इच्छित गढ़पाले बने जिला पंचायत के नए सीईओ,कार्यभार संभाला

इच्छित गढ़पाले बने जिला पंचायत के नए सीईओ,कार्यभार संभाला
सागर। जिला पंचायत सागर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री इच्छित गढ़पाले ने गुरूवार को सांयकाल पदभार ग्रहण किया। ज्ञात हो कि मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री सीएस शुक्ला का विगत दिवस अषोक नगर जिला पंचायत में स्थानांतरण किया गया है
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भ्रष्ट पटवारी को 04-04 वर्ष की सजा, 5 हजार की रिश्वत लेते पकड़ाया था

भ्रष्ट पटवारी को 04-04 वर्ष  की सजा, 5 हजार की रिश्वत लेते पकड़ाया था
सागर। न्यायालय- विषेष न्यायाधीष भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम सागर श्री रामविलास गुप्ता जिला सागर की अदालत ने आरोपी हाकिम सिंह वल्द गजराज सिंह ठाकुर उम्र 53 वर्ष पटवारी निवासी एच.आई.जी 103 दीनदयाल नगर सागर, स्थाई पता- ग्राम व पोस्ट चकेरी (विनेका) तहसील बण्डा जिला सागर को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7 एवं 13(1)(डी) सहपठित धारा 13(2) के तहत दोषी पाते हुए 04-04 वर्ष कारावास एवं 10,000-10,000 रूपए के अर्थदण्ड से दंडित किया। म.प्र. शासन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक लोकायुक्त श्री आर. के पटैल, सागर ने की।
मामला संक्षिप्त में इस प्रकार है कि दिनांक 01.06.2015 को आवेदक पदम सिंह ने अभियुक्त हाकिम के विरूद्ध लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक सागर के समक्ष एक लिखित षिकायत आवेदन दिया कि आवेदक ने स्वयं के नाम पर ग्राम कंजिया में 01 डेसीमल जमीन के सीमांकन करने व वसीयतनामा में नामांत्रण हेतु आवेदन फीस सहित दिया था उक्त काम को करने के एवज में अभियुक्त हाकिम सिंह पटवारी हल्का नं 07 कंजिया बीना जिला सागर द्वारा पांच हजार रूपए रिष्वत की मांग की जा रही है। आवेदक अभियुक्त को रिष्वत नही देना चाहता है व रिष्वत लेते रंगे हाथों पकडवाना चाहता है आवेदक को षिकायत के सत्यापन हेतु एक डिजिटल वाॅयस रिकाॅडर दिया गया और उसे संचालन के तरीका सिखाया गया अभियुक्त की रिष्वत मांग संबंधी बात को रिकाॅर्ड के लिए निर्देषित किया आवेदक ने दिनांक 04.06.2015 को अभियुक्त से संपर्क होने पर उसकी रिष्वत मांग संबंधी बातचीत को लोेकायुक्त कार्यालय से प्रदाय किये गए वाॅयस रिकाॅडर में रिकाॅर्ड कर लिया, और उस रिकाॅर्डर को एक लिफाफे में बंद करके हमराह आर0 के हस्ते पुलिस अधीक्षक को आवेदन पत्र सहित प्रेषित किया। उसके पष्चात् रिष्वत मांग संबंधी वार्ता की ट्रांस्क्रिप्ट तैयार की गई, आवेदन के सत्यापन पश्चात ट्रेप कार्यवाही की गई दिनांक 05.06.2015 को लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक सागर के निर्देषन में ट्रेप कार्यवाही आयोजित की गई आवेदक को रिष्वत की राषि लेकर अभियुक्त के घर को रवाना किया गया। कुछ देर बाद आवेदक पदम सिंह ने अभियुक्त  के घर के बाहर आकर लेन देन हो जाने का ईषारा किया तभी ट्रेपदल अभियुक्त के घर के अंदर पहुंच गए। अभियुुक्त तखत पर बैठा हुआ था उसी अवस्था में उसे घेर लिया गया टेªप दल ने अपना परिचय दिया और निरीक्षक परस्ते ने अभियुक्त हाकिम ंिसह पटवारी से रिष्वत राषि के संबंध मंे पूछने पर पहले तो अभियुक्त द्वारा इंकार किया गया फिर पूछताछ करने पर रिष्वत राषि अपनी पहनी हुई बरमूडा की बाई जेम में रखी है बताया। विधिवत कार्यवाही के उपरांत अभियुक्त हाकिम सिंह के दोनों हाथों को धुलवाया तो घोल का रंग गुलाबी हो गया अभियुक्त हाकिम सिंह की पहनी हुई बरमुडा की बाई जेब से रिष्वत राषि को बरामद किया तो 1000 रूपए के 500रू का 01 नोट और 100-100 रू के 05 नोट थे कुल 06 नोट थे नोटो का मिलान करना सही पाया गया जप्ती सीलबंद व अन्य कार्यवाही के उपरांत मामला विवेचना में लिया गया विवेचना के दौरान सीडी परीक्षण हेतु भोपाल भेजी गई व अभियोजन स्वीकृति प्राप्त की गई विवेचना उपरांत अभियुक्त के विरूद्ध अभियोग पत्र विषेष न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। अभियोजन द्वारा अपने साक्षियों को न्यायाालय के समक्ष परीक्षित कराया गया बचाव पक्ष ने भी अपने साक्ष्य माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया अभियोजन द्वारा लिखित एवं मौखित बहस पेष की गई और बचाव पक्ष को सुनने के उपरांत मामले में आई साक्ष्य के आधार पर  न्यायालय- विषेष न्यायाधीष भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम सागर श्री रामविलास गुप्ता जिला सागर की अदालत ने हाकिम सिंह वल्द गजराज सिंह ठाकुर उम्र 53 वर्ष पटवारी निवासी एच.आई.जी 103 दीनदयाल नगर सागर, स्थाई पता- ग्राम व पोस्ट चकेरी (विनेका) तहसील बण्डा जिला सागर को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7 एवं 13(1)(डी) सहपठित धारा 13(2) के तहत दोषी पाते हुए 4-4 वर्ष कारावास एवं 10000-10000 रूपए के अर्थदण्ड से दंडित किया।


                                                              




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डॉ गौर विवि के चार कर्मचारियों में गिरी अनुशासनहीनता की गाज,कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सहित दो सस्पेंड,दो की सेवाएं समाप्त

डॉ गौर विवि के चार कर्मचारियों में गिरी अनुशासनहीनता की गाज,कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सहित दो सस्पेंड,दो की सेवाये समाप्त

सागर। डॉ हरीसिंह गौर केन्द्रीय विवि सागर के चार कर्मचारियों पर प्रशासन नेअनुशासनहीनता   को लेकर एक बड़ी कार्यवाई की है। इसमे विवि कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सहित दो को सस्पेंड और दो न्यूनतम वेतन भोगी कर्मचारियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है ।विवि के रजिस्ट्रार कर्नल राकेश मोहन जोशी  ने इसके आदेश जारी किए है। ये कर्मचारी विवि की कथित अनियमितताओं को लेकर आंदोलनों में शामिल हुए थे। इनको विवि विरोधी गतिविधियों को लेकर कारण बताओ नोटिस भी जारी किए गए थे।
विवि के कुलपति प्रो आर पी तिवारी ने  ने तीनबत्ती न्यूज़ से इस खबर की पुष्टि की है 
कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सहित चार पर हुई कार्यवाई

अधिकृत जानकारी के मुताबिक विवि कर्मचारी संघ के अध्यक्ष संदीप बाल्मीकि और गोपाल रजक को निलंबित किया गया है ।आदेश के मुताबिक  संदीप बाल्मीकि ने जनता के साथ आंदोलनों में हिस्सेदारी की और मीडिया में भ्रामक जानकारी देने का काम किया है। वही गोपाल रजक और संदीप बाल्मीकि ने 19 फरवरी को कार्यालयीन समय के दौरान अनुचित गतिविधियों में हिस्सा लिया।
इसके साथ ही विवि प्रशासन ने  न्यूनतम  भोगी कर्मचारियों अशोक मिश्रा और जयंत जैन को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है । ये भी 19 फरवरी को सागर में आयोजित विवि विरोधी गतिविधियों में शामिल हुए थे। 
विवि प्रशासन  की इस कार्यवाहि से हड़कम्प  मचा है।
विंनोद आर्य ★ तीनबत्ती न्यूज़. कॉम
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सीएम कमलनाथ का इस्तीफा, भाजपा विधायक दल की बैठक आज शाम को

 सीएम कमलनाथ का इस्तीफा, भाजपा विधायक दल की बैठक आज शाम को

भोपाल, एजेंसियां। मध्य प्रदेश में सियासी संकट के बीच सीएम कमलनाथ ने अपना इस्तीफा देने का फैसला किया है। उन्होंने भोपाल में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि वह आज राज्यपाल से मिलकर उन्हें अपना इस्तीफा सौंपा। इससे पहले उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कर भाजपा पर निशाना साधा और कहा कि उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता ने मुझे पांच साल सरकार चलाने का बहुमत दिया था। लेकिन भाजपा ने प्रदेश की जनता के साथ धोखा दिया। लेकिन जनता उन्हें माफ नहीं करेगी।
इस बीच मध्य प्रदेश के निर्दलीय विधायक प्रदीप जायसवाल ने कमलनाथ के इस्तीफे की घोषणा के बाद कहा है कि मैंने कहा था कि जब तक कमलनाथ हैं, मैं उनका समर्थन करता रहूंगा। लेकिन मेरी प्राथमिकता मेरे निर्वाचन क्षेत्र के लोगों, उनके विकास और श्रमिकों का सम्मान है। मुझे लगता है कि अब नेतृत्व की अनुपस्थिति में यह संभव नहीं है।
उन्होंने आगे कहा कि निर्दलीय विधायक होने के नाते, अब मेरे पास और कोई विकल्प नहीं है, लेकिन अपने लोगों के विकास के लिए जो नई सरकार बनेगी, उसका समर्थन करने के लिए। मैंने उनसे(भाजपा) से बात की है।
भाजपा विधायक दल की बैठक शाम को शिवराज चुने जा सकते है नेता

भाजपा विधायक दल की बैठक आज शाम 5 बजे बुलाई गई है । जिसमे पूर्व सीएम शिवराजसिंह चौहान को फिर से चुना जा सकता है। 

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गोरखनाथ मंदिर में बनता है गोबर से सोना

गोरखनाथ मंदिर में बनता है गोबर से सोना

@गिरीश पांडेय 
लखनऊ ।जिस चीज से धरती सोना (उर्वर) बनती है। हीरे-मोती (अनाज) उगलती है, वह काम भी गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर में करीब पांच साल से हो रहा है। जी हां यह वही मंदिर (मठ) है जिसके पीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ तीन साल से उप्र के मुख्यमंत्री हैं।  मंदिर की गोशाला में 400 से अधिक देसी गायें हैं। एक गाय औसतन रोज 18 से 20 किलोग्राम गोबर देती है। मसलन यहां की गोशाला से रोज 7200 से 8000 किलोग्राम गोबर निकलता है। इसका बेहतर उपयोग हो। आसपास बेहतर सफाई रहे इसके लिए गोशाला से सटे ही वर्मी कंपोस्ट (केंचुआ खाद) बनाने की इकाइयां हैं। उस समय योगी जी ने अपनी देख-रेख में पूरे मन से इसे बनवाया था। इससे निकलने वाली खाद मंदिर के पौधों और फूल पत्तियों की हरियाली बढ़ाती है
जैविक खेती की क्रांति में होगी केंचुआ खाद की अहम भूमिका

विशेषज्ञों के अनुसार हमने अधिक पैदावार के लिए रासायनिक खाद एवं कीटनाशकों का बिना सोचे-समझे बेतहाशा प्रयोग किया। इनके जहर से धरती तो बीमार हुई ही। हमारा भोजन, भूगर्भ जल, यहां तक की मां का दूध भी इसकी जद में आ चुका है। भूमि, भोजन, पानी और सबसे बढक़र लोगों के स्वास्थ्य के लिए जैविक खेती और जैविक उत्पाद समय की मांग हैं। जैविक उत्पादों की बढ़ती मांग इसकी संभावनाओं का सबूत है। ऐसे में निकट भविष्य में जैविक खेती में क्रांति  लाजिमी है। स्वाभाविक है कि प्राकृतिक हलवाहा माने जाने वाले केंचुए की इसमें अहम भूमिका होगी।
वर्मी कंपोस्ट की खूबिया
इसमें अन्य जैविक खादों की तुलना में वर्मी कंपोस्ट में 5 गुना नाइट्रोजन, 8 गुना फास्फोरस, 11 गुना पोटाश, 3 गुना कैल्शियम और 2 गुना मैग्निशियम होता है। जिस खेत में इसका प्रयोग होता है उसकी सरंध्रता, पानी जज्ब करने की क्षमता बढ़ जाती है। भूमिगत जलस्तर और जलनिकासी की क्षमता भी बेहतर होती है। कालांतर में भूमि की भौतिक एवं रासायनिक संरचना सुधरने से हम जो भी उर्वरक और पोषक तत्व डालते हैं वे पौधों को आसानी से प्राप्य होते हैं। लिहाजा उपज बढ़ जाती है।

बेमिसाल होती है केंचुए की उत्पादन क्षमता

केंचुए की उत्पादन क्षमता भी बेजोड़ होती है। वह जो खाता है उसका उसका मात्र 5 से 10 फीसद ही अवशोषित करता है। बाकी वह कास्ट (मल) के रूप में निकाल देता है। यही कास्ट वर्मीकंपोस्ट होता है। केंचुआ खाद बनाने की प्रक्रिया भी आसान होती है। इसे अस्थाई छप्पर या टिन/एस्बेस्टस के शेड में भी बनाया जा सकता है। अब तो इंडियन वेटरनरी रिसर्च इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों अधिक तापमान सहन करने वाली जयगोपाल नामक ऐसी देशज प्रजातियां विकसित कर ली है जिनसे वर्मी कंपोस्ट बनाने के लिए पेड़ों की छांव ही काफी होता है।
कुटीर उद्योग के रूप में भारी संभावना

जैविक खेती के प्रति बढ़ती रुझान और जैविक खाद की बढ़ती मांग के मद्देनजर वर्मी कंपोस्ट की कुटीर उद्योग के रूप में भारी संभावना है। गढ्ढे में गोबर की भराई, तापमान और नमी के नियंत्रण के लिए नियमित अंतराल पर पानी के छिडक़ाव, तैयार खाद को छानने, पैंकिंग और परिवहन के लिए लोगों की जरूरत होती है। इससे गांव के स्तर पर रोजगार बढ़ेगा। गोबर और अन्य अपशिष्ट पदार्थो का खाद बनाने में प्रयोग होने से पर्यावरण भी शुद्ध होगा। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन में भी मददगार होगा।
मुख्यमंत्री बनने के साथ ही योगी ने दिया अपनी सोच को विस्तार

उस समय उन्होंने बताया था कि अगर किसानों को वर्मी कंपोस्ट की खूबियों से वाकिफ कराया जाय तो यह गांव में कुटीर उद्योग का दर्जा ले सकता है। उनके अनुसार ऐसा हो तो इधर-उधर बिखरे गोबर के बेहतर सदुपयोग के नाते साफ-सफाई होने से पर्यावरण भी संरक्षित रहेगा। 
मुख्यमंत्री बनने के बाद ही उन्होंने इस संभावना पर काम भी किया। हर न्यायपंचायत स्तर पर वर्मी कंपोस्ट की इकाई के लिए अनुदान दिया गया। वह बार-बार कहते हैं कि गोशालाएं वर्मी कंपोस्ट और गो आधारित अन्य उत्पादों से आत्म निर्भर हो सकती हैं। हमीरपुर जिलों को जैविक खेती का मॉडल बनाने, हर मंडी में जैविक उत्पादों के लिए अलग जगह मुकर्रर करने, गो आधारित जीरो बजट की खेती को बढ़वा देने की योजना के पीछे भी उनकी यही सोच है।
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केंचुआ खाद में प्राप्त पोषक तत्व फीसद में

जैविक कार्बन 9.15-17.78

नाइट्रोजन 2-2.8

फास्फोरस 1.2-2.5

पोटैशियम 0.15-0.60

सोडियम 0.6-030

कैल्शियम 22.67-70

मैग्नीश्यिम 22.67-70

इसके अलावा प्रति 100 ग्राम में कापर, लोहा, जिंक और सल्फर की मात्रा क्रमश: 2-9.5, 2-9.3, 5.7-11.4 और 129-550 मिलीग्राम होती है।

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रोए और जमीन पर लेटे, तिहाड़ में इस तरह फांसी पर चढ़ाए गए चारों दरिंदे

रोए और जमीन पर लेटे, तिहाड़ में इस तरह फांसी पर चढ़ाए गए चारों दरिंदे

साभार।एबीपी न्यूज़

#आज निर्भया के माता पिता का संघर्ष खत्म हुआ और देश की बेटियों के लिए न्याय की उम्मीद जगी.

#जानिए वो 60 मिनट जब चारों दरिंदे रोए, जमीन पर लेटे और आखिरकार फांसी के फंदे पर झूल गए.



नई दिल्ली: सात साल 3 महीने 4 दिन बाद निर्भया को आखिरकार आज 20 मार्च को इंसाफ मिल गया. दिल्ली की तिहाड़ जेल की घड़ी में पांच बजकर तीस मिनट हुए और निर्भया के चारों गुनहगार फांसी पर लटका दिए गए. फांसी की खबर मिलते ही जेल के बाहर तालियां बजी और लोगों ने 'निर्भया जिंदाबाद' के नारे लगाए. आज निर्भया के माता पिता का संघर्ष खत्म हुआ और देश की बेटियों के लिए न्याय की उम्मीद जगी. जानिए वो 60 मिनट जब चारों दरिंदे रोए, जमीन पर लेटे और आखिरकार फांसी के फंदे पर झूल गए.

#सात साल बाद निर्भया को मिला इंसाफ, गैंगरेप के चारों दोषियों को तिहाड़ में फांसी पर लटकाया गया

#निर्भया के दोषियों को फांसी के बाद लोगों ने तिहाड़ जेल के बाहर बांटी मिठाई, इंकलाब जिंदाबाद के नारे लगाए

#निर्भया के दोषियों के वे आखिरी दो घंटे, सुबह 3:15 बजे जगाया गया, तय समय पर खींचा गया फांसी का लीवर

#सुबह साढ़े तीन बजे जगाने के बाद सबसे पहले चारों दोषियों को नहलाया गया और उसके बाद डॉक्टरों की टीम ने सभी का मेडिकल टेस्ट किया. मेडिकल टेस्ट में सभी दोषी पूरी तरह से फिट पाए गए. इसके बाद चारों दोषियों को फांसी के लिए तैयार किया गया और उन्हें काले रंग के कपड़े पहनाए.

वो 60 मिनट:

05.00 AM: सुबह करीब पांच बजे चारों दोषियों के पीछे की ओर हाथ बांधे गए और फिर उन्हें फांसी के तख्ते तक लाया गया. इस दौरान दो दोषी हाथ बंधवाने में आनाकानी कर रहे थे. बताया जा रहा है कि इस दौरान एक दोषी जोर-जोर से रोने लगा और जमीन पर लेट गया. जेल अधिकारियों ने उसे उठाया और फिर उसके हाथ बांधे.

05.10 AM: फांसी घर में लाने के बाद सभी दोषियों को कोर्ट की तरफ से जारी डेथ वारंट सुनाया गया और उन्हें बताया गया है कि उनको किस गुनाह के लिए फांसी दी जा रही है. इसके बाद दोषियों से उनकी आखिरी इच्छा पूछी गई. हालांकि अभी ये जानकारी नहीं मिली है कि दोषियों ने अपनी आखिरी इच्छा क्या बताई. इसके बाद चारों दोषियों को गले तक काला कपड़ा पहनाया गया.

05.20 AM: करीब पांच बजकर 20 मिनट पर चारों दोषियों को एक साथ फांसी के तख्त पर चढ़ाया गया. इसके बाद सभी के पैर बांधे गए. जेल अधिकारियों के निर्देशों पर जल्लाद पवन ने सभी के गले में फंदा पिरोया और ठीक साढ़े पांच बजे लीवर खींच दिया और चारों दोषी फांसी के फंदे पर झूल गए.

06.00 AM: फांसी के बाद चारों दोषियों को करीब आधे घंटे से चालीस मिनट तक फांसी घर के कुएं में ही लटका कर रखा गया. इसके बाद जेल में मौजूद डॉक्टर फांसी घर के कुएं में गए और शवों की मेडिकल जांच करके जेल प्रशासन को चारों की मौत का सर्टिफिकेट दिया
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कोरोना वायरस। तृतीय /चतुर्थ श्रेणी के 50 फीसदी सरकारी कर्मचारी करेंगे अल्टरनेटिव में ड्यूटी

कोरोना वायरस।  तृतीय /चतुर्थ श्रेणी के 50 फीसदी सरकारी कर्मचारी करेंगे अल्टरनेटिव में ड्यूटी
भोपाल। मध्यप्रदेश शासन के सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय ने समस्त अपर मुख्य सचिव,प्रमुख सचिव/सचिव, मंत्रालय, भोपाल, विभाग प्रमुख समस्त संभागीय आयुक्त/जिला कलेक्टर्स को  कोरोना वायरस (COVID-19) की रोकथाम के लिए आवश्यक निरोधक उपाय जारी करते हुए निःर्देश  दिए है कि सरकारी कार्यालयों में 31 मॉर्च तकतीसरी और चौथी श्रेणी के  कर्मचारियों की उपस्थिति रोटेशन में 50 फीसदी रहेगी। यह नियम पुलिस और अन्य जरूरी विभागों में लागू नही होगा। 
आदेश के मुताबिक लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, म0प्र0 शासन द्वारा जारी अधिसूचना दिनांक 18.02. 2020 जिसमें संपूर्ण म0प्र0 राज्य के लिए नोवल कोरोना (COVID-19) अधिसूचित संकामक
रोग घोषित किया गया है तथा भारत सरकार के कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय
के कार्यालय परिपत्र दिनांक 19.03.2020 में कोरोना वायरस (COVID-19) के रोकथाम हेतु
जारी उपायों के प्रकाश में समस्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों, विभाग प्रमुखों, संभागीय
आयुक्त, जिला कलेक्टर्स को निर्देशानुसार निम्नांकित निर्देश प्रसारित किये जाना प्रस्तावित

1. मंत्रालय एवं शासन के सभी प्रमुख कार्यालय अपने तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों में से
50 प्रतिशत कर्मचारियों की ही कार्यालय में उपस्थिति की व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे तथा शेष
50 प्रतिशत कर्मचारी Alternate दिवस में कार्यालय में उपस्थित रहेंगे। जिन 50 प्रतिशत
कर्मचारियों को कार्यालय आने के लिए निषेध किया जाएगा वे अपने शासकीय कार्य के लिए
अपने मुख्यालय में रहकर निवास में ही रहेंगे तथा दूरभाष एवं संपर्क के समस्य माध्यमों पर
संपर्क किए जाने पर तत्काल कार्यशील होना सुनिश्चित करेंगे। इसके लिए सभी विभाग
प्रमुख/विभागाध्यक्ष इस संबंध में आवश्यक रोस्टर बनाया जाना सुनिश्चित करें। इस संबंध में
मंत्रालय के आस-पास रहने वाले शासकीय सेवकों को प्रथम दिन के रोस्टर में शामिल किया
जाए। प्रत्येक विभाग स्वयं यह सुनिश्चित करे कि इस प्रकार की व्यवस्था करते समय यह
सुनिश्चित किया जाए कि प्राथमिकता वाले शासकीय कार्य प्रभावित नहीं होने चाहिए।
2. जिन अधिकारियों/कर्मचारियों को रोस्टर के हिसाब से जिस दिन घर पर रहना है वे
टेलीफोन या इलेक्ट्रॉनिक माध्यम के संवाद के लिए कार्यालयीन समय में उपस्थित रहेंगे ताकि
उन्हें किसी भी तात्कालिकता की स्थिति में बुलाया जा सके।
3. इस प्रकार के निर्देश प्रत्येक विभाग द्वारा संबंधित अधीनस्थ कार्यालय, निगम मण्डलों के
लिए जारी किए जाएं।
4. ये निर्देश अत्यावश्यक सेवाएं (Essential Services) जैसे- स्वास्थ्य, पुलिस, पेयजल
व्यवस्था, विद्युत आपूर्ति, साफ-सफाई से जुड़ा अमला, अग्निशमन सेवाएं, दूरसंचार सेवाएं
इत्यादि पर लागू नहीं होगा।
5. राज्य शासन के समस्त कार्यालयों में संपर्क एवं जमाव को नियंत्रित करने के लिएआवश्यक व्यवस्थाएं की जाएं।
6. ये आदेश दिनांक 31.03.2020 तक लागू रहेगा। उक्त तिथि के बाद तत्समय की
परिस्थितियों के आधार पर पुनः परीक्षण कर आगामी निर्णय लिया जाएगा।


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MP : दोपहर दो बजे होगा बहुमत परीक्षण

MP : दोपहर दो बजे होगा बहुमत परीक्षण 
भोपाल।  माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार 20 मार्च 2020 को आहूत होने वाली विधानसभा की कार्यवाही की कार्यसूची देर रात तक जारी  हुई। इसको लेकर भी राजनीतिक गहमागहमी चलती  रही। विधनसभा के प्रमुख सचिव ने सूची जाती कर दी।
नेता प्रतिपक्ष  भार्गव पहुचे रात में सदन
सूची रात में  जारी नही होने पर नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश की प्रति और अपना पत्र तामील करवाने आधी रात विधानसभा पहुँचे। नेता प्रतिपक्ष श्री भार्गव ने विधानसभा स्थित अध्यक्ष महोदय और प्रमुख सचिव महोदय के कक्ष में पहुंचे जहां माननीय अध्यक्ष जी और प्रमुख सचिव अपने अपने कक्षों में सूचना के बाद भी नहीं मिले जिसके बाद नेता प्रतिपक्ष दोनों के कमरों में उनकी टेबिल पर अपना पत्र और माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश की प्रति छोड़कर आ गए।
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