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शहीद चंद्रशेखर आजाद के शहादत दिवस पर संगोष्ठी

शहीद चंद्रशेखर आजाद के शहादत दिवस पर संगोष्ठी 
सागर । अखिल  भारतीय बुंदेलखण्ड साहित्य एवं संस्कृति परिषद की सागर इकाई का पुनर्गठन बुंदेलखण्ड में क्रांतिकारी गतिविधियों की अलख जगाने वाले महान क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद की पुण्यतिथि मनाई गई। सुप्रसिद्ध कवि पद्मश्री कैलाश गड़बैया के मागदर्शन में
अखिल भारतीय बुंदेलखण्ड साहित्य एवं संस्कृति परिषद की सागर इकाई के पुनर्गठन एवं सम्मानित कार्यकारिणी के 'परिचय एवं शपथ ग्रहण समारोह में सागर इकाई के अध्यक्ष प्रो. बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि चंद्रशेखर आजाद की बुंदेलखण्ड से विशिष्ट सम्बंध रहा है ये काकोरी षड़यंत्र केस के बाद महान क्रांतिकारी रुद्र प्रताप के साथ झांसी में रहे। उसके बाद वे कुछ दिन खनियाधाना, दतिया और ललितपुर में भी रहे। आजाद ओरछा में सत्तार नदी के किनारे कुटिया बनाकर हरिशंकर ब्रह्मचारी के रूप में रहे और बुंदेलखण्ड के अधिकांश क्रांतिकारियों ने उनके सानिध्य में रहकर क्रांतिकारी गतिविधयों को अंजाम दिया।

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प्रसंगवश प्रो. श्रीवास्तव ने उल्लेख किया कि चंद्रशेखर आजाद स्वतंत्रता आंदोलन के निमितार्थ बुंदेलखण्ड के महत्त्व को समझते थे। उनका मानना था कि सबसे बड़े क्रांतिकारी तो भगवान राम थे जो बुंदेलखण्ड में रहे। यहाँ अनादि काल से ही ऋषि-मुनियों ने कठोर साधना की है
इसलिए वे भी यहाँ तप करने ही आए हैं।
इस अवसर पर अन्य सदस्यगणों ने चंद्रशेखर आजाद के जीवन संघर्ष और स्वतंत्रता आंदोलन में उनके योगदान पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में परिषद की सागर इकाई के अध्यक्ष प्रो. बी.के. श्रीवास्तव, उपाध्यक्ष हय प्रो.नागेश दुबे एवं प्रो. नवीन गिडियन, कोषाध्यक्षा राघव रामकरन, सांस्कृतिक सचिव शुभम श्रीवास्तव, सह-सचिव डॉ. के.के. राव एवं प्रभात कटारे तथा कार्यकारिणी के सदस्य श्री दामोदर अग्निहोत्री, श्री अवधेश दुबे, श्री लक्ष्मीनारायण यादव, श्री हर्ष खरे, श्री जयनारायण यादव, श्री बलिराम दुबे तथा सथिय अभिषेक ऋषि सहित अधिकाश बुदेली प्रेमी उपस्थित रहे।


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" गांधी और अम्बेडकर को ऐसे समझें " पुस्तक समीक्षा : गांधी-अम्बेडकर कितने दूर कितने पास , लेखक : रघु ठाकुर


" गांधी और अम्बेडकर को ऐसे समझें "

पुस्तक समीक्षा : गांधी-अम्बेडकर कितने दूर कितने पास ,
लेखक : रघु ठाकुर

समीक्षक : अजय तिवारी 

इन दिनों एक किताब अभी पाठकों के हाथों में आने से पहले ही अपने शीषर्क गांधी-अम्बेडकर कितने दूर कितने पास की वजह से चर्चा में है। सुप्रसिद्ध समाजवादी चिंतक रघु ठाकुर ने यह किताब जानी-मानी लेखिका अरु न्धति राय की पुस्तक एक था डाक्टर,एक था संत की वजह से घाना के विविद्यालय से महात्मा गांधी की प्रतिमा हटाए जाने की पृष्ठभूमि में लिखी है। उन्हें इस बात की पीड़ा है कि भारत के सबसे बड़े प्रतीक होने के बावजूद महात्मा गांधी के बारे में फैलाए जाने वाले झूठ का अपेक्षित जवाब हमारी सरकार कभी नहीं देती। उन्होंने अपनी किताब में महात्मा गांधी के बारे में अरुन्धति राय की व्याख्या को सिरे से नकारते हुए उसकी आलोचना की है। रघु ठाकुर ने किताब की प्रस्तावना में ही स्पष्ट किया है कि उन्होंने गांधी और अम्बेडकर की न तुलना की है और न एक ही प्रशंसा और दूसरे की आलोचना। उनका कहना है कि अगर वह ऐसा करते तो शायद अरुन्धति राय का ही मकसद पूरा होता। हालांकि उन्होंने उन प्रश्नों के उत्तर देने की अवश्य कोशिश की है जिनको लेकर प्राय: अम्बेडकरवादी और अन्य व्यक्ति महात्मा गांधी की आलोचना करते हैं। जैसे  गांधी वर्ण और जाति मानते थे, इसलिए जातिवादी और दलित विरोधी थे। इसके जवाब में रघु ठाकुर लिखते हैं कि अपने आरंभिक काल में गांधी ऐसा अवश्य मानते थे, लेकिन इसका कारण उनकी पृष्ठभूमि है। उनका कहना है कि गांधी ऐसे सनातनी हिंदू थे, जिसमें व्यक्ति-व्यक्ति के बीच कोई भेद नहीं था, न अर्थ आधारित न जन्म आधारित और न राजनीतिक। किताब में कहा गया है कि गांधी जाति के नाम पर अन्याय,छुआछूत या जन्मना भेदभाव आदि विकृतियों को अपनी वर्ण और जाति की कल्पना के खिलाफ मानते थे। रघु ठाकुर ने किताब में यह बात जोर देकर कही है कि गांधी ने तो यह भी कहा था कि अगर उनका पुनर्जन्म हो तो वह किसी भंगी के घर पैदा होना चाहेंगे। अम्बेडकर के शब्दों में किताब में कहा गया है कि सारी भ्रांति इस कारण से है कि गांधी की धारणा निश्चित और स्पष्ट नहीं है कि वर्ण क्या है और जाति क्या है ? किताब के अनुसार अम्बेडकर ने गांधी की समझ को चुनौती अवश्य दी थी लेकिन उनकी नीयत को नहीं। गांधी के प्रशंसक होने के बावजूद रघु ठाकुर इस बड़ी बात को बेहद सहजता से कह जाते हैं कि अम्बेडकर ने वर्ण के प्रश्न पर गांधी की आदर्श कल्पना को अपने तथ्य,जिद और दृढ़ता से चुनौती दी और उन्हें अपनी राय बदलने के लिए प्रेरित भी किया। किताब में खुलकर कहा गया है कि इस विषय पर अम्बेडकर का तार्किक पक्ष नि:संदेह ज्यादा मजबूत है और निरंतर अनुभवों ने गांधी को अपनी धारणाओं को सुधारने और बदलने के लिए प्रेरित भी किया। यह किताब गांधी और अम्बेडकर जैसे दो बड़े व्यक्तित्वों को ठीक से समझने की राह भी दिखाती है। इस किताब में गोल मेज सम्मेलन में गांधी की ओर से अम्बेडकर के विरोध, गांधी के अनशन से पृथक मताधिकार के मसले पर दलितों का नुकसान,गांधी धर्मशास्त्रों को मानते थे और हिंदू धर्मशास्त्र जाति व्यवस्था के जनक हैं जैसे कठिन सवालों के जवाब भी देने का प्रयास किया गया है। उम्मीद है कि आकार बुक्स की 136 पेज की यह छोटी किताब गांधी और अम्बेडकर के संदर्भ में नए ढंग से सोचने के लिए विवश करेगी। किताब में कहा गया है कि गांधी के बाद लोहिया ही वह व्यक्ति थे जो अम्बेडकर को समूचे भारत और भारतीयों का नेतृत्व करने के लिए तैयार करने का प्रयास कर रहे थे।
किताव के दो आमुख हैं। एक राजमोहन गांधी ने लिखा है, जिसमें कहा है कि प्रत्येक भारतवासी अपने किसी न किसी संघर्ष के लिए गांधी की जरूरत और साथ  चाहता है, इसलिए गांधी सबके हैं और अकेला गांधी सबका गांधी है।  वह लिखते हैं कि रघु ठाकुर ने किताब में यह सही लिखा है कि 1936 में जब अम्बेडकर ने गांधी की कटु आलोचना की,तब गांधी ने ही सुनिश्चित किया कि अम्बेडकर के तर्कों से सारे देश को अवगत कराया जाए।दूसरे आमुख में प्रो. केएल शर्मा लिखते हैं कि हर संकट के पश्चात अम्बेडकर गांधी की प्रशंसा करते थे और उनको संकट मोचक की संज्ञा देते थे।



पुस्तक समीक्षा : गांधी-अम्बेडकर कितने दूर कितने पास 
लेखक : रघु ठाकुर
प्रकाशक : आकार बुक्स 
कीमत : 195 रुपए

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श्रीलंकाई वायुसेना के 70 वें सालगिरह महोत्सव में भारतीय वायुसेना की भागीदारी

श्रीलंकाई वायुसेना के 70 वें सालगिरह महोत्सव में भारतीय वायुसेना की भागीदारी


नई दिल्ली। भारतीय वायु सेना की एयरोबेटिक डिस्प्ले टीमें फिक्स्ड विंग "सूर्यकिरन्स" और रोटरी विंग 'सारंगहल्के लड़ाकू विमान तेजस के साथ श्रीलंका वायु सेना (एसएलएएफ) के कमांडर एयर मार्शल सुदर्शना पथिराना के निमंत्रण पर दिनांक 27 फरवरी 2021 को श्रीलंका के कोलंबो पहुंचीं । सूर्यकिरन्ससारंग और एलसीए तेजस की टीमें श्रीलंकाई वायुसेना के 70 वीं वर्षगांठ समारोह के हिस्से के रूप में दिनांक 03-05 मार्च 2021 से कोलंबो के गाले फेस में निर्धारित एक एयर शो में भाग लेंगी ।

भारतीय वायुसेना और श्रीलंकाई वायुसेना (एसएलएएफ) के बीच प्रशिक्षणसामरिक आदान-प्रदान और पेशेवर सैन्य शिक्षा पाठ्यक्रमों के माध्यम से विविध क्षेत्रों में कई वर्षों से सक्रिय आदान-प्रदान और बातचीत हुई है ।



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श्रीलंकाई वायुसेना (एसएलएएफ) के 70 वीं वर्षगांठ समारोह में भारतीय वायुसेना की भागीदारी दोनों वायुसेनाओं के बीच साझा किए जाने वाले मजबूत पेशेवर संबंध की एक और अभिव्यक्ति है । भारतीय वायु सेना के सूर्यकिरण एयरोबेटिक टीम (एसकेएटी) ने इससे पहले वर्ष 2001 में श्रीलंकाई वायुसेना (एसएलएएफ) के 50 वें सालगिरह समारोह में हिस्सा लेने के लिए श्रीलंका का दौरा किया था । भारतीय वायु सेना के विमान जब इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए कोलंबो के आसमान में जाएंगेतो वे एक बार फिर पारंपरिक रूप से मजबूत भारतीय वायुसेना- श्रीलंकाई वायुसेना (एसएलएएफ) के संबंधों में एक और महत्वपूर्ण अध्याय की पटकथा लिखेंगे ।



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सागर स्मार्ट सिटी लिमिटेड की एडवाइजरी कमेटी की बैठक , कई निर्णय हुए

सागर स्मार्ट सिटी लिमिटेड की एडवाइजरी कमेटी की बैठक , कई निर्णय हुए

सागर। सागर स्मार्ट सिटी द्वारा शहर विकास के अनेक मुद्दों को लेकर स्मार्ट सिटी कार्यालय में एडवाइजरी (परामर्शी) समिति की बैठक संपन्न हुई। बैठक में सांसद  राजबहादुर सिंह, विधायक  शैलेन्द्र जैन, जिला कलेक्टर सह अध्यक्ष  दीपक सिंह, नगर निगमायुक्त सह कार्यकारी निदेशक , आर पी अहिरवार, स्मार्ट सिटी सीईओ  राहुल सिंह राजपूत, वरिष्ठ समाजसेविका श्रीमति मीना पिंपलापुरे (वीडियो काॅन्फ्रेंस के माध्यम से), इंजी. श्री प्रकाश चौबे, श्री राजू तिवारी, श्रीमति नेहा जैन, स्मार्ट सिटी सीएफओ श्री के पी श्रीवास्तव, सीएस श्री रजत गुप्ता, सीए श्रीमति आकांक्षा जुनेजा, असिस्टेंट प्लानर श्री प्रवीण चौरसिया, पीएमसी से श्री योगेश (वीडियो काॅन्फ्रेंस के माध्यम से) एवं टीम लीडर डॉ आलोक चौबे पीएमसी एक्सपर्ट आशीष डे सहित अन्य अधिकरी शामिल हुए। उक्त सभी की उपस्थिति में वर्तमान एवं आगामी विकास कार्यों पर सर्वसम्मिति से सुझाव दिये गए।

स्मार्ट सिटी अंर्तगत प्रोजेक्ट्स में ट्रांसपोर्ट नगर एवं मैकेनिकल काम्प्लेक्स प्रोजेक्ट, कला एवं सांस्कृतिक केन्द्र व हाट बाजार प्रोजेक्ट, मल्टीलेविल कार पार्किंग प्रोजेक्ट, अटल पार्क फेस-2 प्रोजेक्ट, लाखाबंजारा लेक रिजुवनेशन एंड लेक फ्रंट डेवलपमेंट प्रोजेक्ट, स्टार्म वाॅटर एंड ड्रेनेज प्रोजेक्ट के साथ ही सागर शहर में सागर महोत्सव आयोजन हेतु विस्तार से चर्चा की गई।


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सांसद श्री सिंह ने लाखा बंजारा लेक रिजुबनेशन प्रोजेक्ट अंतर्गत प्रगतिकार्य की चर्चा करते हुए कहा की तालाब की डीसिल्टिंग से निकलने वाली मिट्टी को ऐसे स्थल चिन्हित कर डंप करायें जहां वैकफिलिंग की आवश्यकता है जिससे वहां मिट्टी डालकर वृक्षारोपण किया जा सके, मिट्टी डालते समय वर्षा जल बहाव आदि का विशेष ध्यान रखें। इसके साथ ही मोंगा बधान का निर्माणकार्य तेजी से कराने हेतु कहा ताकि बारिस पूर्व इस कार्य को पूर्ण किया जा सके।

विधायक श्री जैन ने कहा कि अटल पार्क में हिस्ट्री आॅफ बुंदेलखड पर आधारित लाइटिंग व म्यूजिकल शो कराये जायें जिससे शहर के नागरिकों को बुदेंलखड के गौरवशाली इतिहास से आधुनिक पद्यिति से परिचित कराया जा सके। इसके साथ ही छोटी झील में पीपीपी मोड पर कुछ हिस्से में वाॅटर इंटरटेनमेंट व शेष  में वाॅटर स्पोर्टस की व्यवस्था की जाये। जिससे नागरिकों को मनोरंजन के साथ-साथ युवाओं को एशियन व ओलंपिक लेवल के गेम्स संबंधी सुविधाएं दी जा सकें व शहर की प्रतिभा को राष्ट्रीय व अंर्तराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति मिले। साबूलाल मार्केट की सरकारी जमीन का सीमांकन कराने व अतिक्रमण हटाने का भी सुझाव दिया। 

जिला कलेक्टर श्री सिंह ने कहा की यह सागर के लिए बहुत ही सौभाग्य की बात है कि मुख्यमंत्री ने स्वयं शहर विकास के 5 साल के रोड मैप की समीक्षा कर सराहना की एवं हमें निर्देशित किया था अब समय कार्यों को गति देने का है अतः जो बर्तमान में प्रोजेक्ट स्वीकृत हैं उनका कार्य युद्धस्तर पर पूर्ण करायें। अटल पार्क में मयूजिकल फाउंटेन, डिजिटल लाईट, साउंड आदि का कार्य कराया जाये। शहर में इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के साथ ही सोशल डेवलपमेंट का कार्य भी किया जाये जो कि स्मार्ट सिटी मिशन अंतर्गत नागरिकों के जीवन स्तर सुधार में मुख्यतः शामिल है। जिससे शहर के कमजोर व उपेक्षित नागरिकों को भी सुविधाएं प्रदान कर उनका जीवन स्तर बेहतर बनाया जा सके।  
    
इन बिन्दूओं पर सर्वसम्मिति से हुए निर्णय -

- अटल पार्क में डायनामिक लाइटिंग व साउंड शो कराये जायें। 

- छोटी झील में म्यूजिकल फाउंटेन, वाॅटर स्पोर्टस एवं वाॅटर इंटरटेनमेंट संबंधी कार्य किये जायें।

- मल्टी लेवल कारपार्किंग हेतु चिन्हित स्थलों का सर्वे व सीमांकन कराया जायें। 

- स्मार्ट सिटी के प्रस्तावित प्रोजेक्ट्स हेतु शहर में जमीनों का निरीक्षण कर चिन्हांकन करायें।

- ट्रांसपोर्ट एंड मैकेनिकल कॉम्प्लेक्स  हेतु चिन्हित स्थल पर पीपीपी मोड पर कार्य कराकर रेवेन्यू माॅडल पर तैयार किया जाये साथ ही शहर के सभी ट्रांसपोर्ट एंड मैकेनिकल व्यवसाइयों का सर्वे कराया जायें।


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राहुल सिंह होंगे उप चुनाव में दमोह से भाजपा प्रत्याशी, सीएम शिवराज सिंह ने की घोषणा

राहुल सिंह होंगे उप चुनाव में दमोह से भाजपा प्रत्याशी, सीएम शिवराज सिंह ने की घोषणा

दमोह। एमपी के दमोह विधानसभा सीट के उपचुनाव के लिए भाजपा से राहुल सिंह लोधी प्रत्याशी होंगे। आज दमोह में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के साथ पत्रकारों से चर्चा के दौरान घोषणा की। राहुल सिंह चार महीने पहले उपचुनावों के दौरान कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए थे। उनको मध्य प्रदेश वेयरहाउसिंग लॉजिस्टिक कार्पोरेशन का  अध्यक्ष  भी हाल ही में बनाया गया था।  राहुल लोधी ने पिछले चुनाव में वित्तमंत्री जयंत मलैया को हराया था। उधर सीएम के एलान के बाद एक बार फिर भाजपा में सरगर्मी बढ़ गई है। पूर्व मंत्री जयंत मलैया भी अपनी दावेदारी यहां से जता रहे थे। 


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प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा आज दमोह पहुंचे। इस दौरान भारतीय जनता पार्टी कार्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहां आगामी समय में दमोह विधानसभा के चुनाव हैं एवं नगरी निकाय चुनाव हैं प्रत्येक कार्यकर्ता को पूरी ताकत के साथ इस चुनौती को स्वीकार करने के साथ जीत दर्ज करानी है ।
पत्रकारो ने जब प्रत्याशी को लेकर सवाल किए तो सीएम शिवराज सिंह ने कहा कि राहुल लोधी हमारे प्रत्याशी है। प्रदेश अध्यक्ष जी इसकी घोषणा कर चुके है। 

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कोटपा एक्ट संशोधन के विरोध में महिला बीड़ी मजदूरों ने विधायक शेलेन्द्र जैन को दिया ज्ञापन विधायक बोले कानून से बीड़ी के धंधे को नुकसान होगा ,सीएम से चर्चा की है

कोटपा एक्ट संशोधन के विरोध में  महिला बीड़ी मजदूरों ने विधायक शेलेन्द्र जैन को दिया ज्ञापन

विधायक बोले कानून से बीड़ी के धंधे को नुकसान होगा ,सीएम से चर्चा की है




साग़र। केंद्र सरकार द्वारा बीड़ी कारोबार से जुड़े कोटपा कानून 2003 में संशोधन  के विरोध में आज सेकड़ो महिला बीड़ी मजदूरों ने विधायक शेलेन्द्र जैन को एक ज्ञापन मुख्यमंत्री के नाम सौंपा।  जिले भर के ग्रामीण इलाकों से आई महिलाए अपने हाथों में तख्तियां लेकर एक जुलूस की शक्ल में विधायक निवास पर पहुची। 

 सागर के रविदास वार्ड की बीड़ी मजदूर महिला भगवती देवी  ने ज्ञापन का वाचन किया। दो सौ से अधिक महिलाओं के हस्ताक्षर वाले ज्ञापन में कहा गया कि हम अनपढ़ महिलाए बीड़ी बनाकर अपनी रोजीरोटी चलाते है। ऐसा पता चला है कि कोटपा कानून में बदलाव आने वाला है। इसका बुरा असर बीड़ी पर पड़ेगा। बीड़ी का बनवाना कम हो जाएगा। हम लोगो को खेती किसानी भी नही आती है। सरकार ने महिलाओं के हिता में कई अच्छी योजनाएं भी चलाई है। हमारी महिलाओं की मांग है कि इस कोटपा कानून में कोई बदलाव नही लाये । ताकि परेशान नही होना पड़े। महिलाएँ घर-परिवार को सहजता से सम्भालते हुए आत्मनिर्भर ढंग से बीड़ी बनाकर अपने परिवार की आय बढ़ातीं हैं। 

पढ़े : कोटपा एक्ट संशोधन के विरोध में सेकड़ो महिला बीड़ी मजदूरों ने सांसद को दिया ज्ञापन,
★ सांसद राजबहादुर सिंह ने कहा नही होगा बीड़ी मजदूरों का नुकसान -



कोटपा कानून से बीड़ी कारोबार को नुकसान, मुख्यमंत्री से चर्चा हुई है : विधायक शेलेन्द्र जैन

इस मौके पर विधायक शेलेन्द्र जैन ने बीड़ी मजदूरों को भरोसा दिलाया कि इस कानून के विपरीत पढ़ने वाले संशोधनों को लागू नही होने दिया जाएगा। पिछले दिनों नगरीय प्रशासन मन्त्री भूपेंद्र सिंह के नेतृत्व में हमने एक प्रतिनिधिमंडल के साथ मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की थी। केंद्रीय मंत्री से भी बातचीत हुई है। कोटपा कानून  इतना खतरनाक है कि यह लागू हो गया तो पूरे देश से से बीड़ी का धन्धा खत्म हो जाएगा। इसका नुकसान बीड़ी मजदूरों को होगा। हम लोगो ने चर्चा कर रहे कि ऐसे संशोधन लागू नही हो जिनसे मजदूरों का नुकसान हो। 
इस मौके पर भारी संख्या में सागर और आसपास के इलाकों से बीड़ी महिला मजदूर आई थी। 


*ये है कोटपा एक्ट के संशोधन*

भारत सरकार स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा १/१/२१ को सिगरेट एंड अदर टोबको प्रॉडक्ट्स ऐक्ट, COTPA, २००३, की मौजूदा कड़क नियमावली में और भी अधिक कठोर संशोधन प्रस्तावित किए गए हैं । अगर ये प्रस्तावित संशोधन क़ानून मै बदलते हैं, तो २०० वर्ष पुराना "हस्त निर्मानित, सम्पूर्ण स्वदेशी" बीड़ी का कुटीर उद्योग रातों रात समाप्त होने की स्तिथि में आ जाएगा। इन संशोधनों के कुछ मुख्य मुद्दे, जिनका नकारात्मक प्रभाव बीड़ी उद्योग से जुड़े लगभग तीन करोड़ कामगारों पर पड़ेगा, इस प्रकार है: 
बीड़ी के बंडल पैकेट पर ब्रांड का नाम छापने की मनाई 
बीड़ी के बंडल पेक में सरकार द्वारा निर्धारित की गयी संख्या ही 
बीड़ी बिक्री और व्यापार के लिए सरकार से, दुकानदार से ले कर छोटे से छोटे ग्रामीण रेडी और फेरी वालों तक को, विशेष ट्रेड लाइसेन्स लेना अनिवार्य रहेगा
हस्त निर्मित बीड़ी के हाथ से बंधे, शंकु आकर, छोटे से बंडल पर भी निर्माण की तारीख़ और बीड़ी दाम छापना पड़ेगा  
मौजूदा कठोर विज्ञापन प्रतिबंध के ऊपर और भी सख़्त प्रतिबंद प्रस्तावित, जैसे दुकान या गोदाम पर बीड़ी सूचना बोर्ड लगाना वर्जित , बीड़ी ब्रांड या नाम से अन्य कोई भी प्रकार का उत्पाद और उसकी बिक्री वर्जित इत्यादि
नियमों के ना पालन करने पर अति सख़्त दंड, जैसे कारावास, और सबसे उच्च कोटि का जुर्माना प्रस्तावित

इन प्रवधानो का निष्ठा से पालन, विशेष रूप से एक पूर्णतः हस्त निर्मित कुटीर उद्योग को करना, असम्भव है। COTPA २००३ के नए प्रस्तावित संशोधन बीड़ी उद्योग की समाप्ति का कारण और इस उद्योग से जुड़े तीन करोड़ से अधिक श्रमिक का बेरोज़गारी का कारण बन सकते हैं। बीड़ी के काम में ८५ लाख कारीग़र जुड़े है, जिन में से महिलयों की संख्या ६५ लाख है। ये महिला श्रमिक घर बैठ बीड़ी बना कर अपना रोज़गार कमाती हैं, अपने परिवारों का पालन पोषण इस रोज़गारी से करती हैं। तेंदू पत्ता के तुड़वायी में ७० लाख औरत और आदिवासी  जुड़े है। बीड़ी के तम्बाकू के उत्पादन में ३० – ४० लाख से अधिक किसान और श्रमिक जुड़े है। ७५ लाख छोटे दुकानदार देहातों में बीड़ी की बिक्री कर के रोज़गार कमाते हैं । यह प्रस्तावित संशोधन क़ानून बन कर लागू होने पर बीड़ी की बिक्री सबसे अधिक घटेगी,  मशीन निर्मित सिगरेट और खाने की तंबाखु  से कहीं ज़्यादा, जो इस तरह की रोज़गारी नहीं देते हैंऔर ना ही दे सकते हैं। COTPA के प्रस्तावित संशोधन के तहत बीड़ी बिक्री गिरने पर बीड़ी श्रमिकों के रोज़गार पर बहुत गहरा और नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। ध्यान रखने की बात यह भी है की महिलाएँ ग्रहणी के कर्तव्य निभाते हुए, घर बैठ के ही,  अपनी सवेछा से यह काम करती हैं और आत्मा निर्भर भारत का प्रतीक हैं। इन ६५ लाख रेजिस्टर्ड बीड़ी महिला श्रमिकों को आज हाल में इस तरह का कोई भी घर बेठे आमदनी देने वाला निपुण कार्य नहीं आता है।यह हस्त निपुणता से बना, रोज़गारी देने वाला उत्पाद इन महिला श्रमिकों का वर्षों से स्वाभिमान और आत्मनिर्भरता का प्रतीक है। इन हालात को देखते हुए सरकार को बीड़ी से जुड़े करोड़ों श्रमिकों का ध्यान, अन्य तंबाखु उत्पादों से अलग रख कर, करना उचित रहेगा। सरकार को बीड़ी श्रमिकों के रोज़गार, बीड़ी उद्योग पर लागू होने वाले क़ानून और समाज का स्वास्थ्य, तीनों मुद्दों पर संतुलित विचार करना उचित और आवश्यक है।

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सिवनी : कुएं में गिरी कार, टीआई और एक आरक्षक की मौत

सिवनी : कुएं में गिरी कार, टीआई और एक आरक्षक की मौत

सिवनी।  मध्यप्रदेश के सिवनी जिले के बंडोल थाना अंतर्गत पौड़ी गांव में बीती रात्रि में स्कार्पियो कार से लौट रहे छपारा पुलिस थाना प्रभारी नीलेश परतेती का वाहन एक आरक्षक सहित सड़क से कुछ  खेत के कुएं में जा गिरा। हादसे में  छपारा थाने में पदस्थ पुलिस निरीक्षक नीलेश परतेती व वाहन चला रहे आरक्षक चंदकुमार चोधरी  की मौके पर मौत हो गई। 
सूत्रों के मुताबिक  वाहन में सवार थाना प्रभारी व एक आरक्षक बीती रात कन्हीवाडा क्षेत्र से कलारबांकी- बंडोल होते हुए पुलिस थाना छपारा लौट रहे थे। कलारबांकी- बंडोल के बीच पौड़ी गांव के नजदीकी सड़क किनारे खेत में लगे ट्रांसफार्मर से टकरा कर कार अनियंत्रित होकर पास ही कुएं में जा गिरी।

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घटना की खबर लगते ही  बंडोल थाना पुलिस सहित आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए। शव व दुघर्टनाग्रस्त स्कार्पियो वाहनों को कुएं से निकाल लिया गया है। जिला अस्पताल में शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। इस हादसे से पुलिस विभाग का महकमा हतप्रभ है। टीआई नीलेश परतेती छिंदवाड़ा जिले के निवासी थे। बीते दो साल से परतेती छपारा थाना प्रभारी की रूप में पदस्थ थे। वहीं आरक्षक चंदकुमार चौधरी मूलतः जिले के बखारी गांव निवासी बताया गया है, जो बीते कई सालों से बालाघाट जिले में परिवार के साथ रह रहे थे।




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सागर : NH 26 पर कंटेनर ने बाइक सवार को कुचला, तीन की मौत


सागर : NH 26 पर कंटेनर ने बाइक सवार को कुचला, तीन की मौत



साग़र। सागर जिले के गौरझामर पुलिस थाने के अंतर्गत एनएच 26 हाईवे रोड पर गुरु चोपड़ा के सामने एक कंटेनर ने बाइक को कुचल दिया। जिस पर सवार दो युवकों और एक महिला की मौके पर मौत हो गई। वाहन चालक फरार बताया जा रहा है। कंटेनर नागालैंड से नरसिंहपुर तरफ जा रहा था। 

गौरझामर के पास नेशनल हाईवे-26 पर
शनिवार दोपहर 12 बजे एक्सीडेंट हो गया । जिसमें तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। मरने वाले तीनों खमरिया केसली गांव के बताए जा रहे हैं,।इनमे महिला मुंडो उम्र 45 वर्ष निवासी खमरिया ,राम शंकर पटेल पुत्र उम्र 28 वर्ष प्रमोद पटेल उम्र 22 वर्ष निवासी ग्राम खमरिया बताए जा रहे है। पुलिस के मूताबिक ये  बाइक से गौरझााार से खमरिया जा रहे  थे।  बरकोटी घाटी के पास तीनों की बाइक कंटेनर के नीचे आ गई और इंजन के पास फंस गई। तेज रफ्तार कंटेनर ने तीनों बाइक सवार को रौंद दिया। इससेउनके शव बुरी तरफ क्षत-विक्षत हो गए।
ग्रामीणों की सूचना पर घटना के बाद मौके पर तुरंत गौरझामर पुलिस पहुंची। कंटेनर को कब्जे में लेकर हाईवे किनारे साइड में खड़ा कराया। चालक व क्लीनर मौके से फरार बताए जा रहे हैं। पुलिस मृतकों की पहचान कर हादसे की जांच कर रही है।कंटेनर क्रमांक एन एल  एन एल 01 एन 4340 जो नागालैंड से नरसिंहपुर की ओर जा रहा था।


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