
हौसलों से बड़ी दिव्यांगता नहीं : दिव्यांग शुभी खरेसागर । यदि हौसले बुलंद हो तो कोई भी बीमारी बड़ी नहीं हो सकती और न ही हौसलों से बड़ी दिव्यांगता। साथ में परिवार का भी साथ मिल जाए तो हर ख्वाहिश पूरी हो सकती है। उक्त बात बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में कंटरजेंसी में कार्यरत कंप्यूटर ऑपरेटर दमोह निवासी सुश्री शुभी खरे ने कहीं । सुश्री खरे बताती है कि बचपन से ही मैं दोनो पैरों से दिव्यांग पैदा हुई तो सभी ने मुझे अच्छी दृष्टि से नही देखा पर मेरी माँ...