रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़े गये पटवारी को 5 वर्ष की सजा,15 हजार रूपये का अर्थदण्ड भी

रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़े गये पटवारी को 5 वर्ष की सजा,15 हजार रूपये का अर्थदण्ड भी
टीकमगढ़।  विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम टीकमगढ़ ने पटवारी द्वाराया रिश्वत लेने के मामले में 5 साल की सजा और 15 हजार के अर्थदंड की सजा सुनाई है। इसकी पैरवी  आर .सी. चतुर्वेदी सहा. जिलाअभियोजन अधिकारी, टीकमगढ़ ने की।
अभियोजन के अनुसार विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, टीकमगढ़
द्वारा विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त संगठन सागर के एक मामले में आरोपी पटवारी नंदकिशोर सौर को रिश्वत मांगने के अपराध धारा 7 भ्रष्टाचार अधिनियम में 4 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5000/- (पांच हजार रुपये)
रू. का अर्थदण्ड तथा रिश्वत लेने के अपराध धारा 1312) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में 5 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 10000/-रू. (दस हजार रूपये) के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है।
सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्री संदीप सरावगी ने बताया कि दिनांक 18.10.2015 को ग्राम सगरवारा तहसील लिधौरा जिला टीकमगढ़ निवासी आवेदक/फरियादी प्रतम पाल पिता लक्ष्मन पाल ने पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त सागर के समक्ष शिकायती आवेदन प्रस्तुत किया कि उसने अपनी पैतृक भूमि का बंटवारा करवाने हेतु सकिल स्यावनी तहसील लिधौरा जिला टीकमगढ़ में दिनांक 05.05.2015  को आवेदन दिया था जिस पर आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई। वह दो तीन बार बंटवारा करवाने के लिये पटवारी नंदकिशोर
सौर से मिला तो उसके द्वारा बंटवारा करवाने के एवज में 8000/-रूपये (आठ हजार रूपये) की मांग की जा रही है। वह रिश्वत नहीं देना चाहता है बल्कि उसे रिश्वत लेते हुये रंगेहाथों पकड़वाना चाहता है। उक्त शिकायत के सत्यापन हेतु लोकायुक्त पुलिस द्वारा उसे एक वॉयर रिकर्डर लेन-देन वात िरिकार्ड करने हेतु जारी किया गया। आवेदक द्वाराआरोपी पटवारी नंदकिशोर सौंर से संपर्क कर रिश्वत मांग संबंधी बातचीत रिकर्ड कर ली। बातचीत के दौरा आरोपी
पटवारी द्वारा 12,000/- (बारह हजार रूपये) की मांग की एवं रिश्वत राशि 6000/- (छ: हजार रूपये) लेने कोसहमत हो गया। वॉयस रिकार्डर से शिकायत की पुष्टि होने पर लोकयुक्त पुलिस द्वारा आरोपी को रंगे हाथों पकड़ने
हेतु एक ट्रेप दल का गठन किया गया। एवं प्रारंभिक कार्यवाहियों के उपरांत ट्रेपदल दिनांक 19.10.2015 कोशासकीय वाहनों से लोकायुक्त कार्यालय सागर से रवाना होकर टीकमगढ़ पहुंचा। आवेदक प्रीतम पाल ने आरोपीनंदकिशोर सौर से संपर्क किया तो उसने दिगौड़ा में मिलने के लिये कहा गया। दिगोड़ा में पहुंचकर ट्रेपदल द्वारा।अपनी पहचान छिपाते हुये आवेदक को आरोपी के पास रिश्वत देने हेतु भेजा। दिगोड़ा बस स्टेण्ड पर आरोपीनंदकिशोर सौर अपनी मोटर साईकिल से आकर रोड के किनारे रूक गया तब आवेदक आरोपी के पास गया तथाजैसे ही उसने रक्षित की राशि जेब से निकालकर आरोपी को दी और सिर पर हाथ फेरकर इशाकर किया तो ट्रेपदलने आरोपी नंदकिशोर सौर को चारों तरफ से घेर लिया। रिश्वत की राशि 6000/- उसकी पेंट की जेब से बरामद करसोडियम कानिट के घोल में हाथ धुलवाये गये तो घोल का रंग गुलाबी हो गया। प्रकरण में संपूर्ण अनुसंधान उपरांत
विभाग से अभियोजन स्वीकृति प्राप्त होने के उपरांत आरोपी के विरूद्ध विचारण हेतु अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुतकिया गया। माननीय न्यायालय द्वारा विचारण उपरांत आरोपी नंदकिशोर सौर, पटवारी को रिश्वत मांगने एवं रिश्वत लेने के मामले में दोषसिद्ध ठहराते हुये रिश्वत मांगने के अपराध धारा 7 भ्रष्टाचार अधिनियम में 4 वर्ष का सश्रम
कारावास एवं 5000/- (पांच हजार रूपये) रू.का अर्थदण्ड तथा रिश्वत लेने के अपराध धारा 13(2) भ्रष्टाचारनिवारण अधिनियम में 5 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 10,000/- रू. (दस हजार रूपये) के अर्थदण्ड से दण्डित किया
गया है।
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30 मार्च के पहले राजस्व वसूली के निर्देष, एक पटवारी निलंबित

30 मार्च के पहले राजस्व वसूली के निर्देष, एक पटवारी निलंबित
सागर । राजस्व विभाग की मासिक समीक्षा करते हुए एसडीएम श्री संतोष चंदेल ने गुरूवार को पुराने कलेक्टर भवन के सभाकक्ष में राजस्व निरीक्षकों एवं पटवारियों को निर्देष दिए कि 30 मार्च के पहले डायवर्सन शुल्क की वसूली करें। उन्होंने एक पटवारी को निलंबित भी किया। इस अवसर पर तहसीलदार श्री नरेन्द्रबाबू यादव, समस्त नायब तहसीलदार एवं सागर तहसील के राजस्व निरीक्षक तथा पटवारी उपस्थित थे।
समीक्षा बैठक में श्री चंदेल ने निर्देष दिए कि डायवर्सन शुल्क की वसूली 30 मार्च के पूर्व अभियान चलाकर करें। साथ ही पीएम किसान योजना, आधार संषोधन, खातों में आधार लिंक कराने एवं क्षति पत्रक (फसल खराब) की समीक्षा की। साथ ही निर्देष दिए कि समस्त राजस्व निरीक्षक एवं पटवारी यह प्रमाण पत्र दें कि उनके क्षेत्र में कोई भी सूखा राहत एवं अतिवृष्टि का प्रकरण लंबित नहीं है। बैठक में नरयावली, परसोरिया, सुरखा, सागर-1 एवं सागर-2 के राजस्व अमला मौजूद था।
पटवारी मिश्रा निलंबित
परसोरिया सर्किल के ग्राम शाहपुर के पटवारी श्री कृष्ण कुमार मिश्रा को मुख्यालय पर न रहने एवं समीक्षा बैठक में अनुपस्थित रहने पर एसडीएम श्री संतोष चंदेल ने निलंबित किया है। निलंबन अवधि में श्री मिश्रा का मुख्यालय तहसील जैसीनगर होगी एवं निलंबन अवधि में जीवन निर्वाह भत्ता की पात्रता होगी
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बुंदेलखंड बना पर्यटकों की पसंद, पांच साल में दोगुने से अधिक बढ़े पर्यटक

बुंदेलखंड बना पर्यटकों की पसंद, पांच साल में दोगुने से अधिक बढ़े पर्यटक

#संख्या के हिसाब से चित्रकूट में आये सर्वाधिक पर्यटक
#पर्यटकों की संख्या की वृद्धि से लिहाज से झांसी नंबर वन

@गिरीश पांडेय
 लखनऊ। शौर्य और संस्कार की धरती। ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से बेहद संपन्न बुंदेलखंड पर्यटकों के आकर्षण के नये केंद्र के रूप में उभरा है। पिछले पांच वर्षों के दौरान बुंदेलखंड क्षेत्र में आने वाले पर्यटकों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि इसका सबूत है। अधिकांश वृद्धि पिछले तीन वर्षो में तब हुई जब योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने।
पर्यटन विभाग से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2015 में बुंदेलखंड में कुल 16349869 पर्यटक आए। वर्ष 2019 के 29 जनवरी तक इनकी संख्या बढक़र 32768418 हो गयी। दोगुने से अधिक की यह वृद्धि पर्यटन विभाग के किसी भी क्षेत्र रीजन में नहीं हुई। बुंदेलखंड के समग्र विकास को लेकर सरकार की जो योजनाएं हैं यकीनन आने वाले समय में इस क्षेत्र में बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे और डिफेंस कॉरीडोर जैसी महत्वाकांक्षी योजनाओं के जरिए निवेश भी आएगा और पर्यटकों की आमद भी बढ़ेगी।
बुंदेलखंड का समग्र विकास मुख्यमंत्री की प्राथमिकता
 दरअसल मुख्यमंत्री शुरू से ही बुंदेलखंड की संभावनाओं के मद्देनजर इस पूरे क्षेत्र के विकास के प्रति प्रतिबद्ध रहे हैं। वह तो यहां तक कह चुके हैं कि आने वाले समय में बुंदेलखंड उप्र का स्वर्ग बनेगा। इस घोषणा को धरातल पर उतारने के लिए कई काम भी चल रहे हैं। मसलन हाल ही में बुंदेलखंड के चित्रकूट, बांदा और जालौन जिलों को जोडऩे वाली 14849करोड़ रुपये की लागत वाली 296 किमी लंबे बुंदेलखंड एक्सप्रेस का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शिलान्यास कर चुके हैं। सरकार की मंशा इसे 36 की बजाय 24 महीने में पूरा करने की है।
इसी दौरान प्रधानमंत्री ने डिफेंस कॉरीडोर का भी उद्घाटन किया। इसके छह नाड्स में झांसी और चित्रकूट बुंदेलखंड में हैं। इसमें होने वाले प्रथम चरण के 50 हजार करोड़ के निवेश से करीब पांच लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। बेहतर कनेक्टिविटी देने के लिए बुंदेलखंड एक्सप्रेस के अलावा सरकार झांसी और चित्रकूट में हवाई अड्डा बनाने की भी घोषणा कर चुकी है। मुख्यमंत्री भगवान श्रीराम से जुड़े चित्रकूट को प्रयागराज की तरह विकसित करने की घोषणा कर चुके हैं। उनके नेतृत्व में वहां के रामायण मेले को अयोध्या के दीपोत्सव, मथुरा के कृष्ण जन्मोत्सव और बरसाने की होली की तरह नयी पहचान देने की कोशिश की जारी है।सिंचाई और शुद्ध पानी पर जोर
इन कामों के अलावा बुंदेलखंड के समग्र विकास के लिए और भी बहुत कुछ योगी सरकार कर रही है। बुंदेलखंड को सोलर इनर्जी का हब बनाने के लिए चार हजार मेगावॉट सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए ग्रीन इनर्जी कॉरीडोर के निर्माण का निर्णय सरकार ने मौजूदा बजट में लिया है।
औसत से कम बारिश के कारण सूखा और पानी की किल्लत बुंदेलखंड की सबसे बड़ी समस्या है। इससे निजात दिलाने के लिए सरकार बारिश के हर बूंद के संरक्षण के लिए खेत-तालाब योजना के तहत वहां युद्ध स्तर पर तालाब खुदवा रही है। इस क्रम में वहां अब तक 8384 से अधिक तालाब खुद चुके हैं। अभी छह हजार से अधिक तालाब खुदने हैं। विश्व बैंक से पोषित उप्र वाटर रीस्ट्रक्चरिंग परियोजना के तहत भावनी, रसिन,बंडई, और लखेरी समेत नौ परियोजनाओं पर भी काम चल रहा है। इनके पूरा होने पर 18399 हेक्टेयर सिंचन क्षमता बढ़ेगी और करीब 16 हजार किसानों को लाभ होगा। 
लोगों को शुद्ध पानी मिले इसके लिए पाइप पेयजल योजना के तहत सरकार 9000 करोड़ रुपये की लागत से चरणबद्ध तरीके से हर गांव और घर तक पानी पहुंचाएगी।
बुंदेलखंड क्षेत्र में आने वाले पर्यटक
स्थान       पर्यटक-2015     पर्यटक-2015
चित्रकूट     5876469       7239458
झांसी        2940535       8035046
जालौन      1337236       4514591
ललितपुर    1270727       5226251
देवगढ़      1004575       2261824
बांदा        745549        1211201
कालिंजर    642219        881853
महोबा      1093896       1262402
चरखारी    1022737        623298
राजपुर      415926         623298
हमीरपुर     अनुपलब्ध       327510
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कुल       16349869       32768418
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पत्रकारिता के जुनून को जिंदा रखने की जिद का माध्यम बना स्पीकिंग फार्म्स


पत्रकारिता के जुनून को जिंदा रखने की जिद का माध्यम बना स्पीकिंग फार्म्स

#अलग-अलग फील्ड के लोगों का सामूहिक प्रयास 
#उत्पादन से लेकर बनाने तक में प्राकृतिक प्रकिया और मानवश्रम का उपयोग

भोपाल । वक्त जब जब आजमाता है सारे रास्ते बंद लगते हैं तभी रोशनी का एक छोटा सा कण देखकर आगे बढ़ जाती हैं। नए रास्ते की तलाश में। पत्रकारिता में 18-19 साल का समय बीत जाने के बाद कोई ये कहे कि वो पत्रकारिता छोड़ रहा है तो वो झूठ बोलता है। क्योंकि पत्रकारिता पत्रकार को कभी नहीं छोड़ती। ये उस बेवफा प्रेमी या प्रेमिका की तरह होती है जिसे न छोड़ा नहीं जा सकता। वो चाहे लाख परीक्षा ले ले।। 
तो ऐसी पत्रकारिता को छोड़ने का तो ममता यादव भी सोच नहीं सकती थी। जब पारिवारिक जिम्मेदारियों का निर्वहन करना हो और अपने ईमान को भी जिंदा रखना हो और वो भी एक महिला पत्रकार होने के बाद तो पत्रकारिता जैसा पेशा एक जूनून की दरकार रखता है ।

पत्रकारिता, ईमान और इस जुनून को जिंदा रखने के लिये जरूरी होता है एक फ़ायनेंसियल बैकअप। जो कि ईमानदार निष्पक्ष पत्रकारिता में सम्भव नहीं। दिक्कत ये है कि समाज को अच्छे ईमानदार निष्पक्ष निडर पत्रकार तो चाहिए पर ये पत्रकार जिंदा कैसे रहें इसके बारे में समाज कभी बात नहीं करता। ऐसी ही जद्दोजहद के बीच दिमाग में आया क्यों न जैविक सब्जियों की खेती की जाए? पर इसके लिये भी जमीन के लिये भी पैसा नहीं था। ऐसे में सम्पर्क में आया एक नैचुरल फार्मिंग ग्रुप और उनके उत्पादों के आइडिया। गुड़ की इतनी वैरायटी थीं और हर वैरायटी का औषधीय महत्व था। शहद इतने प्रकार का भी हो सकता है पता नहीं था। फिर औषधीय गुणों वाली गुड़ की राव  का पता चला। जो कि शुगर पेशेंट तो उपयोग कर ही सकते हैं और थायराइड की अचूक औषधि है। चावल ज्वार सरNसों हर चीज़ की खेती में जीवामृत पद्धति (गाय का गोबर गौमूत्र मठा, बेसन पीपल या बरगद के नीचे की मिट्टी और पानी) से की जाती है। 
तो इसमें जिज्ञासा भी जागी। ऐसे एक आजीविका  का साधन खोजते-खोजते पत्रकारिता का एक नया विषय मिला। काम में मजा आने लगा। लोगों तक उत्पाद पहुंचे और उनके चेहरे पर संतुष्टी की मुस्कान देख लगा कुछ अच्छा कर रहे हैं। ऐसे बनी स्पीकिंग फार्म्स नैचुरेल प्रोडक्ट मार्केटिंग कम्पनी।
स्पीकिंग फार्म्स क्यों इसका जवाब आपको नीचे मिलेगा।
स्पीकिंग फार्म्स की टीम अपने आप मे अनोखी टीम है। एक पत्रकार, एक भारत की पहली थर्ड जेंडर धनंजय, महेंद्र मुद्गल बिजनेस मेन (मॉल एंटरप्रेन्योर) अरविंद सिंह जो कि खुद कृषक हैं और नैचुरल खेती की पुरानी परम्परा के प्रयोगों, देशी बीज की खोजों और दूसरी रिसर्च में लगे रहते हैं। 
#Speaking_Farms 
खेत भी बोलते हैं कि मुझमें जहर मत छिड़को, खेत भी कहते हैं कि मुझमें घटिया GMO/BT बीज मात डालो, खेत भी बोलते हैं कि हमसे प्रेम करो, खेत कहते हैं कि हम तुम्हें स्वाद, शुध्दता और असीमित प्रेम करेंगे, खेत बोलते हैं कि तुम हमारे किनारों पे पेड़ लगाओ हम तुम्हें फल देंगे, छाया देंगे। 
हाँ खेत बोलते हैं, कहते हैं कि कृषि एक यज्ञ है, हम खेत यज्ञ का कुंड और जो खाद बीज दोगे वो हवन की समिधा है। 
हां खेत यह बोलते हैं, और ये हमने सुना है, पशु पक्षी बोलते हैं, हमने सुना है इसलिए #देशी_गौवंश आधारित, प्रकृति के साथ साथ सहअस्तित्व की भावना के साथ हम आगे बढ़ रहे हैं। 
#Speaking_farms ऐसे ही बोलने वाले खेतों और सुनने वाले कृषकों का समूह के उत्पादों को आप तक पहुंचाने वाला नाम है। इस परिवार में 10 से अधिक किसान एवं ग्रामोद्योग समूह और उनके संस्थान जुड़े हैं। 
#speaking_farms इस बात का हमेशा प्रयास करेगा कि आपकी थाली तक नैतिकता पूर्वक उत्पादों के सप्रेम भेजता रहे। 
#Speaking_farms  नैसर्गिक/ प्राकृतिक कृषि पद्धति में विश्वास करता है। इस पद्धति का सबसे पहला नियम है बीजों में शुद्धता अर्थात पुरातन देशी बीजों से कृषि करना। बीज का जीवन में बहुत महत्व है, हम ऐसे बीजों (GMO/BT) का प्रयोग नहीं करते जो बीज से बीज तैयार नहीं होते, क्योंकि जी बीज स्वयं उत्पत्ति नहीं कर सकता उसे खाने से क्या लाभ होंगे क्या हानि ये आपको स्वयं सोचना है। हम अपनी कृषि पद्धतियों में यह सुनिश्चित करते हैं कि मीथेन का उत्सर्जन नहीं हो। देशी गाय के गौमूत्र और गोबर के प्रयोग से तैयार तरह तरह के अमृत समान घोल खेतों के भोजन है। हम SPNF पद्धति को भी प्रयोग में ला रहे हैं। 
ORGANIC  सर्टिफिकेशन अमेरिका के USDA का प्रमाणीकरण है। यूनाइटेड स्टेट डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर (USDA) के अनुसार बना ORGANIC  वहां की जलवायु और कृषि पद्धति के अनुसार काम करता है। इसमें बीजों की शुद्धता का कोई कठोरतम नियम नहीं है। इसमें मीथेन का उत्सर्जन है। आप इंटरनेट पे तमाम आलेख पढ़ सकते हैं। हमारा उद्देश्य किसी की बुराई करना नहीं है। 
हम बीजों की शुद्धता के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम मीथेन के उत्सर्जन के नियंत्रण के लिए भी प्रतिबद्ध हैं। हम आपके साथ इस विश्वास को कायम करने के लिए काम कर रहे हैं कि खेत और पेट का विश्वास फिर से कायम हो सके। आपको दिनोंदिन गुणवत्ता में सतत विकास महसूस होता जाएगा, क्योंकि प्रकृति को नाराज करने में हम सबकी भूमिका है, हम अपने रूठे हुए खेतों को मनाने में सफल हो रहे हैं । आशा है आप भी साथ आएंगे और हम सब खेतों के साथ मिलकर प्रकृति के गीत गुनगुनायेंगे। 
 परिवार के सभी सदस्यों में मुख्य भूमिका में 
सुश्रीममता यादव Mx धनंजयसिंह चौहान
श्रीमहेंद्र कुमार मुदगल श्रीअरविंद
प्रोडक्शन फार्मिंग टीम
हमारे TEFO ग्रुप के परिवार में (TEFO - THE ETHICAL FARMERS ORGANIZATION) जो अन्य विशेषज्ञ हैं वे
श्री_अनूप_सिंह_परमार 
श्री_आर_डी_त्यागी
श्री_रंजीत_रंधावा
श्री प्रफुल्ल श्रीवास्तव
MGSA_JOURA
Doceza_organics
ESJ_FARMERS 

#SPEAKING_FARMS के उत्पाद 
घी
शुद्ध भारतीय नश्ल कीबदेशी गाय (गिर/शाहीवाल/थारपारकर/हरियाणा आदि) का पुरातन बिलौना पद्धति से प्राप्त देशी घी।
गायें अपने चारे में  पेस्टिसाइट फ्री चारा ही ग्रहण करती हैं, एवं उनके पास वाकिंग स्पेस बहुत है। 
घी उच्च गुणवत्ता युक्त  है।

देशी गाय का घी सेहत के लिए बेहद लाभदायक होता है, आप अपने आयुर्वेदिक चिकित्सक से इसके लाभ जानें
शहद
चम्बल अंचल में मीठी क्रांति के जनक कहे जाने वाले श्री प्रफुल्ल श्रीवास्तव के मार्गदर्शन में Speaking farms आपको उपलब्ध करवाते हैं शुद्धतम शहद,
अहिंसक प्रक्रिया से तैयार यह शहद खाते समय आप महसूस करेंगे कि आपके शहद के लिए एक भी लार्वा या मधुमक्खी 
की हत्या नहीं हुई है, न किसी मधुमक्खी का घर उजाड़ा है और न उसके भोजन के हिस्से को चुराया है। 
प्रिजर्वेटिव फ्री शहद,
नो एडेड शुगर
नो एडेड फ्लेवर
सभी फ्लेवरों का चयन मधुमक्खी ही करती है, ये सभी फ्लेवर प्राकृतिक हैं। 
वर्सेम_शहद ,अजवाइन_शहद ,खैर_शहद
#सरसों_शहद
#जामुन_शहद
#नीम_शहद
#सौंफ_शहद
#धनिया_शहद
#मल्टीफ्लोरा_शहद
सरसों_तेल 
कई दशकों पुराने शुद्ध देशी बीज से पेस्टिसाइट मुक्त, रासायनिक खाद मुक्त सरसों के बीज से लकड़ी की घाणी में तैयार कोल्ड प्रोसेस्ड शुद्धतम सरसों का तेल जिसमें एसेंसियल ऑयल की मात्रा सामान्य शुद्ध तेल से लगभग दोगुनी है एवं  एसिड वेल्यु लगभग 0.90% मात्र है।  किसी भी तेल की एसिड वेल्यु 1.5% से ज्यादा नहीं होना चाहिए। बाजार में उपलब्ध तेल या सरकारी मानक एसिड वेल्यु को मेंशन ही नहीं करवाते। 
इसी तरह हमारे पास आपके लिए जो तेल हैं वो 
#सरसों_तेल
#अलसी_तेल
#तिल_तेल
#SPEAKING_FARMS_premium_jaggery गुड़_की_मिठास 
हम, गन्ने की सभी प्रजातियां IISR (इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ सुगरकेन रिसर्च) प्रमाणित ही प्रयोग में ला रहे हैं, गुड़ का निर्माण करते समय किसी भी केमिकल के प्रयोग को हम नैतिक नहीं मानते एवं पूर्णतः केमिकल फ्री प्रक्रिया का पालन किया जाता है। गुड़ के सभी फ्लेवर प्राकृतिक एवं शुध्द होते हैं एवं उन्हें एक विशेष प्रक्रिया से गुजरना होता है, तब जाकर आपको शानदार स्वाद और शुध्दता मिल पाती है। 
हम सभी किसी न किसी रूप में कोइ न कोई स्वाद के प्रशंसक होते हैं और किसी न किसी औषधि को नित्य जीवन मे ग्रहण करते ही हैं। इसलिए 20 से अधिक फ्लेवरों में आपके लिए गुड़ तैयार किया जाता है। यह गुड़ एकदम प्रीमियम क्वालिटी का होता है। #Speaking_Farms अपने फ्लेवरों के तत्व एवं गन्ने की विशेष वैरायटी, का चयन कर इसे बेहद विशेष कठिन प्रक्रिया से तैयार कर उच्च गुणवत्ता की पैकिंग में आप तक पहुंचाता है। 
गुड़ के फ्लेवर
#ड्रायफ्रूट्स_गुड़
#गोंद_गुड़
# चोको_पीनट्स_गुड़
#साबूदाना_गुड़
#चॉकलेट_गुड़
#इलायची_गुड़
#अलसी_गुड़
#हल्दी_गुड़
#आंवला_गुड़
#धनिया_गुड़
#सौंफ_गुड़
#मैथी_गुड़
#अजवाइन_गुड़
#सोंठ_गुड़
#नारियल_गुड़
#एलोवेरा_गुड़
#तिल_गुड़
#मीठा_नीम_गुड़
#सादा_गुड़
गुड़_की_राव /#खांड/ शीरा 
#सादा_राव
#ड्रायफ्रूट्स_राव
#पान_की_राव
#देशी_घी_की_राव
#इलायची_राव

गुड़_की_शक्कर
Jaggery Broun suger 
चावल_____बासमाती____
बिना किसी केमिकल का स्प्रे किया, बिना फर्टिलाइजर का इस्तेमाल किये उगाया गया बासमाती चावल का हमारा प्रयोग सफल हुआ और हमें जो प्राप्त हुआ वो शानदार उपहार है #speaking_farms का। 
हम इसे आगे और शानदार स्तर पर ले जाने के लिए एवं अन्य सभी देशी किस्मों को आप तक पहुंचाएंगे। 
ज्वार -----Sorghum 
पहाड़ों से चुनी गई ज्वार, जो एकदम नैचुरल है वो आपके लिए उपलब्ध है। 
ज्वार आटा,
ज्वार दलिया 
गेंहूँ
#बंशी_गेंहूँ
#कठिया_गेंहूँ
गेहूं का दलिया एवं आटा उपलब्ध रहेगा
दालें
देशी बीज की तूअर/ अरहर दाल
देशी मूंग की दाल
देशी उडद की दाल 
देशी चने की दाल
हमें लगता था, पत्रकारिता में राजनीतिक प्रशासनिक एजुकेशन या अन्य मुद्दों पर रिपोर्टिंग करके तीर मार रहे हैं। इससे सिस्टम को करीब से जाना। पर अब जो राह पकड़ने जा रहे हैं कुछ सार्थक कर जाएंगे। पत्रकारिता होगी पर विषय बदलेंगे अब। अमरकंटक के एक दौरे ने पर्यावरण पत्रकारिता की तरफ रुचि और जिज्ञासा दोनों बढ़ाई है।  सम्भवतः कुछ ठीकठाक कर जाएंगे पर पिछले 2 महीनों में कृषि क्षेत्र को जितना जाना है उससे यह समझ आया कि इसकी रिपोर्टिंग में भी एक ढर्रा है। हम सिर्फ समस्याओं पर बात करते हैं समाधान की तरफ न तो देखते हैं न खोजने की कोशिश करते हैं। मैं समस्याओं पर बात करती हूं सुनती भी हूँ पर मैं सिर्फ यही नहीं कर सकती। इसलिए जो सिर्फ समस्या की बात करता है समाधान नहीं बताता उसे दोबारा सुन नहीं पाती हूँ। नकारात्मकता में ही सकारात्मकता छुपी होती है। बहुत छोटा सा रोशनी का कण ही मिलेगा शुरुआत में पहाड़ नहीं। कोशिश होनी चाहिए कि आने वाली पीढ़ियों के लिये कुछ बेहतर छोड़ जाएं। बेहतर की, गुणवत्ता की तलाश सबको है पर आगे चलना कोई नहीं चाहता। पिछले कुछ महीनों में दो एक लोगों से मिली हूँ जो 80-85 कि उम्र में भी सक्रिय हैं सामान्य जीवन जी रहे हैं आइडियल बने हैं।।लोगों को राह दिखा रहे हैं। महाराष्ट्र में सुभाष पालेकर के नाम से पूरी कृषि पद्धति ही चल रही है। उत्तरप्रदेश से लेकर गुजरात बिहार मध्यप्रदेश आंध्रा सभी जगह के किसान इसे अपना रहे हैं। गई थी समझने दो दिन की कांफ्रेंस थी। पर एक दिन में ही लौटना पड़ा। मध्यप्रदेश में बाबूलाल दाहिया जी का अपना पैटर्न है। इन्हें और इनके जैसे लोगों की पद्धतियों को प्रचारित कर अमल में लाने की जरूरत है। वरना पेस्टीसाइड यूरिया का जहर तो जिंदाबाद है ही। तय आपको करना पड़ेगा आत्मनिर्भरता या निर्भरता?

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जिला न्यायालय में विटनेस हेल्प डेस्क का किया गया लोकार्पण

जिला न्यायालय में   विटनेस हेल्प डेस्क का किया गया लोकार्पण
सागर।सागर अभियोजन के लिए आज  अविस्मरणीय क्षण रहा। सागर जिले में विटनेस हेल्प डेस्क का लोकार्पण मुख्य अतिथि माननीय के.पी. सिंह जिला एवं सत्र न्यायाधीष तथा विशेष अथिति  पुरूषोत्तम शर्मा महानिदेषक/संचालक लोक अभियोजन संचालनालय भोपाल म.प्र. की गरिमामयी उपस्थिति मे जिला न्यायालय सागर में किया गया।  जिसमें उप पुलिस महानिरीक्षक  रविषंकर डेहरिया, पुलिस अधीक्षक सागर  अमित कुमार सांघी, उप संचालक अभियोजन  अनिल कटारे, जिला अभियोजन अधिकारी  राजीव रूसिया, अध्यक्ष अधिवक्ता संघ  अंकलेष्वर दुवे एवं  न्यायाधीषगण तथा अन्य अभियोजन अधिकारीगण एवं कर्मचारीगण उपस्थित रहे। 

विटनेस हेल्प डेस्क का शुभारंभ फीता काट कर  जिला एवं सत्र न्यायाधीष  के. पी. सिंह द्वारा किया गया।  उल्लेखनीय है कि विटनेस हेल्प डेस्क का मुख्य उद्देष्य पीडित एवं गवाह को साक्ष्य के दौरान आने वाली परेषानियों से बचाना एवं पीडित को सहायता प्रदान करना है। विटनेस हेल्प डेस्क में पदस्थ प्रभारियों  अभिषेक नेमा एवं सुश्री प्रियंका तिवारी ने विटनेस हेल्प डेस्क के विषय में जानकारी दी। संचालक लोक अभियोजन श्री पुरूषोत्तम शर्मा द्वारा सागर विटनेस हेल्प डेस्क को एक वाटर कूलर प्रदान करने की घोषणा की गई तथा बताया गया कि विटनेस हेल्प डेस्क के संबंध में एक सील का प्रोफार्मा बनाया जा रहा है जिसमें विटनेस हेल्प डेस्क का नम्बर अंकित होगा जिसे समन पर चस्पा किया जायेगा।  उक्त आयोजन की न्यायाधीषगण एवं उपस्थित अधिवक्तागणों ने प्रसंषा की तथा विटनेस हेल्प डेस्क के लिए भविष्य में और अच्छे परिणाम आने की संभावनाए व्यक्त की गई। 
विटनेस हेल्प डेस्क के लोकार्पण पष्चात श्री  शर्मा द्वारा आकाषवाणी मुख्यालय जा कर विटनेस हेल्प डेस्क के संबंध मेें जानकारी दी गयी। तदोपरांत श्री शर्मा द्वारा चिंहित जघन्य अपराधों लोकायुक्त पास्को एक्ट  तथा केके सम्बंध  में समीक्षा बैठक ली एवं आवष्यक निर्देष दिये गये।

 




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बुन्देली सँस्कृति से परिचत कराने शादी का मंचन ,अभिभूत हुआ नागालैंड का दल ,दूल्हा बाराती घराती,फेरे,पंगत,गारी, विदाई .........

बुन्देली सँस्कृति से परिचत कराने शादी का मंचन ,अभिभूत हुआ नागालैंड का दल ,दूल्हा बाराती घराती,फेरे,पंगत,गारी, विदाई 
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#एक भारत श्रेष्ठ भारत के तहत डॉ हरिसिंह गौर विवि सागर और नागालेंड विवि का साझा आयोजन
# विवि परिसर में दिखी शादी की बुन्देली परम्पराए और रीतिरिवाज,जमकर लिया आनन्द 

सागर।केंद्रीय  मानव संसाधन और  विकास मंत्रालय , भारत सरकार के आयोजन "एक भारत श्रेष्ठ भारत" के तहत नागालैंड विवि  का 40 सदस्यीय दल डॉ हरीसिंह गौर केंद्रीय  विवि सागर में  अध्ययन और सँस्कृति को सांझा करने  आया हुआ है । दल यहां एमपी बुन्देलखण्ड की सँस्कृति,परम्पराए और ऐतिहासिक धरोहरों का अध्ययन कर रहा है । वही नागालेंड भी अपनी  सँस्कृति को साझा कर रहा है । इसी परिप्रेक्ष्य में  बुन्देलखण्ड अंचल की सँस्कृति ,रीति रिवाज खानपान,शादीविवाह  से परिचित कराने  बुन्देली विवाहोत्सव का आयोजन किया गया । जिसमे  दूल्हा ,घोड़ा बराती,घराती,फेरे,नेंग दस्तूर विदाई पंगत और खानापीना,बाजे गाजे  सब कुछ  बुन्देलीमय  हुआ। इसके  लिए विवि परिवार अधिकारी से लेकर कर्मचारी और छात्रछात्राये सभी  एक विवाह समारोह के आयोजन में लगे रहे। इन सबके लिए कुलपति प्रो आर पी तिवारी ने बेहतर आयोजन के लिए निःर्देश भी। उधर क
सँस्कृति से अवगत कराने यह तरीका देख नागालेंड का दल अभिभूत हो गया। यही नही रीतिरिवाजों में खूब हिस्सेदारी भी निभाई। पहनावा भी ठेठ बुन्देली था। एक मॉर्च से छह मॉर्च तक यह दल रहेगा। विश्व प्रसिद्ध धरोहर खजुराहो जाकर भी दल ने इनका अध्ययन किया। 
मानो घर मे शादी है........
किसी विवि में सम्भवतया यह पहला मौका होगा जब शादी जैसे आयोजन को करके अपनी सँस्कृति का प्रदर्शन किया गया हो। जैसे कि अंचलों में होती है। यह तस्वीर डॉ गौर  केंद्रीय विवि सागर में दिखी। जो आज शादी के रंग में दिखा। गजब की तैयारी । जमकर उत्साह। शादी के पंडाल से लेकर मंडप तक बनाया गया। इसमे विवि के परफार्मिंग आर्ट्स विभाग की भूमिका के साथ कई विभागों का सहयोग।
एक भारत श्रेष्ठ भारत के होर्डिंग पोस्टरों से सजा परिसर , वही शादी का मंडप। बुन्देली गीतों को गाने और बजाने वाली एक  पूरी टीम । इस विभाग के आनंद अग्रवाल और श्रुति श्रीवास्तव दूल्हा और दुल्हन की भूमिका में। वही नागालेंड का दल बुन्देली लिवास में शामिल हुआ।
विवि परिसर में शंकर जी के मंदिर से बरात उठी। यहां घोड़ी पर दूल्हे राजा आनन्द और एक छोटा लड़का भी । जैसा शादियों में होता है । हाथ मे  बिजना यानी पंखा भी । नाचते गाते बराती। बरातियों में नागालेंड का दल भी। जिसमे छात्र छात्राओं से लेकर उनके शिक्षक भी शामिल। EBSB के कोआर्ड्नेटर सोमनाथ चक्रवर्त्ती, डॉ राधा रानी और पीटर की सहित।द्वारचार, बरातियों का स्वागत पंगत,फेरे और विदाई, जीवंत अभिनय दिखा आयोजन में 

शादी की जीवंत प्रस्तुति इससे बढ़कर नही हो सकती। शादी हो रही है लेकिन वास्तव में नही। जैसे ही बरात आई तो लड़की के पिता बने सांस्क्रतिक परिषद के  समन्वयक डॉ राकेश सोनी ने परपंरागत स्वागत किया। बराती बने नागालेंड वासीयो का तिलक /माला  से स्वागत भी हुआ। दूल्हे को घोड़ी पर से उतारने का नेंग का धर्म निभाया  विवि के इंजीनियर आनंद तिवारी ने। सभी परम्पराओं को निभाने में मशगूल थे विवि के शिक्षक कर्मचारी और छात्रछात्राये साथ मे शहर वासी। वैवाहिक महोत्सव में नाचते गाते हुए लोगअदभुत दृश्य था। साथ मे पटाखे की गूंज भी।
अपनी सहेलियों के साथ दुल्हन बनकर आई श्रुति को लोगो ने अपने हाथ के पंजो के ऊपर से लेकर आये। इस दौरान फूलों की  वर्षा भी हुई। मोबाइल पर सेल्फी और फोटोग्राफी भी जमकर हुई। परम्पराओं का यह सिलसिला थमा नही । पंडित ने फेरे करवाये। तो जूता चुराई का नेंग भी हुआ। वरवधू पक्ष से नेंग भी कराए गए। पांव पखरई भी हुई।  बहुत ही भावुक मय क्षण वह भी आया जब राकेश सोनी ने कन्यादान कर विदा किया। मौके पर प्रभारी कुलपति जे ड़ी आही, रजिस्ट्रार संतोष सैगोरा सहायक कुलसचिव सतीश कुमार ,पत्रकारिता विभाग प्रमुख के डॉ  ललित मोहन,EMRC के पंकज तिवारी सभी का मार्गदर्शन भी यहां चलता रहा।

पंगत में  बरा,कढ़ी पूरी...,विदाई में गिलास और 11-11 रुपये

बुन्देली परम्पराओं  की श्रंखला में उस समय अधिक गहराई में दिखी  जब  विभाग में दरी विछायी गई और जमीन में पंगत  हुई। खाने  में कढ़ी, बरा, पूरी ,मिठाई आदि। आत्मीय और स्वाद के साथ  शादी की पंगत हुई। जिस तरह बरात की विदा होती है । वैसा ही दृश्य दिखा नम आंखे। फिर बरातियों को कुछ शगुन के साथ विदा करते है ।सो लड़की पक्ष ने बरातियों को एक एक गिलास और साथ मे 11 -11 रुपये दिए और प्रणाम किया।
सँस्कृति और विरासत को समझना उद्देश्य: डॉ राकेश सोनी

एक भारत श्रेष्ठ  भारत के समन्वयक डॉ राकेश सोनी ने  तीनबत्ती न्यूज़. कॉम   को बताया  
कि इसका उद्देश्य है कि दल हमारी परम्पराओं को समझे और  भौगोलिक और भाषायी सीमाओं के वाबजूद। छह दिनी प्रवास पर आए दल को एमपी और बुन्देलखण्ड के रीति रिवाजों से परिचित कराने के लिए शादी से बेहतर कोई दृश्य नही हो सकता है । जिसमे सभी का समावेश है। खानपान हो या पहनावा और गाना बजाना । वाद्य यंत्र भी।  
शुक्रिया विवि .....यहां आकर अच्छा लगा

नागालेंड विवि के दल को एक बेहतर सँस्कृति को देखने समझने का अवसर मिला तो हिंदी में अपनी ही शेली में एक छात्रा ने कहा यहां आकर अच्छा लगा। पहले दिन से ही स्वागत हुआ।इतनी दूर आकर  यहां अपनापन देखने मिला। दो तीन दफा में अटकते हुए बोली शुक्रिया शुक्रगुजार हूं...

विंनोद आर्य /www.teenbattinews.com
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सेवादल का इतिहास देश की आजादी से जुड़ा रहा है:अमित रामजी दुबे

सेवादल का इतिहास देश की आजादी से जुड़ा रहा है:अमित रामजी दुबे
सागर । जिला शहर कांग्रेस सेवादल का तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में सेवादल की कार्यप्रणाली और रीति नीति पर  प्रशिक्षिको और कांग्रेसजनों द्वारा चर्चा की गई। शिविर के  दूसरे दिन झंडावंदन के मुख्य अथिति कार्यकारी अध्यक्ष जितेंद्र चावला और प्रशिक्षण सत्र के अथिति प्रदेश सचिव काँग्रेस कमेटी अमित राम जी दुबे  रहे। इस मौके पर अतिथियों द्वारा झंडावंदन कर  महात्मा गाँधी , सेवादल संस्थापक डाॅ नारायण सुब्बाराव हार्डीकर  के चित्र पर माल्यार्पण कर किया ।

झंडावंदन के अवसर पर कार्यकारी अध्यक्ष श्री चावला ने कहा कि में शिविर में आकर अपने आपको गौरान्वित महसूस कर रहा हूँ। लेकिन मुझे यह दुख भी है कि प्रशिक्षण शिविर में एक कार्यकर्ता के रूप में हिस्सा नही ले पाया। प्रशिक्षण शिविर के शिविराधिपति मो  नूर बेग साहब ने  बूथ मैनेजमेंट के गुण बताए । उन्होंने बताया कि  बूथ कार्यकर्ता की जिमनेदारी अहम होती है । बूथ पर पहले पहुचकर मशीनों का बारीकी से निरक्षणकर मतदान खत्म होने तक रहना चाहिए । उन्होंने कहा कि सेवादल एक अहम इकाई काँग्रेस की मॉनी जाती है । इसे हमेशा आगे रखना हमारा कर्तव्य है ।
प्रशिक्षण सत्र के अथिति प्रदेश सचिव अमित राम जी दुबे ने कहा कि  यदि अनुशाशन सीखना है तो सेवादल से जुडकर ही सीखा जा सकता है । सेवादल का इतिहास गौरवशाली रहा है जिसने देश की आजादी की लड़ाई में अपनी भूमिका निभाई है ।
विधायक तरवर लोधी ने बताया कि सेवादल का गठन आजादी के पहले हुआ था। उस समय सेवादल ने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया था। कांग्रेस की  सँस्कृति देश हित की रही है । समय समय पर अलगाववादी ताकतो का मोह तोड़ जवाब दिया है । ऐसे शिविर लगातार आययोजित होना चाहिए। में इसके लिए सिंटू कटारे को धन्यवाद देता हूँ। 
सेवादल अध्यक्ष सिंटू कटारे ने कहा  की सेवादल कार्यकर्ता प्रशिक्षण के जरिये ही  मजबूत  आधार पार्टी में  बनते है।  इसलिए हमारी जिम्मेदारी है कि पूरी मेहनत और लगन के साथ शिविर में सीखे और इनकी सीख का पालन करे। 
वरिष्ठ नेता रफीक गनी ने कहा कि सेवादल ने आपदा हो त्रासदी हमेशा पीड़ित की सेवा को अपना धर्म माना है । आजादी से लेकर आज तक यह परंपरा कायम है ।
इस मौके पर डॉ गौर विवि के इतिहास विभाग के प्रो बी के श्रीवास्तव ने बताया कि सागर की आजादी के  इतिहास में रतोना आंदोलन अहम है । गांधी के अनुयायियों ने यह लड़ाई लड़ी थी।
विवि के भाषा विज्ञान विभाग के पूर्व प्रो बद्री भाई ने कहा कि  सेवा का बड़ा माध्यम है । इसका प्रमाण गांधी जी के विचारों में दिखता है । आज गांधी जी को वह वर्ग भी याद कर रहा है जो उनकी हत्या में शामिल थे । अहिंसक आंदोलन ने ही आजादी दिलाई। 
शिविर में मुख्य प्रशिक्षक द्वारका  चौधरी ने   झंडावंदन की विधि और उसके नियम कायदों और सम्मान के बारे में बताया। 
शिविर  में अध्यक्ष रेखा चोधरी, पूर्व विधायक सुनील जैन, प्रदीप गुप्ता पप्पू  सेवादल के प्रदेश पदाधिकारी विजय साहू ,राकेश भारती ,सिंकदर चौहान,लीलाधर सूर्यवंशी , प्रीतम यादव,कल्लू पटेल ,आनंद हेला, नितिन पचौरी,मीराबाई अहिरवार ,रजिया खान ,रेखा ठाकुर, रामकुमारपचौरी ,रामगोपाल यादव,भेयन पटेल, मुकुल शर्मा,आदि शामिल हुए।
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कोरोना वायरस से डरें नहीं, सावधानियां बरतें :कलेक्टर श्रीमती मैथिल

कोरोना वायरस से डरें नहीं, सावधानियां बरतें :कलेक्टर श्रीमती मैथिल

#कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए सावधानियां बरतने हेतु बैठक में दिए गए सुझाव

सागर। कोरोना वायरस से डरें नहीं, सावधानियां बरतें साथ ही सर्दी-जुकाम वालां से दूरी बनाएं रखें। उक्त विचार नोवल कोरोना वायरस बचाव हेतु जिला स्तरीय टास्क फोर्स समिति की बैठक में नए कलेक्टर सभाकक्ष में कलेक्टर श्रीमती प्रीति मैथिल नायक ने व्यक्त किए। बैठक में जिला पंचायत सीईओ श्री सीएस शुक्ला, स्वास्थ्य सेवाएं सहायक संचालक श्री बीके खरे, सीएमएचओ डा. एमएस सागर, आर्मी अस्पताल के तपन तिवारी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री विक्रम सिंह, नगर निगम उपायुक्त डा. प्रणय कमल खरे, पूर्व सिविल सर्जन डा. अरूण शराफ, डा. ज्योति चौहान सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित थे।
बीएमसी और जिला असप्तताल में अलगवसे प्रबंध
कलेक्टर श्रीमती प्रीति मैथिल ने बैठक में निर्देष दिए कि जिला चिकित्सालय में 2 पलंग एवं बीएमसी में 5 पलंग का आईसोलेषन वार्ड प्रारंभ किया जाए। उन्होंने प्रत्येक शासकीय एवं अषासकीय अस्पतालों में एक-एक नोडल अधिकारी नियुक्त करें एवं नोवल कोरोना वायरस से बचाव हेतु विभिन्न सावधानियों के बैनर, पोस्टर बस स्टेण्ड, रेल्वे स्टेषन, कस्बों स्कूल कालेजों में एवं अन्य सार्वजनिक चौराहों पर लगाएं। उन्होंने सीएमएचओ  निर्देष दिए कि समस्त शासकीय अस्पतालां में डाक्टरों की उपस्थिति अवकाष के दिनों में भी सुनिष्चित करें। उन्होंने पीने के पानी के श्रोतों एवं अन्य सार्वजनिक स्थानों पर पानी की साफ-सफाई रखी जावे। उन्होंने कोरोना वायरस से डरें नहीं, सावधानियां बरतें साथ ही सर्दी-जुकाम वालां से दूरी बनाएं रखें। साथ ही आपस में हाथ मिलाने की जगह दूर से हाथ जोड़कर नमस्ते कर अभिवादन करें।
मॉकड्रिल 5 मॉर्च को
जिला चिकित्सालय तिली में 5 मार्च गुरूवार को दोपहर 12 बजे से नोवल कोरोना वायरस से बचाव हेतु मॉकड्रिल आयोजित की जाएगी। उक्त जानकारी सीएमएचओ डा. एमएस सागर ने दी।  
क्या है कोरोना वायरस
कोरोना वायरस विषाणुओं का समूह है जिससे सामान्यतरू जानवरों में बीमारियाँ होती है। कभी-कभी ये मनुष्यों में संक्रमण करता है। मनुष्यों में इसके लक्षण सर्दी, खाँसी एवं बुखार, सिरदर्द, गले में खराश इत्यादि के रूप में हो सकते हैं। छोटे बच्चों और बुजुर्ग व्यक्तियों सहित ऐसे व्यक्तियों में जिनमें प्रतिरक्षण की क्षमता कम होती है, में यह वायरस निमोनिया, ब्रोंकाइटिस इत्यादि गंभीर बीमारियाँ उत्पन्न करता है।
      एडवाइजरी के अनुसार कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्ति के खाँसने या छींकने से हवा द्वारा फैलता है। संक्रमित व्यक्ति के निकट संपर्क, छूने या हाथ मिलाने और संक्रमित सामग्रियों के संपर्क में आने के बाद आँख या नाक को छूने से भी यह फैलता है। नागरिकों को चाहिए कि संक्रमित व्यक्ति के निकट संपर्क में आने से बचें। अपने हाथ बार-बार धोते रहें। संक्रमित सामग्रियों के संपर्क में आने के बाद आँख या नाक को छूने से बचें। नागरिकों को सलाह दी गई है कि सामान्य सर्दी-खाँसी, बुखार होने पर चिकित्सक की सलाह लें एवं घर में आराम करें।
कोरोना वायरस से बचाव हेतु सावधानियां- छींकने, खांसने, टायलेट आदि के पष्चात एवं बीमार व्यक्ति से मिलने, खाना पकाने अथवा खाना खाने इत्यादि के पूर्व एवं पष्चात साबुन एवंज ल से नियमित रूप से हाथ धोएं। छींकते व खांसते समय नाक एवं मुंह को रूमाल, टिष्यू या कोहनी से ढांक कर रखें। खांसी जुकाम या बुखार से पीड़ित व्यक्ति से कम से कम 1 मीटर की दूरी बनाए रखें। खांसी, जुकाम, बुखार या सांस लेने में तकलीफ की दषा में तत्काल चिकित्सक से संपर्क करें। बुखार या सर्दी जुकाम की दषा में यात्राएं टालें।
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