयंती भी 
बुधवार को बुद्ध जयंती और कूर्म जयंती भी है। इसी दिन अकाल मृत्यु और रोगों से मुक्ति के लिए यम के निमित्त जलकुंभ का दान किया जाता है। एक मिट्टी के कुंभ में जल भर कर दान देने से अकाल मृत्यु की आशंका टल जाती है।
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साग़र झील के जीर्णोद्धार का काम ढीला , मन्त्री हुए नाराज ★बारिश के पहले पूरा नही हुआ तो अधिकारी एवं ठेकेदार की जवाबदेही तय होगी : परिवहन मंत्री गोविंद राजपूत

साग़र झील के जीर्णोद्धार का काम ढीला , मन्त्री हुए नाराज
★बारिश के पहले पूरा नही हुआ तो  अधिकारी एवं ठेकेदार की जवाबदेही तय होगी : परिवहन मंत्री गोविंद राजपूत


सागर । साग़र की पहचान ऐतिहासिक साग़र झील है। इसके जीर्णोद्धार के करीब सौ करोड़ रुपये के कार्य चल रहे है। काम शुरू करने के लिए इस तालाब का पानी सुखाया गया और बाहर निकाला गया। लेकिन कामो की धीमी गति के कारण इसका जीर्णोद्धार अब कठिन होता जा रहा है। क्योंकि बरसात आने वाली है। दर्जनो डोजर डंपर, जेसीबी मशीन आदि इस तालाब में दौड़ रही है। सभी जनप्रतिनिधि, विपक्षी दल और अधिकारी इसकी चिंता जता चुके है। 
अब आशंका बन रही है कि सीएम शिवराज सिंह का ड्रीम प्रोजेक्ट कही बारिश के चलते डेथ प्रोजेक्ट में न बदल जाये।
आज परिवहन मंत्री गोविंद राजपूत ने इस झील के कामो का निरीक्षण किया और 20 दिन के भीतर इसे पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने साफ कहा कि काम मे देरी हो रही है। इसकी जवाबदेही तय की जाएगी।इस दौरान मन्त्री ने धीमे कामकाज को लेकर फटकारा भी। 

एबीपी न्यूज़
कोरोना की तीसरी लहर की आहट..बच्चों पर घातक असर की संभावना..PWD मन्त्री #गोपाल #भार्गव ने बनवाया चाइल्ड कोविड केयर सेंटर..सुविधायो को लेकर आया चर्चा में


मंत्री  राजपूत ने कहा कि लाखा बंजारा झील सागर वासियों की जन भावनाओं से जुड़ी हुई है और सागर वासियों की जन भावनाओं  से  खिलवाड़ नहीं  करने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सागर झील को   पुराने स्वरूप मैं  लाना शासन का सपना है। जिसको समय सीमा में पूर्ण करना है । मंत्री श्री राजपूत ने झील का कार्य बहुत ही धीमी गति से होने पर  ठेकेदार सहित इंजीनियरों को फटकार लगाई और कहा कि जो चल रहा है वह चिंताजनक है ।उन्होंने कहा कि यदि ठेकेदार द्वारा समय सीमा में कार्य पूर्ण नहीं किया जाता है तो मुख्यमंत्री श्री चौहान से बात कर कंपनी को ब्लैक लिस्टेड किया जाएगा ।
उन्होंने निर्देश दिए कि अधिकारी प्रतिदिन मानिटरिंग करें और ठेकेदार द्वारा संसाधनों की बढ़ोतरी कर 24 घंटे कार्य किया जावे । मंत्री श्री राजपूत ने कहा कि झील सुंदरीकरण के लिए पैसों की कमी नहीं आने दी जाएगी।


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अभी तक45 फीसदी काम पूरा

निरीक्षण के दौरान मौजूद ठेकेदार ने बताया कि अभी तक 45 - 50 फीसदी काम ही पूरा हुआ है। यहां मीडिया कर्मियों का कहना था कि  कई महीनों में अभी तक 50 फीसदी ही काम हुआ है तो मात्र 20 दिनों में जैसे बाकी काम काम  पूरा होगा ?  इसक जवाब किसी के पास नही था। हालांकि जब मन्त्री जी ने कहा कि संसाधन और अधिक बढ़ाये और लोगो की संख्या बढा दे तो जवाब मिला कि पर्याप्त  मशीनरी संसाधन है  और काम पर लगे हुए है। 


ये रहे मौजूद

इस अवसर पर पूर्व विधायक श्री हरवंश सिंह राठौर , कमलेश बघेल,  नगर निगम कमिश्नर   आर पी अहिरवार, स्मार्ट सिटी के सीईओ श्री राहुल सिंह राजपूत  सहित  इंजीनियर एवं अन्य अधिकारी मौजूद थे ।


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वैशाख शुक्ल पूर्णमासी, 26 मई खग्रास चंद्रग्रहण ★ पंडित अनिल पांडेय


वैशाख शुक्ल पूर्णमासी,  26 मई  खग्रास चंद्रग्रहण

★ पंडित अनिल पांडेय

वैशाख शुक्ल पूर्णमासी, दिनांक 26 मई 2021 को लगने वाला खग्रास चंद्रग्रहण।
यह विषय अत्यंत महत्वपूर्ण है । हम इस विषय के प्राचीन परंपरावादी आधुनिक वैज्ञानिक सभी तरह की विचारधाराओं की सम्मिलित चर्चा करेंगे।
साथियों मैं आपको बताना चाहूंगा की वर्ष 2021 में विश्व में 4 ग्रहण होंगे । दो सूर्य ग्रहण तथा दो चंद्र ग्रहण ।सबसे पहले 26 मई 2021 को खग्रास चंद्र ग्रहण लगेगा । यह चन्द्र ग्रहण चंद्रोदय के समय आंशिक रूप से भारत के सुदूर पूर्वोत्तर भाग में और पश्चिम बंगाल के कुछ भाग में ही देखा जा सकेगा । अगर हम विश्व की बात करें तो इस ग्रहण का प्रारंभ चंद्रास्त के समय अमेरिका और कनाडा के पूरी भाग से देखा जा सकेगा । ग्रहण का मोक्ष चंद्रोदय के समय हिंद महासागर ,श्रीलंका ,भारत के सुदूर पूर्वोत्तर भाग , चीन और रूस से भी देखा जा सकेगा । भारतीय समय के अनुसार ग्रहण का प्रारंभ दिन में 3:15 पर मध्य  से 4:49 पर तथा मोक्ष शाम 6:30 पर होगा ।यह खग्रास चंद्रग्रहण ऑस्ट्रेलिया जापान कोरिया रूस आदि से भी देखा जा सकेगा ।
भारतवर्ष की जिन स्थानों पर चंद्रोदय 6:00 बज के 22 मिनट से पहले होगा वहां यह चंद्र ग्रहण दिखाई देगा । मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में चंद्रोदय रात 7:16 पर होगा इसलिए ग्रहण मध्यप्रदेश में दिखाई नहीं देगा और यहां पर सूतक भी नहीं लगेगा।
ज्योतिष के अनुसार ग्रहण के समय चंद्रमा अनुराधा नक्षत्र एवं वृश्चिक राशि में रहेगा । मिथुन कर्क कन्या मकर एवं कुंभ राशि के लिए यह ग्रहण शुभ , वृष तुला और मीन राशि के लिए मिश्रित फलदाई है तथा मेष सिंह वृश्चिक और धनु राशि के लिए अशुभ फलदाई है ।
 एक  बात हम और जान ले कि सूर्य ग्रहण हमेशा अमावस्या के दिन तथा चंद्र ग्रहण हमेशा पूर्णमासी  को लगता है।
 हम सबसे पहले ग्रहण के आधुनिक मत की चर्चा करेंगे। हम सभी जानते हैं कि सौर मंडल के पृथ्वी समेत सभी ग्रह सूर्य के चारों ओर चक्कर काटते हैं । चंद्रमा पृथ्वी का उपग्रह है ।अतः यह पृथ्वी के चारों ओर चक्कर काटता है। इस दौरान आधुनिक विज्ञान के अनुसार एक समय ऐसा आता है जब सूर्य पृथ्वी और चंद्रमा तीनों एक लाइन में होते हैं तथा पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच में आ जाती है । जिसके कारण सूर्य की किरणों चंद्रमा पर नहीं पहुंच पाती है और चंद्रमा दिखाई देना बंद हो जाता है। । इसी क्रिया को पूर्ण चंद्रग्रहण कहते हैं । कई बार चंद्रमा का कुछ हिस्सा तो नहीं दिखाई देता है परंतु कुछ हिस्सा दिखाई देता है ऐसे ग्रहण को खग्रास ग्रहण कहते हैं । जैसा कि 26 मई 2021 को होगा ।
  आपको मैं यह भी बताना चाहूंगा की खगोल शास्त्रियों नें गणित से निश्चित किया है कि 18 वर्ष 18 दिन की समयावधि में 41 सूर्य ग्रहण और 29 चन्द्रग्रहण होते हैं। एक वर्ष में अधिकतम 5 सूर्यग्रहण तथा 2 चन्द्रग्रहण तक हो सकते हैं।
 अब हम पारंपरिक पौराणिक मान्यता के संबंध में चर्चा करेंगे। मत्स्य पुराण  और स्कंद पुराण  मैं देव और दानवों के द्वारा ।समुद्र मंथन का उल्लेख आता है। मत्स्य पुराण के 291 अध्याय के श्लोक क्रमांक 1 से 15 के बीच में देवता बनकर अमृत पी रहे राहु के सिरको काटे जाने का उल्लेख मिलता है ।
 इस कथानुसार समुद्र मंथन के दौरान अंत में भगवान धन्वंतरि अपने कमंडल में अमृत लेकर प्रकट हुए और इस अमृतपान को लेकर देवों और दानवों के बीच विवाद हुआ । इसको सुलझाने के लिए भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप धारण किया। और भगवान विष्णु ने देवताओं और असुरों को अलग-अलग लाइन में बिठा दिया। लेकिन राहु छल से देवताओं की लाइन में आकर बैठ गए और अमृत पान कर लिया। देवों की लाइन में बैठे चंद्रमा और सूर्य ने राहू को ऐसा करते हुए देख लिया। इस बात की जानकारी उन्होंने भगवान विष्णु को दी, जिसके बाद भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से राहू का सर धड़ से अलग कर दिया। लेकिन राहू ने अमृत पान किया हुआ था, जिसके कारण उसकी मृत्यु नहीं हुई और उसके सर वाला भाग राहू और धड़ वाला भाग केतू के नाम से जाना गया। इसी कारण राहू और केतु सूर्य और चंद्रमा को अपना शत्रु मानते हैं और पूर्णिमा के दिन चंद्रमा को ग्रस लेते हैं। इसलिए चंद्र ग्रहण होता है।
उपरोक्त बातें पुराणों में लिखी है परंतु कब लिखी गई है इसका पता नहीं है। संभवत यह पुराणों में मुगल काल में हुए बदलाव के दौरान लिखी गई हैं। आधुनिक विज्ञान के अनुसार हम जानते हैं कि यह सब कपोल कल्पना है।
मुस्लिम धर्म ग्रंथों में भी ग्रहण का उल्लेख मिलता है । हदीस में कहा गया है कि जब भी सूरज और चांद ग्रहण लगे तो घर में रहो  नमाज पढ़ो और दुआ करते रहो। यह भी कहा गया है कि यह  ग्रहण खुदा द्वारा अपनी ताकत बताया जाने के लिए किया जाता है ।
ऐसा बुखारी साहब ने अपने हदीस के खंड 2 में तथा पैरा 1240 में लिखा है।
ईसाई धर्म में चंद्र ग्रहण को ईश्वर के गुस्से का प्रतीक बताया है।
हिंदू धर्म के मूल ग्रंथ वेद में भी ग्रहण के बारे में उल्लेख है। वैदिक काल के ऋषि अत्री ग्रहण विज्ञान के पहले शोधकर्ता ऋषि थे । ऋषि अत्री ने ही सर्वप्रथम ग्रहण के बारे में वेदों में अपनी ऋचाएं लिखी हैं। ऋग्वेद के पांचवें मंडल  के 40 वें सुक्त बताया गया है ऋषि अत्री ने देवताओं को  ग्रहण से मुक्ति दिलाई अर्थात उन्होंने देवताओं को ग्रहण से मुक्ति के समय को गणना कर बताया।
ऋग्वेद, यजुर्वेद और सामवेद में राहु और केतु का उल्लेख नहीं है । लेकिन अथर्ववेद में केतु का उल्लेख मिलता है । केतु का स्वरूप पुच्छल तारे से मिलता जुलता है।
महाभारत की जयद्रथ वध कथा में सूर्य ग्रहण का उल्लेख मिलता है।
यह चंद्र ग्रहण वृश्चिक राशि पर लग रहा है ।अतः सबसे ज्यादा असर वृश्चिक राशि पर ही होगा । चूकीं यह चंद्र ग्रहण भारत के अधिकांश क्षेत्र में  नहीं दिखेगा अतः इसका असर भी भारतवर्ष के नागरिकों पर बहुत कम होगा ।
चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को घर से निकलना वर्जित है । इसका कारण संभवत यह है कि उस समय निकलने वाली किरणें  बच्चे के ऊपर खराब असर डाल सकती हैं। चंद्र ग्रहण का असर पशु पक्षियों पर भी पड़ता है और वे इस समय अजीब अजीब व्यवहार करते हैं । जैसे ग्रहण के दौरान मकड़िया अपने जाले को तोड़ना प्रारंभ कर देती है तथा ग्रहण समाप्त होते ही फिर से बनाना प्रारंभ कर देती है ।। पक्षी अचानक अपने घोसले की तरफ लौटने लगते हैं ।
अंत में मैं कहना चाहूंगा कि चंद्र ग्रहण एवं सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है और उससे निकलने वाले रश्मिओं का असर मानव एवं पशु पक्षी पर पड़ता है। परंतु इतना नहीं होता है कि उससे हमको डरना चाहिए । हां आवश्यक सावधानियां लेना चाहिए।


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