प्रदूषण फैलाने वाले स्टोन क्रेशरों पर होगी सख्त कार्यवाही , सागर जिले में तीन दल गठित
सागर । पर्यावरण मंत्री श्री हरदीप सिंह डंग ने 22 दिसंबर को भोपाल में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों के साथ हुई बैठक में निर्देशित किया कि कुछ स्टोन क्रेशर बिना प्रदूषण नियंत्रण व्यवस्था किए ही संचालित होने की शिकायतें प्राप्त हो रही हैं। मंत्री ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों को निर्देशित किया कि ऐसे स्टोन क्रेशर उद्योगों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जाये, उनका सर्वेक्षण कराया जाये और यदि आवश्यक हो तो नियमानुसार क्रेशरों को बंद कराया जाए और उनसे संबंधित खनिज लीज भी निरस्त करने की कार्यवाही की जाये।
क्षेत्रीय अधिकारी सागर श्री एस.पी.झा ने बताया कि मंत्री ने उद्योगों के संबंध में जानकारी प्राप्त की तथा स्टोन क्रेशरों पर विशेष रूप से चर्चा के दौरान उन्होंने बताया कि कुछ स्टोन क्रेशर जो सड़क के किनारे या बस्तियों के आस - पास स्थापित है उनसे प्रदूषण की समस्याएँ होती हैं। ऐसे स्टोन केशर को चिन्हित कर उनके विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जाये और यदि आवश्यक हो तो उनसे संबंधित खनिज लीज निरस्त करने की भी कार्यवाही की जाये ।
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क्षेत्रीय अधिकारी सागर ने बताया कि क्षेत्रीय कार्यालय सागर हेतु डॉ आर.के.जैन मुख्य रसायनज्ञ के मार्गदर्शन में क्रमशः श्री व्ही.के. श्रीवास्तव रसायनज्ञ , श्री बल्देव सिंह ठाकुर रसायनज्ञ , एवं श्री राम बहोर यादव रसायनज्ञ, के 03 दल गठित किये गये हैं जो जिले के विभिन्न क्षेत्रों का सर्वेक्षण करेंगे और जानकारी उपलब्ध करायेगे । आकस्मिक रूप से स्वयं क्षेत्रीय अधिकारी भी क्रेशरों का निरीक्षण करेंगे और यदि कोई केशर प्रदूषण फैलाते हुए संचालित पाया जायेगा तो उनके विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जायेगी । क्षेत्रीय अधिकारी ने बताया कि स्टोन क्रेशर उद्योगों में प्रदूषण नियंत्रण की जो आवश्यक व्यवस्थाएँ की जानी जरूरी होती हैं , वह निम्नानुसार हैं : क्रेशिंग मशीन एवं स्कीन को पूर्ण रूप से एम.एस. शीट से कवर करना । क्रेशर मशीन के पास जल छिड़काव की व्यवस्था करना एवं डस्ट कनवेयर में पानी की छिड़काव की व्यवस्था करना । विंड ब्रेकिंग वाल बनाना या ऊँची बाउण्ड्री वाल का निर्माण करना साथ ही बाउण्ड्री के पास सघन वृक्षारोपण करना एवं इसके साथ ही परिवहन मार्गों पर पानी का छिड़काव करना है । साथ ही अगर कोई भी उद्योग बिना प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की सम्मति के संचालित होना पाया जायेगा तो उनके विरूद्ध कार्यवाही के साथ ही वैद्यानिक कार्यवाही भी जायेगी जिसमें माननीय न्यायालय में भी उनके विरूद्व प्रकरण दायर किया जायेगा ।
क्षेत्रीय अधिकारी श्री झा ने सभी उद्योगों के मालिकों को समझाइश दी है कि वह नियमों का पालन करें और ऐसी स्थिति निर्मित नहीं होने दें जिससे प्रदूषण संबंधी समस्या हो तथा जिनके यहाँ व्यवस्था नहीं है वह एक सप्ताह के अन्दर शर्तों के अनुसार व्यवस्थाएँ पूर्ण करें।
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