सागर में रैपिड रिस्पॉन्स टीम के चिकित्सक, उत्साहपूर्वक जिम्मेदारी का कर रहे निर्वहन

सागर में रैपिड रिस्पॉन्स टीम के चिकित्सक, उत्साहपूर्वक जिम्मेदारी का कर  रहे निर्वहन

सागर। कोरोना के खिलाफ जंग में सागर नगर , केंट क्षेत्र , नगरपालिका क्षेत्र मकरोनिया में बाहर से आये हुए व्यक्तियों की जांच व होम कोरनटाइन  के लिए 07  रैपिड रिस्पॉन्स टीम बनाई गई हैं । तीन स्वास्थ व एक राजस्व विभाग के पटवारी शामिल हैं । रैपिड रिस्पॉन्स टीम का संचालन कोरोना कंट्रोल रूम से  हो  रहा  है तथा मुख्य चिकित्सा एवं  स्वास्थ्य अधिकारी, कोरोना कंट्रोल रुम, सागर के यहाँ से प्राप्त सूचना के आधार पर सम्बंधित व्यक्तियों के घर पहुच कर स्क्रिनिग करती है व उन्हें होम कोरनटाइन कर दिया जाता है । 

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ऐसे  ही  एक  टीम  के युवा चिकित्सक डॉ. पीयुष अरजरिया, उन्हें आवंटित कार्य बड़े ही उत्साहपूर्वक निर्वहन कर  रहे  हैं । उनकी टीम को  जब  भी कोरोना संदिग्धों की जॉच  हेतु कहीं जाना होता है तो  वे  टीम का  नेतृत्व और  सुरक्षा मानकों को  अपनाते हुए, टीम के  साथ शीघ्र ही उस स्थान पर  पहुंच जाते हैं । डॉ. अरजरिया बांदरी के  अस्पताल में  पदस्थ हैं । जिस दिन से उनकी ड्यूटी रैपिड रिस्पॉन्स टीम में लगी है उस दिन से परिवारजनों से उकित दूरी बनाए हुए  हैं ।  उनका एक वर्ष का बेटा भी  है और ड्यूटी के दिन से आज तक उसे  गोद नहीं लिया । बेटे का जन्म दिन भी दूर खड़े रहकर मनाया ।
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कोरोना संकट से उबारने में प्रदेश कीएफएसएल भी कर रही है मदद ,भोपाल और सागर की

कोरोना संकट से उबारने में प्रदेश कीएफएसएल भी कर रही है मदद ,भोपाल और सागर की

भोपाल।  प्रदेश में वैश्विक महामारी कोरोना संकट से उबारने में मध्यप्रदेश की  एफएसएल ( फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी) भी अहम भूमिका निभा रही है। एफएसएल में उपलब्ध अत्याधुनिक  उपकरण, तकनीकी कौशल  एवं  प्रशिक्षित वैज्ञानिकों की टीम  कोरोना जाँच में सहयोग कर रही है।यहाँ यह विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश की एफएसएल, कोरोना टेस्टिंग  में सहयोग देने वाली देश की पहली फोरेंसिक लैब है। 
पुलिस महानिदेशक  विवेक जौहरी ने प्रदेश के स्वास्थ्य संचालनालय से समन्वय बनाकर कोरोना वायरस की जाँच में प्रदेश की फोरेंसिक प्रयोगशालाओं से हर संभव सहयोग देने के निर्देश दिए हैं।

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 प्रदेश के एफएसएल  निदेशक डाॅ. हर्ष शर्मा ने बताया कि प्रदेश स्वास्थ्य निदेशालय के कोविड नियंत्रण कक्ष से सामजस्य कर प्रदेश एफएसएल की भोपाल व सागर स्थित डीएनए प्रयोगशालाओं में उपलब्ध उपकरणों को कोरोना टेस्टिंग में उपयोग के लिए दिया गया है। साथ ही एफएसएल के डीएनए वैज्ञानिक इन मशीनों से कोरोना टेस्ट में पूरी सहायता कर रहे हैं। 
उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों, स्वास्थ्य निदेशालय के कोविड सेल में कार्यरत विशेषज्ञों, सागर व भोपाल के डीएनए वैज्ञानिकों एवं कोरोना टेस्टिंग लैब के चिकित्सकों के बीच विस्तृृत तकनीकी चर्चा के बाद इस व्यवस्था को अंतिम रूप दिया गया है। कोरोना टेस्ट में सहयोग के साथ-साथ एफएसएल वैज्ञानिक, प्रदेश में कोरोना टेस्टिंग को सटीक व त्वरित बनाने में भी आवश्यक तकनीकी सहयोग व सुझाव दे रहे हैं। 
क्षेत्रीय एफएसएल भोपाल में हाल ही में आरम्भ अत्याधुनिक डीएनए प्रयोगशाला के प्रभारी डा. अनिल सिंह के अनुसार किसी सेम्पल में कोरोना वायरस का टेस्ट आधुनिक उपकरण आरटी पीसीआर से किया जाता है। यही उपकरण फोरेंसिक प्रयोगशाला में डीएनए परीक्षण में उपयोग किया जाता है।  उन्होंने बताया हालाँकि कोरोना वायरस आरएनए संरचना का होता है, परन्तु उपकरण में परीक्षण योग्य अन्य प्रकार की किट का उपयोग कर, इससे कोरोना वायरस का टेस्ट किया सकता है। श्री सिंह ने  बताया कि तीन डीएनए वैज्ञानिक की टीम मेडीकल कालेज जाकर सतत रूप से कोरोना टेस्टिंग में सहयोग कर रही हैं।  इन वैज्ञानिकों में डा. अनिल सिंह, डा. हीरक रंजन दास व डा. कमलेश कैथोलिया शामिल हैं।

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सागर एफएसएल की डीएनए प्रयोगशाला के प्रभारी व विशेषज्ञ डा. पंकज श्रीवास्तव ने बताया कि सागर मेडीकल कालेज की कोरोना टेस्टिंग लैब के चिकित्सक व तकनीकी स्टाफ को एफएसएल की डीएनए लैब में प्रारंभिक प्रशिक्षण दिया गया है। वे स्वयं और दो अन्य डीएनए वैज्ञानिक डा. प्रवीश भाटी व डा. डी.डी. बंसल  सागर मेडीकल कालेज जाकर सतत रूप से कोरोना जांच में सहयोग कर रहे हैं।

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 ज्ञात हो कि मध्यप्रदेश की राज्य न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) देश की सबसे पुरानी एवं सबसे प्रतिष्ठित फोरेंसिक प्रयोगशालाओं में से एक है।  प्रदेश की एफएसएल का शुरू से ही देश के फोरेंसिक मानचित्र पर अग्रणी स्थान रहा है। वर्तमान में सागर स्थित मुख्य प्रयोगशाला के साथ भोपाल, इन्दौर, ग्वालियर तथा जबलपुर में क्षेत्रीय प्रयोगशालायें कार्यरत हैं। सतत प्रयासों से गत माह भोपाल में आधुनिक उपकरणों के सुसज्जित डीएनए लैब शुरू हुई है । इसमें कई महत्वपूर्ण उपकरणों के साथ ही, अत्याधुनिक उपकरण एनजीएस (नेक्सट जनरेशन सीक्वेंसर ) भी शामिल है, जिसे देश में पहली बार किसी फोरेंसिक लैब में इन्सटाल किया गया हैै। यह वर्तमान में डीएनए परीक्षण की दुनिया की सबसे सटीक तकनीक है।
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जन्मदिन पर गुल्लक के पैसे दिए पीएम केयर में

जन्मदिन पर गुल्लक के पैसे दिए पीएम केयर  में 

@सुरेंद्र प्रताप सिंह,पन्ना

पन्ना। पन्ना जिले के देवेंद्र नगर में शासन प्रशासन जहा अपनी भूमिका का निर्वहन निष्ठा से कर रहा है वही आमजन भी इसमें अपनी भागीदारी निभा रहे है। नगर की 16 साल की बच्ची श्रुति व्यास(अवि) ने अपने जन्म दिन पर पार्टी मनाने की जगह अपने बचत के पैसे गुल्लक से निकाल कर 8657 रुपये तहसीलदार दिव्या जैन को को पी एम केअर में जमा करने हेतु दान किए।बच्ची के पिता विजय व्यास भी कोरोना के योद्धा है और पत्रकार के तौर पर अपने स्तर पर सहयोग कर रहे है।

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इस छोटी बच्ची के जज्बे ने बड़े बड़ो को पीछे छोड़ दिया आज जहाँ कुछ लोग काला बाजारी कर अवैध कमाई करने में लगे है वही इस बच्ची ने अपनी जमा पूंजी कोरोना से लड़ने के निमत्त मात्र बगैर एक पल सोचे दान कर उन सभी लोगो की आँखखोलने का काम किया है जो आज भी सहयोग की भावना नही जुटा पा रहे है।बच्ची के इस जस्बे को देखते हुए तहसीलदार द्वारा अपनी तरफ से केक मंगवा  कर बच्ची को जन्म दिन का गिफ्ट देकर प्रोतसाहित किया गया।

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बच्ची के इस प्रयाश को सराहने के लिए नगर के पत्रकारो में शैलेश अग्रवाल,प्रशांत जैन,शुबम श्रीवास्तव,डॉ विनोद तिवारी,आर पी विष्वकर्मा ,वीरेंद्र विष्वकर्मा, हरिचरण प्रजापति उअपस्थित रहे। 
तहसील दार दिव्या जैन का  कहना है कि
जन्म दिन पर अपनी इच्छाओं को भूल कर देश हित मे अपनी गुल्लक के जमा पैसे पी एम केअर में देना सराहनीय है जिला प्रशासन की तरफ से उनके इस कदम की में प्रसंशा करती हूं।
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आर एन ए एक्सट्रैक्शन मशीन देंगे विधायक शेलेन्द्र जैन, सेम्पल टेस्टिंग में होगी आसानी

आर एन ए एक्सट्रैक्शन मशीन देंगे विधायक शेलेन्द्र जैन, सेम्पल टेस्टिंग में होगी आसानी

#COVID19_SAGAR

सागर   विधायक शैलेंद्र जैन द्वारा इस कोविड-19 कोरोना महामारी को देखते हुए हमारे वे कोरोना योद्धा जो हमारी इस लड़ाई को लड़ रहे हैं उनके जोखिम को कम करने के उद्देश्य से उनके संक्रमण को कम करने के उद्देश्य अपनी विधायक निधि से लगभग 17 लाख रुपए की लागत से आर एन ए एक्सट्रैक्शन मशीन प्रदान कर रहे हैं। कलेक्टर सागर द्वारा इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी गई है ।

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उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीजों का सैंपल लेने के बाद उनके आर एन ए को अभी मैनुअली एसिड में डालकर एक्सट्रैक्ट किया जाता है जिसमें हमारे लैब टेक्नीशियन अपनी जान जोखिम में डालकर इस कार्य को करते हैं और उसमें लगभग डेढ़ से 2 घंटे का समय 1 सैंपल में लगता है इस आर एन ए   एक्सट्रैक्शन मशीन से ऑटोमेटिक रुप से सैंपल से आरएनए को एक्सट्रैक्ट किया जाएगा जिसमें हमारे तकनीशियन को संक्रमण का खतरा ना के बराबर रहेगा एवं 1 घंटे में हम 16 सैंपल का आर एन ए एक्सट्रैक्ट कर सकेंगे उन्होंने बताया कि इस मशीन से हमारे सैंपल्स की गति भी बढ़ेगी और संक्रमण का खतरा भी कम होगा सागर संभाग में एफएसएल के बाद बीएमसी में यह मशीन उपलब्ध होगी यह साउथ कोरिया की मशीन है इस मशीन के आने से कोराना की लड़ाई में हम और भी मजबूती से इसका  सामना कर सकेंगे।
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फोन से मिली सूचना,सेवादल ने पहुचाया राशन

फोन से मिली सूचना,सेवादल ने पहुचाया राशन

सागर । कोरोना आपदा  के लाकडाउन में सेवादल को आया फोन तत्काल  राशन पहुचाया ।वर्तमान  की इस विषम परिस्थिति में कांग्रेस सेवादल ने आज संजय व्यास (बबलू) की सूचना पर तत्काल 10 गरीब, मजदूर परिवारों को राजीवनगर कालोनी (तिली ) में राशन वितरण का कार्य कर मानवता का परिचय दिया ।
राशन वितरण के पहले सेवादल अध्यक्ष सिंटू कटारे ने कोरोना बचाव की सावधानियों को लेकर इन परिवारों को जागरुक  किया । वितरण के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष ध्यान रखा गया । रमजान के पावन माह की शुरूआत के पहले दिन जामुन वाले बाबा की दरगाह राजीव नगर कालोनी (तिली)पर मुज़ाबिर साहब को रोजा इफ्तार के लिये राशन उपलब्ध कराया ।
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राशन में आटा-दाल भाई नेवी जैन और दूध-बिस्किट-चावल सेवादल अध्यक्ष की तरफ से आज 29 वें दिन भी वितरित किया गया ।
राशन वितरण में अध्यक्ष सिंटू कटारे के अलावा संजय व्यास,ब्लाकाध्यक्ष नितिन पचौरी, जयदीप यादव, मोन्टी साहू, प्रवीण यादव, शैलेन्द्र नामदेव आदि सेवादल सदस्य उपस्थित रहे।
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सागर में टिक टॉक पर मास्क का मजाक उड़ाने वाले पाजिटिव मरीज ने जीती जंग, तालियों के बीच स्वस्थ्य होकर हुआ विदा

 सागर में टिक टॉक पर मास्क का मजाक उड़ाने वाले पाजिटिव मरीज ने जीती जंग, तालियों के बीच स्वस्थ्य होकर हुआ विदा

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★रमजान के पहले दिन मिली समीर खान को खुशियां

सागर।  सागर में कोरोना के पाँच पॉजिटिव मरीजो में से सबसे पहला मरीज p1 को स्वस्थ्य होने पर छुट्टी  मिली। पहला मरीज अपने टिकटाक वीडियो से चर्चा में आया था। आज बुन्देलखण्ड मेडिकल कालेज से डिस्चार्ज होते समय पूरे मेडिकल स्टाफ और अधिकारियों ने तालिया बजाकर विदा किया। वही मरीज ने अभी का हाथ जोड़कर आभार जताया । उसके हावभाव भी स्टाईलिश थे। मेडिकल कालेज में लाल कार्पेट  विछाया गया था। दोनो तरफ मेडिकल स्टाफ खड़ा था। जैसे ही बाहर निकला तालिया बजने लगी। 

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प्रशासन  ने इसे मेडिकल स्टाफ की  मेहनत की उपलब्धि बताया। इस मरीज ने टिकटाक पर फेस मास्क का मजाक उड़ाया था। आज वह ठीक होकर घर पहुचा। रमजान पर समीर और उसके परिवार को खुशियां मिली । 
पहले मरीज की पहली और दूसरी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। लगातार बुन्देलखण्ड मेडिकल कालेज में इलाज चल रहा था।जिसकी आज 3,4 रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद मेडिकल कालेज से डिस्चार्ज किया गया। डॉक्टर सहित प्रशासनिक अधिकारियों ने P1 का स्वागत  ताली बजाकर किया,अब सागर में कोरोना के 4 पॉजिटिव मरीज हैं ।

 पढ़े : कोविड 19 के संभावित मरीजों की  जांच का दायरा बढ़ाये और तेजी लाए: मोती लाल वोरा

पहले मरीज ने मास्क का मजाक उड़ाया था फिर कोरोना पाजिटिव रिपोर्ट आने पर दुयाओ की अपील भी की थी। इसके टिकटाक वीडियो वायरल होने से देशभर में चर्चा में आया था।
आज उसके डिस्चार्ज होने पर भी उसकी अदाएं टिकटाक वीडियो वाली ही थी। हीरो की स्टाईल में हाथ उठाकर विक्ट्री वाला वी बनाया।
 डीन डॉ जी एस पटेल  के अनुसार आज पहले मरीज के स्वस्थ्य होने पर डिस्चार्ज किया गया है। यह बड़ी खुशी की बात है। इसमे जिला प्रशासन,पुलिस,नगर निगम और स्वस्थ्य विभाग की कड़ी मेहनत रही है । में ईंन सभी का आभार व्यक्त करता हूँ। इसके साथ ही जो अन्य मरीज भर्ती हैं  वे भी  स्वस्थ्य होकर जाएंगे और हम कोरोना से जंग जीतेंगे।
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कोविड 19 के संभावित मरीजों की जांच का दायरा बढ़ाये और तेजी लाए: मोती लाल वोरा

कोविड 19 के संभावित मरीजों की  जांच का दायरा बढ़ाये और तेजी लाए: मोती लाल वोरा

नई दिल्ली । कांग्रेस के राष्ट्रीय महामंत्री  मोतीलाल वोरा ने केन्द्र सरकार से कोविड 19 केसंभावित मरीजों की सैंपल जांच में तेजी लाने की अपील की है। वोरा ने कहा कि 138 करोड़की आबादी वाले देश में अबतक सिर्फ साढ़े पांच लाख लोगों के सैंपल की जांच हो पाई है।हर राज्य में सैंपलों की जांच पैंडिंग है।कर्नाटक जैसे राज्य में 5 हजार से ज्याद सैंपलों कीजांच पैंडिंग है। सैंपलों की जांच का आंकड़ा बढ़ाया जाना चाहिए। जांच की रफ्तार धीमी रही
तो इस महामारी से निबटने में भयंकर मुश्किलें सामने आ सकती हैं।

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श्री वोरा ने कहा कि हर दिन कोरोना पॉजिटिव के मरीजों की संख्या लगातार बढ़तीजा रही है। सिर्फ एक कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलने पर उनके परिवार के सदस्यों समेतसम्पर्क में आने वाले सभी लोगों को क्वारंटीन करते हुए उनके सैंपल की जांच करना जरूरीहै। वर्तमान में हर दिन एक हजार से ज्यादा नए कोरोना पॉजिटिव मरीज मिल रहे हैं। ऐसीस्थिति में प्रतिदिन हजारों लोगों के सैंपलों की त्वरित जांच होना आवश्यक है।श्री वोरा ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जनवरी माह के अंतिम सप्ताह मेंकेन्द्र सरकार को कोविड 19 से अलर्ट करते हुए भारत में सभी जरूरी सावधानियां बरतने कीअपील की थी। भारत में पहला कोरोना पॉजिटिव केस 30 जनवरी को मिला। इसकेबाद भीसरकार ने कोई एहतियाती कदम नहीं उठाए। लॉकडाउन का निर्णय 24 मार्च को लियागया। राहुल गांधी की सलाह मानकर फरवरी के पहले हफ्ते में ही एयरपोर्ट पर विदेश सेआए लोगों को क्वारंटीन कर सैंपल की जांच की जाती तो कोरोना पर काफी हद तक काबूपाया जा सकता था।

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वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि देश भर में कोविड 19 के संभावित मरीजों के सैंपलकी जांच के लिए साढ़े तीन सौ लैब को अधिकृत किया गया है। यह फैसला भी काफी देर सेलिया गया। सैंपलों की जांच के लिए इतनी तादाद में लैब को मंजूरी मिलने के बावजूदप्रतिदिन औसतन 35 हजार सैंपलों की जांच हो पा रही है। वास्तव में कोविड 19 की प्रभावीरोकथाम के लिए हर दिन कम से कम 75 हजार सैंपलों की जांच होनी चाहिए।श्री वोरा ने कहा कि पिछले 24 घंटे में दिल्ली में ही आजादपुर मंडी में एक सब्जी व्यापारी की कोविड 19 से मौत हो गई। पुरानी दिल्ली में एक ही परिवार में दर्जन भर सेज्यादा लोगों को कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलने सहित लगातार पॉजिटिव मरीज मिलने सेखतरा तेजी से बढ़ा है। केन्द्र सरकार को कोविड 19 की प्रभावी रोकथाम के लिए सैंपलों कीजांच का दायरा तेजी से बढ़ाना चाहिए।

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कोरोना आपदा: ग्रामीण रोज़गार का अच्छा माध्यम बन सकते हैं बीड़ी, तेंदू पत्ता, मगर कैसे? ,तेंदू पता तुड़ाई से लेकर बीड़ी बनाने तक संकट

कोरोना आपदा: ग्रामीण रोज़गार का अच्छा माध्यम बन सकते हैं बीड़ी, तेंदू पत्ता, मगर कैसे? ,तेंदू पता तुड़ाई से लेकर बीड़ी बनाने तक संकट

सागर। प्रदेश में तेदूपत्ता तुड़ाई का सीजन कोरोना आपदा से प्रभावित होने की स्थिति में आ गया है।  दूसरी तरफ  लघु कुटीर उधोग के तहत  बीड़ी बनाने एक तबका इसे वर्क फ्रॉम होम का सबसे बेहतर माध्यम  में रहा है । यदि इन  दोनो को बनाये रखना है तो कुछ  सहूलियतें सरकार को नियमो आदि में देना होंगी। तेंदूपत्ता तोड़ने वाले और  बीड़ी कारोबार से जुड़े व्यापारी ,सट्टेदार और मजदूर सभी की निगाहें सरकार पर टिकी है। अलग अलग मंचो से इसे सरकार तक पहुचाया जा रहा है। 

हाल ही में मध्य प्रदेश के प्रमुख वन सचिव श्री अशोक बर्णवाल ने सभी वन और ज़िला स्तरीय अधिकारियों को लिखा है कि तेंदू पत्ता आदिवासियों एवं ग्रामवासियों के लिए रोज़गार का महत्वपूर्ण माध्यम है। अतः लाक्डाउन रहते भी तेंदू पत्ता सीज़न २०२० में संग्रहण किया जाएगा। इसके कारण तेंदू पत्ता व्यापारियों और बीड़ी वालों में हड़कम्प मच गया है क्योंकि सोशल डिस्टन्सिंग के नियमों का पालन करते हुए तेंदू सीज़न करना लगभग असम्भव है। इस बार संग्रहित तेंदू पत्ते को भरने हेतु बारदाना
( जूट से बना वोरा) भी उपलब्ध नहीं हैं क्यूँकि इन्हें बनाने वाली जूट मिलें अभी तक लाक्डाउन के कारण बंद थीं।

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वर्क एट होम का उदाहरण है लघु कुटीर बीड़ी उधोग: पिम्पलापुरे

मध्य प्रदेश बीड़ी उद्योग संघ की ओर से श्री अनिरुद्ध पिंपलापुरे  से इस सम्बंध में  बात की गयी तो उन्होंने यह बताया कि ऐसी स्थिति में तेंदू पत्ता संग्रहण बहुत कठिन होगा लेकिन यह भी सत्य है कि तेंदू पत्ता और बीड़ी ग्रामीण रोज़गार और सरकार को आमदनी भी उपलब्ध कराते हैं। साथ में उन्होंने ये बताया की बीड़ी पूर्णतः ऑर्गैनिक (जैविक) उत्पाद है जिसमें अनमैन्युफ़ैक्चर्ड (अनिर्मित) अनप्रोसेस्ड (असंसाधित) तम्बाकू का इस्तेमाल किया जाता है। सिगरेट या गुटका की तरह इसमें रासायनिक संसाधन न होने की वजह से यह कम हानिकारक होती है। इसलिए इसे अन्य तम्बाकू उत्पादों/पदार्थों के साथ नहीं रखना चाहिए। इसके अतिरिक्त, बीड़ी को रात भर भट्टे में सेका जाता है जिसका तापमान ७० डिग्री सेल्सीयस से अधिक होता है और इसके बनने से खपत तक कम से कम १५ दिन तो लगते ही हैं। अतः इससे संक्रमण की कोई आशंका नहीं है। साथ ही इसे बनाने में न तो बिजली और न ही पानी की आवश्यकता पड़ती है। इसलिए इसका कार्बन पदचिह्न बहुत कम है। 

बीड़ी उद्योग वर्क-फ़्रोम-होम का सबसे अच्छा उदाहरण है। अभी बीड़ी न बनाने के कारण केवल मध्य प्रदेश के चार लाख बीड़ी श्रमिकों के घरों का चूल्हा बुझ गया है। बीड़ी कुटीर उद्योग है और घर-घर में बनती है और इस कारण ऐसी परिस्थितियों में यह साल भर ग्रामीण रोज़गार का बहुत सटीक माध्यम बन सकती है । अधिकांश बीड़ी श्रमिक पिछड़े वर्ग व अनुसूचित जाति से हैं।लेकिन वर्तमान केंद्रीय, प्रदेशों-की व ज़िला-स्तरीय नीतियों के अनुसार इसका निर्माण, भण्डारण, परिवहन ,विक्रय व इससे जुड़ी कच्चे व बने माल का आवागमन एवं अन्य गतिविधियाँ पूरी तरह से अनुमोदित नहीं हैं। उद्योग से जुड़े हुए सभी लोगों के सामने एक यही पहेली है कि पत्ता लें तो लें क्यों अगर इसकी बीड़ी नहीं बन सकती और बीड़ी बनायें तो बनायें क्यों अगर वह बाज़ार में बिक नहीं सकती! पश्चिम बगॉल में बीड़ी निर्माण और इससे जुड़ी अन्य गतिविधियों को करने की पूरी अनुमति दे दी गयी है।मध्य प्रदेश में निर्मित ७०% बीड़ी उत्तरप्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड और हरियाणा में बिकती है। इन राज्यों में बीड़ी को अन्य तम्बाकू उत्पादों के साथ रख इसका विक्रय रोक दिया गया है। उत्तर प्रदेश और राजस्थान भी तेंदू पत्ता बेचने वाले राज्य हैं। तेंदू पत्ते का बीड़ी बनाने के अतिरिक्त कोई उपयोग नहीं। अतः मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश एवं अन्य राज्यों को तेंदू पत्ते व बीड़ी को अन्य तम्बाकू उत्पादों/ पदार्थों से अलग रखते हुए, इन्हें ग्रामीण रोज़गार उत्पन्न करने वाले कुटीर उद्योग मानकर, इनके सुचारु उत्पादन, भंडारण, परिवहन एवं विक्रय हेतु उचित नीतियाँ बनानी चाहिए।

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तेंदूपत्ता तुड़ाई कठिन: घनश्याम गर्ग

उधर  प्रांतीय तेंदूपत्ता व्यापारी एशोशियेशन मध्यप्रदेश ने भी मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन देकर तेंदूपत्ता तुड़ाई में आने वाली परेशानियों के चलते तेंदूपत्ता तोड़ने में असमर्थता जताई है। इसके अध्यक्ष घनशयाम गर्ग ने मुख्य सचिव को पत्र भेजा है। ज्ञापन के  अनुसार  तेंदूपत्ता तोड़ने से लेकर ट्रकों में भरने तक मजदूर नही मिल रहे है। बोरो की कमी है। आदिवासी तबका सोसल डिस्टनसिंग नही समझता है । ऐसी कई परेशानियां है। 

दूसरी तरफ भारतीय मजदूर संघ ने भी गृहमन्त्री अमित शाह को पत्र लिखकर इसमे कुछ  रियायत देने की बात कही है। इसके महासचिव ब्रजेश उपाध्याय ने पत्र में लिखा कि बीड़ी व्यवसाय को लेकर  योजना बने।ताकि मजदूरो का भला हो। करीब 17 राज्यो में 4.50 करोड़ बीड़ी मजदूर है।

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