सीएम का पत्र वचन पत्र के बाद मध्यप्रदेश की जनता के साथ दूसरा धोखा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वी डी शर्मा,
सीएम की चिट्ठी का जवाब
#सीएम कमलनाथ की चिट्ठी के जवाब में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने सीएम को लिखा पत्र
भोपाल। प्रदेश के राजनेतिक घटनाक्रमो में अब चिट्ठी शुरू हो गई है । सीएम कमलनाथ ने प्रदेशवासियों के नाम दिन में पत्र लिखा और भाजपा को कठघरे में खड़ा किया। इसके जवाब में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वी ड़ी शर्मा ने भी एक पत्र सीएम कमलनाथ को लिखा। प्रदेशाध्यक्ष शर्मा के पत्र की इबारत कुछ इस तरह है।
माननीय कमलनाथ जी
नमस्कार।
आपके द्वारा प्रदेशवासियों के नाम जारी पत्र भावनाओं के आडंबर और शब्दों के कूट संयोजन कीदृष्टि से उत्तम कहा जा सकता है। लेकिन दुख की बात यह है कि यह पत्र आपके वचन पत्र के बाद मध्यप्रदेश की जनता के साथ दूसरा धोखा है। इस बार तो आपने यह कहकर दुस्साहस की पराकाष्ठा पारकर दी है कि आप मध्यप्रदेश को प्रगति की राह पर ले जाना चाहते है और भारतीय जनता पार्टी इस कार्य में
बाधक बनी हुई है। आपने यह तो लिखा है कि हम लोग कदाचरण कर रहे है, लेकिन आपको यह भी लिखनाचाहिए था कि आपके द्वारा मध्यप्रदेश को तबाही और बर्बादी के रास्ते पर ले जाने के लिए चलाया जा रहाअभियान कौन से सदाचरण की परिधि में आता है ? आप लोकतांत्रिक मूल्यों की दुहाई देते हुए हमारे उपर
सत्ता लोलुपता का आरोप लगाने से पहले स्पष्ट करते कि आप अल्पमत की सरकार बचाए रखने के लिएकौन-कौन से हथकंडे अपनाते है ? तो अच्छा होता।आपने प्रदेश से माफियाराज समाप्त करने का बड़ा प्रभावी वक्तव्य दिया है लेकिन अपने मंत्रियों औरविधायकों के उन बयानों का उल्लेख नहीं किया जो स्पष्ट करते है कि आपकी सरकार में रेत और शराबमाफिया किस कदर हावी है। आपकी पूरी उर्जा प्रदेशवासियों को शराब के नशे में डुबो देने में क्यों लगी है ?
भारतीय समाज में संस्कारों की धुरी कही जाने वाली महिलाओं को भी नशे में डुबोने के प्रयासों की आहट परभी आपको मुंह खोलना चाहिए। बहुत ही निर्लज्जता के साथ आपने किसानों की कर्जमाफी और युवाओं कोरोजगार देने का ढिंढोरा पीटा है। लेकिन माननीय मुख्यमंत्री जी, ऐसा करते समय आपको अपने पद की
गरिमा का ध्यान रखना चाहिए। यदि किसानों का कर्जामाफ हो चुका है तो फिर कर्जमाफी का पहला, दूसरा, तीसरा और चौथा चरण क्या स्पष्ट करता है? नैतिकता है तो आप प्रदेश के एक युवा का नाम बताइए जिसेबेरोजगारी भत्ता दिया गया है। आपने तो प्रधानमंत्री आवास योजना के 2 लाख से अधिक मकान वापसलौटाकर 2 लाख गरीब परिवारों से छत छीनने का पाप किया है।आपके 40 साल के राजनैतिक जीवन पर टिप्पणी करना व्यक्तिगत जीवन में झांकने की दृष्टि से ठीक नहीं है, लेकिन आपने स्वयं यह विषय छेड़ा है इसलिए हम जानना चाहते है कि 1984 के सिख विरोधी दंगोंमें आपकी भूमिका क्या थी? आपने केन्द्रीय मंत्री रहते मध्यप्रदेश के लिए कितना बड़ा दिल किया था, यह भीस्पष्ट करते तो अच्छा होता? तत्कालीन मुख्यमंत्री के प्रति आपने जिन शब्दों का प्रयोग किया था, क्या वहआपकी राजनैतिक शालीनता का द्योतक है? आज जब आप प्रशासनिक मशीनरी का भारी दुरूपयोग करतेहुए अपने राजनैतिक विरोधियों पर कहर बरपा रहे है और दूसरी ओर अपने दल के तमाम नेताओं कीमाफियागिरी को प्रश्रय दे रहे हैं, तब आपको राजनैतिक शुचिता की बात करते हुए लज्जा आनी चाहिए।
मध्यप्रदेश में आयी राजनैतिक अस्थिरता के कारण आपके भीतर उपजी घबराहट हम समझ सकते है,लेकिन इसका कारण स्वयं आप और आपके सिपहसालार है, भारतीय जनता पार्टी नहीं। आपके कुनबे में एक
दूसरे को नीचा दिखाने और पद पाने की होड में जो सिर फुटव्वल हो रही है उसे अनदेखा करने के लिएआपको बधाई। आप तो अपने ही दल के उन विधायकों के चरित्र पर उंगुली उठा रहे है जो स्वयं किसी भीप्रकार की सौदेबाजी का खंडन कर रहे है। बहरहाल भाजपा एक सजग राजनैतिक दल है और हमारा स्पष्ट मानना है कि लोकतंत्र में सरकार से लोककल्याणकारी राज्य की अपेक्षा की जाती है। इसके ठीक विपरीत
आप लोक विनाशकारी मार्ग पर चल पड़े हैं। इसलिए हम अपने राजनैतिक धर्म का पालन करते हुए आपकीजनविरोधी नीतियों का डटकर मुकाबला कर रहे है और करते रहेंगे।
सादर !
विष्णु दत्त शर्मा