मप्र में 31 मार्च "बंद" रहेंगे सरकारी दफ्तर,सरकारी अमले को घर से काम करने की अनुमति


मप्र में 31 मार्च "बंद" रहेंगे सरकारी दफ्तर,सरकारी अमले को घर से काम करने की अनुमति

#म प्र शासन के आवश्यक सेवा में लगे कर्मचारियों के अलावा समस्त विभागों के समस्त कर्मचारियों के लिए 31  मार्च तक work from home के आदेश जारी

#ज़िला कलेक्टर स्थानीय परिस्थिति के आधार पर इस सम्बंध में लेंगे निर्णय
भोपाल। कोरोना वायरस (COVID-19) से जनित बीमारी के संक्रमण से बचाव हेतु लोक हित एवं लोक स्वास्थ्य के दृष्टिगतराज्य शासन ने मध्यप्रदेश मंत्रालय एवं शासन के समस्त शासकीय कार्यालयों एवं शासकीय संस्थाओं में कार्यरत अमले को अस्थाई रूप से 31 मार्च तक अपना कार्यालयीन कार्य अपने निवास स्थान से सम्पादित करने की अनुमति प्रदान करने के निर्देश दिए हैं। समस्त जिला कलेक्टर इस सम्बन्ध में अपने जिले में कोरोना वाइरस संक्रमण की स्थानीय परिस्थिति का आंकलन कर तदानुसार लोक स्वास्थ्य एवं लोकहित में समुचित निर्णय ले सकेंगे। 23 मार्च से 31 मार्च तक की उक्त अवधि को समस्त प्रयोजनों के लिए कर्तव्य अवधि माना जाएगा।

यह आदेश उन अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर लागू नहीं होगा अथवा उस सीमा तक लागू नहीं होगा जो इस अवधि में अथवा इसके किसी अंशभाग के लिए किसी भी स्वरूप के पूर्व से अवकाश पर है। उक्त अवधि का उपयोग अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा कार्यालयीन कार्य निवास से सम्पादित करने के लिए किया जाएगा। किसी भी तात्कालिक आवश्यकता की स्थिति में अधिकारियों/कर्मचारियों को उनके निवास से कार्यालय में शासकीय कार्य के लिए आहूत किया जा सकेगा इस हेतु शासकीय सेवकों के लिए यह अनिवार्य होगा कि वे अपना मोबाइल नंबर, लैंडलाइन नंबर एवं निवास का पता कार्यालय में तथा कार्यालय/संस्था प्रमुख को तत्काल प्रदान करेंगे।

यह आदेश, प्रदेश की किसी भी अत्यावश्यक सेवाएं जैसे - स्वास्थ्य, पुलिस, पेयजल व्यवस्था, विद्युत आपूर्ति, साफ सफाई से जुडा अमला, अग्निशमन सेवाएं, दूरसंचार सेवाएं इत्यादि पर लागू नहीं होगा। यह आदेश किसी विभाग एवं इसके अधीनस्थ शासकीय कार्यालय/संस्थान के उन अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर भी लागू नहीं होगा, जिनके विषय में सक्षम प्राधिकारी को इस बात का समाधान हो गया है कि किसी संवैधानिक/विधिक अनिवार्यता, कोरोना के संक्रमण से बचाव संबंधी विभागीय कार्य अथवा अन्य किसी विशिष्ट अपवादिक कार्य के लिए उक्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों का कर्तव्य स्थल पर उपस्थित रहकर कार्य करना अत्यावश्यक है। ऐसे कर्तव्यस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों के लिए कोरोना के संक्रमण से बचाव हेतु सोशल डिस्टेंस एवं अन्य समस्त आवश्यक सावधानियां रखी जाना सुनिश्चित किया जावे। समस्त विभाग इस सम्बन्ध में समस्त अधीनस्थ शासकीय कार्यालयों/शासकीय संस्थाओं के लिए अपने स्तर से अनुवर्ती दिशा-निर्देश तत्काल जारी करेंगे। यह आदेश दिनांक 31 मार्च तक लागू रहेगा। उक्त तिथि के बाद तत्समय की परिस्थितियों के आधार पर पुनः परीक्षण कर आगामी निर्णय लिया जाएगा।
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जनता कर्फ्यू :गिलहरियों के उत्पात ने किया हलकान,बिजली गुल, बिजली विभाग जुटा रहा सुधारने

जनता कर्फ्यू  :गिलहरियों के उत्पात ने किया हलकान,बिजली गुल, बिजली विभाग जुटा रहा सुधारने
                                                      #कार्यपालन अभियंता  एस. के.सिन्हा खुद  कर्मचारियों के साथ मैदान में उतरे  ।



सागर। शहर में जब नागरिक अपने घरों में रह कर जनता कर्फ्यू को सफल बना रहे थे । इस दौरान कई इलाकों में बिजली गुल होने से परेशानी बढ़ गई। लोगो के फोन बिजली दफ्तर में पहुचे। 
उधर इसको लेकर  बिजली कम्पनी के कर्मचारी शहरवासियों को निर्बाध विद्युत प्रदाय के लिए अपनी ड्यूटी पर डटे रहे । शाम 4:00 तक शहर संभाग में बिजली की गड़बड़ी की 97 शिकायतें दर्ज हुईं । जिनमें से 88  का  निराकरण किया गया । गिलहरियों की उत्पात के कारण  के कारण दिन के 11ः30 बजे शहर के पी.टी.सी. ग्राउण्ड के पास लगे हुए ट्रांसफार्मर का जम्फर जलने से बड़े फाल्ट की  शुरुआत हुई ।

कई गिलहरियां मरी

संभवतः कर्फ्यू के दौरान कम आवाजाही  और शोर कम होने की वजह से गिलहरियां इस तरह सक्रिय हुईं  कि लाइनों में  फाल्ट आए  । कई गिलहरियां आसपास मृत अवस्था मे भी मिली। हालात  यहां तक पहुंचे  की  नगर संभाग  सागर के  कार्यपालन अभियंता  एसके सिन्हा  को  स्वयं  मैदानी कर्मचारियों के साथ  विद्युत सप्लाई  बहाल रखने के लिए मोर्चा संभालना पड़ा। तब जाकर बिजली सुधरी। 
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कोविड 19:रेलवे का फैसला, 31 मॉर्च तक सभी यात्री ट्रेन रद्द

कोविड 19:रेलवे का फैसला, 31 मॉर्च तक सभी यात्री ट्रेन रद्द

नई दिल्ली।रेलवे बोर्ड की बैठक में एक बड़ा  फैसला लिया है। 31 मार्च तक सिर्फ माल गाड़िया चलेगी 31 मार्च तक सभी यात्री ट्रेनें रद्द कर दी गई है।
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जनता कर्फ्यू:कोरोना से बचाव के लिए सागरवासी नही निकले सड़को पर, कलेक्टर एसपी ने लिया जायजा

जनता कर्फ्यू:कोरोना से बचाव के लिए सागरवासी नही निकले सड़को पर, कलेक्टर एसपी ने लिया जायजा

कलेक्टर: जिले में कोई मरीज नही, सीमाएं सील है,जनता की आभारी हूँ कि बचाव के लिए साथ दिया

एसपी: अफवाहों से  कानून व्यवस्था न बिगड़े  अलर्ट, बाहरी वाहनों की चेंकिग

सागर । कोविड 19 से बचाव के लिए सागर जिला सतर्क है । प्रशासन और जनसहयोग से जनता कर्फ्यू बेहद सफल रहा है । चारो तरफ सन्नाटा आसरा हुआ है। सार्वजनजक स्थानों पर पुलिस मौजूद है । कलेक्टर प्रीति मैथिल और एसपी अमित सांघि ने भृमण कर स्थिति का जायजा भी लिया है। 
भारत सरकार की  जनता कर्फ्यू की अपील को व्यापक समर्थन मिला। लोगो में सतर्कता के प्रति जागरूकता भी बढ़ी है । कोरोना से निपटने के लिए आये निर्देशो का पालन कराने प्रशासन प्रयासरत है । इसमे जनता भी आगे आई है। बस स्टैंड स्टेशन से लेकर सभी स्थानों पर शांति बनी रही।
जिले में   बस स्टेंड , रेलवे स्टेशन सहित सभी सड़को ,वस्तीयों में  जनता कर्फ्यू का पूरा असर दिखाई दे रहा है ,नागरिक   कॉरोना वायरस   से बचाव हेतु सरकार की सलाह का पालन करते हुए अपने अपने घरों में है। सार्वजनिक स्थानों  
को  पूरी तरह सेनेटाइज किया  जा रहा है।
जनता की आभारी:कलेक्टर मैथिल

कलेक्टर प्रीति  मैथिल ने बताया कि सागर जिले में किसी भी तरह का पाजिटिव केस नही आया है। मरीजों की सूचना मिलने पर इनका परीक्षण कर उचित इलाज कराया जा रहा है । में सागर की जनता की आभारी हूँ कि इससे बचाव के लिए पूरा समर्थन कर रही है । हमने सीमाएं सील की है । सारे निर्देशो का पालन कराया जा रहा है ।

अफवाहों से न बिगड़े कानूनव्यवस्था:एसपी अमित सांघी
पुलिस अधीक्षक अमित सांघी ने बताया कि  हमारा पहला प्रयास है कि अफवाहों से कानून व्यवस्था नही बिगड़े और निर्देशो का पूरा पालन हो । जो बाहर से गाड़िया आ रही है । उनपर ञ्जर रखी  जा रही है। सार्वजनिक स्थानों पर पुलिस मौजूद है।
सागर का जायजा लेने सिटी मजिस्ट्रेट पवन बारिया आयुक्त आर पी अहिरवार साथ थे।  इस दौरान सड़क पर इक्का दुक्का निकलने वाला से पूछताछ भी जा रही है। वही उनको मास्क आदि लगाने की सलाह दी जा रही है। 
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कमलनाथ जंबूरी मैदान के मंच से सीएम हाउस के पंडाल तक @ब्रजेश राजपूत/सुबह सबेरे में ग्राउंड रिपोर्ट

कमलनाथ जंबूरी मैदान के मंच से सीएम हाउस के पंडाल तक 
@ब्रजेश राजपूत/सुबह सबेरे में ग्राउंड रिपोर्ट 
दृश्य एक -  वो सत्रह दिसंबर 2018 की गुनगुनी दोपहरी थी, जब भोपाल के बाहर जंबूरी मैदान पर उंचा मंच सजा था और उस मंच पर मध्यप्रदेश के सत्ररहवें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले रहे थे 72 वर्पीय कमलनाथ। इस मंच पर देश भर के राजनेता अतिथि के तौर पर इस क्षण का गवाह बनने आये हुये थे जिनमें बहुत खास थे कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष राहुल गांधी और यूपीए के अनेक नेता। मगर मंच का खास आकर्पण बने थे हरी बिना बांह की जैकेट पहने हुये कांग्रेस के नौजवान नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया और इसी मंच पर एक मौका ऐसा आया जब सिंधिया के सामने माफ करो महाराज हमारा नेता शिवराज का नारा देने वाले शिवराज ही आ गये। बस फिर क्या था एक यादगार फोटो बन गया उस दिन का जिसमें शिवराज के एक तरफ सिंधिया और एक तरफ कमलनाथ खडे थे और तीनों एक दूसरे का हाथ थामे थे। हमारे देश के लोकतंत्र में संभव है कि अलग अलग विचारधारा वाली पार्टियों से चुनाव मैदान में उतरे लोग बाद में एक साथ बैठकर जनता के हित में सरकारें चलाते हैं। इन तीनों नेताओं की ये तस्वीर बता रही थी अब प्रदेश सरकार सही दिशा में चलेगी क्योंकि सत्ताधारी दल का एक युवा नेता और एक अनुभव से भरे राजनेता के साथ सार्थक विपक्ष की भूमिका वो नेता निभाने के लिये हाथ मिलाकर खडा था जो तकरीबन पिछले पंद्रह सालों से सरकार चला रहा था। 

दृश्य दो -  तारीख बीस मार्च 20202 जगह छह, श्यामला हिल्स भोपा यानिकी मुख्यमंत्री  निवास पर दोपहर के बारह बजने को थे। निवास के गेट के पास के मैदान पर लगे डोम के मंच पर एक सफेद कवर वाली अकेली कुर्सी रखी थी जिसके सामने की मेज पर अनेक माइक आईडी रखे गये थे। कुर्सी के ठीक पीछे बडा सा फलेक्स लगा था जिसमें कमलनाथ की बडी सी तस्वीर थी और स्लोगन लिखा था उम्मीदंे रंग लाई तरक्की मुस्कुराई। मगर फलेक्स के श्लोगन के ठीक उलट पंडाल में माहौल नाउम्मीदी का था। सामने एक तरफ लगी कुर्सियों पर कांग्रेस  के विधायक आ आकर बैठ रहे थे। ये वही विधायक थे जो कुछ दिन पहले जयपुर से लौटे थे और इन दिनों भोपाल के मेरियट होटल में डेरा डाले थे। विधायकों की कुर्सियों में पीछे की ओर आकर चुपचाप तरीके से आ बैठे थे दिग्विजय सिंह जो एक दिन पहले तक बेंगलुरू में थे और कांग्रेस से टूटे छिटके विधायकों से मिलने के लिये सत्याग्रह कर रहे थे। वो किसी से बात नही कर रहे थे हर मौके पर मीडिया के सवालों के हंस कर जबाव देने वाले दिग्गी राजा आज चुप थे और उनकी भाव भंगिमा बता 
रही थी कि वो बेहद थके और उदास हैं मगर दिग्गी राजा के छोटे भाई लक्ष्मण सिंह आगे की कुर्सी पर बैठ मीडिया के सवालों का जबाव उसी अंदाज में दे रहे थे जिस अंदाज के लिये वो जाने जातेहैं। बारह बजने के कुछ मिनिट बाद ही मुख्यमंत्री कमलनाथ आते हैं और सामने लगे मीडिया के कैमरों की तरफ मुस्कुराते हुये देखते हैं। कमलनाथ के चेहरे पर हमने ऐसी मुस्कान हमेशा आत्मविश्वास से भरी हुयी देखी है मगर आज रंग उतरा हुया था। वो अपने कुर्ते के जेब से तीन पेज का लिखा हुआ डाफट निकालते हैं और बोलना ाशुरू करते हैं। बडा ही भावनात्मक बयान देने के बाद वो कहते हैं कि मैं अब अपना इस्तीफा देने जा रहा हूं। बस इस एक लाइन को सुनते ही जहंा हम टीवी चैनल वाले ब्रेकिंग न्यूज बताने में लग जाते है मगर सामने बैठे कुछ विधायकों की आंखे गीली हो उठती हैं कमलनाथ के पीछे कतार में खडे उनके मंत्रिमंडल के अनेक युवा मंत्री भी भावुक हो उठते हैं। एक बडी ब्रेकिंग न्यूज के आते ही थोडी देर बाद ही ये मजमा खत्म हो जाता है। मंच के एक तरफ हाई टी का इंतजाम था मगर हमने वहां किसी विधायक नेता को जाते नहीं देखा। पर खबर कितनी ही बडी हो हम मेहनतकश पत्रकार चाय नाश्ते में परहेज नहीं करते तो उन स्टाल पर टीवी कू्र की भीड थी। कमलनाथ इस्तीफे का ऐलान कर जा चुके थे। 

इस राजनीतिक प्रहसन के दोनों दृश्यों के बीच तकरीबन चार सौ साठ दिन का ही फासला रहा। कमलनाथ जब जंबूरी मैदान पर अपनी पार्टी के अध्यक्ष और हजारों समर्थकों के सामने जब मुख्यमंत्री पद की शपथ ले रहे थे तब उन्होंने कम से कम अगले पांच साल तक का वक्त तो इस पद के लिये मुकर्रर किया ही होगा। मगर राजनीति की राह कितनी रपटीली होती है ये उन्होंने सोचा भी नही होगा जो लोग पंद्रह महीने पहले उनके साथ जंबूरी मैदान पर हाथ उठाकर फोटो खिंचवा रहे थे वो आज यहां नहीं थे। वो महाराज आठ दिन पहले 12 मार्च को शिवराज के साथ खचाखच भरे बीजेपी के दफतर में फोटो खिचवा रहे थे। कमलनाथ सरकार की विदाई ऐसी होगी किसी ने सोचा नहीं था। जब कमलनाथ आये थे तो उनके पास कई सालों का केंद्र की राजनीति करने का अनुभव था। यूपीए की सरकार में वो कई बार संकटमोचक की भूमिका में रहे। पीवी नरसिंह राव की अल्पमत की सरकार में भी वो फलोर मेनेजमेंट के लिये जाने जाते थे। देश के वो सारे नेता जो आज अपनी अपनी पार्टियों के अध्यक्ष बनकर बैठे हैं जिनमें शरद पवार से लेकर मायावती ममता बनर्जी अखिलेश यादवनवीन पटनायक उनसे कमलनाथ की दोस्ती के संबंध हैं। वो सीधा उनसे फोन लगाकर बात करते हैं। उनके पास संपर्क और सियासत का ऐसा अनुभव था जिसके सामने एमपी के सारे नेता बौने दिखते थे। उन्होंने प्रदेश में कांग्रेस सरकार की जब कमान संभाली तो लगा कि बीजेपी से कम वोट पाकर भी कांग्रेस ने सरकार तो बना ली है मगर इसे यदि कोई चला सकता है तो वो कमलनाथ ही थे क्योंकि राजनीतिक हल्के में उनका नाम मान सम्मान सब कुछ था। एक ब्रांड कमलनाथ था जिसका दिल्ली से लेकर दावोस तक में जिसका सिक्का चलता है कमलनाथ की ताकत का एक तिलस्म सा था जिसके आधार पर माना जाता था कि कमलनाथ है तो मुमकिन है। इस्तीफे से एक दिन पहले जब मुझे उन्होंने एबीपी न्यूज के लिये इंटरव्यू दिया तो मेरा पहला सवाल यही था कि कमलनाथ सरकार संकट में हैं और कमलनाथ के चेहरे पर शिकन नहीं है इस आत्मविश्वास का राज क्या हैं उस पर कमलनाथ मुस्कुराये और कहा था कि वो जो बेंगलुरू गये हैं वो मेरे अपने लोग हैं उनसे मरे संबंध है हमारा उनसे संपर्क है जब वो आयेंगे तो हमसे दूर नहीं जा सकते हमारी सरकार उनकी सरकार है जिसके लिये उन सभी ने मेहनत की है। मगर कमलनाथ जो कह रहे थे वो बीजेपी भी जानती थी इसलिये इन विधायकों को भोपाल आने ही नहीं दिया और रही सही कसर सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने कर दी जिसने कहा कि इन विधायकों का भोपाल जाना जरूरी नहीं है। 
कहते हैं इतिहास अपने को दोहराता है तो कमलनाथ की सरकार ज्योतिरादित्य सिंधिया के पाले बदलने से गिरी वरना तो बीजेपी नेता तीन बार पहले भी आपरेशन लोटस कर चुके थे तो यदि आप इतिहास के पन्ने पलटे तो जानेंगे कि ज्योतिरादित्य सिंधिया की दादी विजयाराजे सिंधिया ने भी 1967 में कांग्रेस के एमएलए को पहले दिल्ली और फिर ग्वालियर ले जाकर सरकार गिरायी थी तब मुख्यमंत्री थे डीपी मिश्र और सरकार बनने के बाद सीएम बने थे गोविंदनारायण सिंह। मगर गोविंदनारायण सिहं भी लंबे समय तक मुख्यमंत्री नहीं रह पाये। विजयाराजे सिंधिया के सरकार में लगातार दखल देने से नाराज होकर उन्होने  भी उन्नीस महीने बाद ही इस्तीफा दे कर कांग्रेस में वापसी कर ली थी। वैसे इतिहास से सबक लेते रहना चाहिये मगर लोग लेते नहीं हैं। 
ब्रजेश राजपूत,एबीपी न्यूज, भोपाल
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कोरोना वायरस। सागर जिले की संपूर्ण राजस्व सीमा क्षेत्र में कलेक्टर ने लगाई धारा 144 ,बाहरी लोगों के आने पर रोक

कोरोना वायरस। सागर जिले की संपूर्ण राजस्व सीमा क्षेत्र में कलेक्टर ने लगाई धारा 144 ,बाहरी लोगों के आने पर रोक
 
सागर ।  सर्वसाधारण की जानकारी में यह है कि दिनाक 31.01.2020 को विश्व स्वास्थ्य संगठन  द्वारा कोरोना वायरस को  महामारी  घोषित किया गया है । इस संबंध में माध्यप्रदेश शासन् लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के परिप्रेक्ष्य में मध्यप्रदेश पब्लिक हेल्थ एक्ट 1949 अंतर्गत नोवल कोरोना वायरस बीमारी अधिसूचित की जा चुकी है।
मध्यप्रदेश में कोरोना वायरस के चार प्रकरण पाजिटिव मिले है। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के दृष्टिकोण से भारतीय दंड प्रक्रिया 1973 की धारा 144 के तहत कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्रीमती प्रीति मैथिल नायक ने सागर जिले की सपूर्ण राजस्व सीमा क्षेत्र में प्रतिबंधात्मक आदेश तत्काल प्रभाव से लागू किया है। 31 मॉर्च तक यह आदेश प्रभावी रहेगा।
आदेष में सागर जिले की समस्त राजस्व सीमाओ मे बाहरी लोगो का आवागमन निषेध किया गया है । विशेष परिस्थितियों में क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी ( आरटीओ ) अनुमति देने के लिए अधिकृत होंगे । कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए जिले के नागरिक यथा संभव खुले में आवागमन नहीं करेगे तथा समूह बनाकर एक जगह पर एकत्रित नहीं होगे । अत्यावश्यक कार्यो के लिए संबंधित क्षेत्र के अनुविभागीय अधिकारी ( राजस्व ) अनुमति दे सकेंगे। 
जिले के समस्त शासकीय प्रशासकीय , अशासकीय कार्यालय तथा शैक्षणिक संस्थान . 31 मार्च तक बंद रहेंगे । अत्यावश्यक सेवाओ वाले विभाग यथा राजस्व स्वास्थ्य पुलिस , विधुत , दूरसंचार , नगर पालिका , पंचायत खाद्य आदि इससे मुक्त रहेगे। जिले के सभी व्यवसायिक प्रतिष्ठान बंद रहेगे। मेडिकल दुकान और हास्पिटल ( अस्पताल ) , पेट्रोल पंप को इससे छूट रहेगी ।  कलेक्टर द्वारा द्वारा समय - समय पर डच् . च्नइसपब ीमंसजी ंबज 1949 के तहत आदेश जारी किये है। उन आदेशों का पालन सागर जिले की भौगोलिक सीमा में उपस्थित हर नागरिक के लिए अनिवार्य होगा । 
नियमो का पालन अन्यथा मॉम्ला दर्ज होगा
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा  निर्देश दिये जाने पर संबंधित व्यक्ति/व्यक्तियों के समूह/परिवार को उसका पालन करना अनिवार्य होगा । ऐसा न करने पर ध मुकदमा दर्ज किया जायेगा । मौके पर उपस्थित मजिस्ट्रेट, पुलिस अधिकारी, स्वस्थ्य विभाग के कर्मचारी/नगर पालिक निगम के स्वच्छता अमले द्वारा दिये गये निर्देशों का पालन सभी नागरिको के लिए अनिवार्य होगा ।अनावश्यक, असत्य, अपुष्ट  जानकारी फैलाना दण्डनीय होगा । प्रावधानों का उल्लघंन होने पर माह की सजा एव जुर्माना किया जा सकता है । अपने क्षेत्राधिकार में इस आदेश का पालन कराने लिए अनुविभागीय अधिकारी ( राजस्व ) अधिकृत होंगे । अपने क्षेत्राधिकार में इस आदेश का उल्लंघन होने पर संबंधित थाना प्रभारी समुचित कार्यवाही सुनिश्चित करेंगे । कि यह आदेश सर्व साधारण को संबोधित है और वर्तमान परिस्थितियों में सूचना की तामीली सम्यक समय में प्रत्येक व्यक्ति को कर सुनवाई की जाना सभव नहीं है । अतः दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के अंतर्गत यह आदेश एक पक्षीय रूप से पारित किया गया है । यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा तथा सागर जिले की संपूर्ण राजस्व सीमा क्षेत्र में दिनांक 21 मार्च 2020 से 31 मार्च 2020 तक प्रभावशील रहेगा । उक्त आदेश का उल्लघन भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 के अधीन दण्डनीय होगा ।
              

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सागर में नही हैं कोई नोवल कोरोना वायरस से पीड़ित मरीज:कलेक्टर प्रीति मैथिल

सागर में नही हैं कोई नोवल कोरोना वायरस से पीड़ित मरीज:कलेक्टर प्रीति मैथिल
सागर । सागर में शनिवार तक कोई भी व्यक्ति नोवल कोरोना वायरस से पीड़ित कोई भी व्यक्ति नहीं है। कलेक्टर श्रीमती प्रीति मैथिल नायक ने जिलेवासियों से अपील की है कि कोई भी कोरी अफवाहों से बचे एवं अफवाहों को सोषल मीडिया पर शेयर भी न करें। श्रीमती मैथिल ने जिलेवासियों से अपील की है कि परिवार का कोई भी सदस्य यदि बाहर है तो उसको वहीं सुरक्षित रहने की सलाह दें और यदि कोई भी सदस्य बाहर से आता है तो उसकी सूचना कंट्रोल रूम के फोन नंबर 07582-264390 एवं 9907056496 पर संपर्क कर सूचना के साथ जानकारी प्राप्त कर सकते है
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शिक्षक सवर्ग को तृतीय वेतनमान का लाभ मिला,448 शिक्षको को

शिक्षक सवर्ग को तृतीय वेतनमान का लाभ मिला,448 शिक्षको को

सागर । जिला षिक्षा अधिकारी डा. महेन्द्र प्रताप तिवारी ने बताया है कि जिले के प्राथमिक षिक्षक एवं षिक्षक जिन्होंने 12 वर्ष 24 वर्ष एवं 30 वर्ष की सेवापूर्ण की है उनको क्रमोन्नत वेतनमान प्रदान किया गया। उन्होंने बताया कि पूरे जिले में 448 षिक्षक सवर्ग इससे लाभान्वित होगा। 
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