★डॉ. इच्छित गढ़पाले जिपं सीईओ ने हरी झंडी दिखा रवाना की 40 युवतियां
सागर । कद के बौनेपन के तंज़ को धता बताते हुए सालेहा ने अब आत्म निर्भर होकर घर की बड़ी बहिन होने का फर्ज अदा करने अपनी हैसियत और पहचान बनाने की राह पकड़ ली है। ग्राम पापेट विकासखण्ड बंडा की मेडीकल गु्रप से बीएससी कुमारी सालेहा खान अपने कद के बौनेपन के माखौल से परेशान थी। टेक्सी ड्राइवर उसके पिता खुद भी इसी बात के शिकार हैं। ड्राइव करते उनके पैर थक जाते हैं। बच्चों का पेट पालने वे भी मजबूर हैं। बेटी को लगा कि उसे भी अपने परिवार में बड़ा होने का दायित्व पूरा करना है। डीडीयू-जीकेवॉय के अंतर्गत प्रशिक्षण पूरा कर उसने आज हैदराबाद की राह पकड़ी।
आजीविका मिशन के अंतर्गत संचालित डीडीयू-जीकेवॉय में 40 युवतियों को आवासीय प्रशिक्षण के उपरांत हैदराबाद आज डॉ. इच्छित गढ़पाले मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर प्रशिक्षु प्रतिभागियां से चर्चा करते हुए डॉ. गढ़पाले ने कहा है कि बहुत खुशी की बात है कि आप लोगों ने कोरोना काल में भी अपने प्रशिक्षण को पूरा किया है। आपके माता-पिता ने लालन पालन में अपनी ओर से हर संभव कोशिश की अब हमारा फर्ज बनता है कि अब हम भी आत्म निर्भर होकर अपने परिवार के लिए कुछ कर सकें। उन्होंने कहा कि बेटियां अब बेटों से कम नहीं हैं। हमें भी आगे बढ़कर समाज के हर क्षेत्र में अपना स्थान बनाना है।