स्ट्रेचर पर शादी....... शादी के आठ घण्टे पहले एक हादसे में घायल हुई थी दुल्हन

स्ट्रेचर पर शादी.......
शादी के आठ घण्टे पहले एक हादसे  में घायल हुई थी दुल्हन

लखनऊ। उत्तर प्रदेश से एक दिल को खुश कर देने वाली ख़बर आई है. जहां एक युवक ने शादी से मात्र 8 घंटे पहले हादसे का शिकार हुई अपने अपंग मंगेतर को अपनाकर  समाज के सामने एक नई मिसाल पेश की । 

उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के कुंडा इलाके की रहने वाली आरती मौर्य की शादी नजदीक के ही गांव के अवधेश के साथ तय हुई थी. 8 दिसंबर को बारात आनी थी. दोनों ही घरों में शहनाइयां बज रही थीं. परिवार के सदस्य और दूसरे मेहमान तैयार हो रहे थे, तभी दोपहर एक बजे के करीब एक छोटे बच्चे को बचाने के चक्कर में दूल्हन आरती का पैर फिसल गया और वो छत से नीचे गिर गई. उसकी रीढ़ की हड्डी पूरी तरह टूट गई. कमर और पैर समेत शरीर के दूसरे हिस्सों में भी चोट आई.  उसे प्रयागराज के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया. 


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डॉक्टरों ने जब ये बताया कि फिलहाल वो अपंग हो गई है और कई महीने तक बिस्तर से नहीं हिल सकती तो सभी के होश उड़ गए. आरती के घरवालों और दूसरे लोगों को लगा कि लड़के वाले अब शादी तोड़ देंगे, क्योंकि इलाज के बावजूद उसके पूरी तरह ठीक होने की उम्मीद थोड़ी कम थी. परिवार वालों ने दूल्हे अवधेश और उसके घरवालों को दुल्हन आरती की छोटी बहन से शादी का ऑफर दिया.

लेकिन अवधेश ने कहा कि वो इस हालत में भी न सिर्फ आरती को पत्नी के तौर पर अपनाएगा, बल्कि शादी भी उसी दिन तय वक्त पर ही होगी. अवधेश ने कहा भले उसे अस्पताल के बेड पर जाकर ऑक्सीजन सपोर्ट सिस्टम के सहारे इलाज करा रही आरती की मांग भरनी पड़े, लेकिन शादी नहीं टलेगी. अवधेश की जिद पर डाक्टरों की टीम से परमीशन लेकर आरती को दो घंटे बाद एम्बुलेंस से वापस घर लाया गया. उसे स्ट्रेचर पर लिटाकर शादी की रस्में अदा की गईं. ऑक्सीजन और ड्रिप लगी होने की सूरत में ही उसकी मांग भरी गई. आम दुल्हनों की तरह आरती की भी विदाई हुई. ये अलग बात है कि ससुराल जाने के बजाय वो वापस अस्पताल लाई गई. अगले दिन होने वाले ऑपरेशन के फार्म पर खुद अवधेश ने पति के तौर पर दस्तखत किए.

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कोरोना काल मे दी खूब सेवाएं , मोत के बाद नही मिला कोविड योद्धा कल्याण योजना का लाभ ★ सागर के NHM के डाटा एंट्री आपरेटर स्व:भीष्म दुबे के परिजन वापिस करेंगे सम्मान पत्र

कोरोना काल मे दी खूब सेवाएं , मोत के बाद नही मिला कोविड योद्धा कल्याण योजना का लाभ
★ सागर के NHM के डाटा एंट्री आपरेटर स्व:भीष्म दुबे  के परिजन वापिस करेंगे सम्मान पत्र


सागर। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, सागर में 14 सालों से कार्यरत सविदा डाटा एंट्री आपरेटर भीष्म दुबे ने कोरोना काल मे 18 -20 घण्टे तक सेवाएं दी । विभागीय प्रताड़ना  भी  कई बार झेली। उनके बेहतर कार्यो के लिए कलेक्टर ने सराहा और  सम्मानपत्र  भी किया । लेकिन उनकी मौत के बाद  भीष्म दुबे का परिवार असहाय और अवसाद की स्थिति में है। उनको कोविड योद्धा कल्याण योजना का लाभ नही मिल पाया। अब पत्नी और बच्चों ने सम्मानपत्र सरकार को वापिस करने का निर्णय लिया है। 
स्व भीष्म दुबे की पत्नी अर्चना दुबे, परिजन और सविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के प्रांतीय संयोजक अमिताभ चौबे ने मीडिया से इस बारे में चर्चा  भी की। 
श्री मति अर्चना दुबे ने बताया  कि मेरे पति स्व.श्री भीष्म दुबे एन.एच.एम. के अंतर्गत मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय सागर में डाटा एंट्री ऑपरेटर के संविदा के पद पर विगत 14 वर्षो से कार्यरत थे। कोविड-19 के चलते उन्हें उच्च अधिकारियों द्वारा जिला स्तरीय डाटा प्रबंधक का कार्य प्रभार सौंपा गया था। जिसके तहत कोविड-19 की समस्त विस्तृत जानकारियों का कलेक्शन एवं पोर्टल अपडेशन का मेरे पति द्वारा किया जा रहा था।

काम के चलते तनावग्रस्त रहे भीष्म दुबे

उन्होंने बताया कि वे सुबह 6.00 बजे से लगातार कार्य करते थे एवं रात्रि 1.00 बजे उनके द्वारा पोर्टल को अपडेट किया जाता था। अत्याधिक कार्य व उक्त कार्य हेतु नियुक्त अन्य सहकर्मियों से आपेक्षित सहयोग प्राप्त न होने व कुछ उच्च अधिकारियों द्वारा उनको अनावश्यक मानसिक रूप से प्रताड़ित किये जाने से उनको तनावग्रस्त स्थिति में हम लोगों ने देखा था।
अगस्त में उनकी तबियत खराब होने पर भी सहकर्मी उच्च अधिकारियों के निर्देश पर घर पर आकर भी मेरे पति से कार्य करवाते थे।
27 अगस्त को हुई मौत
दिनांक 27 अगस्त 2020 की रात को पोर्टल अपडेट करते हुए भीष्म दुबे को  सीने में दर्द उठा और कुछ समय बाद उनकी मृत्यु हो गई।  जबकि उनकी कभी भी किसी भी प्रकार की मेडिकल हिस्ट्री नहीं रही।


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कोविड योद्धा कल्याण योजना में किया  दावा, अनुशंसा भी हुई

भीष्म दुबे की  मृत्यु के पश्चात् परिजनों नेकोविंड योद्धा कल्याण योजना के तहत दावा प्रस्तुत किया। जिस पर कोई भी सकारात्मक कार्यवाही नहीं की गई, जबकि परिजनों को सक्षम अधिकारियों द्वारा आश्वासन भीदिया गया था।
पत्नी ने बताया कि  उनकी मृत्यु के पश्चात् हमें घर से ही, उनके द्वारा दिये गये त्याग पत्र प्राप्त हुआ। जिस हेतु मेरे द्वारा जॉच हेतु आवेदन भी दिया गया परन्तु आज तक उस संदर्भ में कोई भी कार्यवाही नहीं की गई।कोविड योद्धा कल्याण योजना के तहत हाल ही में जिला स्तरीय कमेटी द्वारा एक गैर स्वास्थ्य सहायक ग्रेड-2 कर्मचारी को भी पात्र मानकर 50 लाख रूपये की राशि स्वीकृत करने हेतु अनुशंसा की गई है। जबकि मेरे पति के संबंधित सेवाओं के विषय में जिला, संभाग व राज्य स्तर के किसी
भी कर्मचारी/ अधिकारी से यह कमेटी बयान ले सकती है। मेरे पति ने 6 माह तक लगातार प्रतिदिन 16-18 घण्टे कार्य किया है पर आज उनको कोविंड योद्धा मानने से इंकार किया जा रहा है, जबकि उन्हें पूर्व  कलेक्टर प्रीति मैथिल एवं वर्तमान कलेक्टर दीपक सिंह  द्वारा सम्मानित भी किया गया था।
सम्मानपत्र वापिस करेंगे
पत्नी अर्चना दुबे का कहना है कि यदि मेरे पति को कोविड योद्धा स्वीकार नहीं किया जा सकता है तो माननीय उच्चाधिकारियों से लिखित में स्पष्ट कथन चाहूँगी कि उनकी सेवाओं में
क्या कमी थी। अतः मेरे पति की मृत्यु व मृत्यु के उपरांत विभागीय स्तर पर हो रही हीलाहवाली के चलते मेरा परिवार बुरी तरह से अवसाद की स्थिति में है। यदि मृत्यु के 12 दिवस पूर्व मेरे पति को कोरोना योद्धा के रूप में जिला प्रशासन
सम्मानित कर रहा था तो वही उनकी मृत्यु के पश्चात् ना सिर्फ मेरे प्रकरण को स्वीकृत नहीं कर रहा है। साथ ही मेरे द्वारा पूर्व में दिये गये आवेदनों पर कोई कार्यवाही भी नहीं कर रहा है।
प्रशासनिक स्तर पर इस उदासीनता को देखते हुए अब मैं अपने बच्चों सहित आगामी दिनांक 22 दिसम्बर  दिन मगलवार को कलेक्टर  के समक्ष जाकर मेरे पति को दिये गये सम्मान पत्रों को वापस करूँगी।
उधर सविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ प्रांतीय संयोजक अमिताभ चौबे ने बताया कि यदि स्वास्थ्यकर्मियों को योजना का लाभ नही मिला तो जिला स्तर पर स्वास्थ्य कर्मी आंदोलन करेंगे। 


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सागर: बांध के पानी को लेकर दो पक्षों में हुए विवाद के 9 आरोपी गिरफ्तार

सागर: बांध के पानी को लेकर दो पक्षों में हुए विवाद के 9 आरोपी गिरफ्तार

सागर। सागर जिले के थाना बहरोल अंतर्गत स गारी बांध के पानी को लेकर ग्राम ढांड के ग्राम वासी एवं ग्राम बजरेडा के लोगों पर बांध का पानी छोड़ने पर से दिनांक 6 /12/20 को दोनों पक्षों में विवाद हो गया था एक दूसरे पर एक राय होकर लाठी-डंडों से प्रहार किया गया था जिसमें दर्जनों लोग घायल हुए थे सूचना पर थाना बैराड़ प्रभारी मौके पर अपने स्टाफ के साथ पहुंचे एवं तत्काल कार्रवाई करते हुए काउंटर अपराध दर्ज किया

फरियादी टीकाराम पिता मोतीलाल यादव उम्र 48 वर्ष निवासी ढांड  की रिपोर्ट पर अपराध क्रमांक 143/20 धारा 147 148 149 323 324 294 307 302 आईपीसी के तहत आरोपी आरोपी तेज सिंह रणधीर लोधी सुदामा लोधी वर्धमान चौकीदार नवीन भाई जान शुभरात्रि मुसलमान पर्वत लोधी लोटन लोधी चैन सिंह लोधी डोलन प्रजापति मनोहर चढ़ार काशीराम चढ़ार पूरन लोधी शरीफ मुसलमान के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध किया गया था

दूसरे पक्ष से फरियादी मनोहर पिता कीरत चढ़ार उम्र 45 वर्ष निवासी बजरे डा की रिपोर्ट पर आरोपी टीकाराम यादव गणेश राम सेन राकेश यादव अपार बल यादव सुजान यादव चंदन यादव धीरज यादव जनक यादव पंचू यादव उदल यादव गोपाल राय राजा यादव हाकम यादव बदन यादव रामपाल यादव साहब यादव लटकन के विरुद्ध अपराध क्रमांक 144 ऑब्लिक 20 धारा 147 148 149 294 323 324 506 आईपीसी एवं एससी एसटी एक्ट के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया था।

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इस मामले में  आरोपी भोपाल राय, धीरज यादव टीकाराम यादव सुजान यादव भरत यादव बदन उर्फ गोविंद यादव जनक यादव राकेश यादव प्रबल यादव सभी निवासी ग्राम ढांढ को मामले में गिरफ्तार कर न्यायालय विशेष न्यायाधीश एससी एसटी एक्ट सागर के यहां पेश किए गए हैं माननीय न्यायालय द्वारा आरोपियों को जेल दाखिल का वारंट जारी कर जेल दाखिल किया गया है।
 अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री विक्रम सिंह कुशवाहा के निर्देशन मे विवेचना अधिकारी सुश्री भावना दांगी नगर पुलिस अधीक्षक मकरोनिया  के द्वारा थाना बहरोल के निरीक्षक कृपाल सिंह मार्को थाना प्रभारी बहरोड़ उपनिरीक्षक बबीता चौधरी सहायक उपनिरीक एस एस उदय, उप निरीक्षक एम एल धुर्वे प्रधान, प्रधान आरक्षक महेंद्र सिंह आरक्षक उमाशंकर, आरक्षक सतीश आरक्षक रोहित, आरक्षक लखन महिला आरक्षक प्राची त्रिपाठी महिला आरक्षक हर्षाली अवस्थी के सहयोग से आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। 


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पुलिस, अभियोजन और ज्‍यूडसरी को जेण्‍डर सेंसिटिव के प्रति संवेदनशील होने की आवश्‍यकता: विजय यादव, डीजी प्रॉसिक्‍यूशन

पुलिस, अभियोजन और ज्‍यूडसरी को जेण्‍डर सेंसिटिव के प्रति संवेदनशील होने की आवश्‍यकता: विजय यादव, डीजी प्रॉसिक्‍यूशन


★ महिलाओं के विरूद्ध अपराधों के प्रकरणों में सशक्‍त पैरवी हेतु अभियोजन अधिकारियों का 04 दिवसीय ऑनलाईन प्रशिक्षण कार्यक्रम (वेबीनार) 


भोपाल । लोक अभियोजन म.प्र. के अंतर्गत संचालक लोक अभियोजन  विजय यादव के प्रभावी मार्गदर्शन में महिलाओं की सुरक्षा की दृष्टि से म.प्र. के अभियोजन अधिकारी को महिला अपराधों में सशक्‍त पैरवी करने हेतु दिनांक 15 से 18 दिसम्‍बर, 2020 तक 04 दिवसीय ऑनलाईन प्रशिक्षण कार्यक्रम (वेबीनार) का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। जिसमें मध्‍य प्रदेश के चयनित अभियोजन अधिकारी प्रतिभागी के रूप में सम्मिलित हुए

वेबीनार के शुभारम्‍भ के दौरान संचालक  द्वारा सभी प्रशिक्षणार्थियों का स्‍वागत करते हुए वूमन सेफ्टी एवं क्राइम एगेंस्‍ट वूमन को बहुत महत्‍वपूर्ण विषय बताया गया। साथ ही कहा गया कि पुलिस, अभियोजन और ज्‍यूडसरी को जेण्‍डर सेंसिटिव के प्रति संवेदनशील होने की आवश्‍यकता है। अभियोजन विभाग पुलिस एवं न्‍यायालय के बीच एक महत्‍वपूर्ण कड़ी के रूप में कार्य करता है। अत: अभियोजन को वूमन सेफ्टी के मामलों में प्रो-एक्टिव रोल अदा करना आवश्‍यक है। श्री यादव द्वारा मध्‍य प्रदेश में अभियोजित किये जा रहे महिलाओं के विरूद्ध आपराधिक प्रकरणों की समीक्षा समय-समय पर की जाकर उचित दिशा-निर्देश अधिकारियों को जारी किये जा रहे हैं साथ ही संचालनालय स्‍तर पर प्रकरणों में आ रही तकनीकी बाधाओं को दूर करने हेतु अन्‍य विभागों जैंसे फॉरेन्सिक, पुलिस आदि से पत्राचार भी किया जा रहा है जिससे प्रकरणों का निराकरण समय पर हो सके। श्रीमान संयुक्‍त संचालक  एल.एस. कदम व सहायक संचालक  शैलेन्‍द्र शर्मा जी द्वारा प्रशिक्षणार्थियों को प्रोत्‍साहन प्रदान किया गया।

वेबीनार में महिला सुरक्षा के आपराधिक मामलों में संबंधित फारेंसिक एविडेंस इन सेक्‍सुअल ऑफेंसेस, डिटरमिनेशन ऑफ एज ऑफ विक्टिम, महिलाओं के विरूद्ध साइबर क्राईम, एक्‍जामिनेशन ऑफ वि‍टनिस एण्‍ड सपोर्ट फॉर विक्टिम इन सेक्‍सुअल ऑफेंसेस, पीटा एक्‍ट के प्रावधान एवं विवेचना, पॉक्‍सो एक्‍ट के मामलों में अभियोजन, विक्टिम कम्‍पनसेसन स्‍कीम के प्रावधान, एवं महिला संबंधी अपराधों में अपनाई जाने वाली न्‍यायालयीन प्रक्रिया एवं प्रॉस्क्यिूटर की भूमिका आदि विषयों पर विशेषज्ञ व्‍याख्‍याताओं के रूप में अतिरिक्‍त जिला एवं सत्र न्‍यायाधीशगण, सामाजिक कार्यकर्ता, अभियोजन विभाग के मास्‍ट ट्रेनर्स द्वारा व्‍याख्‍यान दिया गया। यह ऑनलाईन प्रशिक्षण महिलाओं से संबंधित अपराधों में अभियोजन अधिकारियों को और अधिक सक्रिय भूमिका निभाने में उपयोगी साबित होगा।

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श्रम न्यायपालिका का अस्तित्व खत्म करने का प्रयास, अभिभाषक संघ ने सौपा ज्ञापन

श्रम न्यायपालिका का अस्तित्व खत्म करने का प्रयास, अभिभाषक संघ ने  सौपा ज्ञापन


सागर।  श्रमविधि में न्यायपालिका के अस्तित्व समाप्त किये जाने के विरूद्ध म.प्र. श्रम एवं औद्योगिक न्यायालय अभिभाषक संघ सागर ने प्रमुख श्रम सचिव, म.प्र. शासन के नाम कलेक्टर सागर को ज्ञापन सौंपा। 
ज्ञापन में कहा गया है कि केन्द्र सरकार ने 44 श्रम कानूनों को 4 श्रम संहिता में परिवर्तित कर
दिया है। केन्द्र सरकार द्वारा जो श्रम संहितायें लागू करने जा रही है उसमें कई विसंगतियां है। म.प्र. श्रम विभाग ने 4 श्रम कानूनों के न्यायिक अधिकार सहायक श्रमायुक्त एवं श्रम विभाग के अधिकारियों को न्यायिक अधिकार नहीं दिये जा सकते है। नवीन संहिता के अंतर्गत श्रम न्यायालय से प्रकरण निराकरण करने हेतू अधिकृत किया जा रहा है। जो कि अनूचित है। श्रम विभाग के पास विवादों के निराकरण के
अतिरिक्त अन्य प्रशासकीय उत्तरदायित्व भी है। यह नवीन कार्यभार से विभिन्न विवादों का निराकरण शीघ्र होना असंभव है। केन्द्र शासन द्वारा बनाई गई श्रम संहिताओं में न्यायिक एवं कार्यभारी शक्तियों में विभेद करने हेतु संविधान के अनुच्छेद 50के अंतर्गत व्यवस्था करना आवश्यक है। नियमों में प्राधिकृक एवं अपीलीय
अधिकारी न्यायिक होना चाहिये। श्रम संहिताओं के नियमों में प्रकरण के निराकरण एवं आदेश के कियान्वयन के लिये न्यायिक अधिकारियों को ही अधिकार दिये जावे। 
ज्ञापन सौंपे जाने के समय म.प्र. श्रम एवं औद्योगिक न्यायालय अभिभाषक संघ के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य अधिवक्ता पेट्रिस फुसकेले, राजेन्द्र स्वर्णकार, विजय सर्वटे, विनीत ताम्रकार, सुरेश सेन, अरविंद सिंह राजपूत, देवेन्द्र सिंघई, धीरज ताम्रकार, भूपेन्द्र पाठक, नारायण पटेल, उदय हर्डीकर इत्यादि अधिचक्ता मौजूद रहे।


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किसानों को बिक्री के नए और बेहतर विकल्प देंगे नए कृषि कानून : मंत्री गोपाल भार्गव ★ किसानो को आत्मनिर्भर बनाएगा कृषि कानून -मंत्री भूपेंद्रसिंह

किसानों को बिक्री के नए और बेहतर विकल्प देंगे नए कृषि कानून : मंत्री गोपाल भार्गव

★ किसानो को आत्मनिर्भर बनाएगा  कृषि कानून -मंत्री  भूपेंद्रसिंह 



सागर। कृषकों को नए कृषि कानूनों से बिक्री के नए और बेहतर विकल्प मिलेंगे। उक्त विचार राज्य शासन के लोक निर्माण मंत्री श्री गोपाल भार्गव ने शुक्रवार को स्थानीय खेल परिसर के बाजू वाले मैदान में आयोजित किसान राहत राषि वितरण कार्यक्रम में व्यक्त किए। इस अवसर पर नगरीय प्रशासन मंत्री  भूपेंद्र सिंह ठाकुर, सांसद श्री राज बहादुर सिंह ठाकुर, विधायक  गोविन्द सिंह राजपूत,  श्री शैलेंद्र जैन,  सुधीर यादव, शैलेश केशरवानी, जगन्नाथ गुरैया,  डॉ वीरेंद्र पाठक,  लक्ष्मण सिंह,  जाहर सिंह, संभागायुक्त श्री मुकेश शुक्ला, कलेक्टर श्री दीपक सिंह, अपर कलेक्टर श्री अखिलेश जैन, नगर निगम कमिश्नर श्री आरपी अहिरवार, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री इच्छित गढ़पाले, एसडीएम श्री पवन बारिया, सिटी मजिस्ट्रेट श्री सीएल वर्मा, उपायुक्त प्रणय कमल खरे, एसएलआर श्री राकेश अहिरवार, कृषि विभाग के उपसंचालक श्री प्रजापति सहित जनप्रतिनिधि, अन्य विभागीय अधिकारी एवं जिले भर से आए किसान भाई मौजूद थे।


मुख्य कार्यक्रम प्रदेष के रायसेन जिले में मुख्यमंत्री श्री षिवराज सिंह चौहान के मुख्यआतिथ्य में आयोजित किया गया। जिसका प्रसारण वर्चुअल कॉन्फ्रेंस के माध्यम से प्रदेष के किसानों को दिखाया गया। इसी प्रकार वर्चुअल कॉफ्रेस के माध्यम से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किसानों को किसान कानून के लाभ के बारे में विस्तार से बताया गया। 
लोक निर्माण मंत्री श्री गोपाल भार्गव ने कहा कि 135 करोड़ लोगों के प्रतिनिधि के रूप में संसद में मौजूद नेताओं ने कृषि सुधार बिल पास किया। उन्होंने कहा है कि इन नए कृ षि बिलों से हमारे देष का किसान न केवल अपनी फसल बेचने के लिए स्वतंत्र होगा, बल्कि इससे किसानों में आत्मनिर्भरता भी बढ़ेगी। किसानों के लिए जो भ्रम जाल फैलाया था, वह कतिपय ताकतों का सोचा समझा सढ़यंत्र है इससे हमारा किसान दूर रहकर अपने व्यवसाय बढ़ाने की दिषा में कार्य करें।   
नगरीय विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि कृषकों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कृषि कानून मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि कृषि सुधार बिल किसानों के हित में है और इस बिल का फायदा किसानों को होगा। प्रधानमंत्री श्री मोदी की योजनाओं से किसान का बेटा खेती की ओर अग्रसर होगा और खेती अब लाभ का धंधा बनेगी। मंत्री श्री ठाकुर ने कहा कि मध्यप्रदेष की सरकार किसानों के हितों के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है जिससे प्रदेष का किसान आत्मनिर्भर की दिषा में जा रहा है। 
सांसद श्री राजबहादुर सिंह ने कहा कि अधिकार चाहिए तो तर्क होना चाहिए कुतर्क नहीं। उन्होंने कहा कि किसान का बेटा अब बिचोलिया नहीं बनेगा। पंजाब में आज जो पैदावार हो रही है उसमें कीटनाशक की मात्रा अधिक है।।
पूर्व मंत्री एवं सुरखी विधायक श्री गोविन्द सिंह राजपूत ने कहा कि किसानों में भ्रम फैलाकर आंदोलन किये जा रहे है। किन्तु हमारे देष के प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री किसानों के साथ खड़े होकर उनकी हर समस्या का समाधान कर रहे है। उन्होंने कहा कि नया कानून किसानों के फायदे के लिए होगा और किसान अपनी फसल को खेत, मंडी एवं बाजार में स्वतंत्र होकर बाजार मूल्य में बेचकर लाभ प्राप्त करेगा। सागर विधायक श्री शैलेन्द्र जैन कहा कि कृषि कानून लागू होने से देष का किसान जहां लाभांवित होगा वहीं देष के साथ प्रदेष की अर्थव्यवस्था भी सुदृढ़ होगी। उन्होंने कहा कि प्रदेष के मुख्यमंत्री किसानों के लिए 24 घंटे कार्य कर रहे है। जिससे उनका हरसंभव विकास किया जा सके।
किसान सम्मेलन में कलेक्टर श्री सिंह द्वारा कार्यक्रम का प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए कहा कि सागर जिले के लिए 224 करोड़ रूपये की मांग की गई थी, इसी परिपेक्ष में आज 55 करोड़ रूपये का वितरण प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान वर्चुअल कान्फ्रेंस के माध्यम से वन क्लिक के द्वारा कर रही है।  कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर अरविंद जैन ने किया।

हिग्राहियों को किया गया पुरस्कृत
मुख्यमंत्री किसान राहत राषि वितरण कार्यक्रम के दौरान कृषि विभाग द्वारा चयनित विभिन्न हितग्राहियों को प्रमाण देकर लोक निर्माण मंत्री श्री गोपाल भार्गव, नगर विकास मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर द्वारा सम्मानित किया गया।
सम्मानित हितग्राहियों में प्रेमकला बीज उत्पादक सहकारी समिति मर्यादित पातीखेड़ा विकासखण्ड मालथौन, अध्यक्ष श्री अंकित श्रीवास्तव को 36 लाख रूपये का अनुदान, नारायण धान बीज उत्पादक सहकारी समिति मर्यादित पिपरिया गोपाल विकासखण्ड रहली, अध्यक्षक श्री सुरेष कपस्या को 36 लाख रूपये का अनुदान तथा स्पायर ग्रेडर पर 50 प्रतिषत अनुदान विकास खण्ड सागर के कृषक श्री अषोक तिवारी पामाखेड़ी, श्री प्रताप सिंह टीलाखेड़ी एवं श्री हनमत सिंह टीलाखेड़ी को दिया गया है। साथ ही रविषंकर प्रसाद, श्री कुंवर सिंह एवं श्री जगदीष कुर्मी को भी सम्मानित किया गया।



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हाई स्कूल, हायर सेकेण्डरी विद्यालयों में नियमित कक्षाएं प्रारंभ और संचालित करने के निर्देश जारी,पैरेंट टीचर्स मीट 18 दिसंबर को

 हाई स्कूल, हायर सेकेण्डरी विद्यालयों में नियमित कक्षाएं प्रारंभ और संचालित करने के निर्देश जारी,पैरेंट टीचर्स मीट 18 दिसंबर को 

सागर । स्कूल शिक्षा विभाग, लोक शिक्षण संचालनालय ने शिक्षण सत्र 2020-21 में शासकीय हाई स्कूल, हायर सेकेण्डरी विद्यालयों में नियमित कक्षाएं प्रारंभ और संचालित करने के निर्देश जारी किए। मध्यप्रदेश के शिक्षा विभाग ने स्कूल दोबारा खोलने और छात्रों की उपस्थिति को लेकर अपने दिशा-निर्देशों में एक बार फिर बदला व किया है। अब शिक्षा विभाग का कहना है कि छात्र स्कूल आने के लिए बाध्य नहीं हैं। वहीं, विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति उनके माता-पिता की सहमति पर ही निर्भर रहेगी। बता दें कि मध्यप्रदेश में शिक्षा विभाग ने 10वीं और 12वीं की कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए 18 दिसंबर से स्कूल नियमित रूप से संचालित करने का फैसला किया है।
शिक्षा विभाग ने लिया यह फैसला
गौरतलब है कि शिक्षा विभाग ने 18 दिसंबर से 10वीं और 12वीं की कक्षाओं को नियमित रूप से संचालित करने की तैयारी शुरू कर दी थी, जिसके बाद शिक्षा विभाग के इस फैसले का विरोध होने लगा। ऐसे में शिक्षा विभाग ने 15 दिसंबर को अपने दिशा-निर्देशों में एक बार फिर बदलाव किया। इसके तहत जानकारी दी गई कि स्कूलों में विद्यार्थियों की उपस्थिति अनिवार्य नहीं होगी। उनका स्कूल आना अभिभावकों की सहमति पर निर्भर होगा। हालांकि, अभिभावक एक बार सहमति दे देते हैं तो वह पूरे सत्र के लिए मान्य होगी।
इन नियमों का करना होगा पालन
जानकारी के मुताबिक, 10वीं और 12वीं के स्कूल अगर खोले जाते हैं तो उन्हें शिक्षा विभाग की ओर से जारी की गईं गाइडलाइंस का पालन करना होगा। इसके तहत हॉस्टल और आवासीय स्कूल खोलने की अनुमति नहीं दी गई है। इसके अलावा स्कूलों में प्रार्थना और खेलकूद जैसी सामूहिक गतिविधियां पूरी तरह प्रतिबंधित रहेंगी। वहीं, जिन स्कूलों में बसें चलाई जाएंगी, उनमें सामाजिक दूरी और सैनिटाइजेशन का ख्याल रखना होगा।      

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शहर की समस्त दूध डेयरियों का विस्थापन शीघ्र सुनिष्चित किया जाए: कलेक्टर सागर को मिलेगा चिड़िया घर और सिटी फॉरेस्ट

शहर की समस्त दूध डेयरियों का विस्थापन शीघ्र सुनिष्चित किया जाए: कलेक्टर
सागर को मिलेगा चिड़िया घर और सिटी फॉरेस्ट


सागर । शहर की समस्त दूध डेयरियों का विस्थापन शीघ्र सुनिष्चित किया जाए। उक्त निर्देष कलेक्टर श्री दीपक सिंह ने सागर शहर के नगर पालिक निगम क्षेत्र, केंट बोर्ड क्षेत्र, तथा मकरोनिया नगर पालिका क्षेत्र अंर्तगत निर्माण एवं विकास कार्यों की सागर स्मार्ट सिटी कार्यालय सभाकक्ष में समीक्षा बैठक में दिए।
कलेक्टर श्री सिंह ने बताया कि शहर को चिड़िया घर और सिटी फॉरेस्ट हेतु जो जमीन चिन्हित की गई है, उस पर शीघ्र कार्ययोजना बनाकर कार्य प्रारंभ किया जाएगा।
स्मार्ट सिटी सीईओ श्री राहुल सिंह राजपूत के द्वारा सभी विभागों को संयुक्त प्रजेंटेशन के माध्यम से प्रस्तुत विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई। इसके अंर्तगत शहर में ग्रीनरी विकास के लिए सघन पौधारोपण कर सिटी फॉरेस्ट निर्माण हेतु विभिन्न स्थलों का चिन्हांकन कर पौधारोपण कराने के साथ शहर के पास दो पहाड़ियों को चिन्हित कर आयुष्मान पहाड़ी व पितृवन(स्मृतिवन) पहाड़ी बनाने के निर्देश दिये गए जहां नागरिक अपने बच्चों के जन्म और पितृ की याद में वृक्षारोपण कर सकें। मास्टर प्लान अनुसार सड़कों के चौड़ीकरण हेतु अतिक्रमण हटाने के लिए टीम का गठन, डेरी विस्थापन एवं अवैध निर्माण हटाने हेतु टीम गठन, शहर के चौराहों पर सुरक्षित ट्रॉफिक हेतु आवश्यकतानुसार लैफ्टटर्न आदि का निर्माण, शहर में चल रहे सीवरेज प्रोजेक्ट के कार्य गुणवत्तापूर्ण व तेजी से कराने, मकरोनिया ब्रिज निमार्ण का कार्य समय सीमा में पूर्ण कराने, सड़क निर्माण के दौरान बाधित बिजली के खंभो को सिफ्ट कराने, केंट क्षेत्र में चल रहे सड़क निर्माण को तेजी से कराने, स्मार्ट सिटी मिशन अंर्तगत एबीडी एरिया एवं पेन सिटी एरिया में होने वाले कार्यों को तेजी से कराने संबंधी निर्णय लिए गए।
बैठक में पुलिस अधीक्षक श्री अतुल सिंह, निगमायुक्त श्री आर पी अहिरवार, डीएफओ सागर श्री नवीन गर्ग, डीएफओ नार्थ सागर श्री वेनीप्रसाद, एडि.एसपी श्री विक्रम सिंह, स्मार्ट सिटी सीईओ श्री राहुल सिंह राजपूत,एसडीएम श्री पवन बारिया, डीएसपी ट्रॉफिक श्री संजय खरे, पीओ डूडा श्रीमति ज्योति सिंह, ईई एनएच श्री पंकज व्यास आदि अधिकारी उपस्थित रहे। 

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