उज्जैन : जहरीली शराब बेचने वाले और शादी के नाम पर पैंसे ऐठने वाले आरोपीयो की जमानत निरस्त
उज्जैन । न्यायालय प्रेमपाल सिंह ठाकुर, द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश महोदय, जिला उज्जैन के न्यायालय द्वारा अभियुक्त देवीलाल पिता जगन्नाथ मालवीय निवासी खिलचीपुरा आगर रोड जिला उज्जैन का जमानत आवेदन निरस्त किया गया।
अभियोजन मीडिया सेल प्रभारी श्री मुकेश कुमार कुन्हारे ने बताया कि घटना इस प्रकार है कि दिनांक 15.08.2020 को थाना चिमनगंजमण्डी के उनि रविन्द्र कटारे मोहन नगर चौराहे से भम्रण सर्कल करते हुये इन्द्रानगर पर पहुचे जहॉ उन्हें मुखबिर द्वारा सूचना मिली कि एक व्यक्ति एक प्लास्टिक के डब्बे में हाथ भट्टी की कच्ची जहरीली शराब अवैध रूप से बेचने के लिये खिलचीपुरा नाले के पास रोड पर लेकर खडा है, वह कही बेचने के लिये ले जा रहा है। सूचना की तस्दीक हेतु वह मयफोर्स के मुखबीर द्वारा बताये स्थान खिलचीपुरा नाले के पास पहुॅचे, जहॉ नाले के पास एक व्यक्ति हाथ में प्लास्टिक का डब्बा लिये खडा था, जो पुलिस को देखकर भागने लगा जिसे घेरबंदी कर पकडा। उसका नाम पता पूछने पर उसने अपना नाम देवीलाल पिता जगन्नाथ निवासी खिलचीपुरा आगर रोड का होना बताया। उसके हाथ में रखा प्लास्टिक का डब्बे को खोलकर देखा तो उसमें देशी हाथ भट्टी की जहरीली शराब करीब 10 लीटर भरी पाई गई, जिसकी कीमत लगभग 600/- रूपये होना पाई गई। अभियुक्त से उक्त शराब के संबंध मंे लायसेंस का पूछने पर उसने लायसेंस का नही होना बताया। अभियुक्त से विधिवत शराब को जप्त कर उसे गिरफ्तार किया गया। थाना चिमनगंजमण्डी पर अभियुक्त के विरूद्ध अपराध को पंजीबद्ध किया गया।
अभियुक्त द्वारा जमानत आवेदन न्यायालय में प्रस्तुत किया था। अभियोजन की ओर से जमानत आवेदन का विरोध किया कि अभियुक्त द्वारा अपने लालच के लिये दूसरों की जान खतरे में डालना चाहता है क्योंकि कोई व्यक्ति जहरीली शराब पीता तो उसे निश्चित ही क्षति कारित होती। अभियुक्त द्वारा समाज के प्रति एक गंभीर अपराध कारित किया है। न्यायालय द्वारा अभियोजन के तर्केे से सहमत होकर अभियुक्त का जमानत आवेदन निरस्त किया गया।प्रकरण में पैरवीकर्ता श्री के.के. शर्मा, एजीपी जिला उज्जैन द्वारा की गयी।
धार्मिक भावना को आहत करने वाले अभियुक्त की सेंशन न्यायालय से भी जमानत निरस्त
न्यायालय माननीय अपर सत्र न्यायाधीश महोदय, तहसील खाचरौद द्वारा अभियुक्त विवेक कांकरिया पिता चांदमल कांकरिया निवासी जवाहर मार्ग खाचरौद का जमानत आवेदन पत्र निरस्त किया गया।
उप-संचालक अभियोजन डॉ. साकेत व्यास द्वारा अभियोजन घटना अनुसार बताया कि दिनांक 12/08/2020 को फरियादी प्रदीप पिता शंकर लाल पाटीदार ने थाना खाचरौद पर आकर लिखित आवेदन देकर प्रथम सूचना रिपोर्ट लेखबद्ध कराई कि विवेक कांकरिया ने अपने फेसबुक एकाउंट से जन्माष्टमी के दिन देवी-देवता के अपत्तिजनक फोटो फरियादी और अन्य लोगो के मोबाइल न0 पर भेजकर उसकी एवं अन्य लोगों की धार्मिक भावना को आहत किया गया। अभियुक्त विवेक कांकरिया के विरुद्ध धारा 188,505,(2), 295(क)भारतीय दंड विधान तथा सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 67, 67क में अपराध पंजीबद्ध कर आरोपी को गिरफ्तार कर खाचरौद न्यायालय में पेश किया गया।
अभियुक्त द्वारा न्यायालय में जमानत आवेदन पेश किया था। अभियोजन अधिकारी श्री परमानंद धाकड़ द्वारा अपने तर्कों में न्यायालय के समक्ष बताया कि आरोपी का अपराध गंभीर प्रकृति का होकर समाज मे शांति व्यवस्था को बिगाड़ने वाला तथा समाज मे घृणा ओर वैमनस्यता फैलाने वाला हैं। अतः आरोपी का जमानत आवेदन खारिज किया जाए। न्यायालय द्वारा अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर न्यायालय द्वारा आरोपी का जमानत आवेदन निरस्त कर जेल भेज दिया।प्रकरण में शासन की ओर से श्री परमानन्द धाकड़, एजीपी तहसील खाचरौद, जिला उज्जैन द्वारा पैरवी की गई।
शादी कराने के नाम पर एक लाख रूपये एैठने वाले गिरोह की महिला की जमानत निरस्त
न्यायालय श्रीमान जफर इकबाल अपर सत्र न्यायाधीश-तहसील बड़नगर जिला उज्जैन के न्यायालय द्वारा अभियुक्ता लक्ष्मीबाई पति रमेश, निवासी भाटपचलाना तह0 बडनगर जिला उज्जैन का जमानत आवेदन निरस्त किया गया।
उप-संचालक अभियोजन डॉ0 साकेत व्यास ने बताया कि घटना इस प्रकार है कि फरियादी विनोद पिता पन्नालाल सूर्यवंशी निवासी ग्राम रतनागढ़ खेड़ा जिला रतलाम ने थाना भाटपचलाना पर प्रथम सूचना रिपोर्ट लेखबद्ध कराई कि मेरी शादी नहीं हुई है। पिछली होली के आसपास की बात है, मैं भाटपचलाना एक कार्यक्रम में मेरे पिताजी के साथ आया था। वह हमें लक्ष्मीबाई मिली जिसने मेरे पिताजी से कहा की तुम्हारे लड़के की शादी नहीं हो रही है, मैं उसकी शादी करवा दूंगी और हमें उसके घर आने का बोला था। हम 06-07 दिन बाद लक्ष्मीबाई के घर गये, वहां लक्ष्मीबाई दशरथ व बनेसिं को बुलाया था। तीनों ने मुझसे कहा कि तुम्हारी शादी करवा देगें, डेढ़ लाख रूपये का खर्चा आयेगा, लडकी देखने इंदौर जाना पडेगा। बनेसिंह ने कहा लड़की मेरी भानजी है। मैं जो बोलूगां वहीं होगा। हमारी सहमति एक लाख रूपये पर बनी थी। 08-10 दिन बाद मेरे पास फोन आया कि पैसों की व्यवस्था हो गई हो तो इंदौर चलते है। फिर हम लोग इंदौर गये थे। वहां उन्होने पुनीता नाम की लड़की बताई जिसने शादी करने केे लिए हां कह दी थी। मेरे द्वारा अगल-अलग दिनांकों को 47,000रु नगद दिये थे। रूपये 53,000/ बनेसिंह को पुनीता के सामने नगद दिये। पैसे लेने के बाद बनेसिंह बोला कि आधार कार्ड भूल गये है। 02-03 दिन बाद आधार कार्ड लेकर कोर्ट में शादी करा देंगे। 02-03 दिन बाद मैंने बनेसिंह को फोन लगाया तो उसने फोन नहीं उठाया। लक्ष्मीबाई, दशरथ व बनेसिंह एवं पुनीता ने उसके साथ शादी की बात पर कुल 1,07,900 रूपये एैठकर उसके साथ शादी के नाम पर धोखाधडी की है। फरियादी की रिपोर्ट पर थाना भाटपचलाना द्वारा अपराध पंजीबद्ध किया गया।
अभियुक्ता लक्ष्मीबाई द्वारा जमानत आवेदन सेशन न्यायालय में प्रस्तुत किया था। अभियोजन अधिकारी श्री कलीम खान की ओर से जमानत आवेदन का विरोध किया गया कि अभियुक्ता द्वारा शादी के नाम पर धोखाधडी कर गंभीर अपराध कारित किया है। न्यायालय द्वारा अभियोजन के तर्केे से सहमत होकर अभियुक्त का जमानत निरस्त किया गया। प्रकरण में पैरवीकर्ता श्री कलीम खान, एजीपी तह0 बड़नगर जिला उज्जैन द्वारा की गयी।
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