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झोपड़ी में आग लगने से मासूम भाई बहिन की मौत ,त्योहार पर मातम

झोपड़ी में आग लगने से मासूम भाई बहिन की मौत ,त्योहार पर मातम

@ मनोज वाधवानी

सागर। सागर जिले के खुरई देहात थाने के सिलोधा गांव के पास खेत मे बनी एक मजदूर की झोपड़ी में आग लग गई जिसमें दो मासूम भाई बहिन की दर्दनाक मौत हो गयी। होली के त्योहार पर पूरे क्षेत्र में मातम फेल गया। 
सागर  मार्ग के सिलोधा गांव के पास स्थित एक खेत मे कई मजदूरों के झोपड़े बने हुए थे। झोपड़ों के बाहर इन मजदूरों का खाना बनाया जाता था। शायद इन्ही चूल्हों की चिंगारी से झोपड़ी में आग लग जाने का अंदेशा जताया जा रहा है। घटना के समय झोपड़े के सभी मजबूर दूसरे खेतों में काम कर रहे थे। जब तक यह लोग घटना स्थल पर पहुँचे तब तक झोपड़ी में सो रहे 3 वर्षीय सखीना कोल व 4 वर्षीय धर्मेन्द्र कोल दोनों निवासी मिडरा थाना बड़वारा जिला कटनी की दर्दनाक मौत हो गयी। इन मासूमों की मौत के बाद एक ओर बड़ी घटना होने से टल गई इसी खेत मे बने अन्य झोपड़ियों में एक दर्जन बच्चे सो रहे थे। यदि आग फैल जाती तो एक बड़ी घटना हो सकती थी। घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर डॉयल 100 व देहात थाना प्रभारी रोहित मिश्रा अपने बल के साथ पहुँचे। दोनों मासूम बच्चों का सिविल अस्पताल में पीएम किया गया। थाना प्रभारी रोहित मिश्रा के अनुसार जब मजदूर खेत पर गए थे उस समय हादसा हुआ।

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भीषण सड़क हादसा ,बाइक को अज्ञात वाहन ने मारी टक्कर तीन युवकों की मौत

भीषण सड़क हादसा ,बाइक को अज्ञात वाहन ने मारी टक्कर तीन युवकों की मौत

सागर। सागर जिले के  जैसीनगर सड़क मार्ग पर  बीती रात्रि में एक सड़क हादसे में  बाइक सवार तीन युवकों की मौत हो गई । तीनो मजदूरी करके गांव वापिस लौट रहे थे । बताया जाता है कि ट्रक से टक्कर हुई है । जैसीनगर पुलिस मामले की जांच कर रही है ।
जैसीनगर थाना प्रभारी महेंद्र सिंह  ने बताया कि  बीती देर रात्रि में बाइक पर तीन युवक  देवरी से अपने  गांव घूघर लौट रहे थे । हिननोद गांव के पास अज्ञात वाहन से बाइक से टक्कर हो गई। जिनकी मौके पर ही मौत हो गई। घटना की खबर लगते ही 108 एम्बुलेंस और पुलिस पहुची । जिनको जिला अस्पताल  लाया गया। मोके से वाहन चालक वाहन लेकर भाग निकला। पुलिस ने मामला कायम कर विवेचना में ले लिया है । मामले की जांच कर रही है ।
मृतको में विंनोद पितां नेतराम पटेल उम्र 25, अजय पितां जगदीश पटेल 21 साल और गोविन्द पितां मुन्ना लाल पटेल उम्र 24 साल हैं। जिनका पोस्टमार्टम कराया जा रहा है । उधर इस  हादसे की खबर लगते ही घूघर  ग्राम में मातम पसरा हुआ है ।
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होली: जाने कब है मुहूर्त, क्या करे उपाय

होली: जाने कब है  मुहूर्त, क्या करे उपाय

इस साल 9 मार्च 2020 को होलिका दहन और 10 मार्च 2020 को रंगों का त्योहार मनाया जाएगा। नौ मार्च को होलिका दहन का शुभ मुहूर्त प्रदोष काल से मध्यरात्रि से कुछ समय पूर्व तक है। प्रदोष काल सूर्यास्त 6:42 बजे से लेकर निशामुख रात्रि 11 बजकर 26 मिनट तक है। होलिका दहन के दिन सुबह 6:08 मिनट से लेकर दोपहर 12:32 बजे तक भद्रा है। भद्रा को विघ्नकारक माना गया है। 
राशियों के अनुसार होलिका में डालें आहुति
*मेष और वृश्चिक राशि के लोग गुड़ की आहुति दें।
*वृष राशि वाले होलिका में चीनी की 
*मिथुन और कन्या राशि के लोग कपूर की 
*कर्क के लोग लोहबान की 
*सिंह राशि के लोग गुड़ की 
*तुला राशि वाले कपूर की 
*धनु और मीन के लोग जौ और चना की 
*मकर व कुंभ वाले तिल कr होलिका दहन में आहुति दें। 

होलिका दहन: पूजा की विधि
होलिका दहन से पहले विधि विधान के साथ होलिका की पूजा करें। इस दौरान होलिका के सामने पूर्व या उतर दिशा की ओर मुख करके पूजा करने का विधान है। पहले होलिका को आचमन से जल लेकर सांकेतिक रूप से स्नान के लिए जल अर्पण करें। इसके पश्चात कच्चे सूत को होलिका के चारों और तीन या सात परिक्रमा करते हुए लपेटना है। सूत के माध्यम से उन्हें वस्त्र अर्पण किये जाते हैं। फिर रोली, अक्षत, फूल, फूल माला, धूप, दीप, नैवेद्य अर्पित करें। पूजन के बाद लोटे में जल लेकर उसमें पुष्प, अक्षत, सुगन्ध मिला कर अघ् र्य दें। इस दौरान नई फसल के कुछ अंश जैसे पके चने और गेंहूं, जौं की बालियां भी होलिका को अर्पण करने का विधान है।

नकारात्मक शक्तियों के प्रभाव से बचने को होलिका दहन करें
पुराणों और शास्त्रों में चार सिद्ध रात्रि में से होलिका दहन वाली रात को भी सिद्ध रात्रि माना गया है। नकारात्मक शक्तियों के प्रभाव से बचने के लिए होलिका दहन को सबसे अच्छा माना जाता है। इस दिन किए गए प्रयोग से मनचाहा फल मिलता है। नवग्रह जनित पीड़ा से निवारण के लिए अपनी राशि के अनुसार होलिका दहन में लकड़ी जरूर अर्पित करनी चाहिए। फिर होलिका के सात फेरे लगाना चाहिए ।
★मेष और वृश्चिक राशि के लोग होलिका दहन के समय खैर की लकड़ी
★वृष और तुला राशि वाले होलिका दहन वाले दिन गूलर की लकड़ी
★मिथुन और कन्या राशि के लोगों के लिए अपामार्ग की लकड़ी
★धनु और मीन राशि के लोगों के लिए पीपल की लकड़ी होलिका में डालें
★फिर राशि के अनुसार होलिका में द्रव्यों की आहुति डालें ।
होलिका। ऐसे करें अपनी मुश्किलों को कम

★शरीर की उबटन को होलिका में जलाने से नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं।
★सफलता प्राप्ति को होलिका दहन स्थल पर नारियल, पान तथा सुपारी भेंट करें।
★गृह क्लेश से निजात पाने और सुख-शांति के लिए होलिका की अग्नि में जौ-आटा चढ़ाएं।
★भय और कर्ज से निजात पाने के लिए नरसिंह स्रोत का पाठ करना लाभदायक होता है।
★होलिका दहन के बाद जलती अग्नि में नारियल दहन करने से नौकरी की बाधाएं दूर होती हैं।
★घर, दुकान और कार्यस्थल की नजर उतार कर उसे होलिका में दहन करने से लाभ होता है।
★होलिका दहन के दूसरे दिन राख लेकर उसे लाल रुमाल में बांधकर पैसों के स्थान पर रखने से बेकार खर्च रुक जाते हैं।
★लगातार बीमारी से परेशान हैं तो होलिका दहन के बाद बची राख मरीज़ के सोने वाले स्थान पर छिड़कने से लाभ मिलता है।
★बुरी नजर से बचाव के लिए गाय के गोबर में जौ, अरसी और कुश मिलाकर छोटा उपला बना कर इसे घर के मुख्य दरवाज़े पर लटका दें।

शादी नहीं हो रही है तो होली पर करें यह उपाय
★जिन जातकों की शादी नहीं हो रही है और विलंब हो रहा है तो होली के दिन शिव मंदिर में पूजा करें। इसके साथ ही शिवलिंग पर पान, सुपारी और हल्दी की गांठ भी अर्पित करें। शादी की परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए होलिका दहन के दौरान पांच सुपारी, पांच इलायची, मेवे, हल्दी की गांठ और पीले चावल लें जाए और इसकी पूजा कर इसे घर में देवी के सामने रख दें। ऐसा करने से शादी में आने वाली बाधाएं दूर हो जाती है और जल्द ही विवाह के योग बन जाते हैं। दांपत्य जीवन में शांति के लिए होली की रात उत्तर दिशा में एक पाट पर सफेद कपड़ा बिछा कर उस पर मूंग, चने की दाल, चावल, गेहूं, मसूर, काले उड़द एवं तिल के ढेर पर नव ग्रह यंत्र स्थापित करें। इसके बाद केसर का तिलक कर घी का दीपक जला कर पूजन करें।
नवविवाहिताओं को होली पर जाना चाहिए मायके
शास्त्रीय परम्परा के अनुसार नवविवाहिता को अपनी पहली होली पर मायके जाना चाहिए। होली के मौके पर सभी नई दुल्हन अपनी पहली होली अपने मायके में ही मनाती हैं। इस परंपरा को सालों से निभाया जा रहा है। होली के मौके पर नवविवाहिता अपने मायके चली जाती है और वहीं पर अपनी पहली होली मनाती है। माना जाता है कि शादी के बाद पहली होली पिहर में खेलने से एक नवविवाहिता का जीवन सुखमय और सौहार्द पूर्ण बीतता है। इसके साथ ही कुछ जगहों पर यह रिवाज इसलिए भी है कि शादी के बाद मायके में होली और पति से दूरी उनके बीच के प्रेम को और भी ज्यादा बढ़ा देता है।
पहली होली नवविवाहिता और सास के लिए अशुभ
पहली होली सास और बहू एक साथ कभी नहीं देखती, क्योंकि सास और नई बहू का एक साथ होली को जलते देखना अशुभ माना जाता है, जिसका असर घर के लोगों पर पड़ता है। यह भी मत है कि यदि कोई सास और नविवाहिता एक साथ होली को जलता हुआ देखती है तो उनमें से किसी एक की मृत्यु भी हो सकती है। इसी कारण से पहली होली पर नवविवाहिता अपने मायके जाकर ही पहली होली खेलती है। पति और पत्नी के बीच इस अहसास को बढ़ाने के लिए मायके में पहली होली मनाने की परम्परा शुरू की गई थी।
वायरस से बचने को होलिका में डालें हवन सामग्री
होलिका दहन में प्रत्येक परिवार से आधा किलो हवन सामग्री के साथ 50 ग्राम कपूर और 10 ग्राम सफेद इलायची मिलाकर होलिका में अवश्य डालें, जिससे प्रदूषित वातावरण शुद्ध होगा, कोरोना जैसे वायरस भी नष्ट हो सकेंगे। इसके बाद प्रतिदिन सुबह गाय के गोबर से बने कंडे को जला कर अपने इष्ट का 21 बार नाम लेकर आहुति देकर हवन अवश्य करें। ऐसा करने से कोरोना जैसे वायरस से बचाओ हो सकेगा।
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संत निरंकारी मिशन का सत्संग समागम आयोजित

संत निरंकारी मिशन का सत्संग समागम आयोजित
संत निरंकारी मिशन द्वारा आज विशाल सत्संग कार्यक्रम का आयोजन खुरई रोड स्थित   नव निर्माणाधीन भवन पर किया गया । जिसमें उज्जैन जोन के जोनल इंचार्ज  मनोहर वादवानी जी का आगमन हुआ  उनके सानिध्य में यह कार्यक्रम रखा है ।इसमें निरंकारी मिशन से जुड़े साहित्य की भी स्टाल लगाए गए की भी स्टाल लगाए गए जोड़ों की व्यवस्था प्याऊ की व्यवस्था लंगर की व्यवस्था सारी व्यवस्थाएं की गई हैं ।पार्किंग से लेकर जवान सेवादल के जवान कई जगहों पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं ।इसमें ग्राम रैली जुड़ा गढ़ाकोटा बंडा खुरई बीना विदिशा कई जगह के संतों ने समागम का आनंद प्राप्त किया ।
बीना से पधारे अर्जुन सिंह नाहर जी ने अपने भाव व्यक्त किए इनके बाद खुरई से पधारे नारायण कुशवाहा जी , बहन हर्षा जी ने एवं कई संतों ने गीतों द्वारा अपने भाव अपने गुरु के प्रति   रखें बिना गुरु के ज्ञान न उपजे ज्ञान बिना नहीं दिखता ध्यान बिना गुरु किए हुए ज्ञान की प्राप्ति नहीं हो सकती।अंत में आभार सागर संयोजक श्री नारायण दास निरंकारी जी ने बाहर से पधारे स्वागत किया।

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कवि निर्मल चंद निर्मल की 21 वीं काव्य कृति " जगत मेला चलाचल का" विमोचित।

कवि निर्मल चंद निर्मल की 21 वीं काव्य कृति " जगत मेला चलाचल का" विमोचित
सागर। नगर के सुप्रसिद्ध कवि निर्मल चंद निर्मल की 21 वी काव्य कृति "जगत मेला चला चल का" का विमोचन मध्य प्रदेश हिंदी साहित्य सम्मेलन सागर इकाई द्वारा आदर्श संगीत महाविद्यालय में रविवार को आयोजित एक गरिमामय कार्यक्रम में संपन्न हुआ। इस अवसर पर निर्मल जी को उनके 90 में जन्मदिन पर बधाई देते हुए  समाजवादी चिंतक रघु ठाकुर ने कहा कि इस वय में भी निर्मल जी का साहित्य के प्रति प्रेम व समर्पण अभिभूत कर देने वाला है।उन्होंने कहा कि कविता श्रंगार की वस्तु नहीं है निर्मल जी कमल बेहद निर्मल है वे लगातार सक्रिय हैं दर्शन के काव्य का संपूर्ण जगत में मान होता है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर उदय जैन ने निर्मल जी के जीवन और साहित्यिक अवदान से युवा पीढ़ी को प्रेरणा लेने का परामर्श दिया।
अध्यक्षीय उद्बोधन में प्रो सुरेश आचार्य ने कहा कि अच्छी कविता के लिए अपने समय, समाज, संस्कृति और साहित्य की जानकारी होना अनिवार्य है। इस मायने में निर्मल जी बहुपठ और बहुश्रुत हैं। इसलिए उनकी रचनाएं काव्य के इतिहास में अपना स्थान अवश्य बनाएंगी।
विशिष्ट अतिथि डॉ लक्ष्मी पांडेय ने कहा कि जिस दार्शनिकता की पृष्ठभूमि पर सारे जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं का अध्ययन होता है उसी आधार पर चल अचल को जोड़कर यह संसार बनता है। निर्मल जी के संस्कारी व्यक्तित्व ने उनकी संतानों को भी संस्कारी बनाया है यह उनकी कविता की ही उपलब्धि है।
पुस्तक पर समीक्षा लेख प्रस्तुत करते हुए कवयित्री डॉ.चंचला दवे ने कहा कि किसी भी कृति की समीक्षा साहित्य की संवाहक होने के साथ परिष्कारक भी होना चाहिए। यह कविता संग्रह उदार भावों की प्रतिस्थापना,मानवीय मूल्यों का संरक्षण, विकास एवं उन सब में जीवन के लिए  जगह बनाने का काम करता है यह संग्रह कवि के लक्ष्यों को सुंदरता से पूर्ण करता है। समालोचक टीकाराम  त्रिपाठी ने भी पुस्तक पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि मैंने उनकी समस्त कृतियों का अध्ययन किया है उनका रचना कर्म उच्च स्तरीय और पठनीय है।
इस अवसर पर नगर की समस्त साहित्यिक सांस्कृतिक संस्थाओं द्वारा निर्मल जी का शाल, श्रीफल, पुष्पहार एवं अभिनंदन पत्र भेंट कर सम्मान किया ।स्वर संगम समिति के अध्यक्ष हरि सिंह ठाकुर ने जीवन परिचय का वाचन किया। निर्मल जी ने अपने वक्तव्य में आयोजक संस्था एवं समस्त लोगों के प्रति अपना आभार प्रकट किया।
कार्यक्रम का प्रारंभ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन व मां सरस्वती के पूजन अर्चन से हुआ।लोक गायक देवीसिंह राजपूत ने‌ सरस्वती वंदना की।उमा कान्त मिश्र ने कार्यक्रम दिया।गरिमामय संचालन म प्र हिन्दी साहित्य सम्मेलन सागर के कोषाध्यक्ष प्रदीप पांडेय एवं श्यामलम् सचिव कपिल बैसाखिया ने ‌किया।आभार प्रदर्शन‌ संस्था के‌ कार्यकारिणी सदस्य आर. के.तिवारी ने किया।
इस अवसर‌ पर शंभू दयाल पाण्डेय, हरगोविंद विश्व,डॉ.जीवनलाल जैन, मणिकांत चौबे,मुन्ना शुक्ला, डॉ दिनेश अत्रि, डॉ आशीष द्विवेदी ,डॉ.शशिकुमार सिंह,डॉ.आर.आर. पांडेय ,शिवरतन यादव, डॉ रजनीश जैन ओ. पी .दुबे,सुनीला सराफ,नंदिनी चौधरी,डॉ.अंजना पाठक, ज्योति विश्वकर्मा,डॉ.वंदना गुप्ता,डॉ. अलका शुक्ला,दीपा भट्ट,राजेन्द्र दुबे कलाकार,जी एल छत्रसाल,राधाकृष्ण व्यास,डॉ विनोद तिवारी, डॉ अरविंद गोस्वामी, डॉ रामानुज गुप्ता,डॉ बी डी पाठक,डॉ.सीताराम श्रीवास्तव भावुक, पूरनसिंह राजपूत, डॉ अनिल जैन,ऋषभ समैया जलज,गोविंद दास नगरिया,लक्ष्मी नारायण चौरसिया,डॉ गजाधर सागर,‌ के.एल. तिवारी अलबेला,कुंदन पाराशर, डॉ अशोक कुमार तिवारी,पेट्रिस फुसकेले, अंबिका यादव, अम्बर‌ चतुर्वेदी, अशोक तिवारी अलख, वृंदावन राय सरल,मुकेश तिवारी, रमेश दुबे, मुकेश निराला,प्रभात कटारे,शिब्बू नामदेव,प्रभात कटारे,आदर्श दुबे, आनंद मिश्र अकेला,पी आर मलैया, कैलाश तिवारी,नवनीत जैन, डॉ नलिन जैन,प्राशु,सोनू जैन,ओ. पी.‌ रिछारिया, नदीम राइन, डॉ.आस्था जैन, कौशिल्या जैन, सुषमा जैन,माया जैन, नायरा जैन, पुष्पदंत हितकर,दामोदर‌ अग्निहोत्री सहित बड़ी संख्या में साहित्य प्रेमियों की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।
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पंचायतों का कार्यकाल समाप्त होने पर प्रशासकीय समिति के गठन के आदेश, निवर्तमान सरपंच बनेगा समिति का प्रधान


पंचायतों का कार्यकाल समाप्त होने पर प्रशासकीय समिति के गठन के आदेश, निवर्तमान सरपंच बनेगा समिति का प्रधान

भोपाल। एमपी  में सरपंचों के कार्यकाल खत्म होने के मद्देनजर अब पंचायतों में प्रशासकीय समिति के गठन करने के दिशा निःर्देश जारी किए हैं। इसमे ग्राम के ही लोगो को लिया जाएगा। पूर्व सरपंच को इस समिति का प्रधान बनाया जाएगा । प्रदेश के सभी कलेक्टरों को आज पंचायत एवम ग्रामीण विकास विभाग ने निःर्देश जारी किए है।

पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वाराया जारी आदेशानुसार निर्देशित किया गया था
कि ग्राम पंचायतों का कार्यकाल समाप्त होने के दिनांक से मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम, 1993 की धारा 87(3)(ख) अनुसार वैकल्पिकव्यवस्था होने तक ग्राम पंचायतों के खातों का परिचालन एवं आहरण संवितरणसरपंचों के हस्ताक्षर से किये जाने पर पाबंदी लगाई जावे। इसी अनुक्रम में ग्राम
पंचायतों के कार्यकलापों के सुचारू संचालन की दृष्टि से वैकल्पिक व्यवस्था स्वरूप ग्राम पंचायतों का पुनर्गठन होने तक प्रशासकीय समितियों के गठन कानिर्णय लिया गया है।अतः म.प्र. पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम, 1993 की धारा 87 की उपधारा (3)(ख) अनुसार प्रत्येक ग्राम पंचायत हेतु एक प्रशासकीय समिति का गठन किया जाए। प्रशासकीय समिति में वे सब पदाधिकारी जो कार्यकाल समाप्त होने से पूर्व ग्राम पंचायत के सदस्य रहे हैं, सदस्य बनाये जाएं। ग्राम
पंचायत का कार्यकाल (2015-2020) समाप्त होने के पूर्व सरपंच रहे व्यक्ति कोइस प्रशासकीय समिति का प्रधान बनाया जाए। इस समिति में ऐसे 2 व्यक्ति मनोनीत किये जाएं, जिनका नाम संबंधित ग्राम पंचायत की निर्वाचक नामावली में
सम्मिलित हो। यह प्रशासकीय समिति मनोनीत सदस्य न होने अथवा मनोनयनके अभाव में भी कार्य करती रहेगी। प्रशासकीय समिति के प्रधान एवं ग्रामपंचायत के सचिव, मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम, 1993 की
धारा 66 एवं सुसंगत नियमों के अनुसार ग्राम पंचायत के खातों से राशि काआहरण संवितरण कर सकेंगे। ग्राम पंचायतों की प्रशासकीय समिति के गठन हेतु कलेक्टर विहित प्राधिकारी होंगे। 
उक्तानुसार ग्राम पंचायतों की प्रशासकीय समितियों के गठन काप्रतिवेदन तत्काल आयुक्त/संचालक पंचायत राज संचालनालय, म.प्र. को प्रेषित किया जाना सुनिश्चित करें।

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कोरोना एवं संक्रमण बीमारियों से बचने के लिए "हम हैं इंसान" टीम ने लगाया जन-जागरूकता कैम्प

कोरोना एवं संक्रमण बीमारियों से बचने के लिए "हम हैं इंसान" टीम ने लगाया जन-जागरूकता कैम्प
सागर। सागर को पिछले 5 माह से सुंदर और स्वच्छ बनाने वाली टीम "हम हैं इंसान" ने आज मुख्य बस स्टैंड पर विशेषज्ञों के साथ मिलकर "नमस्ते सागर" जनजागरूकता कैंप के माध्यम से सागर को स्वस्थ रहने का संदेश दिया।
टीम ने बताया कि सोशल मीडिया पर कोरोना वायरस को लेकर काफी भ्रांतियां फैलाई जा रही हैं, जिससे शहरवासियों में कोरोना को लेकर भयावह माहौल है, अतः उन्हीं भ्रांतियों को दूर करने यह कैम्प लगाया जा रहा है। कोरोना तथा अन्य वायरस हमेशा गंदगी के कारण फैलते हैं, इसीलिए इनके रोकथाम हेतु स्वच्छता ज़रूरी है, अतः टीम ने सभी शहरवासियों से यह निवेदन भी किया कि अपने आसपास का वातावरण स्वच्छ बनाएं रखें जिससे शहर का हर रहवासी स्वस्थ रहे।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉक्टर नीना गिडियन, डॉ साधना मिश्रा, डॉ मोनिका जैन, डॉ प्राची,रंजीता राणा, डॉ रूपेश साह, डॉ नीलेन्द्र राजपूत, तबरेज़ दाद (इंचार्ज 108 सर्विस), आर.के.जड़िया, पंकज सोनी शामिल हुए।
इस अवसर पर उपस्थित स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बताया कि बुखार, शरीर में कंपकंपी, खांसी व श्वास में तकलीफ करोना के प्राथमिक लक्षण हैं। यह वायरस स्पर्श के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक फैलता है। उन्होंने खांसते या छींकते समय पर मुंह और नाक पर रूमाल रखने, बुखार और खांसी के रोगियों से दूरी बनाए रखने, हाथ मिलाने या गले लगने से बचने व संपर्क होने पर हाथों को साबुन से अच्छी तरह साफ करने की हिदायत दी।
108 सर्विस इंचार्ज तबरेज़ दाद ने 108 सर्विस के बारे विस्तृत जानकारी दी। महिला दिवस के शुभावसर पर टीम ने  विशिष्ट अतिथि स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ नीना गिडियन एवं डॉक्टर साधना मिश्रा का स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मान किया। टीम की महिला सदस्यों ने गीत के माध्यम से महिला दिवस की शुभकामनाएं दी।
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पंचायतों का कार्यकाल समाप्त होने पर प्रशासकीय समिति के गठन के आदेश, निवर्तमान सरपंच बनेगा समिति का प्रधान

पंचायतों का कार्यकाल समाप्त होने पर प्रशासकीय समिति के गठन के आदेश, निवर्तमान सरपंच बनेगा समिति का प्रधान

भोपाल। एमपी  में सरपंचों के कार्यकाल खत्म होने के मद्देनजर अब पंचायतों में प्रशासकीय समिति के गठन करने के दिशा निःर्देश जारी किए हैं। इसमे ग्राम के ही लोगो को लिया जाएगा। पूर्व सरपंच को इस समिति का प्रधान बनाया जाएगा । प्रदेश के सभी कलेक्टरों को आज पंचायत एवम ग्रामीण विकास विभाग ने निःर्देश जारी किए है। 
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