ई कचरा खरीदने वाली संस्था ने सागर से तीन टन कचरा भेजा रिसाईकिल करने, चार महीने में

ई कचरा खरीदने वाली संस्था ने सागर से तीन टन कचरा भेजा रिसाईकिल करने, चार महीने में

सागर । ई कचरा यानि इलेक्ट्रॉनिक सामग्री जैसे कंप्यूटर, लेपटाप, वाशिंग मशीन, रेफ्रिजरेटर, एयर कंडीशनर, टीवी, मोबाइल, सीपीयू, प्रिंटर, मिक्सी, रेडियो, टेलीफोन सहित अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है । इनको सागर में एक 
संस्था सार्थक ई वेस्ट उचित दामो में खरीद रही है। जिसे रीसाइकिल करके दुवारा उपयोग में लाया जा रहा है। पिछले चार महीनों में सागर से ऐसा ई कचरा तीन टन इकठ्ठा कर राजस्थान के अलवर में भेजा गया।  जिसे रिसाईकिल कर उपयोग में लाया जाएगा।
निगम आयुक्त की पहल
सर्वेक्षण 2020 अंतर्गत शहर के ई-कचरा को एकत्रित करने के लिये नगरनिगम आयुक्त श्आर.पी.अहिरवार की पहल पर सामाजिक संस्था सार्थक ई-वेस्ट ने नगर निगम का सहयोग करते हुये पिछले 4 माह में 3 टन ई-कचरा एकत्रित कर डिस्पोज के लिये राजस्थान के अलवर शहर भेजा।  जो रिसायकल होकर पुनः उपयोग में लाया जायेगा। सार्थक ई-वेस्ट के प्रमुख  शिवांस जैन ने बताया कि रोजमर्रा के उपयोग होने वाले इलेक्ट्रॉनिक उपकरण लोगों की जीवन शैली में ही ढल गए हैं ऐसे में रोजाना खराब या पुराने इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की तादाद भी दिन.प्रतिदिन बढ़ रही है । जो आने वाले समय में पर्यावरण के लिए एक बडी समस्या उत्पन्न हो सकती है तथा बडी मात्रा में प्लास्टिक एवं  ई.बेस्ट का व्यर्थ कचरा एकत्रित हो जाता है ।इसके लिये सागर नगर निगम को स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में सहयोग करते हुये शहर की ही सामाजिक संस्था सार्थक ई बेस्ट ने पर्यावरण संरक्षण के लिए बेहतर कार्य किया है। यह एक समाजसेवी संस्था है । जिसके  द्वारा सागर शहर का पिछले 4 माह में 3 टन ई.कचरा डिस्पोज के लिए राजस्थान के अलवर शहर में भेजा दिया गया है जो रीसायकल होकर पुनः उपयोग में लाया जा सकेगा।
चलाया गया व्यापक जागरूकता अभियान- शहर की ई-वेस्ट संस्था ने विगत सालभर में पर्यावरण संरक्षण के प्रति एक प्रमुख आयाम स्थापित किया है जो लोंगो को जागरूक करने के लिए डोर टू डोर कैंपेनिंग के साथ ई कचरा के संरक्षण करने के लगातार प्रयास कर रही है तथा जगह जगह नुक्कड़ नाटक एवं जन चैपाल तथा फोनो सिस्टम के जरिए भी लोगों को व्यापक स्तर पर जागरूक किया है साथ ही कैम्प लगाकर ई बेस्ट सामग्री को अच्छे दामों पर देने में यह संस्था कारगर साबित हुई है। नगर निगम आयुक्त के अनुरोध पर सागर शहर में ई कचरा संग्रहण या पर्यावरण संरक्षण हेतु ई-कचरा एकत्रित करने हेतु संस्था द्वारा मोबाइल नंबर 6262856363 जारी भी किया है जिस पर नागरिकगण मिस्डकॉल देकर अपने घर से ही अपना व्यर्थ ई-कचरा उचित दर पर बेच सकते हैं। ई.कचरा के तहत् ऐसे इलेक्ट्रॉनिक सामग्री जैसे कंप्यूटर, लेपटाप, वाशिंग मशीन, रेफ्रिजरेटर, एयर कंडीशनर, टीवी, मोबाइल, सीपीयू, प्रिंटर, मिक्सी, रेडियो, टेलीफोन सहित अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जो अनुपयोगी हो चुके है इनको ई-बेस्ट संस्था उचित दाम देकर क्रय कर रही है। 
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आचार्य श्री विमल सागर जी का मंगलविहार जरुआखेड़ा में

आचार्य श्री विमल सागर जी का मंगलविहार
जरुआखेड़ा में 

 सागर ।मूकमाटी रचयिता आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के शिष्य मुनि श्री विमल सागर जी मुनि श्री अनंत सागर जी मुनि श्री धर्म सागर जी मुनि श्री अचल सागर जी  मुनि श्री भाव सागर जी महाराज  का पद बिहार खुरई की ओर चल रहा है  6 मार्च को जरुआ खेड़ा में  मंगल प्रवेश हुआ  एवं  मंगल आगबानी हुई जगह जगह पर  मुनि श्री का पाद प्रक्षालन एवं आरती की गई! इस अवसर पर धर्म सभा को सम्बोधित करते हुए जरुआ खेड़ा में मुनि श्री भावसागर  जी महाराज ने संस्कारों  का महत्व बताया और कहा कि शिक्षा बच्चों को इस प्रकार से देना चाहिए कि जिससे वह  संस्कार वान बने !इसके बाद पद बिहार हो गया और 6 मार्च को आहार चर्या जरुआ खेड़ा में होने के बाद दोपहर में बिहार के बाद रात्रि विश्राम सिलोधा के पास  होने के   बाद  7 मार्च को  प्रातः 8 बजे खुरई नगर में मंगल प्रवेश होगा!
 मुनि श्री प्रमाण सागर जी महाराज का मंगल प्रवेश गुरुकुल के पास होगा वहां पर ऐतिहासिक महामिलन  8 मार्च प्रातः 8  बजे संभावित है !
इस महामिलन में पूरे भारत के विभिन्न नगरों से लोग आ रहे हैं!।
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Rahtgdh shrab

-तीस पेटी शराब।                 
anchor-।सागर जिले की राहतगढ़ थाना पुलिस ने एक बड़ी कार्येवाहि को अंजाम दिया है जिसमे पुलिस ने तीस पेटी अवैध शराब सहित बुलेरो गाड़ी को जप्त किया है साथ ही तीन आरोपियों को गिरफ्तार भी किया है,।
,मामला थाना इलाके के लालवाघ बेरियर की है जहाँ पर पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर घेराबंदी की तो बुलेरो गाड़ी क्रमांक mp 49 c 2227 में तीस पेटी अवैध शराब रखी हुई थी,,जिसे मौके से जप्त किया गया साथ ही गाड़ी में सवार आरोपी विक्की गंधर्व ,ब्रजकिशोर रावत,और मोनू यादव को गिरफ्तार किया गया,।
बरामद शराब की कीमत एक लाख बीस हजार रुपये बताई जा रही है,,साथ ही पुलिस का कहना है कि शराब रायसेन जिले की तरफ से आ रही थी जिसे लालवाघ बेरियर पर बरामद किया गया है और गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ आबकारी एक्ट 34/2 के तहत कार्येवाहि की गई साथ ही जांच की जा रही है कि शराब का बेचबार कौन है और खरीददार कौन है ।
byte-आशीष सप्रे थाना प्रभारी थाना राहतगढ़
फोल्डर
Sagar
Rahtgdh shrab 06.03.20
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एक भारत श्रेष्ठ भारत की अवधारणा विविधता में एकता है :कुलपति

एक भारत श्रेष्ठ भारत की अवधारणा  विविधता में एकता है :कुलपति 
#नागालैण्ड विवि के दल को आत्मीय 
विदाई,अंतिम दिन नगा दल ने बुन्देली प्रस्तुति दी,तो बुन्देलखण्ड के दल ने नगा सँस्कृति में 

सागर। भारत सरकार के केंद्रीय मॉनव संसाधन एवम विकास विभाग के एक भारत श्रेष्ठ भारत कार्यक्रम के तहत   नागालेंड विवि और डॉ हरीसिंह गौरव केन्द्रीय विश्वविद्यालय, सागर ने सँस्कृति को साझा किया। एक से छह मॉर्च तक चले इस आयोजन में विवि  सांस्क्रतिक मय दिखा। अंतिम दिन दोनो विवि के दलों ने एक दूसरे राज्यो की लोक कलाओं का शानदार प्रदर्शन किया। जिसमें एक भारत श्रेष्ठ भारत की सँस्कृति साकार होती नज़र  आई। 

 समापन अवसर के मुख्य अथिति विवि के कुलपति प्रो आर पी तिवारी और विशेष अथिति पूर्व प्रो सुरेश आचार्य थे। कुलपति प्रो  तिवारी ने कहा कि एक भारत श्रेष्ठ भारत  का उद्देश्य विवि में देखने मिला। हमारा देश विभिन्न संस्कृति, रीति-रिवाज, परम्पराओं, भाषा, वस्त्र, आवास, आभूषण एवं प्राकृतिक सौन्दर्य से भरा हुआ है। इतनी विविधताओं के होते हुए भी अनेकता में एकता प्रतिविम्बित है। इसका मुख्य कारण हमारी अपनी मूल संस्कृति है जिसे हम बसुदेव कुटुम्बकम के भाव से एक-दूसरे को स्वीकार करते हैं। देश के प्रधानमंत्री ने जो योजना लागू की यह बहुत ही सराहनीय एवं प्रेरणात्मक है। 

इस मौके पर नागालेंड विवि की डॉ राधा रानी ने हिंदी में भाषण देते हुए कहा कि यहां आकर हमने लोककलाओं से लेकर खानपान तक को देखा। वास्तव में यह एक सुखद अनुभव है । बहुत कुछ सीखा भी।

कार्यक्रम के समन्वयक डॉ राकेश सोनी ने  कहा कि सभी के सहयोग से यह आयोजन सफल हुआ है । सभी  सँस्कृति की छाप छोड़कर जा रहे है । नागालेंड दल की हुसलू और आरी ने पूरे आयोजन का फीड बताते हुए सराहना की । 
इस मौके पर नगा दल ने बुन्देलखण्ड के लोकनृत्यों की और विवि ने नगा लोक नृत्यों की शानदार प्रस्तुतिया दी।

मानव विज्ञान विभाग में पहुचा दल
एक भारत श्रेष्ठ भारत के अन्तर्गत नागालैण्ड राज्य के छात्रों के भ्रमण दल ने अन्तिम दिवस में मानव विज्ञान विभाग में कुलपति राघवेन्द्र प्रसाद तिवारी के साथ भ्रमण करने पहुँचे। जहाँ पर उक्त दल का विभागाध्यक्ष प्रो. कैलाश काशी नाथ शर्मा ने बुन्देली परम्पराओं से चन्दन, अक्षत, पुष्पगुच्छ तथा रक्षा सूत्र बाँधकर स्वागत किया।विभाग के गतिविधियों के प्रभारी डाॅ. सोनिया कौशल ने भ्रमण दल को विभाग में चलाये जा रहे पाठ्यक्रम की जानकारी  दी। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राघवेन्द्र प्रसाद तिवारी ने विभाग के प्रबोध संग्रहालय में बुन्देली परम्परा के अन्तर्गत भूमि पर बैठकर अध्ययन दल के साथ संवाद किया।
दल ने  कुछ बुन्देली शब्द जैसे- कक्का, दद्दा, बऊ, भज्जा, दाऊ, हओ आदि बोलकर बताये। बुन्देली संगीत मंे बधाई, राई, गारी, दीवारी, फाग, ढिमरयाई, बरेदी के मुखड़ा एवं नृत्य के स्टेप भी सीखे हैं, जो कि वहाँ जाकर प्रचारित एवं प्रसारित करेंगे। डाॅ. राधारानी मायबम ने कुलपति  से आग्रह करते हुए कहा कि इस प्रकार संस्कृति के आदान-प्रदान करने करने हेतु सिखाने वाले विषय-विशेषज्ञों को आमंत्रित किये जाने की वृहत् योजना विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से स्वीकृत कराने का आग्रह किया। कुलपति जी ने आश्वासन देते हुए कहा कि मैं शीघ्र ही इस ओर ध्यान आकृष्ट करने का प्रयास करूँगा। बुन्देली परम्पराओं के अन्तर्गत विभागाध्यक्ष प्रो. कैलाश काशी नाथ शर्मा एवं शिक्षक विद्यार्थियों ने हल्दी, रोरी, अक्षत, चन्दन, श्रीफल, जूट निर्मित बैग भेंट करके विदाई की। 
ये रहे मौजूद
इस कार्यक्रम में प्रमुख रूप से प्रो. ए. एन. शर्मा, प्रो. राजेश गौतम, डाॅ. पंकज तिवारी, निर्देशक, ई.एम.आर.सी., डाॅ. बिजयासुन्दरी देवी, डाॅ. राधारानी मायबम, डाॅ. पीटर की, डाॅ. आशुश पाल, डाॅ. सोमनाथ चक्रवर्ती, राजेन्द्र सिंह, भरतेश जैन, संतोष जैन, सचिन सिपोल्या, निकिता दास, पद्मिनी सा, कौस्तुब देबशर्मा, अनुराग चैरसिया, अजय अहिरवार, बसन्त सेन, काव्या पाल, अशोक यादव, गंगाराम, भगवानदास रजक, अभिषेक पटेल, संतोष रैकवार सहित अनेक विद्यार्थीगण उपस्थित थे।  
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कला गुरु विष्णु पाठक को दी श्रद्धांजलि

कला गुरु विष्णु पाठक को दी श्रद्धांजलि 
सागर। कला गुरु श्री विष्णु पाठक जी की प्रथम पुण्य तिथि पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया।
आयोजित श्रद्धांजलि सभा में शहर के वरिष्ठ लोक कलाकारों,कला प्रेमियों ने श्री पाठक के चित्र पर माल्यर्पण एवं पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी एवं गुरु जी के सपने को आगे बढ़ाने के लिए (हर कलाकार को निशुल्क प्रशिक्षण और सागर का नाम कला के क्षेत्र मे विश्व विख्यात हो ) मिलकर कार्य करने की बात कहीं एवं उनके द्वारा स्थापित लोक कला अकादमी के कार्यों को आंगे बढ़ाने की बात की।
यह आयोजन उनकी पुत्री मयूरीका रोहण की उपस्थिति में हुआ ।श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुऐ उनकी पुत्री मयूरिका रोहण ने कहा कि जल्दी ही कलागुरु श्री पाठक जी के नाम से एक पुरुस्कार की स्थापना की जाएगी एवं उनके कार्यों को आंगे बढ़ाने के लिये समुचित कार्यक्रम शुरूं किये जायेंगे।
सभा में गुरु जी के शिष्य दीपा पान्डे, अंजना चतुर्वेदी,जागेश्वर यादव , कपिल स्वामी,अतीश नेमा,प्रकाश कुशवाहा,नितिन पचौरी, डॉ धरनेर्द्र जैन,कार्तिक रोहण,आकाश कोष्ठी संजय रोहण आदि उपस्थित रहे।
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एड. रामकुमार अग्रवाल बने शासकीय अभिभाषक नियुक्त

एड. रामकुमार अग्रवाल बने शासकीय अभिभाषक नियुक्त
सागर । म.प्र. शासन के मुख्यमंत्री  कमलनाथ एवं म.प्र. शासन के विधि एवं विधायी कार्य विभाग मंत्री श्री पी.सी. शर्मा द्वारा म.प्र. कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री श्री सुरेन्द्र चौधरी की अनुशंसा पर वरिष्ठ अधिवक्ता श्री रामकुमार अग्रवाल को शासकीय अभिभाषक नियुक्ति किये जाने पर एड. रामकुमार अग्रवाल ने साथियों के साथ म.प्र. कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री श्री सुरेन्द्र चौधरी के भगवानगंज स्थित निवास पर पहुंचकर शासन द्वारा शासकीय अभिभाषक नियुक्ति किए जाने पर म.प्र. शासन के मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ जी एवं म.प्र. शासन के विधि एवं विधायी कार्य विभाग मंत्री श्री पी.सी. शर्मा तथा पूर्व मंत्री श्री सुरेन्द्र चौधरी का आभार व्यक्त किया तत्पश्चात् तीनबत्ती स्थित डॉ. सर हरीसिंह गौर की प्रतिमा पर पूर्व मंत्री श्री सुरेन्द्र चौधरी की मुख्य उपस्थिति में माल्यार्पण किया। इस दौरान उपस्थित जनों ने म.प्र. कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री श्री सुरेन्द्र चौधरी व नव नियुक्त शासकीय अभिभाषक एड. रामकुमार अग्रवाल का फूल मालाओं से स्वागत कर म.प्र. शासन के मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ जी एवं म.प्र. शासन के विधि एवं विधायी कार्य विभाग मंत्री श्री पी.सी. शर्मा व वरिष्ठ नेताओं का आभार व्यक्त किया। इस दौरान मुख्य रूप से पुरुषोत्तम मुन्ना चौबे, जितेन्द्र सिंह चावला, अखिलेश मौनी केशरवानी, अमित रामजी दुबे, पप्पू गुप्ता, सिंटू कटारे, राशिद खान, एड. सुनील सिंह, अशरफ खान, ओमप्रकाश पाण्डेय, एम.आई. खान, डा. जीवनलाल सेन, अनिल कुर्मी, अबरार सौदागर, राकेश यादव, आशीष चौबे, अक्षय दुबे, विकास तिवारी, राजेश यादव, रोहित वर्मा, केशव सेन, राजेश श्रीवास, छतर सिंह, लक्ष्मन प्रसाद, रूपेश अहिरवार आदि मौजूद थे।
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संसदीय कार्यशाला-वर्तमान में चौथा स्तम्भ मीडिया मजबूती से उभरा

संसदीय कार्यशाला-वर्तमान में चौथा स्तम्भ मीडिया मजबूती से उभरा
सागर।  शासकीय स्वशासी कन्या स्नातकोत्तर उत्कृष्टता महाविद्यालय, सागर में आज पं. कुंजीलाल दुबे प्रथम विधानसभा अध्यक्ष के द्वारा प्रदान की गई राशि से संसदीय प्रक्रिया एवं पद्धति कार्यक्रम आयोजित किया गया। मुख्य अतिथि पूर्व विधायक  सुनील जैन विषय विशेषज्ञ डाॅ. बी.डी. अहिरवार प्राचार्य शासकीय महावि. जबेरा विशिष्ट अतिथि श्रीमती विधि सक्सेना अपरात्र न्यायधीश जिला सागर विधिक सेवा प्राधिकरण सागर विषय विशेषज्ञ सर्वेश्वर उपाध्याय प्राध्यापक डाॅ. हरीसिंह गौर महावि. सागर उपस्थित हुए। कार्यशाला के उद्धेश्य एवं प्रारूप बताते हुए डाॅ. सुनीता त्रिपाठी ने कहा कि कुंजीलाल दुबे विद्यापीठ 24 मार्च 1998 में विद्यार्थी को विद्यापीठ की स्थापना की गई। संसदीय जानकारी प्रदान करने के उद्धेश्य से की गई ताकि भविष्य में जो बच्चे राजनीति में जाए वे समस्त जानकारी के साथ वहाॅ प्रतिनिधित्व करे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि  सुनील जैन पूर्व विधायक एवं उद्योगपति ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा वर्तमान में चैथा स्तंभ मीडिया के रूप  में बहुत मजबूती से उभरा है। दिनभर चलने वाली न्यूज को न्यायपालिका, विधायिका या कार्यपालिका नजर अंदाज नहीं कर पाती एवं कार्यवाही आवश्यक हो जाती है। विशिष्ठ अतिथि श्रीमति विधी सक्सेना विधिक सेवा प्राधिकरण जिला न्यायालय ने संबोधित करते हुए कहा कि यह आयोजन न्यायपालिका से भी संबंधित है। संविधान का अनुछेद 32 एवं 226 को तहत यह उत्तरदायित्व दिया गया है कि मौलिक अधिकारों की रक्षा करें। संविधान एक ऐसी मातृ पुस्तक है, वह सभी धर्मों को समदृष्टा की भांति देखती है। संविधान 39। कहता हैकि उन लोगों तक न्याय पहुँचाएँ जिन तक कोई नहीं पहुँचता। उनके लिए सुलभ न्याय हेतु 1987 में कानून बनाया गया। न्यायालय की समाज में फिल्मों से एक अलग इमेज बनाई है। वास्तव में न्यायालय आपकी समाज का अंग है एवं सामान्य रूप से कार्य करता है। एक लाख से कम वार्षिक आय प्राप्त करने वाले लोगों को न्याय हेतु संविधान के भा 3-51। से प्राप्त होती है। कतव्र्य की पूर्ति इमानदारी से करने पर अधिकार स्वतः प्राप्त होते हैं। 2012 में निर्भया कानून बना जो बच्चियों की सुरक्षा कर सके। इसके साथ  इसकी खामी को पूरा करने के लिए 2018 में म.प्र. शासन ने और कानून बनाया तथा दो कोर्ट ऐसे ही मामलों के लिए बनाए गए।
डाॅ. सर्वेश्वर उपाध्याय विषय विशेषज्ञ ने कहा संसदीय व्यवस्था का मूल मंत्र जागरूकता में निहित है। डाॅ. अंबेडकर जी के अनुसार इसमें जवाबदेहिता की अधिकता के कारण अपनाई गई। लोकतंत्र में दो प्रकार की शासन व्यवस्था है। संसदीय एवं अध्यक्षीय व्यवस्था अफ्रीका, फ्रांस एवं अमेरिका में अध्यक्षीय एवं लगभग शेष भारत में संसदीय व्यवस्था है। जो सरकारें निर्वाचित हो एवं बहुमत प्राप्त करें, उन्हें सत्ता के मद में अपना मेनीफेस्टो भूलना नहंी चाहिए। अपना दायित्व हेतु जवाबदेही अवश्य होना चाहिए। दिल्ली की हिंसा पर चर्चा ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के तहत की जा रही है। ध्यानाकर्षण में आपातकालीन मुद्दों पर चर्चा की जानी है। डाॅ. बी.डी. अहिरवार 1996 के बाद भारत का राजनीतिक परिदृश्य बदला है। अब सरकारें बहुमत में आकर अपना कार्यकाल पूर्ण कर रही है। यह प्रजातंत्र का शुभ संकेत है। इसलिए व्यवस्था ही सर्वश्रेष्ठ व्यवस्था है। सभी चार सत्रों के प्रश्न लगवाने हेतु 22 दिन पूर्व प्रश्न लगाना होता है एवं लाटरी प्रक्रिया से प्रश्न लगाया जाता है। 1862 में ही हमारे देश में संसदीय प्रक्रिया का प्रारंभ हो चुका था। कार्यक्रम की अध्यक्ष एवं संरक्षक डाॅ. इला तिवारी ने कहा कि विषय विशेषज्ञ ने आपको विस्तृत जानकारी प्रदान की। यह विषय प्रत्येक व्यक्ति से जुड़ा एवं संवेदनशील है तथा भविष्य की राजनीतिक पीढ़ि को यह व्यवहारिक ज्ञान उन्हें दिशा देगा एवं भविष्य के लिए तैयार करेगा। कार्यक्रम का संचालन डाॅ. रजनी दुबे, प्राध्यापक राजनीति शास्त्र ने किया एवं आभार राजनीति शास्त्र. की विभागाध्यक्ष डाॅ. सुनीता त्रिपाठी ने माना।
डाॅ. आशा पाराशर, डाॅ. रेखा बख्शी, डाॅ. पद्मा आचार्य, डाॅ. मोनिका हर्डिकर, डाॅ. सुनीता सिंह, डाॅ. निशा इन्द्र गुरू, डाॅ. अंजना नेमा, डाॅ. रश्मि दुबे, डाॅ. प्रतिमा खरे, डाॅ. डी.के. गुप्ता, डाॅ. नरेन्द्र सिंह ठाकुर, डाॅ. सुनील श्रीवास्तव, डाॅ. भावना यादव, डाॅ. अंशु सोनी, डाॅ. अपर्णा चाचैंदिया, डाॅ. शक्ति जैन, डाॅ. रश्मि मलैया, डाॅ. भावना रमैया, डाॅ. अरविन्द बोहरे, डाॅ. दीपा खटीक, डाॅ. नीतेश ओबेराइन, डाॅ. कुलदीप यादव मौजूद थे।

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कालेज के प्राचार्य को 16 साल की कठोर कैद, 2 लाख 10 हजार का जुर्माना ,रुपए लेकर बदल देता था उत्तर पुस्तिकाएं

कालेज के  प्राचार्य को 16 साल की कठोर कैद, 2 लाख 10 हजार का जुर्माना ,रुपए लेकर बदल देता था उत्तर पुस्तिकाएं
छतरपुर। वर्ष 2007 के शिक्षा से जुड़े चर्चित मामले में जिला अदालत ने फैसला दिया है। महाविद्यालय के प्राचार्य के द्वारा छात्र-छात्राओं को परीक्षा में पास कराने के एवज में 5 हजार रुपए लेकर उत्तर पुस्तिकाएं बदलकर हेरा फेरी की जाती थी। कोर्ट ने आरोपी प्राचार्य को 16 साल की कठोर कैद के साथ दो लाख दस हजार रुपए के जुर्माना की सजा दी है। कोर्ट ने सजा सुनाने के बाद प्राचार्य को जेल भेज दिया।
एडवोकेट लखन राजपूत ने बताया कि डाॅ0 सुभाषचंद्र आर्य उप कुलसचिव हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर के परीक्षा गोपनीय विभाग में पदस्थ थे। जिन्होनें शासकीय महाविद्यालय हरपालपुर में आयोजित वर्ष 2007 की मुख्य परीक्षा में की गई अनियमितताओं की जांच के बाद एफआईआर दर्ज करने के लिए हरपालपुर थाना में आवेदन दिया था। शासकीय महाविद्यालय हरपालपुर को मुख्य परीक्षा 2007 का परीक्षा केंद्र बनाया गया था। 
परीक्षा केंद्र के अधीक्षक डाॅ. नवरत्न प्रकाश निरंजन प्रभारी प्राचार्य शासकीय महाविद्यलाय हरपालपुर को नियुक्त किया था। जिनकी जिम्मेदारी में समस्त परीक्षा संचालित होनी थी। उत्तर पुस्तिकाओं का लेखा जोखा, प्रश्न पत्रों का संपूर्ण हिसाब दिए जाने की जिम्मेदारी डाॅ निरंजन की थी। डाॅ निरंजन के द्वारा इस कार्य में घोर लापरवाही की गई। परीक्षा केंद्र में एक ही रोल नंबर की दो उत्तर पुस्तिकाएं एवं एक उत्तर पुस्तिका कम मिलने के संबंध में कुल सचिव द्वारा जांच समिति गठित की गई थी। जांच में सामने आया कि परीक्षा हस्ताक्षर सीट में दर्ज उत्तर पुस्तिकाओ के सरल नंबर और मुख्य उत्तर पुस्तिकाओ के सरल नंबर अलग अलग थे। जांच समिति के सामने भी डाॅ निरंजन अपना जवाब देने उपस्थित नही हुए। समिति ने पाया कि हरपालपुर महाविद्यालय के अलावा मुख्य रुप से प्रभारी प्राचार्य डाॅ निरंजन, परीक्षा संचालन कार्य में लगे महाविद्यालय के शिक्षक, कर्मचारी लिप्त और दोषी है। और जांच समिति के सामने अपना पक्ष रखने से बच रहे है। परीक्षा भवन में छात्र-छात्राएं उत्तर पुस्तिकाओं में अपना रोल नंबर, तारीख, पेपर का नाम स्वयं भरते है और अपने हस्ताक्षर करते है। यही उत्तर पुस्तिका परीक्षक के पास मूल्यांकन के लिए भेजी जाती है। लेकिन परीक्षा भवन में दी गई उत्तर पुस्तिका एवं परीक्षक के पास मूल्यांकन हेतु भेजी गई उत्तर पुस्तिकाओं में सरल क्रमांक में अंतर पाया गया। परीक्षा भवन में छात्रो को दी गई उत्तर पुस्तिका को महाविद्यालय में बाद में बदल दिया जाता है और परीक्षा भवन से बाहर लिखी गई उत्तर पुस्तिका बंडल में रख दी जाती है। इस हेराफेरी और अनियमितता में रुपयों की भारी लेनदेन की संभावना से इंकार नही किया जा सकता है। गजेंद्र सिंह बघेल और कु0 अंकिता चतर्वुेदी के बयान से भी रुपयों के लेन देन की पुष्टि हुई। जांच समिति ने बीएससी, बीए, एमए, की 15 कक्षाओं की परीक्षा में 361 पुस्तिकाओ में हेराफेरी पाई। थाना हरपालपुर ने प्राचार्य डाॅ. नवरत्न प्रकाश निरंजन शासकीय महाविद्यालय राजा हरपालपुर, उनके शिक्षक, कर्मचारी, छात्र छात्राओ के खिलाफ मामला दर्ज किया। पुलिस ने आरोपी प्राचार्य डाॅ निरंजन को गिरफ्तार कर मामला कोर्ट में पेश किया था।
न्यायाधीश आरएल शाक्य की अदालत ने सुनाई सजाः
अभियोजन की ओर से एजीपी अरुण देव खरे ने पैरवी करते हुए मामले के सभी सबूत एवं गवाह कोर्ट के सामने पेश किए और आरोपी प्राचार्य को कठोर सजा देने की दलील रखी। पंचम अपर सत्र न्यायाधीश आरएल शाक्य की अदालत ने फैसला सुनाया है कि आरोपी प्राचार्य के द्वारा शिक्षा से संबंधित परीक्षाओ में गंभीर अनियमितता करते हुए उत्तर पुस्तिकाओं में हेरा फेरी करके अवैधाानिक लाभ प्राप्त किया है। ऐसे मामले नरम रुख अपनाया जाना कानून की नजर से सही नही है। कोर्ट ने आरोपी प्राचार्य डाॅ निरंजन को दोषी पाते हुए 16 साल की कठोर कैद के साथ दो लाख दस हजार रुपए के जुर्माना की सजा सुनाई है।

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