वर्तमान के चौखट पर इतिहास का खूबसूरत अफसाना है “गगन दमामा बाज्यो”

वर्तमान के चौखट पर इतिहास का खूबसूरत अफसाना है "गगन दमामा बाज्यो"  


साग़र। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय, नई दिल्ली से प्रशिक्षित और हिंदी फिल्म जगत के अलबेले चरित्र अभिनेता पियूष मिश्र बहुआयामी प्रतिभा के धनी हैं. उनकी सृजनात्मकता का एक पक्ष उनका लेखन है. वे अनेक विधाओं में खुद व्यक्त करते रहे हैं, पर उनके लेखन का उत्कर्ष नाटक "गगन दमामा बाज्यो" में देखने को मिला. यह नाटक शहीदे आज़म भगत सिंह के जीवन और विचार पर केन्द्रित है. पर एक बेहद संवादी शिल्प के प्रयोग से इस नाटक को वर्तमान की चौखट अतीत की पुनर्व्याख्या में तब्दील कर दिया गया है. नाटक की लोकप्रियता का आलम यह है कि भारत के लगभग हर नाट्य समूह ने अपने-अपने ढंग से इस नाटक का मंचित किया है.

पियूष मिश्रा द्वारा लिखित "गगन दमामा बाज्यो" एक ऐसा नाटक है जो प्रत्येक समर्थ नाट्य निर्देशक को आमंत्रित करता है कि आओ मेरे सहारे अपनी शक्ति का परीक्षण करो. इस बार इस चुनौती स्वीकार किया आदित्य निर्मलकर ने. डॉक्टर हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर के सांस्कृतिक परिषद् और 'रावन फिल्मस' के संस्थापक रिशांक तिवारी के अथक प्रयत्नों से शहीदे आज़म के शहादत दिवस पर स्वर्ण जयंती सभागार में सागर के कलाकारों के साथ इस नाटक को प्रस्तुत किया गया.

'गगन दमामा बाज्यो' नाटक अपनी कथात्मक व्यंजना में वर्तमान की तार्किकता से इतिहास की गुत्थियों को सुलझाने की रचनात्मक प्रयास है. दरअसल भगत सिंह का जीवन और शहादत जितना भारतीय इतिहास में दर्ज है उससे कहीं ज्यादा और चटख रूप में भारतीय जनमानस की चेतना में विराजमान है. भारतीय स्वत्वबोध का वह चिर युवा यौवन, आजादी और बलिदान का अद्वितीय पर्याय बन गया है. यह नाटक भगत सिंह की चिरागी कथा को इतिहास के अधियारे से बाहर निकालकर नए संदर्भों में परखता है.   

नाटक का नैरेशन द्विस्तरीय है. नाटकों के लिए अत्यंत सफल माने जाने वाले 'पूर्वदीप्ति' पद्धति के माध्यम से घटनाओं का चित्रण किया गया है. दरअसल यह नाटक भगत सिंह के साथी रहे और बहुत बाद तक जीवित रहे शिव वर्मा के हवाले से बुना गया है. यही इस नाटक की शास्त्रीयता का सफल सूत्र है. वर्तमान से अतीत के बीच लगातार आवाजाही करते कथासूत्रों को निर्देशक आदित्य निर्मलकर ने बड़े सलीके से पिरोया है. यह एक ऐसी युक्ति है जहाँ थोड़ी सी भी असावधानी नाटक के कथ्य को उलझा सकती थी. वर्तमान में शिव वर्मा की आवेगपूर्ण स्मृतियों के दरम्यां अतीत में घटित भगत सिंह की संघर्ष-कथा को दिखाने के लिए लिए निर्देशक ने प्रकाश का रचनात्मक प्रयोग किया है. यही वह निर्देशकीय कौशल है जिसके द्वारा आदित्य निर्मलकर ने अपनी प्रतिभा का परिचय दिया है. यह नाटक १९६५ में शिव वर्मा और मार्कंड त्रिवेदी के बातचीत के माध्यम से आजादी के उस दौर को जिसमें भगत सिंह और उनके साथी अपने ढंग से इतिहास का एक नया मजबून गढ़ने की कोशिश कर रहे थे, उसका आलोचनात्मक मूल्यांकन करता है. 



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कथा-विस्तार के अनुकूल नाटक में पात्रों की संख्या को संयोजित किया गया है. सभी पात्र अपनी भूमिका के साथ न्याय करते हैं. चन्द्रशेखर आजाद की भूमिका में बालमुकुन्द अहिरवार, भगत सिंह की भूमिका में विवेकानद सोनी, सुखदेव के रूप में आनन्द अग्रवाल, राजगुरु के रूप में संजय कोरी, शिव वर्मा के रूप में अरविन्द ठाकुर, मार्तंड त्रिवेदी के रूप में अरविन्द गुडेले के साथ अन्य सभी कलाकार प्रभावित करते हैं. असल में ऐतिहासिक कथानक में सबसे बड़ा किरदार 'इतिहास' ही होता है. अभिनय कर रहे कलाकार बस उस इतिहास के अनुषंगी होते हैं. इस नाटक के कलाकारों ने मंच पर अपने अभिनय का सर्वस्व उड़ेल कर भगत सिंह जैसे इतिहस-पुरुष को एक बार फिर वर्तमान का क्रांतिधर्मी नायक में तब्दील कर दिया. मंच पर अभिनय की इस स्वर्ण शिखर को छू लेना किसी भी अभिनेता के लिए बड़ी बात है. पात्रों के अभिनय की सबसे ख़ास बात उनका सामूहिक और सहयोगी प्रयास था. 

गगन दमामा बाज्यो नाटक की कथात्मक संरचना निर्देशक के लिए चुनौती की तरह है. जिसमें आदित्य निर्मलकर ने अपनी रचनात्मक हस्तक्षेप से यादगार बना दिया है. नाटक के कथ्य को सफलता के साथ संप्रेषित करने के लिए निर्देशक ने गीत और संगीत का अत्यंत सृजनात्मक उपयोग किया है. यशगोपाल श्रीवास्तव और पार्थो घोष के संगीत और स्वर ने नाटक की व्यंजना को और अधिक सान्द्र कर दिया है. प्रतिभाशाली कलाकार गगन राज के तबले की थाप और शुभम सेन के ढोलक की अनुगूंज ने भारतीय इतिहास के अनसुने स्वरो को एक रोमांचकारी भाषा में बदल दिया था.         

एक तरह से देखा जाय तो यह नाटक विशिष्ट उपलब्धियों से भरे सागर के रंगमंचीय परिदृश्य में एक सुनहले पन्ने की तरह है. रावन फिल्मस के रिशांक तिवारी की कोशिश और संकल्प से सागर में पेशेवर रंगमंच की यह एक शानदार शुरुआत है. इसा नाटक को शहीदे आज़म की याद के बहाने स्थानीय प्रतिभाओं के नयी उड़ान के रूप में देखा जाना चाहिए.     


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नर्सिंग होम / निजी हॉस्पिटल कोविड 19 के इलाज की निर्धारित दरें ,रिसेप्शन काउंटर पर प्रदर्शित करें ★ मरीज और परिजन को भी मांगे जाने पर देना जरूरी

नर्सिंग होम / निजी हॉस्पिटल कोविड 19 के इलाज की निर्धारित दरें ,रिसेप्शन काउंटर पर प्रदर्शित करें
★ मरीज और परिजन को भी मांगे जाने पर देना जरूरी
 
भोपाल । प्रदेश के सभी नर्सिंग होम और निजी हॉस्पिटल (क्लीनिकल स्टाविलिश मेंट) को कोविड-19 के उपचार की निर्धारित दरों को रिसेप्शन काऊंटर पर प्रदर्शित करना जरूरी है। इसके साथ ही मरीज और मरीजों के परिजन को माँगने पर उपचार की निर्धारित दरों को उपलब्ध कराना होगा। निर्धरित दरों के संबंध में भी स्पष्ट किया गया है कि 29 फरवरी 2020 को नर्सिंग होम, निजी हॉस्पिटल के द्वारा जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को सूचित की गई दरों से निर्धारित दरें 40 प्रतिशत से अधिक नहीं हो। उच्च न्यायालय के 23 सितम्बर, 2020 को पारित आदेश में कोविड- 19 उपचार की निर्धारित दरों को नर्सिंग होम एवं निजी हॉस्पिटल को रिसेप्शन काऊंटर पर प्रदर्शित करने के संबंध में आदेश पालन के लिये स्वास्थ्य विभाग द्वारा निर्देश जारी कर दिए गए है।

संचालक राज्य स्वास्थ्य सूचना शिक्षा संचार ब्यूरो श्री बसंत कुर्रे ने बताया कि सभी नर्सिंग होम एवं निजी हॉस्पिटल को उच्च न्यायालय द्वारा कोविड- 19 की रोकथाम संबंधी प्रकरण में 23 सितंबर 2020 को पारित आदेश के पालन में कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिये हैं। निर्देश नर्सिंग होम और निजी हॉस्पिटल स्थापना (रजिस्ट्रीकरण एवं अनुज्ञापन) के अधिनियम एवं नियमों के अंतर्गत दिये गये हैं। सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देशित किया है कि संबंधित अधिकारी जिले के समस्त नर्सिंग होम एवं निजी हॉस्पिटल में कोविड- 19 के निर्धारित उपचार की रेट लिस्ट रिसेप्शन काउंटर पर लगवाना सुनिश्चित करे।
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कैबिनेट मीटिंग के बाद फैसला- अवैध कॉलोनियों को वैध किया जाएगा : मंत्री भूपेंद्र सिंह

कैबिनेट मीटिंग के बाद फैसला- अवैध कॉलोनियों को वैध किया जाएगा
: मंत्री भूपेंद्र सिंह

सागर। बुधवार शाम को हुई कैबिनेट मीटिंग के बाद फैसला लिया गया कि, अवैध कालोनियों के नियमितीकरण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। उक्त जानकारी सागर से वीसी के माध्यम से मीटिंग में शामिल हुए नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ने कैबिनेट मीटिंग के बाद दी। मीटिंग में कोरोना संक्रमण की समीक्षा भी की गई। मंत्री श्री ठाकुर ने कहा कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए मास्क अवश्य लगाएँ। मंत्री श्री ठाकुर ने कहा कि आज ही वर्चुअल कैबिनेट के पश्चात यह निर्णय लिया गया है कि , मध्य प्रदेश में अवैध कालोनियों को वैध किया जाएगा ।
उन्होंने कहा कि कैबिनेट में यह भी निर्णय लिया गया है कि बढ़ते कोरोना संक्रमण को को देखते हुए पूरे मध्यप्रदेश में अभी 40 हजार पलंगों  की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। साथ ही एक लाख पलंगों की कार्य योजना तैयार की जाए। उन्होंने बताया कि कैबिनेट में  निर्णय लिया गया है कि समस्त कोविड-19 अस्पतालों में ऑक्सीजन की अतिरिक्त व्यवस्था की जाए।
मंत्री श्री ठाकुर ने बताया कि वैक्सीनेशन शत प्रतिशत करने के लिए जनप्रतिनिधियों, स्वयंसेवी संस्थाओं, सामाजिक ,धार्मिक संगठनों का सहयोग लेकर इसे एक अभिज्ञान के रूप में जारी रखा जाए।उन्होंने बताया कि केबिनेट में यह भी निर्णय लिया गया है कि बढ़ते संक्रमण को देखते हुए आइसोलेशन वार्ड भी तैयार कराए जाएँ। 

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डॉक्टर लोहिया के विचारों के अनुसार दुनिया बने तबसमानता और शांति दोनों कायम हो सकेंगे :रघु ठाकुर

डॉक्टर लोहिया के विचारों के अनुसार दुनिया बने तबसमानता और शांति दोनों कायम हो सकेंगे :रघु ठाकुर

 साग़र। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी डॉ राम मनोहर लोहिया की जन्मतिथि आज संजय ड्राइव स्थित लोहिया पार्क मैं गरिमा पूर्ण तरीके से मनाई गई।कार्यक्रम के प्रारंभ में सभी सम्मानित अतिथियों ने डॉक्टर लोहिया की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। 
इस अवसर पर मध्य प्रदेश के नगरीय निकाय के मंत्री श्री भूपेंद्र सिंह ने वीडियो के माध्यम से कार्यक्रम में हिस्सेदारी की और कहा कि हम डॉक्टर लोहिया के बताए रास्तों पर चलने का काम करें उन्हीं का रास्ता बदलाव का रास्ता है ।समाज में इससे क्षमता स्थापित होगी ।कार्यक्रम के आयोजकों को उन्होंने इस अवसर पर शुभकामनाएं दी और कहा कि मुझे जो भी जो भी कार्य की जिम्मेदारी लोहिया पार्क के लिए दी जाएगी मैं उसे अवश्य पूरा करूंगा उन्होंने विशेषताएं ।श्री रघु ठाकुर जी को कार्यक्रम के लिए धन्यवाद दिया।
समाजवादी चिंतक एवं लोहिया विचारक रघु ठाकुर ने कहा कि जिस दुनिया की कल्पना डॉक्टर लोहिया ने की थी यदि आज लोग उनके बताए रास्ते पर चलें तो पूरे विश्व में समानता और शांति स्थापित हो सकेगी ।डॉक्टर लोहिया के विचारों को आज अंगीकार करने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा की पूरी दुनिया में किसी बात को लेकर आज विसंगति है तो वह है अपने अपने कट्टरपंथ को लेकर जबकि डॉक्टर लोहिया उदारता के पक्ष में थे ।यदि उदारता का रास्ता अपनाया जाए तो कट्टरपंथ समाप्त होगा और आपसी भाईचारा विश्वास परस्पर लोगों में कायम होगा।डॉक्टर लोहिया आम गरीब की आवाज थे उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में अनेकों यातनाएं सही भारत को आजादी दिलाने में संघर्ष किया और देश को आजादी दिलाई।दाम बांधो नीति लागू करने का काम उस समय डॉक्टर लोहिया की मांग थी जो इतने बरसों बाद आज उचित जान पड़ती है।नदियों के जोड़ने का नर नारी समानता का पक्ष उन्होंने लिया था ।जो आज ना सिर्फ आवश्यक है बल्कि उस पर कायम रहने की भी जरूरत आ गई है।डॉक्टर लोहिया का रास्ता समाज में बदलाव का रास्ता है इसे आत्मसात करना होगा
टैगोर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री संतोष चौबे ने श्री रघु ठाकुर जी की मांग पर अपने विश्वविद्यालय में बुद्ध लोहिया एवं डॉक्टर गौर शोध पीठ स्थापित करने की मांग को स्वीकार किया और कहा कि इसके लिए अध्ययन केंद्र शुरू किया जाएगा। उन्होंने डॉक्टर लोहिया की सप्तक्रांति यों का विस्तार से उल्लेख किया और इस अवसर पर लोहिया पार्क की स्थापना को एक अविस्मरणीय कार्य बताया।उन्होंने कहा कि रघु ठाकुर जीआज के नए युग के लोहिया हैं। 
सागर के पूर्व महापौर श्री अभय दरे ने कहा कि यह मेरे कार्यकाल की उपलब्धि  थी कि मैं अनेकों विरोध और दबावों के बावजूद सागर मैं लोहिया प्रतिमा एवं लोहिया पार्क स्थापित करा सका ।उन्होंने कहा कि मैं रघु ठाकुर जी की मांग पर अपनी ओर से एक कक्ष सागर के लोहिया पार्क में बुद्ध  लोहिया एवं डॉ गौर के नाम का निर्माण कराने तैयार हूँ ताकि इतिहास की विकृतियों मे सुधार हो सके। 

साहित्यकार श्री मुकेश वर्मा ने सागर से जुड़ी अपनी कई घटना और संस् मरणों को याद किया और कहा कि श्री रघु ठाकुर जी के कारण मुझे लोहिया के विचारों से ओतप्रोत होने का मौका मिला और मैंने लोहिया जी के बारे में विस्तार से  न केवल सिर्फ सिर्फ पड़ा बल्कि में लोहिया के विचारों से स्थाई रूप से जुड़ सका ।इसके सही हकदार श्री रघु ठाकुर हैं। भोपाल से आये वरिष्ठ साहित्य कार बलराम गुमाश्ता जी ने कहा कि साहित्य ही वर्तमान में चुप्पी तोड़ सकता हैं और इसके लिये डॉ लोहिया ही प्रेरणा हैं। भोपाल के प्रसिद्ध अखबार पहले पहल के सम्पादक महेंद्र गगन ने लोहिया को स्मरण किया। 
लोहिया जी के जन्मदिन के अवसर पर श्रीमती गायत्री ठाकुर "सक्षम "द्वारा लिखित पुस्तक "अनूभुती "का विमोचन  डॉ हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय की प्रोफेसर श्रीमती चंदा वेंन द्वारा किया गया। 
कार्यक्रम का संचालन बद्री प्रसाद ने किया एवं आभार राम कुमार पचौरी ने माना।
कार्यक्रम में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी जिन्होंने भारत के आजादी के आंदोलन में हिस्सेदारी की उनके परिजनों को उनकी स्मृति में याद कर प्रशस्ति पत्र एवं प्रतीक चिन्ह भेंट किए गए। 

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महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी जिनमें श्री ताराचंद जैन श्री अब्दुल गनी खान श्री गौरीशंकर केसरवानी श्री मन्नू लाल पटेल श्री जालम सिंह मोती श्री प्यारे लाल चौरसिया श्री कन्हैया लाल साहू श्री चिंतामन जैन श्री लाल चंद जैन श्री अब्दुल गनी श्री जी के लोक रस श्री राम नारायण सरवैया श्री राम भरोसे स्वामी श्री धनीराम दुबे श्रीमती कमला बडोनिया श्री गोविंद लाल बड़ौन्या श्री शिवचरण सेन श्री रामचरण कोरी श्री परमानंद चौरसिया श्री कंचन लाल जैन श्री केदारनाथ रोहन श्री गोपाल कृष्ण गुप्ता श्री ज्वाला प्रसाद ज्योतिशी श्री देवी संकर केसरवानी श्री राजाराम झुड़ेले श्री विनायक राव बेलापुरकर श्री कृष्ण कुमार बडोनया श्री लक्ष्मी नारायण भारद्वाज श्री भवानी सिंह ठाकुर श्री राम गोपाल कटारे श्री लक्ष्मी नारायण शिला कारी श्री दयाल चंद जैन श्री मूलचंद पचौरी श्री धर्मचंद जैन श्री टीकाराम जैन श्री महेश दत्त  दुबे एवम श्री बट्टू लाल दुबे श्री दीपचंद जैन श्री समर्थ चंद सोधिया श्री लोकनाथ सिलाकारी  श्री  हरिबल्लभ सिलाकारी श्री नारायण शंकर त्रिवेदी आदि स्वतंत्रता संग्राम सेनानीयों को याद कर पुण्य स्मरण कियागया।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से पं सुखदेव प्रसाद तिवारी श्री सुरेंद्र सुहानेपप्पू गुप्ता अब्दुल रफीक गनी मुकुल पुरोहित सिंटू कटारे अखिलेश केसरवानी सुधीर ठाकुर शिवराज सिंह ठाकुर अतुल तोमर चिकी एंथनी राजेंद्र सिला कारी प्रभात जैन संतोष पचौरी श्री रविंद्र जैन श्रीमती सीमा दुबे श्रीमती सुषमा जैन श्री कमल सउदिया श्री अनिल त्रिवेदी पंकज सिंघई  श्री शंभू दयाल सेन भूपेंद्र सिंह चील पहाड़ी अजय सिंह अनुज खटीक जितेंद्र रोहन श्री आशीष जोशी विनोद तिवारी संजय केसरवानी अरविंद बड़ौदा विकास बेलापुरकर कृष्ण वीर सिंह ठाकुर एडवोकेट भागचंद जैन मुन्ना लाल चौरसिया योगेंद्र मोती बृजेश पटेल ओमप्रकाश केसरवानी श्रीमती वीणा चौकसे सुनील चौक से श्री राजा खान प्रवीण लोकस नवीन सोनी दीनानाथ दुबे गोविंद लाल बड़ौन्या  श्री राजू राठौर सुनील चौकसे आई पी सिंह श्री नारायण सिंह श्री महेश पांडे नारायण सिंह सुरेंद्र सुहाने मोनी केशरवानी  अतुल तोमर राजेंद्र सिंहसुरेंद्र सुहाने उमाकांत मिश्र संजय सिंह राठौर कपिल पचौरी श्री मती चारू सिंह श्री मती विम्मी ठाकुर श्री मती शिल्पा जैन कु कपिला जैन गौरव पचौरी आदि कार्यक्रम में प्रमुख रूप से उपस्थित थे। 
बुंदेली गीतकार श्री अंकित पांडे एवं श्री शिव रतन यादव की टीम ने अपनी प्रस्तुति से सभी लोगों के मन में नया उत्साह भर दिया। श्री संतोष चौबे ने बुद्ध लोहिया गौर पुस्तकालय के लिए सौ पुस्तकें देने की घोषणा की और दस पुस्तको का सेट तत्काल श्री रघु ठाकुर को भेंट किया। डॉक्टर लोहिया अमर रहे के गगनभेदी नारों के साथ कार्य क्रम का समापन हुआ।


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मास्क पहनाए, दो गज की दूरी के लिए गोले बनाए, और सायरन बजने पर दो मिनट का लिया मौन संकल्प




मास्क पहनाए, दो गज की दूरी के लिए गोले बनाए, और सायरन बजने पर दो मिनट का लिया मौन संकल्प

सागर । कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने एवं संक्रमण से बचने के प्रति आमजन को संवेदनशील बनाने और जागरूक करने के लिये मंगलवार को प्रातः 11 बजे कमिशनर श्री मुकेश कुमार शुक्ला, आईजी श्री अनिल शर्मा, कलेक्टर श्री दीपक सिंह, पुलिस अधीक्षक श्री अतुल सिंह ने सायरन बचते ही दो मिनट का मौन संकल्प लिया। जिसमें कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए आवश्यक समस्त सावधानियाँ जैसे मास्क पहनना, आपस में दो गज की दूरी बनाए रखना, हाथों को सेनेटाईजर अथवा साबुन से समय-समय पर हाथ धोना तथा आवश्यक न होने पर घर से बाहर न निकलना आदि का संकल्प लिया।

इस दौरान कमिशनर श्री शुक्ला, कलेक्टर श्री दीपक सिंह, नगर निगम आयुक्त श्री आर पी अहिरवार ने सिविल लाइन स्थित व्यापारिक प्रतिष्ठानों के सामने निश्चित दूरी पर गोले बनाए और जनता को दो गज की दूरी पालन करने का संदेश दिया। संभागायुक्त श्री शुक्ला एवं कलेक्टर श्री सिंह ने व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर पहुंचकर दुकान संचालकों से बात की तथा उन्हें भी समस्त आवश्यक सावधानियां बरतने के लिए प्रेरित किया।उन्होंने कहा कि दुकान पर आने वाले सभी व्यक्तियों को मास्क पहनने के लिए कहें तथा दुकानों पर मास्क की उपलब्धता सुनिश्चित करें। इसके अतिरिक्त सेनेटाईजर की व्यवस्था एवं काउंटर पर प्लास्टिक शीट जैसे किसी पारदर्शी माध्यम का उपयोग कर सावधानी बरतें। जिले के अन्य मुख्य चैराहों पर विभिन्न अधिकारियों द्वारा भी यह संकल्प लिया गया तथा लोगों को कोरोना से बचाव के लिए जागरूक किया गया।

जन-जागरूकता के लिये हफ्ते भर रोज बजेगा सायरन


आगामी एक सप्ताह तक प्रतिदिन सुबह 11 बजे एवं सायंकाल 7 बजे शहरी क्षेत्रों में 2 मिनट के लिये सायरन बजाया जाएगा। कोविड की संख्या में विगत दिनों में हो रही बढ़ोत्तरी को दृष्टिगत रखते हुए लोगों को जागरूक करने के लिए यह कदम उठाया गया है। सामाजिक तथा धार्मिक त्यौहारों में जुलूस, मेले इत्यादि आयोजित नहीं होंगे। विवाह और अंतिम संस्कार जैसे सामाजिक कार्यक्रमों में भी लोगों की संख्या को सीमित किया जायेगा। जिला कलेक्टर जहाँ उपयुक्त समझेंगे, वहाँ जन-सुनवाई के कार्यक्रम आगामी 30 अप्रैल, 2021 तक स्थगित कर सकेंगे। उल्लेखनीय है कि कोविड संक्रमण फैलने की आशंका को देखते हुए इस वर्ष अशोकनगर में करीला माता मेला का भी आयोजन नहीं किया जा रहा। शासन से प्राप्त निर्देशों के अनुसार, महाराष्ट्र राज्य की सीमा पर वस्तुओं तथा सेवाओं के परिवहन को छोड़कर यात्रियों के आवागमन का नियमन आवश्यक रूप से किया जायेगा। महाराष्ट्र राज्य से आने-जाने वाली बसों के परिवहन बंद करने के आदेश का प्रभावी पालन सुनिश्चित कराया जायेगा।

शाम 7 बजे भी सायरन बजाकर दिया सावधानी और सुरक्षा का संदेश
कोरोना संक्रमण से बचने और संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए मंगलवार को सायं 7 बजे भी सायरन बजा कर लोगों को जागरूक किया गया साथ ही सावधानी से सुरक्षा का संदेश दिया गया। इस दौरान विधायक श्री शैलेन्द्र जैन,कमिश्नर श्री मुकेश शुक्ला,  कलेक्टर श्री दीपक सिंह, नगर निगम आयुक्त श्री आरपी अहिरवार ने प्रतिष्ठानों पर जाकर "मेरी सुरक्षा मेरा मास्क" अभियान के तहत मास्क वितरित किए और अपील की , कि वे अपनी दुकानों के सामने दूरी रखने के लिए गोले बनाएं,  मास्क और सैनिटाइजर का उपयोग करें। अभियान की शुरुआत शहीद भगत सिंह, राजगुरु एवं सुखदेव के बलिदान दिवस पर श्रद्धांजलि व्यक्त करते हुए पुष्प अर्पित कर की गई। 

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विक्रम सोनी बने सराफा एशोसियेशन के अध्यक्ष, अब तक का सबसे युवा अध्यक्ष मिला ★ महेश सोनी, मन्त्री और द्वारका सोनी बने कोषाध्यक्ष

विक्रम सोनी बने सराफा एशोसियेशन के अध्यक्ष, अब तक का सबसे युवा अध्यक्ष मिला
★ महेश सोनी, मन्त्री और द्वारका सोनी बने कोषाध्यक्ष

★  1620 कुल मतदान, विक्रम को 858 वोट मिले, संतोष सोनी, मारुति को 711 वोट मिले

सागर। सागर सराफा एसोसिएशन के प्रतिष्ठा पूर्ण चुनाव में अब तक का सबसे युवा अध्यक्ष चुना गया है। विक्रम सोनी (बरिया वालो) को सोने-चांदी के कारोबारियों और कारीगरों ने अपना अध्यक्ष चुना है। उन्हें 1620 मतदान में से 858 मिले वहीं प्रतिद्वंदी संतोष सोनी मारुति को 711 वोट मिले। 21 वोट रिजेक्ट हुए। 
मंगलवार को सागर सराफा एसोसियेशन के अध्यक्ष, मंत्री और कोषाध्यक्ष पद के लिए बड़ा बाजार स्थित बीएस जैन धर्मशाला में मतदान सम्पन्न हुआ। पहली दफा लोकतांत्रिक प्रक्रिया से हुए चुनाव में सराफा व्यापारी व भाजपा नगर मण्डल अध्यक्ष विक्रम सोनी पर मतदाताओं ने भरोसा जताया और जीत का सहरा उनके सिर पर बंधा। वहीं मंत्री पद के लिए महेश सोनी पीपर वाले व कोषाध्यक्ष पद पर 
द्वारका सोनी को निर्वाचित घोषित किया गया। इसके बीच पराजित प्रत्याशी संतोष मारुति काउंटिंग स्थल से घर निकल गए। 
मालूम हो कि सागर सराफा के लिए इतिहास में पहली दफा मतदान प्रक्रिया से चुनाव सम्पन्न कराये गए हैं।
सराफा में चुनाव के बाद लोगो ने जुलूस निकाला और पटाखे कजलाकर खुशियां मनाई। 

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किसानों की चिंता भाजपा सरकार ने की: मन्त्री गोपाल भार्गव

किसानों की चिंता भाजपा सरकार ने की: मन्त्री गोपाल भार्गव


सागर  । साग़र जिले गढाकोटा में किसान सम्मेलन आयोजित हुआ ।जिसमें किसानों को खरीफ फसल की राहत राशि स्वीकृति पत्र मुख्य अतिथि पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव ने वितरित किए । कहां की हमारी सरकार किसान हितेषी सरकार है ,किसानों की चिंता शिवराज सरकार ने की है।सेवाभाव का संकल्प लेकर लोक कल्याण के लिए सतत प्रयत्नशील हूं ।रहली विधानसभा में विकास के सभी कार्य प्राथमिकता से हुए हैं ।मेरा प्रयास है समाज के अंतिम छोर के व्यक्ति को मदद मिले ताकि वह विकास की मुख्यधारा से जुड़ सकें।
किसानों के हित में केंद्र एवं राज्य सरकार सदैव खड़ी है यह बात किसानों को समझना चाहिए। उन्होंने कहा मुख्यमंत्री आज एक क्लिक से प्रदेश के किसानों के खाते में राशि डाल रहे हैं ट्रांसफर कर रहे हैं।
कार्यक्रम में अतिथियों द्वारा प्रतीकात्मक रूप से मौजूद किसानों को प्रमाण पत्र वितरित किए ।तहसीलदार कुलदीप पाराशर ने कृषि संबंधित योजनाओं की जानकारी दी।इस सम्मेलन में गढ़ाकोटा तहसील एवं रहली तहसील के कुल 43588 हितग्राहियों को द्वितीय किस्त की राशि  13 करोड़ 42 लाख रुपए   की राशि कृष्को के खाते में डाली जा रही हैं।
गढ़ाकोटा एवं रहली तहसील के खरीफ फसल में कीट प्रकोप से सोयाबीन उड़द की फसलों को क्षति हुई थी। जिससे संपूर्ण तहसील क्षेत्र प्रभावित हुआ था ।गढ़ाकोटा के 111 एवं रहली के 136 ग्रामों में क्षति होने से सर्वे कार्य किया गया।राज्य स्तरीय कार्यक्रम के द्वारा भोपाल से द्वितीय किस्त की 33ः राशि का वितरण आज नटराज ऑडिटोरियम में आयोजित हुए किसान सम्मेलन में वितरण किया गया। कार्यक्रम के पूर्व कन्या पूजन किया।आभार तहसीलदार कुलदीप पाराशर ने माना । मंच संचालन विक्की जैन ने किया।
कार्यक्रम में जनपद अध्यक्ष संजय दुबे,जगदीश लहरिया,एसडीएम जितेंद्र पटेल ,तहसीलदार कुलदीप पाराशर, पटवारी सुशील जैन ,पटवारी मुकेश जैन, मनोज तिवारी, गुंजोरा सरपंच डॉ विशाल कुर्मी, सरपंच प्रतिनिधि रामगोपाल लंबरदार,भरत चैरसिया, पूर्व मंडी उपाध्यक्ष धनीराम पटेल ,पीएल विश्वकर्मा  बसंत यादव, सहित आसपास गांव की किसान मौजूद थे । आभार तहसीलदार कुलदीप पाराशर ने माना ।मंच संचालन विक्की जैन ने किया। 

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विशेष लेख:: शिवराज सरकार-भरोसा बरकरार , प्रदेश के नगरों का चहुँमुखी विकास जारी ★ भूपेन्द्र सिंह

विशेष लेख::

          शिवराज सरकार-भरोसा बरकरार , प्रदेश के नगरों का चहुँमुखी                    विकास जारी

                ★ भूपेन्द्र सिंह


किसी प्रदेश के शहर की समृद्धि और विकास की झलक ही उस प्रदेश के बारे में लोगों का माइंड सेट बनाती है। यह अतिश्योक्ति नहीं है कि मध्यप्रदेश देशवासियों ही नहीं, विदेशियों का भी यह माइंड सेट बनाने में सफल हुआ है, कि प्रदेश चहुँमुखी विकास कर रहा है। जापान का एक प्रतिनिधि इंदौर में एक सम्मेलन में शामिल होने आता है और वह सुबह इंदौर शहर का भ्रमण स्वास्थ्य के लिये नहीं, बल्कि कचरा ढूँढने के लिये करता है। जब इस बारे में पूछा जाता है, तो वह कहते हैं कि-''लगातार 4 वर्ष से देश में स्वच्छता में नम्बर-एक पर रहने वाले शहर की स्थिति देखने गया था। मैं संतुष्ट हूँ''। इस तरह प्रदेश के मुखिया श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में शहरों का लगातार विकास हो रहा है। स्वच्छ सर्वेक्षण-2020 में प्रदेश विगत वर्ष से एक पायदान ऊपर अब तीसरे स्थान पर है। भोपाल को देश की स्वच्छतम स्व-संवहनीय राजधानी का गौरव प्राप्त हुआ।
शहरी विकास की भारत सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश देश के अग्रणी राज्यों में है। स्वच्छ सर्वेक्षण-2020 में पहली बार प्रदेश के चार शहर 10 लाख से अधिक जनसंख्या के शहरों में शीर्ष 20 में सम्मिलित हैं। सिर्फ स्वच्छ सर्वेक्षण में ही नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के क्रियान्वयन में भी मध्यप्रदेश को देश में द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ है। इस योजना में मध्यप्रदेश में विभिन्न घटकों में कुल 7 लाख 99 हजार आवास स्वीकृत किए गए हैं। इनमें से अब तक कुल 2 लाख 87 हजार आवासों का निर्माण पूरा कर लिया गया है। मध्यप्रदेश ने ही पूरे देश में सबसे पहले प्रधानमंत्री के माध्यम से एक लाख हितग्रहियों को गृह प्रवेश कराया गया। आवास उपलब्ध कराने के लिये आवासीय भूमि का पट्टा भी भूमिहीन शहरी परिवारों को उपलब्ध कराया गया है। मलिन बस्ती के शहरी गरीबों को दी जाने वाली अनुदान राशि के बराबर ही गैर मलिन बस्ती के शहरी गरीबों को भी राज्य सरकार ने डेढ़ लाख रूपये का अनुदान उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है।  
मध्यप्रदेश स्मार्ट सिटी मिशन  में देश के 4 अग्रणी राज्यों में है। स्मार्ट सिटी रैंकिंग में भोपाल स्मार्ट सिटी देश में प्रथम तथा इंदौर स्मार्ट सिटी चतुर्थ स्थान पर है।  भोपाल एवं इंदौर में मेट्रो रेल का कार्य तेजी से चल रहा है।


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शहरी पेयजल

सरकार का दृढ़ निश्चय है कि सभी शहरों में नल से पानी दिया जाय। इसे मूर्तरूप देने के लिये 378 नगरीय निकाय की जल आवर्धन योजना को पूर्ण करने के लिये वित्तीय व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। नवगठित 29 नगरीय निकायों तथा नगरों के विस्तार, सीमावृद्धि के कारण पहले स्वीकृत पेयजल परियोजनाओं के अतिरिक्त कार्यो के लिये मुख्यमंत्री शहरी पेयजल परियोजना के दूसरे चरण की स्वीकृति दी जा रही है।
सीवरेज की स्वीकृत 5354 करोड़ की 52 परियोजनाओं में से 2 परियोजनाएँ पूरी हो गयी हैं। शेष दिसम्बर 2022 तक पूरी करने का लक्ष्य है।
''ई-नगरपालिका'' सॉफटवेयर तैयार कर सभी नगरीय निकायों में लागू किया गया है। सभी म्यूनिसिपल सेवाएँ ऑनलाईन की गयी हैं। शहरों में ऑनलाईन भवन अनुज्ञा देने के लिये आटोमेटेड बिल्डिंग प्लान अप्रूवल सिस्टम को लागू किया गया है।  

आय में वृद्धि के लिए सुधार

नगरीय निकायों की राजस्व आय में वृद्धि किये जाने के उददेश्य से भारत सरकार के निर्देश के क्रम में संपत्ति कर के अधिरोपण को कलेक्टर गाइड-लाइन से जोड़ा गया है। पेयजल, सीवरेज तथा ठोस अपशिष्ट प्रबंधन उपभोक्ता प्रभार के अधिरोपण को युक्तियुक्त कर इन सेवाओं के प्रदान पर होने वाले व्यय की शतप्रतिशत वसूली सुनिश्चित की गई है। इन सुधारों के फलस्वरूप भारत सरकार ने प्रदेश की जीडीपी का 0.25 प्रतिशत अतिरिक्त ऋण लिये जाने की स्वीकृति दी गई है।
नगरीय निकायों की अचल संपत्तियों के अंतरण में आने वाली व्यवहारिक कठिनाइयों को दूर करने के लिये वर्तमान प्रावधानों में संशोधन की तैयारी है।
अब राज्य सरकार ने अग्निशमन तथा लिफ्ट से संबंधित प्रावधानों को म.प्र.भूमि विकास नियम-2012 में सम्मिलित किया है। अग्निशमन प्राधिकारी की केंद्रीयकृत व्यवस्था को विकेंन्द्रीकृत कर हुये कलेक्टर, आयुक्त नगर पालिक निगम, संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास को अग्निशमन प्राधिकारी नियुक्त किया गया है।
प्रधानमंत्री स्व-निधि योजना में 5 लाख 32 हजार पात्र शहरी पथ विक्रेताओं को चिन्हित किया गया है। अभी तक लगभग 3 लाख पथ विक्रेताओं को बैंकों द्वारा ऋण दिया जा चुका है।
दीनदयाल अन्त्योदय राष्ट्रीय आजीविका मिशन में मध्यप्रदेश हमेशा अग्रणी राज्यों में रहा है। अब इस योजना को 407 नगरीय निकायों में विस्तारित किया गया है। शहरी गरीबों के करीब 27 हजार परिवारों को स्व-सहायता समूह से जोड़ा गया है। शहरी गरीबों को सस्ता भोजन उपलब्ध कराने की दीनदयाल रसोई योजना का विस्तार 56 से 100 केन्द्रों में किया गया है। रात्रिकालीन 118 आश्रय-स्थलों का नवीनीकरण किये जाने का कार्य भी प्रगति पर है।
  
कोविड-19 में नगरीय निकायों की भूमिका

कोविड-19 महामारी से निपटने में राज्य के नगरीय क्षेत्रों में प्रभावी कार्य किया गया है। लॉकडाउन के समय निकायों ने सेनिटाईजेशन, भोजन प्रबंधन, पेयजल की निरंतरता आदि को बनाये रखकर कोविड के संक्रमण एवं दुष्प्रभाव को सीमित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की।

नगर तथा ग्राम निवेश

नगर तथा ग्राम निवेश नियम, 2012 में नगर विकास स्कीम से संबंधित संशोधन किये गये हैं। नये नियमों से वर्षों से अमल में नहीं लाई गई अनेक नगर विकास स्कीम व्यपगत होने से जिससे किसानों, भूमि स्वामियों की हजारों हेक्टेयर बाधित भूमि नगरीय विकास के लिए उपलब्ध हुई। देवास एवं जबलपुर की एक-एक नगर विकास स्कीम को अनुमोदित किया गया। ओंकारेश्वर, डबरा, भोपाल, गुना, दतिया, भिण्ड, शिवपुरी, बुरहानपुर, मंदसौर, नागदा, उज्जैन, होशंगाबाद, दमोह, बैतूल, सिंगरोली, छतरपुर, खरगोन, रतलाम, सतना, सिवनी, नीमच तथा बैरसिया की विकास योजनाओं के प्रारूप प्रकाशित किये हैं, जो 10 माह की अल्प अवधि में सर्वाधिक संख्या है। जावरा नगर की विकास योजना को अंतिम रूप दिया गया है।

मध्यप्रदेश गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मंडल

मण्डल अटल आश्रय योजना में 16 हजार 622 आवासीय इकाइयों का निर्माण कर रहा है। मण्डल की कुल 30 पुनर्घनत्वीकरण योजनाओं में से 2 योजना पूर्ण, 7 प्रगतिशील तथा शेष डी.पी.आर अथवा पी.पी.आर के स्तर पर हैं। विगत एक वर्ष में मण्डल द्वारा 20 आवासीय योजनएँ पूरी कर 663 भवन, भूखण्ड निर्मित किये गये हैं। भोपाल शहर में आवासीय योजना में कीलनदेव टावर्स में 222 प्रकोष्ठ तथा तुलसी टावर में 99 प्रकोष्ठ भवनों का निर्माण पूरा किया गया है। इंदौर एवं भोपाल में आई.टी. पार्क का निर्माण किया गया है। मण्डल मुख्यालय में नवीन गुणवत्ता नियंत्रण एवं तकनीक प्रकोष्ठ का गठन किया गया। सभी आवंटियों के आनलाईन लीज एवं संपत्ति खातों के सत्यापन के लिए विशेष अभियान चलाया गया हैं।

नगरीय विकास एवं आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश

आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के अंतर्गत नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने 5 रणनीतियों के विभागीय लक्ष्य निधारित किये हैं। इन लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं। मार्च 2021 में पूरे किये जाने वाले लक्ष्यों में से अधिकांश पूरे हो चुके हैं।

★ लेखक प्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री हैं


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