बुन्देली सँस्कृति से परिचत कराने शादी का मंचन ,अभिभूत हुआ नागालैंड का दल ,दूल्हा बाराती घराती,फेरे,पंगत,गारी, विदाई .........

बुन्देली सँस्कृति से परिचत कराने शादी का मंचन ,अभिभूत हुआ नागालैंड का दल ,दूल्हा बाराती घराती,फेरे,पंगत,गारी, विदाई 
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#एक भारत श्रेष्ठ भारत के तहत डॉ हरिसिंह गौर विवि सागर और नागालेंड विवि का साझा आयोजन
# विवि परिसर में दिखी शादी की बुन्देली परम्पराए और रीतिरिवाज,जमकर लिया आनन्द 

सागर।केंद्रीय  मानव संसाधन और  विकास मंत्रालय , भारत सरकार के आयोजन "एक भारत श्रेष्ठ भारत" के तहत नागालैंड विवि  का 40 सदस्यीय दल डॉ हरीसिंह गौर केंद्रीय  विवि सागर में  अध्ययन और सँस्कृति को सांझा करने  आया हुआ है । दल यहां एमपी बुन्देलखण्ड की सँस्कृति,परम्पराए और ऐतिहासिक धरोहरों का अध्ययन कर रहा है । वही नागालेंड भी अपनी  सँस्कृति को साझा कर रहा है । इसी परिप्रेक्ष्य में  बुन्देलखण्ड अंचल की सँस्कृति ,रीति रिवाज खानपान,शादीविवाह  से परिचित कराने  बुन्देली विवाहोत्सव का आयोजन किया गया । जिसमे  दूल्हा ,घोड़ा बराती,घराती,फेरे,नेंग दस्तूर विदाई पंगत और खानापीना,बाजे गाजे  सब कुछ  बुन्देलीमय  हुआ। इसके  लिए विवि परिवार अधिकारी से लेकर कर्मचारी और छात्रछात्राये सभी  एक विवाह समारोह के आयोजन में लगे रहे। इन सबके लिए कुलपति प्रो आर पी तिवारी ने बेहतर आयोजन के लिए निःर्देश भी। उधर क
सँस्कृति से अवगत कराने यह तरीका देख नागालेंड का दल अभिभूत हो गया। यही नही रीतिरिवाजों में खूब हिस्सेदारी भी निभाई। पहनावा भी ठेठ बुन्देली था। एक मॉर्च से छह मॉर्च तक यह दल रहेगा। विश्व प्रसिद्ध धरोहर खजुराहो जाकर भी दल ने इनका अध्ययन किया। 
मानो घर मे शादी है........
किसी विवि में सम्भवतया यह पहला मौका होगा जब शादी जैसे आयोजन को करके अपनी सँस्कृति का प्रदर्शन किया गया हो। जैसे कि अंचलों में होती है। यह तस्वीर डॉ गौर  केंद्रीय विवि सागर में दिखी। जो आज शादी के रंग में दिखा। गजब की तैयारी । जमकर उत्साह। शादी के पंडाल से लेकर मंडप तक बनाया गया। इसमे विवि के परफार्मिंग आर्ट्स विभाग की भूमिका के साथ कई विभागों का सहयोग।
एक भारत श्रेष्ठ भारत के होर्डिंग पोस्टरों से सजा परिसर , वही शादी का मंडप। बुन्देली गीतों को गाने और बजाने वाली एक  पूरी टीम । इस विभाग के आनंद अग्रवाल और श्रुति श्रीवास्तव दूल्हा और दुल्हन की भूमिका में। वही नागालेंड का दल बुन्देली लिवास में शामिल हुआ।
विवि परिसर में शंकर जी के मंदिर से बरात उठी। यहां घोड़ी पर दूल्हे राजा आनन्द और एक छोटा लड़का भी । जैसा शादियों में होता है । हाथ मे  बिजना यानी पंखा भी । नाचते गाते बराती। बरातियों में नागालेंड का दल भी। जिसमे छात्र छात्राओं से लेकर उनके शिक्षक भी शामिल। EBSB के कोआर्ड्नेटर सोमनाथ चक्रवर्त्ती, डॉ राधा रानी और पीटर की सहित।द्वारचार, बरातियों का स्वागत पंगत,फेरे और विदाई, जीवंत अभिनय दिखा आयोजन में 

शादी की जीवंत प्रस्तुति इससे बढ़कर नही हो सकती। शादी हो रही है लेकिन वास्तव में नही। जैसे ही बरात आई तो लड़की के पिता बने सांस्क्रतिक परिषद के  समन्वयक डॉ राकेश सोनी ने परपंरागत स्वागत किया। बराती बने नागालेंड वासीयो का तिलक /माला  से स्वागत भी हुआ। दूल्हे को घोड़ी पर से उतारने का नेंग का धर्म निभाया  विवि के इंजीनियर आनंद तिवारी ने। सभी परम्पराओं को निभाने में मशगूल थे विवि के शिक्षक कर्मचारी और छात्रछात्राये साथ मे शहर वासी। वैवाहिक महोत्सव में नाचते गाते हुए लोगअदभुत दृश्य था। साथ मे पटाखे की गूंज भी।
अपनी सहेलियों के साथ दुल्हन बनकर आई श्रुति को लोगो ने अपने हाथ के पंजो के ऊपर से लेकर आये। इस दौरान फूलों की  वर्षा भी हुई। मोबाइल पर सेल्फी और फोटोग्राफी भी जमकर हुई। परम्पराओं का यह सिलसिला थमा नही । पंडित ने फेरे करवाये। तो जूता चुराई का नेंग भी हुआ। वरवधू पक्ष से नेंग भी कराए गए। पांव पखरई भी हुई।  बहुत ही भावुक मय क्षण वह भी आया जब राकेश सोनी ने कन्यादान कर विदा किया। मौके पर प्रभारी कुलपति जे ड़ी आही, रजिस्ट्रार संतोष सैगोरा सहायक कुलसचिव सतीश कुमार ,पत्रकारिता विभाग प्रमुख के डॉ  ललित मोहन,EMRC के पंकज तिवारी सभी का मार्गदर्शन भी यहां चलता रहा।

पंगत में  बरा,कढ़ी पूरी...,विदाई में गिलास और 11-11 रुपये

बुन्देली परम्पराओं  की श्रंखला में उस समय अधिक गहराई में दिखी  जब  विभाग में दरी विछायी गई और जमीन में पंगत  हुई। खाने  में कढ़ी, बरा, पूरी ,मिठाई आदि। आत्मीय और स्वाद के साथ  शादी की पंगत हुई। जिस तरह बरात की विदा होती है । वैसा ही दृश्य दिखा नम आंखे। फिर बरातियों को कुछ शगुन के साथ विदा करते है ।सो लड़की पक्ष ने बरातियों को एक एक गिलास और साथ मे 11 -11 रुपये दिए और प्रणाम किया।
सँस्कृति और विरासत को समझना उद्देश्य: डॉ राकेश सोनी

एक भारत श्रेष्ठ  भारत के समन्वयक डॉ राकेश सोनी ने  तीनबत्ती न्यूज़. कॉम   को बताया  
कि इसका उद्देश्य है कि दल हमारी परम्पराओं को समझे और  भौगोलिक और भाषायी सीमाओं के वाबजूद। छह दिनी प्रवास पर आए दल को एमपी और बुन्देलखण्ड के रीति रिवाजों से परिचित कराने के लिए शादी से बेहतर कोई दृश्य नही हो सकता है । जिसमे सभी का समावेश है। खानपान हो या पहनावा और गाना बजाना । वाद्य यंत्र भी।  
शुक्रिया विवि .....यहां आकर अच्छा लगा

नागालेंड विवि के दल को एक बेहतर सँस्कृति को देखने समझने का अवसर मिला तो हिंदी में अपनी ही शेली में एक छात्रा ने कहा यहां आकर अच्छा लगा। पहले दिन से ही स्वागत हुआ।इतनी दूर आकर  यहां अपनापन देखने मिला। दो तीन दफा में अटकते हुए बोली शुक्रिया शुक्रगुजार हूं...

विंनोद आर्य /www.teenbattinews.com
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सेवादल का इतिहास देश की आजादी से जुड़ा रहा है:अमित रामजी दुबे

सेवादल का इतिहास देश की आजादी से जुड़ा रहा है:अमित रामजी दुबे
सागर । जिला शहर कांग्रेस सेवादल का तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में सेवादल की कार्यप्रणाली और रीति नीति पर  प्रशिक्षिको और कांग्रेसजनों द्वारा चर्चा की गई। शिविर के  दूसरे दिन झंडावंदन के मुख्य अथिति कार्यकारी अध्यक्ष जितेंद्र चावला और प्रशिक्षण सत्र के अथिति प्रदेश सचिव काँग्रेस कमेटी अमित राम जी दुबे  रहे। इस मौके पर अतिथियों द्वारा झंडावंदन कर  महात्मा गाँधी , सेवादल संस्थापक डाॅ नारायण सुब्बाराव हार्डीकर  के चित्र पर माल्यार्पण कर किया ।

झंडावंदन के अवसर पर कार्यकारी अध्यक्ष श्री चावला ने कहा कि में शिविर में आकर अपने आपको गौरान्वित महसूस कर रहा हूँ। लेकिन मुझे यह दुख भी है कि प्रशिक्षण शिविर में एक कार्यकर्ता के रूप में हिस्सा नही ले पाया। प्रशिक्षण शिविर के शिविराधिपति मो  नूर बेग साहब ने  बूथ मैनेजमेंट के गुण बताए । उन्होंने बताया कि  बूथ कार्यकर्ता की जिमनेदारी अहम होती है । बूथ पर पहले पहुचकर मशीनों का बारीकी से निरक्षणकर मतदान खत्म होने तक रहना चाहिए । उन्होंने कहा कि सेवादल एक अहम इकाई काँग्रेस की मॉनी जाती है । इसे हमेशा आगे रखना हमारा कर्तव्य है ।
प्रशिक्षण सत्र के अथिति प्रदेश सचिव अमित राम जी दुबे ने कहा कि  यदि अनुशाशन सीखना है तो सेवादल से जुडकर ही सीखा जा सकता है । सेवादल का इतिहास गौरवशाली रहा है जिसने देश की आजादी की लड़ाई में अपनी भूमिका निभाई है ।
विधायक तरवर लोधी ने बताया कि सेवादल का गठन आजादी के पहले हुआ था। उस समय सेवादल ने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया था। कांग्रेस की  सँस्कृति देश हित की रही है । समय समय पर अलगाववादी ताकतो का मोह तोड़ जवाब दिया है । ऐसे शिविर लगातार आययोजित होना चाहिए। में इसके लिए सिंटू कटारे को धन्यवाद देता हूँ। 
सेवादल अध्यक्ष सिंटू कटारे ने कहा  की सेवादल कार्यकर्ता प्रशिक्षण के जरिये ही  मजबूत  आधार पार्टी में  बनते है।  इसलिए हमारी जिम्मेदारी है कि पूरी मेहनत और लगन के साथ शिविर में सीखे और इनकी सीख का पालन करे। 
वरिष्ठ नेता रफीक गनी ने कहा कि सेवादल ने आपदा हो त्रासदी हमेशा पीड़ित की सेवा को अपना धर्म माना है । आजादी से लेकर आज तक यह परंपरा कायम है ।
इस मौके पर डॉ गौर विवि के इतिहास विभाग के प्रो बी के श्रीवास्तव ने बताया कि सागर की आजादी के  इतिहास में रतोना आंदोलन अहम है । गांधी के अनुयायियों ने यह लड़ाई लड़ी थी।
विवि के भाषा विज्ञान विभाग के पूर्व प्रो बद्री भाई ने कहा कि  सेवा का बड़ा माध्यम है । इसका प्रमाण गांधी जी के विचारों में दिखता है । आज गांधी जी को वह वर्ग भी याद कर रहा है जो उनकी हत्या में शामिल थे । अहिंसक आंदोलन ने ही आजादी दिलाई। 
शिविर में मुख्य प्रशिक्षक द्वारका  चौधरी ने   झंडावंदन की विधि और उसके नियम कायदों और सम्मान के बारे में बताया। 
शिविर  में अध्यक्ष रेखा चोधरी, पूर्व विधायक सुनील जैन, प्रदीप गुप्ता पप्पू  सेवादल के प्रदेश पदाधिकारी विजय साहू ,राकेश भारती ,सिंकदर चौहान,लीलाधर सूर्यवंशी , प्रीतम यादव,कल्लू पटेल ,आनंद हेला, नितिन पचौरी,मीराबाई अहिरवार ,रजिया खान ,रेखा ठाकुर, रामकुमारपचौरी ,रामगोपाल यादव,भेयन पटेल, मुकुल शर्मा,आदि शामिल हुए।
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कोरोना वायरस से डरें नहीं, सावधानियां बरतें :कलेक्टर श्रीमती मैथिल

कोरोना वायरस से डरें नहीं, सावधानियां बरतें :कलेक्टर श्रीमती मैथिल

#कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए सावधानियां बरतने हेतु बैठक में दिए गए सुझाव

सागर। कोरोना वायरस से डरें नहीं, सावधानियां बरतें साथ ही सर्दी-जुकाम वालां से दूरी बनाएं रखें। उक्त विचार नोवल कोरोना वायरस बचाव हेतु जिला स्तरीय टास्क फोर्स समिति की बैठक में नए कलेक्टर सभाकक्ष में कलेक्टर श्रीमती प्रीति मैथिल नायक ने व्यक्त किए। बैठक में जिला पंचायत सीईओ श्री सीएस शुक्ला, स्वास्थ्य सेवाएं सहायक संचालक श्री बीके खरे, सीएमएचओ डा. एमएस सागर, आर्मी अस्पताल के तपन तिवारी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री विक्रम सिंह, नगर निगम उपायुक्त डा. प्रणय कमल खरे, पूर्व सिविल सर्जन डा. अरूण शराफ, डा. ज्योति चौहान सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित थे।
बीएमसी और जिला असप्तताल में अलगवसे प्रबंध
कलेक्टर श्रीमती प्रीति मैथिल ने बैठक में निर्देष दिए कि जिला चिकित्सालय में 2 पलंग एवं बीएमसी में 5 पलंग का आईसोलेषन वार्ड प्रारंभ किया जाए। उन्होंने प्रत्येक शासकीय एवं अषासकीय अस्पतालों में एक-एक नोडल अधिकारी नियुक्त करें एवं नोवल कोरोना वायरस से बचाव हेतु विभिन्न सावधानियों के बैनर, पोस्टर बस स्टेण्ड, रेल्वे स्टेषन, कस्बों स्कूल कालेजों में एवं अन्य सार्वजनिक चौराहों पर लगाएं। उन्होंने सीएमएचओ  निर्देष दिए कि समस्त शासकीय अस्पतालां में डाक्टरों की उपस्थिति अवकाष के दिनों में भी सुनिष्चित करें। उन्होंने पीने के पानी के श्रोतों एवं अन्य सार्वजनिक स्थानों पर पानी की साफ-सफाई रखी जावे। उन्होंने कोरोना वायरस से डरें नहीं, सावधानियां बरतें साथ ही सर्दी-जुकाम वालां से दूरी बनाएं रखें। साथ ही आपस में हाथ मिलाने की जगह दूर से हाथ जोड़कर नमस्ते कर अभिवादन करें।
मॉकड्रिल 5 मॉर्च को
जिला चिकित्सालय तिली में 5 मार्च गुरूवार को दोपहर 12 बजे से नोवल कोरोना वायरस से बचाव हेतु मॉकड्रिल आयोजित की जाएगी। उक्त जानकारी सीएमएचओ डा. एमएस सागर ने दी।  
क्या है कोरोना वायरस
कोरोना वायरस विषाणुओं का समूह है जिससे सामान्यतरू जानवरों में बीमारियाँ होती है। कभी-कभी ये मनुष्यों में संक्रमण करता है। मनुष्यों में इसके लक्षण सर्दी, खाँसी एवं बुखार, सिरदर्द, गले में खराश इत्यादि के रूप में हो सकते हैं। छोटे बच्चों और बुजुर्ग व्यक्तियों सहित ऐसे व्यक्तियों में जिनमें प्रतिरक्षण की क्षमता कम होती है, में यह वायरस निमोनिया, ब्रोंकाइटिस इत्यादि गंभीर बीमारियाँ उत्पन्न करता है।
      एडवाइजरी के अनुसार कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्ति के खाँसने या छींकने से हवा द्वारा फैलता है। संक्रमित व्यक्ति के निकट संपर्क, छूने या हाथ मिलाने और संक्रमित सामग्रियों के संपर्क में आने के बाद आँख या नाक को छूने से भी यह फैलता है। नागरिकों को चाहिए कि संक्रमित व्यक्ति के निकट संपर्क में आने से बचें। अपने हाथ बार-बार धोते रहें। संक्रमित सामग्रियों के संपर्क में आने के बाद आँख या नाक को छूने से बचें। नागरिकों को सलाह दी गई है कि सामान्य सर्दी-खाँसी, बुखार होने पर चिकित्सक की सलाह लें एवं घर में आराम करें।
कोरोना वायरस से बचाव हेतु सावधानियां- छींकने, खांसने, टायलेट आदि के पष्चात एवं बीमार व्यक्ति से मिलने, खाना पकाने अथवा खाना खाने इत्यादि के पूर्व एवं पष्चात साबुन एवंज ल से नियमित रूप से हाथ धोएं। छींकते व खांसते समय नाक एवं मुंह को रूमाल, टिष्यू या कोहनी से ढांक कर रखें। खांसी जुकाम या बुखार से पीड़ित व्यक्ति से कम से कम 1 मीटर की दूरी बनाए रखें। खांसी, जुकाम, बुखार या सांस लेने में तकलीफ की दषा में तत्काल चिकित्सक से संपर्क करें। बुखार या सर्दी जुकाम की दषा में यात्राएं टालें।
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पांचवा निशुल्क नेत्र परीक्षण एवं जागरूकता शिविर का आयोजन 22 मार्च को

पांचवा  निशुल्क नेत्र परीक्षण एवं जागरूकता शिविर का आयोजन 22 मार्च को 
सागर। स्वर्गीय रामषंकर केषरवानी  की स्मृति में डायबिटिज के रोगियों के लिये निषुल्क नेत्र परीक्षण एवं जागरूकता षिविर का आयोजन प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी दिनांक 22 मार्च 2020 दिन रविवार  को प्रातः 10 बजे से होटल रामसरोज पैलेस में किया जावेगा। 
शैलेष केषरवानी ने बताया कई बार रेटिना के आसपास गैर-जरूरी झिल्ली बन जाने से इनसान की आंखों की दृष्टि कम होने लगती है। यह हिस्सा अत्यंत बारीक होता है और इसमें किसी तरह की गड़बड़ी पैदा होने पर मैनुअल सर्जरी के जरिये उसे हटाना बड़ी चुनौती होती है। इस षिविर में डायबिटिज के रोगियों जिनकों रेटिना की समस्या होती ही हैं उनको जांच करवाना जरूरी होता हैं, उन्होने पीडित मरीजों से  नेत्र परीक्षण रेटिना की जाॅंच (डायबिटिक रेटिनापेथी) का उपचार पूर्व विषेषज्ञ शंकर नेत्रालय, मद्रास के डाॅ. गजेन्द्र चावला एवं उनके सहयोगियों द्धारा जांच कराने सभी रोगीं अपने पुराने पर्चे एवं शुगर की अंतिम जाॅंच के पर्चे अवष्य साथ में लाये।
संजीव केषरवानी ने बताया कि मरीज को डायबिटीज है, तो उसका प्रभाव आंखों पर पड़ता है। ऐसे में यदि उसकी समय पर जांच नहीं कराई तो रेटिना को काफी बड़ा नुकसान पहुंच सकता है। जो रोगी डायबिटिज से पिड़ित हैं वो षिविर में निषुल्क परीक्षण अवष्य कराये।
अखिलेष (मोनी ) केषरवानी ने बताया रेटिना से पीड़ित मरीज की आंखों की रोशनी धुंधली होने लगती है। आंखों में जलन होती है, पुतली लेंस से चिपक सकती है, मोतियाबिन्द हो सकता है। आंखों के पुतली पर पानी जमा हो जाता है। जिससे आंख खराब हो सकता है। उन्होंने शहर के पिड़ित रोगियों से षिविर में लाभ लेने एवं असुविधा से बचने के लिये होटल रामसरोज पैलेस में रजिस्ट्रेषन 9302911023 एवं 07582-222222 पर या होटल रामसरोज पैलेस में करवाने की अपील की।

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टाटा वर्कशॉप में हवाई फायर का मामला ,पीड़ित पक्ष ने मांगी सुरक्षा, नही लिखी FIR

टाटा वर्कशॉप में हवाई फायर का मामला ,पीड़ित पक्ष ने मांगी सुरक्षा, नही लिखी FIR

सागर । राष्ट्रीय राजमार्ग 26 झांसी लखनादौन के बीच बम्हौरी तिगड्डा पर स्थित जीआर टाटा वर्कशॉप मेेंं हवाई फायर कर दहशत फैलाने वालों के विरूद्ध पुलिस आज दिनांक तक कोई कार्रवाई नहीं कर रहीं है जिसके चलते वर्कशॉप का स्टाफ अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहा है।
वर्कशॉप के प्रोपाईटर अरविंद कुमार जैन ने पुलिस महानिरीक्षक सागर रेंज, पुलिस अधीक्षक सागर, मानव अधिकार आयोग सहित अन्य स्थानों पर अपनी लिखित में दी शिकायत में बताया है कि वर्कशॉप में टाटा मोटर्स के भारी वाहनों की मरम्मत का काम होता है. फरवरी माह के अंत में सिरौंजा स्थित क्रेशर  के मालिक पुष्पेंद्र सिंह ठाकुर भोले राजा  का ट्रक क्रमांक एमपी 15 एचए 0728 वर्कशॉप में मरम्मत के लिए आया था. कार्य पूर्ण होने के बाद उनको सूचना दी गई कि ट्रक ले जा सकते है तो उनके यहाँ से आये ड्राईवर से जब मरम्मत कार्य का 17 हजार रूपए का बिल मांगा तो ड्राईवर कहने लगा ट्रायल कर लूँ ट्रायल के दौरान ही जब वह ड्राईवर भागने लगा तो वर्कशॉप के स्टाफ द्वारा रोक लिया गया जिस पर ड्राईवर द्वारा अपने मालिक को फोन लगाया गया तो मालिक अपने साथियों के साथ वर्कशॉप पहुंचे और हवाई फायर करने लगे, जिससे उनका स्टाफ दहशत में आया गया और जैन के अनुसार उनके पुत्र अंचल जैन और मैनेजर किशोर अग्रवाल पर भी उन्होंने जान से मारने की नियत से फायर किया और वहां से चले गए. साथ में सीसीटीव्ही कैमरे का डिवाईडर और गोलियों के खोखे तक ले गए. जिसकी सूचना डायल 100 को दी गई थी. जिस पर सिविल लाईन थाना प्रभारी और सीएसपी मौके पर भी पहुंचे थे.उसके पूर्व पुष्पेंद्र सिंह के द्वारा ट्रक की मरम्मत का बिल 17 हजार रूपया और पुराने 35 हजार में से 5 हजार रूपए जमा कर दिया गया. मगर पुलिस द्वारा हवाई फायर करने वालों के विरूद्ध कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है जिससे वर्कशॉप का स्टाफ असुरक्षित महसूस कर रहा है.।
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ओरछा में 5-6 मार्च को साउंड-एण्ड-लाइट शो स्थगित

ओरछा में 5-6 मार्च को साउंड-एण्ड-लाइट शो स्थगित
भोपाल। देश की ऐतिहासिक रामराजा नगरी ओरछा में प्रतिदिन आयोजित साउंड-एण्ड-लाइट शो 'नमस्ते ओरछा' महोत्सव के दौरान 5-6 मार्च को स्थगित रहेगा। महोत्सव के दूसरे दिन 7 मार्च से साउंड-एण्ड-लाइट शो का प्रदर्शन पूर्व की भांति जारी रहेगा। ज्ञातव्य है कि पर्यटन निगम ओरछा में होटल शीशमहल के प्रांगण में प्रतिदिन शाम 7:30 से रात 9:15 तक हिंदी और इंग्लिश भाषाओं में पर्यटकों के लिए यह साउंड-एण्ड-लाइट शो का प्रदर्शन करता है।
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वर्तमान परिप्रेक्ष्य और राष्ट्रीय विकास में सामाजिक सदभाव की प्रासंगिकता

वर्तमान परिप्रेक्ष्य और राष्ट्रीय विकास में सामाजिक सदभाव की प्रासंगिकता

सागर।भारतीय शिक्षण मंडल - महिला प्रकल्प की "कस्तूरी मंडल " की संयोजक श्रीमती दिव्या मेहता के निवास पर परिचर्चा का आयोजन किया गया। जिसका विषय --वर्तमान परिप्रेक्ष्य और राष्ट्रीय विकास में सामाजिक सदभाव की प्रासंगिकता रखा गया। श्रीमती पुष्पलता पांडे ने विषय प्रवर्तन करते हुए कहा कि शांति, धैर्य और सहिष्णुता ही सही मायने में आपसी सद्भावना को परिभाषित करते हैं । जो हमारे देश के संस्कारो में शामिल है। हिन्दू मुस्लिम साम्प्रदायिक वैमनस्य : आखिर कब तक और क्यों??यह प्रश्न आज हम सबके सामने है।हम और हमारे भाई-बंधु इस समस्या से सदियों से पीड़ित रहे हैं। डॉ सरोज गुप्ता ने कहा कि फूट डालो और शासन करो की नीति दर्शाया धर्म के आधार पर भारत पाक विभाजन हमारे सामने है।पन्द्रहवी शताब्दी से ही संतों, सूफियों जैसे कबीर , गुरुनानक,जायसी रहीम,रसखान आदि ने साम्प्रदायिक समस्या हेतु सेतुबंध का कार्य किया है।"अरे इन दोऊन राह न पायी"कह कबीर ने दोनों को फटकारा है। आज समस्या वहीं के वहीं है।इस समस्या का सबसे कारगर उपाय है कि हम-सब मिलकर राष्ट्रीय स्तर पर धर्म निरपेक्षता की सच्ची भावना जागृत करें। एक-दूसरे के धार्मिक विश्वासों का आदर करते हुए सद्भावना को सार्वजनिक जीवन में स्थान दें। श्रीमती कृष्णा गुप्ता जी ने कहा कि भारत देश  बसुधैवकुटुम्बकं के लिए सारे विश्व मे जाना जाता है । यहाँ तो सद्भावना जन जन की प्रकृति में व्याप्त है । श्रीमती सुनीता जड़िया ने कहा भारत में हम वर्षो से आपसी सद्भावना  के साथ एवं सभी धर्मों के लोग प्रेम पूर्वक रहते आ रहे हैं ।श्रीमती स्मिता गोडबोले जी ने कहा कि हमें आंख कान खोलकर रखना चाहिए एवं शब्द शक्ति का बहुत विवेक पूर्ण तरीके से इम्तेमाल में लाना चाहिए । हमें अपनी तर्कशक्ति को धार दार बनाना चाहिए । श्रीमती मीनाक्षी ठाकुर ने अपने विचारों को रखते हए कि कहा जब हम  प्रगतिशील देश के नागरिक हैं ,तो हमें सद्भावना का माहौल पहले स्वयं से ही निर्मित करके चलना पड़ेगा। श्रीमती आराधना रावत जी ने कहा कि जिस भावना से माँ अपने बेटे की ,डॉ- एक मरीज की ,शिक्षक- अपने शिष्य की निःस्वार्थ भावना से सेवा करते है देखा जाए तो उसमें सद्भावना ही व्याप्त है। श्रीमती इंदु चौधरी जी ने कहा कि देश ज्वलंत समस्या से जूझ रहा है। कोई भी शुरूआत हम स्वयं से ही करें न कि दूसरों से अपेक्षा करें। श्रीमती पूनम साहू ने कहा कि जिस तरह हम अपने परिवार में सद्भावना के साथ रहते हैं हमें अपने समाज और देश के प्रति उसी भावना को लेकर ही चलना पड़ेगा । श्रीमती संध्या दरे ने कहा कि हम सभी को जमीनी स्तर पर इस प्रयास में जुटना पड़ेगा कि हमारा कोई भी कदम  समाज और राष्ट्र की शांति एवं सद्भावना में बाधक न बने। श्रीमती प्रतिभा नेमा जी ने कहा की भारत देश की सारे विश्व में आपसी भाईचारे की भावना की मिसाल दी जाती है इसे अक्षुण्ण बनाये रखने का दायित्व अब हम सबका  है। श्रीमती अनिता चौधरी जी ने कहा कि भारत देश में सभी धर्मों का सम्मान होता है इसमें आपसी सद्भावना के दर्शन होते हैं। श्रीमती दिव्या मेहता जी ने कहा कि हमें अंधानुकरण से बचना चाहिए कि कोई सामने वाला गलत करता है तो हम भी गलत करें। विवेक से जन धन की हानि को देखते हुए गलत कार्य बिल्कुल भी न करें । बल्कि आपसी प्रेम भाव से संभव हो तो सामने वाले को समझाएं । परिचर्चा में श्रीमती आरती तिवारी, श्रीमती वंदना ठाकुर , श्रीमती गायत्री पाठक आदि बहिनों ने भी अपने अपने विचार व्यक्त किये ।संगठन मंत्र के साथ परिचर्चा का समापन हुआ। श्रीमती दिव्या मेहता जी ने सभी का आभार व्यक्त किया 
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नगरीय निकाय चुनावों में पार्षदों की निर्वाचन खर्च की सीमा निर्धारित

नगरीय निकाय चुनावों में पार्षदों की निर्वाचन व्यय सीमा निर्धारित
भोपाल । राज्य  शासन द्वारा नगरपालिक निगम, नगरपालिका परिषदों तथा नगर परिषदों में पार्षदों के निर्वाचन के लिये व्यय सीमा निर्धारित की गयी है। दस लाख से कम जनसंख्या वाले नगरपालिक निगमों में पार्षदों के निर्वाचन व्यय की अधिकतम सीमा 3 लाख 75 हजार रूपये और 10 लाख से अधिक जनसंख्या पर 8 लाख 75 हजार रूपये निर्धारित की गयी है।
इसी तरह नगरपालिका परिषदों में एक लाख से अधिक जनसंख्या पर 2 लाख 50 हजार रूपये, 50 हजार से एक लाख तक जनसंख्या पर एक लाख 50 हजार रूपये और 50 हजार से कम जनसंख्या की नगरपालिका परिषदों के पार्षदों के निर्वाचन व्यय की अधिकतम सीमा एक लाख रूपये निर्धारित की गयी है। नगर परिषदों के लिये यह व्यय सीमा 75 हजार रूपये तय की गयी है
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