कोरोना रिटर्न....पहले से ज्यादा दमदारी से.. ★ ब्रजेश राजपूत / ग्राउंड रिपोर्ट

कोरोना रिटर्न....पहले से ज्यादा दमदारी से..
 
★ ब्रजेश राजपूत / ग्राउंड रिपोर्ट 

कहते हैं इतिहास और परिस्थितियां अपने को दोहरातीं हैं और वो दोहराव हम देख रहे हैं बेहद करीब से। ऐसा लग रहा है कोई फिल्म फिर से देख रहे हैं इस बार स्लो मोशन में, ठीक वैसा ही नजारा सामने आ रहा है जैसा पिछले साल मार्च अप्रेल में था। वही कोरोना के बढते मरीज, वही डर, वही नाइट कफर्यू, सड़कों पर खडी वही पुलिस, वही संडे लाकडाउन, वैसा ही लंबा लाकडाउन लगने की हर वक्त बनती आशंका, सडकों से सायरन मारती पुलिस की गाडियां और तेज भागती निकलती एबुंलेंस की अकुलाहट,  बाजार में दुकानों के बाहर लगे वही गोले, मास्क लगाकर एक दूसरे से हटते बचते लोग, सामने वाले की छींक और खांसी से डरती जनता और इस सबसे अलग वही पुरानी सरकार जो इन अबूझ सी परिस्थितियों को समझने की कोशिश में अजीब फैसले लेने को विवश और बेबस। वो सरकार जो कोरोना के खात्मे की घोषणा ठीक से कर भी नहीं पायी थी कि कोरोना रिटर्न हो गया और इस बार ज्यादा तीव्रता और भयावहता से। राहत की बात बस यही है कि अभी पिछले सालों जितना मौतों का आंकडा नहीं आ रहा है जिसे देख रूह कांपे। 
दुनिया में चर्चित किताबें सैपियंस और होमो डेयस लिखने वाली इस्त्रायली लेखक और इतिहासकार प्रो युवाल नोआ हरारी ने लिखा था कि पुरानी सदियों में आबादी तीन कारणों से कम होती थी युद्ध, अकाल और महामारी और ये तीनों परिस्थितियां अब नये जमाने में बदल गयीं हैं। अब युद्व होते नहीं, अकाल की भुखमरी की जगह मोटापे से ज्यादा मरते हैं लोग अब और महामारी गुजरे जमाने की चीज हो गयी। मगर हरारी ने नहीं सोचा था कि 2016 में आयी उनकी किताब "होमो डेयस" में लिखी ये बातें चार साल बाद आकर कोरोना की महामारी गलत साबित कर देगी।  हालाँकि एक बडा फर्क ये दिखा है कि महामारी के आगे पहले मानवता जिस प्रकार बेबस हो जाती थी इस बार ऐसा नहीं रहा। पुरानी बात करें तो 1918 के स्पेनिश फलू ने सिर्फ हिदुस्तान की पांच फीसदी आबादी करीब डेढ करोड लोगों को मौत की नींद सुला दिया था। पुरी दुनिया में इस बीमारी ने पांच से दस करोड लोगों की जान ली थी मगर इन सौ सालों में हम बदले हैं, इस बार दिसंबर 2019 के अंत में महामारी की पहली आहट सुनायी दी तो एक महीने में ही 10 जनवरी 2020 को वैज्ञानिकों ने इसके जिम्मेदार वायरस की जीनोम संरचना तलाशकर आनलाइन प्लेटफार्म पर डाल दी और दुनिया के वैज्ञानिक लग गये वायरस का मुकाबला करने। साल भर के भीतर इस वाइरस की अनेक वैक्सीन बाजार में आ गयीं। 
महामारी से निपटने में वैज्ञानिकों ने तो अपना काम कर दिया है मगर फिर यहां पर हमेशा की तरह असफल रही हमारी आपकी लीडरशिप। जिसने इस बीमारी से लडने के लिये वैज्ञानिक और चिकित्सकीय उपाय नहीं बल्कि राजनीतिक हथकंडे अपनाये। अमरिका में हुयी कोविड से साढे पांच लाख मौतों के जिम्मेदार कोई और नहीं पूर्व राष्टपति डोनाल्ड ट्रम्प ही रहे। जिन्होंने पहले चाइनीज फलू कहकर इस जानलेवा बीमारी की हंसी उडायी फिर मास्क पहनने से इनकार किया उसके बाद लगातार लाकडाउन को टाला। चीन के हुक्मरानों ने भी यही किया बीमारी को तब तक छिपाया जब तक कि वो दुनिया में फैल नहीं गयी। हमारे देश में भी शुरूआती दौर में इसे बेहद हल्के से लिया गया। लाकडाउन करने और हवाई अडडों पर निगरानी करने या अंतरराष्टीय फलाइट रोकने में महीनों लगा दिये और बाद में जब बीमारी फैली तो उसे घरों में अंधेरा कर दिया जलाने और थालियां पीटकर भगाने की अजीब  इसी पीढियों पुरानी हरकतें दोहरायी गयीं। मगर बाद में सरकार जैसे नींद से जागी और वो सब किया जिसे करने को वर्ल्ड हैल्थ आर्गेनाइजेशन ने कहा। आज हमारा देश दुनिया को वैक्सीन देने वाले देशों में अग्रणी है। मगर जब तक हम वैक्सीन राष्ट्रवाद  की जय जयकार करते हमारी सरकार से फिर एक बडी चूक हो ही गयी। सरकार ने ये सोचा ही नहीं कि कोविड से निपटने में जो बडा तंत्र खडा किया था उसे सहेज कर रखें। सरकारों को ये सपने में भी गुमान नहीं था कि वैक्सीनेशन के आंकडों के साथ कोरोना के आंकडे फिर तेजी से बढेगे और इस बार दोगुनी रफतार और संक्रामक दर के साथ। महाराष्ट में सौ दिन में पैंतीस हजार नये केस सामने आये हैं वो भी लाकडाउन सरीखे इंतजाम करने के बाद भी। भोपाल और इंदौर में पिछले एक हफते में कोरोना के मरीज तेजी से दोगुने हुये हैं। तेजी से आ रहे मरीजों की संख्या बता रही है कि आने वाले दिन कितने भयावह होंगे क्योकि पिछले साल में कोरोना से निपटने में जो आपात तैयारियां की गयीं थी वो ध्वस्त हो गयीं हैं। निजी अस्पताल और बारात घरों में किये गये इलाज और क्वोरंटीन के इंतजाम करने वालों को ना तो पैसा दिया गया और ना सम्मान तो ऐसे में इस बार कौन मदद को आयेगा। आपात हालात से निपटने में जो केंद्र से पैसा मिला था वो प्रचार प्रसार और काढे में बहा दिया गया अब फिर सारे इंतजाम उसी राज्य सरकार को करना है जिसके पास जीएसटी के बाद कमाई के सीमित साधन बचे हैं। दुख ये है कि सरकारों के सख्ती बरतने का विरोध राजनीति करने वाले ही कर रहे हैं होलि नहीं मनाने देने के फैसले के खिलाफ एमपी में कांग्रेस नहीं बीजेपी के बडे नेता ही कर रहे हैं। आने वाले दिनों में हालात बिगडे तो इसके जिम्मेदार वैज्ञानिक नहीं बल्कि वो नेता रहेंगे जिन्होंने जनता को जोखिम में डालकर रैलियां और चुनाव करवाये और फिर सरकारी फैसलों का विरोध किया। 
और अंत में ...मानव जाति रोगाणुओं को रोक नहीं सकती ये सदियां की प्राकृतिक विकास प्रक्रिया है जो आने वाले सालों में जारी रहेगी। इससे लडने के लिये जरूरी है कि हम रोगाणुओं को रोकने की तैयारी रखें राजनीतिक ताकत के साथ। 

★ ब्रजेश राजपूत,  एबीपी न्यूज, भोपाल
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विश्व रंगमंच दिवस पर हुई अन्वेषण की प्रस्तुति

विश्व रंगमंच दिवस पर हुई अन्वेषण की प्रस्तुति



सागर।  27 मार्च को विश्व रंगमंच दिवस के अवसर पर अन्वेषण थिएटर ग्रुप द्वारा स्थानीय रविंद्र भवन में शाम 7:00 बजे से कुत्ते नामक नाटक का मंचन किया गया | नाटक में दिखाया गया कि किस तरह एक आदमी जानवर बनकर वहशी हो जाता है | विकृत मानसिकता का आदमी इस हालत में पहुंचता है कि वह किसी स्त्री को स्त्री न समझ कर उसे मात्र एक भोग की वस्तु समझता है | इसी विषय वस्तु के माध्यम से नाटक ने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया और नाटक की भूरि-भूरि प्रशंसा की | कोरोना के चलते सरकारी दिशा निर्देशों का पालन करते हुए अन्वेषण द्वारा इस नाटक की प्रस्तुति दी गई | नाटक में मुख्य कलाकारों के रूप में करिश्मा गुप्ता, संतोष सिंह दांगी (सरस), प्रवीण केम्या, अतुल श्रीवास्तव, एवं दीपक राय शामिल थे | नाटक के लेखक विजय तेंदुलकर  और नाटक का निर्देशन किया जगदीश शर्मा ने | नाटक में मंच परे के कलाकारों में राजीव जाट, कपिल नाहर, नितिन दुबे, ऋषभ सैनी, सतीश साहू, रविंद्र दुबे कक्का, मनोज सोनी,  झुड़ेले, दीपगंगा साहू, असरार अहमद, आशीष चौबे, अश्वनी साहू, नीतेश लोधी, ऐश्वर्या केशरवानी, चंचल आठिया, उदय सिंह भदौरिया, समर पांडेय, आदर्श नामदेव, शिवा ठाकुर, आयुषी चौरसिया आदि शामिल रहे | नाटक की प्रस्तुति के पूर्व कार्यक्रम के अतिथि प्रसिद्ध लोकगायक हरगोविंद विश्व, थिएटर के वरिष्ठ कलाकार डॉ. राकेश सोनी एवं शास्त्रीय नृत्य से जुड़ीं सुश्री अपर्णा चाचौंदिया उपस्थित थे | अतिथियों सहित नाट्य निर्देशक जगदीश शर्मा ने मां सरस्वती की पूजा व मंच पूजा कर कार्यक्रम की शुरुआत की इसके बाद नाटक का मंचन किया गया | नाटक में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए दर्शकों से दूरी रखने व मुंह पर मास्क लगाने के लिए बार-बार अनाउंस किया गया जिसका लोगों ने पालन करते हुए नाटक का आनंद लिया |

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साग़र: कोरोना के 35 नए केस मिले, 6 मरीज हुए डिस्चार्ज

साग़र: कोरोना के 35 नए केस मिले, 6 मरीज हुए डिस्चार्ज



सागर। (तीनबत्ती न्यूज़. कॉम ) । साग़र में कोरोना का वायरस तेजी से अपने पैर पसार रहा है। बीते एक साल के अंदर पॉजिटिवों की संख्या 6,000 के पार हो गई है।शनिवार को  35 नए केस सामने आए हैं। वही 6 लोग सवस्घ्य होकर घर वापिस हुए। इनको मिलाकर अब तक 6087 केस दर्ज हो चुके हैं। कोरोना अब तक 154 को लील गया, हालांकि 5581 व्यक्ति स्वस्थ हो चुके हैं। बाकी एक्टिव केस होम कवरन्टीन, अस्पतालों में हैं।
उधर कलेक्टर ने क्राइसिस मैनेजमेंट और शांति समिति की बैठक में चर्चाकर नए निर्देश भी जारी किए है। तेजी से बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर  प्रशाज़न कन्टेनमेंट क्षेत्रो में पहुच रहा है। वही बिना मास्क पर चालानी कार्यवाई जारी है। 

कंटेनमेंट क्षेत्रों में किया गया सैनिटाईजेषन
किया औचक निरीक्षण

कोरोना पॉजिटिव प्रकरण मिलने के पश्चात गोपालगंज, मकरोनिया, केन्ट सहित कई वार्डों को कंटेनमेंट क्षेत्र घोषित किया गया है। इसके पश्चात संपूर्ण क्षेत्रों में कीटनाशक दवा, सैनिटाइजर एवं पावडर का छिड़काव किया गया। मकरोनिया में कन्टेनमेंट क्षेत्र का औचक निरीक्षण किया गया और आवश्यक समझाइश दी गई।
इस अवसर पर नगर निगम आयुक्त श्री आरपी अहिरवार, नगर दण्डाधिकारी श्री सीएल वर्मा, सागर एसडीएम श्री पवन बारिया, नगर निगम उपायुक्त डॉ प्रणय कमल खरे सहित पुलिस बल मौजूद थे।



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भूमिहीन आदिवासी को बताया किसान, फर्जी बिजली कनेक्शन के बिल बसूली का भेजा नोटिस ★ पूर्व मंत्री सुरेन्द्र चौधरी ने विधुत मण्डल के सी.ई. को लिखा पत्र

भूमिहीन आदिवासी को बताया किसान,
फर्जी बिजली कनेक्शन के बिल बसूली का भेजा नोटिस
★ पूर्व मंत्री  सुरेन्द्र चौधरी ने विधुत मण्डल के सी.ई. को लिखा पत्र


सागर ।  विधुत मण्डल नरयावली द्वारा भूमिहीन आदिवासी को किसान बताकर फर्जी बिजली बिल का नोटिस जारी करने का मामला सामने आया है। जहां विद्युत मण्डल नरयावली के सहायक / कनिष्ठ यंत्री के हस्ताक्षर से मान सिंह पिता दुर्ग सिंह आदिवासी निवासी ग्राम मारा थाना नरयावली के नाम 48 हजार 599 रुपये  का 5 हार्श पॉवर के बिजली बिल वसूली का नोटिस जारी किए जाने के मामले में मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री श्री सुरेन्द्र चौधरी ने विद्युत मंडल के सी. ई. को पत्र लिखकर संपूर्ण प्रकरण की जांच कर दोषियों पर कठोर कार्यवाही किए जाने की मांग की ।

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  श्री चौधरी ने सी.ई.को लिखे पत्र में कहा हैं कि मानसिंह आदिवासी के नाम इंच भर भी भूमि नही है। जिसकी पुष्टि हल्का पटवारी द्वारा भी की गई हैं। तथा मानसिंह द्वारा  किसी भी प्रकार के कृषि पम्प कनेक्शन के  लिए आवेदन भी  विधुत मण्डल में नही दिया गया वावजूद इसके विधुत मण्डल नरयावली द्वारा फर्जी विधुत पम्प कनेक्शन का बकाया बिजली बिल की बसूली का नोटिस भेजा गया हैं। उन्होंने कहा है कि इस प्रकरण से यह स्पष्ट होता हैं कि सागर जिले में बेरोकटोक फर्जी बिजली बिलो की बसूली जारी है। जिसे कांग्रेस पार्टी किसी भी सूरत में वर्दाश्त नही करेंगी। उन्होंने पत्र में माँग करते हुए कहा कि भूमिहीन आदिवासी मान सिंह के प्रकरण को आधार मान कर समूचे जिले में बिल बसूली की जाँच की जावेगी तो बड़ा घोटाला उजागर हो सकेगा।

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मई माह में प्रारंभ होंगी स्नातक एवं स्नातकोत्तर की परीक्षाएँ ★ स्नातक प्रथम एवं द्वितीय वर्ष तथा स्नातकोत्तर द्वितीय सेमेस्टर की परीक्षाएँ ओपन बुक पद्धति : उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव

मई माह में प्रारंभ होंगी स्नातक एवं स्नातकोत्तर की परीक्षाएँ
★ स्नातक प्रथम एवं द्वितीय वर्ष तथा स्नातकोत्तर द्वितीय सेमेस्टर की परीक्षाएँ ओपन बुक पद्धति
: उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव 
 
भोपाल। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई बैठक में निर्णय लिया गया है कि अप्रैल माह में आयोजित होने वाली सभी प्रकार की परीक्षाएँ अब मई माह में प्रारंभ होंगी। स्नातक अंतिम वर्ष एवं स्नातकोत्तर चतुर्थ सेमेस्टर की परीक्षाएं नियमित एवं स्वास्थायी परीक्षार्थियों की भौतिक रूप से परीक्षा केन्द्रों में उपस्थिति के साथ मई 2021 में आयोजित होंगी। मंत्री डॉ. यादव ने जनसम्पर्क संचालनालय के सभागार में पत्रकारों से चर्चा के दौरान यह जानकारी दी।
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. यादव ने कहा कि स्नातक प्रथम एवं द्वितीय वर्ष तथा स्नातकोत्तर द्वितीय सेमेस्टर की परीक्षाएँ ओपन बुक पद्धति से जून 2021 में आयोजित की जाएंगी। इन परीक्षाओं में नियमित एवं स्वाध्यायी परीक्षार्थी अपने निवास में ही रहकर परीक्षा देंगे तथा निकट के निर्धारित संग्रहण केन्द्र में उत्तर पुस्तिकाएं जमा करेंगे।
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. यादव ने कहा कि कोरोना के इस कठिन काल में मध्यप्रदेश पहला राज्य होगी जिसने परीक्षाओं का यह कार्यक्रम घोषित किया है। उन्होंने कहा कि स्नातक एवं स्नातकोत्तर के लगभग 18 लाख विद्यार्थी इन परीक्षाओं में सम्मिलित होंगे। ऑफलाइन परीक्षाएं कोरोना की गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए सम्पन्न कराई जायेंगी।


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स्नातक अंतिम वर्ष के 4.30 लाख एवं स्नातकोत्तर चतुर्थ सेमेस्टर के 1.72 लाख परीक्षार्थी प्रदेश के 8 विश्वविद्यालयों द्वारा आयोजित परीक्षाओं में शामिल होंगे। स्नातक प्रथम वर्ष में 5.33 लाख एवं स्नातक द्वितीय वर्ष में 5.25 लाख, स्नातकोत्तर द्वितीय सेमेस्टर के 1.35 लाख परीक्षार्थी प्रदेश के 8 विश्वविद्यालयों द्वारा आयोजित परीक्षाओं में शामिल होंगे। वर्तमान में 8 शासकीय विश्वविद्यालयों में 665 परीक्षा केन्द्र के साथ आवश्यकतानुसार अतिरिक्त सहपरीक्षा केन्द्र बनाए जाने के लिये विश्वविद्यालयों को निर्देशित किया गया है। परीक्षा केन्द्रों में विद्यार्थी 50 प्रतिशत क्षमता के साथ बैठेंगे। गृह विभाग स्वास्थ्य विभाग मध्यप्रदेश शासन द्वारा कोविड-19 के संबंध में जारी निर्देशों का पालन करते हुए समस्त विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों को निर्देश जारी किये गये हैं।

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SAGAR : बुआ-भतीजे की मौत पर अदालत ने 24 लाख का अवार्ड पारित किया

SAGAR  : बुआ-भतीजे की मौत पर अदालत ने 24 लाख का अवार्ड पारित किया


सागर । न्यायाधीश श्रीमती दीपाली शर्मा ने सडक़ दुर्घटना में मृत युवक सौरभ जैन की माँ वंदना जैन को 20 लाख 90 हजार 40 रूपए तथा बुआ मालती के परिजनों को 3 लाख 13 रूपए का अवार्ड पारित किया है.
सवा दो साल पहले सौरभ अपनी माँ वंदना व बुआ मालती को मोटर साईकिल पर लेकर केरबना जिला दमोह रिश्तेदारी में जा रहा था कि प्रहलादपुरा घटिया के पास बस क्रमांक सीजी 04 जीए 9786 के चालक ने लापरवाही पूर्वक वाहन चलाते हुए टक्कर मार दी थी. जिसमें आयी चोटों के बाद तीनों को बंडा अस्पताल से सागर रैफर किया गया था. जहाँ मकरोनिया स्थित निजी अस्पताल में उपचार हेतु भर्ती कराया गया. बंडा थाने में रिपोर्ट दर्ज करायी गई थी.
 सौरभ की हालत बिगडऩे पर भोपाल स्थित निजी चिकित्सालय में भर्ती कराया गया जहाँ उपचार के दौरान उसकी मृत्यु हो गई थी. वहीं बुआ मालती की मृत्यु भी हो गई थी. आवेदिका की ओर से पैरवी अशोक जैन एड. ने की. सौरभ के माता-पिता वंदना रूपचंद्र द्वारा क्षतिपूर्ति दावा आवेदन सागर न्यायालय में पेश किया गया. जहाँ पर न्यायालय द्वारा आवेदिका वंदना के पक्ष में 20 लाख 90 हजार 40 रूपए तथा मालती के परिजनों को 3 लाख 13 हजार का अवार्ड पारित किया गया. साथ ही दावा प्रस्तुत दिनांक से अदायगी दिनांक तक आवेदिका को सात प्रतिशत वार्षिक दर से ब्याज भी दिए जाने का न्यायालय द्वारा आदेश पारित किया गया है. 

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कृति तेल के नाम को कॉपी कर मिलता जुलता और नकली तेल बेचने वाली कंपनी पर कार्यवाही

कृति तेल के नाम को कॉपी कर मिलता जुलता और नकली तेल बेचने वाली कंपनी पर  कार्यवाही 

भोपाल। कृति नुट्रिएंट्स लिमिटेड के लीगल एडवाइज़र नवकार एसोसिएट्स के अधिवक्तवाओ अंकुर तिवारी और विश्वजीत अहिरवार और आईपीआर एडवाइज़र विजय सोनी, नम्रता जैन, प्रतीक केशरी द्वारा नक़ल कर रही तेल की कंपनी पर शनिवार को बड़ी कार्यवाही की गई । कंपनी को लगातार शिकायत मिल रही थी की भोपाल की एक कंपनी के द्वारा नव कीर्ति के नाम से तेल बेचा जा रहा है जो की हूबहू कृति के तरह लिखा जाता है ।कंपनी कृति नुट्रिएंट्स लिमिटेड के रजिस्टर्ड व्यापर चिन्ह और रजिस्टर्ड कॉपीराइट (कृति) स्टाइल का गलत उपयोग कर नव कीर्ति के नाम से तेल मार्केट में बेचा जा रहा है।  इसके बाद कृति नुट्रिएंट्स लिमिटेड के लीगल एडवाइज़र नवकार एसोसिएट्स के अधिवक्तवाओ अंकुर तिवारी और विश्वजीत अहिरवार के द्वारा दिल्ली कोर्ट में वाद दायर किआ गया । दिल्ली कोर्ट के द्वारा इस कार्यवाही के लिए 2 लोकल कमिश्नर नियुक्त किये गए ताकि कर्व्यवाही को पूर्ण रूप से पूरा किआ जा सके, नियुक्त लोकल कमिश्नरो पाक्षिल चौधरी, पूजा कोहली ने लोकल पुलिस के सहयोग से डुप्लीकेट मॉल बेच रही कंपनी की दुकान और गोदाम परिसर में पहुंच कर कार्यवाही कर तेल के डिब्बे जब्त किये । लोकल कमिश्नरो की कार्यवाही में पाया गया की वहा पर कृति नुट्रिएंट्स लिमिटेड का रजिस्टर्ड व्यापर चिन्ह और रजिस्टर्ड कॉपीराइट (कृति) का गलत उपयोग कर नव कीर्ति के नाम से तेल बेचा जा रहा है जिसमे लोकल कमिश्नरो के द्वारा सर्च एंड सीज़ कर मॉल सील किया गया। 

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पन्ना टाईगर रिजर्व : बाघिन पी-6 बनी 10 साल की उम्र में छठवीं बार माँ

पन्ना टाईगर रिजर्व : बाघिन पी-6 बनी 10 साल की उम्र में छठवीं बार माँ

@ दिलीप शर्मा

पन्ना । पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघिन टी-6 ने 10 साल की उम्र में छठवीं बार शावकों को जन्म दिया है। इस बाघिन ने चार शावकों को जन्म दिया है जिन्हें बाघिन के साथ घास के मैदान में अठखेलियां करते हुए देखा गया है। 
इस संबंध में पन्ना टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक उत्तम कुमार शर्मा ने आज जानकारी देते हुए बताया किपन्ना में बाघों को पुनः बसाने की योजना अंतर्गत वर्ष 2014 में बाघिन टी-6 को प्रदेश के पेंच टाइगर रिजर्व से पन्ना लाया गया था तब इसकी आयु लगभग 3 वर्ष थी और आज 7 वर्ष की अवधि में छठवीं बार मां बनी बाघिन पी-6 ने पन्ना को अब तक कुल 17 बाघ शावक दिए हैं। बाघों की वंशाबृद्धि में इस बाघिन का विशेष योगदान समझ जा रहा है। उन्होंने बताया कि बाघिन टी-6 और उसके शावक पूरी तरह से स्वस्थ हैं और पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघों की कुल संख्या 70 से ऊपर जा चुकी है यह तस्वीर सामने आने के बाद से पन्ना टाइगर रिजर्व प्रबंधन में खुशी का माहौल है।

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