एक भारत श्रेष्ठ भारत कार्यक्रम की शुरुआत , नागालैंडऔर एमपी- बुन्देलखण्ड को जानेंगे एक दूसरे की सँस्कृति

एक भारत श्रेष्ठ भारत कार्यक्रम की शुरुआत , नागालैंडऔर एमपी- बुन्देलखण्ड को जानेंगे एक दूसरे की सँस्कृति
सागर । भारत सरकार के मॉनव संसाधन विकास मंत्रालय के "एक भारत श्रेष्ठ भारत" कार्यक्रम के तहत डॉ हरीसिंह गौर केंद्रीय विवि सागर में नागालैंड विवि का दल एक मॉर्च से छह मॉर्च तक एक दूसरे की कला सँस्कृति का साझा करेंगे। नागालैंड विवि का 40 सदस्यीय दल यहां आया हुआ है । आज विवि के स्वर्ण जयंती सभागार में इसकी विधिवत शुरुआत हुई। एक भारत श्रेष्ठ भारत के आयोजन को लेकर सागवासियो में उत्साह दिखा।

उदघाट्न अवसर पर डॉ गौर विवि के कुलपति प्रो आर पी तिवारी नागालैंड की  भाषा  के शब्दों का प्रयोग किया तो नागालेंड से आये लोगो ने हिंदी के शब्दों का प्रयोग करते हुए अपनी बात कही। प्रथम दिन दोनो अंचलों की कलाओं की आकर्षक प्रस्तुतिया हुई। दर्शकों ने करतल ध्वनि से इनको  सराहा।

इस मोके पर विवि के कुलपति प्रो तिवारी ने कहा कि नागालैंड उस सँस्कृति को अपनाए जिसमे सिर्फ पहनावे से उनके कबीलों या इलाको की पहचान हो जाती है। उन्होंने कहा कि देश की कला सँस्कृति को जानना ,सीखना और इनका सम्मान करना ही एक भारत श्रेष्ठ भारत की कल्पना है । यही हमारी एकता को मजबूत बनाये रखेगी।इस मौके पर नागालैंड विवि की प्रो राधा रानी, नोडल अधिकारी ए पाल, नोडल अधिकारी EBSB पीटर की और EBSB के कोराडीनेटर सोमनाथ चक्रवर्त्ती ने भी विचार रखे।

बारात में दिखेगी बुन्देली सँस्कृति
इसके समन्वयक राकेश सोनी ने बताया कि इसके तहत एक शादी का आयोजन भी किया जा रहा है जिसमे बुन्देलखण्ड अंचल की सभी परम्पराओं जैसे खानपान,लोक गीत और पहनावा आदि को बताया जाएगा । ताकि नागालैंड के लोग हमारी सँस्कृति को जान सके । इसी के साथ ही ऐतिहासिक स्थानों का भृमण भी कराया जाएगा। 
उद्घाटन समारोह में डॉ गौर  विवि की स्थानीय समन्वयक डॉ विजया सुंदरी ने  नागालैंड के बारे में बताते हुए कहा कि नागालैंड में 11 सदसिय्य दल गया था। जिसने कला सँस्कृति के अध्ययन के साथ ही पुरातत्व से जुड़े स्थानों का भी भृमण किया था । प्रकृति की दृष्टि से अदभुत सुदरता था कि हॉइ।  डॉ सुंदरी कल्चरल एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत नागालैंड जा चुकी है।

मंच से किया दल का स्वागत कुलपति ने

इस मौके पर विवि के कुलपति प्रो तिवारी और कुलसचिव राकेश मोहन ने नागालैंड के पूरे दल को मंच पर आमंत्रित कर स्वागत किया। 
मंच पर बुन्देलखण्ड अंचल के लोक कलाकार राम सहाय पांडे और बुन्देली मार्शल आर्ट के भगवान दास रैकवार का मंच पर सम्मानित किया गया है । ये कलाकार अंतराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना चुके है और कई सम्मान मिल चुके है। लोकनर्तक राम सहाय पांडे ने अपनी कला का हल्का प्रदर्शन कर दर्शकों का मनमोह लिया। इस मौके पर एसवीएन विवि  के कुलपति डॉ अनिल तिवारी, गर्ल्स डिग्री कालेज की अंजना चतुर्वेदी,सागर के विवि के शिक्षक ,विधार्थी ,अन्य एकेडमिक संस्थानों के लोग और नागरिकगणो की भागीदारी रही।
Share:

धर्म रक्षा संगठन की हुई जिला और नगर कार्यकारणी गठित

धर्म रक्षा संगठन की हुई जिला और नगर कार्यकारणी गठित
सागर। धर्म रक्षा संगठन की जिला और नगर कार्यकारणी की घोषणा की गई।  गौ भक्तो को गौ सेवा के लिये नई टीम संगठन के संरक्षक कुलदीप सिंह राठौर मुख्य अतिथि के रूप मैं श सभी को एक एक करके नियुक्ति पत्र प्रदान किये गये। धर्म रक्षा संगठन के अध्यक्ष सूरज सोनी ने अपनी कार्यकरणी मैं सभी गौ सेवा को प्रभार दिये साथ ही गौ माता के प्रति सेवा भाव से काम करने के निर्देश दिये ।और कहा की हम बीमार गायो का ईलाज अंतिम संस्कार और  गौ तस्करी पर कार्य कर रहे है साथ ही नई टीम बनाने के लिये हमारा उद्देश्य यहीं है जो हम निरंतर गौ माता के प्रति कार्य कर रहे है।
जिला कार्यवाहक अध्यक्ष नीलेश प्रजापति
जिला उपाध्यक्ष धवल सिंह ठाकुर ,प्रदीप पांडे,निकी राय,सोनू यादव,रत्नेशजड़िया,अनुराग विश्वकर्मा, जिला  महामंत्री   शेलू सेन समर्थ जैन
जिला मंत्रीनीलू पटेल,मनीष साहू,अविनाश बोहत,संतु पोपटानी जिला सचिव संतोष प्रजापति ,जिला सहसचिव मुकेश ठाकुर कोषाध्यक्ष सुनील साहू, नगर अध्यक्ष आकाश प्रजापति, नगर उपाध्यक्ष दिलीप विश्वकर्मा, पुष्पराज ठाकुर,भूपेंद्र प्रजापति,सौरभघोसी,लकी साहू,सौरभ यादव ,नगर महामंत्री विक्की राय, अमन जैन ,नगर मंत्री अंकित प्रजापतिआयुष साहू अमित रैकवार नगर सचिव नयन जैन
दीपक प्रजापति  ,वार्ड अध्यक्ष केशवसिह ठाकुर मोतीनगर, कार्तिक साहू राजीवनगर,अभय प्रजापति मुंडी टोरी, चन्द्रहश आटिया तिलकगंज,शुभम चोवे इतवारी टोरी, नीरज प्रजापति मंडी प्रभारी,राहुल जैन छोटा करीला ,रानू यादव रामपुरा, राज विश्वकर्मा, विजय टॉकीज, सुनील पटेल शुक्रवारी टोरी विशाल पटेल भगत सिंह वार्ड नितेश विश्वकर्मा संत रविदास वार्ड समृद्ध सोनी खिमलासा अंकित घोसी बड़ा बाजार करण सोनी बड़ा बाजार आशू यादव शनिचरी बार्ड दीपेश तिवारी नरयावली नाका जयंत गोलंदाज नरयावली नाका चंदन  अंबेडकर वार्ड  बनाये गए है।
Share:

वि वि प्रशासन ने सिचाई विभाग को एवं जिला प्रशासन ने पत्रकार एकादश को हराया


वि वि प्रशासन ने सिचाई विभाग को एवं जिला प्रशासन ने पत्रकार एकादश  को हराया
डॉ हरीसिंह गौर क्रिकेट टूर्नामेंट 2020 में आज वि वि खेल मैदान पर दो मैच खेले गये,जिसमें पहला मैच वि वि प्रशासन एवं सिचाई विभाग के बीच खेला गया जिसमें वि वि प्रशासन  ने टॉस जीतकर सिचाई विभाग को बल्लेबाजी करने आमंत्रित किया, सिचाई बिभाग ने निर्धारित 20 ओवर में 7 विकेट खोकर 145 रन बनाए, जिसमें सर्वाधिक 45 रन की पारी निशेष एवं राहुल जैन ने 30 रन बनाए।
वि वि की ओर गेंदबाजी करते हुए सत्यम, के के ने 2-2 विकेट एवं सुरेन्द्र गादेवार, विनय शुक्ला एवं शंकर पटेल ने 1-1 विकेट लिया। लक्ष्य का पीछा करने उतरी वि वि प्रशासन की टीम ने 3 विकेट खोकर 7 विकेट से जीत अर्जित की, सर्वाधिक 56 रन सत्यम ने एवं जयसूर्या ने 24, प्रशांत ठाकुर ने 18 रन की पारी खेली।
सिचाई विभाग की ओर से गेंदबाजी करते हूए राहुल, दीपेंद्र, ए पांडेय ने 1-1 विकेट लिए।

दूसरा मैच जिला प्रशासन एवं पत्रकार एकादश के बीच खेला गया जिसमें पत्रकार एकादश ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए 69 रन ही बना सकी ।सर्वाधिक 17 रन शत्रुघन ने बनाये ।
प्रशासन की ओर से गेंदबाजी करते हुए पवन एवं सौरभ ने 2-2 विकेट एव राकेश योगेश सानू अमित अबरार ने 1-1 विकेट लिया !
लक्ष्य का पीछे करने उतरी जिला प्रशासन की टीम ने 12.2 ओवर में 7 विकेट खोकर जीत अर्जित की ! सर्वाधिक 22 रन राकेश ने एवं रजनीकांत ने 17 रनों का योगदान दिया !
पत्रकार एकादश की ओर  राजेश तिवारी एवं संदीप तिवारी ने घातक गेंदबाजी करते हुए क्रमशः 3 और 2 विकेट लिए । मैच के निर्णायक आकाश और विक्रम  विनय शुक्ला एवं महेंद्र कुमार स्कोरर अनवर खान थे ।
इस अवसर पर प्रो आर के त्रिवेदी, प्रो एस एच आदिल, अजय श्रीवास्तव, डॉ आशीष पटेरिया, बी डी पाठक उपस्थित हुए ! प्रतियोगिता के सयोंजक डॉ राजू टंडन ने बताया कि प्रतियोगिता का पहला सेमी फायनल मैच सोमवार सुबह  10:30 बजे सम्बद्ध महाविद्यालय एवं स्कूल शिक्षा विभाग के बीच खेला जाएगा।
Share:

सुनहरे रंगों से सजा दिया शासकीय माध्यमिक शाला कोशिक्षा के मंदिरों को सँवारने युवाओं ने छेड़ी मुहिम

सुनहरे रंगों से सजा दिया शासकीय माध्यमिक शाला  कोशिक्षा के मंदिरों को सँवारने युवाओं ने छेड़ी मुहिम
सागर। हम है इंसान ग्रुप के तत्वावधान में नगर में विगत 5 महीने से चल रहे स्वच्छ सागर सुंदर सागर अभियान के तहत ग्रुप के सदस्यों द्वारा तिली स्थित शासकीय एकीकृत माध्यमिक शाला में स्वच्छ्ता और सौन्दर्यकरण का कार्य किया गया जिसमे विद्यालय की जजर्र और गन्दी पड़ी दीवारों को नए सिरे से रंग रोगन कर उन दीवारों पर विद्यार्थियों के लिए ज्ञानवर्धक चित्र बनाये गये , ग्रुप के सदस्यों द्वारा विद्यालय के क्लासरूम में भी रंगरोगन कर उन पर शिक्षाप्रद फलों सब्जियो ओर ज्यामितिय आकृतियों के चार्ट बनाये गये , ग्रुप के सदस्य हिमांशु ने अभियान की जानकारी देते हुए बताया की हमारे विद्यालय जहाँ से हम शिक्षा ग्रहण करते है इन विद्यालयों में पढ़ रहे विद्यार्थी हमारे देश के भविष्य है तो हमारा प्रथम कर्तव्य है की हम अपने इन शिक्षा के मंदिरों को साफ सुधरा और विद्यार्थियों की  सुविधानुसार उनमे पर्याप्त संसाधन उपलब्ध करा सके, वर्तमान समय में सागर नगर के अधिकांश सरकारी विधालयों की हालात बद से बदत्तर हो चुकी है ,जिस कारण से इन विद्यालयों में विद्यार्थियों की संख्या भी बहुत कम होती जा रही है, इसलिए हमारे ग्रुप द्वारा सागर शहर के उपेक्षित विद्यालयों को चिन्हित कर उनमे सौन्दर्यकरण अभियान और विधालय में शिक्षा के स्तर को सुधारने के प्रयास निरन्तर जारी रहेंगे।

शुभम श्रीवास्तव ने बताया कि हमारी टीम शहर  को न.1 बनाने के हर संभव प्रयास कर रही है और इस कार्य मे शिक्षा का विशेष महत्व है और हमारे सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर चिंता जनक है जिसके लिए प्रशासन को जल्द से जल्द उचित और ठोस कदम उठाना चाहिए।
"हमारा शहर, हमारी जिम्मेदारी" समझ कर हर रविवार टीम इसी तरह के कार्य कर, शहर को स्वच्छता की श्रेणी में प्रथम लाने के लिए लगातार प्रयास करती रहेगी। इस रविवार टीम के लगभग 50 से अधिक सदस्यों ने श्रमदान किया।
Share:

ओरछा । लाखों खर्च करने के बाद विकास को ही नमस्ते कर दिया, मोदी सरकार ने ओरछा को यूनेस्को की सूची में शामिल कराकर दी बड़ी सौगात:भाजपा प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल

ओरछा । लाखों खर्च करने के बाद विकास को ही नमस्ते कर दिया, मोदी सरकार ने ओरछा को यूनेस्को की सूची में शामिल कराकर दी बड़ी सौगात:भाजपा प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल
भोपाल। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने पिछले साल यूनेस्को की सूची में ओरछा को शामिल कराया। ओरछा देश के 30 स्थानों में शामिल किया है जिन्हें स्वच्छ आईकॉनिक सेंटर के रूप में विकसित जा रहा है। ओरछा तो मोदी सरकार के आने के सदियों पहले से है, पर उसे यूनेस्को की सूची में शामिल कराने का कार्य केंद्र में कांग्रेस की या बाद में यूपीए की सरकार ने कभी नहीं किया। यूनेस्को की सूची में शामिल किए जाने और स्वच्छ आईकॉनिक सेंटर बनाने के कारण देशी-विदेशी पर्यटकों की संख्या में तेजी से वृद्धि होने का अनुमान है। यह बात भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री रजनीश अग्रवाल ने कही।
उन्होंने कहा कि ओरछा में 2003 के पहले सड़क मार्ग से जाना भी दूभर था। सुविधाओं की दृष्टि से बदहाली थी। भाजपा सरकार आने के बाद बुनियादी सुविधाओं का विकास हुआ। न केवल घरेलू पर्यटक बढ़े बल्कि विदेशी पर्यटक भी बड़ी तादाद में आना शुरू हुए। यही कारण है कि आज मध्यप्रदेश देश में भाजपा  सरकार के कारण ही पर्यटन की दृष्टि से पहले पांच राज्यों में एक है। 
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी को नमस्ते ओरछा कार्यक्रम पर कोई आपत्ति नहीं है, यह सफल सार्थक सिद्ध हो। लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है। इस आयोजन के पश्चात किए गए कार्यों का सोशल ऑडिट कराया जाए ताकि जनता को भी पता चले कि कितने राशि के टेंडर हुए? किसको मिले? कितना कार्य हुआ और कितना पैसा गपा गए? जनता को क्या मिला ? ओरछा को क्या मिला ? प्रदेश सरकार के जिम्मेदार और जिम्मेदार अधिकारी ही कह रहे हैं कि 50 करोड़ के नाम पर सब कुछ बर्बाद कर दिया।
उन्होंने कहा कि ओरछा, मध्य प्रदेश की ही धरती पर जन्में अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद के अज्ञातवास का स्थान रहा है। जहां उनकी कुटिया है, मूर्ति है, उनका स्थान है। नमस्ते ओरछा कार्यक्रम में चंद्रशेखर आजाद का कहीं कोई महत्त्व नहीं है। उनके स्मारक की दृष्टि से कोई राशि नहीं दी जा रही है। मात्र 22-23 वर्ष की उम्र में जो क्रांतिकारी  चटगांव से पेशावर तक क्रांतिकारियों का नेता  बन गया हो, इसी प्रदेश में जन्मा हो, निश्चित तौर पर ओरछा में अमर शहीद की अनदेखी यह आजाद का अपमान है। भाजपा सरकार आने के बाद 2006 में चंद्रशेखर आजाद का जन्म शताब्दी वर्ष का आयोजन हुआ तब से लेकर लगातार हर साल विभिन्न प्रकार के आयोजन किए जाते रहे है। 2008 से ओरछा में भी आजाद की पुण्यतिथि के अवसर पर हर साल आयोजन किया जाता था जो कांग्रेस की सरकार आने के बाद बंद कर दिया गया।



Share:

ये दागदार उजाला और वो तीन छोटे बल्ब,,,, ब्रजेश राजपूत/ सुबह सवेरे में ग्राउंड रिपोर्ट

ये दागदार उजाला और वो तीन छोटे बल्ब,,,,

 ब्रजेश राजपूत/ सुबह सवेरे में ग्राउंड रिपोर्ट 

जबलपुर के बाहर खमरिया की पहाडी की उंचाई से जगमगाते शहर का नजारा देखते ही बन रहा था। उपर आसमान में तारे चमक रहे थे तो नीचे जमीन पर लाखों रोशनियाँ थी। ये बिजली की रोशनी तरक्की और विकास का प्रतीक है। पिछले सत्तर सालों में जबलपुर कस्बा पहले बडा शहर और अब महानगर बनने की राह पर है। शहर से निकल रही रोशनियाँ आकाश से आ रही तारों की टिमटिमाहट को फीका कर रही थी। शहर में घुसते ही हर और बडे बडे होर्डिग्स और चमकीले बैनरों की जोरदार चमक थी और पूरे शहर में उजाला ही उजाला था मगर होर्डिग्स पर लगे ये सैंकडों लाइट और एलईडी की मीटर मीटर भर लंबी रंगबिरंगी झालरों की रोशनी मुझे चुभ रही थी। वजह शायद ये रही हो कि मैं इस बडे शहर से डेढ सौ किलोमीटर दूर उस जगह से आ रहा था जहाँ पर मकान में एलईडी के छोटे छोटे तीन बारीक से बल्ब भी दिन भर सोलर पैनल से ऊर्जा इकटठी कर रात में बडे संघर्ष के बाद जल पाते हैं। 
डिंडोरी जिले के माधोपुरा पंचायत के ददरा टोला गांव में अलग अलग बिखरे हुये दस पंद्रह घर हैं। मगर इन घरों को घर कहने में भी हमें हिचक होती है क्योंकि हम शहर के लोग घर यानिकी टू और थ्री बीएचके को ही मानते है। मगर ददरा टोला के अनंदी सिहं पंद्रो के लिये तो ये उनका घर नहीं बंगला था जिसमें आगे छोटा बगीचा है इसी घर से लगा उनका खेत है इसी घर में एक तरफ उनके पालतू जानवरों की जगह है। और घर के आगे आंगन है जहां उनके परिवार के बच्चे और दो तीन पालतू कुत्ते हलचल मचाते रहते हैं। आंगन में ही वो भुटटे सूख रहे हैं जिनके दाने निकाल लिये गये हैं और साथ ही भुटटे के उपर लिपटे पत्तों को जानवरों को खिलाने के लिये सुखाया जा रहा है। पंद्रो का घर की पहचान ये भी है कि घर के पिछवाडे ही सड़क से बिजली का तार खीचकर दो बडे खंबों पर ट्रांसफार्मर और मीटर लगा है। पंद्रो इस बात से खुश है कि उसके घर के पास ही ट्रांसफार्मर लग गया है मगर वो दुखी इस बात पर होता है कि महीनों पहले ये टांसफार्मर लग तो गया है मगर इसमें करंट या बिजली अब तक नहीं आयी है। हमें बिजली विभाग का अफसर जान कर हाथ जोडकर कहता है कि श्रीमान से निवेदन है कि इस ट्रांसफार्मर में करंट छोड दीजिये जिससे हमारे घर बिजली आ जाये हमारी समस्या की अति है साहब झींटी तापकर गुजारा करते हैं, मिटटी के तेल की बाती भी हम रोज नहीं जला पाते क्योंकि वो तेल कभी मिलता है कभी नहीं और उसे लेने दूर तक पैदल ही जाना पडता है। हमारे भी छोटे छोटे बच्चे हैं वो भी रात में पढना चाहते हैं तो साहब हमारी झोपडी में बिजली पहुँचा दो तो हम भी मानें कि हमारा विकास हो गया। अनंदी सिहं के बेटे देवेद्र भी ये बात सुनकर ऐसा सवाल कर बैठा जिसका जबाव हमारे पास नहीं था कि साहब ये ट्रांसफार्मर यहां चार महीने से लगा है फिर दो कदम पर हमारे घर तक बिजली क्यों नही आ रही और कितने महीने साल हमको बिजली की राह देखनी होगी। जब खंबा गडा हमने नारियल फोडा, फिर जब ट्रांसफार्मर टंगा तब हमने नारियल फोडा अब करंट आने का नारियल कब फोडेंगे। कब तक हम नकली बिजली से काम चलायेंगे। हमने कहा कि भाई ये नकली बिजली क्या होती है और इससे कैसे कामचलता है बताओ जरा। इस पर वो अपने घर के अंदर ले गया। कच्चे कबेलू वाले कम उंचाई के दरवाजे वाली इस झोपडी में सर झुकाकर घुसते ही देखा कि एक आले में छोटी सी बैटरी रखी थी जिसमें दो क्लिप के साथ एक छह इंच लंबी छोटी सी झालर टंगी थी जिसमें तीन नन्हे से बल्ब लगे थे। बैटरी में क्लिप लगाते ही इन छोटे से बल्ब चमकने लगे। तो यही है नकली बिजली इससे गुजारा हो जाता है। हां साब झोपडी में थोड़ी मोडी रोशनी हो जाती है इन बल्बों से। हमारे आस पास के घरों में भी बिजली का यही इंतजाम हैं। तो कितने में आया ये सब। जी दो हजार रूप्ये का सोलर पैनल लेकर कबेलू के उपर रख दिया और उसे इस बेटरी से कनेक्ट कर इस नकली बिजली पर ढाई तीन हजार खर्च किये हैं। मेरे लिये ये कल्पना करनी कठिनहो रही थी कि चारों तरफ सुनसान जंगल और  खेत से घिरे इस घर में जब ये छोटे छोटे एलईडी के तीन नन्हे बल्ब जलते होंगे तो इससे कितना उजाला होता होगा और उस उजाले में ये परिवार क्या करता होगा। क्या बच्चे इस नकली उजाले में पढते होंगे या फिर ये उजाला सिर्फ उजाले का अहसास कराने के लिये ही होता होगा। अब सर कुछ नहीं से कुछ होना तो अच्छा ही है। जब बिजली आयेगी तब आयेगी। वैसे पहले खंबे लगे तब लगा कि अब बिजली आने वाली है हमारा अंधेरा दूर हो जायेगा उसके बाद जब ट्रांसफार्मर लगा फिर लगा कि अब तो जल्दी ही अंधेरा दूर होजायेगा मगर अब आप मीडिया वाले आ गये हो तो फिर लगने लगा है कि अब तो बिजली आ ही जायेगी और हमारा घर असल बिजली से चमचमायेगा। वेसे साहब हमको ज्यादा बिजली भी नहीं चाहिये बस दो बल्ब जल जायें एक घर के अंदर और एक बाहर इतने में ही हमारा काम हो जायेगा तो आप जरा पहुंचा दीजिये बिजली हमारे गांव में। हाथ जोडकर बोला देवेंद्र पंद्रो। 
तो ये सारी बातें सुनकर आने के बाद भला किसी को जबलपुर की सडकों पर बिखरी ये बर्बादी की हद तक बेतहाशा फैली बिजली किसको अच्छी लगेगी। अभी बिजली विभाग में काम करने वाले हमारे मित्र ने बताया कि प्रदेश में बीस हजार मेगावाट बिजली की उपलब्धता है और इसमें भी यदि हमारे ददरा टोला के अनंदी सिहं को तीन एलईडी के छोटे बल्ब जलाने पड रहे हैं तो ऐसी बिजली का क्या अचार डालना। 
ब्रजेश राजपूत, एबीपी न्यूज,  भोपाल
Share:

रिटायर्ड पुलिस अफसरों ने दिए सुझाव व्यवस्था को लेकर, पुलिस रीयूनियन में

रिटायर्ड पुलिस अफसरों ने दिए सुझाव व्यवस्था को लेकर, पुलिस रीयूनियन में
सागर।  जवाहरलाल नेहरू पुलिस अकादमी सागर में  तीन दिनी सन् 1906 से 1969 के वरिष्ठ प्रशिक्षु उपनिरीक्षक अधिकारी सेमीनार में आयोजित किया गया है। इसमें अधिकांश अधिकारियों का आगमन हुआ। सभी का वर्षो बाद हुआ यह मधुर मिलन, अकादमी प्रेम जिन लोगों ने देखा वे अपलक देखते ही रह गये। देर रात तक सभी एक दूसरे से पुरानी यादे, अपनी जिन्दगी के गुजरे हुये लम्हे चर्चा कर बांटते रहे। इस मिलन के बाद शायद ही को रात्रि में सोया हो। इस सेमिनार का प्रारंभ सुबह के चाय, नास्ते से हुआ। इसके उपरांत सभी उसी ग्राउंड पर गये जहां वर्षो पहले इन सभी ने अपने आपको देश की सेवा कि लिये समर्पित किया था। उसी जेएनपीए स्थित परेड ग्राउंड पर उनकी यादों को ताजा करने के लिये ग्रुप फोटों का आयोजन किया गया। जिसमें सभी एकत्रित हुये। पुराने दोस्तों से मिलकर उनका वही वर्षों पुराना जोश, वही युवावस्था की मस्ती, वही पुराने नामों से एक दूसरे को पुकारना दिखाई दिया। 
प्रथम बेच के एस एस श्रीवास्तव भी पहुचे
इनमें एक वरिष्ठ अधिकारी श्री एस0एस0 श्रीवास्तव तो ऐसे भी थे। जिन्होंने सन् 1947 में जबाहरलाल नेहरू पुलिस अकादमी से ट्रेनिंग ली थी। उनकी उम्र 95 वर्ष है। ये इनमें सबसे सीनियर थे। आजादी के तुरंत बाद इस प्रथम बैच के ये अधिकारी अपने पुराने मित्रों को देखते ही अपने हांथ में लिये जिस लाठी के सहारे वे चल रहे थे। उसे ऊपर उठाकर दौड़ पड़े। ये अद्भुद मिलन देखकर सब भौचक्के रह गयेे। ग्राउण्ड ठहाकों से गूंज उठा। सभी के ग्रुप फोटो तथा अन्य फोटोज लिये गये। 
 कोर्स का उद्घाटन समारोह अकादमी स्थित आॅडिटोरियम में आयोजित किया गया। जिसमें नवागत उप पुलिस महानिरीक्षक,  राजेश हिंगणकर , जेएनपीए सागर द्वारा बैच के सबसे वरिष्ठ अधिकारी श्री एस0एस0 श्रीवास्तव (95 वर्ष)को आमंत्रित किया गया तथा उनके द्वारा मां सरस्वती का पूजन, दीप प्रज्जवन तथा पुष्पार्पण किया गया। तत्पश्चात सभी वरिष्ठ जनों का स्वागत, अभिनंदन किया गया।
अनुभव साझा और अफसरो का आभार
सभी सेवानिवृत्त वरिष्ठ अधि0 तथा उनकी धर्मपत्नियों से अपनी पुलिस विभाग में रहते हुये तथा सेवानिवृत्ति के पश्चात की जीवन यात्रा, अनुभव तथा पुलिस विभाग के लिये उनके सुझाव चाहे गये। इस दौर मंे सर्व प्रथम तो सभी ने विशेष पुलिस महानिदेशक,  संजय राणा तथा अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक महोदया सुश्री अनुराधा शंकर का बार-बार धन्यवाद प्रकट किया गया कि, उन्होने इतना अच्छा आयोजन किया। ये आयोजन हमेशा आगे भी करते रहने का आग्रह किया। कुछ अधिकारियों द्वारा विशेष पुलिस महानिदेशक , श्री संजय राणा के साथ ग्वालियर में किये गये यादगार कार्यों का स्मरण किया तथा कुछ के द्वारा अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक  सुश्री अनुराधा शंकर की दयालुता व उनके द्वारा किये गये पुलिस विभाग के लिये वेलफेयर कार्यों की सराहना की। 
सेवानिवर्तो के सुझाव को भेजा जाएगा

 सेवानिवृत्त अधिकारियों द्वारा अपने सुक्षाव दिये गये। श्री आर0पी0 तिवारी बैच 1967 द्वारा बताया गया कि, पुलिस के लिये सबसे महत्वपूर्ण है अपनी छबि को बनाये रखना। यदि आपने समाज में अपनी छबि एक अच्छे अधिकारी के रूप में निर्मित कर ली है। तो आपके कार्य में किसी भी प्रकार का अवरोध कतई नहीं आ सकता। श्री बी0पी0 शुक्ला बैच 1965 द्वारा मुखबिर तंत्र की मजबूती में पुलिस विभाग की सफलता पर जोर दिया। इन्होने बताया कि पुलिस सोर्स आफ इनफोर्मेसन बनाये। कुछ अधिकारियों द्वारा प्रमोशन के क्रम पर कहा कि निम्न स्तर से उच्च की तरफ प्रमोशन से पद भरे जाना चाहिए। ताकि विभाग में अधिक अनुभवी अधिकारी हो। श्री परिहार साहब द्वारा बताया गया कि छोटी-छोटी शिकायतों पर भी बारीकी से जांच हो ताकि आगे जाकर वे शिकायते काननू व्यवस्था की स्थिति निर्मित न करें। विभागीय जांच सिखाने के लिये अधिकारियों के रिफ्रेसर कोर्स आयोजित कराये जाये। अधिकारी की धर्म पत्नि श्रीमती कुशुम शुक्ला द्वारा अपने जीवन की कठिनाई का जिक्र करते हुये सुझाव दिया कि, पुलिस विभाग में ट्रासफर करते वक्त उनके बच्चों केे भविष्य का विशेष ध्यान दिया जाना चाहिये। क्यांेकि अचानक तथा बार-बार हुये तबादलो से पुलिस अधि0/कर्म0 के बच्चों का भविष्य डगमगा जाता है। अधिकांश अधि0 के द्वारा सेवानिवृति के बाद पुलिस वेलफेयर सुविधायें प्रदान करने पर जोर दिया। स्वस्थ्य सुरक्षा योजना में शामिल किये जाने की बात कही गई। कार्यक्रम में शामिल हुये सागर तथा पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों द्वारा सुझावों पर निश्चित ही अमल किये जाने का भरोसा दिलाया गया।  उमनि, जेएनपीए द्वारा सेवानिवृत्त पुलिस अधि0 के सम्मान के लिये उनके निवास स्थान के संबंधित थाना प्रभारी उनके जन्म दिवस पर गुलदस्ता भेंट करें तथा समय9:30 पर उनसे मिलते रहें इस हेतु प्रदेश स्तर पर विशेष पुलिस महानिदेशक , प्रशिक्षण पुमु भोपाल को सुझाव के रूप में भेजने का आश्वासन दिया गया। 
कार्यक्रम में पुलिस मुख्यालय भोपाल प्रशिक्षण शाखा से सहा0 पुलिस महानिरीक्षक  मलय जैन कार्यक्रम में  शामिल हुये।सागर से पुलिस महानिरीक्षक  अनिल शर्मा, पुलिस अधीक्षक  अमित सांघी, पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त  रामेश्वर यादव एवं समस्त जेएनपीए स्टाफ शामिल हुआ। इस कार्यक्रम में अकादमी में पदस्त डाॅ0 चंद्रप्रभा जैन का योगदान विशेष सराहनीय रहा।
Share:

अपराधों पर अंकुश लगाने की अपील करता दिखा नाटक 'कुत्ते'

अपराधों पर अंकुश लगाने की अपील करता दिखा नाटक 'कुत्ते'
#रवीन्द्र भवन में आयोजित हुए अन्वेषण थियेटर ग्रुप केशो
सागर । सागर नगर के नाट्य कला प्रेमी दर्शकों को महान नाट्य लेखक विजय तेंदुलकर के नाटक कुत्ते का प्रदर्शन देखने को मिला । स्थानीय रविंद्र भवन में जगदीश शर्मा के निर्देशन में उक्त नाटक प्रस्तुत किया गया । नाटक की कथा को देखें तो किसी कंपनी का एक सेल्समैन एक पिछड़े गांव में नियुक्त होता है। वहां वह अपने सहायक कर्मी घोड़के के माध्यम से एक असामान्य मनोवृत्ति की स्त्री के संपर्क में आता है । पहले वह उससे बहुत प्रभावित होता है और उसके साथ उसकी आध्यात्मिक वृत्ति से जुड़कर बीमार सा हो जाता है । दरअसल वह महिला विधवा है और उसका मानना है कि उसके पति ने पुनर्जन्म लिया है तथा वर्तमान में एक काले कुत्ते के रूप में धरती पर है । अपनी इसी सोच के चलते वह काफी संख्या में काले कुत्ते पालती और उनकी देखरेख करती है।  मंच पर कुत्तों की उपस्थिति ध्वनि के माध्यम से दिखाई गई है। आगे बढ़ते हुए कथाक्रम में जीवन की अनेक विडंबनाओं को दिखाया गया है। अंत में सेल्समैन की मानसिकता में विकृति आती है, घोड़के उसे हवा देता है और सेल्समैन महिला के साथ बलात्कार हेतु चला जाता है । लेकिन वह गलती से महिला की विक्षिप्त बेटी के कमरे में पहुंचता है और उसी को अपनी हवस का शिकार बना डालता है ।
क्या दिशा देता है नाटक -
एकदम सामान्य तरीके से समझें तो नाटक यही संदेश देता है कि जब भी हमारी इंसानियत पर विकृत मानसिकता हावी होती है, तो उसका नतीजा हमेशा बुरा होता है, और लोग बलात्कार जैसे पाप कर डालते हैं। कैसे? शायद इसी का मनोविज्ञान इस नाटक में दिखाया गया है। वर्तमान समय में हो रही नित नई रेप की घटनाओं को देखते हुए निश्चित ही यह नाटक हमें बहुत कुछ संदेश देता है, जिसे आत्मसात कर हम अपने समाज को अपराध मुक्त बनाने की दिशा में बढ़ सकते हैं।
 क्या कहते हैं निर्देशक जगदीश शर्मा -
आपराधिक प्रवृत्ति हमारे समाज में दिनों दिन बढ़ती जा रही है तो इस नाटक के माध्यम से समाज में अपराध रोकने खासतौर से बलात्कार की घटनाओं के विरोध में संदेश प्रस्तुत किया जा सकता है ।अन्वेषण की युवा इकाई द्वारा इस नाटक के प्रस्ताव पर इसीलिए मैंने सहमति दी । उक्त चर्चा करते हुए नाटक के निर्देशक जगदीश शर्मा कहते हैं कि यदि दो लोगों तक भी इस नाटक का सार्थक संदेश पहुंचता है तो अन्वेषण की यह प्रस्तुति सफल होगी।
 नाटक के कलाकारों के कथन
दीपगंगा साहू - नाटक में मुख्य भूमिका निभा रही दीपगंगा का कहना है कि इस नाटक का अनुभव अलग ही रहा है क्योंकि इसकी कथावस्तु रेप जैसे अपराधों पर रोक लगाने का संदेश देती है डीप गंगा का कहना है कि मेरा खुद का अनुभव है कि लोग महिलाओं लड़कियों को गंदी नजर से देखते हैं यह सब बंद होना चाहिए।
करिश्मा गुप्ता - इस नाटक के दो में दो में से एक शो में करिश्मा गुप्ता औरत का किरदार निभा रही हैं। उन्होंने बताया कि मैं यह नाटक पहले भी कर चुकी हूं लेकिन अब और विस्तृत तरीके से स्क्रिप्ट को समझते हुए करने का अवसर मिला है तो बहुत कुछ नया सीखने भी मिल रहा है बहुत अच्छा अनुभव है उनका कहना है कि समाज में हो रहे अपराधों में दोनों हाथ से तालियां बजने वाली बात लागू होती है यह बात भी नाटक में शामिल है इसलिए सभी पक्षों को इस नाटक से सीख लेना चाहिए। संतोष सिंह दांगी- नाटक कुत्ते में संतोष मुख्य भूमिका (सेल्समैन) में है संतोष का कहना है कि एक बार उन्होंने यह कहानी पढ़ी और इसे करने की इच्छा हुई, पहले इसे किया भी लेकिन अब इसे और बारीकियों और उत्कृष्टता के साथ करने का प्रयास है। समाज में लड़कियों के साथ हो रही घटनाओं को देखकर दुख होता है। एक अभिनेता और कला के स्तर पर इस नाटक को करने में आनंद आ रहा है लेकिन समाज की इन घटनाओं से मन का दुख स्थाई है। महिलाओं के साथ होने वाली घटनाएं रुकना ही चाहिए।
अतुल श्रीवास्तव- नाटक में ताड़पत्री वाले साहब की भूमिका में अतुल श्रीवास्तव हैं। उनका कहना है इसे करने में बहुत मजा आया । मेरा दृश्य हास्य भी पैदा करता है और लोगों का मनोरंजन होता है । हालांकि नाटक एकदम समसामयिक है । विकृत मानसिकता और बलात्कार जैसे मामलों पर इसकी कथावस्तु मारक है और लोग इस से सीख ले सकते हैं।
 प्रवीण कैम्या - नाटक में सेल्समैन के सहायक घोड़के की भूमिका में प्रवीण हैं । दो साल तक सीखने के बाद पहली बार मंच पर आ रहे हैं उनका कहना है कि मेरे लिए यह एक अवसर था और लोगों ने मेरे काम को पसन्द भी किया है।
मनोज सोनी - नाटक के एक शो में घोड़के का किरदार निभा रहे मनोज सोनी का कहना है कि मंचीय भाषा और साहित्य के नजरिए से विजय तेंदुलकर की स्क्रिप्ट उत्कृष्ट होने के साथ ही कठिन भी होती हैं  । इनमें काम करने की अपनी अलग गरिमा तो होती ही है उसके साथ एक चुनौती भी होती है मैं इस नाटक का हिस्सा बना यह मेरे लिए बहुत खुशी की बात है ।
बेक स्टेज के कलाकारों की भूमिका
नाटक में बैकस्टेज कार्यों से जुड़े कलाकारों में सतीश साहू राजीव जाट ऋषभ सैनी आकाश विश्वकर्मा छोटू कपिल नाहर राहुल सेन क्षमता जुड़े ले असरार अहमद आदि ने मंच सज्जा कॉस्टयूम लाइट साउंड प्रॉपर्टी जैसे महत्वपूर्ण दायित्वों के निर्वहन निभाए दायित्व को निभाया। जबकि मंच की कलाकार प्रतिदिन लगभग 8:00 10 घंटे अपनी-अपनी भूमिकाओं के अभ्यास हेतु निर्देशक श्री शर्मा के साथ रिहर्सल में मशगूल रहे। इससे पूर्व आयोजन के आरंभ में साहित्यकार डॉ शरद से डॉक्टर वर्षा ...सहित नाट्य निर्देशक जगदीश शर्मा व सभी कलाकारों ने मां सरस्वती का पूजन किया ।तत्पश्चात नाटक की प्रस्तुति आरंभ हुई। 
नाट्य प्रस्तुति के दौरान सभागार में देश देश देश देश सहित नगर के रंग कला प्रेमी दर्शक बड़ी संख्या में उपस्थित रहे । 
Share:

Archive