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सागर: फर्जी ऋण पुस्तिका प्रस्तुत करने वाली महिला जमानतदार के खिलाफ FIR के आदेश

सागर:  फर्जी ऋण पुस्तिका प्रस्तुत करने वाली महिला जमानतदार  के खिलाफ FIR के आदेश


सागर। न्यायालय- श्रीमान विवेक कुमार पाठक मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी के न्यायालय ने कूट रचित ऋण पुस्तिका के माध्यम से जमानत प्रस्तुत करने वाली जमानतदार रेखाबाई पुत्री रधुनाथ विश्वकर्मा, पति प्रदीप विश्वकर्मा आयु 40 वर्ष निवासी जी.ए.डी. काॅलोनी, गोपालगंज सागर के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट लेखबद्ध करने का आदेश दिया। शासन की ओर से पक्ष सहा. जिला अभियेाजन अधिकारी श्री बृजेश दीक्षित ने रखा।  
घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि न्यायालय के थाना मोतीनगर के अपराध क्रमांक 749/2020 अंतर्गत धारा 376 भादवि के लंबित रिमांड के दौरान, जो कि श्रीमान रविकुमार बौरासी न्यायिक मजि. प्रथम श्रेणी सागर के समक्ष लंबित है, जमानतदार रेखाबाई पुत्री रधुनाथ विश्वकर्मा, पत्नि प्रदीप विश्वकर्मा आयु 40 वर्ष निवासी  परासिया हाल- जी ए डी काॅलोनी, गोपालगंज, सागर के द्वारा भू-अधिकार एवं ऋण पुस्तिका एल.एफ-410511 के माध्यम से जमानत प्रस्तुत की गयी थी। न्यायालय द्वारा उक्त ऋण पुस्तिका की जांच तहसीलदार कार्यालय से कराये जाने पर संलग्न पटवारी एवं हल्का नम्बर 26 मौजा परासिया तहसीलदार के प्रतिवेदन अनुसार उक्त ऋण पुस्तिका तहसीलदार जैसीनगर के कार्यालय से जारी नही होने से कूटरचित पाई गयी। जमानतदार द्वारा न्यायालय के साथ छल कर बेईमानीपूर्वक असली के रूप में कूट रचित ऋण पुस्तिका प्रस्तुत की गयी। उक्त कृत्य धारा 420,467,468, एवं 471 के तहत दंडनीय अपराध है। न्यायालय ने कूट रचित ऋण पुस्तिका के माध्यम से जमानत प्रस्तुत करने वाली जमानतदार रेखाबाई पुत्री रधुनाथ विश्वकर्मा, पति प्रदीप विश्वकर्मा आयु 40 वर्ष के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट लेखबद्ध करते हुए कार्यवाही करने का आदेश दिया।


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बाबा साहब की 64 वें महापरिनिर्वाण दिवस पर श्रद्धांजली सभा

बाबा साहब की 64 वें महापरिनिर्वाण दिवस पर श्रद्धांजली सभा


सागर। भारतीय संविधान के रचेयता बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर जी की 64 वीं महापरिनिर्वाण दिवस के उपलक्ष्य में आज गुरू गोविंद सिंह वार्ड में बाबा साहब को याद किया जहां बाबा साहब को पुष्पांजलि अर्पित कर उनके द्वारा  किये कार्यों और उनके विचारों को स्मरण किया गया। कार्यक्रम के आयोजक कांग्रेस सेवादल क्रं.4 के ब्लाकाध्यक्ष आनंद हैला ने किया, कार्यक्रम की अध्यक्षता शहर कांग्रेस कमेटी कार्यकारी अध्यक्ष और पार्षद महेश जाटव ने की।
इस दौरान शहर कांग्रेस सेवादल अध्यक्ष सिंटू कटारे ने कहा कि बाबासाहब एक मनीषी, योद्धा, नायक, विद्वान, दार्शनिक, वैज्ञानिक, समाजसेवी एवं धैर्यवान व्यक्तित्व के धनी थे। वे अनन्य कोटि के नेता थे।
सेवादल प्रदेश संयोजक विजय साहू ने कहा कि  बाबा साहब ने अपना समस्त जीवन समग्र भारत की कल्याण कामना में उत्सर्ग कर दिया। खासकर भारत के 80 फीसदी दलितसामाजिक व आर्थिक तौर से अभिशप्त थे, उन्हें अभिशाप से मुक्ति दिलाना ही डॉ. अंबेडकर का जीवन संकल्प था।
कार्यक्रम के अध्यक्ष महेश जाटव ने कहा, महापरिनिर्वाण दिवस पर महान डॉ. बाबासाहेब को श्रद्धांजलि देता हूं। उनके विचार और आदर्श आज भी लाखों लोगों को ताकत देते रहते हैं। हम उनके राष्ट्र के प्रति सपनों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।कार्यक्रम मे वार्ड के वरिष्ठ जनों का सम्मान किया गया।कार्यक्रम में मुख्यरूप से सेवादल प्रदेश संयोजक  विजय साहू ,सेवादल के पिछडा वर्ग के अध्यक्ष राजा सेन, ब्लाकाध्यक्ष कल्लू पटेल,नितिन पचौरी,हरिश्चंद्र सोनवार, दिनेश वाल्मिकी, गनेश वाल्मीकि, फूलचंद जाटव,देवेन्द्र महावते,वीरेन्द्र महावते, सन्ना खान आदि सेवादल सदस्य उपस्थित रहे।

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सागर: युवक - युवती ने फांसी लगाकर आत्महत्या की

सागर:  युवक - युवती ने फांसी लगाकर आत्महत्या की 

सागर। सागर जिले के सुरखी थाना अंतर्गत चतुर्भटा गांव में अलग अलग स्थानों पर युवक युवती ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है । कारण अज्ञात हैं । पुलिस ने  पंचनामा कार्यवाही कर  दोनो शवों को पोस्ट मार्टम हेतु जिला चिकित्सालय सागर भेजा है । पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार आज रविवार की सुबह चतुर्भटा निवासी रामजी पिता तखत सिंह लोधी उम्र 19  साल ने खेत में लगे पेड से फांसी लगाकर आत्महत्या कर जान दे दी । वहीं गांव की ही रामसखी पिता करोडी लोघी उम्र 18 साल ने घर के समीप खेत में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली । दोनों मामले में कारण स्पष्ट नहीं हो सका है ।पुलिस को कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है ।


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तालाब के पानी को लेकर दो गांवों के लोगों में खूनी सँघर्ष ,एक की मौत 8 घायल

तालाब के पानी को लेकर, दो गांवों के लोगों में खूनी सँघर्ष ,एक  की मौत 8 घायल


सागर। सागर जिले में खूनी सँघर्ष का मामला सामने आया है। जिसमे विवाद का कारण तालाब का पानी है। जिसको लेकर दो गांवों के लोगो मे झगड़ा इतना बढ़ा की एक व्यक्ति की जान चली गयी। सागर जिले के बहरोल थाना क्षेत्र के  सगारी तालाब के पानी को लेकर दो गांव के बीच झगड़ा हो गया और झगड़ा इतना बढ़ा कि इसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई वहीं करीब 8 लोग घायल हो गए ।
बंडा थाना क्षेत्र की बहरोल चौकी के अंतर्गत आनेवाले दो गांव के लोगों में रविवार दोपहर पानी के विवाद को लेकर खूनी संघर्ष हुआ, जिसमेंलाठी-डंडों से पीट-पीटकर एक व्यक्ति की हत्याकर दी गई, जबकि दोनों गांवों के करीब 9 लोगघायल हो गए।

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एमपी में नगरीय निकाय चुनाव जनवरी में सम्भावित, दिसम्बर में अधिसूचना : मन्त्री भूपेंद्र सिंह

प्राप्त जानकारी अनुसार बहरोल थाना अंतर्गत 2 गांव आते हैं बजरेड़ा और डाँड़। दोनों ही गांव सगारी तालाब के पानी का उपयोग करते हैं जिसके कारण दोनों गांव में टशन की स्थिति बनी रहती है। प्राप्त जानकारी अनुसार ढांड़ गांव के लोग सगारी तालाब का पानी लेना चाहते थे जिसके लिए ग्राम ढांड के लोग तालाब के पानी मे बनाए गए गेट के बाल खोलने के लिए गए थे। जिसके बाद दोनों गांव के बीच विवाद की स्थिति बन गई। 
जिसमें दोनों ही पक्षों के लोग घायल हो गए। वहीं इस घटना में खिलान यादव की मौत हो गई और करीब 8 लोग घायल हो गए। घटना की जानकारी मिलने पर मौके पर बहरोल थाना प्रभारी बबीता सिंह पुलिस बल के साथ घटनास्थल पहुंची। बाद में एडिशनल एसपी विक्रम सिंह कुशवाहा ने भी घटनास्थल का मुआयना किया एवं ग्रामीणों से चर्चा की। ASP विक्रम सिंह के अनुसार पूरे मामले की जांच की जा रही है। 


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बच्चों की मौत का मामला, कमिश्नर ने दवाओं, चिकित्सकों, उपकरणों का पर्याप्त इंतजाम के दिए निर्देश

बच्चों की मौत का मामला, कमिश्नर ने  दवाओं, चिकित्सकों, उपकरणों का पर्याप्त इंतजाम के दिए निर्देश 

★ संभागायुक्त  मुकेष शुक्ला ने बुंदेलखण्ड मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों के साथ समीक्षा की


सागर। सागर संभाग के कमिष्नर श्री मुकेश शुक्ला ने बुंदेलखण्ड मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों के साथ नवजात शिशुओं की पिछले तीन माह में अधिक संख्या में हुई मृत्यु की गहन समीक्षा की। कमिष्नर श्री शुक्ला ने कहा कि नवजात षिषुओं की मृत्यु दर में कमी लाने की दिषा में हर संभव प्रयास किये जायें। मेडिकल कॉलेज से संबद्व अस्पताल में नवजात षिषओं के इलाज के लिए चिकित्सकों, दवाओं और उपकरणों की कमी नही होने दी जाये। इसके लिए उन्होंने डीन डा. आर.एस. वर्मा को षिषुओं के इलाज के लिए चिकित्सकों की पर्याप्त व्यवस्था बनाये रखने के निर्देष दिये। उन्होंने अस्पताल के षिषु गहन चिकित्सा इकाई (एसएनसीयू) और बाल गहन चिकित्सा ईकाई (पीआईसीयू) में उपलब्ध उपकरणों एक्सरे, सीटी स्केन और सोनोग्राफी मषीन की जानकारी ली। कमिष्नर ने दोनों षिषु रोग वार्डो में उपकरणों की माकूल व्यवस्था बनाए रखने तथा आवष्यकता होने पर उपकरणों को क्रय करने के निर्देष भी दिये।
श्री मुकेष शुक्ला ने कहा अगले तीन माह के लिये सभी आवष्यक दवाओं का इंतजाम भी अस्पताल में होना चाहिये। उन्होंने चिकित्सकों को सख्त हिदायत दी कि किसी भी नवजात षिषु की मृत्यु चिकित्सक, दवा और उपकरणों की कमी के कारण नही होना चाहिए। 

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चिकित्सकों और नर्सिंग स्टॉफ को चाहिए कि वे नवजात षिषुओ के हो रहे उपचार पर सतत निगरानी रखें। इसमें नर्सिंग स्टॉफ की महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए उन्हें अन्य स्टाफ के साथ इस कार्य में लगाया जाए। पिछले 3 महिने में जिस तेजी से षिषु मृत्यु दर का ग्राफ बढ़ा है, वह चिंता का विषय है। उसमें कमी लाने की दिषा में तेजी से प्रयास किये जाए। षिषु मृत्यु दर को लेकर अन्य किसी जिले या मेडिकल कॉलेज से तुलना नही की जाए। बल्कि सभी एकजुट होकर समन्वय के साथ मृत्यु दर में कमी लाएं।
श्री मुकेष शुक्ला ने चिकित्सकों से कहा कि वे अपना पूरा ध्यान इस बात पर फोकस करे कि षिषु मृत्यु दर को कैसे रोका जाए। षिषु मृत्यु के कारणों का पता लगाकर उन्हें दूर करने का प्रयास हों। शासन के पास धनराषि और संसाधनों की कमी नहीं है, बावजूद इसके नवाजात षिषुओं की मृत्यु होना सभी के लिये चिंता का विषय है। श्री शुक्ला ने टेक्नीकल स्टॉफ को प्रषिक्षित करवाने के निर्देष भी दिये। उन्होंने नर्सिंग स्टॉफ की संख्या में वृद्वि के लिये भी निर्देषित किया। चिकित्सक षिषु मृत्यु दर में कमी लाने के लिये नियमित मानीटरिंग करें। उन्होंने षिषुओ के उपचार में जुटे चिकित्सकों को पूरी जवाबदेही से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने के लिय कहा।      

पढ़े : एमपी में नगरीय निकाय चुनाव जनवरी में सम्भावित, दिसम्बर में अधिसूचना : मन्त्री भूपेंद्र सिंह
https://www.teenbattinews.com/2020/12/blog-post_14.html                                             

शिशु वार्डों का निरीक्षण
कमिष्नर श्री मुकेष शुक्ला ने बीएमसी के अस्पताल के षिषु गहन चिकित्सा इकाई (एसएनसीयू) और बाल गहन चिकित्सा इकाई (पीआईसीयू) का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने षिषु वार्डों में भर्ती नवजात बच्चों के उपचार के संबंध में चिकित्सकों से चर्चा की।

समिति का गठन

कमिष्नर श्री मुकेष शुक्ला के निर्देष पर बुंदेलखण्ड मेडिकल कॉलेज के डीन डा. आर.एस. वर्मा ने दोनों षिषु चिकित्सा इकाईयों (एसएन सीयू एवं पीआईसीयू) में नवम्बर माह में नवजात षिषुओं की हुई मृत्यु के संबंध में समिति गठित की है। समिति नवजात षिषुओ की मृत्यु के संबंध में डेथ ऑडिट रिर्पोट तैयार कर दो दिवस में डीन को सौपेंगी। समिति में मेडिसिन विभाग के प्राध्यापक डा. अभय एस.तिर्कां को अध्यक्ष तथा एनेस्थिषिया के सह प्राध्यापक डा. सत्येन्द्र उइके, षिषु रोग विभाग के सह प्राध्यापक डा. आषीष जैन व महिला प्रसूति विभाग की सहायक प्राध्यापक डा. प्रियंका तिवारी को सदस्य मनोनीत किया गया है।          

 
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एमपी में नगरीय निकाय चुनाव जनवरी में सम्भावित, दिसम्बर में अधिसूचना : मन्त्री भूपेंद्र सिंह

एमपी में नगरीय निकाय चुनाव जनवरी में सम्भावित, दिसम्बर में अधिसूचना : मन्त्री भूपेंद्र सिंह

सागर।( तीनबत्ती न्यूज़. कॉम )। एमपी में नगरीय निकायों के चुनाव संभवतया जनवरी माह में हो सकते है। इसकी अधिसूचना दिसम्बर माह में जारी हो सकती है।
नगरीय विकास एवं आवास मन्त्री भूपेंद्र सिंह ने आज नगरीय निकायों चुनाव को लेकर संकेत भी दिए है। सागर में उन्होंने एक अनोपचारिक
चर्चा में कहा कि 9 दिसम्बर को भोपाल में महापौर और अध्यक्षो के पदों के आरक्षण की प्रक्रिया सम्पन्न होगी। जिसकी जानकारी राज्य निर्वाचन आयोग को विभाग द्वारा सौंप दी जाएगी। इसके बाद राज्य निर्वाचन आयोग आगे की प्रकिया सम्पन्न कराएगा। वार्डो के आरक्षण की प्रक्रिया पहले सम्पन्न हो चुकी है। 

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मन्त्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि नगरीय निकायों के चुनाव कराना राज्य निर्वाचन आयोग का काम है। संभवतया दिसम्बर में आयोग अधिसूचना जारी कर जनवरी में नगरीय निकायों के चुनाव कोरोना की गाईड लाईनों के अनुसार करा सकता है। सरकार अपना काम कर रही है।

सीधे होंगे महापौर और अध्यक्ष पद के 
चुनाव

मन्त्री भूपेंद्र सिंह ने बताया कि नगर निगम के महापौर और नगरपालिका / परिषदों के अध्यक्षो के चुनाव सीधे मतदाताओं के जरिये होंगे।  भाजपा सरकार इस सम्बंध में अध्यादेश ला चुकी है। विधानसभा के 28 दिसम्बर से शुरू होने वाले सत्र में विधेयक पारित कराया जाएगा।


 
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समाज सेवा के कार्यो से प्रेरणा मिलती है: मन्त्री भूपेंद्र सिंह *समाज सेवी स्व: हुकुम चन्द साहू की स्मृति मे अंत्येष्टि वाहन जरूरतमंदों को समर्पित



समाज सेवा के कार्यो से प्रेरणा मिलती है: मन्त्री भूपेंद्र सिंह

*समाज सेवी स्व: हुकुम चन्द साहू की स्मृति मे  अंत्येष्टि वाहन जरूरतमंदों को समर्पित


सागर। व्यक्ति के निधन पर पार्थिव देह अन्तिम यात्रा को  मुक्तिधाम तक  पहुचाने के लिए सागर क्षेत्र में एक अंत्येष्टि वाहन "मोक्ष रथ "  को आज  नगरीय विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने जरूरत मन्दो को समर्पित किया।  समाज सेवी स्व: हुकुम चन्द साहू जी की  स्मृति मे उनके पुत्र राहुल साहू  ने मोक्ष रथ बनवाया और दान किया। यह पूरी तरह से निशुल्क रहेगा। इसे हरि झंडी दिखाकर रवाना किया। 

इस मौके पर नगरीय प्रशासन मन्त्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि सागर के समाजसेवी स्व. श्री हुकुमचंद साहू जी की स्मृति में उनके पुत्र श्री राहुल साहू  ने शहर के जरूरतमंद लोगों को अंत्येष्टि वाहन (मोक्ष रथ) समर्पित किया है। यह समाजसेवा का पुण्य उदाहरण है इससे लोगो को प्रेरणा मिलती है। इस वाहन से गरीब कमजोर लोगो को मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि इससे प्रेरणा लेकर और भी समाज सेवी आगे आएंगे। स्वर्गीय हुकुुुम साहू  ने हमेशा समाजसेवा की है। उनके पुत्र भी पदचिन्हों पर चल रहे है। 

इस मौके पर युवा नेता राहुल साहू ने बताया कि मेरे पिता जी ने  शुरू से समाज सेवा की है।  वर्तमान में अंतिम यात्रा मुक्ति धाम तक पहुचने में परेशानी लोगो को होती थी। कोरोना काल मे इसको देखने मिला। मेने यह मोक्ष रथ  आमजन को समर्पित किया है। यह निःशुल्क रहेगा। इसे फोन के बुलाया जा सकता है। 
भाजपा नेता सुशील तिवारी ने कहा कि स्व हुकुम साहू मेरे पारिवारिक रहे है। उनके बेटे राहुल साहू  ने समाजसेवा का सराहनीय कार्य किया है। लोगो की मदद का यह अनुकरणीय उदाहरण है। 

सम्पर्क सूत्र
समाज सेवी स्व: हुकुम चन्द साहू जी स्मृति मे समर्पित अंत्येष्टि वाहन  "मोक्ष रथ " को इन मोबाइल फोन नम्बरो पर सूचना देकर बुलाया जा सकेगा। 

ये रहे फोन नम्बर

+917974285780

+919340422462

इस मौके उपस्थित गणमान्य नागरिक  प्रकाश जैन,मुकेश जैन ढाना, सुदेश तिवारी,विनोद आर्य मुकेश साहू, सूर्यांश तिवारी,संजय सेन,राकेश कुर्मी ,अखिलेश केशरवानी, गणेश केशरवानी, केदार केशरवानी,प्रियव्रत आर्य,जयदीप तोमर,राजेश श्रीवास्तव आशीष प्यासी सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।


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जी हाँ, किसान तो एमपी का भी बैचेन है,,, @ ब्रजेश राजपूत / ग्राउंड रिपोर्ट

जी हाँ,  किसान तो एमपी का भी बैचेन है,,,

@ ब्रजेश राजपूत / ग्राउंड रिपोर्ट 


आवाज देकर हमें तुम बुलाओ, 
मोहब्बत ना इतना ना हमको सताओ,, 
शानदार अदाकार शम्मी कपूर की फिल्म प्रोफेसर का ये सुपरहिट गाना है। गाने की इस तर्ज को याद रखिये और गुनगुनाइये। 
भले चाहे इंडिया को डिजिटल बनाओ, 
भले स्वच्छ भारत मिशन तुम चलाओ, 
मगर कुछ रहम हम किसानों पर खाओ,  
हम भी धरोहर हैं अपने वतन की, 
हमसे है शोभा तुम्हारे चमन की, 
भले छह हजार ना हमको डलाओ, 
भले आत्मनिर्भर ना तुम हमको बनाओ, 
मगर कुछ रहम हम किसानों पर खाओ, 
फसल का उचित दाम हमको दिलाओ, 
हमें कर्ज मुक्त अब तो कराओ। 
किसानों का दर्द बताने वाला ये गीत देवास जिले के एक छोटे से गांव के किसान ने लिखा है। ये किसान अपने आपको शिवराज सिंह और मोदी का भक्त भी बताता है। हमेशा वो मुझे अपने बनाये और गाये गीत भेजता है। कमलनाथ सरकार ने जब कर्ज माफी में देरी की तो उसके गाने को हमने अपने चैनल के घंटी बजाओ कार्यक्रम में चलाया और बाद में उसे बीजेपी ने झाबुआ में हुये अपने उपचुनाव में इस्तेमाल भी किया मगर किसान तो किसान ही होता है। हाल के किसान आंदोलन देख कर जब उसे बर्दाश्त नहीं हुआ तो अपने खेत पर खटिया बिछायी मुंह पर शाल लपेटा और गा दिया ये गाना जिसे अब तक यूटयूब पर लाखों लोग देखकर सराह चुके हैं। हमने जब उसे अपने चैनल पर लाइव आकर गाने को कहा तो वह कह उठा सर हम तो भाजपा समर्थक किसान हैं खुलकर गायेंगे तो साथ वालों को परेशानी होगी आप तो इसे ही चला दीजिये मगर ये मेरी नहीं पूरे देश के किसान की पीडा है। हम दिल्ली तो जा नहीं सकते इसलिये अपने ही खेत पर गाकर दर्द कम कर लिया और आप जैसे लोग इसे चैनल पर दिखा देते हैं तो लगता है अपना दर्द बहुतों को सुना दिया मगर भाईसाहब अपन किसान आंदोलन के साथ हैं आरदणाय मोदी जी से उम्मीद करते हैं हम किसानों की सुनेंगे और एमएसपी लागू करने का कानून बनायेंगे। किसानों का कानून कोई ऐसे बिना बहस के लाता है क्या कोई। यही नाराजगी हम सब किसानों की है। 

दिल्ली के आंदोलन वाली जगह से सिहोर जिले का छापरी गांव अंदाजा लगाये तो पौने आठ सौ किलोमीटर दूर है। मगर यहां एक खेत की मेड पर हरी प्लास्टिक की चादर बिछाकर दस किसान बैठे हैं। एक किसान ढोलक तो दूसरा खंजरी रखें हैं और मगन हो कर गा रहे हैं। 
सुन लो देश के वासियों एक सच्ची बात बताते हैं, 
दुनिया में अत्याचार घने किसानों को समझाते हैं, 
पहले राजा होते थे अब नेता और व्यापारी हैं, 
किसानों की खा जाते हैं उनकी कीमत सारी है, 
कुछ तो नेता खाते हैं कुछ खाते व्यापारी हैं, 
मेहनत सबसे ज्यादा है वो कीमत कम पाते है, 
कम दामों में बीज को बाजार बेच कर आते हैं, 
अपने माल की वह तो कीमत नहीं लगा पाते हैं, 
महंगे बीज वह देते हैं महंगी दवाई देकर फसल को उगाते हैं, 
भारत तो आजाद हुआ किसान गुलामी सहते हैं, 
सुन लो देशवासियों एक सच्ची बात बताते हैं,
किसानों के इस दर्द भरे गीत को गाने वाले लिखने वाले वीडियो बनाने हमारे एमएस मेवाडा हैं। जो अपने आपको किसान नेता नहीं समाजसेवी लिखते हैं। भोपाल और सिहोर के तकरीबन सारे पत्रकार उनको जानते हैं और किसानों से जुडा कोई भी मुददा हो किसानों की परेशानी हो धरने प्रदर्शन से लेकर गांव की अजब गजब कहानियां मीडिया तक पहुंचाते हैं और इस चक्कर में जिले के अफसरों की नाराजगी झेलते हैं तो फिर कहते हैं भाई साहब जरा बचा लीजिये जिले के अधिकारी आपकी खबर से बहुत नाराज हो गये हैं। किसानों की कर्ज माफी हुयी तो भोपाल के मंत्रालय के सामने जाकर किसानों का लोक नृत्य करवा दिया और जब शिवराज सरकार ने किसानों के खातों में दो किश्तों में चार हजार रूपया डालने की बात की तो उनसे व्यक्तिगत मिलकर शुक्रिया जता दिया। और गांव में गुलाल उडाकर होली मना ली। अब जब दिल्ली में किसानों का ये आंदोलन चल रहा है तो इसी का अफसोस मना रहे हैं काश अपन दिल्ली जा पाते मगर कोरोना के डर से परिवार के लोग नहीं जाने दे रहे। तो क्या हुआ इतनी दूर बैठकर ही अपन उन किसानों के समर्थन में रोज किसी नये गांव मे जाते हैं और किसानों को खेत की मेड पर बिठाकर यही गाना गवाते हैं और राहत महसूस करते हैं। अभी जब हमने मेवाडा जी के हालचाल जानने फोन लगाया तो बोले मोदी जी से हाथ जोडकर निवेदन है कि साहब ठंड में ठिठरते किसानों पर रहम खाओ और किसानां की एमएसपी की मांग को मान लो देश भर के किसानों का नया जीवन मिल जायेगा। वरना अब तो खेती करना गुलामी हो गयी है और ये कानून लागू हो गये तो सच में बडे व्यापारियों की गुलामी करनी पड जायेगी हमें।
किसान आंदोलन भले ही दिल्ली की सडकों पर चल रहा हो मगर बैचेनी हर किसान के मन में है। दिल्ली भले ही नहीं जा पा रहे हों मगर किसानों का समर्थन दिल्ली घेर कर कडकती ठंड में लंगर खाकर डेरा डाले किसानों के साथ दिल से है। इन दो किसानों के किस्सा सुनाने का मकसद सिर्फ यही है कि जो कहते हैं कि नये कृषि कानूनां को लेकर पेट में दर्द पंजाब के किसानों को ही है बाकी के देश भर के किसान क्यों नहीं बोल रहे या आंदोलन कर रहे। 

ब्रजेश राजपूत,  एबीपी नेटवर्क,  भोपाल
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