धोखाधड़ी कर 8 लाख का लोन निकालने वाले आरोपी की जमानत खारिज
सागर। न्यायालय-न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी वीणा खलखो,गढाकोटा जिला सागर के न्यायालय ने आरोपी सुरेंद्र प्यासी पिता अनुरुद्ध प्यासी निवासी ग्राम बम्होरी गराय गढ़ाकोटा जिला सागर का जमानत का आवेदन निरस्त करने का आदेश दिया। वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जमानत आवेदन पर राज्य शासन की ओर से सहा0 जिला अभियोजन अधिकारी लक्ष्मी प्रसाद पटैल, गढाकोटा ने शासन का पक्ष रखा।
घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि फरियादी देवेंद्र निवासी ग्राम उदयपुरा थाना गढ़ाकोटा में रहता है जिसका खाता यूनियन बैंक ऑफ इंडिया शाखा बाजार गढ़ाकोटा मैं है। वर्ष 2018 में फरियादी को पैसे की आवश्यकता थी तो यूनियन बैंक ऑफ इंडिया गढ़ाकोटा गया। वहीं पर फरियादी को पहले से परिचित सुरेंद्र प्यासी ग्राम बम्होरी गराय गढ़ाकोटा मिला उससे फरियादी ने बताया कि वह जमीन को बैंक में बंधक रखकर क्रेडिट कार्ड बनवाना चाहता है। सुरेंद्र ने बताया कि वह बैंक का काम करता हैं, तुम्हारा क्रेडिट कार्ड बनवा दूंगा और उस पर लोन राशि भी स्वीकृत करवा दूंगा। मेरी बैंक मैनेजर शिवप्रसाद गौनेकर से अच्छी पहचान है। फरियादी सुरेंद्र की बातों में आ गया। सुरेंद्र ने फरियादी से फोटो और जमीन के कागजात मांगे जो फरियादी ने तुरंत दे दिए और कई कागजात पर हस्ताक्षर करवा लिए और कहां कि मैं तुम्हारा जल्दी से क्रेडिट कार्ड बनवा दूंगा और उस पर लोन भी दिलवा दूंगा। फरियादी को बैंक मैनेजर शिवप्रसाद गौनेकर से भी मिलवाया उन्होंने कहा कागजात सुरेंद्र को दे दो तुम्हारा काम हो जाएगा। सुरेंद्र आज कल में काम हो जाएगा ऐसा कहता रहा। 1 साल निकल गई और फसल आ गई तो फरियादी को पैसों की जरूरत नहीं पड़ी। फिर दिनांक 8 फरवरी 2020 को फरियादी को सिविल न्यायालय में आयोजित लोक अदालत से नोटिस आया कि उसके ऊपर ₹800000 का कर्ज है उसे बैंक में जमा करो। फरियादी हैरान हो गया और उसने बैंक मैनेजर को बताया तो मैनेजर मैं कहा तुम्हारा पैसा सुरेंद्र प्यासी के से वापस करवा दूंगा तुम परेशान मत हो। सुरेंद्र से भी मिला तो उसने भी पैसा वापस करने की बात कही पर उन्होंने ना तो उपरोक्त रकम मुझे दी और ना ही बैंक में जमा की। फरियादी ने उक्त घटना की रिपोर्ट थाना गढाकोटा में दर्ज करायी। प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया। आरोपी को गिरिफतार किया गया। आरोपी के द्वारा जमानत आवेदन प्रस्तुत किया गया। अभियोजन ने जमानत आवेदन का विरोध किया। माननीय न्यायालय द्वारा उभय पक्ष को सुना गया। न्यायालय द्वारा प्रकरण के तथ्य परिस्थितियों एवं अपराध की गंभीरता को देखते हुए व अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपी सुरेंद्र का जमानत हेतु धारा 437 दप्रसं का आवेदन निरस्त कर दिया गया।
बहला फुसला कर ले जाकर गलत काम करने वाले ,आरोपी की जमानत खारिज
सागर। न्यायालय- श्रीमान हेमन्त कुमार अग्रवाल प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश, बीना जिला सागर के न्यायालय ने आरोपी घनश्याम पिता सेमचन्द्र आदिवासी उम्र 27 वर्ष निवासी देहरी तहसील बीना जिला सागर का जमानत का आवेदन निरस्त करने का आदेश दिया गया। वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जमानत आवेदन पर राज्य शासन की ओर से विशेष लोक अभियोजक/वरिष्ठ सहा0 जिला अभियोजन अधिकारी श्याम सुन्दर गुप्ता, बीना जिला सागर ने शासन का पक्ष रखा।
घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि फरियादिया ने थाना आागासौद में रिपोर्ट दर्ज कराई कि फरियादिया का पति करीब 11 साल पहले फौत हो गये। उसकी बेटी (अभियोक्त्री) जो कि नाबालिग है, दिनांक 15.08.2020 के शांम करीब 04 बजे उसे बिना बताये कही चली गयीं। शांम तक घर वापस नही आयी तो फरियादिया ने सभी जगह गांव में जाकर पता किया और रिस्तेदारी में पता किया जो नही मिली। कोई अज्ञात व्यक्ति उसे बहला फुसला के भगा ले गया। उक्त घटना का प्रकरण थाना आगासौद पुलिस ने पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया। पुलिस कार्यवाही के दौरान लडकी (अभियोक्त्री) को बरामद किया और पूछताछ की तो उसने बताया कि आरोपी घनश्याम आदिवासी ने उसके साथ गलत काम किया। आरोपी घनश्याम आदिवासी को गिरिफतार कर न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। आरोपी द्वारा जमानत आवेदन न्यायालय में प्रस्तुत किया। जहां अभियोजन ने जमानत आवेदन का विरोध किया गया। माननीय न्यायालय द्वारा उभय पक्ष को सुना गया। न्यायालय द्वारा प्रकरण के तथ्य परिस्थितियों एवं अपराध की गंभीरता को देखते हुए व अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपी घनश्याम आदिवासी का प्रस्तुत जमानत हेतु धारा 439 दप्रसं का आवेदन निरस्त कर दिया गया।
अबैध शराब रखने वाले आरोपी की जमानत खारिज
सागर। न्यायालय- श्रीमान रविन्द्र कुमार धुर्वे न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी देवरी जिला सागर के न्यायालय ने आरोपी प्रदीप मिश्रा निवासी सुभाष वार्ड, देवरी जिला सागर का जमानत का आवेदन निरस्त करने का आदेश दिया गया। वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जमानत आवेदन पर राज्य शासन की ओर से सहा0 जिला अभियोजन अधिकारी श्री मनोज नायक, देवरी जिला सागर ने शासन का पक्ष रखा।
घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि मुखबिर से प्राप्त सूचना के आधार पर पुलिस थाना देवरी द्वारा घेराबंदी कर आरोपी को अभिरक्षा में लेकर पूछताछ की गई। आरोपी के पास से 50 बल्क लीटर से अधिक मदिरा(शराब) पाई गई। पूछताछ के दौरान आरोपी द्वारा लाइसेंस ना होना बतलाया शराब जप्त कर आरोपी को गिरफ्तार कर आरोपी के विरुद्ध उक्त प्रकरण पंजीबद्ध कर माननीय न्यायालय में पेश किया गया। आरोपी द्वारा जमानत आवेदन न्यायालय में प्रस्तुत किया। जहां अभियोजन ने जमानत आवेदन का विरोध किया गया। माननीय न्यायालय द्वारा उभय पक्ष को सुना गया। न्यायालय द्वारा प्रकरण के तथ्य परिस्थितियों एवं अपराध की गंभीरता को देखते हुए व अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपी प्रदीप मिश्रा का प्रस्तुत जमानत हेतु धारा 437 दप्रसं का आवेदन निरस्त कर दिया गया।