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सागर : तीन स्थानों पर दीनदयाल अंत्योदय रसोई शुरू , 10 रूपये में मिलेगा भरपेट भोजन
सागर । मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा मिंटो हॉल भोपाल से प्रदेश में पंडित दीनदयाल अंत्योदय रसोई योजना के द्वितीय चरण में रसोई केंद्रों का वर्चुअल माध्यम से लोकार्पण किया गया।
100 केंद्रों में सागर जिले के 3 केंद्र भी शामिल हैं। सागर में मुख्य बस स्टैंड परिसर, जिला चिकित्सालय परिसर धर्मशाला के बाजू में और कटरा बाजार स्थित पद्माकर स्कूल में दीनदयाल रसोई केंद्र शुरू हो गया है।इन तीनों स्थानों पर प्रातः 10रू00 बजे से दोपहर 3रू00 बजे तक जरूरतमंदों को 10 रूपये में भरपेट भोजन की व्यवस्था की गई है। नगर निगम सागर द्वारा मिंटो हॉल भोपाल में आयोजित कार्यक्रम के सीधे प्रसारण की व्यवस्था एल ई डी के माध्यम से जिला चिकित्सालय परिसर में आयोजित कार्यक्रम में की गई। जिसे लोगों ने देखा एवं सुना। इस अवसर पर डॉ सुखदेव मिश्रा, डॉ सुशील तिवारी, नगर निगम आयुक्त श्री आरपी अहिरवार, स्मार्ट सिटी सीईओ श्री राहुल सिंह राजपूत और नागरिक गण उपस्थित थे।
केंद्रीय राज्य मंत्री प्रह्लाद पटेल ने किया नवीन जनपद पंचायत का वर्चुअल शुभारंभ
★ विधायक श्री तरवर सिंह ने फीता काटकर जनपद पंचायत कार्यालय किया जनता को समर्पित
सागर। केन्द्रीय पर्यटन एवं संस्कृति राज्यमंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने शुक्रवार को दिल्ली से वर्चुअल कांफ्रेंस के माध्यम से हिस्सा लेकर बंडा तहसील के नवीन जनपद पंचायत कार्यालय का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर बंडा विधायक श्री तरवर सिंह लोधी ने कहा कि बंडा विधानसभा क्षेत्र में हमेशा सुहरता का वातावरण रहा है। सभी दल के लोग एक दूसरों को सम्मान देते हैं। हमारे बुर्जुगों के द्वारा जो हमें संस्कार दिए हैं उसी का यह सारगर्भित फल है।
उन्होंने कहा कि बंडा क्षेत्र में पर्यटन की अनेक संभावनाएं हैं उन्हें नक्शे में लाने के लिए आप अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं। उन्होंने बताया कि नगर से जनपद पंचायत कार्यालय की दूरी अत्याधिक होने पर उन्होंने सरपंच , सचिव से निवेदन किया कि बेहतर काम करके दिखाएं ताकि जनता को अपने कामों के लिए इतनी दूरी तक आने की परेशानी न झेलनी पड़े।
ग्राम पंचायतों में ही ग्रामवासियों की समस्याओं का निराकरण हो जाये। उन्होंने कहा अगर इसके बाद भी ग्रामों से किसी प्रकार की शिकायत आती है तो वे संबंधित रोजगार सहायक, सचिव, सरपंच पर कार्रवाई के लिए पत्र लिखूंगे। इसके उपरांत विधायक श्री लोधी ने नवीन जनपद कार्यालय का फीता काटकर उद्घाटन किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे भाजपा जिला अध्यक्ष गौरव सिरोठिया ने कहा केंद्र एवं राज्य पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के सपनों को साकार करने में लगी हुई है। श्री उपाध्याय जी का सपना था अंतिम पंक्ति में बैठे व्यक्ति तक सभी सुविधाएँ पहुंचें। इस कार्य को केंद्र एवं राज्य सरकार बखूबी निभा रही है। उन्होंने उपस्थित जनप्रतिनिधियों, सरपंच, सचिव से आग्रह किया कि सरकार जो भी योजनाएं चला रही है उसका वास्तविक व्यक्ति तक लाभ जरुर पहुंचाये। नवीन जनपद पंचायत कार्यालय उद्घाटन में एसडीएम सुश्री शशि मिश्रा, जनपद पंचायत अध्यक्ष श्री प्रशांत सिंह विधायक प्रतिनिधि श्री गौरव जैन , पूर्व जिलाध्यक्ष श्री जाहर सिंह सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी, कर्मचारी उपस्थित थे।
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कोटपा एक्ट संशोधन के विरोध में सेकड़ो महिला बीड़ी मजदूरों ने सांसद को दिया ज्ञापन, ★ सांसद राजबहादुर सिंह ने कहा नही होगा बीड़ी मजदूरों का नुकसान
कोटपा एक्ट संशोधन के विरोध में सेकड़ो महिला बीड़ी मजदूरों ने सांसद को दिया ज्ञापन, ★ सांसद राजबहादुर सिंह ने कहा नही होगा बीड़ी मजदूरों का नुकसान
साग़र। केंद्र सरकार द्वारा बीड़ी कारोबार से जुड़े कोटपा कानून 2003 में संसोधन लागू होने वाला है। इसका विपरीत असर बीड़ी कारोबार पर पड़ेगा। इस स्थिति में यह धंधा बन्द हो जाएगा। कोटपा कानून संशोधन के विरोध में आज सेकड़ो महिला बीड़ी मजदूरों ने सांसद राजबहादुर सिंह से मुलाकात की और एक ज्ञापन प्रधानमंत्री और केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री के नाम सौंपा। जिले भर के ग्रामीण इलाकों से आई महिलाए अपने हाथों में तख्तियां लेकर एक जुलूस की शक्ल में सांसद कार्यालय पहुची।
गम्भीरिया ग्राम की महिला अमिता देवी ने ज्ञापन का वाचन किया। दो सौ से अधिक महिलाओं के हस्ताक्षर वाले ज्ञापन में कहा गया कि हम अनपढ़ महिलाए बीड़ी बनाकर अपनी रोजीरोटी चलाते है। ऐसा पता चला है कि कोटपा कानून में बदलाव आने वाला है। इसका बुरा असर बीड़ी पर पड़ेगा। बीड़ी का बनवाना कम हो जाएगा। हम लोगो को खेती किसानी भी नही आती है। हम महिलाओं की मांग है कि इस कोटपा कानून में कोई बदलाव नही लाये । ताकि परेशान नही होना पड़े। महिलाएँ घर-परिवार को सहजता से सम्भालते हुए आत्मनिर्भर ढंग से बीड़ी बनाकर अपने परिवार की आय बढ़ातीं हैं।
बीड़ी मजदूर घबराए नही,उनके हित मे होगा निर्णय: सांसद राजबहादुर
इस मौके पर सांसद राजबहादुर सिंह ने महिलाओं से कहा कि किसी तरह से घबराने या चिंता करने की जरूरत नही है। हम सभी मिलकर प्रयास कर रहे है कि बदलाव नही हो।बीड़ी का कारोबार सागर, दमोह ,जबलपुर होशंगाबाद सहित प्रदेश के कई इलाकों में है। कोटपा कानून को लेकर केंद्रीय मंत्रियों से श्री प्रह्लाद पटेल राकेश सिंह, उदयप्रताप सिंह सहित अन्य सांसदों ने चर्चा की थी। कुछ अन्य राज्यो के सांसद भी इस मामले में गम्भीर है। फिलहाल इस कानून को 31 मार्च तक के लिए होल्ड पर रखा गया है। केन्द्रीय मन्त्रीगण ने चर्चा में आश्वस्त किया है कि बीड़ी उधोगपतियों और संगठनों से चर्चा कर इसमे समस्याओं का निराकरण करेंगे।
ज्ञापन देने वालो में मंगरोन ,साईंखेड़ा , गम्भीरिया, बण्डा ,पथरिया, गुरैया,गढाकोटा, सिमरिया, आबचन्द, पामाखेड़ी, शाहपुर, गिरवर, भेंसवाही ,डूंगासरा ,खड़ियाभान, आमोदा, पड़रिया, रगोली, भोसरी सहित कई गांवों से बीड़ी मजदूर महिलाई आई थी।
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ये है कोटपा एक्ट के संशोधन
भारत सरकार स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा १/१/२१ को सिगरेट एंड अदर टोबको प्रॉडक्ट्स ऐक्ट, COTPA, २००३, की मौजूदा कड़क नियमावली में और भी अधिक कठोर संशोधन प्रस्तावित किए गए हैं । अगर ये प्रस्तावित संशोधन क़ानून मै बदलते हैं, तो २०० वर्ष पुराना "हस्त निर्मानित, सम्पूर्ण स्वदेशी" बीड़ी का कुटीर उद्योग रातों रात समाप्त होने की स्तिथि में आ जाएगा। इन संशोधनों के कुछ मुख्य मुद्दे, जिनका नकारात्मक प्रभाव बीड़ी उद्योग से जुड़े लगभग तीन करोड़ कामगारों पर पड़ेगा, इस प्रकार है:
• बीड़ी के बंडल पैकेट पर ब्रांड का नाम छापने की मनाई
• बीड़ी के बंडल पेक में सरकार द्वारा निर्धारित की गयी संख्या ही
• बीड़ी बिक्री और व्यापार के लिए सरकार से, दुकानदार से ले कर छोटे से छोटे ग्रामीण रेडी और फेरी वालों तक को, विशेष ट्रेड लाइसेन्स लेना अनिवार्य रहेगा
• हस्त निर्मित बीड़ी के हाथ से बंधे, शंकु आकर, छोटे से बंडल पर भी निर्माण की तारीख़ और बीड़ी दाम छापना पड़ेगा
• मौजूदा कठोर विज्ञापन प्रतिबंध के ऊपर और भी सख़्त प्रतिबंद प्रस्तावित, जैसे दुकान या गोदाम पर बीड़ी सूचना बोर्ड लगाना वर्जित , बीड़ी ब्रांड या नाम से अन्य कोई भी प्रकार का उत्पाद और उसकी बिक्री वर्जित इत्यादि
• नियमों के ना पालन करने पर अति सख़्त दंड, जैसे कारावास, और सबसे उच्च कोटि का जुर्माना प्रस्तावित
इन प्रवधानो का निष्ठा से पालन, विशेष रूप से एक पूर्णतः हस्त निर्मित कुटीर उद्योग को करना, असम्भव है। COTPA २००३ के नए प्रस्तावित संशोधन बीड़ी उद्योग की समाप्ति का कारण और इस उद्योग से जुड़े तीन करोड़ से अधिक श्रमिक का बेरोज़गारी का कारण बन सकते हैं। बीड़ी के काम में ८५ लाख कारीग़र जुड़े है, जिन में से महिलयों की संख्या ६५ लाख है। ये महिला श्रमिक घर बैठ बीड़ी बना कर अपना रोज़गार कमाती हैं, अपने परिवारों का पालन पोषण इस रोज़गारी से करती हैं। तेंदू पत्ता के तुड़वायी में ७० लाख औरत और आदिवासी जुड़े है। बीड़ी के तम्बाकू के उत्पादन में ३० – ४० लाख से अधिक किसान और श्रमिक जुड़े है। ७५ लाख छोटे दुकानदार देहातों में बीड़ी की बिक्री कर के रोज़गार कमाते हैं । यह प्रस्तावित संशोधन क़ानून बन कर लागू होने पर बीड़ी की बिक्री सबसे अधिक घटेगी, मशीन निर्मित सिगरेट और खाने की तंबाखु से कहीं ज़्यादा, जो इस तरह की रोज़गारी नहीं देते हैंऔर ना ही दे सकते हैं। COTPA के प्रस्तावित संशोधन के तहत बीड़ी बिक्री गिरने पर बीड़ी श्रमिकों के रोज़गार पर बहुत गहरा और नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। ध्यान रखने की बात यह भी है की महिलाएँ ग्रहणी के कर्तव्य निभाते हुए, घर बैठ के ही, अपनी सवेछा से यह काम करती हैं और आत्मा निर्भर भारत का प्रतीक हैं। इन ६५ लाख रेजिस्टर्ड बीड़ी महिला श्रमिकों को आज हाल में इस तरह का कोई भी घर बेठे आमदनी देने वाला निपुण कार्य नहीं आता है।यह हस्त निपुणता से बना, रोज़गारी देने वाला उत्पाद इन महिला श्रमिकों का वर्षों से स्वाभिमान और आत्मनिर्भरता का प्रतीक है। इन हालात को देखते हुए सरकार को बीड़ी से जुड़े करोड़ों श्रमिकों का ध्यान, अन्य तंबाखु उत्पादों से अलग रख कर, करना उचित रहेगा। सरकार को बीड़ी श्रमिकों के रोज़गार, बीड़ी उद्योग पर लागू होने वाले क़ानून और समाज का स्वास्थ्य, तीनों मुद्दों पर संतुलित विचार करना उचित और आवश्यक है।
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