गोरखनाथ मंदिर में बनता है गोबर से सोना

गोरखनाथ मंदिर में बनता है गोबर से सोना

@गिरीश पांडेय 
लखनऊ ।जिस चीज से धरती सोना (उर्वर) बनती है। हीरे-मोती (अनाज) उगलती है, वह काम भी गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर में करीब पांच साल से हो रहा है। जी हां यह वही मंदिर (मठ) है जिसके पीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ तीन साल से उप्र के मुख्यमंत्री हैं।  मंदिर की गोशाला में 400 से अधिक देसी गायें हैं। एक गाय औसतन रोज 18 से 20 किलोग्राम गोबर देती है। मसलन यहां की गोशाला से रोज 7200 से 8000 किलोग्राम गोबर निकलता है। इसका बेहतर उपयोग हो। आसपास बेहतर सफाई रहे इसके लिए गोशाला से सटे ही वर्मी कंपोस्ट (केंचुआ खाद) बनाने की इकाइयां हैं। उस समय योगी जी ने अपनी देख-रेख में पूरे मन से इसे बनवाया था। इससे निकलने वाली खाद मंदिर के पौधों और फूल पत्तियों की हरियाली बढ़ाती है
जैविक खेती की क्रांति में होगी केंचुआ खाद की अहम भूमिका

विशेषज्ञों के अनुसार हमने अधिक पैदावार के लिए रासायनिक खाद एवं कीटनाशकों का बिना सोचे-समझे बेतहाशा प्रयोग किया। इनके जहर से धरती तो बीमार हुई ही। हमारा भोजन, भूगर्भ जल, यहां तक की मां का दूध भी इसकी जद में आ चुका है। भूमि, भोजन, पानी और सबसे बढक़र लोगों के स्वास्थ्य के लिए जैविक खेती और जैविक उत्पाद समय की मांग हैं। जैविक उत्पादों की बढ़ती मांग इसकी संभावनाओं का सबूत है। ऐसे में निकट भविष्य में जैविक खेती में क्रांति  लाजिमी है। स्वाभाविक है कि प्राकृतिक हलवाहा माने जाने वाले केंचुए की इसमें अहम भूमिका होगी।
वर्मी कंपोस्ट की खूबिया
इसमें अन्य जैविक खादों की तुलना में वर्मी कंपोस्ट में 5 गुना नाइट्रोजन, 8 गुना फास्फोरस, 11 गुना पोटाश, 3 गुना कैल्शियम और 2 गुना मैग्निशियम होता है। जिस खेत में इसका प्रयोग होता है उसकी सरंध्रता, पानी जज्ब करने की क्षमता बढ़ जाती है। भूमिगत जलस्तर और जलनिकासी की क्षमता भी बेहतर होती है। कालांतर में भूमि की भौतिक एवं रासायनिक संरचना सुधरने से हम जो भी उर्वरक और पोषक तत्व डालते हैं वे पौधों को आसानी से प्राप्य होते हैं। लिहाजा उपज बढ़ जाती है।

बेमिसाल होती है केंचुए की उत्पादन क्षमता

केंचुए की उत्पादन क्षमता भी बेजोड़ होती है। वह जो खाता है उसका उसका मात्र 5 से 10 फीसद ही अवशोषित करता है। बाकी वह कास्ट (मल) के रूप में निकाल देता है। यही कास्ट वर्मीकंपोस्ट होता है। केंचुआ खाद बनाने की प्रक्रिया भी आसान होती है। इसे अस्थाई छप्पर या टिन/एस्बेस्टस के शेड में भी बनाया जा सकता है। अब तो इंडियन वेटरनरी रिसर्च इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों अधिक तापमान सहन करने वाली जयगोपाल नामक ऐसी देशज प्रजातियां विकसित कर ली है जिनसे वर्मी कंपोस्ट बनाने के लिए पेड़ों की छांव ही काफी होता है।
कुटीर उद्योग के रूप में भारी संभावना

जैविक खेती के प्रति बढ़ती रुझान और जैविक खाद की बढ़ती मांग के मद्देनजर वर्मी कंपोस्ट की कुटीर उद्योग के रूप में भारी संभावना है। गढ्ढे में गोबर की भराई, तापमान और नमी के नियंत्रण के लिए नियमित अंतराल पर पानी के छिडक़ाव, तैयार खाद को छानने, पैंकिंग और परिवहन के लिए लोगों की जरूरत होती है। इससे गांव के स्तर पर रोजगार बढ़ेगा। गोबर और अन्य अपशिष्ट पदार्थो का खाद बनाने में प्रयोग होने से पर्यावरण भी शुद्ध होगा। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन में भी मददगार होगा।
मुख्यमंत्री बनने के साथ ही योगी ने दिया अपनी सोच को विस्तार

उस समय उन्होंने बताया था कि अगर किसानों को वर्मी कंपोस्ट की खूबियों से वाकिफ कराया जाय तो यह गांव में कुटीर उद्योग का दर्जा ले सकता है। उनके अनुसार ऐसा हो तो इधर-उधर बिखरे गोबर के बेहतर सदुपयोग के नाते साफ-सफाई होने से पर्यावरण भी संरक्षित रहेगा। 
मुख्यमंत्री बनने के बाद ही उन्होंने इस संभावना पर काम भी किया। हर न्यायपंचायत स्तर पर वर्मी कंपोस्ट की इकाई के लिए अनुदान दिया गया। वह बार-बार कहते हैं कि गोशालाएं वर्मी कंपोस्ट और गो आधारित अन्य उत्पादों से आत्म निर्भर हो सकती हैं। हमीरपुर जिलों को जैविक खेती का मॉडल बनाने, हर मंडी में जैविक उत्पादों के लिए अलग जगह मुकर्रर करने, गो आधारित जीरो बजट की खेती को बढ़वा देने की योजना के पीछे भी उनकी यही सोच है।
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केंचुआ खाद में प्राप्त पोषक तत्व फीसद में

जैविक कार्बन 9.15-17.78

नाइट्रोजन 2-2.8

फास्फोरस 1.2-2.5

पोटैशियम 0.15-0.60

सोडियम 0.6-030

कैल्शियम 22.67-70

मैग्नीश्यिम 22.67-70

इसके अलावा प्रति 100 ग्राम में कापर, लोहा, जिंक और सल्फर की मात्रा क्रमश: 2-9.5, 2-9.3, 5.7-11.4 और 129-550 मिलीग्राम होती है।

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रोए और जमीन पर लेटे, तिहाड़ में इस तरह फांसी पर चढ़ाए गए चारों दरिंदे

रोए और जमीन पर लेटे, तिहाड़ में इस तरह फांसी पर चढ़ाए गए चारों दरिंदे

साभार।एबीपी न्यूज़

#आज निर्भया के माता पिता का संघर्ष खत्म हुआ और देश की बेटियों के लिए न्याय की उम्मीद जगी.

#जानिए वो 60 मिनट जब चारों दरिंदे रोए, जमीन पर लेटे और आखिरकार फांसी के फंदे पर झूल गए.



नई दिल्ली: सात साल 3 महीने 4 दिन बाद निर्भया को आखिरकार आज 20 मार्च को इंसाफ मिल गया. दिल्ली की तिहाड़ जेल की घड़ी में पांच बजकर तीस मिनट हुए और निर्भया के चारों गुनहगार फांसी पर लटका दिए गए. फांसी की खबर मिलते ही जेल के बाहर तालियां बजी और लोगों ने 'निर्भया जिंदाबाद' के नारे लगाए. आज निर्भया के माता पिता का संघर्ष खत्म हुआ और देश की बेटियों के लिए न्याय की उम्मीद जगी. जानिए वो 60 मिनट जब चारों दरिंदे रोए, जमीन पर लेटे और आखिरकार फांसी के फंदे पर झूल गए.

#सात साल बाद निर्भया को मिला इंसाफ, गैंगरेप के चारों दोषियों को तिहाड़ में फांसी पर लटकाया गया

#निर्भया के दोषियों को फांसी के बाद लोगों ने तिहाड़ जेल के बाहर बांटी मिठाई, इंकलाब जिंदाबाद के नारे लगाए

#निर्भया के दोषियों के वे आखिरी दो घंटे, सुबह 3:15 बजे जगाया गया, तय समय पर खींचा गया फांसी का लीवर

#सुबह साढ़े तीन बजे जगाने के बाद सबसे पहले चारों दोषियों को नहलाया गया और उसके बाद डॉक्टरों की टीम ने सभी का मेडिकल टेस्ट किया. मेडिकल टेस्ट में सभी दोषी पूरी तरह से फिट पाए गए. इसके बाद चारों दोषियों को फांसी के लिए तैयार किया गया और उन्हें काले रंग के कपड़े पहनाए.

वो 60 मिनट:

05.00 AM: सुबह करीब पांच बजे चारों दोषियों के पीछे की ओर हाथ बांधे गए और फिर उन्हें फांसी के तख्ते तक लाया गया. इस दौरान दो दोषी हाथ बंधवाने में आनाकानी कर रहे थे. बताया जा रहा है कि इस दौरान एक दोषी जोर-जोर से रोने लगा और जमीन पर लेट गया. जेल अधिकारियों ने उसे उठाया और फिर उसके हाथ बांधे.

05.10 AM: फांसी घर में लाने के बाद सभी दोषियों को कोर्ट की तरफ से जारी डेथ वारंट सुनाया गया और उन्हें बताया गया है कि उनको किस गुनाह के लिए फांसी दी जा रही है. इसके बाद दोषियों से उनकी आखिरी इच्छा पूछी गई. हालांकि अभी ये जानकारी नहीं मिली है कि दोषियों ने अपनी आखिरी इच्छा क्या बताई. इसके बाद चारों दोषियों को गले तक काला कपड़ा पहनाया गया.

05.20 AM: करीब पांच बजकर 20 मिनट पर चारों दोषियों को एक साथ फांसी के तख्त पर चढ़ाया गया. इसके बाद सभी के पैर बांधे गए. जेल अधिकारियों के निर्देशों पर जल्लाद पवन ने सभी के गले में फंदा पिरोया और ठीक साढ़े पांच बजे लीवर खींच दिया और चारों दोषी फांसी के फंदे पर झूल गए.

06.00 AM: फांसी के बाद चारों दोषियों को करीब आधे घंटे से चालीस मिनट तक फांसी घर के कुएं में ही लटका कर रखा गया. इसके बाद जेल में मौजूद डॉक्टर फांसी घर के कुएं में गए और शवों की मेडिकल जांच करके जेल प्रशासन को चारों की मौत का सर्टिफिकेट दिया
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कोरोना वायरस। तृतीय /चतुर्थ श्रेणी के 50 फीसदी सरकारी कर्मचारी करेंगे अल्टरनेटिव में ड्यूटी

कोरोना वायरस।  तृतीय /चतुर्थ श्रेणी के 50 फीसदी सरकारी कर्मचारी करेंगे अल्टरनेटिव में ड्यूटी
भोपाल। मध्यप्रदेश शासन के सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय ने समस्त अपर मुख्य सचिव,प्रमुख सचिव/सचिव, मंत्रालय, भोपाल, विभाग प्रमुख समस्त संभागीय आयुक्त/जिला कलेक्टर्स को  कोरोना वायरस (COVID-19) की रोकथाम के लिए आवश्यक निरोधक उपाय जारी करते हुए निःर्देश  दिए है कि सरकारी कार्यालयों में 31 मॉर्च तकतीसरी और चौथी श्रेणी के  कर्मचारियों की उपस्थिति रोटेशन में 50 फीसदी रहेगी। यह नियम पुलिस और अन्य जरूरी विभागों में लागू नही होगा। 
आदेश के मुताबिक लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, म0प्र0 शासन द्वारा जारी अधिसूचना दिनांक 18.02. 2020 जिसमें संपूर्ण म0प्र0 राज्य के लिए नोवल कोरोना (COVID-19) अधिसूचित संकामक
रोग घोषित किया गया है तथा भारत सरकार के कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय
के कार्यालय परिपत्र दिनांक 19.03.2020 में कोरोना वायरस (COVID-19) के रोकथाम हेतु
जारी उपायों के प्रकाश में समस्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों, विभाग प्रमुखों, संभागीय
आयुक्त, जिला कलेक्टर्स को निर्देशानुसार निम्नांकित निर्देश प्रसारित किये जाना प्रस्तावित

1. मंत्रालय एवं शासन के सभी प्रमुख कार्यालय अपने तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों में से
50 प्रतिशत कर्मचारियों की ही कार्यालय में उपस्थिति की व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे तथा शेष
50 प्रतिशत कर्मचारी Alternate दिवस में कार्यालय में उपस्थित रहेंगे। जिन 50 प्रतिशत
कर्मचारियों को कार्यालय आने के लिए निषेध किया जाएगा वे अपने शासकीय कार्य के लिए
अपने मुख्यालय में रहकर निवास में ही रहेंगे तथा दूरभाष एवं संपर्क के समस्य माध्यमों पर
संपर्क किए जाने पर तत्काल कार्यशील होना सुनिश्चित करेंगे। इसके लिए सभी विभाग
प्रमुख/विभागाध्यक्ष इस संबंध में आवश्यक रोस्टर बनाया जाना सुनिश्चित करें। इस संबंध में
मंत्रालय के आस-पास रहने वाले शासकीय सेवकों को प्रथम दिन के रोस्टर में शामिल किया
जाए। प्रत्येक विभाग स्वयं यह सुनिश्चित करे कि इस प्रकार की व्यवस्था करते समय यह
सुनिश्चित किया जाए कि प्राथमिकता वाले शासकीय कार्य प्रभावित नहीं होने चाहिए।
2. जिन अधिकारियों/कर्मचारियों को रोस्टर के हिसाब से जिस दिन घर पर रहना है वे
टेलीफोन या इलेक्ट्रॉनिक माध्यम के संवाद के लिए कार्यालयीन समय में उपस्थित रहेंगे ताकि
उन्हें किसी भी तात्कालिकता की स्थिति में बुलाया जा सके।
3. इस प्रकार के निर्देश प्रत्येक विभाग द्वारा संबंधित अधीनस्थ कार्यालय, निगम मण्डलों के
लिए जारी किए जाएं।
4. ये निर्देश अत्यावश्यक सेवाएं (Essential Services) जैसे- स्वास्थ्य, पुलिस, पेयजल
व्यवस्था, विद्युत आपूर्ति, साफ-सफाई से जुड़ा अमला, अग्निशमन सेवाएं, दूरसंचार सेवाएं
इत्यादि पर लागू नहीं होगा।
5. राज्य शासन के समस्त कार्यालयों में संपर्क एवं जमाव को नियंत्रित करने के लिएआवश्यक व्यवस्थाएं की जाएं।
6. ये आदेश दिनांक 31.03.2020 तक लागू रहेगा। उक्त तिथि के बाद तत्समय की
परिस्थितियों के आधार पर पुनः परीक्षण कर आगामी निर्णय लिया जाएगा।


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MP : दोपहर दो बजे होगा बहुमत परीक्षण

MP : दोपहर दो बजे होगा बहुमत परीक्षण 
भोपाल।  माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार 20 मार्च 2020 को आहूत होने वाली विधानसभा की कार्यवाही की कार्यसूची देर रात तक जारी  हुई। इसको लेकर भी राजनीतिक गहमागहमी चलती  रही। विधनसभा के प्रमुख सचिव ने सूची जाती कर दी।
नेता प्रतिपक्ष  भार्गव पहुचे रात में सदन
सूची रात में  जारी नही होने पर नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश की प्रति और अपना पत्र तामील करवाने आधी रात विधानसभा पहुँचे। नेता प्रतिपक्ष श्री भार्गव ने विधानसभा स्थित अध्यक्ष महोदय और प्रमुख सचिव महोदय के कक्ष में पहुंचे जहां माननीय अध्यक्ष जी और प्रमुख सचिव अपने अपने कक्षों में सूचना के बाद भी नहीं मिले जिसके बाद नेता प्रतिपक्ष दोनों के कमरों में उनकी टेबिल पर अपना पत्र और माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश की प्रति छोड़कर आ गए।
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तीनबत्ती न्यूज़.कॉम
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कोरोना वायरस: सेंट्रल जेल में नए बंदियों को रखा जा रहा है पहले आईशोलेशन वार्ड में ,कैदी बना रहे है फेस मास्क

कोरोना वायरस: सेंट्रल जेल में नए बंदियों को रखा जा रहा है पहले आईशोलेशन वार्ड में ,कैदी बना रहे है फेस मास्क

# उधर   कैदी  बना रहे है फेस मास्क ,सरकारी आर्डर मिले क्वालटी भी बेहतर

सागर। कोरोना वायरस का खोफ से सभी सतर्क और भयभीत है।जेलों में कैदियों की अपनी अलग मुसीबतें है। रोज नए कैदी भी आ रहे है । ऐसे में बचाव के लिए सागर सेंट्रल जेल मे आने वाले नए कैदियों को पहले आईशोलेशन वार्ड में रखा जा रहा है । उसके बाद कैदखाने में । तेजी से संख्या बढ़ने पर दूसरा वार्ड भी बनाया है। दूसरी तरफ कैदी सस्ते और बेहतर फेस मास्क भी बना रहे है । इससे सरकारी सप्लाई भी होने लगी है। 
नए हवालाती और बंदियों को आईसोलेशन वार्ड में
सेंट्रल जेल सागर में पहले से ही क्षमता से अधिक कैदी है। ऐसे में कोरोना जैसा वायरस से सुरक्षित रखना प्रसाशन के लिए अहम है। 
जेल अधीक्षक संतोष सोलंकी ने तीनबत्ती न्यूज़ .कॉम को बताया कि  बंदियों की सुरक्षा के लिहाज से  नए आने वाले बंदियों को पहले 10 दिनों तक आईसोलेशन वार्ड में रखा जा रहा है। इसके बाद कैदखाने में।  महिला वार्ड भी  अलग से बनाया गया है । अभी हाल ही में 85  कैदी आये है।  जेल में क्षमता से अधिक  बंदी है ।लेकिन सुरक्षा का पूरा इंतजाम है। कैदियों को लगातार हिदायतें बरतने की सलाह दी जा रही है । शासन से  मिले आदेशो का पालन कोरोना वायरस को लेकर की जा रही है।
बंदी बना रहे है मास्क
कोविड 19 वायरस से निपटने में सेनेटाईजर और फेसमास्क अहम है । इनकी कालाबाजारी और बढ़ते दाम भी समस्या बढा रहे है । ऐसे में एक अच्छी खबर सेंट्रल जेल सागर से आई है। जेल में बेहतर क्वालिटी के फेसमास्क बनाये जा रहे है। कलेक्टर प्रीति मैथिल ने पिछले दिनों हुई बैठक में जेल में मास्क बनाने निर्देशित किया था।
जेल अधीक्षक संतोष सोलंकी  ने तीनबत्ती न्यूज़ को बताया कि  जेल में हाथकरघा केंद्र होने के कारण खादी भी बन रही है । जिसका उपयोग फेसमास्क बनाने में उपयोग हो रहा है। जेल में सरकारी आर्डर भी मिलने लगे। डबल कपड़े  के इस मजबूत फेसमास्क को  बुन्देलखण्ड मेडीकल कालेज ,सेना,पीडब्ल्यूडी आदि महकमो से ऑडर मिलने पर सप्लाई शुरू कर दी है । इसकी कीमत दस रुपये है । शुद्ध खादी से बने इनकी  बेहतर क्वालिटी है  और पूर्ण सुरक्षित है। पूरे जेल परिसर क्षेत्र में कर्मचारी इन्ही मास्को का उपयोग करते नजर  आ रहे है। 

विंनोद आर्य ★ तीनबत्ती न्यूज़.कॉम
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महार रेजिमेंट सेंटर में बने आईसोलेशन वार्डों का मेजर जनरल के साथ कलेक्टर ने लिया जायजा

महार रेजिमेंट सेंटर में बने  आईसोलेशन वार्डों का मेजर जनरल के साथ कलेक्टर ने लिया जायजा
सागर ।  नोवल कोरोना वायरस के नियंत्रण व रोकथाम के लिए जिला प्रषासन चौकस है। सागर जिले में कोरोना की रोकथाम के लिए एहतियात बरती जा रही है। इसके मददेनजर महार रेजीमेंट सेंटर में कोरोना के नियंत्रण के लिए बनाए जा रहे आईसोलेषन वार्ड, डाक्टर्स, पैरामेडिकल स्टॉफ के रूकने हेतु आवास व्यवस्था, भोजनालय, शौचालय आदि का जिला प्रषासन के अधिकारियों ने आर्मी अधिकारियों के साथ गुरूवार को जायजा लिया। इस अवसर पर मेजर जनरल  जेके शुक्ला चीफ ऑफ स्टॉफ 21-कार्पस, कलेक्टर श्रीमती प्रीति मैथिल नायक, पुलिस अधीक्षक श्री अमित सांघी, ब्रिगेडियर श्री संजय ठकरान,एडीएम कमांडेट श्री मुनीष गुप्ता, ब्रिगेडियर  आषित वाजपेयी, कमांडेट महार सेंटर, आयुक्त नगर निगम  आरपी अहिरवार, अपर कलेक्टर श्री अखिलेष जैन, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा एमएस सागर, सिविल सर्जन डा. व्हीएस तोमर सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
सेना का 100 बिस्तर का वार्ड
नोवल कोरोना के खतरे को देखते हुए महार रेजीमेंट सेंटर में बॉयस हास्टल में  100 बिस्तर का आईसोलेषन वार्ड, फायरिंग रेंज क्षेत्र में 100 बिस्तर का आईसोलेषन वार्ड एवं मुख्य बेरक में 100 बिस्तर का आईसोलेषन वार्ड स्थापित किए गए है। आर्मी क्षेत्र में बने आईसोलेषन वार्डों में संचार सुविधा सुचारू रूप से संचालित हेतु रिलाईन्स एवं जिओ के टावर लगाए जा रहे है। वार्ड में सभी मूलभूत सुविधाएं मरीजों के लिए उपलब्ध कराई जाएगी। इसमें बिजली, पानी, पलंग, शौचालय, गद्दे, मॉस्क, सेनेटाइजर, दवाईयां, मेडिकल उपकरण, डाक्टर्स और पेरामेडिकल स्टॉफ सहित अन्य सामग्री उपलब्ध रहेगी। यहां पर महिलाओं और पुरूषों के लिए अलग-अलग व्यवस्थाएं रहेंगी। आईसोलेषन वार्ड की व्यवस्थाओं के संबंध में कलेक्टर श्रीमती प्रीति मैथिल नायक ने आर्मी अधिकारियों के साथ चर्चा की। उन्होंने सीएमएचओ को इस संबंध में आवष्यक निर्देष दिए। आईसोलेषन वार्ड में रूकने वालों को संचार सुविधा उपलब्ध रहे। इसके लिए संचार का टावर लगाया जाएगा। आवष्यकता पड़ने पर बोर करा दिया जाएगा। जिससे पानी की दिक्कत न रहे। उन्होंने पुरूष और महिला मरीजों हेतु अलग से भोजनालय एवं शौचालयों की व्यवस्था करने के निर्देष दिए। साथ ही आईसोलेषन वार्ड के मुख्य द्वार पर सीसीटीव्ही कैमरे लगाने के निर्देष भी दिए। उन्होंने सभी वार्डों के मुख्य द्वारों पर एंट्री रजिस्टर एवं सेनेटाईजर, मास्क उपलब्ध कराने हेतु व्यवस्थाओं को सुनिष्चित किया जाए।
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महिला बाल विकास विभाग की परियोजना अधिकारी को लोकायुक्त पुलिस ने 10 हजार की रिश्वत लेते पकड़ा

महिला बाल विकास विभाग की परियोजना अधिकारी को लोकायुक्त पुलिस ने 10 हजार की रिश्वत लेते पकड़ा

सागर।  लोकायुक्त पुलिस सागर ने बीना की महिला एवं बाल विकास विभाग की परियोंजना अधिकारी निशा रत्ले को 10 हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है ।आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की नियुक्ति के एवज में रिश्वत मांगी थी। 
लोकायुक्त पुलिस निरीक्षक मंजू सिंह और बी एम द्विवेदी के नेतृत्व में ट्रेप की कार्यवाही हुई।

लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक रामेश्वर यादव के अनुसार  बीना के हासलखेड़ी ग्राम के वीरेंद्र सींग ठाकुर ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उसकी पत्नी ऋतु ठाकुर का आंगनवाड़ी कार्यकर्ता में चयन हुआ है इसके एवज में परियोजना अधिकारी निशा रतले द्वारा रिश्वत मांगी जा रही है। आज टीम ने 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। 
निरीक्षक मंजू सिंह ने बताया कि आज महिला बाल विकास बीना के कार्यालय में ट्रेप सम्बन्धी ककार्यवाहि की गई। 20 हजार की रिश्वत मांगी थी। पहली किश्त 10 हजार की लेते अधिकारी को ट्रेप किया गया है। 

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