मन्त्री बनाती सुरखी, राजस्व मन्त्री को जिताने मंत्रियों की साख दांव पर #सुरखी_उपचुनाव @ विनोद आर्य

मन्त्री बनाती सुरखी, राजस्व मन्त्री को  जिताने मंत्रियों की साख दांव पर 

#सुरखी_उपचुनाव 


@ विनोद आर्य

सागर। ( तीनबत्ती न्यूज़ .कॉम ) । सुरखी विधानसभा सीट वह है जिसने   मन्त्री बनाये है। इस क्षेत्र से राजनीति करने वालो का मध्यप्रदेश में  पॉलिटिकल रसूख अक्सर हाई रहा है।शिवराज सरकार में सागर जिले के  तीन मंत्री गोपाल भार्गव , भूपेंद्र सिंह और गोविंद राजपूत है। इस दफा सुरखी उपचुनाव में बतौर प्रत्याशी परिवहन और राजस्व मंत्री गोविंद राजपूत की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। वही दोनो मन्त्री भूपेंद्र सिंह और गोपाल भार्गव की साख भी लगी है। इस तरह तीनों मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। वैसे सुरखी की राजनीति से जुड़े लोग मन्त्री बनते रहे है। चाहे सरकार कांग्रेस की हो या भाजपा की।

सन 2018 में चुनाव  जीतने के बाद गोविंद राजपूत कमलनाथ सरकार में मन्त्री  बने। दलबदल के जरिये सरकार गिरी। तो गोविंद राजपूत शिवराज सरकार में मन्त्री बनाये गए। अब उपचुनाव में मैदान में है।  यदि चुनाव जीतते है तो फिर मन्त्री बनेंगे। गोविंद का मुकाबला 2013 में भाजपा से जीती पारुल साहू से है। अब दूसरी दफा पार्टी बदलकर आमने सामने है।

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लेकिन उपचुनाव में गोविंद राजपूत जिताने के लिए सागर जिले के दो मंत्रियों गोपाल भार्गव और भूपेंद्र सिंह प्रतिष्ठा भी दांव  पर लगी है।  नगरीय विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह का  सुरखी से सीधा नाता है। यही से  जीतकर विधानसभा में पहला कदम रखा था। भूपेंद्र सिंह  ने भाजपा की जमीन यहां तैयार की। श्री सिंह भले ही खुरई से प्रतिनिधित्व कर रहे हो । लेकिन सुरखी में हमेशा प्रभाव शाली रहे है। उपचुनाव में प्रभारी के साथ  कुछ संकट भी गोविंद राजपूत के निपटाए। 
उधर बुन्देलखण्ड अंचल के कद्दावर नेता लोकनिर्माण मन्त्री गोपाल भार्गव के असर सुरखी में है। उनकी सीट रहली से भी सुरखी का  इलाका लगा हुआ है। दोनो मंत्रियों की साख भी जुड़ी है। 
राजनीतिक हालातो की बात करे तो इस चुनाव के नतीजे  जिले के तीनों मंत्रियों की राजनीतिक हैसियत को भी प्रभावित करने वाला होगा। भाजपा को जीत मिलती है तो प्रदेश की  सियासत में सागर की ताकत और बढ़ेगी।  इसके साथ ही बुन्देलखण्ड अंचल में भाजपा को तीसरा प्रभावशाली नेता मिलेगा। 


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मन्त्री बनते रहे है सुरखी के नेता

सुरखी क्षेत्र के लोगो को अपने विधायको के मन्त्री बनने का सुख अक्सर मिला है। भले ही विकास की गति वैसी नही रही हो। आज भी कई मूलभूत सुविधाओं की दरकार क्षेत्र को है। जनता पार्टी से  चुनाव जीते लक्ष्मी नारायण यादव जनता सरकार में शिक्षा मंत्री बने। तो  फिल्मी गीतकार और गांधीवादी नेता स्व विठ्ठल भाई उधोग मन्त्री सहित कुछ अन्य विभागों का दायित्व मिलता रहा। 

सुरखी क्षेत्र के लोग नगरीय विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह को  लम्बे समय से अपना नेता मानते है। भले ही वो खुरई से प्रतिनिधित्व कर रहे हो। मन्त्री भूपेंद्र सिंह मानते है कि उनके मंत्रित्वकाल हो संसदीय सुरखी क्षेत्र के लोग हमेशा मुझसे जुड़े रहे है। कार्यकर्ताओं के  काम भी किये है। 
इसके बाद सन 2018 में गोविंद राजपूत कांग्रेस सरकार में मन्त्री रहे। सत्ता पलट के बाद फिर श्री राजपूत को मन्त्री पद मिला। अब चुनाव  मैदान में है। 

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विज्ञान क्या कहता है, नवरात्रि त्यौहार के बारे में @ ज्योतिषाचार्य श्री अनिल पांडे

विज्ञान क्या कहता है, नवरात्रि त्यौहार  के बारे में

@ ज्योतिषाचार्य श्री अनिल पांडे

मां दुर्गा की आराधना का त्यौहार आ रहा है जो कि 17 अक्टूबर से प्रारंभ होगा।  इस नवरात्रि को शारदीय नवरात्रि कहते हैं तथा यह अश्वनी  माह के शुक्ल पक्ष के प्रतिपदा से प्रारंभ होता है। हर बार यह त्यौहार पितृ मोक्ष अमावस्या के अगले दिन से प्रारंभ होता है। परंतु इस वर्ष 3 सितंबर से अधिमास  के कारण यह पितृ मोक्ष अमावस्या के 1 माह बाद अर्थात 17 अक्टूबर से प्रारंभ हो रहा है।

नवरात्र के वैज्ञानिक पक्ष की तरफ अगर हम ध्यान दें तो हम पाते हैं कि दोनों प्रगट नवरात्रों के बीच में 6 माह का अंतर है। चैत्र नवरात्रि के बाद गर्मी का मौसम आ जाता है तथा शारदीय नवरात्रि के बाद ठंड का मौसम आता है। हमारे महर्षि यों ने शरीर को गर्मी से ठंडी तथा ठंडी से गर्मी की तरफ जाने के लिए तैयार करने हेतु इन नवरात्रियों की प्रतिष्ठा की है। नवरात्रि में व्यक्ति पूरे नियम कानून के साथ अल्पाहार  एवं शाकाहार  या पूर्णतया निराहार व्रत रखता है । 

इसके  कारण शरीर का डिटॉक्सिफिकेशन होता है ।अर्थात शरीर के जो भी विष तत्व है वे बाहर हो जाते हैं । पाचन तंत्र को आराम मिलता है । लगातार 9 दिन के  आत्म अनुशासन की पद्धति के कारण मानसिक स्थिति बहुत मजबूत हो जाती है ।जिससे डिप्रेशन माइग्रेन हृदय रोग आदि बिमारियों  के होने की संभावना कम हो जाती है।
वर्ष के बीच में जो हम एक-एक दिन का व्रत करते हैं उससे मानसिक स्थिति मजबूत नहीं हो पाती है केवल पाचन तंत्र पर ही उसका प्रभाव पड़ता है ।
देवी भागवत के अनुसार सबसे पहले माने महिषासुर के सेना का वध किया था उसके बाद उन्होंने महिषासुर का वध किया महिषासुर का अर्थ होता है ऐसा असुर जोकि भैंसें के गुण वाला है अर्थात जड़  बुद्धि है । महिषासुर का विनाश करने का अर्थ है समाज से जड़ता का संहार करना। समाज को इस योग्य बनाना कि वह नई बातें सोच सके तथा निरंतर आगे बढ़ सके।
समाज जब आगे बढ़ने लगा तो आवश्यक था कि उसकी दृष्टि पैनी होती तथा वह दूर तक देख सकता ।अतः तब माता ने धूम्रलोचन का वध कर समाज को दिव्य दृष्टि दी। धूम्रलोचन का अर्थ होता है धुंधली दृष्टि। इस प्रकार माता जी माता ने धूम्र लोचन का वध कर समाज को दिव्य दृष्टि प्रदान की।
समाज में जब ज्ञान आ जाता है उसके उपरांत बहुत सारे तर्क वितर्क होने लगते हैं ।हर बात के लिए कुछ लोग उस के पक्ष में तर्क देते हैं और कुछ लोग उस के विपक्ष में तर्क देते हैं ।समाज की प्रगति और अवरुद्ध जाती है । चंड मुंड इसी तर्क और वितर्क का प्रतिनिधित्व करते हैं ।माता ने चंड मुंड की हत्या कर समाज को बेमतलब के तर्क वितर्क से आजाद कराया।

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समाज में नकारात्मक ऊर्जा के रूप में मनो ग्रंथियां आ जाती हैं ।रक्तबीज इन्हीं मनो ग्रंथियों का प्रतिनिधित्व करते हैं। जिस प्रकार एक रक्तबीज को मारने पर अनेकों रक्तबीज पैदा हो जाते हैं उसी प्रकार एक नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त करने पर हजारों तरह की नकारात्मक ऊर्जा पैदा होती है। जिस प्रकार सावधानी से रक्तबीज को मां दुर्गा ने समाप्त किया उसी प्रकार नकारात्मक ऊर्जा को भी सावधानी के साथ ही समाप्त करना पड़ेगा।
नवरात्रि में रात्रि का दिन से ज्यादा महत्व  है ।
इसका विशेष कारण है। नवरात्रि में हम व्रत संयम नियम यज्ञ भजन पूजन योग साधना बीज मंत्रों का जाप कर सिद्धियों को प्राप्त करते हैं। राज्य में प्रचलित के बहुत सारे और रोज प्रकृति स्वयं ही समाप्त कर देती है। जैसे कि हम देखते हैं अगर हम जिनमें आवाज दें तो वह कम दूर तक जाएगी परंतु रात्रि में वही आवाज दूर तक जाती है दिल में सूर्य की किरणें आवाज की तरंगों को रेडियो तरंगों को आज को रोकती है अगर हम दिन में रेडियो से किसी स्टेशन के गाने को सुनें तो वह रात्रि में उसी रोडियो से उसी स्टेशन के गाने से कम अच्छा सुनाई देगा और संघ की आवाज भी घंटे और संघ संघ संघ शंख की आवाज भी दिन में कम दूर तक जाती है जबकि रात में ज्यादा दूर तक जाती है दिन में वातावरण में कोलाहल रहता है जबकि रात में शांति रहती है। नवरात्रि में  सिद्धि हेतु रात का ज्यादा महत्व दिया गया है ।
हमारे शरीर में 9 द्वार हैं। 2 आंख ,  दो कान , दो  नाक , एक मुख ,एक मलद्वार , तथा एक मूत्र द्वार। नौ द्वारों को सिद्ध करने हेतु पवित्र करने हेतु नवरात्रि का पर्व का विशेष महत्व है। नवरात्रि में किए गए पूजन अर्चन तप यज्ञ हवन आदि से यह नवो द्वार शुद्ध होते हैं।
नवरात्रि हमें यह भी संदेश देती है की सफल होने के लिए सरलता के साथ ताकत भी आवश्यक है जैसे माता के पास कमल के साथ चक्र एवं त्रिशूल आदि हथियार भी है समाज को जिस प्रकार  कमलासन की आवश्यकता है उसी प्रकार सिंह अर्थात ताकत ,वृषभ अर्थात गोवंश , गधा अर्थात बोझा ढोने वाली  ताकत , तथा पैदल अर्थात स्वयं की ताकत सभी कुछ आवश्यक है।
मां दुर्गा से प्रार्थना है कि वह आपको पूरी तरह सफल करें ।आप इस नवरात्रि में  जप तप पूजन अर्चन कर मानसिक एवं शारीरिक दोनों रुप में आगे के समय के लिए पूर्णतया तैयार हो जाएं।

जय मां शारदा।

निवेदक:-
पंडित अनिल पांडे
स्टेट बैंक कॉलोनी ,मकरोनिया ,सागर


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नवरात्रि और नव दुर्गा, 17 अक्टूबर से आरम्भ @ज्योतिषाचार्य अनिल पांडे

नवरात्रि और नव दुर्गा, 17 अक्टूबर से आरम्भ

@ज्योतिषाचार्य अनिल पांडे

मित्रों 
मां दुर्गा की आराधना का त्यौहार आ रहा है जो कि 17 अक्टूबर से प्रारंभ होगा।  इस नवरात्रि को शारदीय नवरात्रि कहते हैं तथा यह अश्वनी  माह के शुक्ल पक्ष के प्रतिपदा से प्रारंभ होता है। 
1 वर्ष में चार नवरात्रि में होती हैं । दो प्रकट नवरात्रि तथा दो गुप्त नवरात्रि। प्रकट नवरात्रि में पहली चैत्र मास में चेत्र नवरात्रि तथा दूसरी अश्वनी मास में शारदीय  नवरात्रि । गुप्त नवरात्रि भी दो होती हैं ।पहली आषाढ़ मास में दूसरी पौष मास में। प्रगट नवरात्रि भक्तजन मां दुर्गा के नौ रूपों की वंदना करते हैं। गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा के अन्य 10 रूपों की वंदना होती है। गुप्त नवरात्रि में तांत्रिक क्रियाओं तथा अन्य  सिद्धियों  की सिद्धि हेतु पूजा अर्चना की जाती है।
आज हम विशेष रूप से प्रकट नवरात्रि की चर्चा करेंगे। पहली प्रकट नवरात्रि  चैत्र नवरात्रि कही जाती है । यह चेत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा  से नवमी तक मनाई जाती है।  इस नवमी को रामनवमी भी कहा जाता है। दूसरी नवरात्रि अश्वनी शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तक मनाई जाती है इसे शारदीय नवरात्रि भी कहते हैं।
इन दोनों नवरात्रों में 6 माह का अंतर होता है। नवरात्रि में पहले ही दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। मां शैलपुत्री राजा हिमालय की पुत्री हैं ।इन्हें सती भी कहा जाता है । पूर्व जन्म की भांति इस जन्म में भी इनकी शादी भगवान शिव से हुई है ।मां शैलपुत्री वृषभ पर सवार हैं । इनके 2 हाथ हैं।एक हाथ में त्रिशूल है तथा दूसरे हाथ में कमल पुष्प है । मां शैलपुत्री के दूसरे नाम पार्वती और हेमवती भी है।
नवरात्र पर्व के दूसरे दिन हम मा ब्रह्मचारिणी की पूजा करते हैं साधक इस दिन अपने  मन को मां के चरणों में लगाते हैं ।इनके भी मां शैलपुत्री की भांति दो हाथ हैं ।एक हाथ एक हाथ में जप की माला है तथा दूसरे हाथ में कमंडल है। कुंडलिनी शक्ति जागृत करने के लिए मां ब्रह्मचारिणी की आराधना की जाती है मां दुर्गा का यह स्वरूप अनंत फल देने वाला है तथा इससे व्यक्ति के मानसिक शक्ति की वृद्धि होती है।
नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है मां चंद्रघंटा की कृपा से अलौकिक वस्तुओं के दर्शन होते हैं दिव्य शक्तियों का अनुभव होता है तथा विविध प्रकार की दिव्य ध्वनियां सुनाई देती है। मां चंद्रघंटा का स्वरूप अत्यंत सौम्यता एवं शांति से परिपूर्ण रहता है। मां के शरीर का रंग स्वर्ण के समान चमकीला है । इनके दस हाथ में जेल में विभिन्न प्रकार के शस्त्र एवं वाण विभूषित हैं। मां का वाहन सिंह है तथा इनकी मुद्रा युद्ध के लिए तैयार रहने की  होती है ।

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नवरात्रि के चौथे दिन कुष्मांडा देवी की उपासना होती है। साधक को इस दिन अत्यंत पवित्र होकर मां की आराधना करना चाहिए । जब सृष्टि का अस्तित्व नहीं था तब इन्हीं देवी ने ब्रह्मांड की रचना की है ।यह आदिशक्ति हैं । इनके शरीर की कांति एवं प्रभा सूर्य के समान तेज है । मां की आठ भुजाएं हैं । इन्हें अष्टभुजा देवी भी कहते हैं ।इनके 7 हाथों में क्रमश कमंडल ,धनुष ,बाण , कमल पुष्प ,अमृतपूर्ण  कलश ,चक्र तथा गदा है। तथा आठवें हाथ में सभी सिद्धियों को प्रदान करने वाली जपमाला है। इनका वाहन सिंह है।
मां का पांचवा रूप मां स्कंदमाता है। इनकी पूजा नवरात्रि के पांचवें दिन की जाती है। मां मोक्ष का द्वार खोलने वाली परम सुख दाई है। मां भगवान स्कंद अर्थात कुमार कार्तिकेय की माता जी हैं कुमार कार्तिकेय प्रसिद्ध देवासुर संग्राम में देवताओं के सेनापति बने थे कुमार कार्तिकेय की मां होने के कारण इन्हें मां स्कंदमाता कहा जाता है। मां की चार भुजाएं हैं उनके दाहिने तरफ की नीचे वाली भुजा जो ऊपर उठी हुई है उस में कमल पुष्प है । बायीं तरफ की ऊपर वाली भुजा में वर मुद्रा में तथा नीचे वाली भुजा जो ऊपर कि ओर उठी  है , उसमें भी कमल पुष्प है । यह कमल के आसन पर विराजमान है तथा इनका भी वाहन सिंह है।
नवरात्र के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा होती है । यजुर्वेद के तैत्तिरीय आरण्यक मां कात्यायनी का उल्लेख है। स्कंद पुराण में बताया गया है कि मा परमेश्वर के नैसर्गिक क्रोध से उत्पन्न हुई है। मां कात्यायनी विश्वप्रसिद्ध महर्षि कात्यायन की पुत्री थी। महिषासुर का संहार किया है । जय महिषासुर का अत्याचार पृथ्वी पर अत्यंत बढ़ गया था तब भगवान ब्रह्मा विष्णु और महेश तीनों ने अपने-अपने तेज कांच देकर महिषासुर के विनाश के लिए मां कात्यायनी को उत्पन्न किया था। मां कात्यायनी का स्वरूप अत्यंत चमकीला है इनकी चार भुजाएं हैं माताजी का दाहिनी तरफ का ऊपर वाला हाथ अभय मुद्रा में तथा नीचे वाला वर मुद्रा में है बाईं तरफ के ऊपर वाले हाथ में तलवार और नीचे वाले हाथ में कमल पुष्प है इनका वाहन सिंह है।
नवरात्रि के सातवें दिन दुर्गाजी की सातवीं शक्ति कालरात्रि की पूजा की जाती है। इन्हें मां देवी काली, महाकाली ,भद्रकाली ,भैरवी आदि नाम से भी पुकारा जाता है। माना जाता है कि देवी के इस रूप में सभी राक्षस भूत प्रेत पिशाच और नकारात्मक ऊर्जाओं का नाश होता है । यह सभी नकारात्मक ऊर्जामां के आने से पलायन कर जाती है। मां का शरीर घने अंधकार की तरह काला है ।सिर के बाल बिखरे हुए हैं । इनके तीन नेत्र हैं ।मां की नासिका से अग्नि की भयंकर ज्वाला निकलती है । इनका वाहन गर्दभ है । इनके ऊपर उठे हुए दाहिने हाथ  की वर मुद्रा से सभी को वर प्रदान करती हैं ।दाहिने तरफ की नीचे वाला हाथ अभय मुद्रा में है। बाईं तरफ के ऊपर वाला हाथ में लोहे का कांटा और नीचे वाले हाथ में कटार है।
नवरात्रि के आठवें दिन मां महागौरी की पूजा की जाती है इनकी उपासना से भक्तों के समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं। इनका वर्ण पूर्णतः गौर है। इनके समस्त वस्त्र एवं आभूषण भी श्वेत है । महागौरी की चार भुजाएं हैं। इनका वाहन वृषभ है। उनके ऊपर के दाहिने हाथ में अभय मुद्रा और नीचे वाले दाहिने हाथ में त्रिशूल है। ऊपर वाले बाएं हाथ में डमरू और नीचे के बाएं हाथ में बर मुद्रा है ।इनकी मुद्रा अत्यंत शांत है।
नवरात्रि के नवें दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है।यह मां सभी प्रकार की सिद्धियों को प्रदान करने वाली हैं इनकी उपासना के उपरांत सभी सिद्धियां प्राप्त हो जाती हैं और सिस्टर में कुछ भी अगम में नहीं रह जाता । मां सिद्धिदात्री की चार भुजाएं हैं। उनके हाथों में गदा, चक्र, शंख एवं कमल है । मां का वाहन सिंह है तथा यह कमल के आसन पर आसीन हैं।
हमारे शरीर में 9 द्वार हैं। 2 आंख ,  दो कान , दो  नाक , एक मुख ,एक मलद्वार , तथा एक मूत्र द्वार। नौ द्वारों को सिद्ध करने हेतु पवित्र करने हेतु नवरात्रि का पर्व का विशेष महत्व है। नवरात्रि में किए गए पूजन अर्चन तप यज्ञ हवन आदि से यह नवो द्वार शुद्ध होते हैं।
नवरात्रि हमें यह भी संदेश देती है की सफल होने के लिए सरलता के साथ ताकत भी आवश्यक है जैसे माता के पास कमल के साथ चक्र एवं त्रिशूल आदि हथियार भी है समाज को जिस प्रकार  कमलासन की आवश्यकता है उसी प्रकार सिंह अर्थात ताकत ,वृषभ अर्थात गोवंश , गधा अर्थात बोझा ढोने वाली  ताकत , तथा पैदल अर्थात स्वयं की ताकत सभी कुछ आवश्यक है।

मां दुर्गा से प्रार्थना है कि वह आपको पूरी तरह सफल करें ।आप इस नवरात्रि में  जप तप पूजन अर्चन कर मानसिक एवं शारीरिक दोनों रुप में आगे के समय के लिए पूर्णतया तैयार हो जाएं।
जय मां शारदा।
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डॉक्टर की पर्ची के बगैर नहीं मिलेगा रेम्डिसिविर इंजेक्शन


डॉक्टर की पर्ची के बगैर नहीं मिलेगा रेम्डिसिविर इंजेक्शन

सागर जिले में कोरोना संक्रमण की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए कलेक्टर श्री दीपक सिंह के निर्देश पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एमएस सागर ने जिले के समस्त मेडिकल संचालकों की बैठक आयोजित की। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी अपने-अपने मेडिकल स्टोर पर रेम्डिसिविर इंजेक्शन उपलब्धता की जानकारी प्रदर्शित करें। जानकारी में रेम्डिसिविर इंजेक्शन का मूल्य एवं मोबाइल नंबर, नाम सहित फ्लेक्स बोर्ड पर अंकित करें।

डॉक्टर सागर ने बताया कि,कलेक्टर श्री दीपक सिंह के निर्देश पर यह बैठक आयोजित की गई थी।बैठक में निर्देश दिए गए कि, डॉक्टर की पर्ची के बिना कोई भी मेडिकल संचालक इंजेक्शन का विक्रय नहीं करेगा। साथ ही इंजेक्शन का रिकार्ड भी संधारित करेगा। उन्होंने बताया कि, समस्त मेडिकल संचालकों को स्टोर के मुख्य गेट पर यह फ्लेक्स चस्पा करना होगा और प्रतिदिन जानकारी प्रस्तुत करना होगी। 
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बीड़ी अस्पताल में कार्यरत् कोरोना योद्धाओं का किया सम्मान

बीड़ी अस्पताल में कार्यरत् कोरोना योद्धाओं का किया सम्मान

सागर । बीड़ी अस्पताल में कार्यरत् मेडीकल ऑफीसर, आयुष मेडीकल ऑफीसर, स्टॉफ नर्स, फार्मासिस्ट, सफाई कर्मी, एवं 108 के पायलट एवं समस्त स्टॉफ को म.प्र. चिकित्सा अधिकारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष एवं कोविड-19 नोडल अधिकारी डॉ. डी. के. गोस्वामी के सौजन्य से समस्त अस्पताल में कार्यरत स्टाफ को मुख्य अतिथि डॉ.वीरेन्द्र यादव क्षेत्रीय संचालक, सागर एवं विशेष अतिथि- डॉ. आई.एस. ठाकुर उपसंचालक सागर के हाथों से सम्मानित किया गया। जिसमें प्रशस्ति पत्र मूमेन्टो एवं मेडल प्रदान किये गये अस्पताल में कार्यरत् समस्त स्टाफ एवं डॉ. डी.के. गोस्वामी अध्यक्ष म.प्र. चिकित्सा अधिकारी संघ के द्वारा कोरोना वारियर का सम्मान किया गया बीड़ी अस्पताल में स्थित कोविड सेंटर से लगभग 200 पॉजीटिव मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हो चुके हैं एवं समस्त प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है सभी कर्मचारी एवं चिकित्सक लगन एवं निष्ठा से कार्य कर रहे हैं एवं उनके इस कार्य हेतु धन्यवाद दिया और साथ ही इस कार्यक्रम में श्री राकेश भारद्वाज ए.ओ., डॉ. जितेन्द्र सिंह, डॉ. यतेन्द्र सिंह, आर.डी.गायकवाड उपस्थित थे एवं इस संकट की घड़ी में महामारी से इस मेहनत और लगन से कार्य करने हेतु वचन दिया और भविष्य में इस संकट की घड़ी में तनमयता से कार्यरत् रहने की शपथ ली क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य सेवायें सागर ने इस सराहनीय कार्य हेतु डॉ. डी.के.गोस्वामी को धन्यवाद दिया ।

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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह 17 अक्टूबर को राहतगढ़ में ★ सुरखी का विकास मेरी राजनीति का मकसद :गोविंद राजपूत

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह  17  अक्टूबर को राहतगढ़ में  
★ सुरखी का विकास मेरी राजनीति का मकसद  :गोविंद राजपूत

सागर। सुरखी विधानसभा  से भाजपा प्रत्याशी  परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत  के समर्थन मे  17 अक्टूबर को राहतगढ़ में  मुख्यमंत्री शिवराज सिंह एक सभा को सम्बोधित करेंगे। 

राहतगढ़ में आयोजित बैठक में  परिवहन मंत्री श्री गोविंद सिंह राजपूत,  प्रदेश उपाध्यक्ष श प्रदीप लारिया, जिला अध्यक्ष श्गौरव सिरोठिया,  सुधीर यादव, श्री धर्मेंद्र लोधी ने पार्टी सभा को प्रभावी रूप से सफल बनाने की कार्य योजना तैयार की। बैठक के पश्चात सभी ने कार्यक्रमा स्थल का निरीक्षण किया।  
बैठक में  लक्ष्मण सिंह, नीरज शर्मा, पप्पू तिवारी, अमित राय, गंगाराम ठेकेदार, जगदीश लोधी, राजू बटयावदा, बुंदेल सिंह मानकी, राजकुमार सिंह धनोरा, ललित चैबे, सुधीर गुरहा, प्रशांत देवलिया, सौरभ केसरवानी, योगेश राय, विजय शाह, शैलेंद्र श्रीवास्तव सहित बड़ी संख्या में राहतगढ़ मंडल के पार्टी पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता विशेष रूप से उपस्थित रहे। 

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सुरखी का विकास मेरी राजनीति का मकसद है:- गोविंद सिंह राजपूत 

सागर। कांग्रेस पार्टी में अब रीति नीति नहीं रह गई है। पार्टी मैं बचे हुए नेता सिर्फ अपना विकास करने की सोच रखते हैं इसलिए मैंने कांग्रेस को अलविदा कह दिया मेरी राजनीति का उद्देश्य सुरखी का विकास रहा है यह बात राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने जनसंपर्क के दौरान ग्राम लाल बाग में कहीं ।श्री राजपूत ने कहा कि भाजपा में आकर मुझे लग रहा है कि जिस तरह में सुरखी का विकास करना चाहता था वह कर पाऊंगा क्योंकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान एक गरीब किसान के बेटे हैं। उन्होंने गरीबी देखी है इसलिए वह गरीब का दर्द समझते हैं छोटी से छोटी समस्या को शिवराज सिंह चैहान समझते हैं जिसको लेकर उन्होंने नीतियां बनाई और जनता के हर वर्ग को लाभ दिया श्री राजपूत ने कहा कि सुरखी के लिए मैं और मेरा परिवार हमेशा विकास के लिए तत्पर रहा है।
राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने गुरुवार को उमरिया सेमरा, लालबाग, गजीखेड़ा, नयाखेड़ा, ग्रामों में जनसंपर्क किया जहां स्थानीय ग्रामीणों ने श्री राजपूत का जोरदार स्वागत किया तथा आश्वासन दिया कि क्षेत्र की जनता श्री राजपूत के साथ है ।

उपचुनाव  क्षेत्र के विकास का भविष्य तय करेगा: ढाल सिंह बिसेन सांसद 

 बालाघाट सांसद श्री ढाल सिंह बिसेन ने सुरखी विधानसभा क्षेत्र के सोमला, रूपऊ, बरोदिया बल्लभ, लुहर्रा आदि ग्रामों में पहुंचकर मतदाताओं से जनसंपर्क कर भारतीय जनता पार्टी को विजय बनाने का लिया आशीर्वाद।  इस अवसर पर सांसद ने मतदाताओं से कहा कि प्रदेश में पूर्व में रही 15 माह की कांग्रेसी कमलनाथ की सरकार ने जनता के हितों के साथ कुठाराघात कर जनता को हर मूलभूत सुविधाओं से वंचित रखा वहीं दूसरी ओर वर्तमान की भारतीय जनता पार्टी की सरकार एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री माननीय शिवराज सिंह चैहान ने अपने अल्प समय में समाज के सभी वर्गों को लाभान्वित करने के लिए लोक कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से उन्हें लाभान्वित किया जा रहा है । जनसंपर्क के दौरान प्रमुख रुप से मंडल अध्यक्ष कमल पटेल, रण बहादुर सिंह राजपूत, अजय ठाकुर, अंकित बोहरे, गुलाब सिंह कुर्मी, राजेंद्र कुर्मी, रामबाबू कुर्मी, संतोष सेन, फूल सिंह कुर्मी, अरुण कुर्मी, संजय शाह सहित बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता एवं आमजन साथ में रहे। 

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बीड़ी उधोगपति और समाजसेवी नरेश चन्द जैन पंचतत्व मे विलीन ,★ सुरखी का कार्यकर्ता स्व श्री जैन का संकल्प पूरा करेगा : पारुल साहू

बीड़ी उधोगपति और समाजसेवी नरेश चन्द जैन पंचतत्व मे विलीन ,★ सुरखी का कार्यकर्ता स्व श्री जैन का संकल्प पूरा करेगा : पारुल साहू

सागर। बीड़ी उधोगपति और  जिला कांग्रेस कमेटी सागर ग्रामीण के अध्यक्ष नरेश चंद जी जैन की देह आज हिन्दू रीति रिवाज और जैन नमोकार मंत्रो के उच्चारण के मध्य छोटे पुत्र हेप्पी ने दाह संस्कार बीएस जैन परिवार के सभी सदस्यों की उपस्थिति के मध्य  हुआ ।अंतिम यात्रा के पहले उन्हे कांग्रेस पार्टी ध्वज का समर्पित कर उडाया गया ।  सेवादल ने उन्हें सलामी दी अंतिम यात्रा मे  राजस्व मंत्री गोविंद राजपूत, पूर्व मंत्री प्रभुसिंह ठाकुर, लखन घनघोरियॉ सुरेन्द्र चौधरी , विधायक तरवर सिह पूर्व विधायक  अरूणोदय चौबे ,नारायण प्रजापति ,सुनील जैन ,पूर्व मंडी अध्यक्ष सुधीर यादव , सुरेंद्र सुहाने  आदि  मौजूद थे। 

सुरखी का कार्यकर्ता स्व श्री जैन का संकल्प पूरा करेगा : पारुल साहू

 जिला ग्रामीण कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीमंत नरेश चंद जैन के असमय निधन पर शहर- जिला कांग्रेस कार्यालय राजीव गांधी भवन में कांग्रेस परिवार की ओर से उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। जिला कांग्रेस अध्यक्ष रेखा चौधरी और ग्रामीण कांग्रेस के प्रभारी सुरेंद्र सुहाने द्वारा आयोजित श्रद्धांजलि सभा में सुरखी विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी पारुल साहू के साथ ही प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री लखन घनघोरिया विधायक संजय शर्मा व प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष सुरेंद्र चौधरी प्रदेश उपाध्यक्ष त्रिलोकीनाथ कटारे दाऊ बुंदेल सिंह बुंदेला समेत बड़ी संख्या में पदाधिकारी और कार्यकर्ता शामिल हुए।

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श्रद्धांजलि सभा में दिवंगत नरेश चंद जैन के साथ ही पूर्व मंत्री लखन घनघोरिया के पिता स्व शिवलाल घनघोरिया, वीरेंद्र गौर के भाई धर्मेंद्र गौर पूर्व एल्डरमैन दिनेश सोनी एवं उनके बड़े भाई महेश सोनी सेवादल नेता सिकन्दर चौहान, राकेश राय की माताजी बीना के कांग्रेस नेता अभय सिंघई तथा सदर के कांग्रेस कार्यकर्ता विजय श्रीवास के निधन पर सभी उपस्थित कांग्रेसजनों ने 2 मिनट का मौन रखकर उनकी आत्मा की शांति की प्रार्थना की तथा शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त की। शोक सभा का संचालन प्रवक्ता डॉ संदीप सबलोक ने किया।प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष सुरेंद्र चौधरी ने भी शोक सभा में पहुंच कर उन्हें नि:शब्द रूप से भावभीनी श्रद्धांजलि दी।  सुरखी विधानसभा उपचुनाव के प्रभारी लखन घनघोरिया ने कहा कि नरेश जैन और उनका परिवार कांग्रेस के लिए हमेशा से ही वट वृक्ष के रूप में छाया देता आया है। विपरीत समय में सुरखी और पूरे जिले की कांग्रेस को उन्होंने जो ताकत दी है उसी की बदौलत हम जीत के मुहाने पर खड़े हैं। उन्होंने इस जीत को हासिल कर नरेश जैन के बलिदान को समर्पित करने का आव्हान कांग्रेसजनों से किया। विधायक संजय शर्मा ने कहा कि अंतिम समय तक अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाकर उन्होंने कांग्रेस पार्टी में एक नया उदाहरण प्रस्तुत किया है। अध्यक्ष  रेखा चौधरी ने कहा कि नेतृत्व और संगठन की अद्भुत क्षमता के साथ जिस तरह से उन्होंने संगठन में जान फूंकने और कार्यकर्ताओं में मनोबल बढ़ाने का काम किया है उसी का परिणाम है कि संपूर्ण सुरखी क्षेत्र आज कांग्रेसमय है। उनकी शहादत लोकतंत्र की रक्षा में एक नई इबारत लिखकर सुरखी का सम्मान बढ़ाने का काम करेगी।
सुरखी से कांग्रेस प्रत्याशी पारुल साहू ने  अपनी आदरांजलि व्यक्त करते हुए कहा कि सुरखी का चुनाव तो नरेश जैन जी ही लड़ रहे थे और जो जीत हासिल होगी वह भी उनकी ही होगी। उन्होंने भरोसा जताया कि सुरखी का एक एक कार्यकर्ता स्व नरेश जैन बनकर उनके संकल्प को पूरा करेगा और उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि देगा।जिला ग्रामीण प्रभारी सुरेंद्र सुहाने ने कहा कि स्व नरेश जैन जो भरोसा उन्हें सोकर गए हैं उसी प्रण प्राण से पूरा करेंगे। 

 सभा में  एआईसीसी सदस्य भूपेंदर सिंह मोहासा  पं भोलेश्वर प्रसाद तिवारी पुरुषोत्तम मुन्ना चौबे अमित रामजी दुबे, सिंटू कटारे पप्पू गुप्ता गोवर्धन रैकवार शौकत अली डॉ सीवी तिवारी शरद पुरोहित लक्ष्मीनारायण सोनकीया महेश जाटव भैयन पटेल लीलाधर सूर्यवंशी प्रेम नारायण चौबे दीनदयाल तिवारी युवा कांग्रेस अध्यक्ष अंकित जैन हिंन्नोद आदिल राइन कमलेश तिवारी सीताराम चौधरी आशीष ज्योतिषी रवि सोनी अतुल नेमा ताहिर खान फ़िरदौस कुरैशी शुभम उपाध्याय रजिया खान हेमकुमारी पटेल किरणलता सोनी सुधा रजक कुसुम सुरभि हेमराज रजक हरिश्चंद्र सोनवार अशोक चौधरी प्रदीप पांडे वसीम खान अशरफ खान अजय अहिरवार प्रदीप जैन कुल्फी सन्ना भाईजान अवधेश तोमर शैलेंद्र तोमर हनीफ खान ओमप्रकाश पंडा नरेंद्र मिश्रा तज्जू खान समिट बड़ी संख्या में उपस्थित कांग्रेस जनों ने पूनम आंखों से उन्हें पुष्प अर्पित कर अपनी श्रद्धांजलि दी और कांग्रेस पार्टी के सम्मान के लिए उनके संकल्प को पूरा करने की शपथ ली।                         

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अम्बेडकर ने तो यह भी नही लिखा ,चेहरा किसी का दिखाना और मुख्यमंत्री किसी और को बनाना ? : गोविंद राजपूत

अम्बेडकर ने तो यह भी नही लिखा  ,चेहरा किसी का दिखाना और मुख्यमंत्री किसी और को बनाना ? : गोविंद राजपूत

सागर। राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने किशनपुर मे जनसंपर्क के दौरान कहा कि कांग्रेस आजकल मसीहा बाबा साहब डाॅ. अम्बेडकर के नाम को चुनाव में भुनाने के मंसूबे पाल रही है जो कभी पूरे नही होंगे। कांगे्रस की बयानबाजी को आडे़ हाथों लेते हुए उन्होने कहा कि कांग्रेस की सभाओं में वोला जाता है कि बाबा साहब ने ये नही लिखा वो नही लिखा जवकी असल बात कहना भूल जाते हैं कि बाबा साहब ने संविधान में यह भी नही लिखा कि चेहरा किसी का दिखाना और मुख्यमंत्री किसी और को बनाना। वह जनता को यह भी नही बताते है कि बाबा साहब ने यह भी कही नही लिखा कि मेरे नाम पर गरीब शोषित वर्ग का वोट तो बटोर लेना इसके बाद पलटकर उनकी ओर देखना भी नही।

पलटवार करते हुए मंत्री श्री राजपूत ने कहा कि कांग्रेस ने अपने 15 महिने के कार्यकाल में किया क्या है ? गरीब शोषित समाज और बाबा साहब के अनुयायियों के लिए एक ही नाम बता दो जिसमें शोषित समाज का लाभ ध्यान में रखकर योजना बनाई हो। अब गरीवों का दुखदर्द समझने वाली कांग्रेस नही वची कांग्रेस मे अब आपस मे लडने, झगढने वाले नेता ही हैं। कांग्रेस ने भाजपा की जनहितेषी योजनाएं बंद करने का काम जरूर किया है। अब जनता गुमराह होने वाली नही है। सभी वर्ग के लोग समझते हैं कि 1 रूपया किलो गेंहू, चावल, पक्के मकान, महिलाओं को घर-घर मे गैस कनेक्शन, जन्म से लेकर मृत्यु तक का ध्यान रखने वाली संबल योजना भाजपा नरेन्द्र मोदी और शिवराज सिंह चौहान की देन है। सभी वर्ग का हित सिर्फ भाजपा में निहित है। 

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मंत्री श्री राजपूत ने कहा कि शिवराज जी अगर जनता जनार्दन के सामने झकते हैं तो कांग्रेस को तकलीफ होती है वह खिल्ली उड़ाते हैं। कांग्रेसी शिवराज सिंह को नंगा भूखा कहते हैं। मैं ऐसे लोगों से कहना चाहता हूं कि जनता के सामने झुकना हमारे संस्कार हैं। जनता हमारी भगवान है और अपने भगवान के सामने हम एक बार नही सौ बार झुकेंगे हजारों बार झुकेंगे।
जनसंपर्क के दौरान घर्मेन्द्र लोधी जबेरा विधायक,विनोद औसवाल, नीरज शर्मा, अनेकों लोग शामिल हुए।

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