फिर वो भरोसा टूटने की कहानी याद आयी.... @ ब्रजेश राजपूत ,ग्राउंड रिपोर्ट

फिर वो भरोसा टूटने की कहानी याद आयी....

@ ब्रजेश राजपूत ,ग्राउंड रिपोर्ट 

वो छह दिसंबर 1992 की दोपहर थी, सुबह से ही दफ़्तर यानिकी दैनिक जागरण के नोएडा के संपादकीय में सरगर्मी थी, हाल ही में मैंने यहां भोपाल से आकर उपसंपादक के पद पर काम करना शुरू किया था। मेन डेस्क यानिकी अखबार के पहले पन्ने में जाने वाली खबरों को जहां कांटा छांटा यानिकि संपादन और अंग्रेजी से आयी खबरों का अनुवाद किया जाता है वहां कई सारे काम करने वालों में भी था। आज अयोध्या में कारसेवा का दिन था। हमारे अखबार का मुख्य कार्यालय कानपुर में था और ये अखबार मूल रूप से उत्तरप्रदेश का था इसलिये दिल्ली से निकलने वाले अखबारों से बेहतर नेटवर्क यूपी में था। यही इस अखबार की दिल्ली में पहचान भी थी।
उस दिन हम सब बेहद तनाव में थे। टेलीपिं्रटर से लगातार कारसेवकों के अयोध्या में विवादित स्थल तक पहुंचने की खबरें आ रहीं थीं। ये भीड क्या करेगी कोई नहीं जानता था। मगर अयोध्या में तैनात पीएसी की 35 और सीआरपीएफ की 4 कंपनियों की तैनाती आश्वस्त कर रही थी कि ऐसा कोई काम नहीं होगा जिससे दुनिया में देश को और सरकारों को नीचा देखना पडे। मगर दोपहर होतेे होते हालात बिगडने लगे और टेलीप्रिंटर पर खबरें आने लगीं। कारसेवकों ने बैरिकेड तोडे, कारसेवक विवादित ढांचे की तरफ बढे और थोडी देर बाद ही वो विवादित ढांचा तोडा जाने लगा। उन दिनों ना तो समाचार चैनलों की ऐसी बाढ थी और ना ही मोबाइल फोन का जमाना। संवाददाता फोन और फैक्स से ही जानकारियां भेजते थे। जो दफतरों तक पहुंचती थी। दफतर में सरगर्मी बढ गयी जो हुआ उसके बारे में सोचा भी नहीं गया था। हमारे साथ काम करने वालों में कुछ खुश थे तो कुछ सदमें में थे कि हे भगवान ये क्या हो गया।
प्रबंधन ने जल्दबाजी में एक बैठक बुलायी और तय किया कि अगले दिन के अखबार से पहले भी शाम के लिये भी अखबार निकाला जाये। बस फिर क्या था हम सब अपना विशाद और सदमा भुला कर लग गये शाम के अखबार के लिये खबरें बनाने संजोने। अयोध्या में इतनी हडबडी थी कि हमारे संवाददाता मुश्किल से फोन तक पहुंच पा रहे थे और हांफते परेशान होते जो वो बोल रहे थे हम उसे कागज पर उतार रहे थे। ब्यौरा सुनते वक्त कोई प्रतिप्रश्न या ओर जानकारी लेने का सवाल ही नहीं उठता था। क्योंकि जो मिल रहा था वो कितनी मुश्किलों से आ रहा था हम जानते थे। कुछ घंटों में ही शाम का अखबार तैयार था। जिसमें ढांचे के गिरते की तस्वीरें और ब्यौरा विस्तार से लिखा गया था। नोएडा में अखबार के दफतर के बाहर हाकर्स की भारी भीड थी इस शाम के अखबार को लेकर बांटने की। ये अखबार खूब बिका। देश दुनिया की ये सबसे बडी खबर थी कि बीजेपी नेताओं की उपस्थिति में सैंकडों साल पुराना विवादित ढांचा गिरा दिया गया।
अयोध्या में ढांचा गिरा मगर बीजेपी ने उंचाई पा ली ये आने वाले सालों में हम सबने देख लिया। 1984 में तब की दो सांसदों वाली बीजेपी, 1991 की दसवीं लोकसभा में 120 सांसदों वाली पार्टी थी मगर आज की सत्ररहवी लोकसभा में पार्टी के पास 303 सांसद हैं। यानिकी 28 सालों में पार्टी ने 183 सांसदों वाली मजबूत और अपने दम पर सरकार बनाने वाली पार्टी बन गयी है। ये अलग बात है कि 1992 में अयोध्या से राम रथ लेकर चलने वाले नेता अब सारे हाशिये पर हैं। लालकृश्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिहं और उमा भारती सहित 32 लोगों को बाबरी विध्वंस केस में आरोपी बनाया गया था। पार्टी में नये नेताओं मोदी और शाह की पौध आ गयी है जो पुराने नेताओं से अलग सोचती और काम करती है। पिछले दिनों जब विध्वंस केस में सीबीआई का फैसला आया तो उस जमाने के धुरंधर और मंदिर वहीं बनायेंगे का नारा लगाने वाले दिग्गज नेता जब आरोपी बनकर सीबीआई की अदालत में पेश हुये तब भी वैसा ही अप्रत्याशित परिणाम आया जैसा छह दिसंबर को मिला था। यानिकी ऐसा सोचा नहीं था कि 28 साल की लंबी जांच के बाद भी सारे आरोपी बरी हो जायेगे। खैर ये हमारी न्याय प्रणाली की कमजोरी है कि भीड तंत्र को कसने के लिये कोई कानून नहीं हैं। कोर्ट के फैसले को पढें तो ये सारे लोग अयोध्या में आयी भीड तंत्र के शिकार हुये। कोर्ट ने कहा कि विध्वंस के लिये कोई षडयंत्र नहीं हुआ और इन नेताओं में अधिकतर ढांचे को बचाना चाहते थे। मगर अंत भला तो सब भला मगर इन आरोपियों में से जिनमें से अधिकतर बेहद उम्रदराज हैं ओर जिन्होंने 28 साल तक जांच और केस का तनाव झेला उसका जिम्मेदार कौन होगा ये सवाल सबके सामने हैं।
सवाल तो उस दरम्यान ये भी उठा कि जब ढांचा टूट रहा था तो हमारे देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिंह राव क्या कर रहे थे। बहुत सारी बातें उस वक्त आयीं कि राव साहब सोने चले गये थे किसी ने बताया कि वो पूजा करने चले गये थे किसी ने उनको अपने कमरे में बंद बताया था। मगर इन सारे सवालों का प्रामाणिक जबाव विनय सीतापति की किताब हाफ लायन में है जिसका अनुवाद आधा शेर के नाम से मौजूद है। विनय लिखते हैं कि राव के सोने की बात एकदम गलत है। सवा बारह बजे जब पहले गुंबद पर हमला हुआ तब राव अपने अधिकारियों से बात कर रहे थे। मगर कुछ देर बाद जब टीवी पर उन्होंने जो कुछ देखा उसके बाद वो सामान्य नहीं रह पाये कुछ मिनटों तक वो किसी से बात नहीं कर पाये, कुछ बोल नहीं सके, उन्हें उन सभी लोगों पर बहुत भरोसा था।
हमारे देश का इतिहास भरोसे टूटने की कहानियों से भरा है। बाबरी मसजिद ध्वंस और उसके बाद आया ये फैसला भी उन कहानियों में जुड गया है।

★  ब्रजेश राजपूत, एबीपी न्यूज़ नेटवर्क भोपाल


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मेडिकल टीचर एसोसिएशन ने कोरोना योद्धाओ का किया सम्मान

मेडिकल टीचर एसोसिएशन ने कोरोना योद्धाओ का किया सम्मान


सागर  । कोरोना महामारी  के दौरान बीएमसी में कार्यरत सभी कोरोना योद्धाओं जो कि पिछले 6 महीने से बिना रुके ,बिना थके ,निरंतर अपनी उत्कृष्ट सेवाएं दे रहे हैं। उन सभी की सेवाओं को सराहने एवं उनका मनोबल बढ़ाने के लिए मेडिकल टीचर एसोसिएशन ने कोरोना योद्धायों का सम्मान कार्यक्रम प्रारंभ किया है। एमटीए अध्यक्ष ने बताया इसके तहत प्रत्येक माह बीएमसी में कार्यरत स्वास्थ्य कर्मियों में से उत्कृष्ट सेवा देने वालों को चिन्हित कर सम्मान किया जाएगा।सितंबर माह के लिए आईसीयू से स्टाफ नर्स आरती राउत, रेडियोलोजी से वार्ड बॉय सूरज सोनी का चयन किया गया है।

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एम टी ए अध्यक्ष डॉक्टर सर्वेश जैन की उपस्थिति में चयनित स्वास्थ्य कर्मियों का अधीक्षक डॉ राजेश जैन ,मेडिसिन विभाग अध्यक्ष डॉक्टर रमेश पांडे ,डॉ रविकांत अर्जेरिया, डॉक्टर पुण्य प्रताप द्वारा शॉल,श्रीफल और नगद राशि  से सम्मान किया गया। सभी चिकित्सकों ने सम्मानित स्वास्थ्य कर्मियों के लिए बधाई दी एवं सभी स्वास्थ्य कर्मियों से निवेदन किया है कि जनहित में हम सभी को अपनी उत्कृष्ट सेवाएं प्रदान करना है ।

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सरपंच/सचिव के खिलाफ मामला दर्ज, सागर जनपद के सीईओ और उपयंत्री को नोटिस

सरपंच/सचिव के खिलाफ मामला दर्ज, सागर जनपद के सीईओ और उपयंत्री को नोटिस

सागर  ।  ग्रामवासियों की शिकायत पर ग्राम पंचायत पामाखेडी जनपद पंचायत सागर अंतर्गत सीसी रोड निर्माण कार्यो में बिना कार्य किये राशि का आहरण करने का दोषी मानते हुए ग्राम पंचायत के सरपंच  छोटेलाल अहिरवार एवं तत्कािलीन सचिव श्री राकेश दुबे पर धारा 92 के अंतर्गत मामला दर्ज कर इनके विरूत्द्ध कार्यवाही की गई है एवं उचित पर्यवेक्षण न करने के संबंध में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत सागर एवं उपयंत्री ग्राम पंचायत पामाखेडी को कारण बताओ सूचना पत्र जारी कर स्पष्टीकरण गया है।

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एक ही काम का दो दफा भुगतान, पंचायत सचिव निलंबित,  सरपंच, सचिव एवं ग्राम रोजगार सहायक के खिलाफ प्रकरण दर्ज*
जनपद सीईओ सहित आधा दर्जन को नोटिस -

इसी प्रकार ग्राम पंचायत जैतपुर कछया जनपद पंचायत देवरी अंतर्गत निर्माण कार्यो में भुगतान संबंधी एवं राशि के दुरूपयोग संबंधी पाई गई अनियमितताओं एवं ग्राम पंचायत स्त्र पर रिकार्ड संधारित न होने के संबंध में सचिव ग्राम पंचायत श्री शुभम शर्मा को तत्काल प्रभाव से जिला पंचायत सागर में संवद्ध कर विभागीय जॉच संस्थित की गई है, एवं प्रधान श्री श्यापम गौड के विरूद्ध धारा 92 के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया है ।

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जनता की मांग पर मैने कांग्रेस पार्टी छोड दी : मन्त्री गोविंद राजपूत

जनता की मांग पर मैने कांग्रेस पार्टी  छोड दी : मन्त्री गोविंद राजपूत

सागर। सुरखी उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी राजस्व और परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत का सधन जनसंपर्क जारी है। शनिवार को उन्होने पठा, धाना, विदवांस, हीरापुर, खमकुंआ, टेकापार, आदि गांवो में लोगों से मुलाकात कर उनके हालचाल जाने। इस दौरांन लागों ने ढोल नगाडों के साथ फूलों की बारिश करके उनका स्वागत किया। 
धाना गांव में लोगों ने मंत्री श्री राजपूत को बताया कि कांग्रेस ने सिर्फ झांसा देकर बोटों की ठगी कर ली थी। न तो 2 लाख रूपय के कर्ज माॅफ हुए और ना ही गांव-गांव मे गऊशाला बनी। इसके जबाब मे मंत्री राजपूत ने कहा कि लोग हमसे कहते थे कि भैया आप तो अच्छे हो लेकिन पार्टी खराब है, इसलिए अब अच्छी पार्टी मे आ गए हैं। 

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विदवांस में  उन्होने कहा कि कांग्रेस में मुझे मंत्री जरूर बना दिया था लेकिन कमलनाथ जी से क्षेत्र में विकास कार्यों की मांग की तो उन्होने हमेशा अनसुना किया इसी उपेक्षा के कारण और क्षेत्र की जनता की मांग पर मैने वह पार्टी ही छोड दी। अब जिस पार्टी में हूंॅ सब जानते हैं भाजपा विकासवादी पार्टी है। 

 श्री राजपूत ने कहा कि कांग्रेस ने जनता के साथ सिर्फ छल किया इसलिए जनता कांग्रेस और कमलनाथ को करारा जबाब जरूर देगी।
इसके पूर्व जबेरा विधायक धर्मेन्द्र लोधी ने  कहा कि देश की आन-बान और शान के लिए मर मिटने वाली लोधी समाज कभी देशद्रोही पार्टी के लिए वोट नही दे सकती। भाजपा भगवान राम के सिद्वांतों पर चलने वाली पार्टी है। 
जनसंपर्क के दौरान विनीत पटैरिया, नर्मदा सिंह, अरूण गौतम, पिंकू भैया, देवेंद्र फुसकेले, सहित बडी संख्या मे लोग मौजूद रहे।

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जनता द्वारा चुनी हुई सरकार गिराकर दल बदला है 23 षडयंत्रकारियों ने : अरूणोदय चौबे पूर्व सीएम कमलनाथ की जैसीनगर में आम सभा 12 अक्टूबर को #सुरखी_उपचुनाव

जनता द्वारा चुनी हुई सरकार गिराकर दल बदला है 23 षडयंत्रकारियों ने : अरूणोदय चौबे

पूर्व सीएम कमलनाथ  की जैसीनगर में आम सभा 12 अक्टूबर को


#सुरखी_उपचुनाव

सागर। सुरखी विधानसभा के राहतगढ़ ग्राम में एक विशाल नुक्कड़ आमसभा को संबोधित करते हुए म.प्र. कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अरूणोदय चौबे ने कहा कि म.प्र. विधानसभा उपचुनावों में जनता द्वारा चुनी हुई लोकतांत्रिक कमलनाथ सरकार गिराकर ही 23 षडयंत्रकारियों ने दल बदला था पीठ में छुरा कौन घोपता है यह शब्द कहना उचित नही जनता जानती है कि भाजपा से सौंदाकर म.प्र. की जनता को उपचुनाव के लिए मजबूर किया गया है।
बण्डा विधानसभा के पूर्व विधायक नारायण प्रजापति ने कहा कि कमलनाथ सरकार को जिन 22 विधायकों और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गिराया है कांग्रेस सरकार और कमलनाथ जी ने इनकी कही भी उपेक्षा नही की थी सिंधिया द्वारा सुझाये मंत्रालय और पूर्ण अधिकार शक्ति इन्हें प्रदान की गई थी पंरतु रूपयों  के आगे सबने घुटने टेंक दिये और सरकार गिरा दी जिसका जबाव उपचुनाव में जनता इन धोखेबाजों को देगी। 
इस अवसर पर ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष प्रहलाद पटैल, नगर कांग्रेस अध्यक्ष फहीम कुरैशी अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ जिला अध्यक्ष हाजी मुन्ना चौधरी, वरिष्ठ कांग्रेसी बाबूसिंह लोधी किसान कांग्रेस प्रकोष्ठ अध्यक्ष विजय सिंह लोधी, अंकुर दुबे, उपस्थित थें।

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कमलनाथ 12 अक्टूवर को जैसीनगर में 

सुरखी विधानसभा उपचुनाव प्रभारी  लखन घनघोरिया, सहप्रभारी तेदूखेंड़ा विधायक संजय शर्मा द्वारा प्रदत्त जानकारी अनुसार जिला कांग्रेस कमेटी सागर ग्रामीण कार्यालय प्रभारी पूर्व सांसद आनंद अहिरवार ने बताया कि म.प्र. के अध्यक्ष कमलनाथ  की सुरखी विधानसभा के जैसीनगर में 12 अक्टूबर को विशाल आमसभा होगी ।इस हेतु एक अतिआवश्यक वृहद बैठक का आयोजन दिनांक 6 अक्टूबर दोपहर 1 बजे आदर्श गार्डन में आयोजित की जावेगी।

कार्यालय का उदघाटन 

बिलहरा में कांग्रेस कार्यालय का उद्घाटन म.प्र. कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष वीरेन्द्र गौर, ने किया। इस अवसर पर प्रदेश सचिव राजू राठौर, प्रदीप राय, मुकेश खटीक, बिलहरा ब्लॉक अध्यक्ष कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष कृष्णासिंह, बाबू पंडा, नेता पटेल, प्रशांत तिवारी, अनिल सोनी, मुन्ना अहिरवार आदि उपस्थित थे।


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समाज सेविका कांग्रेस नेत्री श्रीमती जया चौधरी का निधन

 समाज सेविका कांग्रेस नेत्री श्रीमती जया चौधरी का निधन

नरसिंहपुर। गत दिवस वरिष्ठ कांग्रेस नेत्री एवं समाज सेविका श्रीमती जया चौधरी के स्वास्थ्य खराब होने पर उन्हें जबलपुर मेडिकल कॉलेज में भर्ती करवाया गया था इलाज के दौरान गंभीर हृदयाघात से वे अपने पीछे भरा पूरा परिवार छोड़ कर चली गई हैं.
श्रीमती जय चौधरी के राजनीतिक कार्यों से अलग उन्हें पर्यावरण, वृक्षारोपण, पॉलिथीन मुक्त वातावरण एवं सामूहिक विवाह सम्मेलनों के लिए समाज में जाना जाता था उन्होंने लगभग 1000 से अधिक कन्याओं की शादी करवाई थी और वह जाटव समाज की पहली महिला मुखिया भी चुनी गई थी ।

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वह एक अदम्य साहस प्रगतिशील विचारधारा और सामाजिक कुरीतियों के सख्त खिलाफ व  समाजिक समरसता की प्रतीक थी , आधुनिकता में पूर्ण विश्वास महिलाओं की जागृति  व उनके आर्थिक उन्नयन के लिये जया देवी चौधरी पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष मध्य प्रदेश काँग्रेस कमेटी वरिष्ठ समाज सेविका करेली जिला नरसिंहपुर के सराहनीय प्रयास रहे ,, श्रीमती जया चौधरी, एमपी चौधरी सेवानिवृत्त डीआईजी की धर्मपत्नी एवं डॉ. विक्रम चौधरी वरिष्ठ कांग्रेस नेता, इंदु चौधरी वरिष्ठ भाजपा नेत्री की माताजी हैं
एक मां के अलावा भी उन्होंने अपनी सम्पूर्ण सामाजिक राजनैतिक जिम्मेदारियों का निर्वहन कर वह आज ईश्वर की लीला में विलीन हो गई.
श्रीमती जय चौधरी आज इस दुनिया में नहीं है परंतु उनके व्यक्तित्व की विरासत हमेशा सभी के मन में विद्यमान रहेगी वह प्रेम की प्रतिमूर्ति थी सरल सहज  अपनत्व की भावना से भरा हुआ उनका जीवन अविस्मरणीय रहेगा. 

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साहू समाज का जातिगत अपमान, समाज में रोष व्याप्त, राज्यपाल के नाम कलेक्टर सागर को दिया ज्ञापन

साहू समाज का जातिगत अपमान, समाज में रोष व्याप्त,  राज्यपाल के नाम कलेक्टर सागर को दिया ज्ञापन

सागर।  गुना जिले के दो व्यक्तियों द्बारा साहू समाज के ऊपर जातिगत अपमान करने को लेकर समूचे म.प्र. मे साहू समाज द्भारा रोष व्याप्त किया जा रहा है इसी तारतम्य मे आज सागर जिला साहू समाज के द्धारा प्रदेश साहू तैलिक सभा के प्रदेश अध्यक्ष ताराचंद साहू के नेतृत्व मे ,सागर कलेक्टर को राज्यपाल के नाम ज्ञापन दिया गया.।

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इस विषय को लेकर समूचे म.प्र.मे ज्ञापन दिये जा रहे विगत दिनो हीरेन्द्र सिह ठाकुर ओर चंद्रेश मीणा द्बारा कहा गया कि तेली तमोली का चेहरा देखलो तो दिन मनहूस जाता है यह साहू समाज का अपमान है जिसको लेकर ज्ञापन दिये जा रहे है ओर शीध्र गिरफ्तारी की मांग की गई है.ज्ञापन देने वालो मे प्रमुख रूप से साहू समाज जिलाधयक्ष विजयसाहू साहू समाज युवा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष कमलेशसाहू गढाकोटा साहू समाज पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष घासीराम साहू साहू समाज के प्रदेश सचिव हितेश साहू रायसेन साहू समाज के वरिष्ठ पदाधिकारी मदनलाल साहू खरगोन साहू समाज ट्रस्ट के जिला उपाध्यक्ष बलराम साहू संतोष साहू पंतनगर नितिन साहू गढाकोटा उमाशंकर साहू प्रमुख रूप से उपस्थित थे । 


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राष्ट्रपति और कोरोना महामारी : हिदायतों के प्रति दिखाया अनादर @ प्रदीप कृष्णात्रे


राष्ट्रपति और  कोरोना महामारी : हिदायतों के प्रति दिखाया अनादर

  @  प्रदीप कृष्णात्रे

नेता का आम जन पर असर पड़ता है, खासतौर पर संकट के दौर में। कुछ ऐसे नेता होते हैं जो अपने कामों व उदाहरणों को सामने रखकर उम्दा नेतृत्व देते हैं। 
लीजिए अब अमेरिका के राष्ट्रपति भी कोरोना की चपेट में आ गए। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन व ब्राज़ील के राष्ट्रपति बोल्सोनारो के बाद वे दुनिया के ऐसे तीसरे बड़े नेता हो गए हैं। 
दो लाख से ज्यादा मौतों के साथ संयुक्त राज्य अमेरिका विश्व में सबसे ज्यादा कोविड प्रभावित देश है। अगर यूरोप की बात करें तो यहाँ ब्रिटेन में सबसे ज्यादा चालीस हजार जानें गईं। वहीं एक लाख पैंतालीस हजार कोरोना मौतों के साथ ब्राज़ील लैटिन अमेरिका का सबसे संक्रमित देश है। 
आश्चर्यजनक रूप से दुनिया के अलग-अलग देशों के तीनों नेताओं में एक समानता है। तीनों ने लगातार उन्हें दी जाने वाली सलाहों को नकारा और ख़तरों से आगाह करने वाली हिदायतों के प्रति अनादर दिखाया। वे खुलेआम घूमते रहे, लोगों से हाथ मिलाते रहे, आमसभाओं को संबोधित करते रहे और मॉस्क पहनने से बचते रहे। वे  खुद को डॉन क्विक्जोट (प्रसिद्ध स्पैनिश उपन्यास का अदभुद् दुस्साहसी चरित्र) की तरह पेश करते रहे। अंतत: वायरस ने उन्हें जकड़ लिया। 
नेता का आमजन पर असर पड़ता है, खासतौर पर संकट के दौर में। कुछ ऐसे नेता होते हैं जो अपने कामों व उदाहरणों को सामने रखकर उम्दा नेतृत्व देते हैं। न्यूज़ीलैंड की प्रधानमंत्री व जर्मनी की चांसलर ऐसे नेताओं की पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करती हैं। जब जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल के डॉक्टर को संक्रमण हुआ, उन्होंने खुद को क्वारेंटाइन कर लिया। 
भारत के प्रधानमंत्री नेताओं के अलग वर्ग का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने विशेषज्ञों की सलाहों का गंभीरता के साथ अनुशरण किया। कम लोगों को याद होगा कि 24 मार्च को अपने टेलीविजन भाषण के आख़िर में उन्होंने लोगों को चेताया था कि यदि उन्हें कोविड संक्रमण के कोई लक्षण दिखें तो चिकित्सकों के परामर्श के बिना कोई दवा न लें। उन्होंने कहा था-इस मामले में कोई भी प्रयोग आपके जीवन को ख़तरे में डाल सकता है। 
उक्त तीनों संक्रमित नेता तीसरे वर्ग में हैं। इनमें से दो-बोल्सोनारो व ट्रंप तो ख़ुशी-ख़ुशी असावधान बने रहे। दोनों ने विज्ञान की अवधारणाओं को नकारा और अपनी महानता की डींगे हांकते रहे। ब्राज़ील के राष्ट्रपति ने तो इतनी चतुराई दिखाई कि अपने दो स्वास्थ्य मंत्रियों के इस्तीफ़े ले लिए। ट्रंप भी इनसे कम अहमक नहीं थे। उन्होंने हाइड्रोक्लोरोक्वीन दवा लेने की बात खुले तौर पर स्वीकारी जबकि विशेषज्ञ इसके खिलाफ राय देते रहे। जॉनसन ने उस अस्पताल में लोगों से हाथ मिलाने की शेखी बघारी जहाँ कोरोना मरीजों का इलाज किया जा रहा था। 
बोरिस जॉनसन पर शायद विशेषज्ञों की राय का असर हुआ। उन्हें भरोसा हो गया कि हर्ड इम्युनिटी विकसित होने पर वायरस का आक्रमण रुक जाएगा। इसके बाद जॉनसन ने लॉकडाउन और सोश्यल डिस्टेंसिंग की ज़रूरत को अस्वीकार किया। सात दिन अस्पताल में, जिसमें से तीन दिन सघन चिकित्सा इकाई (आइसीयू) में गुज़ारने को बाद उन्होंने कहा-'कुछ भी हो सकता था।' जब देश में कोरोना की दूसरी लहर आई तब उनमें वैसी हेकड़ी नहीं थी। 
बोल्सोनारो ने भी कोविड-19 को प्रारंभ में सामान्य फ्लू बताया। जब वे संक्रमण से मुक्त हो गए, जॉनसन की अपेक्षा ज्यादा दबंग नजर आए। कहने लगे-ब्राजील वालों को वैक्सीन लेने के लिए बाध्य नहीं करना चाहिए। ट्रंप चिड़चिड़े तो नहीं दिखे लेकिन वैसे ही तिरस्कारी रहे। उन्होंने यहाँ तक आरोप लगा दिया कि महामारी महज़ उनकी विरोधी डेमोक्रेटिक पार्टी का उन्हें राष्ट्रपति बनने से रोकने का झाँसा है। उन्होंने अपने इर्द-गिर्द लोगों के मॉस्क लगाने को नापसंद किया। एक पत्रकार वार्ता में तो संवाददाता से मॉस्क उतारने तक को कह दिया। रिपब्लिकन गवर्नर्स और अन्य ने उन्हीं की राह चलते हुए मॉस्क पहनने से परहेज़ किया। 
हालाँकि उम्र और वज़न ट्रंप का साथ नहीं दे रहा था। तीनों नेताओं में वे सबसे उम्रदराज़ (76 वर्षीय) हैं जबकि बोल्सोनारो 74 के व बोरिस 65 के हैं। ट्रंप न केवल 110 किलो वज़न के हैं बल्कि मोटापा के शिकार भी हैं। रोग नियंत्रण व प्रतिरोधक केन्द्र (CDC) के अनुसार 65 से 74 वर्ष की उम्र में अस्पताल में भर्ती होना भी जोखिम भरा होता है। 
अमेरिका के कई राष्ट्रपति संकटकाल में बीमार पड़े। विल्सन 1918-19 में तब इनफ्लुएंजा के शिकार हो गए थे जब दुनिया के कई हिस्सों में स्पैनिश फ्लू फैला था। अमेरिकी प्रशासन व विल्सन की पत्नी को इसका पता था लेकिन उन्होंने किसी को बताया नहीं। चार बार राष्ट्रपति रहे रूज़वेल्ट, विकलांगता से ग्रस्त थे। लड़ाइयों में कमजोरी के शिकार हुए और द्वितीय विश्वयुद्ध के ठीक बाद चल बसे। वैसे ही भारत के प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने चीन से युद्ध के बाद देह त्याग दी थी। सवाल है कि क्या ट्रंप और उनका प्रशासन क्या उनकी निर्बलता को लेकर ऐसा ही खुलापन दिखाता रहेगा ? 


(श्री प्रदीप कृष्णात्रे  नई दिल्ली स्थित जॉन हापकिन्स सेंटर फ़ॉर कम्युनिकेशन प्रोग्राम में रिसर्च व स्ट्रेटेजिक प्लानिंग के पूर्व निदेशक हैं ) 


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