साग़र: सचिन गुप्ता हत्याकांड के आरोपी को आजीवन कारावास की सजा

साग़र: सचिन गुप्ता हत्याकांड के आरोपी को आजीवन कारावास की सजा

 

सागर। न्यायालय-श्रीमान पंकज यादव चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश सागर के न्यायालय द्वारा आरोपी आषीष सिंह पिता सुरेन्द्र कुमार जाट उम्र 30 वर्ष निवासी शांति विहार काॅलोनी थाना मकरोनिया जिला सागर को दोषी पाते हुए धारा 302 भादवि में आजीवन कारावास एवं 10000 रूप्ये के अर्थदण्ड, धारा 201 भादवि में 02 वर्ष का सश्रम कारावास व 1000 रूपए के अर्थदण्ड, धारा 25(1-बी) आम्र्स एक्ट में 02 वर्ष का सश्रम कारावास व 5000 रूपए अर्थदण्ड और धारा 27 आम्र्स एक्ट में 03 वर्ष का सश्रम कारावास व 5000 रूपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। राज्य शासन की ओर से उप-संचालक(अभियोजन) श्री अनिल कटारे ने शासन का पक्ष रखा।

घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि दिनांक 12.11.2018 को शांम करीब 07 बजे थाना केन्ट को फोन से सूचना प्राप्त हुई कि रेल्वे स्टेषन रोड टपरियों के पास सफेद रंग की कार खडी है जिसमें सीटों के बीच एक व्यक्ति फसा है। उक्त सूचना की तस्दीक हेतु बताये स्थान पर थाना केन्ट स्टाफ पहुंचा और कार मालिक को सूचना दी जो मालिक द्वारा उक्त व्यक्ति की पहचान संकेत उर्फ सचिन गुप्ता पिता निहालचंद गुप्ता उम्र 23 साल के रूप में की। जिसे परिजनों द्वारा इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया जिसे वहां डाॅक्टर ने मृत होना बताया एवं पी.एम. रिपोर्ट में गन शाॅट से आई चोट के कारण मृत्यू कारित होना बताया। थाना केन्ट ने अज्ञात व्यक्ति के विरूद्ध अपराध धारा 302, 201, भादवि एवं 25, 27 आम्र्स एक्ट के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान परिजनों ने मृतक सचिन गुप्ता का आरोपी आषीष कुमार सिंह के साथ भोपाल जाना बताया। संदेही आषीष कुमार की तलास की जो दस्तयाव हुआ जिससे पूछताछ करने पर उसने बताया कि पैसे के लेन-देन पर से अपनी पिस्टलनुमा हथियार से मृतक सचिन गुप्ता को गोली मार कर हत्या की एवं साक्ष्य छिपाने की नियत से शव को गाडी की दोनों सीटों में छिपा देना बताया गया। मामले की विवेचना के दौरान साक्ष्य संकलित की गयी जिसमें सी.सी.टी.व्ही. फुटेज, चैक की डिटेल, मोबाइल बिल, काॅल डिटेल, साक्षीगणों के कथन एवं अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य संकलित की गयी मामले की विवेचना उपरांत आरोपी आषीष सिंह के विरूद्ध अभियोग पत्र माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। न्यायालय में उप-संचालक (अभियोजन) श्री अनिल कटारे ने 30 अभियोजन साक्षियों को परीक्षित कराया और मामले में महत्वपूर्ण साक्ष्य प्रस्तुत कियें। बचाव पक्ष द्वारा भी अपने साक्षियों को परीक्षित कराया गया। उप-संचालक (अभियोजन) द्वारा उभय पक्ष की वहस के दौरान अभियोजन की ओर से महत्वपूर्ण तर्क प्रस्तुत किये एवं प्रकरण को अभियुक्त के विरूद्ध संदेह से परे प्रमाणित कराया। न्यायालय द्वारा प्रकरण के तथ्य परिस्थितियों एवं अपराध की गंभीरता को देखते हुए एवं अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपी आषीष सिंह पिता सुरेन्द्र कुमार जाट उम्र 30 वर्ष निवासी शांति विहार काॅलोनी थाना मकरोनिया जिला सागर को दोषी पाते हुए धारा 302 भादवि में आजीवन कारावास एवं 10000 रूप्ये के अर्थदण्ड, धारा 201 भादवि में 02 वर्ष का सश्रम कारावास व 1000 रूपए के अर्थदण्ड, धारा 25(1-बी) आम्र्स एक्ट में 02 वर्ष का सश्रम कारावास व 5000 रूपए अर्थदण्ड और धारा 27 आम्र्स एक्ट में 03 वर्ष का सश्रम कारावास व 5000 रूपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।

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साग़र: बकायादारों के बिजली कनेक्शन काटने की कार्यवाही जारी, सोमवार को कटेंगे 600 कनेक्शन

साग़र: बकायादारों के बिजली कनेक्शन काटने की कार्यवाही जारी, सोमवार को कटेंगे 600 कनेक्शन

साग़र। बिजली विभाग के सागर सिटी डिवीजन ने ने मास्स डिस्कोननेक्शन 2.0 की तयारी पूरी कर ली है। सहायक अभियंता शुभम त्यागी ने बताया कि नगर संभाग सागर के अंतुर्गत सिटी में महाडिस्कोननेक्शन 2.0 जो की सोमवार से   होना  है। उसके लिए सिटी में चीफ इंजीनियर के एल वर्मा  के निर्देश पर 600 टॉप बकायदारों की लिस्ट कार्यपालन अभियंता सिन्हा ने तैयार कर ली है।  सोमवार को इन टॉप 600 डिफॉल्टर्स उपभोक्ताओं के कनेक्शन 10 टीम जो की महाडिस्कोननेक्शन को अंजाम देगी ।  अभियंता एस के  सिन्हा ने बताया कि शुक्रवार को सिटी ऑफिस बिजली विभाग में समस्या निवारण शिविर लगाया गया जिसमें जिसके प्राप्त 41 शिकायतों में से 32 का समाधान मोके पर ही कर दिया गया। सिन्हा ने बताया कि उपभोक्ता को बिल में कोई समस्या है तो ऑफिस में आकर समस्या की निराकरण कराये  और  बिजली बिल समय पर जमा करे। बिना बिजली का बिल जमा किए और बिना समस्या निवारण शिविर में समस्या बताये बिना और बिल जमा न किए बिना अब काम नहीं चलेगा। 

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डायरेक्ट बिजली केबल में कट लगाकर चल रहा था ,शफी होटल में  किचिन
कुमारी मीनल पंत के नेतृत्व में 
शफी होटल में छापा मारा गया। यह  डायरेक्ट कट लगाकर हीटर पर चिकन फ्राई किया जा रहा था । तभी  बिजली विभाग की टीम ने वहां छापा मारते हुए धारा 135 के तहत केस दर्ज कर लिया गया है,।कनिष्ठ अभियंता मीनल पंत द्वारा 9 चोरी के केस सनीचरी और कटारा में मीटर टेम्पर और डायरेक्ट किघट  केस बनाये है।  इसके साथ ही कार्यपालन अभियंता सिन्हा ने बताया कि बिजली कंपनी अब फिर से बैंक के अकाउंट सीज़ करने की तैयारी कर ली बहुत जल्दी ही इन बड़े बकयदारो के नाम पेपर में भी पब्लिश किए जाएंगे।

शानिवार को लगेगा सायंकालीन कैंप

कार्पलं अभियंता सिन्हा ने बताया कि शनिवार को उपभोक्ता की समस्या के लिए कैंप लगाया जाएगा जिसमे उपभोक्ता की शिकायत का निवारण किया जाएगा,। मास्स डिस्कोननेक्शन की कार्यवाही सोमवार को होनी है।  जिसकी वजह से कल रविवार को भी टीम उपभोक्ताओ से संपर्क के साथ साथ लाइन काटने की कार्यवाही करेंगी और सभी अधिकारी कर्मचारि भी फील्ड पर रहेंगे। उपभोक्ताओं से बिल जमा करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे,रविवार के।दिन भी कोई भी अवकाश पर नहीं रहेगा। 


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अदालतों में लंबित मामलों को निपटाने के लिए प्रशिक्षण का दायर बढ़ाया जाए :राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविद ★ "भारत के न्यायालय"( अतीत से वर्तमान) पुस्तक का विमोचन , हिंदी में अनुवाद किया जज गंगाचरण दुबे ने ★ राष्ट्रपति 7 मार्च को दमोह के सिंग्रामपुर में जनजातीय सम्मेलन में भाग लेंगे

अदालतों में लंबित मामलों को निपटाने के लिए प्रशिक्षण का दायर बढ़ाया जाए :राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविद

★ "भारत के न्यायालय"( अतीत से वर्तमान) पुस्तक का विमोचन , हिंदी में अनुवाद किया जज गंगाचरण दुबे ने 

★ राष्ट्रपति 7 मार्च को दमोह के सिंग्रामपुर में जनजातीय सम्मेलन में भाग लेंगे



जबलपुर.। जबलपुर में शनिवार को ज्यूडिशियल एकेडमी डायरेक्टर्स रिट्रीट कार्यक्रम हुआ. कार्यक्रम में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, CJI शरद अरविंद बोबडे, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित कई मंत्री, विधायक और अधिकारी शामिल हुए.
इस मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि  देश की अदालतों में लंबित मामलों को निपटाने के लिए प्रशिक्षण का दायर बढ़ाया जाए. निर्णय की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए भी चर्चा की जा सकती है. जल्द न्याय के लिए किताबी ज्ञान के साथ व्याहारिक ज्ञान भी जरूरी है. उन्होंने कहा कि न्याय में युक्ति विवेक का भी सहारा लिया जाना चाहिए. न्यायायिक एकेडमी में भविष्य के न्यायाधीश बनाए जाते हैं. इसलिए सभी परिस्थितियों से निपटने की जरूरत होती है. न्यायाधीश को किसी व्यक्ति, संस्था के विचार से मुक्त होना चाहिए.उन्होंने कहा कि भाषाई सीमाओं के कारण लोगों को संघर्ष करना पड़ता है. मैं खुश हूं कि मेरे निवेदन पर 9 भाषाओं में फैसले सुनाए जाते हैं. मेरे निवेदन है कि सभी हाईकोर्ट अपनी स्थानीय भाषाओं में फैसले जारी करें. 

कार्यक्रम में CJI शरद अरविंद बोबड़े ने कहा कि संवाद नए आयाम स्थापित करता है. न्याय एक अनोखी प्रक्रिया है. हमारे लिए सामाजिक परिवेश, आर्थिक स्थिति, राजनैतिक स्थिति समझना जरूरी है. हमें समय के साथ विकसित हो रही न्याय व्ययस्था को भी समझना जरूरी है. आज की ये रिट्रीट बेहतर संवाद स्थापित करेगी. सीजेआई ने पूर्व राष्ट्रपति स्व. एपीजे अब्दुल कलाम को भी याद किया. 

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि इस बात के प्रयास करने होंगे कि आम आदमी को कैसे सुखी रखा जाए. जब किसी को न्याय मिलता है तो आत्मा सुखी हो जाती है. भारत की न्यायपालिका को वो प्रतिष्ठा प्राप्त है, जिसमें हर आदमी को भरोसा है. न्यायपालिका पर आम आदमी पूरा-पूरा भरोसा करता है.

पुस्तक का विमोचन

भारत के राष्ट्रपति श्री  रामनाथ कोविंद 
माननीय राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधिपति श्री शरद अरविंद बोबडे, 
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान  ,सर्वोच्च न्यायालय के माननीय न्यायाधिपति श्री एन वी रमनना ,न्यायाधिपति श्री अशोक भूषण एवं  न्यायाधिपति श्री हेमंत गुप्ता,मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधिपति श्री मोहम्मद रफीक एवं प्रशासनिक न्यायाधिपति श्री प्रकाश श्रीवास्तव ने मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय एवं मध्य प्रदेश राज्य न्यायिक अकादमी के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित ऑल इंडिया स्टेट ज्यूडिशल अकैडमी डायरेक्टर रिट्रीट कार्यक्रम में,   "कोट्स  आफ इंडिया पास्ट टू प्रेजेंट" नामक पुस्तक   के हिन्दी अनुवाद  "भारत के न्यायालय"( अतीत से वर्तमान) का मानस भवन जबलपुर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान विमोचन किया।
कार्यक्रम में स्वागत भाषण मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश पति मोहम्मद रफीक द्वारा स्वागत भाषण दिया गया एवं मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव द्वारा अतिथियों का आभार प्रदर्शन किया गया।

भारत के न्यायालय"( अतीत से वर्तमान) के बारे में ,हिंदी में अनुवाद किया गंगाचरण दुबे ने

यह ग्रंथ भारतीय न्यायपालिका के 69 वर्षीय  गौरवशाली इतिहास  का वर्णन करता है।
ज्ञातवय है कि भारतीय  न्यायालयों के गौरवशाली इतिहास को परिलक्षित करने वाली इस पुस्तक का संपादन स्वयं भारत के मुख्य  न्यायमूर्ति शरद अरविंद बोबडे ने उच्चतम न्यायालय के अन्य न्यायमूर्ति गण न्यायमूर्ति रोहिंटन नरीमन न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित न्यायमूर्ति रवींद्र भट्ट न्यायमूर्ति प्रतीक जालान न्यायमूर्ति रविंद्र मैथानी के साथ किया तथा संपादकीय अनुवाद सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अशोक भूषण एवं मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति एवं खंडपीठ इंदौर के प्रशासनिक न्यायमूर्ति श्री सुजाॅय पाल द्वारा किया गया।

यह पुस्तक भारतीय संविधान की अनुसूची में वर्णित सभी क्षेत्रीय भाषाओं में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा प्रकाशित कराई जा रही है।भारत के सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीशों के संपादक मंडल के मार्गदर्शन में प्रकाशित इस गौरवशाली पुस्तक का हिंदी अनुवाद  गंगाचरण दुबे अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश देवास द्वारा किया गया है।
 इस पुस्तक को न्यायपालिका के इतिहास को वर्णित करने वाला मील का पत्थर मान्य किया जा रहा है। पुस्तक में पुनर्विलोकक के रूप में वीणा सिन्हा एवं संगीता यादव,जबलपुर ने विषय विशेषज्ञ की भूमिका निभाई है।

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नर्मदा महाआरती में हुए शामिल

President of India श्री रामनाथ कोविंद जबलपुर, ग्वारीघाट पर नर्मदा महाआरती में शामिल हुए। इस अवसर पर राज्यपाल श्रीमती Anandiben Patel , सीजेआई न्यायमूर्ति श्री शरद अरविंद बोबडे, केंद्रीय मंत्री श्री Prahlad Singh Patel , सीएम श्री Shivraj Singh Chouhan उपस्थित रहे।

राज्यपाल-सीएम सहित कई ने की अगवानी
कार्यक्रम शुरू होने से पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का जबलपुर के डुमना विमानतल पर सुबह 9:40 पर आगमन हुआ. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की आगवानी और स्वागत करने  प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक समेत अन्य मंत्री, विधायक और उच्च न्यायालय के तमाम न्यायाधीश पहुंचे. 


राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविन्द 7 मार्च को दमोह के सिंग्रामपुर में जनजातीय सम्मेलन में भाग लेंगे

सागर । राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविन्द 7 मार्च को पूर्वान्ह 11.30 बजे दमोह जिले के ग्राम सिंग्रामपुर में मुख्य अतिथि के रूप में राज्य-स्तरीय जनजातीय सम्मेलन में शामिल होंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल एवं मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान करेंगे। कार्यक्रम में केन्द्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संस्कृति एवं पर्यटन श्री प्रहलाद सिंह पटेल, केन्द्रीय राज्य मंत्री इस्पात मंत्रालय श्री फग्गन सिंह कुलस्ते, जनजातीय कार्य मंत्री सुश्री मीना सिंह मांडवे और नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद रहेंगे। इस मौके पर राष्ट्रपति सिंगौरगढ़ किले के संरक्षण कार्य के शिलान्यास कार्यक्रम में भी शामिल होंगे। कार्यक्रम का आयोजन संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार और जनजातीय कार्य विभाग मध्यप्रदेश शासन संयुक्त रूप से कर रहा है।

ऐतिहासिक विरासत को प्रदर्शित करती फिल्म का होगा प्रदर्शन

कार्यक्रम में सिंग्रामपुर की ऐतिहासिक विरासत को प्रदर्शित करती वीडियो फिल्म का प्रदर्शन होगा। इसके साथ ही रानी दुर्गावती की वीरगाथा पर एकलव्य विद्यालयों के विद्यार्थी सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति देंगे। इस मौके पर जनजातीय विभाग की पुस्तिका 'बानगी' का विमोचन और जनजातीय कलाकारों द्वारा कला प्रशिक्षण वर्चुअल क्लास के पोर्टल 'आदिरंग डॉट कॉम' का शुभारंभ भी राष्ट्रपति करेंगे। पोर्टल का निर्माण वन्या प्रकाशन द्वारा किया गया है।

जनजातीय वर्ग के प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को पुरस्कार वितरण

राष्ट्रपति इस मौके पर जनजातीय वर्ग के प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को शंकरशाह और रानी दुर्गावती पुरस्कार से पुरस्कृत करेंगे। सिंग्रामपुर पहुँचने के पूर्व राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविन्द रानी दुर्गावती की मूर्ति पर पुष्पांजलि अर्पित करेंगे और वृक्षारोपण कार्यक्रम में भी शामिल होंगे।


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साग़र : विद्युत शिकायत निवारण शिविर आयोजित

साग़र : विद्युत शिकायत निवारण शिविर आयोजित 

साग़र।  नगर संभाग सागर में पावर हाउस स्थित कार्यालय में विधुत शिकायत निवारण शिविर का आयोजन किया गया, जिसमे मुख्य अभियंता के एल वर्मा, अधीक्षण अभियंता वाय के सिंघई द्वारा शिविर में पहुँचकर उपभोक्ताओं की शिकायतों की सुनवाई कर शिकायतों का निराकरण किया गया साथ ही अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए ।
 कार्यपालन अभियंता एस के  सिन्हा  द्वारा बताया गया कि शिविर में 41 शिकायतें प्राप्त हुई जिसमे 32 शिकायतों का निराकरण मोके पर ही किया गया ।

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टीकमगढ : प्राणघातक हमला करने वाले आरोपियों को पांच-पांच साल की सजा

टीकमगढ : प्राणघातक हमला  करने वाले आरोपियों  को पांच-पांच साल की सजा



टीकमगढ़। मीडिया सेल प्रभारी एन. पी. पटेल ने बताया कि दिनांक 16.07.2015 को शाम 06:15 बजे फरियादी अरविंद पिता मोहनलाल के खेत में विद्युतलाईन टूटकर गिर गई थी जिसे जोड़ने को लेकर हुए विवाद पर से राजेश अहिरवार ने लोहे की सरिया, सुरेन्‍द्र अहिरवार ने कुल्‍हाड़ी से फरियादी के भाई भुवनेश्‍वर को जान से मारने की नियत से मारपीट कर दी। कुल्‍हाड़ी और सरिया से भुवनेश्‍वर के सिर में चोंटे आयीं। श्‍यामलाल ने डण्‍डे से अरविंद की मारपीट की एवं उसकी मॉ मानकुंवर बचाने आयी तो राधे ने मानकुंवर की डण्‍डे से मारपीट कर दी। सभी अभियुक्‍तण फरियादी एवं अन्‍य आहतगण को जान से मारने की धमकी देते हुए वहां से भाग गए। फरियादी अरविंद की सूचना पर थाना पलेरा में अपराध क्रमांक 900/2015 अंतर्गत धारा 147,149,324,307,506बी भादवि पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया उक्‍त अपराध की विवेचना उपरांत अभियोग पत्र माननीय न्‍यायालय में प्रस्‍तुत किया गया जिससे उद्भुत प्रकरण क्रमांक एसटी 263/2015 में विचारण उपरांत माननीय न्‍यायालय जतारा द्वारा अभियुक्‍तगण श्‍यामलाल अहिरवार, सुरेन्‍द्र अहिरवार, राधेलाल अहिरवार, सुटिया उर्फ दशरथ अहिरवार एवं राजेश अहिरवार को दोषी पाते हुए धारा 307 भादवि में 5-5 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 2000-2000/- रूपये का अर्थदण्‍ड एवं धारा 148 भादवि में 2-2 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 500-500/- रूपये का अर्थदण्‍ड एवं धारा 323 भादवि में तीन-तीन माह का सश्रम कारावास एवं 500-500/- रूपये के अर्थदण्‍ड से दण्डित किया गया।
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भोपाल : नाबालिग के साथ दुष्‍कर्म के आरोपी को 20 साल की सजा

भोपाल : नाबालिग के साथ दुष्‍कर्म के आरोपी को  20 साल की  सजा


भोपाल ।  न्‍यायालय श्रीमती वंदना जैन के न्‍यायालय ने नाबालिग बालिका के साथ गलत काम करने वाले आरोपी प्रदीप उर्फ बब्‍लू प्रजापति उम्र 22 वर्ष को धारा 363, 366ए, 376 भादवि एवं ¾ पाक्‍सो एक्‍ट में दोषी पाते हुये सजा सुनाई । आरोपी प्रदीप उर्फ बब्‍लू प्रजापति को धारा 376 में 20 वर्ष सश्रम कारावास और 2000रू अर्थदंड एवं धारा 366 ए भादवि में 7 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1000रू अर्थदंड एवं धारा 363 भादवि में 3 वर्ष सश्रम कारावास एवं 500 रू अर्थदंड से दंडित किया गया।    
शासन की ओर से अभियोजन का संचालन अति. जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती अनिता सिंह एवं एडीपीओ श्रीमती सीमा अहिरवार ने किया। 

मीडिया प्रभारी सुश्री दिव्‍या शुक्‍ला ने बताया कि दिनांक 27.01.2019 को रात करीब 8:30 बजे पीडिता ने अपनी मॉं सेदुकान से पेन लाने का कहकर घर से दुकान चली गई। जब वह रात करीब 10 बजे तक घर वापस नहीं आई तब पीडिता के रिश्‍तेदारों ने उसकी तलाश की। पीडिता का पता न चलने पर पीडिता की मॉं फरियादिया ने दिनांक 28.01.2019 को पीडिता के गुम होने तथा अज्ञात व्‍यक्ति के द्वारा बहला-फुसलाकर ले जाने की रिपोर्ट दर्ज कराई। विवेचना के दौरान पीडिता को दिनांक 29.01.19 को दस्‍तायव किया गया, तब पीडिता ने बताया कि आरोपी प्रदीप उर्फ बब्‍लू प्रजापति उसे बहला-फुसलाकर अशोका गार्डन की एक मेडिकल दुकान में ले गया जहां उस दुकान में उस समय कोई नहीं था, तब रात में आरोपी प्रदीप उर्फ बब्‍लू प्रजापति ने उसके साथ गलत काम किया। इसके बाद आरोपी प्रदीप उर्फ बब्‍लू प्रजापति उसे घुमाता रहा  जब वह उसे खजूरी सडक की ओर ले जा रहा था  तभी पुलिस वालो ने आरोपी प्रदीप उर्फ बब्‍लू प्रजापति को पकड लिया। न्‍यायालय में मामला पेश किया गया जिसमें आरोपी को दोषी पाते हुये दोषसिद्ध किया गया। 


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मानव नहीं महामानव थे साहित्याचार्य डॉ पन्नालाल जैन : शास्त्री

मानव नहीं महामानव थे साहित्याचार्य डॉ पन्नालाल जैन : शास्त्री


★ डॉ पंडित पन्नालाल जैन साहित्याचार्य की जन्म जयंती पर कार्यक्रम का आयोजन 


सागर । डॉ पंडित पन्नालाल जैन साहित्याचार्य की 110 वी जन्म जयंती के उपलक्ष्य में कटरा नमक मंडी स्थित कीर्ति स्तंभ के समक्ष कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस अवसर पर शहर के गणमान्य नागरिकों ने पंडित जी की प्रतिमा पर माल्र्यापण कर श्रृद्धासुमन अर्पित किए. 
जैन भ्रात संघ सागर के तत्वाधान में आयोजित कार्यक्रम में पं.राजकुमार शास्त्री ने कहा कि मैंने पंडित जी के साथ जिया और परखा तथा उनका मुझ पर वरदहस्त रहा है. पंडित जी मानव नहीं महामानव थे. साधारण परिवार में आसाधारण व्यक्ति का होना महान होता है. वे दिव्य पुरूष थे. राष्ट्रपति से पुरूस्कृत पंडित जी तो मेरे अनुसार राष्ट्रपति बनने योग्य थे. इस अवसर पर ब्र. डी राकेश भैया ने पंडित जी के व्यक्तिव एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला. कार्यक्रम में विवि के सेवानिवृत प्रो. डॉ सुरेश आचार्य ने भारत का सांस्कृतिक वैभव पर व्याख्यान दिया.  सेवानिवृत न्यायाधीश डॉ सुभाष जैन ने नागरिको के मूल कर्तव्य पर प्रकाश डाला. 


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 कार्यक्रम को दिगंबर जैन पंचायत सभा के अध्यक्ष महेश बिलहरा, जैन भ्रात संघ ट्रस्ट के अध्यक्ष अजीत मलैया, गोला पूर्व महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष जैन घड़ी, पूर्व पार्षद राजेश केशरवानी ने भी संबोधित किया. कार्यक्रम का संचालन अशोक पिडरूआ ने किया. मंचासीन अतिथियों का परिचय डॉ राजेश जैन ने दिया. मंचासीन अतिथियों का स्वागत महेश जैन, अशोक जैन, राकेश जैन ने किया. कार्यक्रम में अखिल भारतवर्षीय दिगंबर जैन परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ जीवनलाल जैन, डॉ अरूण सराफ, डॉ प्रमोद गोदरे, डॉ सुबोध जैन, डॉ महेंद्र जैन, डॉ जेएल जैन, राजीव जैन मानक चौक, कपिल मलैया, डॉ सुखदेव वाजपेई पूर्व पार्षद नरेश यादव,  दिलीप राधेलिया, गुलजारी जैन, पदमचंद जैन, पंडित उदयचंद शास्त्री, अशोक शाह, अशोक फुसकेले, संतोष बैटरी, डॉ अमर जैन अजीत सराफ, प्रभात जैन, सुरेंद्र खुरदेलिया, अनिल नैनधरा, हेमचंद्र जैन, बसंत जैन, दिलीप जैन, डॉ आनंद जैन आदि उपस्थित रहे. जयंती के उपलक्ष्य में सायंकाल गौरबाई दिगंबर जैन मंदिर में ब्र. विनोद भैया आधारताल जबलपुर की भजन संध्या हुई.


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मध्यप्रदेश में लगभग 135 लाख मैट्रिक टन किया जाएगा गेंहू उपार्जित -खाद्य, नागरिक आपूर्ति प्रमुख सचिव श्री किदवई ★ सीमावर्ती राज्यों में उपार्जन परिवहन पर नजर रखी जाए

मध्यप्रदेश में लगभग 135 लाख मैट्रिक टन किया जाएगा गेंहू उपार्जित
 -खाद्य, नागरिक आपूर्ति प्रमुख सचिव श्री किदवई
 
★ सीमावर्ती राज्यों में उपार्जन परिवहन पर नजर रखी जाए



सागर । मध्यप्रदेष में रबी उपार्जन 20-21 में लगभग 135 लाख मैट्रिक टन गेंहू उपार्जित किया जाएगा एवं कम से कम दस प्रतिषत उपार्जन केन्द्र स्व-सहायता समूहों द्वारा संचालित कराएं। साथ ही सीमावर्ती राज्यों में उपार्जन परिवहन पर नजर रखी जाए। उक्त निर्देष  प्रमुख सचिव खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण श्री फैज अहमद किदवई ने आज शुक्रवार को कलेक्टर सभाकक्ष में रबी उपार्जन 2020-21 की समीक्षा बैठक के दौरान के दौरान दिए।
इस अवसर पर संचालक खाद्य श्री तरुण पिथोड़े, प्रबंध संचालक नागरिक आपूर्ति निगम श्री अभिजीत अग्रवाल, महाप्रबंधक उपार्जन नागरिक आपूर्ति निगम श्री केके श्रीवास्तव, रीजनल मैनेजर नागरिक आपूर्ति श्री पवन अरमोती, संभागायुक्त श्री मुकेश शुक्ला, सागर कलेक्टर श्री दीपक सिंह सहित समस्त जिलों के कलेक्टर एवं खाद्य अधिकारी मौजूद थे।
प्रमुख सचिव श्री किदवई ने निर्देष दिए कि राजस्व एवं कृषि अमले द्वारा पंजीकृत रकबे का सटीक सत्यापन किया जाए। रकबे के साथ साथ पंजीकृत फसल का भी सत्यापन कराएं। सत्यापन का रेंडमली क्रास वेरीफिकेशन किया जाए। सत्यापित रकबे की सूची ग्राम पंचायतवार चस्पा की जाए तथा इसका बी-1 की तरह वाचन किया जाए। सत्यापन के बाद ही पंजीकृत किसान से उपज की खरीदी की जाए।  
    उन्होंने कहा कि उपार्जन केन्द्रों की संख्या खरीफ उपार्जन के दौरान बनाए गए केन्द्रों के समान ही रहेगी। लॉक डाउन अवधि में बनाए गए केन्द्रों की संख्या में परिवर्तन नहीं किया जाएगा। किसी वजह से कोई केन्द्र बंद करना पड़े तो अन्य एजेंसी उपार्जन का कार्य करेगी। उन्होंने निर्देश दिए कि जहां तक हो गोडाउन स्तर पर ही उपार्जन किया जाए एवं साइलो बेग की अपेक्षा गोडाउन में ही भंडारण को प्राथमिकता दी जाए। गोडाउन स्तर पर उपार्जन होने से ट्रांसपोर्टेशन का व्यय एवं होने वाली क्षति से बचत हो सके।
   श्री किदवई ने नई नीति के तहत रबी उपार्जन के अंतर्गत किसानों का पंजीयन, रकबा सत्यापन सहित भंडारण, परिवहन आदि की विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने कहा कि किसान द्वारा बताई गई तीन दिनांकों में से ही किसी तिथि पर एसएमएस किया जाएगा। एसएमएस में दिनांक, विक्रय योग्य मात्रा, उपार्जन केन्द्र का कोड एवं नाम की जानकारी रहेगी। एसएमएस तीन से पांच दिन पूर्व भेजा जाएगा। उपार्जन केन्द्रों पर सभी दिन नियमित रूप से उपार्जन किया जाए ताकि किसी दिन भीड़- किसी दिन खाली रहने की नौबत न  आए। उपार्जन का कार्य सहकारी समिति के अतिरिक्त कम से कम 10 प्रतिषत राज्य आजीविका मिषन के स्वसहायता समूह, एफपीओ एवं गोदाम संचालकों से भी करवाया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि उपार्जन केन्द्र स्थल का निर्धारण जिला उपार्जन समिति द्वारा कलेक्टर अनुमोदन के पष्चात किया जाए। जिसमें सामान्यतः गोदाम परिसर पर खोला जायेगा। केन्द्र पर पूर्ण पंचायत का ही टैग की जाये। प्रत्येक तहसील में कम से कम एक केन्द्र खोला जाये। कृषकों की संख्या 200 से 750 तक रखी जाये । संचालक खाद्य, कृषक संख्या में 50 प्रतिशत तक कमी अथवा वृद्धि कर सकेंगे।
उन्होंने कहा कि सामान्यतः केन्द्र पर  3000 से 5000 मैट्रिक टन मात्रा का उपार्जन किया जाये, जिसमें 50 प्रतिशत तक की कमी अथवा वृद्धि संचालक खाद्य द्वारा की जा सकेगी । यथासंभव मैप किये गये उपार्जन केन्द्र पंचायतों के केन्द्र में हो जिससे कृषकों को सामान्यतः 25 कि0 मी0 से अधिक दूरी तय ना करना पडे़। जिन जिलों में गेहूं का पंजीयन कम हुआ हो वहां मण्डी स्तर पर कम से कम एक केन्द्र खोला जाये , जिसमें न्यूनतम किसान संख्या तथा दूरी का बंधन नहीं रहेगा।
उन्होंने कहा कि जिला उपार्जन समिति द्वारा सुनिश्चित किया जाये कि केन्द्र पर न्यूनतम 3000 मैट्रिक टन गेहूं का उपार्जन हो। इससे कम उपार्जन की संभावना होने पर आय-व्यय आंकलित कर केन्द्र प्रस्तावित हो। किसी भी केन्द्र का समानान्तर उपकेन्द्र नहीं खोला जाये ।
संभागायुक्त श्री मुकेष शुक्ला ने संभाग की जानकारी देते हुए बताया कि रबी उपार्जन-2020-2021 के गिरदावरी की जानकारी के गेंहू 1268027, चना 401903, मसूर 127735, सरसों 49475 हेक्टेयर रकबें फसल बोई गईं हैं। उन्होंने बताया कि पंजीकृत किसानों की संख्या 359703 एवं रकवा 629882 हेक्टेयर, उपार्जन केन्दों में इस वर्ष कुल 625 केन्द्र बनाये गए एवं गोदाम 219 बनाये गए।

किसानों को उपार्जन केन्द्रों पर उपलब्ध हों समस्त मूलभूत सुविधाएं

प्रमुख सचिव श्री किदवई ने सभी कलेक्टरों से कहा कि उपार्जन के पूर्व ही किसानों तक इस संदेश का व्यापक प्रचार किया जाए कि उपयुक्त गुणवत्ता का अनाज ही लाएं, एफएक्यू के अलावा निम्न गुणवत्ता की उपज का उपार्जन नहीं किया जाएगा। उपज को पर्याप्त सूखा हुआ मिट्टी विहीन साफ होना चाहिए। साथ ही केन्द्रों पर उपज की सुरक्षा के लिए तिरपाल, कवर, अग्निशमन यंत्र, रेत, बाल्टी, फर्स्ट एड बॉक्स आदि की सुविधाएं सुनिश्चित हों। उपार्जन केन्द्रों पर किसानों को पर्याप्त एवं बेहतर सुविधा सुनिश्चित की जाए। किसानों के बैठने के लिए टैबिल, कुर्सी या दरी, पेयजल, शौचालय की व्यवस्था हो साथ ही उपार्जन के लिए पर्याप्त तौल कांटे, सिलाई मशीन, छलने आदि का इंतजाम रहे।
   उन्होंने कहा कि सभी उपार्जन केन्द्र निर्धारित संख्या में बारदाने का स्टाक रखें। किसान द्वारा नॉन एफएक्यू का अनाज लाने पर एंट्री न की जाए। परिवहन के दौरान होने वाली उपज की क्षति को कम करने के सभी कारगर उपाय किए जाएं। किसानों से सहकारी बैंकों के खाता नंबर लिए जाएं ताकि समय पर भुगतान किया जा सके।

पूर्व वेयर हाउसिंग भण्डारण की समीक्षा की

गोदाम में पूर्व से रखे हुए अनाज की समीक्षा के दौरान प्रमुख सचिव श्री किदवई ने कहा कि किसी भी स्थिति में बहुत पुराना अमानक अनाज उचित मूल्य दुकानों पर न जाने पाए। अन्यथा  संबंधित अधिकारी के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जाएगी। गोदाम में रखे हुए अनाज का एफसीआई से तुरंत उठाव के लिए प्रक्रिया तेज करने के निर्देश दिए गए। 


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