गेंहू उपार्जन केन्द्र पर गुणवत्ता का ध्यान रखे खरीदी में,प्रदेश के सीमावर्ती जिलों में सतर्कता जरूरी :प्रमुख सचिव
सागर। इस वर्ष अच्छी वर्षा और संभाग में सिंचाई साधानों की वृद्धि के कारण संभाग में गेंहू के उत्पादन में अच्छी वृद्धि होगी। इसे दृष्टिगत रखते हुए सभी कलेक्टर अपने जिलों में समर्थन मूल्य पर गेंहू खरीदी के पर्याप्त व्यवस्थाएं बनाएं। खरीदी के प्रारंभ से ही उपज की गुणवत्ता पर विषेष ध्यान दिया जाए। खरीदी केन्द्रों पर मूलभूत सभी व्यवस्थाएं हों। बारदानों और परिवहन की अग्रिम व्यवस्था सुनिष्चित की जाए। किसानों को समय पर भुगतान प्राप्त हो। उक्त निर्देष खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के प्रमुख सचिव षिवषेखर शुक्ला ने रबी उपार्जन की समीक्षा बैठक में कमिष्नर कार्यालय के सभाकक्ष में शुक्रवार को दिए। इस अवसर पर सागर संभाग कमिष्नर अजय सिंह गंगवार, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के संचालक श्री अविनाष लावनिया, प्रबंधक संचालक श्री अभिजात अग्रवाल संभाग के सभी जिलों के कलेक्टर, जिला पंचायत सीईओ और अन्य संबंधित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
समीक्षा बैठक में 25 मार्च से 22 मई की अवधि में रबी उपार्जन से संबंधित उपार्जन, परिवहन, भण्डारण, भुगतान सहित सभी संबंधित बिन्दुओं की समीक्षा की गई। संभाग के लिए उपार्जन एजेन्सी मध्यप्रदेष स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेषन होगी। इस वर्ष गेंहू का समर्थन मूल्य 1925 रूपये प्रति क्विंटल, चने का समर्थन मूल्य 4875 रूपये प्रति क्विंटल और मसूर का समर्थन मूल्य 4800 रूपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है।
श्री शुक्ला ने समीक्षा करते हुए निर्देष दिए कि सभी कलेक्टर गेंहू उपार्जन केन्द्रों की माॅनीटरिंग करते समय यह विषेष ध्यान रखें कि उपार्जन की गुणवत्ता कैसी है। खराब गुणवत्ता वाली उपार्जन को न खरीदें। उन्होंने कहा कि उत्तरप्रदेष की सीमा से लगे छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, पन्ना के कलेक्टर प्रमुख रूप से यह सतर्कता रखें कि मध्यप्रदेष के बाहर के व्यक्ति प्रदेष में उपार्जन न कर पाएं। उन्होंने कहा गिरदावरी का सत्यापन कर जांच कराएं। उन्होंने कहा ओपन कैप (वेयरहाउस) के बनाते समय उसकी सतत माॅनीटरिंग की जाए और गुणवत्ता के साथ 15 अपै्रल तक पूर्ण किया जाए।
श्री शुक्ला ने निर्देष दिए कि नाफेड को सूचित करें कि वेयरहाउस को समयावधि में रिक्त हो जाएं। उन्होंने सभी वेयर हाउसों का सत्यापन कर उनकी वास्तविक स्थिति का प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के भी निर्देष दिए। समस्त अनाज मण्डियों में व्यवस्थाओं को सुचारू रूप से बनाए रखने के संबंध में आवष्यक दिषा-निर्देष दिए। उन्होंने निर्देष दिए कि किसानों तक प्रचार-प्रसार करके सूचना दी जाए कि आपको प्राप्त एसएमएस प्राप्त होते ही फसल का उपार्जन करना है और यदि कृषक एक एसएमएस पर उपार्जन नहीं कर पाता है तो उसको दो और एसएमएस भेजे जाएंगे।
उपार्जन केंद्र पर होगी भौतिक एवं अन्य सुविधाएं
उपार्जन केंद्र पर भौतिक एवं अन्य सुविधाएँ निर्धारित हाई-स्पीड इंटरनेट कनेक्शन एवं निर्बाध विधुत/जनरेटर सुविधा, इलेक्ट्रानिक उपकरण-कम्प्यूटर, प्रिंटर, डोंगल, स्केनर, न्च्ै, लेपटॉप बैटरी जन-सुविधाएं-दरियां, टेबल, कुर्सी, पेयजल, शौचालय, छाया, बिजली आदि, (केलिब्रेटेड), छन्ना 4ग्6 फीट का पंखें, परखी, सूचना पटल, उपार्जन बैनर, तथा भुगतान एवं टोल फ्री नंबर का प्रदर्शन-सामान्य जानकारी, एफएक्यू गुणवत्ता का मापदण्ड सुरक्षा सुविधाएं-तिरपाल, कवर, अग्निशमन, यंत्र, रेत, बाल्टियां, चिकित्सा सुविधाएं आदि, निर्धारित संख्या में केलिबेटेड इलेक्ट्रानिक तौलकांटे वे-ब्रिज (धर्मकांटा) परखी, इनेमल प्लेट, प्लास्टिक की सेम्पल थैलियाँ, कपड़े की थैलियां, चपडा, मोमबत्ती, माचिस, एजेंसी की पीतल की सील उपलब्ध रखें।
उपार्जन प्रारंभ होने के पूर्व निर्देषों का पालन हो
श्री शुक्ला ने संभाग के समस्त कलेक्टर्स को निर्देष दिए कि उपार्जन प्रारंभ होने के पूर्व केन्द्रों का निर्धारण, राज्य शासन उपार्जन योजना का जिला एवं एवं संबंधित उपार्जन क्षेत्रों में प्रचार-प्रसार, शून्य परिवहन व्यय दृष्टिकोण से अधिकतम गोदाम, कैप स्तरीय खरीदी केन्द्रों का निर्धारण प्राथमिकता पर कराना।
उपार्जन के उपरांत किसानों के भुगतान की समीक्षा, उपार्जित किये गये समस्त स्कंध के परिवहन गये समस्त स्कंध के परिवहन की पूर्णता की समीक्षा, उपार्जित किये गये समस्त स्कंध के सुरक्षित भण्डारण की समीक्षा, समितियों के अंकेक्षित देयक प्रस्तुति एवं भुगतान का परिवहनकर्ताओं के देयकों के भुगतान की समीक्षा 60 दिवस के अंदर करने के निर्देष दिए गए।
रबी विपणन वर्ष 2020- 21 में नवीन प्रावधान
रबी विपणन वर्ष 2020-21 में यदि किसी केन्द्र पर अधिकांश कृषकों द्वारा विक्रय पूर्ण कर लिया गया है तो संचालक खाद्य द्वारा निर्धारित म्गपज च्तवजवबंस के अनुरूप उपार्जन कार्य दो सप्ताह बाद स्थगित किया जा सकेगा। रबी विपणन वर्ष 2020-21 में स्टाफ की कमी को दृष्टिगत रखते अतिरिक्त स्टाफ नियोजित करने हेतु प्रावधान, प्रयास। उपार्जन केन्द्र पर किसान उपज की गुणवत्ता जांच सर्वेअर एप के माध्यम से, स्वीकृति पत्रक जारी करने हेतु मोबाइल एप का प्रावधान किया जा रहा है। गोदाम पर भण्डारण हेतु ट्रक उतारने हेतु मोबाइल एप का प्रावधान किया जा रहा है। जिन केन्द्रों पर गत वर्ष अधिक नान एफएक्यू की शिकायतें प्राप्त हुई है उन केन्द्रों पर केन्द्र प्रभारी गुणवत्ता पर्यवेक्षक नही होगा तथा उपार्जन संस्था द्वारा अतिरिक्त सर्वेअर पदस्थ किया जायेगा।