सिंधिया परिवार के राजनीतिक निर्णयों का आंख मीचकर मानने वाला है राजस्व मन्त्री गोविन्द राजपूत का परिवार

सिंधिया परिवार के राजनीतिक निर्णयों का आंख मीचकर मानने वाला है राजस्व मन्त्री गोविन्द राजपूत का परिवार

सागर। राजनीति में सिंधिया परिवार को राजनीतिक रसूखदारो में  आंका जाता है ।  जिसमे दांवपेंच की  झलक दिखती है ।एमपी में सत्ता पलटने की कहानी के मुख्य जयोतिरादित्य सिंधिया अब भाजपा के प्रमुख नेताओं में शुमार हो गए।सिंधिया परिवार के  तेवरों से खासतौर से बगावती कहानी एमपी में हमेशा धमाकेदार दिखी । सिंधिया परिवार के राजनेतिक निर्णयों का आंख मीचकर पालन करने वालो की  एक तस्वीर एमपी के सागर में भी दिखती है । ये है बुंदलखण्ड अंचल के कद्दावर नेता गोविन्द राजपूत की । सिंधिया परिवार के राजनीतिक फैसलों को स्वीकारना और पार्टी को छोड़ना। 
एक और समानता है कि दोनों परिवारों को काँग्रेस से सब कुछ मिला। सिंधिया घराने की दूसरी राजनीतिक पीढ़ी यानी स्व श्री मंत माधव राव  सिंधिया के साथ जुड़े युवा नेता गोविन्द राजपूत का भी इतिहास बगावत के साथ जुड़ गया है ।  1996 में जब स्व माधव राव  सिंधिया  ने कांग्रेस से नाता तोड़कर विकास काँग्रेस का गठन किया था। उस समय सबसे पहले गोविन्द राजपूत ने पार्टी छोड़कर सिंधिया का दामन पकड़ा था। उनकी पार्टी में वापसी हुई सो राजपूत भी साथ थे । इसके बाद युवक काँग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर सर्वाधिक 5 साल निकाले ।  
पिता का साथ साथ देते देते ज्योतिरादित्य सिंधिया केम्प के अहम बने। अब ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपनी उपेक्षा के चलते  काँग्रेस से नाता तोड़ा का तो राजस्व मंत्री श्री राजपूत भी इस कदम में साथ हो लिए। यह सिलसिला राजपूत के परिवार में भी चला। पिछले दस साल से सागर के  जिला अध्यक्ष पड़ पर  काबिज  हीरा सिंह ने और सुरखी विधानसभा क्षेत्र के युवक कांग्रेस के अध्यक्ष अरविंद राजपूत टिंकू राजा ने भी काँग्रेस का दामन त्याग दिया। हीरा सिंह परिवहन मन्त्री गोविन्द राजपूत के बड़े भाई और टिंकू राजा भतीजे है।
खूब मिला कांग्रेस से, खूब काम किया कांग्रेस के लिए

राजनीतिक समृद्धता राजपूत परिवार को खूब मिली। सिंन्धिया के दामन पकड़ते ही गोविन्द राजपूत को एमपी युवक कांग्रेस की कमान मिली।पाँच साल से अधिक प्रदेशाध्यक्ष बने रहना का रिकार्ड है। अध्यक्ष रहते सुरखी विधानसभा से टिकिट मिला। गोविन्द राजपूत को पांच दफा विधानसभा का टिकिट मिला। तीन दफा जीते। संगठन में कई पदों पर रहे और 2014 का सागर लोकसभा का टिकिट भी मिला। परन्तु हार गए। कमलनाथ सरकार में परिवहन और राजस्व जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालय मिले। श्री राजपूत की पत्नी श्री मति सविता गोविन्द सिंह राहतगढ़ जनपद और सागर जिला पंचायत की अध्यक्ष रही।
जी जान से भी लगे रहे कोई दूसरा खड़ा नही हुआ 15 साल:हीरा सिंह राजपूत

जब कांग्रेस से इतना सब कुछ मिलातो फिर क्यो छोड़ी पार्टी ? यह सवाल तीनबत्ती न्यूज़. कॉम
पूछा तो जिलाध्यक्ष हीरा सिंह राजपूत का कहना था कि पार्टी ने दिया इसमे दो मत नही है।होटल से लेकर जमीन जायदाद तक सब कुछ लेकर 15 साल काँग्रेस के लिए खड़ा रहा । उस समय कोई दूसरा आगे नही आया। सरकार बनी तो जिले के कार्यकर्ताओं के काम नही हो रहे । यदि अभी यह निर्णय नही लेते तो तान साल बाद हालत और खराब हो जाते।
जिला अध्यक्ष दो दशकों से राजपूत परिवार में 
राजपूत परिवार हमेशा पावर में रह है। भले ही सरकार किसी दल की रहे। गोविन्द के दोनो बड़े भाई गुलाब सिंह राज पूत लंबे समय तक जिला अध्यक्ष रहे । कुछ अंतराल बाद इस पद पर हीरासिंह विराजे। पिछले दस साल से हीरा सिंह ही सम्भाल रहे है। अब इस्तीफा  दिया। 
इनके भतीजे अरविंद राजपूत भी युवक कांग्रेस के सुरखी के अध्यक्ष है । उन्होंने भी पार्टी का साथ छोड़ दिया।

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घर मे शादी थी इसलिए हाई कमान ने दी भाजपा विधायक शेलेन्द्र जैन को छुट्टी

घर मे शादी थी इसलिएहाईकमान ने दी  भाजपा विधायक शेलेन्द्र जैन को छुट्टी  
सागर।राजनेतिक घमासान में एमपी में विधायकों की हालत खराब है । दोनो दलों ने अपने अपने विधायको को शिफ्ट कर दिया है । यदि कोई काम हो तो आना मुश्किल है । ऐसे में 
सागर से तीन बार के विधायक शेलेन्द्र जैन को बड़ी मुश्किलों में घर आने को  मिला। वह भी एक दिन की छुट्टी मिली घर मे शादी समारोह के कारण। गुरुग्राम से सागर आये और परिजनों और पार्टीजनों से मिले। 
भाजपा के सागर विधायक शैलेन्द्र जैन ने कहा की कांग्रेस सरकार ने जो वादे किए उन्हें पूरा न कर पाने का ही परिणाम है कि यह सरकार अल्पमत में आ गई है।उन्होंने कहा, यह सरकार तो अस्थिर होनी ही थी। इनको सरकार में रहने का कोई अधिकार नही है। फ्लोर टेस्ट कराने पर यह सरकार गिर जाएगी। यह सरकार ट्रांसपर किये जा रही है इनकी हवस आखिर तक जाने का नाम नही ले रही है। परिवार में शादी समारोह में आने की हाईकमान से छुट्टी मांगी थी, शादी में शामिल होकर वापिस चला जाऊंगा। इस मौके पर जगन्नाथ गुरैया,श्रीकांत जैन,प्रासुक जैन आदि ने स्वागत किया।
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पद्माकर के स्मरण के साथ साहित्यकारों ने मनाई होली

पद्माकर के स्मरण के साथ साहित्यकारों ने मनाई होली
 सागर। सागर के साहित्यकारों ने अपनी परंपरागत होली महाकवि पद्माकर को गुलाल लगाकर प्रारंभ की। उल्लेखनीय है  कि विगत 45-46 वर्षों से नगर के साहित्यकार  चकराघाट स्थित पद्माकर की मूर्ति को स्नान करा कर सम्मान सहित गुलाल लगाते हैं। इसके बाद परस्पर होली खेलते हैं। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि हिंदी के विद्वान प्रोफेसर सुरेश आचार्य के सान्निध्य में कार्यक्रम प्रारंभ हुआ। पद्माकर जी के संदर्भ में डॉ.आचार्य ने चर्चा करते हुए कहा कि पद्माकर जी का इस अवसर पर स्नान किया जाना अद्भुत है। इस अवसर पर कार्यक्रम संचालक वरिष्ठ साहित्यकार मणिकांत चौबे ने कहा कि बुंदेलखंड की परंपरा है उसके अतीत को अपने अतीत को संजोकर रखना।प्राचीन इतिहास के विद्वान डॉ. रजनीश जैन पद्माकर जी के अछूते छंदों को‌ प्रस्तुत कर चमत्कृत कर दिया।श्यामलम् अध्यक्ष उमाकांत मिश्र ने इस कार्यक्रम को ऐतिहासिक बताया। बुंदेलखंड साहित्य संस्कृति विकास मंच के अध्यक्ष डॉ. सीताराम श्रीवास्तव, होली उत्सव के सहसंयोजक पूरन सिंह राजपूत ने इस कार्यक्रम को विशेष मानते हुए नई पीढ़ी के लिए संदेश बताया। बुंदेलखंड हिंदी साहित्य संस्कृति मंच के प्रदेश अध्यक्ष के.के.बख्शी,सरस्वती नाट्य मंच के राजेंद्र दुबे,प्रलेस के टी.आर. त्रिपाठी,लेखक संघ के वृंदावन राय,देवकीनंदन रावत, दिनेश साहू, शिव रतन यादव ने कविताओं की अपनी प्रस्तुति दी। बड़ी संख्या में इस कार्यक्रम में लोग उपस्थित थे जिनमें पद्माकर समिति के मधुसूदन सिलाकारी, विजय चौबे,संतोष सिलाकारी,रानू ठाकुर, अमित चौबे,शरद जैन गुड्डू,शिखरचंद शिखर, आशीष निशंक, ऋषभ जैन, राजेश नामदेव आदि प्रमुख थे।

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होली पर रंगारंग विराट कवि सम्मेलन का आयोजन

होली पर रंगारंग विराट कवि सम्मेलन का आयोजन
सागर। बुंदेलखंड हिंदी साहित्य संस्कृति विकास मंच के बैनर तले रंग उत्सव पर पर आयोजित होने वाला विराट कवि सम्मेलन वरिष्ठ साहित्यकार निर्मल चंद निर्मल व जे.पी.पांडे की संयुक्त अध्यक्षता में रात 7:30 बजे बारिश की हल्की फुहारों के बीच संपन्न हुआ। जिसके मुख्य अतिथि पूर्व विधायक सुनील जैन, वरिष्ठ समाजसेवी नरेश चंद विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। वहीं डॉ. सुरेश आचार्य ने भी अपनी गरिमामय उपस्थिति दी। कार्यक्रम के पूर्व मंचासीन एवं गणमान्य जनों का संयोजक मणिकांत चौबे एवं पूरन सिंह राजपूत ने टोपा पहनाकर सत्कार किया।लगभग 40 कवियों ने अपनी रंगारंग प्रस्तुति दी। इस अवसर पर संयोजक बेलिहाज चौबे ने कहा कि यह एक परंपरा है जो नई पीढ़ी को सौंपने का और सीखने का मौका देने का प्रयास है।निर्मल चंद निर्मल ने कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए उसकी निरंतरता की कामना की। सुनील जैन ने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों की निरंतरता बनी रहनी चाहिए।प्रो.सुरेश आचार्य ने अपनी शुभकामनाएं प्रेषित कीं। शानदार और जानदार हास्य व्यंग की रचनाओं के साथ पूरन सिंह राजपूत और राधा कृष्ण व्यास के संचालन में सत्कार के साथ हास्य व्यंग की बौछार पढ़ती रही।उभरते हुए दो नए कवि अभिषेक और अरिहंत ने ओज की कविताएं पढीं जिन्हें सराहा गया। सुपरिचित‌ शायर अशोक मिजाज, वृंदावन सरल ने जहां होली पर गजलें पढ़ीं वहीं राधा कृष्ण व्यास, अशोक तिवारी, मुकेश तिवारी,देवकीनंदन रावत,नरेंद्र जैन बिट्टी, दिनेश साहू ने हिंदी बुंदेली के व्यंग प्रस्तुत किए। आयोजक संस्था की ओर से उमा कान्त मिश्र एवं पत्रकार राजेश शास्त्री का सम्मान भी किया गया।शिवरतन यादव ने मधुर फागें सुनाईं। अबरार अहमद ने एकता भाईचारे पर मुक्तक सुनाए। डॉ. अरविंद गोस्वामी,के.एल.तिवारी अलबेला,राजू चौबे,पी.आर.मलैया, टीकाराम त्रिपाठी ,एम.शरीफ,पुष्पदंत हितकर ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत कीं।आर. के.तिवारी ने स्वागत कार्यक्रम में उत्साह पूर्वक भागीदारी की।इंजीनियर अशोक तिवारी ने व्यंग्य सुनाए। कार्यक्रम को सफल बनाने में चंद्रकांत चौबे,अमित चौबे,शरद जैन गुड्डू, राजेश नामदेव, मुकेश सोनी आदि का विशेष सहयोग रहा।आभार कपिल बैसाखिया एवं सीताराम श्रीवास्तव ने व्यक्त किया।
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कांग्रेस जिलाध्यक्ष राजपूत ने छोड़ी पार्टी,उधर सिंधिया के निष्कासन की कार्यवाही का किया स्वागत कांग्रेसजनों ने

कांग्रेस जिलाध्यक्ष राजपूत ने छोड़ी पार्टी,उधर सिंधिया के निष्कासन की कार्यवाही का किया स्वागत कांग्रेसजनों ने

सागर। एमपी में राजनीतिक घमासान का असर सागर जिले में देखने मिला रहा है ।सिंधिया के प्रमुख समर्थकों में से एक परिवहन मन्त्री गोविन्द राजपूत का यह गृह जिला सागर हैं। सिंधिया के भाजपा में शामिल होने के बाद सागर काँग्रेस के जिला अध्यक्ष हीरा सिंह राजपूत ने पद से इस्तीफा दे दिया। दूसरी तरफ काँग्रेस के एक धड़े ने सिंधिया के निष्कासन की कार्यवाही का समर्थन करते हुए नारेबाजी की। 
ज्योतिरादित्य सिंधिया के 12 मॉर्च के प्रस्तावित कार्यक्रम में कांग्रेसियों परनज़र रखी जा रही है ।

परिवहन मंत्री के बड़े भाई और जिलाध्यक्ष हीरा सिंह का इस्तीफा,बोले  कामकाज को लेकर हुई उपेक्षा

सिंधिया समर्थक परिवहन मन्त्री गोविन्द राजपूत के बड़े भाई हीरासिंह राजपूत ने कांग्रेस छोड़ दी है।  उन्होंने कहा कि मंत्रियो से लेकर कार्यकर्ताओं तक कि सुनवाई नही हो रही थी  कमलनाथ सरकार में । इस कारण असंतोष उपजाा है। हम   सिंधिया जी के साथ है और रहेंगे। उन्होंने कहा कि जिस मंत्री को जो काम मिला उनको फुल पावर तक नही थे । वही संगठन भी कमजोर हो गया था। उन्हीने कहा कि सिंधिया जी की लगातार उपेक्षा की जा रही थी। इसलिए यह कदम उठाया ।  भाजपा में जाने के सवाल पर कहा कि अभी देखते जाए। आने वाले समय मे सामूहिक इस्तीफे होंगे और पार्टी से जुड़ेंगे।  जब उनसे पूछा गया कि  गोविन्द राजपूत और उनके परिवार को कांग्रेस से सब कुछ मिला है फिर क्यो छोड़ी तो इस सवाल पर हीरा  सिंह ने कहा हमने  भी जी जान से पार्टी के लिए काम किया।
सिंधिया के निष्कासन का स्वागत

राजनीतिक घटनाकर्मो के बीच  सरस्वती वाचनालय में हुई बैठक में बड़ी संख्या में उपस्थित कांग्रेसजनों ने मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार को भा जा पा के इशारे पर गिराने का षडयंत्र रचने की साजिश की निंदा करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी राहुल गांधी मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ जी पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह जी, कांग्रेस पार्टी के हाथ मजबूत करने का प्रस्ताव पारित किया। बैठक की अध्यक्षता कांग्रेस नेता अब्दुल रफीक गनी ने की। जिला कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष सुरेंद्र सुहाने ने कहा ज्योतिराज सिंधिया ने सांप्रदायिक शक्तियों से हाथ मिला कर कांग्रेस की पीठ में छुरा भोंकने का कार्य किया है जिसे जनता कभी माफ नहीं करेगी उन्होंने कहा कि कांग्रेस छोड़कर जाने वाली लोगों का सामाजिक एवं राजनीतिक बहिष्कार किया जावे, विधानसभा में कांग्रेस के प्रत्याशी रहे नेवी जैन ने कहा कि पार्टी के लिए धोखा देकर व्यक्तिगत लाभ के लिए सांप्रदायिक शक्तियों से हाथ मिलाने को जनता कभी माफ नहीं करेगी। जिला महासचिव मुकुल पुरोहित ने कहा ऐसे लोगों की निंदा करता हूं जो लोग पार्टी से पद और प्रतिष्ठा प्राप्त करके आज ऊंचे मुकाम पर पहुंचे हैं उनके धोखेबाज व्यवहार से पार्टी और सरकार संकट में आई है ऐसे धोखे बाजो को आने आने वाले चुनाव में  हार का सबक  सिखाना होगा।बैठक का संचालन करते हुए जिला महामंत्री राम कुमार पचौरी ने सरकार को अस्थिर करने और वर्षों से कांग्रेस पार्टी पर काबिज गोविंद सिंह राजपूत एवं जिला अध्यक्ष हीरा सिंह राजपूत के इस कृत्य की तुलना विभीषण से करते हुए कहा इनके फैसले पर कड़ा प्रहार किया जिला महामंत्री जितेंद्र रोहण ने अपने उद्बोधन में कहा कांग्रेस कार्यकर्ताओं के दम पर पार्टी में ऊंची मकान पर पहुंचे गोविन्द राजपूत और हीरासिंह राजपूतने क्षेत्र के मतदाताओं व कार्यकर्ताओं के साथ धोखा और विश्वासघात किया है प्रदेश सचिव अमित राम जी दुबे ने कांग्रेस हाईकमान द्वारा पूर्व मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के इतिहास की चर्चा करते हुए कहा कि उन्होंने अपने अपने लाभ के लिए देश को दांव पर लगाया है।  बैठक को संबोधित करने वालों में  सुकदेव प्रसाद तिवारी कांग्रेस सेवादल अध्यक्ष सिंटू कटारे रेल सुधार समिति अध्यक्ष रवि सोनी लीलाधर सूर्यवंशी मनोज पवार विमल जैन ओमप्रकाश पंडा रुपेश जड़िया आदि ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कांग्रेस हाईकमान के निर्णय का समर्थन एवं पार्टी कमजोर करने वालों की निंदा की ।अंत में बैठक के अध्यक्ष अब्दुल रफीक गनी ने प्रस्ताव रखते हुए कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी राहुल गांधी मुख्यमंत्री कमलनाथ पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के प्रति कांग्रेसजनों का पूर्ण समर्थन का प्रस्ताव पारित किया आभार व्यक्त करते हुए जिला कार्यकारी अध्यक्ष अखिलेश मोनी केसरवानी ने कहा की पार्टी छोड़ने वालों ने अपनी विश्वसनीयता खो दी है ऐसे गद्दारों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाने के लिए वरिष्ठ जनों का आभार माना। 
ये रहे मौजूद
इस मौके पर  जिला कार्यकारी अध्यक्ष दीपक दुबे राजकुमार कोरी पप्पू गुप्ता पूर्व पार्षद रवि यादव सुल्तान कुरेशी राजेश उपाध्याय मुकेश खटीक नरेश चौबे बिल्ली रजक प्रदीप पांडे कमल केसरवानी राजू विश्वकर्मा राजेश यादव अनवर कुरेशी प्रीतम यादव प्रमोद शर्मा साजिद राइन, आदिल राइन सहित अनेक लोग उपस्थित रहे । इसके बाद तीनबत्ती पर जमकर नारेबाजी की।

सिंधिया के स्वागत में भोपाल नहीं जाएगा कोई भी कांग्रेस नेता या कार्यकर्ता

जिला कांग्रेस अध्यक्ष रेखा चौधरी ने कहा है कि अवसरवादी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में जाने के बावजूद सागर की पूरी कांग्रेस प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ जी के नेतृत्व में एकजुट है। सिंधिया के भोपाल आगमन पर यहां का कोई भी कांग्रेस नेता या कार्यकर्ता उनके स्वागत में नहीं जाएगा। ऐसे किसी भी नेता या कार्यकर्ता की जानकारी मिलने पर उसे तत्काल पार्टी से निष्कासित किया जाएगा।।उन्होंने कहा कि सागर के सभी कांग्रेसजन राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी जी और प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ जी के नेतृत्व में एकजुट हैं तथा सिंधिया के भाजपा में जाने से पार्टी या सरकार पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। ऐसे में उन्होंने कांग्रेसजनों से कहा है कि सिंधिया समर्थकों द्वारा कांग्रेस पार्टी के खिलाफ की जाने वाली किसी भी गतिविधि की जानकारी उन्हें तत्काल उपलब्ध कराएं ताकि उन पर सम्बन्धित कार्यवाही की जा सके।
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प्रशासनिक तबादले, पांच कलेक्टर बदले गए,अजय गंगवार होंगे सागर सम्भाग के कमिश्नर

प्रशासनिक तबादले, पांच कलेक्टर बदले गए,अजय गंगवार होंगे सागर सम्भाग के कमिश्नर

भोपाल। एमपी में चल रहे राजनीतिक घमासान के बीच प्रसासनिक अधिकारियों के ट्रांसफर किये गए है । नीमच कलेक्टर अजय गंगवार को सागर सम्भानग का कमिश्नर बनाया गया है। 
श्री जितेन्द्र सिंह राजे (सिक्किम-2007), 
कार्यपालक संचालक,
पर्यावरण नियोजन एवं समन्वय संगठन
(एप्को) तथा उप सचिव, मध्यप्रदेश शासन,
योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग एवं
सहायक सलाहकार राज्य योजना आयोग
(अतिरिक्त प्रभार)  को कलेक्टर नीमच
श्री एस. विश्वनाथन (2008).कलेक्टर, जिला हरदा को  कलेक्टर, जिला गुना ,श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह (2010),कलेक्टर, जिला विदिशा को कलेक्टर, जिला ग्वालियर ,श्री अनुराग चौधरी (2010). कलेक्टर, जिला ग्वालियर को
उप सचिव, मध्यप्रदेश शासन ,श्री भास्कर लक्षकार (2010), कलेक्टर जिला गुना को उप सचिव, मध्यप्रदेश शासन ,डॉ. पंकज जैन (2012), संचालक, सूक्ष्म, लघ एवं मध्यम उद्यम
तथा प्रबंध संचालक, मध्यप्रदेश लघुउद्योग निगम, भोपाल को कलेक्टर, जिला विदिशा
श्री अनुराग वर्मा (2012). उप सचिव, मध्यप्रदेश शासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को कलेक्टर, जिला हरदा बनाया गया है।
sdm के ट्रांसफर
सुश्री जयति सिंह, (2016) ,अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व), मुरार, जिला ग्वालियर को 
अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व),डबरा, जिला ग्वालियर सुश्री अंकिता धाकरे (2017).
अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व),सबलगढ़, जिला मुरैना को अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व), राहतगढ़, जिला सागर बनाया गया है ।


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सिंधिया को साइडलाइन करने की बात गलत:दिग्विजय सिंह

सिंधिया को साइडलाइन करने की बात गलत:दिग्विजय सिंह

एबीपी न्यूज़
नई दिल्ली: मध्य प्रदेश में सियासी संकट के बीच कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह का बड़ा बयान सामने आया है. दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को साइडलाइन करने की बात गलत है. ग्वालियर चंबल इलाके में उनसे बिना पूछे पार्टी कोई फैसला नहीं लेती थी. पिछले 16 महीने में उनसे राय ली जाती रही है.
दिग्विजय ने ट्विटर पर लिखा, ''कोई सवाल ही नहीं है, वह बिल्कुल भी साइडलाइन नहीं थे. कृपया ग्वालियर चंबल संभाग के किसी भी कांग्रेस नेता से पूछें और आपको पता चलेगा कि पिछले 16 महीनों में उनकी सहमति के बिना इस क्षेत्र में कुछ भी नहीं हुआ है. लेकिन मैं उन्हें मोदी-शाह के साथ जाने पर शुभकामनाएं देता हूं.''
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सत्ता का अंक गणित :बचेगी सरकार या जाएगी

सत्ता का अंक गणित :बचेगी सरकार या जाएगी

पात्रिका
नई दिल्ली। ज्योतिरादित्य सिंधिया ( Jyotiraditya Scinidia ) के कांग्रेस से इस्तीफे के साथ ही मध्य प्रदेश ( Madhya Pradesh ) में कांग्रेस की कमलनाथ ( Kamal Nath Government ) सरकार पर खतरा मंडराने लगा है। ज्योतिरादित्य और उनके गुट वाले 22 विधायकों ने एक साथ राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया।
इसके बाद से ये सवाल खड़े होने लगे हैं कि आखिर कैसे बचेगी कमलनाथ की सरकार? सियासी गलियों में ये चर्चाएं शुरू हो चुकी है कि कमलनाथ सरकार जाएगी या बचेगी? क्योंकि विधायकों के इस्तीफे का बाद विधानसभा में सदस्यों की संख्या का अंक गणित बदल गया है।
विधानसभा में सदस्यों का अंक गणित
भाजपा का दावा है कि कांग्रेस के पास समर्थन नहीं है। ऐसे में क्या कांग्रेस के पास सरकार चलाने के लिए पर्याप्त संख्या बल है? आइए जानते हैं कि विधानसभा का पूरा अंक गणित..
आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में विधानसभा की 230 सीटें हैं। मौजूदा समय में कांग्रेस के पास 114 विधायक हैं, जबकि भाजपा के पास 107 विधायक हैं। इसके अलावा 4 निर्दलीय, बसपा के दो और सपा के एक विधायक हैं। इसके अलावा दो विधायकों के निधन के बाद से ये सीटें खाली हैं।
अभी के सत्र में विधानसभा में सदस्यों की संख्या 228 है। कांग्रेस की कमलनाथ सरकार के पास 121 विधायकों (कांग्रेस के 114 और अन्य सात) का समर्थन है। अब जब ज्योतिरादित्य सिंधिया के गुट वाले 22 विधायकों के इस्तीफे के बाद से विधानसभा का अंक गणित बदल गया है। इसके अलावा सपा और बसपा के एक-एक विधायकों ने भी कांग्रेस से अपना समर्थन वापस लेने की बात कही है।
ऐसे में अब विधायकों के इस्तीफे के बाद से विधानसभा में सदस्यों की संख्या 206 (228-22= 206) रह गई। लिहाजा बहुमत के लिए 104 सदस्यों के समर्थन की जरूरत होगी। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि क्या कमलनाथ ये आंकड़ा हासिल कर पाते हैं या नहीं? क्योंकि कांग्रेस के पास अब केवल 97 (114-22= 92 और 7-2= 5, टोटल- 92+5= 97) सदस्यों का समर्थन बचा है।

कौन कितना मजबूत?
अब मध्य प्रदेश से लेकर देशभर में ये चर्चाएं शुरू हो गई है कि कौन कितना मजबूत है। यानी कि किसके पास पर्याप्त संख्या बल है। क्या कमलनाथ सरकार बचा पाएंगे या भाजपा सरकार बनाने में कामयाब रहेगी?

विधानसभा में नंबरों के आधार पर देखें कांग्रेस के पास 99 सदस्यों के समर्थन का आंकड़ा दिखाई पड़ रहा है। कांग्रेस के पास अब केवल 97 (114-22= 92 और 7-2= 5, टोटल- 92+5= 97 ) सदस्यों का समर्थन हासिल है।

दूसरी तरफ भाजपा की बात करें तो ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में शामिल होने से संख्या बल में मजबूती आएगी। यानी कि भाजपा के पास अभी 107 विधायक हैं और सपा व बसपा के एक-एक विधायकों के समर्थन को जोड़ दें तो 109 का आंकड़ा हो जाता है। जबकि सरकार बनाने के लिए 104 की जरूरत है।

लिहाजा कांग्रेसी विधायकों के इस्तीफे के बाद अंक गणित के हिसाब से कांग्रेस जहां कमजोर नजर आ रही है, वहीं भाजपा का दावा मजबूत दिखाई दे रहा है। फिलहाल इन सभी अटकलों का जवाब विधानसभा के अंदर ही मिलेगा, जब फ्लोर टेस्ट होगा।
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